Std 10 Hindi Chapter 3 Mukadma Question Answer Maharashtra Board
Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 3 मुकदमा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.
Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 3 मुकदमा Questions And Answers
Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 3 मुकदमा Textbook Questions and Answers
स्वाध्याय :
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
1. कृति पूर्ण कीजिए।
प्रश्न 1.
 कृति पूर्ण कीजिए।
 
 उत्तर:
 
2. उचित विकल्प चुनकर विधान पूर्ण कीजिए।
प्रश्न 1.
 हवा बदबूदार होने का कारण है कि …..
 (अ) हवा बहती नहीं है।
 (आ) हवा में कारखानों की गंदगी और गैस होती हैं।
 (इ) हवा दूर-दूर से आती है।
 उत्तर:
 (आ) हवा में कारखानों की गंदगी और गैस होती हैं।
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प्रश्न 2.
 हवा पर आरोप लगाया गया था कि………..
 (अ) हवा में शुद्धता नहीं होती।
 (आ) हवा में नमी नहीं होती।
 (इ) हवा में खुशबू नहीं होती।
 उत्तर:
 (इ) हवा में खुशबू नहीं होती।
3. कारण लिखिए :
प्रश्न 1.
 पानी अशुद्ध होने के कारण –
 
 उत्तर:
 
4. ऐसे प्रश्न तैयार करें कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
 1. जोहड़
 2. साफ-सुथरे
प्रश्न 1.
 ऐसे प्रश्न तैयार करें कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
 1. जोहड़
 2. साफ-सुथरे
 उत्तर:
 1. पशुओं को तैरने के लिए कहाँ छोड़ दिया जाता है?
 2. घर कैसे रखने चाहिए?
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5. वृत्त में दिए शब्दों के लिंग तथा वचन के अनुसार वर्गीकरण कीजिए।
प्रश्न 1.
 वृत्त में दिए शब्दों के लिंग तथा वचन के अनुसार वर्गीकरण कीजिए।
 
 
उत्तर:
| स्त्रीलिंग | पुलिंग | एकवचन | बहुवचन | 
| नदी | कूड़ा | बीमारी | शिकायतें | 
| फसल | गाँव | आँख | गवाहें | 
| सड़क | वृक्ष | आदत | सर्दियाँ | 
| नाली | पंखा | मुकदमा | कारखाने | 
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6. शब्द-युग्म बनाइए।
कूड़ा – …………., इधर – …………., गाँव – ………….., घर – ………….., हवा – ………….., सीधा – ………….., साफ – ……………., झाड़ – …………
प्रश्न 1.
 शब्द-युग्म बनाइए।
 उत्तर:
 कूड़ा – कचरा, इधर – उधर, गाँव – शहर, घर – द्वार, हवा – पानी, सीधा – सादा, साफ – सुथरा, झाड़-झंखाड़
अभिव्यक्ति :
‘बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय’ पर अपने विचार लिखिए।
प्रश्न 1.
 ‘बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय’ पर अपने विचार लिखिए।
 उत्तर:
 आज प्रदूषण के कारण विश्व में चारों ओर लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्रदूषण को रोकने के लिए हमें प्राकृतिक स्रोतों का संरक्षण करना चाहिए। हमें पटाखें जलाना, कूड़ा-कचरा यहाँ-वहाँ नहीं फेंकना चाहिए। मानव जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगानी चाहिए। हमें प्रकृति का अंधाधुंध दोहन नहीं करना चाहिए। सरकार को अवैध खनन पर रोक लगानी चाहिए। कारखानों की चिमनियों की ऊँचाई अधिक रखनी चाहिए।
अधिक धुआँ निर्माण करने वाले स्वचालित यंत्रों पर रोक लगानी चाहिए और इसके लिए सरकार द्वारा प्रतिबंधात्मक कानून बनाने चाहिए ताकि उल्लंघन करने वालों पर कड़ी-से-कड़ी कार्यवाही हो सके। कारखानों से निकले हुए रासायनिक पदार्थों को तालाब, नदी या सागर में नहीं डालना चाहिए। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए सभी को पेड़ लगाने चाहिए।
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भाषाबिंदु :
प्रश्न 1.
 इन शब्दों से बने दो – दो मुहावरे तथा उनके अर्थ लिखकर स्वतंत्र वाक्य में प्रयोग कीजिए।

1. कान
 उत्तर:
 i. मुहावरा : कान भरना।
 अर्थ : किसी के विरुद्ध किसी के मन में कोई बात बैठा देना।
 वाक्य : रामू के किसी ने तो कान भर दिए, इसलिए वह इस प्रकार का बर्ताव कर रहा है।
ii. मुहावरा : कान का कच्चा होना।
 अर्थ : सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना।
 वाक्य : अजय कान का कच्चा है; वह किसी के भी बहकावे में आ जाता है।
2. नाक
 उत्तर:
 i. मुहावरा : नाक-भौं सिकोड़ना।
 अर्थ : अप्रसन्नता प्रकट करना।
 वाक्य : जरा-जरा सी बात पर नाक-भौं सिकोड़ना ठीक नहीं है। .
ii. मुहावरा : नाक में दम करना।
 अर्थ : बहुत परेशान होना।
 वाक्य : तुम दोनों की हरकतों ने मेरे नाक में दम कर दिया है।
3. सिर
 उत्तर:
 i. मुहावरा : अपने सिर लेना।
 अर्थ : जिम्मेदारी अपने ऊपर लेना।
 वाक्य : व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का काम रामलाल ने अपने सिर ले लिया।
ii. मुहावरा : सिर चढ़ाना।
 अर्थ : अनुपयुक्त व्यक्ति को अत्यधिक महत्त्व देकर अपने ऊपर मुसीबत मोल लेना।
 वाक्य : मूर्ख व्यक्ति को सिर चढ़ाने का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है।
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उपयोजित लेखन :
प्रश्न 1.
 अपने ग्राम/नगर/महानगर के संबंधित अधिकारी को बच्चों के खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु पत्र लिखिए।
 
 उत्तरः
 10 जुलाई, 2018
 प्रति,
 मा. महानगर अधिकारी,
 महानगरपालिका,
 दादर (पूर्व),
 मुंबई – 400 043. .
 विषय : बच्चों के खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु प्रार्थना पत्र।
मैं कुमार अजय मेहता दादर पूर्व विभाग का निवासी हूँ। मैं आपको यह प्रार्थना पत्र लिख रहा हूँ क्योंकि हमारे विभाग में बच्चों के खेलने के लिए बगीचा नहीं है।
हमारे विभाग में कुल मिलाकर दो सौ से अधिक बच्चे हैं। उनके खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। यहाँ हर इमारत के बीच में खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। यहाँ मैदान भी नहीं है, जिस कारण बच्चों को खेलने-कूदने के लिए बहुत दिक्कत हो रही है। छुट्टियों में उनका ठीक से मनोरंजन नहीं हो पाने के कारण घर में बैठकर या तो टी. वी. देखते हैं या कंप्यूटर गेम खेलते हैं जिससे उनका शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है।
आपसे नम्र निवेदन है कि आप हमारे विभाग में एक बगीचा का निर्माण करें ताकि विभाग में रहने वाले बच्चों के बाहर खेलने के लिए पर्याप्त जगह हो। मुझे आशा है कि आप मेरे प्रार्थना पत्र पर जरूर विचार करेंगे।
कष्ट के लिए क्षमाप्रार्थी।
 भवदीय, अजय मेहता,
 401, राम महल,
 राधा नगर,
 मुंबई – 400026
 [email protected]
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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 3 मुकदमा Additional Important Questions and Answers
(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति अ (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
 संजाल पूर्ण कीजिए।
 उत्तर:
 
प्रश्न 2.
 कृति पूर्ण कीजिए।
 उत्तर:
 
प्रश्न 3.
 निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।
 i. सूखे कपड़े पहने एक लड़का हाजिर होता है।
 उत्तर:
 भीगे कपड़े पहने एक लड़का हाजिर होता है।
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ii. राजा के अनुसार पानी अब निर्मल नहीं रहा है।
 उत्तर:
 लोगों के अनुसार पानी अब निर्मल नहीं रहा है।
प्रश्न 4.
 समझकर लिखिए।
 उत्तर:
 
कृति अ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
 निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
- गह्वर
 - निर्मल
 - शिकायत
 - गंदगी
 
उत्तर:
- गड्ढा
 - साफ
 - उलाहना
 - मलिनता
 
प्रश्न 2.
 अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
 i. वह स्थान जहाँ राजा अपने मंत्रियों के साथ बैठते हैं –
 ii. किसी विवाद का अदालत में सुनवाई –
 उत्तर:
 i. दरबार
 ii. मुकदमा
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प्रश्न 3.
 निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
- निर्मल × ………
 - समय × ………
 - हाजिर × ………
 
उत्तर:
- मलिन
 - असमय
 - गैरहाजिर
 
प्रश्न 4.
 गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
 उत्तर:
 टेपरिकॉर्डर
कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
 मुकादमा चलाने की परंपरागत और आधुनिक पद्धति में अंतर लिखिए।
 उत्तर:
 पहले के जमाने में राजा-महाराजा हुआ करते थे। वे न्याय प्रक्रिया में न्यायाधीश की भूमिका निभाते थे। यदि किसी को किसी से शिकायत होती थी तो वह व्यक्ति राजदरबार में जाकर शिकायत दर्ज करता था और फिर राजा के द्वारा मुकदमा चलाया जाता था। राजा का निर्णय अंतिम हुआ करता था। आज जमाना बदल गया है। राजा-महाराजाओं के दिन अब नहीं रहे हैं। लोग प्रजातंत्र में अपना जीवन बीता रहे हैं। आज न्याय व्यवस्था पर सरकार अथवा किसी अन्य संस्था का नियंत्रण नहीं है। वह मुक्त और स्वनियंत्रित है। पुलिस, कोर्ट-कचहरी आदि न्यायप्रणाली की व्यवस्था है।
यदि कोई व्यक्ति गलत काम करता है तो वह कानून की नजर में दोषी बन जाता है। उस पर मुकदमा चलाया जाता है। यदि उसका दोष सिद्ध हुआ तो उसे सजा हो जाती है। आज हमारी न्याय व्यवस्था पूर्णत: निष्पक्ष व स्वतंत्र है। न्यायालय के निर्णय को अंतिम माना जाता है। इस प्रकार पहले के जमाने में मुकदमें चलाने की विधि और आज के जमाने में मुकदमा चलाने की प्रक्रिया में जमीन-आसमान का अंतर है।
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(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति आ (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
 कृति पूर्ण कीजिए।
 उत्तरः
 
प्रश्न 2.
 गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।
 i. वे घर जरूर डूबेंगे ….
 उत्तरः
 जहाँ वर्षा का पानी बहना चाहिए; नदी बहनी चाहिए; वहाँ पर लोगों ने घर बना लिए हैं।
कृति आ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
 निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
- पशु
 - कारखाना
 - पहाड़
 - वर्षा
 
उत्तर:
- जानवर
 - फैक्टरी
 - पर्वत
 - बारिश
 
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प्रश्न 2.
 अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
 i. छोटा प्राकृतिक तालाब –
 उत्तर:
 i. जोहड़
प्रश्न 3.
 विलोम शब्द लिखिए
 i. गंदा × …………….
 ii. ढलान × …………..
 उत्तर:
 i. साफ
 ii. चढ़ाव
प्रश्न 4.
 गद्यांश में प्रयुक्त पर्यायवाची शब्द की जोड़ी को ढूँढ़कर लिखिए।
 उत्तर:
 वर्षा : बरसात
प्रश्न 5.
 वचन बदलिए।
- नदी
 - गली
 - नाला
 
उत्तर:
- नदियाँ
 - गलियाँ
 - नाले
 
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प्रश्न 6.
 निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छाँटकर लिखिए।
 i. रखवाली
 ii. जिम्मेदार
 उत्तर:
 i. प्रत्यय : वाली
 ii. प्रत्यय : दार
प्रश्न 7.
 गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूंढकर लिखिए।
 उत्तर:
 गलियों – नालियों
कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
 जल प्रदूषण को रोकने के लिए अपने विचार लिखिए।
 उत्तर:
 जल के बिना जीवन असंभव है। प्राकृतिक जल स्रोतों को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। हमें तालाब एवं नदी के पानी में पशुओं को नहलाना नहीं चाहिए। तालाब या नदी में हमें कपड़े या बर्तन नहीं धोने चाहिए। तालाब व नदी में कूड़ा-कचरा नहीं फेंकना चाहिए। कल-कारखानों का दूषित और जहरीला पानी नदी में डालने पर रोक लगानी चाहिए। लोगों में जल-प्रदूषण के खतरे के प्रति जागरुकता निर्माण करनी चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण बोर्ड को सख्त कानून बनाने चाहिए। इस प्रकार सभी को स्वेच्छा से इस अभियान के लिए आगे आना चाहिए।
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(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति इ (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
 ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
 i. सदियों
 ii. वृक्ष
 उत्तर:
 i. गाँव कब से ऊँची जगह पर बसा हुआ है?
 ii. लोगों ने पहाड़ से क्या साफ कर दिए हैं?
प्रश्न 2.
 सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
 i. पानी पहाड़ से लुढ़कता हुआ नीचे आता है क्योंकि..
 (क) लोगों ने पहाड़ से वृक्ष साफ कर दिए हैं।
 (ख) लोगों ने पहाड़ पर घर बनाए हैं।
 (ग) लोगों ने पहाड़ को काट दिया है।
 उत्तरः
 (क) लोगों ने पहाड़ से वृक्ष साफ कर दिए हैं।
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प्रश्न 3.
 निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।
 i. बाढ़ के लिए पानी जिम्मेदार है। उत्तरः बाढ़ के लिए गाँववाले जिम्मेदार हैं।
 ii. निर्मल एवं स्वच्छ रहना पानी के हाथ में है।
 उत्तरः
 पानी को निर्मल तथा स्वच्छ रखना लोगों के हाथ में है।
कृति इ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
 गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
 उत्तरः
 धीरे-धीरे
प्रश्न 2.
 गोश में से ऐसे दो शब्द ढूँड़कर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
 उत्तर:
 i. ढलान
 ii. वृक्ष
प्रश्न 3.
 ‘निर्मल’ इस शब्द में निहित उपसर्ग को पहचानकर संबंधित उपसर्ग लगाकर अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
 उत्तर:
 निर्मल : प्रत्यय : निर नए
 शब्द : निराकार, निर्विकार
प्रश्न 4.
 नीचे दिए तत्सम शब्द का तद्भव लिखिए।
 i. ग्राम
 उत्तर:
 i. गाँव
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प्रश्न 5.
 अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
 i. सौ वर्षों का समय
 उत्तर:
 i. सदी
कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
 ‘जल ही जीवन है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
 उत्तर:
 जल ही जीवन है। जल के बिना जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती है। धरती पर रहने वाले सभी जीवों को जिंदा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यदि शरीर में पानी की मात्रा 10 प्रतिशत से कम हो जाए तो व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता। मनुष्य भोजन के बिना कई दिनों तक जीवित रह सकता है लेकिन पानी के बिना तीन दिन से अधिक नहीं जीवित रह सकता। हमें जरूरत से ज्यादा पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। संसार की बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। इसलिए हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए। यदि पानी नहीं होगा तो किसान खेत में अनाज नहीं उगा सकता है। पानी के बिना किसी भी वस्तु का निर्माण नहीं हो सकता। इसलिए जल ही जीवन है।
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(ई) गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ई (1) : आकलन कृति
प्रश्न 1.
 कृति पूर्ण कीजिए।
 उत्तर:
 
प्रश्न 2.
 परिणाम लिखिए।
 i. भोपाल के कारखाने से निकली जहरीली गैस से –
 ii. मरे हुए पशु-पक्षियों को यहाँ-वहाँ डालने से –
 उत्तर:
 i. कई लोग रात में सोए हुए ही मौत के मुँह में चले गए थे।
 ii. हवा बदबूदार हो जाती है।
कृति ई (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
 निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
 i. हवा ने महाराज से कहा महाराज मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं
 उत्तरः
 हवा ने महाराज से कहा, “महाराज, मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं।
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प्रश्न 2.
 लिंग बदलिए।
 i. महाराज
 ii. लड़की
 उत्तर:
 i. महारानी.
 ii. लड़का
प्रश्न 3.
 गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
 उत्तर:
- पशु-पक्षियों
 - यहाँ-वहाँ
 - दूर-दूर
 - आज-कल
 
प्रश्न 4.
 निम्नलिखित शब्द के लिए श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
 i. रात
 ii. डाल
 उत्तर:
 i. रत
 ii. दाल
प्रश्न 5.
 ‘जहरीली’ इस शब्द में से प्रत्यय अलग कीजिए और संबंधित प्रत्यय लगाकर अन्य दो शब्द बनाइए।
 उत्तरः
 जहरीली : शब्द : जहर प्रत्यय : ईली
 अन्य शब्द : नशीली, चमकीली
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कृति ई (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
 ‘हवा प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए उपाय’ पर अपने विचार लिखिए।
 उत्तर:
 दिन-प्रतिदिन हानिकारक सामग्री के हवा में मिलने के कारण हवा प्रदूषित हो रही है। प्रदूषित हवा से लोग बीमार पड़ रहे हैं। हवा प्रदूषण से बचने के लिए हमें कूड़ा-कचरा यहाँ-वहाँ नहीं फेंकना चाहिए। कूड़ा-कचरा यहाँ-वहाँ फेंकने से गंदगी फैलती है जिससे हवा दूषित हो जाती है। कारखानों को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए ताकि उनमें से जहरीली गैस और धुआँ बाहर न निकले और हवा में न मिले। लोगों को अपने वाहनों की नियमित जाँच करानी चाहिए, ताकि उनमें से अधिक धुआँ बाहर निकलकर हवा में न फैले।
सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर रोक होनी चाहिए। हमें शहरीकरण की प्रक्रिया को रोकना चाहिए। गाँवों में ही रोजगार के साधनों को विकसित करना चाहिए, जिससे गाँव के लोग नौकरी करने के लिए शहर में पलायन न करें। इससे शहर और गाँव का असंतुलन धीरेधीरे कम हो जाएगा और हवा प्रदूषण भी रुकेगा। धुएँवाले ईधनों का प्रयोग बंद कर देना चाहिए और भारी मात्रा में पेड़ लगाने चाहिए। इस प्रकार हवा प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकती है।
(उ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति उ (1): आकलन कृति
प्रश्न 1.
 कृति पूर्ण कीजिए।
 उत्तर:
 
प्रश्न 2.
 परिणाम लिखिए।
 i. हवा ने चलना बंद कर दिया।
 उत्तरः
 हवा द्वारा चलना बंद होने से सभी घुटन महसूस करने लगे।
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ii. हवा आँधी बनकर आती है।
 उत्तरः
 हवा के आँधी बनकर आने से लोगों के घर रेत और कूड़े से भर जाते हैं।
कृति उ (2) : शब्द संपदा
प्रश्न 1.
 निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
- मिट्टी
 - निमंत्रण
 - दुखी
 - आँधी
 
उत्तर:
- मृदा
 - आमंत्रण
 - उदास
 - अंधड़
 
प्रश्न 2.
 नीचे दिए हुए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
 i. धूलभरी जोर की हवा –
 उत्तर:
 i. आँधी
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प्रश्न 3.
 वचन बदलिए।
 i. आँधी
 ii. आँख
 उत्तर:
 i. आँधियाँ
 ii. आँखें
कृति उ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
 ‘यदि हवा चलना बंद कर दे तो…..।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
 उत्तर:
 नित चलते रहना हवा का काम है। यदि हवा चलना बंद कर दे तो बहुत बड़ी समस्या निर्माण हो जाएगी। हवा के बिना जीवन के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यदि हवा चलना बंद कर देगी तो लोगों को साँस लेने के लिए दिक्कत हो जाएगी। लोग घुटन भरे माहौल में अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं। पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों को भी जीवन जीने के लिए हवा की जरूरत होती है।
गर्मी ज्यादा बढ़ने के कारण फिर सर्वत्र एअरकंडिशन लगाना पड़ेगा। इससे तापमान में वृद्धि होगी। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी, जिससे लोगों को साँस लेने की और भी दिक्कत हो जाएगी। यदि सचमुच हवा चलना बंद कर देगी तो धीरे-धीरे इस धरती से जीवन नष्ट हो जाएगा।
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(ऊ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ऊ (1): आकलन कृति
प्रश्न 1.
 ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो
 i. पंखा
 ii. पॉलिथिन की थैलियाँ
 उत्तर:
 i. हवा की गति बढ़ाने के लिए लोग क्या चलाते हैं?
 ii. लोग सड़कों पर क्या फेंकते हैं?
प्रश्न 2.
 गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।
 i. जब हवा तेजी से चलती है।
 ii. लोगों द्वारा फेंका कूड़ा ……
 उत्तर:
 i. जब हवा तेजी से चलती है तब वह अपने साथ रेत, मिट्टी, कूड़ा आदि हल्की चीजें साथ लेकर उड़ती है।
 ii. लोगों द्वारा फेंका कूड़ा फिर से उनके घरों में जाता है।
प्रश्न 3.
 समझकर लिखिए।
 उत्तरः
 
कृति ऊ (2) : शब्द-संपदा
प्रश्न 1.
 गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
 उत्तरः
 i. हवा-पानी
 ii. आस-पास
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प्रश्न 2.
 विलोम शब्द लिखिए।
- दोस्त × ……………….
 - लाभ × ……………….
 - हल्की × …………….
 - गरमी × …………..
 
उत्तरः
- दुश्मन
 - नुकसान
 - भारी
 - सर्दी
 
प्रश्न 3.
 पर्यायवाची शब्द लिखिए।
 i. गरमी
 ii. हवा
 उत्तर:
 i. ग्रीष्म
 i. वायु
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प्रश्न 4.
 गोश में से ऐसे दो शब्द ढूँडकर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
 उत्तर:
 हवा, पानी
मुकदमा Summary in Hindi
लेखक-परिचय :
जीवन-परिचय : गोविंद शर्मा जी का जन्म सन 1९४६ में राजस्थान के संगरिया क्षेत्र में हुआ। शर्मा जी सुप्रसिद्ध बालसाहित्यकार है। बाल नाटक, बाल उपन्यास एवं बाल कविता के द्वारा आप बाल जगत के साहित्य में प्रसिद्ध है। इन्होंने व्यंग्य परक लेख, जीवनी, लघुकथाएँ आदि विधाओं में भी लेखन किया है।
 प्रमुख कृतियाँ : ‘दीपू और मोती’, ‘डोबी और राजकुमार’ (बाल उपन्यास), ‘हमें हमारा घर दो’, ‘मेहनत का मंत्र’ (कहानी संग्रह), ‘नया बाल दिवस’ (नाटक संग्रह), ‘कुछ नहीं बदला’, ‘जहाज के नये पंक्षी’ (व्यंग्य संग्रह), ‘रामदीन का चिराग’ (लघुकहानी संग्रह) आदि।
गद्य-परिचय :
एकांकी : प्रस्तावना एक अंक वाले नाटक को ‘एकांकी’ कहते हैं। अंग्रेजी में इसे ‘वन ऐक्ट प्ले’ कहते हैं। एकांकी स्वतंत्र एवं सचेष्ट भाव से लिखी जाती है। एकांकी का आकार लघु होता है। अत: इसमें एक ही कथा होती है।
 प्रस्तावना : ‘मुकदमा’ इस एकांकी में लेखक गोविंद शर्मा जी ने जल एवं वायु प्रदूषण के कारणों और दुष्परिणामों के प्रति लोगों को सचेत किया है। प्रदूषण रूपी संकट को रोकने के लिए मनुष्य को ही प्रयास करना होगा, यह संदेश लेखक ने हमें प्रस्तुत एकांकी के माध्यम से दिया है।
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सारांश :
‘मुकदमा’ यह एक एकांकी है। एकांकी की शुरूआत महाराज के दरबार से होती है। दरबार में महाराज सिंहासन पर बैठे हैं। कुछ लोगों ने। दरबार में हवा व पानी के विरुद्ध शिकायत की है। अत: हवा व पानी को दरबार में बुलाया गया है और उन पर मुकदमा चलाया जा रहा है। लोगों ने पानी पर आरोप लगाया कि वह पहले जैसा निर्मल नहीं रहा है। वह अपने साथ गंदगी एवं बीमारियाँ बहाकर ले आता है। अपने ऊपर। लगे इस आरोप का खंडन करते हुए पानी ने कहा कि इसमें उसका कुछ भी कसूर नहीं है। लोग पहले के जैसे उसकी रखवाली नहीं करते।
हैं और वे अपने पशुओं को तालाब या नदी में छोड़ देते हैं। कारखानों का पानी एवं गंदी नाली का पानी भी उसमें आकर मिलता है। अत: वह इंसान के करतूतों के कारण ही अशुद्ध हो गया है। लोगों ने पानी पर यह भी आरोप लगाया कि वह अपनी मर्जी के अनुसार कहीं पर भी बरसता है और कहीं पर भी बहता हआ जाता है। इस कारण उनके घर पानी में डूब जाते हैं। इसपर पानी कहता है कि इसमें भी उसका कोई कसर नहीं है। लोगों ने पहाड पर स्थित पेड़ों की कटाई की है। अत: वह पहाडों से गति से बहता हआ नीचे आता है जिस कारण लोगों के घर पानी में बह जाते हैं।
अंत में मुकदमे का फैसला करते हुए महाराज लोगों को अपनी गलतियाँ सुधारने और पानी को निर्मल तथा उपयोगी रखने । का आदेश देते हैं। दूसरी शिकायत हवा के विरुद्ध है। आदमी शिकायत करता है कि अब हवा में पहले जैसी खुशबू नहीं है और वह आँधी। बनकर आती है जिस कारण लोगों के घर रेत व कूड़े से भर जाते हैं। वह बदबू फैलाती है।
हवा इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहती है कि कारखानों से निकलने वाली गैस व गंदगी के कारण वह बदबूदार हो गई है। अंत में महाराज कहते हैं कि इसमें हवा का कोई भी कसूर नहीं है। महाराज द्वारा लोगों को नसीहत दी जाती है कि वे सफाई की आदत को अपनाएँ। हवा व पानी को अपना दोस्त मानकर उन्हें दूषित होने से बचाएँ। यदि ऐसा होगा; तो ही लोगों का भला होगा।
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शब्दार्थ :
- गह्वर – गड्ढा
 - शिकायत – उलाहना
 - पशु – जानवर
 - निमंत्रण – आमंत्रण
 - दूषित – गंद
 - माहौल – वातावरण
 - गवाह – प्रमाण
 - बदबू – दुर्गन्ध
 - दंड – सज़ा
 - निर्मल – साफ
 - कूड़ा – कचरा
 - उपाय – हल
 - तबाह – नष्ट
 
मुहावरे :
आँख मूंदकर चलना – बिना सोचे-विचारे चलना।
 मौत के मुंह में चले जाना – जान-बूझकर खतरा मोल लेना।
कहावत :
जैसी करनी, वैसी भरनी – कर्म के अनुसार ही फल का मिलना।
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