Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 12th Digest अपठित बोध Notes, Questions and Answers.
Maharashtra State Board 12th Hindi अपठित बोध
कृतिपत्रिका के प्रश्न 4 (इ) के लिए अपठित परिच्छेद क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित अपठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर :
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए :
(1) मशीन – …………………………………….
(2) कक्षा – …………………………………….
(3) कपड़े – …………………………………….
(4) आवश्यकता – …………………………………….
उत्तर :
(1) मशीन – मशीनें
(2) कक्षा – कक्षाएँ
(3) कपड़े – कपड़ा
(4) आवश्यकता – आवश्यकताएँ।
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘गृहिणी की सुघड़ता’ विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
स्त्री की सुघड़ता उसके सौंदर्य के साथ-साथ उसके अच्छे व्यवहार और उसके अच्छे कामों से आँकी जाती है। सुघड़ गृहिणी अपने सद्व्यवहार और अपने काम से सबका दिल जीत लेती है। घर को सुव्यवस्थित रखना, बच्चों का उचित पालन-पोषण और उनकी शिक्षा-दीक्षा का प्रबंध करना, उनको अच्छे संस्कार देना, बुजुर्गों तथा अतिथियों की देखभाल तथा उनका सम्मान करना, सभी रिश्तेदारों से अच्छे संबंध बनाए रखना तथा सामाजिक व्यवहार निभाना आदि जिम्मेदारियाँ गृहिणी के ही हिस्से में आती हैं।
स्त्रियों के संबंध में सुघड़ता एक आवश्यक गुण है। सुघड़ स्त्री न केवल अपने परिवारजनों की बल्कि अपने समाज, जान-पहचानवालो और रिश्तेदारों की भी प्रशंसा की पात्र बन जाती है। लोगों द्वारा जगहजगह पर उसके उदाहरण दिए जाते हैं। इस प्रकार की सुघड़ता से उसका आत्मविश्वास बढ़ता हैं।
अपठित परिच्छेद क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित अपठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) सूर्य = …………………………………….
(2) गति = …………………………………….
(3) आकाश = …………………………………….
(4) आँख = …………………………………….
उत्तर :
(1) सूर्य = रवि
(2) गति = रफ्तार
(3) आकाश = गगन
(4) आँख = नयन।
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘सौरमंडल’ विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने १ विचार लिखिए।
उत्तर :
सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों, धूमकेतुओं, उल्काओं और अन्य आकाशीय पिंडों के समूह को ‘सौरमंडल’। कहते है। ये सभी एक-दूसरे में गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बँधे हुए हैं। सौरमंडल में 8 ग्रह हैं – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेपच्यून।
ग्रहों के उपग्रह भी होते हैं, जो अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हैं। सूर्य हमारी आकाशगंगा से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष दूरी पर स्थित है। सूर्य आकाशगंगा के चारों ओर 250 किमी प्रति सेकंड की गति से परिक्रमा कर रहा है। सूर्य अपने अक्ष पर पूरब से पश्चिम की ओर घूमता है।
सूर्य हमारी पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है। बुध, शुक्र, शनि, बृहस्पति और मंगल इन पाँचों ग्रहों को बिना दूरबीन के भी देखा जा सकता है। सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा पिंड है।
अपठित परिच्छेद क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित अपठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर :
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
परिच्छेद में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्दों से मूल शब्द और उपसर्ग को अलग-अलग करके लिखिए :
(1) निर्विवाद
(2) अनिश्चित।
उत्तर :
(1) निर्विवाद = निर् + विवाद।
(2) अनिश्चित = अ + निश्चित।
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘जीवन-यापन के लिए समय से उचित व्यवसाय का चुनाव आवश्यक’ विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
दुनिया में दो तरह के मनुष्य होते हैं एक वे जो समाज में पारंपरिक रूप से किसी धंधे वाले परिवार से जुड़े हैं – जैसे किसान, लोहार, सुनार, नाई, धोबी आदि। इनके बच्चों को अकसर पारंपरिक कार्य सीखने का मौका मिल जाता है। इसी तरह छोटे-मोटे दुकानदार, कारखाना मालिक तथा बड़े-बड़े उद्योगपतियों का अपना व्यवसाय होता है।
इनके बच्चों को भी जन्म से ही अपने पारिवारिक व्यवसाय की जानकारी होती है और बड़े होने पर उनमें से अनेक अपने पारिवारिक धंधों से जुड़ जाते हैं। विशेष परेशानी उन लोगों को होती है, जो गरीब तबके से आते हैं और पढ़ने-लिखने के बाद भी उन्हें यह नहीं सूझता कि पढ़ाई के बाद व्यवसाय के अवसर कहाँ हैं, जहाँ वे हाथ-पाँव मारें। फिर भी इनमें से कुछ को किन्हीं कारणों से जीवन-यापन के अवसर उपलब्ध हो जाते हैं।
पर अधिकांश लोगों को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता। मजबूरी में उन्हें अपनी रुचि-अरुचि का ध्यान न रखते हुए कुछ-न-कुछ करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। कुछ लोग हिम्मत हारकर बैठ जाते हैं और माता-पिता के लिए बोझ बन जाते हैं। ऐसे लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि जीवन-यापन के लिए कुछ-न-कुछ तो करना ही होगा, तभी उद्धार होगा। इसलिए उन्हें हारकर बैठने के बजाय, सदा प्रयासरत रहना चाहिए। प्रयास करने से कोई-न-कोई राह अवश्य मिलती है।
अपठित परिच्छेद क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित अपठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :
(1) दुर्लभ x ………………………………
(2) कोमल x ………………………………
(3) सरल x ………………………………
(4) सजीव x ………………………………
उत्तर :
(1) दुर्लभ x सुलभ
(2) कोमल x कठोर
(3) सरल x कठिन
(4) सजीव x निर्जीव
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘पशुओं के प्रति दयाभाव’ विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए :
उत्तर :
मनुष्यों की तरह ही पशु भी सृष्टि के आदि काल से पृथ्वी पर रहते आए हैं। पहले मनुष्य और पशु दोनों जंगलों में रहते थे। जब मनुष्य समूह बनाकर एक स्थान पर स्थायी रूप से रहने लगा और खेती करने लगा, तो उसने अपनी आवश्यकता के अनुसार अनेक पशुओं को पालतू बना लिया और उनसे काम लेने लगा। आज भी यह परंपरा जारी है। पर अनेक लोग पशुओं के साथ क्रूरता का व्यवहार करते हैं। वे जानवरों से आवश्यकता से अधिक काम लेते हैं।
उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। अपने मनोरंजन के लिए निरीह जंगली जानवरों की हत्या करते हैं। लोगों को अपनी इस प्रवृत्ति से बाज आना जाहिए। हमें इन मूक प्राणियों के प्रति दया की भावना रखनी चाहिए और पशुओं के साथ होने वाले अत्याचार को रोकना चाहिए।
अपठित परिच्छेद क्र. 5
प्रश्न. निम्नलिखित अपठित परिच्छेद पढ़कर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
कृति 1 : (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
कृति 2 : (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए :
(1) रसायन – ……………………………….
(2) वस्तु – ……………………………….
(3) धरती – ……………………………….
(4) तेल – ……………………………….
उत्तर :
(1) रसायन – पुल्लिंग
(2) वस्तु – स्त्रीलिंग
(3) धरती – स्त्रीलिंग
(4) तेल – पुल्लिंग।
कृति 3 : (अभिव्यक्ति)
प्रश्न 1.
‘ध्वनि प्रदूषण’ विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
पर्यावरण में अनेक प्रकार के प्रदूषण हैं। ध्वनि प्रदूषण उनमें से एक है। ध्वनि प्रदूषण आधुनिक जीवन और बढ़ते हुए औद्योगीकरण का भयानक परिणाम है। इसके कुछ मुख्य स्रोत सड़क पर यातायात, परिवहन (ट्रक, बस, ऑटो, बाइक आदि) के द्वारा उत्पन्न शोर, भवन, सङक, बाँध, फ्लाई ओवर, हाइ-वे, स्टेशन आदि के निर्माण के समय बुलडोजर, डंपिंग ट्रक, लोडर आदि के कारण उत्पन्न शोर, औद्योगिक शोर, दैनिक जीवन में घरेलू उपकरणों का प्रयोग आदि हैं। ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
उच्च स्तर के ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों के व्यवहार में चिड़चिड़ापन आ जाता है। तेज आवाज बेहरेपन और कान की अन्य जटिल समस्याओं का कारण बनती है। ध्वनि प्रदूषण चिंता, बेचैनी, थकान, सिरदर्द, घबराहट आदि का भी कारण बनता है। दिन-प्रति-दिन बढ़ता ध्वनि प्रदूषण मनुष्यों की काम करने की क्षमता, गुणवत्ता तथा एकाग्रता को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।