Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण विरामचिन्हे Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

विरामचिन्हे प्रास्ताविकः

आपल्या बोलण्याचा आशय ऐकणाऱ्याला चांगल्या रीतीने समजावा म्हणून आवाजाच्या चढ-उताराबरोबरच एखाद दुसऱ्या ठिकाणी आपण काही क्षण थांबतो या थांबण्यालाच ‘विराम’ असे म्हणतात.

बोलण्यातील विराम लेखनात निरनिराळ्या चिन्हांनी दर्शविला जातो. अशा लेखनातील विविध चिन्हांना ‘विरामचिन्हे’ असे म्हणतात.

विरामचिन्हांमुळे वाक्य कोठे संपले, कोठे सुरू झाले की अपूर्ण आहे अशा विविध गोष्टी आपणास समजतात. म्हणूनच विरामचिन्हांना लेखनात अत्यंत महत्त्व आहे.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

विरामचिन्हे दोन प्रकारची आहेत.

  • विराम दर्शवणारी
  • अर्थबोध करणारी

विराम दर्शवणारी :

  • पूर्णविराम ( . ),
  • अर्धविराम ( ; ),
  • स्वल्पविराम ( , ),
  • अपूर्णविराम ( : ).

अर्थबोध करणारी :

  • प्रश्नचिन्ह ( ? ),
  • उद्गारचिन्ह ( ! ),
  • अवतरण चिन्ह (” ” दुहेरी व ” एकेरी),
  • संयोगचिन्ह ( – ),
  • अपसारण चिन्ह ( – )
  • याशिवाय लोप चिन्ह ( ……… ),
  • अधोरेखा चिन्ह ( ),
  • विकल्प चिन्ह ( / ),
  • काकपद/हंसपद ( , ),
  • कंस () साधा कंस,
  • { } महिरप कंस,
  • [ ] चौकोनी कंस),
  • वरीलप्रमाणे मजकूर / यथोपरिचिन्ह (” “, -।।-)
  • अवग्रह (ऽ) उच्चार लांब करण्यासाठी,
  • फुल्या (xxx) (अवशिष्ट व अयोग्य मजकुरासाठी),
  • दंड ( । एकेरी, ।। दुहेरी) ही लेखनात वापरली जातात.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

11th Marathi Book Answers व्याकरण विरामचिन्हे Additional Important Questions and Answers

1. खालील वाक्यांत योग्य त्या ठिकाणी विरामचिन्हे देऊन वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
सर पोराचं लग्न हाय यायला पाहिजे.
उत्तर :
“सर, पोराचं लग्न हाय. यायला पाहिजे.”

प्रश्न 2.
ते म्हणाले गेले दोन दिवस मेघदूत वाचत होतो.
उत्तर :
ते म्हणाले, “गेले दोन दिवस, ‘मेघदूत’ वाचत होतो.”

प्रश्न 3.
मी सोपानदेवांना म्हणालो अहो हे बावनकशी सोने आहे
उत्तर :
मी सोपानदेवांना म्हणालो, “अहो, हे बावनकशी सोने आहे!”

प्रश्न 4.
वडील सहा आठ महिने दौऱ्यावर
उत्तर :
वडील सहा-आठ महिने दौऱ्यावर.

प्रश्न 5.
ड्रायव्हरनं गाडी सुरू केली आणि विचारलं कुठे जायचं
उत्तर :
ड्रायव्हरनं गाडी सुरू केली आणि विचारलं, “कुठे जायचं?”

2. पुढील वाक्यांत योग्य विरामचिन्हांचा पर्याय निवडून वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
रसिकहो वहिानींचा सल्ला या कार्यक्रमाचा आजचा शेवटचा प्रयोग.

पर्याय :
(अ) उद्गारवाचक चिन्ह, एकेरी अवतरण
(आ) प्रश्नचिन्ह, उद्गारवाचक चिन्ह
(इ) दुहेरी अवतरण चिन्ह, स्वल्पविराम
उत्तर :
(अ) उद्गारवाचक चिन्ह, एकेरी अवतरण (रसिकहो! ‘वहिनींचा सल्ला’ या कार्यक्रमाचा आजचा शेवटचा प्रयोग)

प्रश्न 2.
पायच होऊ देत आता घट्ट मजबूत पोलादी पर्याय :

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(अ) प्रश्नचिन्ह, लोपचिन्ह
(आ) स्वल्पविराम, अर्धविराम
(इ) लोपचिन्ह, स्वल्पविराम
उत्तर :
पर्याय : (इ) लोपचिन्ह, स्वल्पविराम (पायच होऊ देत आता… घट्ट, मजबूत, पोलादी)

प्रश्न 3.
जी ए कुलकर्त्यांचा एखादा कथासंग्रह तुम्ही वाचला आहे काय पर्याय :
(अ) स्वल्पविराम, अर्धविराम
(आ) पूर्णविराम, प्रश्नचिन्ह
(इ) अपूर्णविराम, अवग्रहचिन्ह
उत्तर :
(आ) पूर्णविराम, प्रश्नचिन्ह (जी. ए. कुलकर्त्यांचा एखादा कथासंग्रह तुम्ही वाचला आहे काय?)

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका

मुद्रण सही ढंग से न हो तो अशुद्धियाँ रह जाती हैं। इससे मुद्रित सामग्री की रोचकता तथा सहजता कम हो जाती है। कभी–कभी किसी शब्द के अशुद्ध रहने से अर्थ बदल जाता है या किसी शब्द के रह जाने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है। इस दृष्टि से मुद्रण प्रक्रिया में मुद्रित शोधन का अत्यधिक महत्त्व है।

जिस प्रकार मन की सुंदरता न हो तो तन की सुंदरता अर्थहीन हो जाती है। उसी प्रकार पुस्तक बाहर से भले ही कितनी ही आकर्षक हो; भाषा की अशुद्धता के कारण वह प्रभावहीन हो जाती है।

मुद्रित शोधन के लिए आवश्यक योग्यताएँ :

मुद्रित शोधन का कार्य अत्यंत दायित्वपूर्ण ढंग से निभाया जाने वाला कार्य है। अत: इस कार्य के लिए मुद्रित शोधक में कतिपय योग्यताओं का होना आवश्यक है। जैसे –

  • मुद्रित शोधक को संबंधित भाषा एवं व्याकरण की समग्र और भली–भाँति जानकारी होनी चाहिए।
  • उसे प्रिंटिंग मशीन पर होने वाले कार्य का परिचय होना चाहिए।
  • उसे टाइप के प्रकारों, संकेत चिह्नों और अक्षर विन्यास की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
  • मुद्रित शोधक को पांडुलिपि में स्वयं कोई परिवर्तन नहीं करना चाहिए। यदि कहीं उसे अशुद्धियाँ लगें या वाक्य सही/शुद्ध न लगे तो इसकी ओर लेखक का ध्यान आकृष्ट करना चाहिए।

मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका : –
Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका 1

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष हिंदी साहित्यकारों के मूल नाम और उनके विशेष नाम

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष हिंदी साहित्यकारों के मूल नाम और उनके विशेष नाम Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष हिंदी साहित्यकारों के मूल नाम और उनके विशेष नाम

  • अब्दुल हसन – अमीर खुसरो
  • मलिक मुहम्मद – जायसी
  • अब्दुर्रहीम खानखाना – रहीम
  • सय्यद इब्राहिम – रसखान
  • चंद्रधर शर्मा – ‘गुलेरी’
  • पांडेय बेचन शर्मा – ‘उग्र’
  • राजेंद्रबाला घोष – बंग महिला
  • बदरीनारायण चौधरी – प्रेमधन
  • गयाप्रसाद शुक्ल – ‘स्नेही’
  • अयोध्यासिंह उपाध्याय – ‘हरिऔध’
  • मोहनलाल महतो – वियोगी
  • धनपतराय – ‘प्रेमचंद’
  • रामधारी सिंह – ‘दिनकर’
  • शिवमंगल सिंह – ‘सुमन’
  • रामेश्वर शुक्ल – ‘अंचल’
  • बालकृष्ण शर्मा – ‘नवीन’
  • कन्हैयालाल मिश्र – ‘प्रभाकर’
  • फणीश्वरनाथ – ‘रेणु’
  • वैद्यनाथ मिश्र – नागार्जुन
  • सूर्यकांत त्रिपाठी – ‘निराला’
  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन – अज्ञेय
  • वासुदेव सिंह – त्रिलोचन
  • गोपाल दास सक्सेना – ‘नीरज’
  • महेंद्रकुमारी – मन्नू भंडारी
  • श्रीराम वर्मा – अमरकांत
  • उपेंद्रनाथ – ‘अश्क’
  • सुदामा पांडेय – धूमिल

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार

ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार

साहित्यकारसाहित्यिक कृतिवर्ष
सुमित्रानंदन पंतचिदंबरा१९६८
रामधारी सिंह ‘दिनकर’उर्वशी१९७२
‘अज्ञेय’कितनी नावों में कितनी बार१९७८
महादेवी वर्मायामा१९८२
नरेश मेहतासमग्र साहित्य१९९२
निर्मल वर्मासमग्र साहित्य१९९९
कुँवर नारायणसमग्र साहित्य२००५
अमरकांतसमग्र साहित्य२००९
श्रीलाल शुक्लराग दरबारी२००९
केदारनाथ सिंहअकाल में सारस२०१३
कृष्णा सोबतीजिंदगीनामा२०१७

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

रेडियो जॉकी

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता 1

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

रेडियो संहिता

रेडियो श्राव्य माध्यम है। इसलिए श्राव्य माध्यम के अनुकूल संहिता होती है। इसमें शब्दों के साथ ध्वनि संकेत, ठहराव, मौन, अंतराल आदि के संकेत भी होने चाहिए। गीत– संगीत के बीच में चलनेवाली आर.जे. की बातचीत कम शब्दों में रोचक, चटपटी और मिठास भरी होनी चाहिए।

भाषा प्रवाहमयी हो। शब्द सरल हों। संहिता लयात्मकता के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहायक होनी चाहिए। रेडियो संहिता के तीन हिस्से होते हैं। आरंभ, मध्य और अंत। आरंभ जितना आकर्षक, उतना ही अंत भी आकर्षक होना चाहिए। मध्य में विषयवस्तु कार्यक्रम की लंबाई पर निर्भर है।

हिंदी में रेडियो चैनल के लिए जो संहिता होती है, वह बहुत ही सधी हुई होती है। रेडियो की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है – कार्यक्रमों की प्रस्तुति, संयोजन और भाषा का नयापन। संहिता की भाषा गतिशील और अनौपचारिक होनी चाहिए।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

कुछ चैनलों पर जिस हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है वह ‘प्रोमो’ हिंदी है। ‘प्रोमो’। अर्थात ‘पोस्ट मॉडर्न’ – उत्तर आधुनिक हिंदी। इस हिंदी भाषा में चुलबुलापन, मसखरापन, मस्ती और लय होती है। इसकी अपनी एक अलग पहचान है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

भावार्थ : पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक २० : पाठ – भक्ति महिमा – संत दादू दयाल

जो माया–मोह का रस पीते रहे, उनका मक्खन–सा हृदय सूखकर पत्थर हो गया किंतु जिन्होंने भक्ति रस का पान किया, उनका पत्थर हृदय गलकर मक्खन हो गया। उनका हृदय प्रेम से भर गया।

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

अहंकारी व्यक्ति से प्रभु दूर रहता है। जो व्यक्ति प्रभुमय हो जाता है, फिर उसमें अहंकार नहीं होता। मनुष्य का हृदय एक ऐसा सँकरा महल है, जिसमें प्रभु और अहंकार दोनों साथ–साथ नहीं रह सकते। अहंकार का त्याग करना अनिवार्य है।

दादू मगन होकर प्रभु का कीर्तन कर रहे हैं। उनकी वाणी ऐसे मुखरित हो रही है जैसे ताल बज रहा हो। यह मन प्रेमोन्माद में नाच रहा है। दादू के सम्मुख दीन–दुखियों पर विशेष कृपा करने वाला प्रभु खड़ा है।

जिन लोगों ने भक्ति के सहारे भवसागर पार कर लिया, उन सभी की एक ही बात है कि भक्ति का संबल लेकर ही सागर को पार किया जा सकता है। सभी संतजन भी यही बात कहते हैं। अन्य मार्गदर्शक, जीवन के उद्धार के लिए जो दूसरे अनेक मार्ग बताते हैं, वे भ्रम में डालने वाले हैं। प्रभु स्मरण के सिवा अन्य सभी मार्ग दुर्गम हैं।

प्रेम की पाती (पत्री) कोई विरला ही पढ़ पाता है। वही पढ़ पाता है, जिसका हृदय प्रेम से भरा हुआ है। यदि हृदय में जीवन और जगत के लिए प्रेम भाव नहीं है तो वेद–पुराण की पुस्तकें पढ़ने से क्या लाभ ?

कितने ही लोगों ने वेद–पुराणों का गहन अध्ययन किया और उसकी व्याख्या करने में लिख–लिखकर कागज काले कर दिए लेकिन उन्हें जीवन का सच्चा मार्ग नहीं मिला। वे भटकते ही रहे, जिसने प्रिय प्रभु का एक अक्षर पढ़ लिया, वह सुजान–पंडित हो गया।

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

मेरा अहंकार – “मैं’ ही मेरा शत्रु निकला, जिसने मुझे मार डाला, जिसने मुझे पराजित कर दिया। मेरा अहंकार ही मुझे मारने वाला निकला, दूसरा कोई और नहीं।

अब मैं स्वयं इस ‘मैं’ (अहंकार) को मारने जा रहा हूँ। इसके मरते ही मैं मरजीवा हो जाऊँगा। मरा हुआ था फिर से जी उठूगा। एक विजेता बन जाऊँगा।

हे सृष्टिकर्ता ! जिनकी रक्षा तू करता है, वे संसार सागर से पार हो जाते हैं।

और जिनका तू हाथ छोड़ देता है, वे भवसागर में डूब जाते हैं। तेरी कृपा सज्जनों पर ही होती है।

रे नासमझ ! तू क्यों किसी को दुख देता है। प्रभु तो सभी के भीतर हैं। क्यों तू अपने स्वामी का अपमान करता है? सब की आत्मा एक है। आत्मा ही परमात्मा है। परमात्मा के अलावा वहाँ दूसरा कोई नहीं।

इस संसार में केवल ऐसे दो रत्न हैं, जो अनमोल हैं। एक है सबका स्वामी–प्रभु। दूसरा स्वामी का संकीर्तन करने वाला संतजन, जो जीवन और जगत को सुंदर बनाता है।

इन दो रत्नों का न कोई मोल है, न कोई तोल ! न इनका मूल्यांकन हो सकता है, न इन्हें खरीदा जा सकता है, न तौला जा सकता है।

भावार्थ : पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक २४ : पाठ – बाल लीला – संत सूरदास

1. यशोदा अपने पुत्र को चुप करने के लिए बार–बार समझाती है। वह कहती है – “चंदा आओ ! तुम्हें मेरा लाल बुला रहा है। यह मधु मेवा, पकवान, मिठाई स्वयं खाएगा और तुम्हें भी खिलाएगा। (मेरा लाल) तुम्हें हाथ में रखकर खेलेगा; तुम्हें जरा भी भूमि पर नहीं बिठाएगा।”

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

यशोदा हाथ में पानी का बर्तन उठाकर कहती है – “चंद्रमा ! तुम शरीर धारण कर आ जाओ।’ फिर उन्होंने जल का पात्र भूमि पर रख दिया और उसे दिखाने लगी – ‘बेटा देखो ! मैं वह चंद्रमा पकड़ लाई हूँ।’ अब सूरदास के प्रभु श्रीकृष्ण हँस पड़े और मुस्कुराते हुए उस पात्र में बार–बार दोनों हाथ डालने लगे।

2. हे श्याम ! उठो, कलेवा (नाश्ता) कर लो। मैं मनमोहन के मुख को देख–देखकर जीती हूँ। हे लाल ! मैं तुम्हारे लिए छुहारा, दाख, खोपरा, खीरा, केला, आम, ईख का रस, शीरा, मधुर श्रीफल और चिरौंजी लाई हूँ। अमरूद, चिउरा, लाल खुबानी, घेवर–फेनी और सादी पूड़ी खोवा के साथ खाओ।

मैं बलिहारी जाऊँ। गुझिया, लड्डू बनाकर और दही लाई हूँ। तुम्हें पूड़ी और अचार बहुत प्रिय हैं। इसके बाद पान बनाकर खिलाऊँगी। सूरदास कहते हैं कि मुझे पानखिलाई मिले।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष मुहावरे Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष मुहावरे

मुहावरा वह वाक्यांश जो सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होता है; मुहावरे में उसके लाक्षणिक और व्यंजनात्मक अर्थ को ही स्वीकार किया जाता है। वाक्य में प्रयुक्त किए जाने पर ही मुहावरा सार्थक प्रतीत होता है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे

  • अंकुर जमाना – प्रारंभ करना।
  • अपने पैरों पर खड़ा होना – आत्मनिर्भर होना।
  • आँच न आने देना – संकट न आने देना।
  • आँखों में सैलाब उमड़ना – फूट–फूटकर रोना।
  • आँखें फटी रहना – आश्चर्यचकित रह जाना।
  • आईने में मुँह देखना – अपनी योग्यता जाँचना।
  • आसमान के तारे तोड़ना – असंभव कार्य करना।
  • ईंट का जवाब पत्थर से देना – कड़ा जवाब देना
  • उधेड़ बुन में लगना – सोच–विचार करना।
  • एक आँख से देखना – समान रूप से देखना।
  • एक और एक ग्यारह होना – एकता में बल होना।
  • कदम बढ़ाना – प्रगति करना।
  • कमर कसना – प्रगति करना।
  • कमर सीधी करना – आराम करना, सुस्ताना।
  • कलई खुलना – भेद प्रकट होना।
  • कान देना – ध्यान से सुनना।
  • किस्मत खुलना – भाग्य चमकना।
  • गले का हार होना – अत्यंत प्रिय होना।
  • गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कहना।
  • घी के दीये जलाना – खुशी मनाना।
  • चिकना घड़ा होना – निर्लज्ज होना।
  • चुटकी लेना – व्यंग्य करना।
  • जबान देना – वचन देना। Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे
  • झंडे गाड़ना – पूर्ण रूप से प्रभाव जमाना।
  • डंका पीटना – प्रचार करना।
  • तितर–बितर होना – बिखर जाना।
  • हजारों दीप जल उठना – आनंदित हो उठना।
  • रुपये दाँत से पकड़ना – कंजूसी करना।
  • दूध का दूध, पानी का पानी करना – इनसाफ करना, न्याय करना।
  • नाम कमाना – यश प्राप्त करना।
  • पाँचों उंगलियाँ घी में होना – हर तरफ से लाभ होना।
  • फूला न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
  • बीड़ा उठाना – किसी काम को करने की ठान लेना।
  • बाँछे खिलना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
  • मरजीवा होना – कठोर साधना से लक्ष्य तक पहुँचने वाला होना।
  • मल्हार गाना – आनंद मनाना।
  • राई का पहाड़ बनाना – बात को बढ़ा–चढ़ाकर कहना।
  • लोहा मानना – श्रेष्ठता स्वीकार करना।
  • सफेद झूठ बोलना – पूरी तरह से झूठ बोलना।
  • सिर खपाना – ऐसे काम में समय लगाना जिसमें कोई लाभ नहीं।
  • सिर पर सेहरा बाँधना – अधिक यश प्राप्त करना।
  • सोना उगलना – बहुत अधिक लाभ होना।
  • सौ बात की एक बात – असली बात, निचोड़।
  • हाथ–पैर मारना – बहुत प्रयत्न करना।
  • हौसला बुलंद होना – उत्साह बना रहना।
  • श्रीगणेश करना – कार्य आरंभ करना।
  • दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्यचकित होना।
  • अंधे की लाठी होना – निराधार का सहारा बनना।
  • आग से खेलना – मुसीबत मोल लेना।
  • मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना।
  • इतिश्री होना – समाप्त होना। Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे
  • उड़ती चिड़िया पहचानना – तीक्ष्ण बुद्धि वाला होना।
  • हथेली पर सरसों जमाना – कठिन कार्य करना।
  • कंचन बरसना – धन–दौलत से परिपूर्ण होना।
  • कानों कान खबर न होना – बिल्कुल पता न चलना।
  • गाल बजाना – अपनी प्रशंसा आप करना।
  • घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना।
  • चिकनी–चुपड़ी बातें करना – चापलूसी करना, मीठी-मीठी बातें बोलना।
  • छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या होना।
  • तूती बोलना – प्रभाव होना।
  • दो टूक जवाब देना – स्पष्ट बोलना।
  • नुक्ताचीनी करना – आलोचना करना।

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दांच्या जाती

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण शब्दांच्या जाती Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दांच्या जाती

शब्दांच्या जाती

  • शब्द व शब्दांच्या जाती:
  • ठराविक क्रमाने आलेल्या अक्षरांच्या समूहास काही अर्थ प्राप्त झाला तर त्यास शब्द असे म्हणतात.
  • शब्दांचे विकारी (सव्यय – व्यय – बदल) व अविकारी (अव्यय – बदल न होणारे) असे दोन प्रकार आहेत.
  • नाम, सर्वनाम, विशेषण व क्रियापदाच्या मूळ रूपात लिंग, वचन, विभक्ती व काळानुसार बदल होतात म्हणून त्यांना विकारी शब्द असे म्हणतात.
  • लिंग तीन प्रकारची आहेत – पुल्लिंग, स्त्रीलिंग व नपुसकलिंग.
  • वचनाचे दोन प्रकार आहेत – एकवचन, अनेकवचन.
  • नाम / सर्वनामांचा वाक्यातील क्रियापदाशी / इतर शब्दांशी असणारा संबंध ज्या विकारांनी दर्शविला जातो त्यास विभक्ती असे म्हणतात.
  • विभक्ती प्रत्यय लावण्यापूर्वी नामाच्या / सर्वनामांच्या रूपात जो बदल होतो त्यास सामान्यरूप असे म्हणतात.
  • क्रियाविशेषण, शब्दयोगी, उभयान्वयी व केवलप्रयोगी अव्ययांच्या रूपात कोणताच बदल होत नाही. म्हणून त्यांना अविकारी शब्द असे म्हणतात.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दांच्या जाती

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11th Marathi Book Answers व्याकरण शब्दांच्या जाती Additional Important Questions and Answers

1. अधोरेखित केलेल्या शब्दांच्या जाती ओळखा.

प्रश्न 1.
उषावहिनींनी एकशेबावन्नाव्यांदा आरशात पाहिलं.
उत्तरः
उषावहिनी – विशेषनाम

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दांच्या जाती

प्रश्न 2.
तो कधी खाली पडत नाही.
उत्तरः
तो – सर्वनाम

प्रश्न 3.
काही पुस्तकं आपल्याला झपाटून टाकतात.
उत्तरः
पुस्तकं – सामान्यनाम

प्रश्न 4.
त्यात सहानुभूतीचा आणि कारुण्याचा ओलावा ओथंबलेला आहे.
उत्तरः
आणि – उभयान्वयी अव्यय

प्रश्न 5.
माझा एक कलावंत मित्र एका अपघातात मरण पावला होता.
उत्तरः
माझा – सार्वनामिक विशेषण

प्रश्न 6.
पुष्कळशी त्यांच्याबरोबर गेली.
उत्तरः
पुष्कळशी – क्रियाविशेषण अव्यय

प्रश्न 7.
अगदी पहिली आठवण अशी, की आपणास दुपट्यात घट्ट गंडाळून ठेवले आहे.
उत्तरः
की – उभयान्वयी अव्यय

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प्रश्न 8.
तिथे संवाद नसतो.
उत्तरः
तिथे – क्रियाविशेषण अव्यय

प्रश्न 9.
उषावहिनींनी घड्याळाकडे पाहिलं.
उत्तरः
कडे – शब्दयोगी अव्यय

प्रश्न 10.
मोहरीएवढ्या बिजापासून प्रचंड अश्वत्थ वृक्ष उभा रहावा तशी ही कादंबरी वाढत गेली.
उत्तरः
पासून – शब्दयोगी अव्यय

प्रश्न 11.
अलंकारामुळे कवितेला सौंदर्य प्राप्त होते.
उत्तरः
सौंदर्य – भाववाचक नाम

प्रश्न 12.
हे हायस्कूल शंभर वर्षांवर जुनं आहे.
उत्तरः
शंभर – संख्यावाचक विशेषण

प्रश्न 13.
कुत्रा आपले शेपूट इमानीपणाच्या भावनेने हलवतो.
उत्तरः
इमानीपणाच्या – गुणवाचक विशेषण

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दांच्या जाती

प्रश्न 14.
त्याच्या वाचनाचा वेग उत्तम होता.
उत्तरः
उत्तम – विशेषण

प्रश्न 15.
समाधानी चर्येनं मामू स्टुलावरून खाली उतरतो.
उत्तरः
समाधानी – भाववाचक नाम

प्रश्न 16.
मामूनं केलेल्या कष्टमय चाकरीचं फळ म्हणून असेल, पण त्याची सगळीच मुलं गुणवान निघालीत.
उत्तरः
पण – उभयान्वयी अव्यय

प्रश्न 17.
ड्रायव्हर वर आला.
उत्तरः
वर – क्रियाविशेषण अव्यय

प्रश्न 18.
शीऽ, ही कसली साडी?
उत्तरः
शी – केवलप्रयोगी अव्यय

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दांच्या जाती

2. सूचनेनुसार सोडवा.

प्रश्न 1.
निशाने सर्व सूत्रे आपल्या हातात घेतली. (क्रियापदाचा प्रकार ओळखा) – ………………………………
उत्तरः
सकर्मक क्रियापद

प्रश्न 2.
भूमीवरही फार मोठा भार पडू लागला. (क्रियापदाचा प्रकार ओळखा) – ………………………………
उत्तरः
संयुक्त क्रियापद

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी

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Maharashtra State Board 11th Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी

11th Marathi Guide व्याकरण शब्दसिद्धी Textbook Questions and Answers

शब्दसिद्धी

भाषा व्यवहारामध्ये म्हणजेच लिहिताना वा बोलताना आपण नानाविध शब्दांचा वापर करतो. आपल्या भाषिक व्यवहारातील सर्वच शब्द आपल्या मूळ मराठी भाषेतील असतीलच असे नाही. बऱ्याचदा मूळ भाषेतील शब्दांपासून आपण नवनवीन शब्द बनतो. केव्हा केव्हा इतर भाषेतील शब्दांचाही स्वाभाविकपणे आपण वापर करतो. बऱ्याचदा तो शब्द दुसऱ्या भाषेतील आहे हेही आपल्या लक्षात येत नाही.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी

इतर भाषेतीलही काही शब्द मराठीत असे रुळले आहेत की त्यांचे वेगळेपणही बऱ्याचदा लक्षात न घेता तो आपल्याच भाषेतील शब्द आहे या पद्धतीने आपण त्याचा वापर करत असतो. यासाठीच आपल्या भाषेतील मूळ शब्द कोणते? आपल्या भाषेत रुळलेले कोणते शब्द आपण इतर भाषांमधून जसेच्या तसे घेतले आहेत वा कोणत्या शब्द रूपात कसा बदल केला आहे हे समजून घेणे भाषेच्या अभ्यासात अत्यंत महत्त्वाचे आहे.

भाषेतील शब्द कसा बनतो वा सिद्ध होतो या प्रक्रियेलाच शब्दसिद्धी असे म्हणतात.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी 1

काही उपसर्गघटित शब्द :

उपसर्ग व त्याचा अर्थ उपसर्गघटित साधित शब्दांची उदाहरणे
अति (= फार / पलीकडे) अतिशय, अतिरेक, अतिक्रम, अतिलोभी, अतिसार इ.
आ (= पासून / पर्यंत / पलीकडे) आजन्म, आमरण, आक्रमण, आक्रोश इ. Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी
सु (= चांगले / सोपे) सुग्रास, सुभाषित, सुकर, सुगम, सुशिक्षित इ.
अव (= हीन / कमी) अवघड, अवजड, अवकळा, अवदसा, अवलक्षण इ.
दर (= प्रत्येक) दररोज, दरसाल, दरमहा, दरमजल, दरशेकडा इ.
आड (= लहान / गौण) आडनाव, आडवाट, आडकाठी, आडवळण, आडदांड इ.
दुर्, दुस् (= वाईट / दुष्ट) दुर्गुण, दुर्दशा, दुर्जन, दुर्लभ, दुराचरण, दुर्लक्ष इ.
प्रति (= उलट / फिरून) प्रतिकार, प्रतिबिंब, प्रतिदिन, प्रतिकूल, प्रत्येक इ.
वि (= विशेष / शिवाय) विख्यात, विज्ञान, विधवा, विसंगती, विपत्ती इ.
भर (= मुख्य / पूर्ण) भरधाव, भरजरी, भरदिवसा, भरचौकात, भरलोकात, भरपेट इ.
अनु (= मागून / सारखे) अनुकरण, अनुक्रम, अनुभव, अनुवाद, अनुमती इ.
उत् (= श्रेष्ठ / उंच) उत्कर्ष, उन्नती, उत्तीर्ण, उत्तम, उत्प्रेक्षा इ.
अभि (= पूर्वी/ जवळ) अभिनय, अभिनंदन, अभिरुची, अभिप्राय, अभिमुख इ.
गैर (= वाचून / विना) गैरहजर, गैरशिस्त, गैरसमज, गैरसोय, गैरहिशोबी इ.
सर (= मुख्य) सरकार, सरपंच, सरहद्द, सरदार, सरनौबत इ.
बे (= वाचून / शिवाय / रहित) बेडर, बेअब्रू, बेदम, बेईमान, बेइज्जत, बेशरम, इ.
ना (= अभाव) नाउमेद, नाराज, नापसंत, नालायक, नाकबूल इ.
प्र (= अधिक / पुढे) प्रताप, प्रबल, प्रगती, प्रवाह, प्रदोष, प्रस्थान, प्रसिद्ध इ.
बद (= वाईट) बदनाम, बदसूर, बदफैली, बदलौकिक इ.
हर (= प्रत्येक) हररोज, हरघडी, हरदम, हरकाम, Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी

काही प्रत्ययघटित शब्द

1. कृदन्ते / धातुसाधिते : धातूस कृतप्रलय लागून तयार होणारे नवीन शब्द.

प्रत्यय धातुसाधित शब्द (उदाहरणे)
अक लेखक, पाचक, रक्षक, भक्षक, गायक, वाहक इ.
अनीय श्रवणीय, मननीय, रमणीय, वंदनीय, पूजनीय इ.
आई खोदाई, चराई, उजळाई, शिलाई, अंगाई इ.
रा लाजरा, बुजरा, हसरा, कापरा, दुखरा इ.
ऊन करून, देऊन, बसून, हसून इ.
अना प्रार्थना, वेदना, कल्पना, तुलना, वंदना इ.
 धरण, जळण, तळण, चढण, भांडण, लोळण इ.
तव्य कर्तव्य, तालव्य, भवितव्य इ. Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी
आळू झोपाळू, लाजाळू, कनवाळू, विसराळू इ.
णावळ खाणावळ, जेवणावळ, धुणावळ, लिहिणावळ इ.

2. तद्धिते / शब्दसाधितेः धातूखेरीज अन्यशब्दांना प्रत्यय लागून तयार होणारे नवीन शब्द

प्रत्यय शब्द साधिते (उदाहरणे)
इक कायिक, वाचिक, मानसिक, धार्मिक, लौकिक इ.
कर सुखकर, खेळकर, खोडकर, दिनकर, प्रभाकर इ.
की माणुसकी, भावकी, गावकी, शेतकी, उनाडकी इ.
खोर भांडखोर, चिडखोर, चहाडखोर, चेष्टेखोर, मस्तीखोर इ.
दार दुकानदार, फौजदार, जमिनदार, इमानदार, धारदार, डौलदार इ.
कट तेलकट, मातकट, धुरकट, मळकट, पोरकट इ.
गर, गार सौदागर, जादूगार, गुन्हेगार, माहितगार, कामगार इ.
खाना कारखाना, तोफखाना, दवाखाना, हत्तीखाना, दारूखाना इ.
नामा करारनामा, हुकूमनामा, पंचनामा, जाहीरनामा इ.
आई लढाई, नवलाई, दांडगाई, शिष्टाई, खोदाई. इ. Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण शब्दसिद्धी

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण मुहावरे

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण मुहावरे Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi व्याकरण मुहावरे

भाषा को स्पष्ट और प्रभावशाली बनाने के लिए मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। मुहावरा ऐसा वाक्यांश होता है जो सामान्य अर्थ से भिन्न किसी विशेष अर्थ का बोध कराता है। उसके अंत में प्राय: किसी क्रिया का सामान्य रूप लगा होता है। इनके प्रयोग से भाषा में सरसता, सुंदरता और स्वाभाविकता आती है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण मुहावर

मुहावरों की विशेषताएँ :

  1. मुहावरे लोक जीवन की धरोहर हैं।
  2. इनके अंत में प्राय: ‘ना’ होता है।
  3. मुहावरे पूर्ण वाक्य नहीं होते।
  4. मुहावरों के अर्थ प्रकट करने के लिए क्रियापद का विशेष महत्त्व होता है।
  5. मुहावरे भाषा में कलात्मक अभिव्यक्ति की एक शैली है।
  6. अन्य भाषा में मुहावरों का शाब्दिक अनुवाद नहीं हो सकता।
  7. वाक्य में प्रयुक्त होने पर मुहावरों के शब्दों में रूपांतर हो जाता है। क्रिया लिंग, वचन, कारक आदि के अनुसार बदल जाती है। मुहावरे वाक्य में सरसता, विलक्षणता, तीखापन और प्रवाह उत्पन्न करते हैं। इससे हमारी अभिव्यक्ति में निखार आता है।

मुहावरों के प्रयोग में सावधानी :

  • मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करते समय इनके लाक्षणिक अर्थ की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए अन्यथा अर्थ के अनर्थ होने की संभावना रहती है।
  • मुहावरे ज्यों के त्यों वाक्य में प्रयुक्त नहीं होते इसलिए प्रयोग के अनुसार उसके लिंग, वचन, कारक के अनुसार क्रिया में परिवर्तन करना चाहिए।

पाठ में प्रयुक्त मुहावरे तथा उनके वाक्य प्रयोग :

अंकुर जमाना : प्रारंभ करना
वाक्य : भाई के मन में कपट का अंकुर ऐसा जम गया था कि अब वह वृक्ष बन गया था।

अपने पैरों पर खड़ा होना : आत्मनिर्भर होना।
वाक्य : पढ़-लिखकर सीया अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण मुहावर

आँच न आने देना : संकट न आने देना।
वाक्य : गरीबी में भी माता-पिता ने अपने बच्चों पर आँच न आने दी

आँखों में सैलाब उमड़ना : फूट-फूटकर रोना।
वाक्य : पति की मृत्यु पर पत्नी की आँखों में सैलाब उमड़ आया था।

आँखें फटी रहना : आश्चर्यचकित रह जाना।
वाक्य : बालक कृष्ण के मुख में ब्रह्मांड को देखकर यशोदा मैया की आँखें फटी रह गईं।

आईने में मुँह देखना : अपनी योग्यता जाँचना।
वाक्य : आईने में मुँह देखकर काम करना चाहिए ताकि सफलता का फल प्राप्त हो।

आसमान के तारे तोड़ना : असंभव कार्य करना।
वाक्य : यह प्रतियोगिता जीतकर भार्गव ने आसमान के तारे तोड लाए हैं।

ईंट का जवाब पत्थर से देना : कड़ा जवाब देना।
वाक्य : हमारी टीम ने खेल जीतने के लिए ईंट का जवाब पत्थर से दिया

उधेड़ वुन में लगना : सोच-विचार करना।
वाक्य : पैसों की उधेड-बून में लगे लोग जीवन का मजा नहीं उठा पाते।

एक आँख से देखना : सामान्य रूप से देखना, पक्षपात न करना।
वाक्य : माँ अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखती है

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण मुहावर

एक और एक ग्यारह होना : एकता में बल होना।
वाक्य : जब दोनों भाई एक और एक ग्यारह हो गए तो उनका बुरा चाहने वाले उनका कुछ नहीं बिगाड़ सके।

कदम बढ़ाना : प्रगति करना।
वाक्य : समस्या को पीछे छोड़कर कदम बढाना जीवन का सही मार्ग है।

कमर कसना : पूरी तरह तैयार होना।
वाक्य : बरसाती समस्याओं से निपटने के लिए हमने बरसात आने से पहले ही कमर कस ली है।

कमर सीधी करना : आराम करना, सुस्ताना।
वाक्य : इतना पसीना बहाने के बाद कमर सीधी करने का मौका मिला तो नई समस्या खड़ी हो गई।

कलई खुलना : भेद प्रकट होना, राज या रहस्य खुलना।
वाक्य : कोई कितना भी धूर्त क्यों न हो एक न एक दिन उसकी कलई खुल जाती है।

कान देना : ध्यान से सुनना।
वाक्य : अध्यापक की बात पर विद्यार्थी कान देंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।

किस्मत खुलना : भाग्य चमकना।
वावय : आज तो मेरी किस्मत खुल गई जो आपके दर्शन हुए।

गले का हार होना : अत्यंत प्रिय होना।
वाक्य : छोटा शेख घर में सभी के गले का हार था।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण मुहावर

गागर में सागर भरना : थोड़े में बहुत कहना।
वाक्य : बिहारी जी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है इस बात को सभी हिंदी प्रेमियों ने स्वीकारा है।

घी के दीये जलाना : खुशी मनाना।
वाक्य : जब श्रीराम जी 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाए

चिकना घड़ा होना : निर्लज्ज होना, किसी बात का असर न होना।
वाक्य : रमेश को समझाना बेकार है क्योंकि वह तो चिकना घड़ा है।

चुटकी लेना : व्यंग्य करना।
वाक्य : चुटकी लेने की आदत कभी-कभी भारी पड़ जाती है।

जबान देना : वचन देना।
वाक्य : रमेश ने अगर जबान दी है तो वह जरूर निभाएगा।

झंडे गाड़ना : पूर्ण रूप से प्रभाव जमाना।
वाक्य : छोटी उम्र में ही शिवाजी महाराज ने 12 मावलों के साथ मुगलो के आधे किले पर झंडे गाड़ दिए थे।

डंका पीटना : प्रचार करना।
वाक्य : अपनी छोटी सी सफलता का भी डंका पीटने में सीया पीछे नहीं हटती।

तितर-बितर होना : बिखर जाना।
वाक्य : माँ की मृत्यु के बाद परिवार तितर-बितर हो गया।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण मुहावर

हजारों दीप जल उठना : आनंदित हो उठना।
वाक्य : विदेश जाने के लिए वीजा मिल गया तो रमेश के मन में हजारों दीप जल उठे

रुपये दाँत से पकड़ना : कंजूसी करना।
वाक्य : इस महँगाई के दौर में हर कोई रुपये दाँत से पकडकर जी रहा है।

दूध का दूध, पानी का पानी करना : इंसाफ करना, न्याय करना।
वाक्य : रंगे हाथ पकड़े जाने पर सच्चाई सबके सामने आ गई और दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

नाम कमाना : यश प्राप्त करना।
वाक्य : कड़ी मेहनत करके राज ने नाम कमाया इसलिए सब उसकी इज्जत करते हैं।

पाँचों उँगलियाँ घी में होना : हर तरफ से लाभ होना।
वाक्य : अब बेटा भी बराबरी से काम करने लगा तो लाला जी की पाँचो उँगलियाँ घी में है।

फला न समाना : अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य : मनोकामना पूरी होने पर सीया फूली न समाई

वीडा उठाना : किसी काम को करने की ठान लेना।
वाक्य : देश के नागरिकों को पर्यावरण सुरक्षा का बीड़ा उठाना होगा।

वाँछे खिलना : अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य : चुनाव जीतने के बाद नेता की बाँछे खिल उठीं।

मरजीवा होना : कठोर साधना से लक्ष्य तक पहुँचने वाला होना।
वाक्य : अलवर में सात नदियों को जीवित कर श्री राजेंद्र सिंह जी मरजीवा हो गए

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मल्हार गाना : आनंद मनाना।
वाक्य : समय पर बारिश होने से किसान मल्हार गाने लगे

राई का पहाड़ बनाना : बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
ताक्य : रमेश ने बात को इस ढंग से बताया कि राई का पहाड बन गया।

लोहा मानना : श्रेष्ठता स्वीकार करना।
वाक्य : औरंगजेब भी शिवाजी के युद्ध कौशल का लोहा मानता था।

सफेद झूठ बोलना : पूरी तरह से झूठ बोलना।
वाक्य : दुष्ट प्रवृत्ति के लोग सफेद झूठ बोलने से बाज नहीं आते।

सिर खपाना : ऐसे काम में समय लगाना जिसमें कोई लाभ नहीं।
वाक्य : सुबह से शाम तक सिर खपाते रहे लेकिन पिताजी ने दी पहेली हल नहीं कर पाए।

सिर पर सेहरा बाँधना : अधिक यश प्राप्त करना।
वाक्य : काव्य गायन प्रतियोगिता में रमेश केवल सफल ही नहीं हुआ बल्कि उसके सिर पर सेहरा बँधा।

सोना उगलना : बहुत अधिक लाभ होना।
वाक्य : मेरे देश की मिट्टी ऐसी उपजाऊ है कि सोना उगलती है।

सौ वात की एक वात : असली बात, निचोड़।
वाक्य : सौ बात की एक बात कहूँ, मुझे बेटा-बेटी में भेदभाव बिलकुल पसंद नहीं।

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हाथ-पैर मारना : बहुत प्रयत्न करना।
वाक्य : इधर-उधर हाथ-पैर मारने के बाद मेरा लोन सेंक्शन हुआ।

हौसले बुलंद होना : उत्साह बने रहना।
वाक्य : शरीर कमजोर हो गया है लेकिन अभी भी राय साहब के हौसले बुलंद हैं

श्रीगणेश करना : कार्य आरंभ करना।
वाक्य : दो पैसे जमा होते ही रमेश ने अपने व्यवसाय का श्रीगणेश किया

दाँतों तले उँगली दबाना : आश्चर्यचकित होना।
वाक्य : रणभूमि में अभिमन्यु की वीरता देखकर कौरवों ने दाँतों तले उँगली दबाई

अंधे की लाठी होना : निराधार का सहारा बनाना।
वाक्य : मदर टेरेसा भारत आकर अंधे की लाठी बनकर अपना कार्य करने लगी।

आग से खेलना : मुसीबत मोल लेना।
वाक्य : आज़ादी की लड़ाई लड़ते समय आग से खेलकर कई देशवासियों ने अपना घर-परिवार दाँव पर लगा दिया था।

मुट्ठी गर्म करना : रिश्वत देना।
वाक्य : भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहराई तक पहुँच गई हैं कि जब तक मुट्ठी गर्म न करो कोई काम ही नहीं करता।

इतिश्री होना : समाप्त होना।
वाक्य : 15 अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ और अंग्रेज शासन की इतिश्री हुई

उड़ती चिड़िया पहचानना : तीक्ष्ण बुद्धि वाला होना।
वाक्य : बीरबल उडती चिडिया पहचान लेते थे और हर समस्या को सुलझाने में अकबर की सहायता करते है।

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हथेली पर सरसों जमाना : कठिन कार्य करना।
वाक्य : दुश्मनों की छावनी में जाकर उनके भेद जानना मतलब हथेली पर सरसों जमाना है।

कंचन बरसना : धन-दौलत से परिपूर्ण होना।
वाक्य : कभी हमारे देश में कंचन बरसता था परंतु विदेशी आक्रमण ने इसे खोखला कर दिया।

कानों कान खबर न होना : बिल्कुल पता न चलना।
वाक्य : सेठ जी ने बेटी का विवाह कर दिया लेकिन किसी को कानों कान खबर न हुई

गाल बजाना : अपनी प्रशंसा आप करना।
वाक्य : मोहन अपनी सफलता पर खूब गाल बजाता था परंतु परिणाम सामने आने पर शर्मिंदा हुआ।

घड़ों पानी पड़ना : बहुत लज्जित होना।
वाक्य : बेटे की करतूतों का भेद खुलते ही पिता पर घडों पानी पड़ गया।

चिकनी-चुपड़ी बातें करना : चापलूसी करना, मीठी-मीठी बातें बोलना।
वाक्य : अब चिकनी-चुपड़ी बातें करने से कोई लाभ नहीं, सच्चाई सब जान गए हैं।

छाती पर साँप लोटना : ईर्ष्या होना।
वाक्य : गीता के कक्षा में प्रथम आने की खबर सुनते ही मीता की छाती पर साँप लोटने लगा।

तूती बोलना : प्रभाव होना।
वाक्य : मंत्री महोदय के खास आदमी होने की वजह से उसकी तूती बोलती है।

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दो टुक जवाब देना : स्पष्ट बोलना।
वाक्य : मैंने आपसे दो टुक बात कर ली है, आगे आपकी मर्जी।

नुक्ताचीनी करना : आलोचना करना।
वाक्य : हर बात में नुक्ताचीनी करने की आदत के चलते रमेश के दोस्त कम और दुश्मन ही अधिक है।