Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 दो लघुकथाएँ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.
Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 2 दो लघुकथाएँ
Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 2 दो लघुकथाएँ Textbook Questions and Answers
कृति
कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (अ) के लिए
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
उत्तर:
प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
१. युवक को पहले नौकरी न मिल सकी …………………….. .
२. आखिरकार अधिकारियों द्वारा युवक का चयन कर लिया गया …………………….. .
उत्तर:
(i) युवक को पहले नौकरी न मिल सकी, क्योंकि हर जगह भ्रष्टाचार, रिश्वत का बोलबाला था।
(ii) आखिरकार अधिकारियों द्वारा युवक का चयन कर लिया गया, क्योंकि भीतर बैठे अधिकारियों ने गंभीरता से विचार विमर्श करने के बाद युवक के सही उत्तर की दाद दी थी।
प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 5.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
(अभिव्यक्ति)
‘भ्रष्टाचार एक कलंक’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भ्रष्टाचार का अर्थ है दूषित आचार या जो आचार बिगड़ गया हो। आज हमारे जीवन के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है। आए दिन नेताओं के भ्रष्टाचार के समाचार आते रहते हैं। प्रष्टाचार के आरोप में कितने नेता जेल काट रहे हैं। ये जनता के पैसे हड़प कर गए, पर इन्हें शर्म तक नहीं आती। आज हमारे देश में तेजी से भोगवादी संस्कृति फैल रही है। लोगों में रातोरात धनवान बनने की लालसा जोर पकड़ रही है।
चारों ओर घन बटोरने के लिए धोखाधड़ी, छल-कपट, किए जा रहे हैं। अपनी भौतिक समृद्धि बढ़ाने के लिए लोगों ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना लिया है। छोटे से छोटे काम के लिए लोगों को रिश्वत का सहारा लेना पड़ता है। शिक्षा का पवित्र क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है। लोगों में देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की भावना घटती जा रही है। भ्रष्टाचार राष्ट्रीय जीवन के लिए अभिशाप बन गया है। हमें आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार एक कलंक है। इस कलंक को मिटाना जरूरी है। हम सबको इसके लिए निष्ठापूर्वक कार्य करने की जरूरत है।
भाषा बिंदु
प्रश्न 1.
अर्थ के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद लिखिए:
1. क्या पैसा कमाने के लिए गलत रास्ता चुनना उचित है? – [ ]
2. इस वर्ष भीषण गरमी पड़ रही थी। – [ ]
3. आप उन गहनों की चिंता न करें। – [ ]
4. सुनील, जरा ड्राइवर को बुलाओ। – [ ]
5. अपने समय के लेखकों में आप किन्हें पसंद करते हैं? – [ ]
6. सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन किया। – [ ]
7. हाय ! कितनी निर्दयी हूँ मैं। – [ ]
8. काकी उठो, भोजन कर लो। – [ ]
9. वाह ! कैसी सुगंध है। – [ ]
10. तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी। – [ ]
उत्तर:
1. क्या पैसा कमाने के लिए गलत रास्ता चुनना उचित है? – [प्रश्नवाचक वाक्य]
2. इस वर्ष भीषण गरमी पड़ रही थी। – [विधानवाचक वाक्य]
3. आप उन गहनों की चिंता न करें। – [निषेधवाचक वाक्य]
4. सुनील, जरा ड्राइवर को बुलाओ। – [आज्ञावाचक वाक्य]
5. अपने समय के लेखकों में आप किन्हें पसंद करते हैं? – [प्रश्नवाचक वाक्य]
6. सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन किया। – [विधानवाचक वाक्य]
7. हाय! कितनी निर्दयी हूँ मैं – [विस्मयादिबोधक वाक्य]
8. काकी उठो, भोजन कर लो। – [आज्ञावाचक वाक्य]
9. वाह! कैसी सुगंध है। [विस्मयादिबोधक वाक्य]
10. तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी। – [निषेधवाचक वाक्य]
प्रश्न 2.
कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों में अर्थ के आधार पर परिवर्तन कीजिए:
a. थोड़ी बातें हुईं। (निषेधार्थक वाक्य)
b. मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)
c. मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा। (विधानार्थक वाक्य)
d. गाय ने दूध देना बंद कर दिया। (विस्मयार्थक वाक्य)
e. तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। (आज्ञार्थक वाक्य)
उत्तर:
a. थोड़ी भी बातें नहीं हुई।
b. क्या मानू इतना ही बोल सकी?
c. मैं आज रात का खाना खाऊँगा।
d. अरे! गाय ने दूध देना बंद कर दिया।
e. तुम अपना ख्याल रखो।
प्रश्न 3.
प्रथम इकाई के पाठों में से अर्थ के आधार पर विभिन्न प्रकार के पाँच वाक्य ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
(1) करामत अली इधर दो-चार दिनों से अस्वस्थ था। (विधानवाचक वाक्य)
(2) इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती। (निषेधवाचक वाक्य)
(3) तो उसकी सजा इसे लाठियों से दी गई? (प्रश्नवाचक वाक्य)
(4) “जाओ, लक्ष्मी का राशन ले आओ। (आज्ञावाचक वाक्य)
(5) हे ईश्वर, अगर मेरी दूसरी टाँग भी तोड़नी हो तो जरूर तोड़ें, मगर इस जगह जहाँ मेरा कोई न हो। (इच्छावाचक वाक्य)
प्रश्न 4.
रचना के आधार पर वाक्यों के भेद पहचानकर कोष्ठक में लिखिए:
a. अधिकारियों के चेहरे पर हलकी-सी मुस्कान और उत्सुकता छा गई। [………………….]
b. हर ओर से अब वह निराश हो गया था। [………………….]
c. उसे देख-देख बड़ा जी करता कि मौका मिलते ही उसे चलाऊँ। [………………….]
d. वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें दोनों हाथों से झटककर बोली। [………………….]
e. मोटे तौर पर दो वर्ग किए जा सकते हैं। [………………….]
f. अभी समाज में यह चल रहा है क्योंकि लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं [………………….]
उत्तर:
a. सरल वाक्य।
b. सरल वाक्य।
c. मिश्र वाक्य।
d. संयुक्त वाक्य।
e. सरल वाक्या
f. संयुक्त वाक्य।
प्रश्न 5.
रचना के आधार पर विभिन्न प्रकार के तीन-तीन वाक्य पाठों से ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य:
(1) आज उसे साक्षात्कार के लिए जाना है।
(2) अब तक उसके हिस्से में सिर्फ असफलता ही आई थी।
(3) रिश्वत भ्रष्टाचार की बहन है।
(ii) संयुक्त वाक्य:
(1) अधिकारियों के चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान आई और उत्सुकता छा गई।
(2) व्यक्ति समाज को कम-से-कम देने की इच्छा रखता है लेकिन समाज से अधिक-से-अधिक लेने की इच्छा रखता है।
(3) विषमता दूर करने में कानून भी कुछ मदद देता है, परंतु कानून से मानवोचित गुणों का विकास नहीं हो सकता।
(iii) मिश्र वाक्य:
(1) भ्रष्टाचार एक ऐसा कीड़ा है, जो देश को घुन की तरह खा रहा है।
(2) वह जानता था कि यहाँ भी उसका चयन नहीं होगा।
(3) संपत्ति तो वे ही चीजें हो सकती हैं, जो किसी-न-किसी रूप में मनुष्य के उपयोग में आती हैं।
उपयोजित लेखन
‘जल है तो कल हैं’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तर:
हवा के पश्चात प्राणियों को जीवित रहने के लिए जिस चीज की आवश्यकता होती है वह है जल। जल के बिना प्राणी अधिक दिनों तक नहीं जी सकता। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
जल हमें कुओं, तालाबों और नदियों से मिलता है। वर्षा का जंल तालाबों, झीलों आदि में जमा होता है। कुछ पानी भूगर्भ में चला जाता है। शेष पानी नदियों में होता हुआ समुद्र में चला जाता हैं। भूगर्भ का पानी कुओं के माध्यम से पीने के काम में लाया जाता हैं। नदियों और झीलों का पानी शुद्ध किया जाता है। इसके बाद वह पीने लायक होता है। गाँवों में अधिकतर कुओं के पानी से ही काम चलाया जाता है। बड़े-बड़े शहरों में नदियों और झीलों के पानी को शुद्ध करके पीने के काम में लाया जाता है।
हर व्यक्ति को पानी की आवश्यकता होती है। बिना पानी के किसी का काम नहीं चल सकता। निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण आज पानी की समस्या विकट हो गई है। इसका कारण है पानी का अंधाधुंध उपयोग। गाँवों में सिंचाई के लिए अंधाधुंध तरीके से भू-जल का दोहन किया जा रहा है। इस कारण पानी का स्तर निरंतर नीचे-ही-नीचे जा रहा है। कहीं-कहीं तो कुओं में पानी ही नहीं रहा।
पीने का पानी कम होने का कारण वर्षा का निरंतर कम होते जाना है। पेड़ों और जंगलों की अंधाधुंध कटाई इसका प्रमुख कारण है। आए दिन पानी के लिए झगड़े होते रहते हैं। देश के अंदर एक राज्य दूसरे राज्य से पानी के लिए झगड़ता है। एक देश दूसरे देश से जल के लिए लड़ता है। पानी की समस्या सारी दुनिया में है। कुछ लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि भविष्य में पानी के लिए महायुद्ध होगा।
पानी का अशुद्ध होना भी पानी की कमी का एक कारण है। अशुद्ध पानी से तरह-तरह की जानलेवा बीमारियाँ होती हैं। शहरों के किनारे बहने वाली नदियों में शहर की सारी गंदगी डाली जा रही है। कल-कारखानों का विषैला पानी नदियों में प्रवाहित होता है। वही पानी पीने के लिए दिया जाता है। इससे लोगों को तरह-तरह की बीमारियाँ होती है। _सरकार की ओर से हर व्यक्ति तक पर्याप्त शुद्ध पेय जल पहुँचाने का अथक प्रयास किया जा रहा है। फिर भी अभी इस दिशा में और प्रयास करने की जरूरत है। हर व्यक्ति इस उम्मीद में है कि उसे पर्याप्त शुद्ध जल उपलब्ध हो। आखिर जल है, तो कल है।
Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ Additional Important Questions and Answers
गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलितिर पठित गट्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के कवियों कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 3.
निम्नलिखित के लिए परिच्छेद में प्रयुक्त शब्द लिखिए:
(i) आराम –
(ii) गरीब
(iii) शांति –
(iv) बेढंगा
उत्तर:
(i) आराम – राहत
(ii) गरीब – कंगाल
(iii) शांति – सुकून
(iv) बेढंगा – लिजलिजा।
कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)
प्रश्न.
‘छोटे दुकानदारों और बड़े दुकानदारों से चीजें खरीदते समय हमारा व्यवहार’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हम अधिकतर दिखावे में विश्वास करते हैं। जब हम बड़ेबड़े शॉपिंग सेंटरों और मॉल में जाते हैं, तो वस्तुओं की कीमतों को लेकर हम कभी मोल-भाव नहीं करते। वहाँ सैकड़ों लोग सामान खरीदते हैं और कीमतों को लेकर कोई मोल-भाव नहीं करता। वहाँ भाव ज्यादा होते हुए भी उसके बारे में पूछने की हिम्मत नहीं होती। क्योंकि वहाँ इज्जत का सवाल होता है। कभी-कभी तो वहाँ ठगाकर लोग चले आते हैं, पर शर्म के मारे कुछ नहीं बोलते। मगर वही लोग बाजार में छोटे दुकानदारों या खोमचेवालों से दो-चार रुपए के लिए झिक-झिक करते देखे जाते हैं। यहाँ उनको.अपनी इज्जत की परवाह नहीं रहती। क्योंकि यहाँ बड़े ग्राहकों के सामने उनको अपने इस व्यवहार पर झंपने का डर नहीं रहता। यहाँ वे अपने को बड़ा दिखाते हैं। क्योंकि सामने गरीब आदमी होता है।
हमें अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। छोटे व्यापारियों या गरीब खोमचेवालों से खरीदे जाने वाले सामान में मोल-भाव करने में झिक-झिक करना उचित नहीं है।
गद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
*(iii) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) उसके प्रमाणपत्र उसे सफलता दिलाने में ये रहे – [ ]
(ii) वह भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को यह करता था – [ ]
(iii) उसके तर्क में अधिकारियों को यह महसूस होने लगी – [ ]
(iv) उसके अनुसार रिश्वत का भ्रष्टाचार से यह रिश्ता है – [ ]
उत्तर:
(i) उसके प्रमाणपत्र उसे सफलता दिलाने में ये रहे – [नाकामयाब]
(ii) वह भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को यह करता था – [कोसता था]
(iii) उसके तर्क में अधिकारियों को यह महसूस होने लगी – [रुचि]
(iv) उसके अनुसार रिश्वत का भ्रष्टाचार से यह रिश्ता है। – [रिश्वत भ्रष्टाचार की बहन]
उपक्रम/कृति/परियोजना
श्रवणीय
बालक/बालिकाओं से संबंधित कोई ऐतिहासिक कहानी सुनकर उसका रूपांतरण संवाद में करके कक्षा में सुनाइए।
पठनीय
अपनी पसंद की कोई सामाजिक ई-बुक पढ़िए।
संभाषणीय
‘शहर और महानगर का यांत्रिक जीवन’ विषय पर बातचीत कीजिए।
लेखनीय
पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की जीवन शैली की जानकारी प्राप्त करके अपनी जीवन शैली से उसकी तुलना करते हुए लिखिए।
मुद्दे:
(i) घर-द्वार
(ii) रहन-सहन
(iii) खान-पान
(iv) रीति-रिवाज
(v) जीवन यापन के साधन
(vi) यातायात व्यवस्था।
दो लघुकथाएँ Summary in Hindi
विषय-प्रवेश : प्रस्तुत पाठ में दो लघुकथाएँ दी गई हैं। प्रथम लघुकथा में हमारी मानसिक प्रवृत्ति के बारे में बताया गया है। लेखक ने इसके माध्यम से यह दर्शाया है कि जब लोग बड़ी-बड़ी दुकानों, मॉल या बड़े होटलों में जाते हैं, तो वहाँ वे सामानों के निश्चित मूल्यों के बारे में कोई मोल-भाव नहीं करते। मांगे गए पैसे शौक से अदा करके चले आते हैं। पर छोटे दुकानदारों या खोमचे वालों से सामान खरीदते समय लोगों का व्यवहार बिलकुल बदल जाता है। लोग उनसे दो-एक रुपये कम करने के बारे में बहस पर उतर आते हैं। हमें यह मानसिकता बदलनी चाहिए।
दूसरी लघुकथा में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के शिकार एक युवक के बारे में बताया गया है। उसके सामने भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। पर सत्य का पालन करना उसे एक दिन अपने लक्ष्य तक पहुँचा देता है।