Class 10 Hindi Chapter 8 Gazal Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 8 Gazal Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 8 गजल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 8 गजल Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 8 गजल Textbook Questions and Answers

सूचना के अनयुार कृहत्‍ँ कीहजए:

(1) गजल की पंक्तियों का तातप्‍:
a. नीं के अंदर हदिाे ————
b. आईना बनकर हदिो ————
उत्तर:
(i) हमें प्रशंसा और वाहवाही का लोभ त्यागकर नींव की ईंटों के समान कुछ अच्छा और सुदृढ़ काम करना चाहिए।
(ii) हमें ऐसी शख्सियत बनना चाहिए कि कैसी भी प्रतिकूल परिस्थिति क्यों न हो, हम विचलित न हों। बिना टूटे, बिना बिखरे हर परिस्थिति का डटकर सामना करें। अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।

(2) कृति पूण् कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 गजल 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 गजल 5

(3) हजनके उततर हनम् शब् हों ऐसे प्र तै्‍र कीहजए:
1. भीड़
2. जुगनू
3. हततली
4. आसमान
उत्तर:
1. कवि अक्सर किसी शक्ल को कहाँ देखना चाहता है?
2. वक्त की धुंध में साथ रहने को किसने कहा?
3. कवि खिलते फूल के स्थान पर कहाँ दिखने को कहता है?
4. गर्द बनकर कहाँ लिखना चाहिए?

(4) हनम्हलखखत पंक्तियों से प्र तीिनमूल् हलखखए:
१. आपको मिसूस ……………………………………….. भीतर हदिो।
२. कोई ऐसी श्‍ ……………………………………….. मुझे अ्‍र हदिो।.
उत्तर:
(ii) हे ईश्वर, मैं चाहता हूँ कि मैं जिसे भी देखू, मुझे उसी में तुम नजर आओ। अर्थात मानव मात्र ईश्वर का अंश है।

(5) कृहत पूण् कीहजए:
गजल मे प्रयुक्त प्कृहतक घ‍ट
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 गजल 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 गजल 6

(6) कहि के अनयुार ऐसे हदखो:

यदि मेरा घर अंतररक में होता,’ हिष् पर अससी से सौ शब्दों मे हनबंध लेखन कीहजए।
उत्तर:
पिछले कई वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान में जो प्रगति हुई है, वह सराहनीय है। पहले अंतरिक्ष यात्रा कल्पना से अधिक कुछ नहीं थी लेकिन आज अंतरिक्ष यात्रा के सपने सच हो गए हैं। रूस ने अंतरिक्ष यान के द्वारा अपने अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन को पहली बार अंतरिक्ष में भेजा था। फिर तो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन सबसे पहले चंद्रमा पर पहुचनेवाले अंतरिक्ष यात्री हो गए।

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अब तो ऐसा लगता है कि कभी-न-कभी हम को भी अंतरिक्ष में जाने का मौका मिल सकता है। लेकिन यह कब संभव होगा, कहा नहीं जा सकता। काश, मेरा घर अंतरिक्ष में होता…. यदि सच में मेरा घर अंतरिक्ष में होता तो कितना अच्छा होता। जिस आसमान को दूर से देखा करते हैं, हम उसकी खूब सैर करते। चाँद, सितारों को नजदीक से देखते। बादलों के बीच लुका-छिपी खेलते। परियों के देश में जाते।

वे किस तरह रहती हैं, जानने-देखने का अवसर पाते। हम अंतरिक्ष से अपनी सुंदर धरती को देखते। अपने प्यारे भारत को देखते। आकाशगंगा के विभिन्न ग्रहों-उपग्रहों को देखते। सौरमंडल के सबसे सुंदर ग्रह शनि और उसके वलयों को देखते। उनके जितना निकट जा सकते, अवश्य जाते। स्पेस वॉक करते। वहाँ फैली शांति का अनुभव करते। वहाँ के प्रदूषणरहित वातावरण में रहने का मौका मिलता, जिससे हमारा स्वास्थ्य बहुत बढ़िया हो जाता। काश ऐसा हो पाता…

प्रयु गजल की अपनी पसंदीदा हकनिी चार पंक्तियों का केंद्रीय भाव सपष् कीहजए।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 8 गजल Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र.1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)
(1) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 गजल 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 गजल 2

(2) विधानों के सामने सत्य / असत्य लिखिए:
(i) स्वर्णिम शिखर बनकर जीना ही जीना है।
(ii) मील का पत्थर बनकर जीना अच्छा नहीं है।
(iii) मोमबत्ती के धागे जैसा जीवन जियो।
(iv) जिंदगी टूटकर नहीं बिखरनी चाहिए।
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) असत्य
(iii) सत्य
(iv) सत्य।

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(3) उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

 आ
(i) शिखर गर्द
(ii) आस्मान जिंदगी
(iii) पत्थर स्वर्णिम
(iv) शक्ल मील
 नींव

उत्तर:

 आ
(i) शिखर स्वर्णिम
(ii) आस्मान गर्द
(iii) पत्थर मील
(iv) शक्ल जिंदगी

(4) दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) आईना
उत्तर:
(i) पत्थरों के शहर में क्या बनकर दिखना चाहिए?

(5) एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) पत्थर के शहर में यह बनकर दिखना है –
(ii) दिखने का शौक है तो यह बनो –
उत्तर:
(i) आईना।
(ii) नींव।

कृति 2: (शब्द संपदा)

(1) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) शक्ल = ……………………
(ii) शिखर = ……………………
(iii) गर्द = ……………………
(iv) पत्थर = ……………………
उत्तर:
(i) शक्ल = चेहरा
(ii) शिखर = शीर्ष
(ii) गर्द = धूल
(iv) पत्थर = पाषाण।

(2) निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) आदमी x
(ii) शहर x
(ii) आसमान x
(iv) टूटना x
उत्तर:
(i) आदमी x जानवर
(ii) शहर x गाँव
(iii) आसमान x जमीन
(iv) टूटना x जुड़ना।

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कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपयुक्त पदयांश की आरंभ की चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
किसी भी अट्टालिका के चमचमाते शिखरों को सभी देखते हैं। उनकी शान की प्रशंसा भी करते हैं। लोग समाज में इन शिखरों के समान ही सम्मान पाना चाहते हैं। परंतु वास्तव में देखा जाए तो इन शिखरों से अधिक महत्व है उन ईंटों और पत्थरों का, जिनके कारण ये शिखर बन सके। यदि नींव की ईंटों ने गुमनामी के अंधेरे में रहना स्वीकार न किया होता, तो इन शिखरों का अस्तित्व ही न होता। यदि हम समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो हमें प्रशंसा और जैं सुदृढ़ काम करना चाहिए।

पद्यांश क्र. 2
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन):

(1) सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) वक्त की इस धुंध में तुम …………………………….. बनकर दिखो। (सितारा/चिराग/रोशनी)
(ii) हम सभी के लिए एक …………………………….. है। (दुनिया/मर्यादा/मंच)
(iii) कोई …………………………….. कली फूल बनने से डर जाए। (छोटी/सुंदर/नाजुक)
(iv) कोई ऐसी शक्ल तो मुझको दिखे इस …………………………….. में। (भीड़/संसार/घर)
उत्तर:
(i) वक्त की इस धुंध में तुम रोशनी बनकर दिखो।
(ii) हम सभी के लिए एक मर्यादा है।
(iii) कोई नाजुक कली फूल बनने से डर जाए।
(iv) कोई ऐसी शक्ल तो मुझको दिखे इस भीड़ में।

(2) निम्नलिखित पंक्तियों से प्राप्त जीवनमूल्य लिखिए:
(i) एक जुगनू ने …………………………….. रोशनी बनकर दिखो।
उत्तर:
(i) जब वक्त साथ न दे रहा हो। हर तरफ असफलता और निराशा का साम्राज्य हो। ऐसे समय में एक छोटी-सी आशा की किरण भी बहुत बड़ा सहारा बन सकती है। हमें निराश, हताश लोगों के मन में आशा की किरण जगाना चाहिए।

(3) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(iv) मोती।
उत्तर:
(iv) मोती को किसके अंदर दिखना चाहिए?

(4) जोड़ियाँ मिलाइए:

‘अ’ ‘आ’
(i) धुंध सीप
(ii) मर्यादा तितली
(iii) मोती रोशनी
(iv) फूल मनुष्य

उत्तर:

‘अ’ ‘आ’
(i) धुंध रोशनी
(ii) मर्यादा मनुष्य
(iii) मोती सीप
(iv) फूल तितली

कृति 2: (शब्द संपदा)

निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) जुगनू – ……………………….
(ii) रोशनी – ……………………….
(iii) मोती – ……………………….
(iv) सीप – ……………………….
उत्तर
(i) जुगनू – पुल्लिंग
(ii) रोशनी – स्त्रीलिंग
(iii) मोती – पुल्लिंग
(iv) सीप – स्त्रीलिंग

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कृति 3: (सरल अर्थ):

प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
जब वक्त हमारा साथ न दे रहा हो। हर तरफ असफलताएँ धुंध के समान छाई हों। निराशा रूपी अंधकार का साम्राज्य हो। ऐसे: समय में एक छोटी-सी आशा की किरण भी बहुत बड़ा सहारा बन सकती है। ठीक उसी प्रकार, जैसे घने अंधकार में चमकता हुआ जुगनू । तुम्हें भी निराश, हताश लोगों के मन में आशा की किरण जगाना चाहिए।

सभी मनुष्यों के लिए समाज में रहने के लिए कुछ सीमाएँ हैं, जिनका हमें पालन करना होता है। तभी समाज हमें और हमारे व्यवहार को स्वीकार करता है। अगर तुम चाहते हो कि लोगों में तुम्हारी कोई पहचान बने तो जिस प्रकार सीप के अंदर मूल्यवान मोती छिपा होता है, उसी प्रकार तुम्हें समाज के कल्याण के लिए श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न.
सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानिए:
(i) मैं दिल्ली में अच्छा घर ढूँढ़ रहा हूँ।
(ii) वे तेजी के साथ बगीचे की ओर चल पड़े।
(iii) तुम अब पढ़ने बैठ जाओ।
उत्तर:
(i) अच्छा – गुणवाचक विशेषण।
(ii) बगीचे – जातिवाचक संज्ञा।
(iii) तुम – पुरुषवाचक सर्वनाम।

2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) के मारे.
(ii) या
(iii) पर।
उत्तर:
(i) के मारे – लड़का डर के मारे काँप रहा था।
(ii) या – वे खेलने या घूमने गए होंगे।
(iii) पर – गाड़ी थी, पर पर्याप्त पेट्रोल नहीं था।

3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
नरेश……………………………………
अथवा
…………………दिक् + अंबर…………………

उत्तर:

संधि शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
नरेशनर + ईशस्वर संधि
अथवा Maharashtra Board Solutions
दिगंबरदिक् + अंबरव्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) वे गरीबों को फल बाँटते रहे।
(ii) देरी करने को मेरा मन गवारा नहीं कर पाया।
(iii) उनके शब्द मेरे कानों में गूंजने लगे।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) रहे – रहना
(ii) पाया – पाना
(iii) लगे – लगना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) छोड़ना –
(ii) डूबना –
(iii) सूखना। –
उत्तर:

क्रिया प्रथम प्रेरणार्थक रूप द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) छोड़ना छुड़ाना छुड़वाना
(ii) डूबना डुबाना डुबवाना
(iii) सूखना सुखाना सुखवाना

6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग किजिए:
(i) नाम-निशान न रहना
(ii) रटता जाना।
उत्तर:
(i) नाम-निशान न रहना।
अर्थ: अस्तित्व मिट जाना।
वाक्य: भूकंप के कारण पुराने कार्यालय का नाम-निशान नहीं रहा

(ii) रटते जाना।
अर्थ: बार-बार कहते जाना।
वाक्य: विजय गाँव जाने की बात रटता जा रहा है

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(2) अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (तोलकर बोलना, तीर की तरह निकल जाना, कानों में गूंजना, ठहाका लगाना)
(i) पाकिटमार महिला का बटुआ छीनकर बहुत तेजी से निकल गया
(ii) माता-पिता द्वारा दी गई सीख जीवनभर ध्वनित होती रहती है
(iii) सज्जन हमेशा सोच-समझकर बोलता है
उत्तर:
(i) पाकिटमार महिला का बटुआ छीनकर तीर की तरह निकल गया
(ii) माता-पिता द्वारा दी गई सीख जीवनभर कानों में गूंजती रहती है
(iii) सज्जन हमेशा तौलकर बोलते हैं

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) ईश्वर की प्राप्ति आसानी से नहीं होती।
(ii) एक बच्चा कुर्सी पर चढ़ा तो दूसरा नाचने लगा।
(iii) मैंने तय किया कि आज किसी से नहीं मिलूँगा।
उत्तर:
(i) की – संबंध कारक।
(ii) पर – अधिकरण कारक।
(iii) से – करण कारक।

8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) “गरम गरम भूनकर मसाला लगाकर दूंगा’
(ii) आदमी ने आकर पूछा-अभी भोजन तैयार होने में कितना विलंब है
(iii) हाँ, सूर ने एक जगह लिखा है-मैं दसों दिशाओं में देख लेता हूँ
उत्तर:
(i) “गरम-गरम भूनकर मसाला लगाकर दूंगा।”
(ii) आदमी ने आकर पूछा – “अभी भोजन तैयार होने में कितना विलंब है?”
(iii) हाँ, सूर ने एक जगह लिखा है- ‘मैं दसों दिशाओं में देख लेता हूँ।’

9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) ठीक ग्यारह बजे प्रधानमंत्री बाहर आते हैं। (सामान्य भूतकाल)
(ii) मुझे भाई का जला हुआ चेहरा याद आता है। (सामान्य भविष्यकाल)
(iii) गुरुदेव अपने समय पर स्नान करते हैं। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर:
(i) ठीक ग्यारह बजे प्रधानमंत्री बाहर आए।
(ii) मुझे भाई का जला हुआ चेहरा याद आएगा।
(iii) गुरुदेव ने अपने समय पर स्नान किया था।

10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) ईश्वर ने हमें मनुष्य जीवन दिया है।
(ii) हमारा उद्देश्य, सजना, सँवरना ही नहीं है, बल्कि हमारे द्वारा किए गए कार्य सुंदर होने चाहिए।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

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(2) निम्नलिखित वाक्यों को अर्थ के आधार दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(i) चाची जली-भुनी रहती थी। (संदेहवाचक वाक्य)
(ii) मन अब सुकून अनुभव कर रहा था। (निषेधवाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) शायद चाची जली-भुनी रहती थी।
(ii) मन अब सुकून अनुभव नहीं कर रहा था।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) इस मंदिर में अनेकों बूध की मूर्तियाँ हैं।
(ii) माँ को यहाँ से गए बस एक मिनेट हुई है।
(iii) मेरा घर तुमसे अच्छा है।
उत्तर:
(i) इस मंदिर में बुद्ध की अनेक मूर्तियाँ हैं।
(ii) माँ को यहाँ से गए बस एक मिनट हुआ है।
(iii) मेरा घर तुम्हारे घर से अच्छा है।

गजल Summary in Hindi

गजल विषय-प्रवेश :
प्रस्तुत गजल में माणिक वर्मा ने हमें निरंतर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी है। कवि का मानना है कि बाहरी रंग-रूप तो। अस्थायी होता है। सुंदरता हमारे विचारों में, हमारे कामों में होनी चाहिए।

गजल कविता का सरल अर्थ

1. आपसे किसने ………………………… भीतर देखो।

किसी भी अट्टालिका के चमचमाते शिखरों को सभी देखते हैं। उनकी शान की प्रशंसा भी करते हैं। लोग समाज में इन शिखरों के समान ही सम्मान पाना चाहते हैं। परंतु वास्तव में देखा जाए तो इन शिखरों से अधिक महत्व है उन ईंटों और पत्थरों का, जिनके कारण ये शिखर बन सके। यदि नींव की ईंटों ने गुमनामी के अंधेरे में रहना स्वीकार न किया होता, तो इन शिखरों का अस्तित्व ही न होता। यदि हम समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो हमें प्रशंसा और वाहवाही का लोभ त्यागकर नींव की ईंटों के समान कुछ अच्छा और सुदृढ़ काम करना चाहिए।

यदि आप मंजिल की ओर अग्रसर हैं तो अपने अच्छे कर्मों के कारण उसी प्रकार आसमानों तक छा जाइए, जैसे आँधी आने पर पृथ्वी से आकाश तक धूल-ही-धूल दृष्टिगोचर होती है। अर्थात आपके द्वारा किए गए अच्छे कामों का प्रभाव और चर्चा हर तरफ हो। और यदि आप मंजिल की ओर बढ़ते हुए मार्ग में कहीं बैठ जाते हो तो मील के पत्थर के समान बनो। मील का पत्थर जिस प्रकार एक पथिक को अपनी मंजिल की ओर बढ़ते समय सहायता करता है, उसी प्रकार क्रियाशील न होते हुए भी आप दूसरों की मदद करें।

ईश्वर ने हमें मनुष्य जीवन दिया है। हमारा उद्देश्य केवल सजना, सँवरना और सुंदर दिखना ही नहीं होना चाहिए। हमारे द्वारा किए गए काम सुंदर होने चाहिए। ईश्वर द्वारा प्रदत्त इस श्रेष्ठ मानव जीवन में हमें मानवीय गुणों को अपनाना चाहिए। हमारा कोई भी काम ऐसा न हो, जो मानवता के दायरे से बाहर हो। समाज में सभी के प्रति हमारा व्यवहार ऐसा हो कि सारा संसार हमें एक अच्छे मनुष्य के रूप में जाने। हमें ऐसी शख्सियत बनना चाहिए कि कैसी भी प्रतिकूल परिस्थिति क्यों न हों, हम विचलित न हों। बिना टूटे, बिना बिखरे हर परिस्थिति का डटकर सामना करें। अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।

हमें प्रत्येक मानव से सहानुभूति रखनी चाहिए। यह तभी संभव हो सकेगा, जब हम उनके हर दुख-तकलीफ को समझें। जैसे मोमबत्ती का धागा सदा उसके साथ रहता है। उसके साथ जलता है। उसी प्रकार जब हम दीन-दुखियों की पीड़ा को समझेंगे, तो उसे दूर करने का यथासंभव प्रयास करेंगे। इस प्रकार हम अपना मानव-धर्म निभा पाएँगे।

2. एक जुगनू ………………………… अक्सर देखो।

जब वक्त हमारा साथ न दे रहा हो; हर तरफ असफलताएँ धुंध के समान छाई हों; निराशा रूपी अंधकार का साम्राज्य हो; ऐसे समय में एक छोटी-सी आशा की किरण भी बहुत बड़ा सहारा बन सकती है। ठीक उसी प्रकार, जैसे घने अंधकार में चमकता हुआ जुगनू। तुम्हें भी निराश, हताश लोगों के मन में आशा की किरण जगाना चाहिए।

सभी मनुष्यों के लिए समाज में रहने के लिए कुछ सीमाएँ हैं, जिनका हमें पालन करना होता है। तभी समाज हमें और हमारे व्यवहार को स्वीकार करता है। अगर तुम चाहते हो कि लोगों में तुम्हारी कोई पहचान बने तो जिस प्रकार सीप के अंदर मूल्यवान मोती छिपा होता है, उसी प्रकार तुम्हें समाज के कल्याण के लिए श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। तुम्हारी यह कल्याण-भावना तुम्हें एक पहचान देगी, सम्मान देगी।

यदि कोई कोमल कली फूल बनने से डर रही हो। कली जानती है कि उसके खिलते ही तितली उसका रस चूसने के लिए आएगी और फूल बनी कली को परेशान करेगी। तुम फूल को तितली से बचाने का प्रयास करो। अर्थात उसके डर को दूर करने में उसकी मदद करो।

यह संसार मनुष्यों का एक सागर है। भीड़ में जाने-अनजाने अनगिनत चेहरे हर तरफ दिखाई देते हैं। हे ईश्वर, मैं चाहता हूँ कि मैं जिसे भी देखू, मुझे उसी में तुम नजर आओ। तुम तो सर्वव्यापक हो।

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Yogi Sarvkal Sukhdata Class 10 Marathi Chapter 2.2 Question Answer Maharashtra Board

Class 10th Marathi Aksharbharati Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Marathi Chapter 2.2 Question Answer

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
खालील चौकटी पूर्ण करा.
(अ) अभंगात वर्णिलेला चंद्रकिरण पिऊन जगणारा पक्षी – [              ]
(आ) पिलांना सुरक्षितता देणारे – [              ]
(इ) स्वत:ला मिळणारा आनंद – [              ]
(ई) व्यक्तीला सदैव सुख देणारा – [              ]
उत्तरः
(i) अभंगात वर्णिलेला चंद्रकिरण पिऊन जगणारा पक्षी – [चकोर]
(ii) पिलांना सुरक्षितता देणारे – [पक्षिणीचे पंख]
(iii) चिरकाल टिकणारा आनंद – [स्वानंदतृप्ती]
(iv) व्यक्तीला सदैव सुख देणारा – [योगी]

प्रश्न 2.
खालील आकृती पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ 8

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ

प्रश्न 3.
खालील तक्ता पूर्ण करा.
योगीपुरुष आणि जीवन (पाणी) यांच्यातील फरक स्पष्ट करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ 2
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ 9

प्रश्न 4.
खालील शब्दांसाठी कवितेतील समानार्थी शब्द शोधा.
(अ) जीभ –
(आ) पाणी –
(इ) गोडपणा –
(ई) ढग –
उत्तरः
(i) जीभ – रसना
(ii) पाणी – जीवन, उदक, जल
(iii) गोडपणा – मधुरता
(iv) ढग – मेघ

प्रश्न 5.
काव्यसौंदर्य.
(अ) खालील ओळींचे रसग्रहण करा.
तैसे योगियासी खालुतें येणें। जे इहलोकी जन्म पावणें।
जन निववी श्रवणकीर्तनें। निजज्ञानें उद्धरी।।
उत्तरः
उपरोक्त पंक्ती ‘योगी सर्वकाळ सुखाचा’ या अभंगातील असून, त्या संत श्री एकनाथ महाराजांनी लिहिल्या आहेत. त्यांनी योगी पुरूषाची तुलना पाण्याशी करून योगी पुरूष पाण्यापेक्षाही श्रेष्ठ आहे हे सांगितले आहे. एकनाथांनी योग्यांची तुलना पाण्याशी केली आहे, पण योगी पाण्यापेक्षा अतिश्रेष्ठ कसे हे उदाहरणाद्वारे पटवून दिले आहे. ज्याप्रमाणे मेघांच्या पाण्याने अन्नधान्य उगवते. सर्वलोक तृप्त होतात. त्याप्रमाणे योगी सर्वश्रेष्ठ असून ते केवळ लोकांकरीता उच्च लोकांतून इहलोकात खाली येतात. जन्म घेऊन हालअपेष्टा भोगतात ते केवळ लोकांच्या कल्याणाकरिता हालअपेष्टा भोगतात. कीर्तन कथेच्या माध्यमातून जनाना (लोकांना) संतुष्ट करतात. आत्मज्ञानाने लोकांचा उद्धार करतात.

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(आ) ‘योगी पुरुष पाण्यापेक्षा श्रेष्ठ आहे’ हे तुमच्या शब्दांत स्पष्ट करा.
उत्तर:
‘योगी सर्वकाळ सुखदाता’ या अभंगात संत श्री एकनाथ यांनी योगी पुरुषाची महानता अत्यंत समर्पक शब्दांत दाखवली आहे. त्यांनी योगी पुरुषाची तुलना ‘जीवन’ अर्थात पाण्याशी केली आहे. पाण्यापेक्षा योगी श्रेष्ठ आहेत. पाण्याने वरवरचा मळ निघतो; पण योग्यांच्या ज्ञानाने अंतर्बाहय निर्मळता होते. पाण्याने एकदा संतुष्टता मिळते आणि परत तहान लागते, पण योगी चिरकाल टिकणारी स्वानंदतृप्ती देतात. उदकाचा म्हणजे पाण्याचा गोडवा फक्त जिभेलाच कळतो पण योग्यांचा गोडवा, त्यांचे ज्ञानाचे शब्द, प्रेम सर्व इंद्रियांना तृप्त करतात. मेघांच्या पाण्याने अन्नधान्य पिकते व जनांची भूक भागते. पण योग्यांच्या कीर्तनाने, निजज्ञानाने जनांचा उद्धार होतो. त्यांचे पूर्ण जीवन सफल होते.

(इ) योगी पुरुष आणि पाणी हे दोघेही सामाजिक कार्य करतात, हे स्पष्ट करा.
उत्तरः
संत एकनाथांनी ‘योगी सर्वकाळ सुखदाता’ या अभंगात योगी पुरुष आणि पाणी यांचे समाजासाठीचे योगदान दाखवून दिले आहे. पाणी तहान शमवते. काही काळापुरती संतुष्टी देते. मेघांच्या पाण्याने शेती पिकते. अन्नधान्य पिकते. सर्वांची भूक भागवली जाते. रसनेला तृप्ती मिळते, मळ घालवते, स्वच्छता करते, योगी पुरुष ज्ञानदानाने लोकांना सुखी समाधानी करतो. त्यांना कायमची तृप्तता देतो. सर्वेद्रिय तृप्त करतो. मेघांचे पाणी खाली पडून शेती पिकवते. पण योगीपुरुष तर स्वत:च उच्च अवस्थेतून इहलोकात जन्म घेतात. सर्व दीनांना, जनांना कीर्तन, प्रबोधनाद्वारे आत्मज्ञानाचे चिरंतर सुख देतात. त्यांच्या जीवनाचा उद्धार करतात. योगीपुरुष आणि पाणी दोघेही समाजासाठी अमूल्य आहेत.

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions Chapter 2.2 संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १.
पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
सहसंबंध लिहा.
जळ वरिवरी क्षाळी : मळ : : योगी सबाह्य करी : …………………….
उत्तरः
निर्मळ

प्रश्न 3.
चौकट पूर्ण करा.
उत्तरः
(i) क्षणात तृषित करणारे – [उदक]
(ii) सर्वकाळ सुख देणारा – [योगी]
(iii) योगी हे देतो – [स्वानंदतृप्ती]
(iv) योग्याने दिलेल्या सुखाला हे नाही – [विकृती]

प्रश्न 4.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) जेवीं चंद्रकिरण चकोरांसी। ………………………………. जेवीं पिलियांसी। (चखोवा, बकोवा, पांखोवा, ठकोवा)
(ii) ………………………………. जैसे कां जीवांसी। तेवीं सर्वांसी मृदुत्व।। (जीवन, मन, सुख, समाधान)
(iii) जळ वरिवरी क्षाळी ……………………………….। योगिया सबाह्य करी निर्मळ।। (पाणी, बळ, मळ, तळमळ)
(iv) ………………………………. सुखी करी एक वेळ। योगी सर्वकाळ सुखदाता। (पाणी, बदक, उदक, जल)
(v) तैसे योगियासी खालुतें येणें। इहलोकी ……………………………….” पावणें। (जन्म, मृत्यू, जीवन, जीव)
(vi) अध:पातें निवती ………………………………. अन्नदान सकळांसी।। (जन, लोक, जनता, जीव)
उत्तर:
(i) पांखोवा
(ii) जीवन
(iii) मळ
(iv) उदक
(v) जन्म
(vi) जन

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प्रश्न 5.
काव्यपंक्तीचा योग्य क्रम लावा.
(i) मेघमुखें अध:पतन। उदकाचे देखोनि जाण।
(ii) जन निववी श्रवणकीर्तनें। निजज्ञानें उद्धरी।।
(iii) जेवी चंद्रकिरण चकोरांसी। पांखोवा जेवीं पिलियांसी।।
(iv) योगिया दे स्वानंदतृप्ती। सुखासी विकृती पैं नाही।।
उत्तर:
(i) जेवी चंद्रकिरण चकोरांसी। पांखोवा जेवीं पिलियांसी।।
(ii) योगिया दे स्वानंदतृप्ती। सुखासी विकृती पैं नाही।।
(iii) मेघमुखें अध:पतन। उदकाचें देखोनि जाण।
(iv) जन निववी श्रवणकीर्तनं। निजज्ञानें उद्धरी।।

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
समानार्थी शब्दांच्या जोड्या लावा. (पाणी मुख रसना मधुर)
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उत्तर:
(i) पाणी – उदक
(ii) गोड – मधुर
(iii) मुख – तोंड
(iv) जीभ – रसना.

प्रश्न 3.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
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प्रश्न 4.
एका शब्दात उत्तरे लिहा.
(i) योगी याद्वारे जनांना निववितात – श्रवणकीर्तन
(ii) योगी येथे जन्माला येतात – इहलोक
(ii) जनांचा यामुळे उद्धार होतो . निजज्ञान

प्रश्न 5.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) पाण्याची मधुरता कोणाला संतुष्ट करते?
उत्तरः
पाण्याची मधुरता रसनेला (जिभेला) संतुष्ट करते.

(ii) योग्यांचे गोडपण कोणाला संतुष्ट करते?
उत्तरः
योग्यांचे गोडपण सर्व इंद्रियांना संतुष्ट करते.

(iii) कोणाच्या अध:पाताने लोक समाधानी होतात?
उत्तरः
पाण्याच्या अध:पाताने लोक समाधानी होतात.

(iv) स्वानंदतृप्ती कोण देतो?
उत्तरः
स्वानंदतृप्ती योगी देतो.

पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक ४

२. संतवाणी

(आ) योगी सर्वकाळ सुखदाता
जेवीं चंद्रकिरण चकोरांसी। पांखोवा जेवीं पिलियांसी।
जीवन जैसे कां जीवांसी। तेवीं सर्वांसी मृदुत्व।।
जळ वरिवरी क्षाळी मळ। योगिया सबाह्य करी निर्मळ।
उदक सुखी करी एक वेळ। योगी सर्वकाळ सुखदाता।।
उदकाचे सुख ते किती। सर्वेचि क्षणे तृषितें होती।
योगिया दे स्वानंदतृप्ती। सुखासी विकृती पैं नाही।।
उदकाची जे मधुरता। ते रसनेसीचि तत्त्वतां।
योगियांचे गोडपण पाहतां। होय निवविता सर्वेद्रियां।।
मेघमुखें अध:पतन। उदकाचे देखोनि जाण।।
अध:पातें निवती जन। अन्नदान सकळांसी।।
तैसे योगियासी खालुतें येणें। जे इहलोकी जन्म पावणे।
जन निववी श्रवणकीर्तनें। निजज्ञानें उद्धरी।।

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कृती ३: कवितेतील शब्दांचा अर्थ

प्रश्न 1.
खालील कवितेतील शब्दांचा अर्थ लिहा.
(i) जेवि
(ii) चंद्र
(iii) पांखोवा
(iv) जीवन
उत्तर:
(i) ज्याप्रमाणे
(ii) शशी, सुधाकर
(iii) पक्षिणीचे पंख
(iv) पाणी कृती

काव्यसौंदर्य.

प्रश्न 1.
पुढील काव्यपंक्तीतील आशयसौंदर्य स्पष्ट करा.
जेवीं चंद्रकिरण चकोरांसी। पांखोवा जेवीं पिलीयासी।
जीवन जैसे कां जीवांसी। तेवीं सर्वांसी मृदुत्व।।
उत्तरः
योगी पुरूषाचे श्रेष्ठत्व स्पष्ट करताना संत एकनाथ सांगतात की, जो आत्म्याला परमेश्वराशी थेट जोडतो तो योगी असतो. त्याप्रमाणे चकोर पक्ष्यासाठी चंद्रकिरण हे त्यांचे जीवन असते. चंद्राची किरणे पिऊन तो जगतो अशी कल्पना आहे. तसेच पक्षिणी आपल्या लहान पिल्लांना पंखाखाली घेते, त्यांना मायेची ऊब देते. पिल्लांना पक्षिणीचे पंख सुरक्षित ठेवतात. पाणी हे पृथ्वीवरील सर्व सजीवांचे जीवन असते. पाण्याशिवाय सजीवांचे जीवन अशक्य आहे. त्याचप्रमाणे योग्यांचे स्थान समाजात असते. ते अत्यंत मृदू, प्रेमळ असतात. सर्वांशी त्यांचे वागणे प्रेमाचे आणि मृदू असते. असा हा योगी पुरुष आपल्या विचारांच्या ज्ञानाच्या पंखाखाली आपणा सर्वांना एकत्र आणतो आणि आपले जीवन सुख समाधानाने भरून टाकतो.

प्रश्न 2.
दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी/कवयित्री:
संत एकनाथ

(२) प्रस्तुत कवितेचा विषयः
योगीपुरूष व पाण्याची तुलना करून योगी पुरूषाचे श्रेष्ठत्व स्पष्ट केले आहे.

(३) प्रस्तुत कवितेतील दिलेल्या दोन ओळींचा सरळ अर्थ:
उदकाची जे मधुरता। ते रसनेसीचि तत्वतां।
योगियांचे गोडपण पाहतां। होय निवविता सर्वेद्रियां।।
पाण्यापेक्षाही योगी पुरुषाचे श्रेष्ठत्व स्पष्ट करताना एकनाथ
महाराज म्हणतात की, पाण्याचा गोडवा जिभेला कळतो. तो जिभेपुरता मर्यादित असतो. परंतु योग्याच्या सहवासाने लाभलेले माधुर्य मनुष्याच्या सर्वच इंद्रियांना संतुष्ट करते. मानवी मनातील कटुता नष्ट होऊन मनाला एक आंतरिक समाधान लाभते ते चिरकाल टिकणारे असते.

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(४) प्रस्तुत कवितेतून मिळणारा संदेशः
संत एकनाथांनी ‘योगी सर्वकाळ सुखदाता’ या अभंगात योगी पुरूष आणि पाणी यांचे समाजासाठीचे योगदान दाखवून दिले आहे. पाणी आणि योगी पुरूष आपापल्या परीने समाजासाठी योग्य असे सामाजिक कार्य करीत असतात. आपल्याला त्यांच्यासारखे समाजोपयोगी कार्य करायला नाही जमले तरी निदान योगी पुरूषांनी दाखवलेल्या सन्मार्गावरून आपण गेले पाहिजे व आपल्या जीवनाचे कल्याण करून घ्यायला हवे, असा संदेश आपल्याला मिळतो.

(५) प्रस्तुत कविता आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारण:
संत एकनाथांनी योगी पुरूष आणि पाणी यांचे समाजासाठीचे योगदान दाखवून दिले आहे. चंद्रकिरण व चकोर, पांखोवा व पिल्ले, जीवन (पाणी) व जीव या उदाहरणांच्या अप्रतिम वापराने मनातील भाव समर्पकरित्या व्यक्त झालेला आहे. त्यामुळे हा अभंग मनापर्यंत पोहोचतो. मेघांचे रूपक घेऊन योगी पुरूषांचे खालुते येणे ही एकनाथ महाराजांनी योजलेली कल्पना मनाला भावल्यामुळे हा अभंग मला खूप आवडला आहे.

(६) प्रस्तुत कवितेतील शब्दांचे अर्थ:
(i) तेवी – त्याप्रमाणे
(ii) जळ – पाणी
(iii) क्षाळणे – धुणे
(iv) मळ – मल, मैला
(स्वाध्याय कती)

*(५) काव्यसौंदर्य

(१) तैसे योगियांसी खालुतें येणे। जे इहलोकी जन्म पावणे।
जन निववी श्रवणकीर्तनें। निजज्ञानें उद्धरी।।
उत्तरः
उपरोक्त पंक्ती ‘योगी सर्वकाळ सुखाचा’ या अभंगातील असून, त्या संत श्री एकनाथ महाराजांनी लिहिल्या आहेत. त्यांनी योगी पुरूषाची तुलना पाण्याशी करून योगी पुरूष पाण्यापेक्षाही श्रेष्ठ आहे हे सांगितले आहे. एकनाथांनी योग्यांची तुलना पाण्याशी केली आहे, पण योगी पाण्यापेक्षा अतिश्रेष्ठ कसे हे उदाहरणाद्वारे पटवून दिले आहे. ज्याप्रमाणे मेघांच्या पाण्याने अन्नधान्य उगवते. सर्वलोक तृप्त होतात. त्याप्रमाणे योगी सर्वश्रेष्ठ असून ते केवळ लोकांकरीता उच्च लोकांतून इहलोकात खाली येतात. जन्म घेऊन हालअपेष्टा भोगतात ते केवळ लोकांच्या कल्याणाकरिता हालअपेष्टा भोगतात. कीर्तन कथेच्या माध्यमातून जनाना (लोकांना) संतुष्ट करतात. आत्मज्ञानाने लोकांचा उद्धार करतात.

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(२) ‘योगी पुरुष पाण्यापेक्षा श्रेष्ठ आहे’ हे तुमच्या शब्दांत स्पष्ट करा.
उत्तर:
‘योगी सर्वकाळ सुखदाता’ या अभंगात संत श्री एकनाथ यांनी योगी पुरुषाची महानता अत्यंत समर्पक शब्दांत दाखवली आहे. त्यांनी योगी पुरुषाची तुलना ‘जीवन’ अर्थात पाण्याशी केली आहे. पाण्यापेक्षा योगी श्रेष्ठ आहेत. पाण्याने वरवरचा मळ निघतो; पण योग्यांच्या ज्ञानाने अंतर्बाहय निर्मळता होते. पाण्याने एकदा संतुष्टता मिळते आणि परत तहान लागते, पण योगी चिरकाल टिकणारी स्वानंदतृप्ती देतात. उदकाचा म्हणजे पाण्याचा गोडवा फक्त जिभेलाच कळतो पण योग्यांचा गोडवा, त्यांचे ज्ञानाचे शब्द, प्रेम सर्व इंद्रियांना तृप्त करतात. मेघांच्या पाण्याने अन्नधान्य पिकते व जनांची भूक भागते. पण योग्यांच्या कीर्तनाने, निजज्ञानाने जनांचा उद्धार होतो. त्यांचे पूर्ण जीवन सफल होते.

(३) योगी पुरुष आणि पाणी हे दोघेही सामाजिक कार्य करतात हे स्पष्ट करा.
उत्तरः
संत एकनाथांनी ‘योगी सर्वकाळ सुखदाता’ या अभंगात योगी पुरुष आणि पाणी यांचे समाजासाठीचे योगदान दाखवून दिले आहे. पाणी तहान शमवते. काही काळापुरती संतुष्टी देते. मेघांच्या पाण्याने शेती पिकते. अन्नधान्य पिकते. सर्वांची भूक भागवली जाते. रसनेला तृप्ती मिळते, मळ घालवते, स्वच्छता करते, योगी पुरुष ज्ञानदानाने लोकांना सुखी समाधानी करतो. त्यांना कायमची तृप्तता देतो. सर्वेद्रिय तृप्त करतो. मेघांचे पाणी खाली पडून शेती पिकवते. पण योगीपुरुष तर स्वत:च उच्च अवस्थेतून इहलोकात जन्म घेतात. सर्व दीनांना, जनांना कीर्तन, प्रबोधनाद्वारे आत्मज्ञानाचे चिरंतर सुख देतात. त्यांच्या जीवनाचा उद्धार करतात. योगीपुरुष आणि पाणी दोघेही समाजासाठी अमूल्य आहेत.

संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ Summary in Marathi

संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ भावार्थ‌‌

जेवी‌ ‌चंद्रकिरण‌ ‌चकोरांसी‌ ‌।‌ ‌पांखोवा‌ ‌जेवीं‌ ‌पिलियांसी‌ ‌।‌ ‌
जीवन‌ ‌जैसे‌ ‌का‌ ‌जीवांसी‌ ‌।‌ ‌तेवीं‌ ‌सर्वांसी‌ ‌मृदुत्व।।‌‌

योगी‌ ‌पुरुषाचे‌ ‌श्रेष्ठत्व‌ ‌स्पष्ट‌ ‌करताना‌ ‌संत‌ ‌एकनाथ‌ ‌सांगतात‌ ‌की,‌ ‌जो‌ ‌आत्म्याला‌ ‌परमेश्वराशी‌ ‌थेट‌ ‌जोडतो‌ ‌तो‌ ‌योगी‌ ‌असतो.‌ ‌त्याप्रमाणे‌ ‌चकोर‌ ‌पक्ष्यांसाठी‌ ‌चंद्रकिरण‌ ‌हे‌ ‌त्यांचे‌ ‌जीवन‌ ‌असते.‌ ‌चंद्राची‌ ‌किरणे‌ ‌पिऊन‌ ‌तो‌ ‌जगतो‌ ‌अशी‌ ‌कल्पना‌ ‌आहे.‌ ‌तसेच‌ ‌पक्षिणी‌ ‌आपल्या‌ ‌लहान‌ ‌पिल्लांना‌ ‌पंखाखाली‌ ‌घेते.‌ ‌त्यांना‌ ‌मायेची‌ ‌ऊब‌ ‌देते.‌ ‌पिल्लांना‌ ‌पक्षिणीचे‌ ‌पंख‌ ‌सुरक्षित‌ ‌ठेवतात.‌ ‌पाणी‌ ‌हे‌ ‌पृथ्वीवरील‌ ‌सर्व‌ ‌सजीवांचे‌ ‌जीवन‌ ‌असते.‌ ‌पाण्याशिवाय‌ ‌सजीवांचे‌ ‌जीवन‌ ‌अशक्य‌ ‌आहे.‌ ‌त्याचप्रमाणे‌ ‌योग्यांचे‌ ‌स्थान‌ ‌समाजात‌ ‌असते.‌ ‌ते‌ ‌अत्यंत‌ ‌मृदू,‌ ‌प्रेमळ‌ ‌असतात.‌ ‌सर्वांशी‌ ‌त्यांचे‌ ‌वागणे‌ ‌प्रेमाचे‌ ‌आणि‌ ‌मृदू‌ ‌असते.‌ ‌असा‌ ‌हा‌ ‌योगी‌ ‌पुरुष‌ ‌आपल्या‌ ‌विचारांच्या‌ ‌ज्ञानाच्या‌ ‌पंखाखाली‌ ‌आपणा‌ ‌सर्वांना‌ ‌एकत्र‌ ‌आणतो‌ ‌आणि‌ ‌आपले‌ ‌जीवन‌ ‌सुख‌ ‌समाधानाने‌ ‌भरून‌ ‌टाकतो.‌‌

जळ‌ ‌वरिवरी‌ ‌क्षाळी‌ ‌मळ‌ ‌।‌ ‌योगिया‌ ‌सबाह्य‌ ‌करी‌ ‌निर्मळ‌ ‌।‌ ‌
उदक‌ ‌सुखी‌ ‌करी‌ ‌एक‌ ‌वेळ‌ ‌।‌ ‌योगी‌ ‌सर्वकाळ‌ ‌सुखदाता‌ ‌।।‌‌

योगी‌ ‌पुरुष‌ ‌हा‌ ‌पाण्यापेक्षा‌ ‌श्रेष्ठ‌ ‌कसा‌ ‌आहे,‌ ‌हे‌ ‌सांगताना‌ ‌एकनाथ‌ ‌महाराज‌ ‌पुढे‌ ‌सांगतात‌ ‌की,‌ ‌पाण्याने‌ ‌शरीरावरील‌ ‌मळ‌ ‌धुतला‌ ‌जातो.‌ ‌पाण्याने‌ ‌शरीर‌ ‌वरवर‌ ‌धुतले‌ ‌जाते.‌ ‌कालांतराने‌ ‌शरीर‌ ‌पुन्हा‌ ‌अशुद्ध‌ ‌होते.‌ ‌परंतु‌ ‌योगी‌ ‌पुरुषाच्या‌ ‌सहवासाने‌ ‌शरीर‌ ‌व‌ ‌मनाचीही‌ ‌शुद्धी‌ ‌होते.‌ ‌माणसांतील‌ ‌वाईट‌ ‌विचारांचा‌ ‌नाश‌ ‌होऊन‌ ‌अंतर्बाहय‌ ‌मन‌ ‌निर्मळ‌ ‌होते.‌ ‌पाण्याने‌ ‌होणारी‌ ‌शुद्धी‌ ‌ही‌ ‌क्षणिक,‌ ‌एकावेळेपर्यंत‌ ‌मर्यादित‌ ‌असते.‌ ‌पंरतु,‌ ‌योगी‌ ‌सर्वकाळ‌ ‌सुखदायक‌ ‌असतो.‌ ‌योगी‌ ‌लोकांना‌ ‌शारीरिक‌ ‌आणि‌ ‌मानसिक‌ ‌स्वच्छतेची‌ ‌शिकवण‌ ‌देऊन‌ ‌त्यांचे‌ ‌आयुष्य‌ ‌कायमस्वरूपी‌ ‌उजळून‌ ‌टाकतो.‌ ‌त्याच्या‌ ‌सान्निध्यात‌ ‌प्रत्येकाला‌ ‌सुख‌ ‌प्राप्त‌ ‌होते.‌‌

उदकाचें‌ ‌सुख‌ ‌ते‌ ‌किती‌ ‌।‌ ‌सवेंचि‌ ‌क्षणे‌ ‌तृषितें‌ ‌होती।‌ ‌
योगिया‌ ‌दे‌ ‌स्वानंदतृप्ती‌ ‌।‌ ‌सुखासी‌ ‌विकृती‌ ‌मैं‌ ‌नाही‌ ‌।।‌

‌संत‌ ‌एकनाथ‌ ‌महाराज‌ ‌पुढे‌ ‌सांगतात‌ ‌की,‌ ‌पाण्याने‌ ‌मिळणारे‌‌ सुख‌ ‌हे‌ ‌क्षणिक‌ ‌व‌ ‌मर्यादित‌ ‌आहे.‌ ‌खूप‌ ‌तहानलेल्या‌ ‌माणसाला‌ ‌पाणी‌ ‌प्यायल्याने‌ ‌क्षणभर‌ ‌लगेच‌ ‌समाधान‌ ‌मिळते;‌ ‌पण‌ ‌पुन्हा‌ ‌काही‌ ‌वेळाने‌ ‌तहान‌ ‌लागते.‌ ‌पाण्याने‌ ‌मिळणारी‌ ‌तृप्ती‌ ‌ही‌ ‌क्षणिक‌ ‌असते.‌ ‌परंतु‌ ‌योगी‌ ‌पुरुषांच्या‌ ‌सान्निध्याने‌ ‌स्वानंदतृप्ती‌ ‌लाभते.‌ ‌मनाला‌ ‌एक‌ ‌कायमस्वरूपी‌ ‌सुख‌ ‌समाधान‌ ‌मिळते.‌ ‌जे‌ ‌सुख‌ ‌कमी‌ ‌होत‌ ‌नाही‌ ‌किंवा‌ ‌संपतही‌ ‌नाही‌ ‌असे‌ ‌सुख‌ ‌माणसाला‌ ‌प्राप्त‌ ‌होते.‌ ‌म्हणजेच‌ ‌सुखाला,‌ ‌आनंदाला‌ ‌कसलीच‌ ‌विकृती‌ ‌राहत‌ ‌नाही.‌ ‌याच‌ ‌स्वानंदतृप्तीसाठी‌ ‌प्रत्येकजण‌ ‌धडपडत‌ ‌असतो.‌ ‌योगी‌ ‌पुरुषाच्या‌ ‌सहवासामुळे‌ ‌ही‌ ‌तृप्ती‌ ‌आपणास‌ ‌सहज‌ ‌प्राप्त‌ ‌होते.‌‌

उदकाची‌ ‌जे‌ ‌मधुरता‌ ‌।‌ ‌ते‌ ‌रसनेसीचि‌ ‌तत्त्वतां‌।‌‌
योगियांचे‌ ‌गोडपणा‌ ‌पाहतां‌ ‌।‌ ‌होय‌ ‌निवविता‌ ‌सर्वेद्रियां‌ ।।‌‌

पाण्यापेक्षाही‌ ‌योगी‌ ‌पुरुषांचे‌ ‌श्रेष्ठत्व‌ ‌स्पष्ट‌ ‌करताना‌ ‌एकनाथ‌ ‌महाराज‌ ‌म्हणतात‌ ‌की,‌ ‌पाण्याचा‌ ‌गोडवा‌ ‌केवळ‌ ‌जिभेलाच‌ ‌कळतो.‌ ‌तो‌ ‌जिभेपुरताच‌ ‌मर्यादित‌ ‌असतो.‌ ‌परंतु‌ ‌योग्याच्या‌ ‌सहवासाने‌ ‌लाभलेले‌ ‌माधुर्य‌ ‌मनुष्याच्या‌ ‌सर्वच‌ ‌इंद्रियांना‌ ‌संतुष्ट‌ ‌करते.‌ ‌मनातील‌ ‌कटुता‌ ‌नष्ट‌ ‌होऊन‌ ‌मनाला‌ ‌एक‌ ‌आंतरिक‌ ‌समाधान‌ ‌लाभते.‌ ‌ते‌ ‌चिरकाळ‌ ‌टिकणारे‌ ‌असते.‌‌

मेघमुखें‌ ‌अध:पतन‌ ‌।‌ ‌उदकाचें‌ ‌देखोनि‌ ‌जाण‌ ‌।‌ ‌
अध:पातें‌ ‌निवती‌ ‌जन‌ ‌।‌ ‌अन्नदान‌ ‌सकळांसी‌ ‌।।‌‌

पाण्याचे‌ ‌श्रेष्ठत्व‌ ‌पटवून‌ ‌देतांना‌ ‌संत‌ ‌एकनाथांनी‌ ‌अप्रतिम‌ ‌दृष्टान्त‌ ‌दिला‌ ‌आहे.‌ ‌ते‌ ‌म्हणतात‌ ‌की,‌ ‌मेघाच्या‌ ‌मुखातून‌ ‌पाण्याचे‌ ‌अध:पतन‌ ‌होते,‌ ‌म्हणजेच‌ ‌आकाशातील‌ ‌काळ्या‌ ‌ढगांमधून‌ ‌पाण्याच्या‌ ‌धारा‌ ‌धरतीवर‌ ‌बरसतात.‌ ‌त्यामुळे‌ ‌सर्व‌ ‌लोकांना‌ ‌खूप‌ ‌आनंद‌ ‌होतो.‌ ‌सगळे‌ ‌लोक‌ ‌समाधानी‌ ‌होतात.‌ ‌कारण‌ ‌या‌ ‌मेघांतून‌ ‌कोसळणाऱ्या‌ ‌पाण्यामुळे‌ ‌धरतीवर‌ ‌हिरवळ‌ ‌पसरते.‌ ‌त्यातून‌ ‌अन्नधान्याची‌ ‌निर्मिती‌ ‌होते.‌ ‌खायला‌ ‌अन्न‌ ‌व‌ ‌प्यायला‌ ‌पोटभर‌ ‌पाणी‌ ‌मिळाल्याने‌ ‌लोक‌ ‌सुखी–समाधानी‌ ‌होतात.‌‌

तैसे‌ ‌योगियासी‌ ‌खालुतें‌ ‌येणें‌ ‌।‌ ‌जे‌ ‌इहलोकी‌ ‌जन्म‌ ‌पावणे।‌
‌जन‌ ‌निववी‌ ‌श्रवणकीर्तनें‌ ‌।‌ ‌निजज्ञानें‌ ‌उद्धरी‌ ‌।।‌‌

आपल्या‌ ‌आत्म्याला‌ ‌थेट‌ ‌परमेश्वराशी‌ ‌जोडू‌ ‌पाहणारा‌ ‌योगी‌ ‌किती‌ ‌श्रेष्ठ‌ ‌आहे,‌ ‌हे‌ ‌संत‌ ‌एकनाथांनी‌ ‌आपल्याला‌ ‌समजावले‌ ‌आहे.‌ ‌ते‌‌ म्हणतात‌ ‌की,‌ ‌मेघमुखातून‌ ‌धरतीवर‌ ‌येणारे‌ ‌पाणी‌ ‌जसे‌ ‌अन्नधान्याची‌ ‌निर्मिती‌ ‌करून‌ ‌लोकांना‌ ‌सुखी‌ ‌करते.‌ ‌त्याचप्रमाणे‌ ‌योगी‌ ‌पुरुषसुद्धा‌ ‌या‌ ‌इहलोकी‌ ‌जन्म‌ ‌घेतात.‌ ‌स्वर्गलोकातून‌ ‌ते‌ ‌जणू‌ ‌खाली‌ ‌येतात‌ ‌म्हणजेच‌ ‌धरतीवर‌ ‌जन्म‌ ‌घेतात‌ ‌आणि‌ ‌आत्मज्ञान‌ ‌देऊन‌ ‌सामान्य‌ ‌लोकांचा‌ ‌उद्धार‌ ‌करतात,‌ ‌त्यांचे‌ ‌कल्याण‌ ‌करतात.‌ ‌आपल्या‌ ‌भजन‌ ‌कीर्तनातून‌ ‌ज्ञान‌ ‌देऊन‌ ‌ते‌ ‌सर्व‌ ‌लोकांना‌ ‌सदैव‌ ‌सुखी–समाधानी‌ ‌करतात.‌ ‌

संतवाणी योगी सर्वकाळ सुखदाता-संत एकनाथ शब्दार्थ‌ ‌

  • ‌जेवीं‌ –‌ ‌ज्याप्रमाणे‌ –‌ ‌(in‌ ‌a‌ ‌manner)‌ ‌
  • चंद्रकिरण‌ –‌ ‌चंद्राचे‌ ‌किरण‌ –‌ ‌(moon‌ ‌beams)‌ ‌
  • चकोर‌ –‌ ‌एक‌ ‌पक्षी‌ ‌हा‌ ‌चंद्रकिरणे‌ ‌पिऊन‌ ‌जगतो‌‌ असा‌ ‌कवीसंकेत‌ ‌आहे.‌ – (It‌ ‌is‌ ‌said‌ ‌that‌ ‌this‌ ‌bird‌ ‌feeds‌ ‌himself‌‌ moonlight‌ ‌&‌ ‌to‌ ‌stay‌ ‌alive)‌ ‌
  • पांखोवा‌ –‌ ‌पक्षिणीचे‌ ‌पंख‌ –‌ ‌(wings‌ ‌of‌ ‌birds)‌ ‌
  • पिली‌ –‌ ‌पक्ष्यांची‌ ‌पिल्ले‌ –‌ ‌(offsprings‌ ‌of‌ ‌birds)‌ ‌
  • जीवन‌ –‌ ‌पाणी‌‌ –‌ ‌(water)‌ ‌
  • जीव‌ –‌ ‌सजीव‌ –‌ ‌(living‌ ‌being)‌ ‌
  • मृदुत्व‌ –‌ ‌कोमलता‌ –‌ ‌(softness)‌ ‌
  • तेवी‌ –‌ ‌त्याप्रमाणे‌‌ – (that‌ ‌like)‌ ‌
  • जल – ‌पाणी‌‌ –‌ ‌(water)‌ ‌
  • वरीवरी‌ –‌ ‌वरवरचे‌‌ – (superficial)‌ ‌
  • क्षाळी‌ –‌ ‌धुणे‌‌ –‌ ‌(wipe‌ ‌out)‌ ‌
  • मळ‌ –‌ ‌मल,‌ ‌धूळ,‌ ‌माती‌ –‌ ‌(dust,‌ ‌dirt)‌‌
  • सबाह्य‌ –‌ ‌आतून‌ ‌व‌ ‌बाहेरून‌ –‌ ‌(inner‌ ‌&‌ ‌outer‌ ‌side)‌ ‌
  • ‌निर्मळ‌ –‌ ‌स्वच्छ‌‌ – (clean)‌ ‌
  • सुख‌ –‌ ‌आनंद‌ –‌ ‌(pleasure)
  • सुखदाता‌ –‌ ‌सर्वकाळ,‌ ‌सदैव‌ ‌सुख‌ ‌देणारा‌‌ – (donor,‌ ‌giver‌ ‌of‌ ‌pleasure)‌ ‌
  • तृषित‌ –‌ ‌तहानलेला‌ –‌ ‌(thirsty)‌ ‌
  • स्वानंदतृप्ती –‌ ‌साक्षात्कार‌ –‌ ‌(ultimate‌ ‌satisfaction)‌ ‌
  • मधुरता‌ –‌ ‌गोडवा‌ –‌ ‌(sweetness)‌ ‌
  • रसना‌ –‌ ‌जीभ‌‌ – ‌(tongue)‌ ‌
  • क्षणे‌ –‌ ‌पळ‌‌ – (in‌ ‌a‌ ‌moment,‌ ‌after‌ ‌some‌ ‌time)‌ ‌
  • विकृती‌ –‌ ‌(येथे‌ ‌अर्थ)‌ ‌बिघाड‌ –‌ ‌(deterioration)‌ ‌
  • उदक‌ –‌ ‌पाणी‌‌ –‌ ‌(water)‌ ‌
  • गोड‌ –‌ ‌मधुर‌‌ –‌ ‌(sweet)‌ ‌
  • निवविता‌ –‌ ‌संतुष्ट‌ ‌करणे,‌ ‌शांत‌ ‌करणे‌‌ – (to‌ ‌satisfy)‌ ‌
  • सर्वंद्रिया‌ –‌ ‌पूर्ण‌ ‌शरीर,‌ ‌सगळी‌ ‌इंद्रिये‌‌ – (all‌ ‌organs‌ ‌of‌ ‌the‌ ‌body)‌ ‌
  • मेघ‌ –‌ ‌ढग‌‌ –‌ ‌(clouds)‌ ‌
  • अध:पतन,‌ ‌अध:पात‌‌ –‌ ‌खाली‌ ‌पडणे‌ – (degeneration,‌ ‌degeneracy,‌ ‌down‌ ‌fall)‌ ‌
  • निवती‌ –‌ ‌आनंदी‌ ‌होणे‌ –‌ ‌(get‌ ‌satisfied)‌‌
  • अन्नदान‌ –‌ ‌भोजनाचे‌ ‌वाटप‌ –‌ ‌(distribution‌ ‌of‌ ‌food)‌ ‌
  • सकळांशी‌ –‌ ‌सर्व‌ ‌लोक‌ – ‌(all‌ ‌people)‌
  • ‌खालुते‌ ‌येणे–‌ ‌खाली‌ ‌येणे‌ –‌ ‌(come‌ ‌down)‌ ‌
  • इहलोक‌ –‌ ‌पृथ्वी‌‌ – (earth,‌ ‌world)‌ ‌
  • जन‌ –‌ ‌लोक‌ –‌ ‌(all‌ ‌people)‌ ‌
  • निजज्ञान‌ –‌ ‌आत्मज्ञान‌‌ – (self‌ ‌realizing‌ ‌knowledge)‌ ‌
  • उद्धार‌ –‌ ‌कल्याण,‌ ‌भले‌ –‌ ‌(upliftment)

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest 

Tu Buddhi De Class 10 Marathi Chapter 1 Question Answer Maharashtra Board

Class 10th Marathi Aksharbharati Chapter 1 तू बुद्धी दे Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 1 तू बुद्धी दे Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Marathi Chapter 1 Question Answer

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे

काव्यपरिचय

‘तू बुद्धी दे’ ही प्रार्थना कवी ‘गुरू ठाकूर’ यांनी लिहिली आहे. या प्रार्थनेत सन्मार्ग, सन्मती आणि सत्संगती यांचे महत्त्व कवीने दाखवून दिले आहे. कायम सत्याची कास धरून संवेदनशीलता जपण्यासाठी ताकद मिळावी, अनाथांचे नाथ होण्यास बळ मिळावे व या शाश्वत सौंदर्याचा ध्यास लागावा, ही भावना कवीने या प्रार्थनेतून व्यक्त केली आहे.

Tu Buddhi de’ is a prayer composed by Guru Thakur. It highlights the importance of the right path, good thoughts, and good company. The poet has prayed for truth and sensitivity. He suggests that one should have courage to be the saviour of orphans.

भावार्थ

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे 1

तू बुद्धि दे तू तेज दे नवचेतना विश्वास दे
जे सत्य सुंदर सर्वथा आजन्म त्याचा ध्यास दे

नित्य पठणीय अशी ही प्रार्थना आहे. कवी सांगतात की, हे ईश्वरा, तू आम्हाला बुद्धी दे. तू नवविचारांचे तेज दे. आपल्यामध्ये नवचेतना जागवण्यास विश्वास दे. या धरतीवर जे सत्य, सुंदर आहे. जे अजरामर आहे, जे सर्व ठिकाणी भरून राहिलेले आहे त्या सर्वांचा ध्यास माझ्या मनात जीवनभर राहू दे. म्हणजेच जे सदैव सत्य, सुंदर आहे त्याचे माझ्याकडून व्यवस्थित पालन व्हावे. तसेच त्याचप्रकारच्या नवनिर्मितीचा ध्यास म्हणजे उत्कट इच्छा आजन्म माझ्या मनात राहू दे.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे

हरवले आभाळ ज्यांचे हो तयांचा सोबती,
सापडेना वाट ज्यांना हो तयांचा सारथी
साधना करिती तुझी जे नित्य तव सहवास दे

ज्यांचा कोणी पालनकर्ता नाही, ज्यांचा सांभाळ करणारे असे कोणी नाही, ज्यांना माया देणारे आभाळ नाही त्यांचा तू सोबती-सखा बन. त्यांना आश्रय देण्याचे काम तू कर. त्यांना मायेची सावली देण्याचे काम कर. जे जीवनाच्या वाटेवर प्रवास करताना भरकटलेले आहेत, ज्यांना जीवनाच्या सार्थकतेची वाट सापडत नाही त्यांचा तू सारथी बनून मार्ग दाखवण्याचे काम कर. तुझी जे साधना करतात, नित्य तुझी जे प्रार्थना करतात. त्यांना तू सतत तुझा सहवास दे. म्हणजेच तू नेहमीच त्यांच्या सोबत राहा.

जाणावया दुर्बलांचे दु:ख आणि वेदना
तेवत्या राहो सदा रंध्रातुनी संवेदना
धमन्यातल्या रुधिरास या खल भेदण्याची आस दे
सामर्थ्य या शब्दांस आणि अर्थ या जगण्यास दे

या जगात जे दुर्बल आहेत, त्यांचे दुःख आणि वेदना जाणून घेण्यासाठी माझ्या शरीरातील रंधा-रंध्रात सतत संवेदना तेवत ठेवण्याचे काम तू कर. माझ्या मधील संवेदना सतत जागृत ठेवण्याचे काम तू कर. दुःखितांचे दुःख दूर करण्याची आस माझ्या शरीरातील प्रत्येक धमन्यातून वाहणाऱ्या रक्तात असू दे. ही शब्दरूपी काव्य सुमने मी तुझ्यापुढे ठेवतो. त्या सर्व शब्दास आणि माझ्या संपूर्ण जगण्यास एक प्रकारचा अर्थ तू दे. जेणेकरून माझा जन्म दुर्बलांचे दु:ख दूर करण्यासाठी उपयोगी पडेल.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे

सन्मार्ग आणि सन्मती लाभो सदा सत्संगती
नीती ना ही भ्रष्ट हो जरी संकटे आली किती
पंखास या बळ दे नवे झेपावण्या आकाश दे

मला सतत चांगला मार्ग आणि चांगली बुद्धी लाभू दे. सतत चांगल्या, सज्जन माणसांची संगत मिळू दे. माझ्या जीवनात कितीही संकटे आली तरी मी माझ्या कर्तव्यापासून कधी दूर होणार नाही, अशी माझी नितीमत्ता राहू दे. माझे आचरण कधीही भ्रष्ट होऊ नये. जीवनरूपी वाटेवरून प्रवास पार करण्यासाठी या पंखांना तू बळ दे. कायम सत्याची कास धरून संवेदनशीलता जपण्यासाठी तसेच आकाशात झेपावण्यासाठी बळ दे. म्हणजेच सतत सौंदर्याचा ध्यास माझ्या मनात राहू दे आणि तो ध्यास पूर्ण करण्यासाठी नवे आकाश म्हणजेच आकाशाएवढ्या नव्या संध्या तू निर्माण कर, की ज्यामध्ये मी माझे कर्तृत्व दाखवू शकेन.

शब्दार्थ

तेज – उत्साह – (energy, vigour)
नव – नवीन – (new) Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे
चेतना – उत्तेजन, प्रोत्साहन – (inspiration)
सर्वथा – सदैव, सर्व अर्थांनी –
आजन्म – आयुष्यभर, जन्मभर – (lifetime)
ध्यास – उत्कट इच्छा – (agreat longing)
तयांचा – त्यांचा – (to him)
सोबती – सखा, मित्र – (friend)
सापडेना – मिळेना – (not Found)
वाट – रस्ता, मार्ग – (way)
साधना – तपश्चर्या – (learring the hard way)
करिती – करतात – (todo)
नित्य – रोज – (daily)
तव – त्यांना – (to him) Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे
जाणवाया – जाणून घेण्यासाठी – (to understand)
दुर्बल – ज्यांच्यात बल (शक्ती) नाही – (weak, feeble)
तेवत्या – तेवत (जळणे) – (to be lit)
सदा – सतत – (always)
संवेदना – सह वेदना – (sensation)
खल – दुष्ट – (wicked)
भेदणे – दूर करणे
आस – इच्छा, आवड – (a great longing)
सामर्थ्य – शक्ती – (power, strength)
सन्मार्ग – चांगला मार्ग – (true way)
सन्मती – चांगली बुद्धी – (good thoughts)
लाभो – मिळणे – (to get)
सत्संगती – चांगली संगत (सोबत) – (good company)
भ्रष्ट – वाईट – (polluted)
बळ – शक्ती – (power) Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 1 तू बुद्धी दे
झेपावण्या – उडण्यासाठी – (to spring or leap)
सारथी – मार्गस रस्ता, दिशा दाखवणारा
रंध – त्वचेवरील अतिसूक्ष्म छिद्र – (pores)
धमन्या – संपूर्ण शरीरभर रक्त वाहून नेणाऱ्या नसा/नाडी – (veins)
रुधिर – रक्त – (blood)
नीती – सदाचाराचे नियम

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Class 10 Hindi Chapter 11 Krushak Gan Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 11 Krushak Gan Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 11 कृषक गान Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 11 कृषक गान Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 11 कृषक गान Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 8

प्रश्न 2.
कृतियाँ पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 6
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 7

प्रश्न 3.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
a. कृषक कमजोर शरीर को ____________
b. कृषक बंजर जमीन को ____________
उत्तर:
(i) कृषक कमजोर शरीर को पत्तियों से पालता है।
(ii) कृषक बंजर जमीन को अपने खून से सींचकर उर्वरा बना देता है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों में कवि के मन में कृषक के प्रति जागृत होने वाले भाव लिखिए:

पंक्ति भाव
१. आज उसपर मान कर लूँ
२. आह्वान उसका आज कर लूँ
३. नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ
४. आज उसका ध्यान कर लूँ।

उत्तर:

पंक्ति भाव
१. आज उसपर मान कर लूँअभिमान
२. आह्वान उसका आज कर लूँमानवता
३. नव सृष्टि का निर्माण कर लूँसृजनशीलता
४. आज उसका ध्यान कर लूँ।आदर

प्रश्न 5.
कविता में आए इन शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:
१. निर्माता – ____________
२. शरीर – ____________
३. राक्षस – ____________
४. मानव – ____________
उत्तर:
१. निर्माता – सृजक
२. शरीर – तन
३. राक्षस – असुर।
४. मानवता – मनुजता।

प्रश्न 6.
कविता की प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु वह संतोष रूपी धन के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही बना रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं। ऐसी दयनीय स्थिति के बावजूद उसे किसी से कुछ माँगना अच्छा नहीं लगता। वह हाथ फैलाना नहीं जानता। कृषक को अपनी दीन-हीन दशा पर भी नाज है। मैं ऐसे व्यक्ति पर अभिमान करना चाहता हूँ। कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

प्रश्न 7.
निम्न मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
1. रचनाकार कवि का नाम:
2. रचना का प्रकार:
3. पसंदीदा पंक्ति:
4. पसंदीदा होने का कारण:
5. रचना से प्राप्त प्रेरणा:
उत्तर:
(1) रचनाकार का नाम → दिनेश भारद्वाज।
(2) कविता की विधा → गान।
(3) पसंदीदा पंक्ति → हाथ में संतोष की तलवार ले जो उड़ रहा है।
(4) पसंदीदा होने का कारण → अनगिनत अभावों के होते हुए भी कृषक के पास संतोष रूपी धन है।
(5) रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा → कृषक दिन-रात परिश्रम करके संपूर्ण सृष्टि का पालन करता है। हमें उसके परिश्रम के महत्त्व को समझना चाहिए। उसका सम्मान करना चाहिए।

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 11 कृषक गान Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पट्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

→ कृति 1: (आकलन)

(1) कविता में आए इन शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:
(i) वसंत
(ii) पाला हुआ
उत्तर:
(i) वसंत – मधुमास
(ii) पाला हुआ – पालित

(2) सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) कृषक हाथ में _____________ की तलवार लेकर चल रहा है। (श्रम/संतोष/धन)
(ii) सारे संसार में _____________ और उस पर सदा पतझड़ रहता है। (वसंत/वर्षा/फूल)
(iii) कृषक को अपनी _____________ पर अभिमान है। (मेहनत/गरीबी/दीनता)
(iv) उसके लिए _____________ और छाया एक जैसी है। (धूप/रोशनी/कालिमा)
उत्तर:
(i) कृषक हाथ में संतोष की तलवार लेकर चल रहा है।
(ii) सारे संसार में वसंत और उस पर सदा पतझड़ रहता है।
(iii) कृषक को अपनी दीनता पर अभिमान है।
(iv) उसके लिए धूप और छाया एक जैसी है।

→ कृति 2: (शब्दल)

(1) पद्यांश से प्रत्यय जुड़े हुए दो शब्द ढूँढकर लिखिए:
(i) ______________
(ii) ______________
उत्तर:
(i) दीनता (ii) मनुजता।

(2) निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए:
(i) मधुमास – ______________
(ii) आह्वान – ______________
उत्तर:
(i) मधुमास – वसंत ऋतु
(ii) आह्वान – पुकार।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

→ कृति 1: (आकलन)

(1) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 12

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(2) उत्तर लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 13

(3) आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) कृषक विश्व का यह है
(ii) वह अपने क्षीण तन को इनसे पालता है
(iii) कृषक अपने खून से सींचकर ऊसरों को यह बना देता है
(iv) आज यह पीड़ित होकर रो रही है
उत्तर:
(i) कृषक विश्व का यह है – पालक
(ii) वह अपने क्षीण तन को इनसे पालता है – पत्तियों से
(iii) कृषक अपने खून से सींचकर ऊसरों को यह बना देता है – उर्वर
(iv) आज यह पीड़ित होकर रो रही है – मनुजता

(4) कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तख्ता पूर्ण कीजिए:
(i) आज उससे कर मिला, नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ।
(ii) छोड़ सारे सुर-असुर, मैं आज उसका ध्यान कर लूँ।
(iii) जोड़कर कण-कण उसी के, नीड़ का निर्माण कर लूँ।
(iv) किंतु अपने पालितों के, पद दलित हो मर रहा है।
उत्तर:
(i) किंतु अपने पालितों के, पद दलित हो मर रहा है।
(ii) आज उससे कर मिला, नव सृष्टि का निर्माण कर लूँ।
(iii) छोड़ सारे सुर-असुर, मैं आज उसका ध्यान कर लूँ।
(iv) जोड़कर कण-कण उसी के, नीड़ का निर्माण कर लूँ।

(5) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 कृषक गान 14

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→ कृति 2: (शब्द संपदा)

(1) पद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए:
(i) …………………
(ii) …………………
उत्तर:
(i) सुर-असुर
(ii) कण-कण।

(2) निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय अलग करके लिखिए:
(i) पालक = _____________
(ii) मनुजता = _____________
(iii) पीड़ित = _____________
(iv) जोड़कर = _____________
उत्तर:
(i) पालक = पाल + क
(ii) मनुजता = मनुज + ता”
(iii) पीड़ित = पीड़ा + इत
(iv) जोड़कर = जोड़ + कर।

(3) पद्यांश में आए इन शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:
(i) उपजाऊ
(ii) किसान
उत्तर:
(i) उपजाऊ – उर्वरा
(ii) किसान – कृषक

→ कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
देखिए कविता का सरल अर्थ [5]।

पद्य विश्लेषण

सूचना: यह प्रश्नप्रकार कृतिपत्रिका के प्रारूप से हटा दिया गया है। लेकिन यह प्रश्न पाठ्यपुस्तक में होने के कारण विद्यार्थियों के अधिक अभ्यास के लिए इसे उत्तर-सहित यहाँ समाविष्ट किया गया है।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) हमें अपने देश पर अभिमान है।
(ii) भूकंप में घंटों मलबे के नीचे दबे रहकर भी बच्चा जीवित रहा।
उत्तर:
(i) अभिमान – भाववाचक संज्ञा।
(ii) जीवित – गुणवाचक विशेषण।

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2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) बल्कि
(ii) तो।
उत्तर:
(i) सिरचन को लोग पूछते ही नहीं थे, बल्कि उसकी खुशामद भी करते थे।
(ii) लहरें बच्चों का रेत का घर गिरा देती तो वे नया घर बनाने लगते।

3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
………….. सम् + सार …………..
अथवा
निश्चय …………..…………..

उत्तर:

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
संसार सम् + सार व्यंजन संधि
अथवा
 निश्चय निः + चयविसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) सामने शेर को देखते ही सभी यात्री काँपने लगे।
(ii) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से सीखी हैं?
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) लगे – लगना
(ii) हैं – होना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) चलना
(ii) चमकना
(iii) लिखना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) चलना – चलाना – चलवाना
(ii) चमकना – चमकाना – चमकवाना
(iii) लिखना – लिखाना – लिखवाना

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6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) चंपत होना
(ii) मन न लगना।
उत्तर:
(i) चंपत होना।
अर्थ: गायब हो जाना।
वाक्य: पुलिस के आते ही चोर चंपत हो गया।

(ii) मन न लगना।
अर्थ: इच्छा न होना।
वाक्य: सिरचन का किसी काम में मन नहीं लग रहा था।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए: (खून का चूंट पीकर रह जाना, पानी फेरना, पिंड छुडाना)
(i) लालची और निर्लज्ज लोगों से छुटकारा पाना आसान नहीं होता।
(ii) शिवाजी आगरे से भाग निकले, इसलिए औरंगजेब को अपना मन मारकर रह जाना पड़ा।
उत्तर:
(i) लालची और निर्लज्ज लोगों से पिंड छुड़ाना आसान नहीं होता।
(ii) शिवाजी आगरे से भाग निकले, इसलिए औरंगजेब को अपना खून का चूंट पीकर रह जाना पड़ा।

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कास्क पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।
(ii) सिरचन ने जीभ को दाँत से काटकर दोनों हाथ जोड़ दिए।
उत्तर:
(i) मानू-कर्ता कारक
(ii) दाँत से-करण कारक।

8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) माँ हँसकर कहती जा जा बेचारा मेरे काम में पूजा भोग की बात ही नहीं उठाता कभी
(ii) मानू कुछ नहीं बोली बेचारी किंतु मैं चुप नहीं रह सका चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी
उत्तर:
(i) माँ हँसकर कहती,“जा-जा बेचारा मेरे काम में पूजा भोग की बात ही नहीं उठाता कभी।”
(ii) मानू कुछ नहीं बोली।…बेचारी! किंतु मैं चुप नहीं रह सका-“चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी!”

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9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) सिरचन को एक सप्ताह पहले ही काम पर लगा दिया। (पूर्ण भूतकाल)
(ii) मानू ससुराल जाती है। (सामान्य भविष्यकाल)
(iii) उनके आशीर्वाद आज भी हमें मिले। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
(i) सिरचन को एक सप्ताह पहले ही काम पर लगा दिया था।
(ii) मानू ससुराल जाएगी।
(iii) उनके आशीर्वाद आज भी हमें मिलते हैं।

10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद लिखिए:
(i) यह वही लड़का है, जिसे पुरस्कार मिला था।
(ii) मजदूर गड़ढ़ा खोदे और घर चले गए।
उत्तर:
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) गाँव के किसान सिरचन को मजदूरी के लिए नहीं बुलाते। (इच्छावाचक वाक्य)
(ii) तुम्हें समय पर स्कूल जाना चाहिए। (आज्ञावाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) काश! गाँव के किसान सिरचन को मजदूरी के लिए नहीं बुलाते।
(ii) तुम समय पर स्कूल जाओ।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) लोग गंगा नदी को पवीत्र मानते हैं।
(ii) किसी झमाने में यह शहर बहुत आबाद हैं।
उत्तर:
(i) लोग गंगा नदी को पवित्र मानते हैं।
(ii) किसी जमाने में यह शहर बहुत समृद्ध था।

कृषक गान Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्रस्तुत गीत में गीतकार दिनेश भारद्वाज एक कृषक का महत्त्व प्रतिपादित कर रहे हैं। कृषक, जो कि संपूर्ण संसार का अन्नदाता है, स्वयं अभावों में जीता है। पर किसी के समक्ष हाथ नहीं फैलाता। कवि समाज में उसका सम्मान पूर्ववत स्थापित करना चाहते हैं।

कविता का सरल अर्थ

1. हाथ में संतोष ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु उसके पास संतोष रूपी धन है। वह उसी संतोष के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं। ऐसी दयनीय स्थिति के बावजूद उसे किसी से कुछ माँगना अच्छा नहीं लगता। कृषक को अपनी दीन-हीन दशा पर भी नाज है। कवि कहते हैं कि में ऐसे व्यक्ति पर अभिमान करना चाहता हूँ। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

2. चूसकर श्रम रक्त ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक दिन-रात खेतों में काम करता है। अपने रक्त को पसीने के रूप में बहाता है और संपूर्ण जगत को जीवन-रस प्रदान करता है। ईश्वर की बनाई इस सृष्टि में उसके लिए धूप-छाया दोनों एक-सी हैं। मौसम में कैसा भी बदलाव आए, कृषक की स्थिति नहीं बदलती। मैं मानवता के साथ उसका आह्वान करना चाहता हूँ। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

3. विश्व का पालक  ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक संपूर्ण संसार का अन्नदाता है। वह अन्न उगाकर पूरे विश्व का पालन करता है। लोगों को जीवन देता है। किंतु अफसोस की बात है कि जिन लोगों को वह पालता है, उन्हीं के द्वारा उसे पददलित

किया जाता है। अपमानित किया जाता है। मैं चाहता हूँ कि मैं कृषक का हाथ पकड़कर एक नवीन सृष्टि का निर्माण करूँ, जहाँ लोग उसके महत्त्व को समझें। उसका सम्मान करें। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

4. क्षीण निज बलहीन ………………………… का गान कर लूँ।।

कृषक को जीवन में पर्याप्त सुविधाएँ नहीं मिल पाती। उसे अपने दुर्बल, क्षीण शरीर को ढकने के लिए कपड़े तक नहीं प्राप्त होते। वह पत्तों से अपना तन ढकने को मजबूर होता है। कृषक ऊसर धरती में जी-तोड़ मेहनत करके, पसीने के रूप में अपने खून को बहाकर उसे उपजाऊ बनाता है। मेरे लिए वह सभी देवी-देवताओं से ऊपर है। मैं चाहता हूँ कि देव-दानवों के स्थान पर कृषक का ही ध्यान करूं, उसी के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करूं। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

5. यंत्रवत जीवित बना ………………………… का गान कर लूँ।

कृषक एक जीवित मशीन के समान है। वह बिना अपने अधिकार माँगे मशीन की तरह पूरा जीवन काम करता रहता है। उस अन्नदाता, सृष्टि के पालक की दुर्दशा देखकर आज मानवता रो रही है। मैं कण-कण जोड़कर कृषक के लिए एक ऐसे नीड़ का, ऐसे घर का निर्माण करना चाहता हूँ, जहाँ उसे एक अच्छा जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ प्राप्त हों। मैं कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।

Class 10 Hindi Lokbharti Textbook Solutions

Santvani Ankila Mi Das Tuza Class 10 Marathi Chapter 2.1 Question Answer Maharashtra Board

Class 10th Marathi Aksharbharati Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Marathi Chapter 2.1 Question Answer

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पाठाच्या आधारे खालील कृती केव्हा घडतात ते लिहा.
(अ) माता धावून जाते ……………………………
(आ) धरणीवर पक्षिणी झेपावते ……………………………
(इ) गाय हंबरत धावते ……………………………
(ई) हरिणी चिंतित होते ……………………………
उत्तरः
(i) माता धावून जाते – आगीत बाळ सापडल्यावर
(ii) पृथ्वीवर पक्षिणी झेपावते – पिल्लू जमिनीवर पडताच
(iii) गाय हंबरत धावते – भुकेले वासरू पाहिल्यावर
(iv) हरिणी चिंतित होते – जंगलात वणवा लागल्यावर

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव

प्रश्न 2.
आकृती पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव 3

प्रश्न 3.
कोण ते लिहा.
(अ) परमेश्वराचे दास
(आ) मेघाला विनवणी करणारा
उत्तरः
(i) परमेश्वराचे दास – [संत नामदेव]
(ii) मेघाला विनवणी करणारा – [चातक]

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प्रश्न 4.
काव्यसौंदर्य.
(अ) खालील ओळींचे रसग्रहण करा.
‘सवेंचि झेंपावें पक्षिणी । पिली पडतांचि धरणीं ।।
भुकेलें वत्सरावें । धेनु हुंबरत धांवे ।।
(आ) आई, प्राणी, पक्षी यांच्या मातृप्रेमाचे कवितेतून व्यक्त झालेले वर्णन तुमच्या शब्दांत सांगा.

उत्तरः
आईच्या प्रेमाला जगात दुसरी उपमा नाही. ‘आई सारखी मायाळू आईच’ असे म्हणतात. मग ती आई कोणीही असो. प्राणी असो की पक्षी असो. तिचे बाळ, लेकरू, पिल्लू जर संकटात असेल तर ती त्याला सोडवण्यासाठी स्वत:चा जीव धोक्यात घालतेच घालते.

प्रस्तुत अभंगातून आईच्या प्रेमाची महती सांगताना संत नामदेव सांगतात की, ‘आगीमध्ये जर एखादं बाळ सापडलं तर त्याची दयाळू आई अती व्याकूळ होऊन त्याला वाचवते.’ प्राण्याच्या प्रेमाबद्दल सांगताना संत नामदेव सांगतात की, एखाद्या गाईचे वासरू भूकेने व्याकूळ होऊन ओरडत असेल तर ती माता (गाय) त्याच्यासाठी धावून जाते. त्याचप्रमाणे जंगलाला वणवा लागला असेल आणि जर एखादया हरिणीचे पाडस त्यात सापडले तर ती हरिणी त्यास वाचवण्यास अती चिंतातूर होते. त्याचप्रमाणे एखादया पक्षिणीचे पिल्लू घरट्यातून खाली जमिनीवर पडले तर ती पक्षिणी त्याला वाचवण्यासाठी लगेच झेप घेते.

(इ) संत नामदेवांनी परमेश्वराकडे केलेली विनंती सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तर:
प्रस्तुत अभंगामध्ये संत नामदेवांनी विविध उदाहरणांतून परमेश्वर कृपेची याचना केली आहे. मी सर्वस्वी तुझ्या अंकित झालो आहे. आई आपल्या मुलांसाठी ज्याप्रमाणे धावून येते त्याप्रमाणे माझ्या प्रत्येक कार्यात तू धावून यावेसे अशी अपेक्षा संत नामदेव या अभंगातून करतात.

संत नामदेव महाराज सांगतात, ज्याप्रमाणे अग्नीत सापडलेल्या लहान बाळासाठी त्याची आई, घरट्यातून जमिनीवर पडलेल्या पिलासाठी पक्षिणी, भुकेलेल्या वासरासाठी गाय आणि जंगलातील वणव्यात सापडलेल्या पाडसासाठी हरिणी धावून येते. त्याप्रमाणे परमेश्वराने आपल्या प्रत्येक कार्यास धावून यावे. संत नामदेव श्री विठ्ठलास आपली माऊली (आई) मानतात. पुढे संत नामदेव सांगतात, चातक पक्षी जसा पहिल्या पडणाऱ्या पावसाची व्याकुळतेने वाट पहात असतो, पावसाच्या ढगास तो पावसासाठी विनवितो, त्याप्रमाणे तेवढ्याच व्याकुळतेने आपल्या कार्यास धावून यावे म्हणून संत नामदेव परमेश्वरास विनंती करतात,

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(ई) पक्ष्याच्या/प्राण्याच्या आपल्या पिलाशी असलेल्या संबंधाबाबत तुमचा अनुभव लिहा.
उत्तरः
‘घार उडते आकाशी चित्त तिचे पिलापाशी’ असे म्हटले जाते. त्याप्रमाणे कोणत्याही प्राण्यांची, पशुंची, पक्ष्यांची आई असो ती आपल्या मुलांसाठी अतिशय सतर्क, व्याकूळ असते. साधी रस्त्यावर राहणारी कुत्री घ्या. ती कुत्री आपल्या पिल्लांचा कसा सांभाळ करते ते आपण अनेकवेळा पाहिले आहे. कांगारू आपल्या पिल्लास संकटाच्या वेळी आपल्या पोटात घेते. माकडीन आपल्या पिल्लास पोटाशी धरून इकडून तिकडून उड्या मारते. कोंबडी आपल्या पिल्लांचा सांभाळ कशी करते ते आपण अनेकवेळा पाहतो. कोणतेही संकट येताच ती पिल्लांना आपल्या दोन्ही पंखाखाली घेते. तसेच ती आपल्या पिलांवर झेप घालणाऱ्याला चोच मारून दूर करण्याचा प्रयत्न करते. शेवटी सगळ्यांची आई ही सारखीच असते. ती भारतातील असो, विदेशातील असो, पक्षी असो वा पशू असो आईचे प्रेम हे आपल्या मुलांवर सारखेच असते.

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १.
खालील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
(i) बाळाला वाचवण्यासाठी कोण धावून येते?
उत्तर:
बाळाला वाचवण्यासाठी माता धावून येते.

(ii) भुकेल्या वासराला पाहून कोण हंबरत धावून येते?
उत्तर:
भुकेल्या वासराला पाहून धेनू (गाय) हंबरत धावून येते.

(iii) चातक पक्षी कोणाची विनवणी करतो?
उत्तरः
चातक पक्षी मेघाची (ढगांची) विनवणी करतो.

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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
(i) संत नामदेव यांचे दास – [श्री विठ्ठलाचे]
(ii) संत नामदेव यांना धावून यायला सांगतात – [श्री विठ्ठलाला]
(iii) मेघांची विनवणी करणारा – [चातक]
(iv) पाडसासाठी चिंतित असणारी – [हरिणी]

प्रश्न 3.
खाली दिलेल्या कंसातील योग्य पर्याय निवडून अभंगांच्या ओळी पूर्ण करा.
अग्निमाजि पडे बाळू। ……………………….” धांवें कनवाळू।। (माता, जननी, आई)
(ii) तैसा धांवें माझिया काजा। अंकिला मी ……………………….” तुझा।। (मालक, स्वामी, दास)
(iii) भुकेलें वत्सरावें।………………………. हुंबरत धांवे।। (धेनु, गाय, गवा)
उत्तर:
(i) माता
(ii) दास
(ii) धेनु

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
जोड्या जुळवा.
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उत्तर:
(1 – क),
(ii – ड),
(iii – ब),
(iv – अ)

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिहा.
(i) कनवाळू : माता :: चिंतीत ……………………
(ii) धावे : धेनु :: झेंपावें ……………………
उत्तर:
(i) हरणी
(ii) पक्षिणी

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प्रश्न 3.
खाली दिलेल्या अर्थाच्या ओवी अभंगातून शोधून लिहा.
(i) आपले पिल्लू घरट्यातून येऊन खाली जमिनीवर पडताच पक्षिणी त्याच्यासाठी अगदी तत्परतेने झेपावून येते. त्याच्या सेवेला धावून जाते.
उत्तरः
सवेंचि झेंपावें पक्षिणी। पिली पडतांचि धरणीं।।

(ii) नामदेव महाराज म्हणतात की, आकाशातील ढगांना पाहून चातक पक्षी त्याची स्वत:ची तहान भागवण्यासाठी विनवणी करतो.
उत्तर:
नामा म्हणे मेघा जैसा। विनवितो चातक तैसा।।

प्रश्न 4.
कोण ते लिहा.
उत्तर:
(i) वासरासाठी हंबरणारी – [धेनु]
(ii) धरणीकडे झेपावणारी – [पक्षिणी]
(iii) बाळासाठी धावून जाणारी – [माता]

पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक २

२. संतवाणी
(अ) अंकिला मी दास तुझा
अग्निमाजि पडे बाळू।
माता धांवें कनवाळू।।१।।
तैसा धांवें माझिया काजा।
अंकिला मी दास तुझा।।२।।
सवेंचि झेंपावें पक्षिणी।
पिली पडतांचि धरणीं।।३।।
भुकेलें वत्सरावें।
धेनु हुंबरत धांवे।।४।।
वणवा लागलासे वनीं।
पाडस चिंतीत हरणी।।५।।
नामा म्हणे मेघा जैसा।
विनवितो चातक तैसा।।६।।

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कृती ३: कवितेतील शब्दांचा अर्थ

प्रश्न 1.
खालील कवितेतील शब्दांचा अर्थ लिहा.
(i) अग्नी
(ii) माता
(iii) तैसा
(iv) काजा
उत्तर:
(i) आग
(ii) आई
(iii) त्याप्रमाणे
(iv) काम कृती

काव्यसौंदर्य

प्रश्न 1.
लील काव्यपंक्तीतील आशयसौंदर्य स्पष्ट करा.
‘अग्निमाजि पडे बाळू। माता धांवें कनवाळू।।
तैसा धांवें माझिया काजा। अंकिला मी दास तुझा।।’
उत्तरः
वारकरी संप्रदायाचे महान प्रचारक संत नामदेव महाराज अगदी मनापासून आर्तपणे विठ्ठलाचा धावा करतात. त्यासाठी ते अतिशय समर्पक दृष्टान्त देतात. ते म्हणतात की, ज्याप्रमाणे नजरचुकीने अग्नीत सापडलेल्या बाळाला वाचवण्यासाठी त्याची आई व्याकूळ होऊन , काळजीने त्याच्याजवळ धावून जाते. त्याला मायेने, प्रेमाने उचलून घेते. त्याचप्रमाणे हे प्रभू, विठ्ठला, मी पूर्णपणे तुझा अंकित आहे. मी तुझा दास, सेवक आहे. आईप्रमाणे तुम्ही माझ्या अडचणीत, माझ्या कार्यात व्याकूळ होऊन धावत या.

प्रश्न 2.
संत नामदेवांनी ‘आईकडून (विठ्ठलाकडून) व्यक्त केलेल्या अपेक्षा अभंगाच्या आधारे लिहा.
उत्तरः
या जगात (विश्वात) आपल्या मुलाबाळांपेक्षा मातेला कोणीही महत्त्वाचे नसते. आपल्या मुलापुढे मातेला दुसऱ्या सर्व गोष्टी गौण वाटतात, आई आपल्या मुलांच्या सुखातच आपले सुख मानत असते, आई आपल्या अपत्यासाठी काहीही करू शकते. मग ती आई प्राणी, पशु किंवा पक्षी कोणीही असू दया. संत नामदेव महाराज सांगतात की, आपले बाळ आगीत सापडले तर, त्या बाळाची आई व्याकूळ होऊन त्याला आगीतून वाचवण्यासाठी धावून जाते. घरट्यातून पिल्लू जमिनीवर पडले तर पक्षिणी त्यासाठी तत्परतेने जमिनीकडे झेपावते. भूकेल्या वासराला पाहून गाय हंबरून त्याच्याकडे धाव घेते. जंगलातल्या वणव्यात सापडलेल्या पाडसाला वाचवण्यासाठी हरिणी चिंतीत होते. त्याचप्रमाणे नामदेवांना वाटते, मी सर्वस्वी तुझा (विठ्ठलाचा) अंकित आहे. तेव्हा माझ्या आईने (विठ्ठलाने) माझ्यासाठी तत्परतेने धावून यावे.

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प्रश्न 2.
दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी/कवयित्री:
संत नामदेव

(२) प्रस्तुत कवितेचा विषयः
परमेश्वरकृपेची याचना.

(३) प्रस्तुत कवितेतील दिलेल्या दोन ओळींचा सरळ अर्थ:
अग्निमाजी पडे बाळू। माता धांवे कनवाळू।।
तैसा धांवें माझिया काजा। अंकिला मी दास तुझा।।

आगीमध्ये आपले लहान बाळ सापडल्यावर त्याची आई व्याकूळ, अगतिक होऊन त्या आगीमध्ये धाव घेते. त्याचप्रमाणे हे परमेश्वरा तू माझ्या प्रत्येक कार्यास मदत करण्यास धावून ये. कारण मी पूर्णपणे, सर्वस्वी तुझा दास आहे. असे संत नामदेव या ठिकाणी सांगतात.

(४) प्रस्तुत कवितेतून मिळणारा संदेशः
संकटात सापडलेल्या बाळाला वाचविण्यासाठी जशी त्याची आई धावत येते, तसा देवसुध्दा आपल्या भक्ताच्या प्रत्येक कार्यात धावून येतो, त्याच्या पाठिशी उभा राहतो. त्यामुळेच आपण तन, मन, धन अर्पून मनोभावे परमेश्वराची भक्ती करून त्याची आळवणी केली पाहिजे, त्यांच्यावर विश्वास ठेवला पाहिजे असा संदेश संत नामदेव यांच्या ‘अंकिला मी दास तुझा’ या अभंगातून मिळतो.

(५) प्रस्तुत कविता तुम्हांला आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारण:
संत नामदेवांचा ‘अंकिला मी दास तुझा’ हा अभंग मला खूप आवडला आहे. त्याचे कारण असे की, आपली श्री विठ्ठलावरची उत्कट भक्ती व परमेश्वराबरोबर असलेले नाते हे संत नामदेवांनी आई-बाळ, पिल्लू-पक्षिणी, धेनू-वासरू, पाडस-हरिणी तसेच मेघ-चातक पक्षी या उदाहरणांतून अतिशय समर्पकपणे मांडलेला आहे. शिवाय आई-मुलाच्या नात्यातील प्रेमभाव व्यक्त करताना ‘देवा, तू माझी आईच आहेस. तेव्हा आपल्या या लेकराच्या प्रत्येक कार्यात तू धावून ये,’ अशी त्यांनी केलेली याचना मनाला भावते.

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(६) प्रस्तुत कवितेतील शब्दांचे अर्थ:
(i) दास – सेवक
(ii) धरणी – धरती, भूमी
(iii) मेघ – ढग
(iv) धेनु – गाय (स्वाध्याय कृती)

(४) काव्यसौंदर्य.

(i) आई, प्राणी, पक्षी यांच्या मातृप्रेमाचे कवितेतून व्यक्त झालेले वर्णन तुमच्या शब्दांत सांगा.
उत्तरः
आईच्या प्रेमाला जगात दुसरी उपमा नाही. ‘आई सारखी मायाळू आईच’ असे म्हणतात. मग ती आई कोणीही असो. प्राणी असो की पक्षी असो. तिचे बाळ, लेकरू, पिल्लू जर संकटात असेल तर ती त्याला सोडवण्यासाठी स्वत:चा जीव धोक्यात घालतेच घालते.

प्रस्तुत अभंगातून आईच्या प्रेमाची महती सांगताना संत नामदेव सांगतात की, ‘आगीमध्ये जर एखादं बाळ सापडलं तर त्याची दयाळू आई अती व्याकूळ होऊन त्याला वाचवते.’ प्राण्याच्या प्रेमाबद्दल सांगताना संत नामदेव सांगतात की, एखाद्या गाईचे वासरू भूकेने व्याकूळ होऊन ओरडत असेल तर ती माता (गाय) त्याच्यासाठी धावून जाते. त्याचप्रमाणे जंगलाला वणवा लागला असेल आणि जर एखादया हरिणीचे पाडस त्यात सापडले तर ती हरिणी त्यास वाचवण्यास अती चिंतातूर होते. त्याचप्रमाणे एखादया पक्षिणीचे पिल्लू घरट्यातून खाली जमिनीवर पडले तर ती पक्षिणी त्याला वाचवण्यासाठी लगेच झेप घेते.

(ii) संत नामदेवांनी परमेश्वराकडे केलेली विनंती सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तर:
प्रस्तुत अभंगामध्ये संत नामदेवांनी विविध उदाहरणांतून परमेश्वर कृपेची याचना केली आहे. मी सर्वस्वी तुझ्या अंकित झालो आहे. आई आपल्या मुलांसाठी ज्याप्रमाणे धावून येते त्याप्रमाणे माझ्या प्रत्येक कार्यात तू धावून यावेसे अशी अपेक्षा संत नामदेव या अभंगातून करतात.

संत नामदेव महाराज सांगतात, ज्याप्रमाणे अग्नीत सापडलेल्या लहान बाळासाठी त्याची आई, घरट्यातून जमिनीवर पडलेल्या पिलासाठी पक्षिणी, भुकेलेल्या वासरासाठी गाय आणि जंगलातील वणव्यात सापडलेल्या पाडसासाठी हरिणी धावून येते. त्याप्रमाणे परमेश्वराने आपल्या प्रत्येक कार्यास धावून यावे. संत नामदेव श्री विठ्ठलास आपली माऊली (आई) मानतात. पुढे संत नामदेव सांगतात, चातक पक्षी जसा पहिल्या पडणाऱ्या पावसाची व्याकुळतेने वाट पहात असतो, पावसाच्या ढगास तो पावसासाठी विनवितो, त्याप्रमाणे तेवढ्याच व्याकुळतेने आपल्या कार्यास धावून यावे म्हणून संत नामदेव परमेश्वरास विनंती करतात,

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 2.1 संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव

(iii) पक्ष्याच्या/प्राण्याच्या आपल्या पिलाशी असलेल्या संबंधाबाबत तुमचा अनुभव लिहा.
उत्तरः
‘घार उडते आकाशी चित्त तिचे पिलापाशी’ असे म्हटले जाते. त्याप्रमाणे कोणत्याही प्राण्यांची, पशुंची, पक्ष्यांची आई असो ती आपल्या मुलांसाठी अतिशय सतर्क, व्याकूळ असते. साधी रस्त्यावर राहणारी कुत्री घ्या. ती कुत्री आपल्या पिल्लांचा कसा सांभाळ करते ते आपण अनेकवेळा पाहिले आहे. कांगारू आपल्या पिल्लास संकटाच्या वेळी आपल्या पोटात घेते. माकडीन आपल्या पिल्लास पोटाशी धरून इकडून तिकडून उड्या मारते. कोंबडी आपल्या पिल्लांचा सांभाळ कशी करते ते आपण अनेकवेळा पाहतो. कोणतेही संकट येताच ती पिल्लांना आपल्या दोन्ही पंखाखाली घेते. तसेच ती आपल्या पिलांवर झेप घालणाऱ्याला चोच मारून दूर करण्याचा प्रयत्न करते. शेवटी सगळ्यांची आई ही सारखीच असते. ती भारतातील असो, विदेशातील असो, पक्षी असो वा पशू असो आईचे प्रेम हे आपल्या मुलांवर सारखेच असते.

संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव Summary in Marathi

संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव भावार्थ‌‌

अग्निमाजि‌ ‌पडे‌ ‌बाळू‌ ‌।‌ ‌माता‌ ‌धांवें‌ ‌कनवाळू।।‌१‌।।‌ ‌
तैसा‌ ‌धांवें‌ ‌माझिया‌ ‌काजा।‌ ‌अंकिला‌ ‌मी‌ ‌दास‌ ‌तुझा‌ ‌।।२।।‌‌

वारकरी‌ ‌संप्रदायाचे‌ ‌महान‌ ‌प्रचारक‌ ‌संत‌ ‌नामदेव‌ ‌महाराज‌ ‌अगदी‌ ‌मनापासून‌ ‌आर्ततेने‌ ‌परमेश्वराचा‌ ‌(विठ्ठलाचा)‌ ‌धावा‌ ‌करतात.‌ ‌त्यासाठी‌ ‌ते‌ ‌अतिशय‌ ‌समर्पक‌ ‌दृष्टान्त‌ ‌देतात.‌ ‌ते‌ ‌म्हणतात‌ ‌की,‌ ‌ज्याप्रमाणे‌ ‌नजरचुकीने‌ ‌अग्नीत‌ ‌सापडलेल्या‌ ‌बाळाला‌ ‌वाचवण्यासाठी‌ ‌त्याची‌ ‌आई‌ ‌व्याकूळ‌ ‌होऊन,‌ ‌काळजीने‌ ‌त्याच्याजवळ‌ ‌धावून‌ ‌जाते.‌ ‌त्याला‌ ‌मायेने,‌ ‌प्रेमाने‌ ‌उचलून‌ ‌घेते.‌ ‌त्याचप्रमाणे‌ ‌हे‌ ‌प्रभू,‌ ‌विठ्ठला,‌ ‌मी‌ ‌पूर्णपणे‌ ‌तुझा‌ ‌अंकित‌ ‌आहे.‌ ‌मी‌ ‌तुझा‌ ‌दास,‌ ‌सेवक‌ ‌आहे.‌ ‌आईप्रमाणे‌ ‌तुही‌ ‌माझ्या‌ ‌अडचणीत,‌ ‌माझ्या‌ ‌कार्यात‌ ‌धावत‌ ‌ये.‌‌

सवेंचि‌ ‌झेपावें‌ ‌पक्षिणी‌ ‌।‌ ‌पिली‌ ‌पडतांचि‌ ‌धरणीं‌ ‌।।३।।‌‌

विठ्ठलाची‌ ‌आळवणी‌ ‌करताना‌ ‌संत‌ ‌नामदेव‌ ‌महाराज‌ ‌म्हणतात,‌ ‌‌झाडावरील‌ ‌घरट्यात‌ ‌असणारे‌ ‌पक्ष्याचे‌ ‌लहान‌ ‌पिल्लू‌ ‌घरट्यातून‌ ‌बाहेर‌ ‌येऊन‌ ‌उडण्याच्या‌ ‌प्रयत्नात‌ ‌खाली‌ ‌जमिनीवर‌ ‌पडताच‌ ‌त्याची‌ ‌आई‌ ‌पक्षिणी‌ ‌आपल्या‌ ‌पिल्लाला‌ ‌वाचवण्यासाठी‌ ‌त्याच्या‌ ‌दिशेने‌ ‌तत्परतेने‌ ‌झेप‌ ‌घेते.‌ ‌त्याला‌ ‌पुन्हा‌ ‌घरट्यात‌ ‌नेण्यासाठी‌ ‌धडपडते.‌ ‌त्याचप्रमाणे‌ ‌हे‌ ‌परमेश्वरा,‌ ‌तुझ्या‌ ‌या‌ ‌सेवकासाठी‌ ‌तू‌ ‌असाच‌ ‌धावून‌ ‌ये.‌‌

भुकेलें‌ ‌वत्सरावें।‌ ‌धेनु‌ ‌हुंबरत‌ ‌धांवे‌ ‌।।४।।‌‌

संत‌ ‌नामदेव‌ ‌महाराज‌ ‌अगदी‌ ‌मनापासून‌ ‌विठ्ठलाचा‌ ‌धावा‌ ‌करतात.‌ ‌ते‌ ‌म्हणतात,‌ ‌भूकेने‌ ‌व्याकूळ‌ ‌झालेले‌ ‌वासरू‌ ‌गोठ्यात‌ ‌ओरडत‌‌ असते.‌ ‌त्याची‌ ‌ती‌ ‌अवस्था‌ ‌सहन‌ ‌न‌ ‌होऊन‌ ‌गाय‌ ‌मोठ्याने‌ ‌हंबरत‌ ‌आपल्या‌ ‌वासराच्या‌ ‌ओढीने‌ ‌त्याच्याजवळ‌ ‌धावत‌ ‌येते.‌ ‌त्याचप्रमाणे‌ ‌हे‌ ‌विठ्ठला‌ ‌तूही‌ ‌माझ्यासाठी‌ ‌धावून‌ ‌ये.‌‌

वणवा‌ ‌लागलासे‌ ‌वनीं‌ ‌‌पाडस‌ ‌चिंतीत‌ ‌हरणी‌ ‌।।५।।‌‌

संत‌ ‌नामदेव‌ ‌श्री‌ ‌विठ्ठलाची‌ ‌मनापासून‌ ‌विनवणी‌ ‌करतात.‌ ‌अगदी‌ ‌व्याकूळ‌ ‌होऊन‌ ‌हरिणीचे‌ ‌उदाहरण‌ ‌ते‌ ‌देतात.‌ ‌ते‌ ‌म्हणतात‌ ‌की,‌ ‌जंगलात‌ ‌वणवा‌ ‌पसरलेला‌ ‌आहे‌ ‌आणि‌ ‌त्यात‌ ‌हरिणीचे‌ ‌पाडस‌‌ अडकलेले‌ ‌आहे.‌ ‌अशावेळी‌ ‌त्याची‌ ‌आई‌ ‌म्हणजेच‌ ‌हरिणी‌ ‌आपल्या‌ ‌पाडसाला‌ ‌वाचवण्यासाठी‌ ‌खूप‌ ‌चिंतीत‌ ‌होते.‌ ‌त्या‌ ‌पाडसासारखीच‌ ‌माझी‌ ‌अवस्था‌ ‌झाली‌ ‌आहे.‌ ‌म्हणून‌ ‌तू‌ ‌माझ्यासाठी‌ ‌धावून‌ ‌ये.‌‌

नामा‌ ‌म्हणे‌ ‌मेघा‌ ‌जैसा‌ ‌।‌ ‌विनवितो‌ ‌चातक‌ ‌तैसा‌ ‌।।६।।‌‌

चातक‌ ‌पक्षी‌ ‌पावसाचा‌ ‌पहिला‌ ‌थेंब‌ ‌पिऊन‌ ‌जगतो.‌ ‌तेच‌ ‌त्याच्यासाठी‌ ‌जीवन‌ ‌असते‌ ‌असे‌ ‌मानले‌ ‌जाते.‌ ‌हाच‌ ‌दृष्टान्त‌ ‌देऊन‌ ‌संत‌ ‌नामदेव‌ ‌महाराज‌ ‌म्हणतात‌ ‌की,‌ ‌ज्या‌ ‌प्रमाणे‌ ‌चातक‌ ‌पक्षी‌ ‌आकाशात‌ ‌जमलेल्या‌ ‌काळ्या‌ ‌काळ्या,‌ ‌पाण्याने‌ ‌भरलेल्या‌ ‌ढगांना‌ ‌पाणी‌ ‌बरसवण्यासाठी‌ ‌विनवणी‌ ‌करतो.‌ ‌त्याचप्रमाणे‌ ‌हे‌ ‌विठ्ठला,‌ ‌मी‌ ‌तुला‌ ‌विनवितो‌ ‌आहे.‌

संतवाणी अंकिला मी दास तुझा-संत नामदेव ‌शब्दार्थ‌ ‌

  • अग्निमाजि‌ ‌-‌ ‌आगीमध्ये‌‌ -‌ ‌(in‌ ‌the‌ ‌fire)‌ ‌
  • पडे‌ ‌-‌ ‌सापडे‌ ‌-‌ ‌(to‌ ‌be‌ ‌found)‌ ‌
  • कनवाळू‌ ‌-‌ ‌दयाळू‌‌ – (merciful)‌ ‌
  • तैसा‌ ‌-‌ ‌त्याचप्रमाणे‌‌ -‌ ‌(as‌ ‌like‌ ‌that)‌ ‌
  • माझिया‌ ‌-‌ ‌माझ्या‌ ‌-‌ ‌(my)‌ ‌
  • काजा‌ ‌-‌ ‌काम‌‌ – (work)‌ ‌
  • अंकिला‌ ‌-‌ ‌अंकित‌ ‌झालेला‌ ‌
  • सवें‌ ‌-‌ ‌लगेच‌‌ – (immediately)‌ ‌
  • पिल्ली‌ ‌-‌ ‌पिलू‌‌ -‌ ‌(a‌ ‌young‌ ‌one,‌ ‌acub)‌ ‌
  • वत्सर‌ ‌-‌ ‌वासरू‌‌ – (a‌ ‌calf)‌ ‌
  • धेनु‌ ‌-‌ ‌गाय‌‌ – (a‌ ‌cow)‌ ‌
  • हुंबरत‌ ‌-‌ ‌हंबरते‌‌ – (to‌ ‌low)‌ ‌
  • वनी‌ ‌-‌ ‌जंगलात‌‌ – (in‌ ‌the‌ ‌forest)‌ ‌
  • मेघा‌ ‌-‌ ‌ढगांना‌ ‌-‌ ‌(to‌ ‌cloud)‌ ‌
  • जैसा‌ ‌-‌ ‌ज्याप्रमाणे‌ ‌-‌ ‌(like,‌ ‌as)‌ ‌
  • वत्सरावे‌ ‌-‌ ‌वासराच्या‌ ‌आवाजाने‌ ‌
  • पाडस‌ ‌-‌ ‌हरिणीचे‌ ‌पिल्लू

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प्रश्न 1.
खालील व्यक्तींच्या स्वभाववैशिष्ट्यांची तुलना करा.

अब्दुल रघुभैया

उत्तरः

अब्दुलरघुभैया
(i) सामाजिक बांधिलकी सामाजिक बांधिलकीची मानणारा.
(ii) साऱ्यांच्या जीवनात आनंद आपल्याच विश्वात रममाण निर्माण करण्यासाठी असणारा.
(iii) संवेदनशील.
फारशी जाण नसलेला.
धडपडणारा.
संवेदनांशी फारसा संबंध नसलेला.

प्रश्न 2.
खालील विधानांमागील कारणे लिहा.
(अ) रस्त्यानं कोणी भेटलं तर सांगू नका तपोवनात जातो म्हणून,
उत्तरः
रस्त्यानं कोणी भेटलं तर सांगू नका तपोवनात जातो कारण त्याचा धंदयावर परिणाम होतो.

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(आ) आजचा दिवस म्हणजे त्यांच्यासाठी पर्वणीच.
उत्तर:
आजचा दिवस म्हणजे त्यांच्यासाठी पर्वणीच कारण या दिवशी अब्दुल त्यांच्यासाठी रंगीबेरंगी बांगड्या आणि त्यांना लागणाऱ्या इतर वस्तू घेऊन येत होता.

प्रश्न 3.
गुणविशेष लिहा.
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उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला 19

प्रश्न 4.
खालील वाक्यांतील अव्यये शोधा व त्यांचे प्रकार लिहा.

वाक्ये अव्यये प्रकार
(अ) अब्दुल जिल्हाधिकारी कचेरीजवळ आला.
(आ) तो एक आनंदाचा आणि चैतन्याचा दिवस.
(इ) बापरे! केवढी मोठी वसाहत.
(ई) रघुभैयाने चिठ्ठी भरभर वाचली.

प्रश्न 5.
विरामचिन्हे ओळखा व त्यांची नावे लिहा.

विरामचिन्हेनावे
(अ) “अरे, पण चिठ्ठी मराठीतून आहे.”
(आ) “अन्वर जेवला?”

उत्तर:

विरामचिन्हेनावे
(अ) “अरे, पण चिठ्ठी मराठीतून आहे.”
(आ) “अन्वर जेवला?”
दुहेरी अवतरण चिन्ह, पूर्ण विराम/स्वल्प विराम.
दुहेरी अवतरण, प्रश्नचिन्ह

प्रश्न 6.
खालील उदाहरणांचा अभ्यास करा व दोन्ही अलंकाराच्या रचनेतील फरक समजून घ्या. अशा उदाहरणांचा शोध घेऊन त्यांचा सराव करा.
अब्दुल हा तपोवनातील स्त्रियांना देवदूतासारखा वाटतो. (उपमा अलंकार)
अब्दुल हा तपोवनातील स्त्रियांसाठी जणू देवदूतच. (उत्प्रेक्षा अलंकार)

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प्रश्न 7.
स्वमत.
(अ) सत्यता पटवून दया- ‘अब्दुल एक थोर समाजसेवक’
उत्तर:
अब्दुल हा बांगड्या विकणारा अत्यंत संवेदनशील मनाचा गृहस्थ होता. तपोवनातल्या कुष्ठरोगी मुलींना व स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी तो जात असे. त्यासाठी त्याला त्याच्या धंदयात झळ सोसावी लागत असे. त्याचा रोजगार बुडत असे. पण आजाराने ग्रस्त स्त्रियांचा आनंद बघून त्याला समाधान वाटत होते. समाजऋण मानणारा आणि माणुसकीला जपणारा व दुसऱ्याच्या आनंदासाठी धडपडणारा असा हा अब्दुल खरा समाजसेवक होता.

(आ) शन्नूच्या वागण्यामागील तिचा विचार काय असावा, याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
इतर चार-चौघीसारखी शन्नू गृहिणी होती. आपला प्रपंच नीट चालावा, अब्दुलचा व्यवसाय वाढावा, इतरांप्रमाणे आपल्या घरातही दोन चांगल्या वस्तू असाव्यात अशी तिची अपेक्षा होती. म्हणून तपोवनात कुष्ठरोगी स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी जाणाऱ्या अब्दुलचा ती राग करत असे. तपोवनातील कुष्ठरोगाने पिडीत स्त्रियांना अब्दुल बांगड्या भरायला जातो हे जर कुणाला कळले तर इतर स्त्रिया बांगड्या भरण्यासाठी अब्दुलकडे येणार नाहीत व त्यांचा परिणाम व्यवसायावर होईल, अशी धास्ती शन्नूला वाटत होती म्हणून अब्दुल तपोवनात जातो हे कोणाला कळू नये यासाठी तिची धडपड सुरू असे. अत्यंत साध्या अपेक्षा असणारी ती सामान्य गृहिणी होती, अब्दुलची उदात्त वृत्ती, परोपकार, सेवाभाव यातलं तिला काही कळत नव्हते.

(इ) तंत्रज्ञानाची जोड देऊन अब्दुलचा मुलगा बांगड्यांचा व्यवसाय कसा वाढवू शकेल, याविषयी तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
आधी त्याने मार्केटचा अभ्यास केला पाहिजे. आज कालच्या स्त्रिया, मुली कशा प्रकारच्या बांगड्या वापरतात, फॅशनचा ट्रेंड काय आहे हे जाणून घेतले पाहिजे. गुगल, यु ट्युब, वॉटस अॅप यातून त्याने या सगळ्यांची माहिती मिळवली पाहिजे. वरील सगळ्या माध्यमांद्वारे तो अत्यंत प्रभावीपणे त्यांच्याजवळ असलेल्या बांगड्यांची जाहिरात करु शकतो. ऑनलाईन व्यापार करू शकतो. अशा प्रकारे अब्दुलचा मुलगा आपला बांगड्यांचा व्यवसाय वाढवू शकतो.

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(ई) दुसऱ्याला मदत करण्यातला आनंद ज्या प्रसंगातून मिळू शकतो, असा प्रसंग लिहा.
उत्तरः
बस स्टॉपवर एक म्हातारी स्त्री उभी होती तिला ‘नानावटी’ हॉस्पिटलला जायचे होते. हॉस्पिटलपर्यंत थेट जाणारी बस नव्हती. रिक्षाला देण्यासाठी तिच्याकडे पैसे नव्हते. मी एक रिक्षा थांबवली तिच्या हातात शंभर रुपये दिले. रिक्षावाल्याला तिला नानावटी हॉस्पिटलला सोडायला सांगितले. तिच्या डोळ्यातला कृतज्ञभाव आजही आठवतो.

एकदा रस्त्याने जात असतांना फुटपाथवर संसार असलेल्या ठिकाणी एक बाळ खूप कळवळून रडत होतं. आजूबाजूला कोणी दिसेना. मी त्याच्या जवळ गेले त्याच्या अंगाखाली आणि आजुबाजुला बरंच पाणी साचलेलं होतं. मी हिम्मत केली त्याला तिथून उचलले. त्याच्या ठेवलेल्या वस्तूमधून एक कापड काढून त्याला कोरडं केलं, कापडात गुंडाळून त्याला कोरड्या जागेत ठेवणार तोच त्याची आई आली, मी तिच्या हातात मुलं दिलं आपलं रडणं थांबवून ते बाळ माझ्याकडे अगदी टुकूटुकू बघत होते. मला खूप छान वाटलं.

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions Chapter 6 चुडीवाला Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १. पुढील उतारा वाचून दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा,
कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
कृती पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) स्वेटरमधून अब्दुलला चांगलीच थंडी जाणवत होती कारण …………………………..
उत्तर:
स्वेटरमधून अब्दुलला चांगलीच थंडी जाणवत होती कारण अब्दुलचा स्वेटर अनेक ठिकाणी उसवला होता.

(ii) लहान लहान मुलींनी एकदम गलका करायला सुरुवात केली कारण
उत्तर:
लहान लहान मुलींनी एकदम गलका करायला सुरुवात केली कारण अब्दुल त्यांच्यासाठी रंगीबेरंगी बांगड्या घेऊन आला होता.

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.
(i) बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी सांभाळत अब्दुल बसमध्ये चढला.
(ii) अब्दुल खिडकीजवळ बसला.
(iii) पेटी अलगद उचलून त्याने आपल्या मांडीवर ठेवली.
(iv) अब्दुल बसस्टॉपवर आला.
उत्तर:
(i) अब्दुल बसस्टॉपवर आला.
(ii) बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी सांभाळत अब्दुल बसमध्ये चढला.
(iii) अब्दुल खिडकीजवळ बसला.
(iv) पेटी अलगद उचलून त्याने आपल्या मांडीवर ठेवली.

प्रश्न 4.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

(i) अब्दुलचे दुकान बंद असल्याने कोणाचा धंदा तेजीत चालणार होता?
उत्तरः
अब्दुलचे दुकान बंद असल्याने रघुभैयाचा धंदा तेजीत चालणार होता.

(ii) कोणाच्या डोळ्यांतला क्रोध अब्दुलच्या परिचयाचा होता?
उत्तरः
शन्नूच्या डोळ्यांतला क्रोध अब्दुलच्या परिचयाचा होता.

(iii) लहान लहान मुलींनी कोणाभोवती एकदम गलका करायला सुरुवात केली?
उत्तरः
लहान लहान मुलींनी अब्दुलभोवती गलका करायला सुरुवात केली.

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(iv) बस कोणत्या ठिकाणी रिकामी झाली?
उत्तर:
बस जिल्हाधिकारी कचेरीजवळ रिकामी झाली.

(v) अब्दुलने मफलर कानाला घट्ट का लपेटून घेतला?
उत्तर:
बस सुरू होताच थंडगार वाऱ्याचा झोत अब्दुलला त्रासदायक वाटू लागला होता, म्हणून अब्दुलने मफलर कानाला घट्ट लपेटून घेतला.

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
उत्तरे लिहा.
(i) अब्दुलचा व्यवसाय → बांगड्या विकण्याचा
(ii) अब्दुल या ठिकाणी गेला → तपोवन

प्रश्न 2.
आकृतीबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 3.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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प्रश्न 4.
चूक की बरोबर ते लिहा.
(i) शांतीवनाच्या त्या गोलाकार कमानीकडे अब्दुलचे लक्ष गेले.
(ii) संक्रांत असल्याने अब्दुलचा धंदा तेजीत चालला होता
(iii) बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी सांभाळत अब्दुल बसमध्ये चढला.
(iv) थंडगार वाऱ्याचा झोत अधिकच मजेदार वाटू लागला.
उत्तरः
(i) चूक
(ii) चूक
(iii) बरोबर
(iv) चूक

कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
अब्दुलबद्दल माहिती लिहा.
उत्तरः
अब्दुलचा बांगड्या विकण्याचा व्यवसाय होता. अब्दुलचा व्यवसाय जेमतेमच चालत असावा असे वाटते. कारण त्याच्या अंगावरचा स्वेटर अनेक ठिकाणी उसवलेला होता. थंडी वाऱ्याची पर्वा न करता तो आपली बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी घेऊन तपोवनातल्या मुलींना बांगड्या भरण्यासाठी निघाला होता. यावरून असे दिसते अब्दुल हा अत्यंत करूणाशील व दयाशील वृत्तीचा, समाजाचे मूल्य जपणारा होता.

प्रश्न 2.
तपोवनाकडे येताना व आल्यावर अब्दुलने कोणत्या गोष्टी अनुभवल्या ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
जिल्हाधिकारी कचेरीजवळ येताच बहुतेक सगळीच बस रिकामी झाली. तपोवनाकडे जाणारे कोणीही प्रवासी नव्हते. तपोवनात आल्यावर त्याचे लक्ष कमानीकडे गेले. जेमतेम हातभर असलेली वेल आता खूप फुलली होती. अब्दुलला गेटजवळ बघताच तपोवनातील सगळया मुलींनी एकदम गलका करायला सुरुवात केली.

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प्रश्न 3.
“रस्त्यानं कोणी भेटलं तर सांगू नका तपोवनात जातो म्हणून” शन्नूच्या या विधानामागचे कारण तुमच्या शब्दात लिहा.
उत्तरः
अब्दुल तपोवनात दर संक्रांतीला जात असे. तपोवन हे कुष्ठरोगी लोकांचे आश्रयस्थान होते. तेथील कुष्ठरोगाने पिडीत स्त्रियांना बांगड्या भरायला अब्दुल जातो, हे जर कुणाला कळले तर इतर स्त्रिया बांगड्या भरण्यासाठी अब्दुलकडे येणार नाहीत व त्याचा परिणाम व्यवसायावर होईल, अशी धास्ती शन्नूला वाटत होती. म्हणून वरील विधान अब्दुलला उद्देशून तिने म्हटले आहे.

प्रश्न २. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) तपोवनातील स्त्रियांना अब्दुल कोणासारखा वाटे?
उत्तरः
तपोवनातील स्त्रियांना अब्दुल देवदूतासारखा वाटे.

(ii) अब्दुलला कोणती कला साधली होती?
उत्तरः
तपोवनातील स्त्रियांना बांगड्या भरण्याची कला अब्दुलला साधली होती.

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प्रश्न 3.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) आंब्याच्या झाडाखाली असलेल्या …………………………. अब्दुल बसला. (चबुतऱ्यावर, चौथऱ्यावर, दगडावर, पारावर)
(ii) साऱ्या …………………………. तो एक आनंदाचा आणि चैतन्याचा दिवस! (मधुबनातील, शांतिवनातील, तपोवनातील, तेजोवनातील)
(iii) प्रत्येकीला …………………………. बांगड्या भरायच्या होत्या. (प्रथम, आधी, रंगीबेरंगी, आवडीच्या)
उत्तर:
(i) चौथऱ्यावर
(ii) तपोवनातील
(iii) प्रथम

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
कोण ते लिहा.
(i) चिठ्ठीतला मजकूर वाचून दाखवणारा – रघुभैया
(ii) अब्दुलला सत्काराचे निमंत्रण देणारे – दाजीसाहेब
(iii) संक्रांतीला आणि ज्येष्ठ पौर्णिमेला तपोवनात चुडीवाल्याची वाट पाहणाऱ्या – स्त्रिया

प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) चिट्ठीतला मजकूर वाचून अब्दुल आणि शन्नू यांना आनंद झाला कारण ………………………… .
उत्तर:
चिठ्ठीतला मजकूर वाचून अब्दुल आणि शन्नू यांना आनंद झाला कारण तपोवनात अब्दुलचा खास सत्कार होणार होता.

(ii) अब्दुलने रघुभैय्याला चिट्ठी वाचण्यास सांगितली कारण ………………………….
उत्तरः
अब्दुलने रघुभैय्याला चिठ्ठी वाचण्यास सांगितली कारण चिट्ठी मराठीतून होती.

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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 4.
सहसंबंध लिहा.
(i) विलक्षण : समाधान : : खास : ………………………….
(ii) हातात : बांगड्या : : झाडाखाली : ………………………….
उत्तर:
(i) सत्कार
(ii) चौथरा

प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
तपोवनातील स्त्रिया व मुलींना अब्दुल देवदूतासारखा वाटे हे विधान तुमच्या शब्दांत स्पष्ट करा.
उत्तरः
तपोवनात कुष्ठरोगाने पिडित स्त्रिया आणि मुली राहत असत. या स्त्रिया व मुलींनाही इतर स्त्रियांसारखाच साज शृंगार करायला आवडत असे. त्या कुष्ठरोगासारख्या दुर्धर रोगाने ग्रस्त असल्यामुळे त्यांचा हात बांगड्या भरण्यासाठी कोणीही हातात घेणार नव्हते. त्यांचा स्पर्श म्हणजे रोगाला निमंत्रण अशी सर्वसाधारण समजूत; पण अब्दुल मात्र असल्या कोणत्याही गोष्टींचा विचार न करता त्यांच्या हातावरील व्रण, जखमा सांभाळून त्यांना हळूवारपणे बांगड्या भरत असे. हे काम तो वर्षातून दोनदा करत असे. रंगीबेरंगी बांगड्यांच्या रंगात त्या स्त्रिया काही काळ का होईना आपले दुःख विसरत असत.

आणि ही गोष्ट केवळ अब्दुलमुळे शक्य होत होती म्हणून अब्दुल त्यांना देवदूतासारखा वाटे.

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प्रश्न 2.
दाजीसाहेबांनी अब्दुलचा सत्कार का केला, सकारण लिहा.
उत्तरः
ज्या कुष्ठरोगी लोकांची सावली देखील लोकं टाळतात अशा कुष्ठरोगी स्त्रियांच्या हातात बांगड्या भरण्याचे काम अब्दुल अगदी निस्वार्थी भावनेने करायचा, त्यांच्या जीवनात आनंद फुलवायचा प्रसंगी व्यवसायात आपले नुकसान सोसून अविरतपणे तो हे काम करत होता. त्याच्या सेवाभावी वृत्तीचा व माणुसकीला जपणाऱ्या निर्मळ मनाच्या माणसाचा सत्कार झाला पाहिजे, त्याच्या कामाची पावती त्याला दिली पाहिजे या भावनेतून दाजीसाहेबांनी अब्दुलला सत्काराचे निमंत्रण दिले व त्याचा सत्कार केला.

प्रश्न 3.
‘इच्छा तिथे मार्ग’ – अब्दुलच्या उदाहरणावरून स्पष्ट करा.
उत्तरः
अनेक लोकांच्या मनात बऱ्याच इच्छा असतात. पण ते केवळ विचारच करत राहतात. हे नाही, ते नाही या सबबीखाली त्यांच्या इच्छेला किंवा विचाराला पूर्णत्व येत नाही. पण अब्दुलसारखा अगदी छोटा व्यावसायिक अत्यंत सामान्य आर्थिक परिस्थिती असलेला, आपल्याजवळ जे आहे जसं आहे त्यातून निस्वार्थीपणे सेवेचं व्रत साकारतो. कुष्ठरोगी स्त्रियांना बांगड्या भरण्याचं काम वर-वर अगदी साधं वाटत असलं तरी त्यामागे अब्दुलची उदात्त भावना, दुसऱ्याच्या आनंदासाठी झटण्याची वृत्ती दिसून येते. फार मोठा गाजा-वाजा, बडेजाव न करता अब्दुल हे काम अत्यंत सेवाभावी वृत्तीने करत होता. खरोखरच मनापासून काही करण्याची जर इच्छा असेल तर मार्ग नक्कीच मिळतो हे अब्दुलच्या उदाहरणावरून जाणवते.

प्रश्न 4.
अब्दुल तपोवनात गेल्यावर तिथले वातावरण कसे होत असे, तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
अब्दुल तपोवनात गेला की चुडीऽवाला आला, चुडीऽऽवाला आला असे म्हणत सगळ्या बायका-मुली त्याच्या भोवती जमत असत. प्रत्येकीला अब्दुलकडून आपल्याला हव्या असलेल्या वस्तू, रंगीबेरंगी बांगड्या हव्या असत. प्रत्येकीला प्रथम बांगड्या भरायच्या असत म्हणून अब्दुलच्या भोवती त्या गर्दी करत असत. त्यांचा आवाज, गडबड, गोंधळ यामुळे आनंदवनाचा परिसर गजबजून उठे. सगळया स्त्रियांमध्ये आनंद आणि चैतन्य पसरत असे. तो सगळा अनुभव म्हणजे अब्दुलसाठी अत्यंत समाधानाची गोष्ट होती.

प्रश्न ३. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १: आकलन कृती

प्रश्न 1.
ओघ तक्ता पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 3.
कोण ते लिहा
(i) सेतूबंधन करणारा – राम
(ii) सेतूबंधनाला मदत करणारी – खार

प्रश्न 4.
उत्तरे लिहा
(i) संक्रात आणि जेष्ठ पौर्णिमेला हा प्रस्ताव समोर आला होता,
उत्तर:
तपोवनातील स्त्रिया व मुली यांना बांगड्या भरणे.

(ii) दाजीसाहेबांनी यांना विनंती केली होती.
उत्तर:
अनेक बांगडीवाल्यांना

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) दाजीसाहेबांचे वय किती वर्षे होते?
उत्तरः
दाजीसाहेबांचे वय चौऱ्याऐंशी वर्षे होते.

(ii) अब्दुलने दाजीसाहेबांना कोणते आश्वासन दिले ?
उत्तरः
ज्येष्ठ पौर्णिमेला आणि संक्रांतीला तपोवनात बांगड्या भरण्यासाठी येण्याचे आश्वासन अब्दुलने दाजीसाहेबांना दिले.

प्रश्न 3.
कारणे लिहा.
सत्काराच्या ठिकाणी अब्दुल तसाच उभा राहिला; कारण ……………………………………….
(अ) बसायला जागा नव्हती.
(आ) पाहुण्यांबरोबर बसायला त्याला संकोच वाटला.
(इ) अब्दुलच्या मनात भिती होती.
(ई) अब्दुल घाबरला होता.
उत्तरः
सत्काराच्या ठिकाणी अब्दुल तसाच उभा राहिला; कारण पाहुण्यांबरोबर बसायला त्याला संकोच वाटला.

(ii) अब्दुल अतिशय भारावून गेला; कारण ………………………………
(अ) तपोवनातील स्त्रियांचे दुःख पाहून.
(आ) दाजीसाहेबांनी अब्दुलचा सत्कार केला.
(इ) तपोवनात काम करायला मिळाले म्हणून.
(ई) तपोवनातील आनंद पाहून.
उत्तर:
अब्दुल अतिशय भारावून गेला; कारण दाजीसाहेबांनी अब्दुलचा सत्कार केला.

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प्रश्न 4.
कंसातील योग्य पर्याय निवडून रिकाम्या जागा भरा.
(i) …………………………. सेतूबंधन केलं; पण त्यासाठी अनेकांचा हातभार लागला. (रामानं, हनुमानानं, लक्ष्मणानं, सीतेनं)
(ii) …………………………. त्यांच्याबरोबर बसायला संकोच वाटला (दाजीसाहेबांना, शन्नूला, रघुभैय्याला, अब्दुलला)
उत्तर:
(i) रामानं
(ii) अब्दुलला

प्रश्न 5.
सहसंबंध लिहा.
(i) आवाजातला : खणखणीतपणा : : बोलण्यातली : ………………………………
(ii) तेज : पुंज : चेहरा : : पांढरेस्वच्छ : ………………………………
उत्तर:
(i) ऐट
(ii) धोतर

कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
दाजीसाहेबांचे वर्णन तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
दाजीसाहेब चौऱ्याऐंशी वर्षांचे होते. पण तरीही खूप काटक होते. उंच सडसडीत देहयष्ठी, तेज:पुंज चेहरा, गौरवर्ण, पांढरेस्वच्छ धोतर ते नेसत असत. त्यांच्या आवाजात खणखणीतपणा होता आणि बोलण्यात ऐट होती. असे दाजीसाहेबांचे व्यक्तिमत्व होते.

प्रश्न 2.
दाजीसाहेबांच्या पोशाखाचे वर्णन करा,
उत्तरः
दाजीसाहेब पांढरे स्वच्छ धोतर परिधान करत असत. त्यावर बंद गळ्याचा कोट आणि डोक्याला उंच सडसडीत केशरी फेटा असा दाजीसाहेबांचा पोशाख असे. त्यांची शरीरयष्टी आणि पोशाख त्यामुळे ते खूप रुबाबदार दिसत.

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प्रश्न 3.
दाजीसाहेब आपल्या भाषणात अब्दुलबद्दल जे बोलले ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
दाजीसाहेब म्हणाले तपोवनासाठी मदत करणाऱ्या अनेक व्यक्ती सुदैवाने आम्हाला लाभल्या. संक्रांतीला आणि ज्येष्ठ पौर्णिमेला बांगड्या भरण्याचा प्रस्ताव अब्दुल मियांनी स्वत:हून स्विकारला. दरवर्षी अब्दुलमियाँ न चुकता येतात व येथील भगिनींच्या जीवनात आनंदाचा वर्षाव करतात. कुठल्याही मोबदल्याची अपेक्षा न करता अब्दुलमियाँ हे काम करतात. त्यांचे हे समाजकार्य, मानवसेवा खरोखरच फार मोठी आहे, अनमोल आहे, अशा शब्दांत दाजीसाहेबांनी अब्दुलच्या कार्याचा गौरव केला.

प्रश्न 4.
प्रत्येकाच्या छोट्या-छोट्या सहकार्यातून अनेक मोठी कामे होऊ शकतात. यावर तुमचे मत उदाहरणासह लिहा.
उत्तरः
दाजीसाहेबांना तपोवनासाठी काम करणारी, मदत करणारी माणसं मिळाली म्हणून एवढं काम ते चांगल्या प्रकारे करू शकले. एखाक्या चांगल्या कामासाठी प्रत्येकाने थोडासा जरी हातभार लावला तरी खूप मोठमोठी कामे पूर्णत्वास जाऊ शकतात. अगदी अलिकडचेच उदाहरण घ्यायचे झाले तर नाना पाटेकर व मकरंद अनासपुरे यांनी शेतकऱ्यांच्या मदतीसाठी सुरू केलेले ‘नाम’ फाऊंडेशन. यात अनेकांच्या सहकार्यामुळे शेतकऱ्यांना दिलासा मिळतो आहे. पाण्याच्या प्रश्नावर काम करणारे जलपुरुष ‘डॉ. राजेंद्रसिंह’ असोत किंवा अनाथांची आई झालेल्या ‘सिंधुताई सकपाळ’ असोत. या सगळ्यांच्या कामाला हातभार लावणारे, सहकार्य देणारे अनेक हात आहेत. सामाजिक सेतुबंधनाची मोठ मोठी कार्ये सहकार्यातूनच साकार होत असतात.

प्रश्न ४. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १ : आकलन कृती.

प्रश्न 1.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 3.
कंसातील योग्य पर्याय निवडून रिकाम्या जागा भरा,
(i) अमरावतीहून आलेली निमंत्रित मंडळी ……………………………… जाणार होती. (रिक्षातून, सायकलवरून, मोटारीतून, चालत)
(ii) ……………………………… पुढचे बोलणे अब्दुलने ऐकलेच नाही. (शन्नूचे, रघुभैय्याचे, अन्वरचे, दाजीसाहेबांचे)
(iii) थाळीत चपाती आणि ……………………………… भाजी घेऊन तिने थाळी अब्दुलसमोर ठेवली. (मेथीची, भोपळ्याची, वांग्याची, कारल्याची)
उत्तर:
(i) मोटारीतून
(ii) शन्नूचे
(iii) वांग्याची

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.
(i) अंबादेवीच्या चौकात मोटार थांबली.
(ii) दाजीसाहेबांनी अब्दुलला मोटारीत बसवले,
(iii) अब्दुल एखादया अपराध्यासारखा मान खाली घालून जेवू लागला.
(iv) अब्दुल येताच शन्नू उठली.
उत्तर:
(i) दाजीसाहेबांनी अब्दुलला मोटारीत बसवले.
(ii) अंबादेवीच्या चौकात मोटार थांबली.
(iii) अब्दुल येताच शन्नू उठली.
(iv) अब्दुल एखादया अपराध्यासारखा मान खाली घालून जेवू लागला.

कृती २: आकलन कृती

प्रश्न 1.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) मोटार कोणत्या चौकात थांबली?
उत्तरः
मोटार अंबादेवीच्या चौकात थांबली.

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(ii) शनू कोणत्या गोष्टींचा अब्दुलला नेहमी आग्रह करत होती?
उत्तरः
शन्नू अब्दुलला नवीन व्यवसाय करण्याचा आग्रह करत होती.

प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) अब्दुलला बांगड्यांचा व्यवसाय सोडवत नव्हता; कारण …………………………..
(अ) त्याच्या अब्बाजानपासून चालत आलेला व्यवसाय होता.
(आ) बांगड्यांचा धंदा खूप तेजीत होता.
(इ) तो व्यवसाय त्याला मनापासून आवडत होता.
(ई) तो खूप आळशी होता.
उत्तर:
अब्दुलला बांगड्यांचा व्यवसाय सोडवत नव्हता; कारण त्याच्या अब्बाजानपासून चालत आलेला व्यवसाय होता.

(ii) शनू नेहमी नाराज असे; कारण …………………………..
(अ) अब्दुलने तिला तपोवनात नेले नव्हते.
(आ) अन्वर जेवला नव्हता.
(इ) वारंवार सांगूनही अब्दुल व्यवसाय बदलत नव्हता.
(ई) अब्दुल तिच्यावर नेहमी ओरडायचा.
उत्तरः
शनू नेहमी नाराज असे; कारण वारंवार सांगूनही अब्दुल व्यवसाय बदलत नव्हता.

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.
गट अ – गट ब
(i) अष्टमीचा चंद्र (अ) वातावरण
(ii) उदास चेहरा (आ) आकाश
(iii) दुकानाला रंग (इ) अब्दुल
(iv) अंतर्बाह्य प्रसन्न (ई) रघुभैय्याच्या
उत्तर:
(i- आ)
(ii – इ)
(iii – ई)
(iv – अ)

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प्रश्न 4.
चौकटी पूर्ण करा.
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प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
(i) उदास : चेहरा :: मेघरहित : …………………………..
(ii) अष्टमीचा : चंद्र :: बांगड्यांचा : …………………………..
उत्तर:
(i) आकाश
(ii) धंदा

कृती ३: स्वमत

प्रश्न 1.
अब्दुलची जेवणावरची इच्छा मरून गेली! तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
अब्दुल पुरस्कार स्वीकारून तपोवनातून घरी आला. शन्नोने त्याला जेवायला वाढले. पण शन्नू जेवली नव्हती हे त्याला कळले. अन्वर जेवला पण खिम्यासाठी रुसून बसला होता. हे शनूने अब्दुलला सांगितले. अब्दुलचा धंदा चांगला चालत नव्हता. आणि त्याला धंदा सोडवतही नव्हता. आपल्या मुलांची व बायकोची आपण नीट काळजी घेऊ शकत नाही. त्यांच्या साध्या-साध्या इच्छा आपण पूर्ण करू शकत नाही, म्हणून अब्दुल खूप उदास झाला. जेवणावरची त्याची वासनाच उडाली. त्याच्या तोंडातला घास तोंडातच घोळू लागला.

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प्रश्न 2.
शन्नू वारंवार कोणत्या गोष्टीचा आग्रह करत होती? का?
उत्तरः
अब्दुलचा बांगड्यांचा व्यवसाय होता. आधीच जेमतेम चालणारा व्यवसाय आणि नेमका सणाच्या दिवशी आपले दुकान बंद ठेवून अब्दुल तपोवनातल्या स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी जात असे. शन्नू वारंवार अब्दुलला दुसरा व्यवसाय करण्यास सांगत होती. अत्यंत अल्प उत्पन्नात संसाराचा गाडा चालवणं तिला कठीण जात होतं. तिच्या मुलाच्या साध्या साध्या इच्छा तिला पूर्ण करता येत नव्हत्या. म्हणूनच ती, अब्दुलला नवीन धंदा सुरू करायला सांगत होती.

प्रश्न 3.
अब्दुल मोटारीतून प्रवास करतांना त्याच्या मनातले विचार व वातावरणाचे वर्णन करा.
उत्तर:
मोटार धावत होती. अब्दुलच्या मनात विचार आला, शन्नूला आज आणायला हवे होते. तिची नाराजी दूर झाली असती. धावत्या मोटारीतून त्याने बाहेर नजर टाकली. आकाशात अष्टमीचा चंद्र हसत होता. आकाश मेघरहित निळ्या नितळाईने नटले होते. वातावरण अंतर्बाह्य प्रसन्न होते.

प्रश्न 4.
अब्दुलला नवीन धंदा का सुरू करता येत नव्हता?
उत्तरः
शन्नू वारंवार अब्दुलजवळ नवीन धंदा सुरू करण्याचा आग्रह धरत होती; पण अब्दुलला ते शक्य नव्हते. नवीन धंदयासाठी लागणारे भांडवल त्याच्याकडे नव्हते. शिवाय बांगड्या विकण्याच्या या व्यवसायाशी त्याचे भावनिक नाते होते. त्याच्या वडिलांनी सुरू केलेला हा व्यवसाय होता. म्हणून तो त्याला बंद करावासा वाटत नव्हता.

प्रश्न ५. पुढील उताराच्या आधारे दिलेला सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
(i) देवळात दोनचे टोले देणारा – पहारेकरी
(ii) गाढ झोपी गेलेला – अन्वर

प्रश्न 3.
पुढील घटनांचे परिणाम लिहा. घटना परिणाम
(i) तपोवन दाजीसाहेबांच्या धंदा करायला अब्दुलचं मन हाती राहिलं नाही हे लागत नाही. अब्दुलला कळलं.
(ii) सगळं काही विसरून अब्दुलचे मनोमन सुखावणे. स्त्रियांचे हसणे.

प्रश्न 4.
जोड्या जुळवा.
‘अ’ गट – ‘ब’ गट
(i) देऊळ (अ) हळवा
(ii) तपोवन (आ) पेटी
(iii) बांगड्या (इ) दाजीसाहेब
(iv) अब्दुल (ई) पहारेकरी
उत्तर:
(i – ई),
(ii – इ),
(iii – आ),
(iv – अ)

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) अन्वर ………………………….. झोपला होता. (गाढ, गप्प, शांत, आनंदी)
(ii) एखादया वस्त्राचा एकाएकी रंग उडून जावा तशी त्याची एकाएकी ………………………….. उडून गेली. (इच्छा, जीवनेच्छा, आस, आसक्ती)
(iii) ………………………….. त्याला आवाज दिला. (शनूने, अन्वरने, दाजीसाहेबांनी, रघुभैय्याने)
उत्तर:
(i) गाढ
(ii) जीवनेच्छा
(iii) रघुभैय्याने

कृती २: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) अब्दुलचं मन धंदयात लागत नव्हतं. कारण …………………………..
उत्तरः
अब्दुलचं मन धंदयात लागत नव्हतं कारण तपोवन दाजीसाहेबांच्या हाती राहिलं नव्हतं.

(ii) अब्दुलने पिशवीतील वस्तू बाहेर काढल्या कारण …………………………..
उत्तर:
अब्दुलने पिशवीतील वस्तू बाहेर काढल्या कारण त्या सगळ्या वस्तू तो संक्रांतीला तपोवनात नेणार होता.

प्रश्न 3.
खालील कृती पूर्ण करा.
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प्रश्न 4.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) अब्दुल हळवा का झाला?
उत्तर:
कष्टाने फुलवलेली कर्मभूमी सोडण्याच्या विचारानं दाजीसाहेबांना किती यातना होत असतील, या विचाराने अब्दुल हळवा झाला.

(ii) अब्दुल तपोवनात कोणत्या सणाच्या दिवशी जाणार होता?
उत्तर:
अब्दुल संक्रांतीला तपोवनात जाणार होता.

(iii) देवळातल्या पहारेकऱ्याने कितीचे टोल दिले?
उत्तर:
देवळातल्या पहारेकऱ्याने दोनचे टोल दिले.

(iv) अब्दुल वर्षातून किती वेळा दुसऱ्यासाठी जगण्यात त्या आनंदाचे सुख अनुभवायचा?
उत्तर:
अब्दुल वर्षातून फक्त दोनदाच दुसऱ्यासाठी जगण्यातल्या आनंदाचे सुख अनुभवायचा.

(v) साऱ्या वस्तूंकडे बघता बघता अब्दुलवर काय परिणाम झाला?
उत्तरः
साऱ्या वस्तूंकडे बघता-बघता अब्दुलचे डोळे पाण्याने काठोकाठ भरून आले.

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प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला 18

कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
त्या आनंदाचे सुख वर्षातून फक्त दोनदा अब्दुल अनुभवायचा. स्पष्ट करा.
उत्तर:
अब्दुलचा बांगड्या विकण्याचा व्यवसाय होता. वर्षातून दोनदा म्हणजे संक्रांतीला आणि ज्येष्ठ पौर्णिमेला अब्दुल तपोवनात जायचा. कुष्ठरोगाने पीडित स्त्रिया, मुली यांच्यासाठी तो टिकल्या, बांगड्या, पिना, आरसा, रिबिन, रुमाल अशा वस्तू घेऊन जायचा. अब्दुल तपोवनात जाताच तिथल्या सगळ्या बायका, मुलींना खूप आनंद व्हायचा. त्यांच्या हातात कौशल्यपूर्वक तो बांगड्या भरायचा. बांगड्यांच्या विविध रंगात क्षणभर का होईना त्या आपले दुःख विसरत, त्यांचा तो आनंद बघून अब्दुल मनोमन सुखावत असे. स्वत:साठी सारेच जगतात, पण दुसऱ्यासाठी जगण्यातला आनंद अब्दुल मिळवत होता.

प्रश्न 2.
एखाद्या वस्त्राचा एकाएकी रंग उडून जावा तशी त्याची जीवनेच्छा एकाएकी उडून गेली असे लेखिका का म्हणते?
उत्तरः
अब्दुल रंगीबेरंगी बांगड्या व इतर अनेक वस्तू घेऊन वर्षातून दोनदा तपोवनात जात असे. त्या रंगीबेरंगी बांगड्या म्हणजे तपोवनातल्या मुलींसाठी आणि स्त्रियांसाठी आनंददायी गोष्ट होती. बांगड्या भरण्याचा दिवस म्हणजे त्यांच्यासाठी चैतन्याचा आणि उत्साहाचा दिवस होता, आपलं सगळं दुःख विसरून बांगड्यांच्या रंगात त्या हरवून जात. हे सगळं बघून अब्दुल मनोमन सुखावत असे. दुसऱ्यासाठी जगण्यातल्या आनंदाचं सुख आता त्याला मिळणार नव्हतं, म्हणून तो खूप दुःखी झाला होता. कारण तपोवन आता राहणार नव्हतं. अब्दुलच्या जीवनातला आनंद संपला होता. त्यामुळेच एखादया वस्वाचा एकाएकी रंग उडून जावा तशी त्याची जीवनेच्छा एकाएकी उडून गेली, असे लेखिका म्हणते.

प्रश्न 3.
वरील परिच्छेदावरून अब्दुलचा स्वभाव विशेष लिहा.
उत्तरः
अब्दुल हा अत्यंत संवेदनशील वृत्तीचा गृहस्थ होता. स्वत:ची आर्थिक स्थिती चांगली नसतांना देखील तो आपल्या व्यवसायाची पर्वा न करता तपोवनात जात असे. तेथील मुलींना स्त्रियांना त्याच्या मनपसंत बांगड्या भरत असे. त्याला त्या मुलींचा, स्त्रियांचा आनंद बघून समाधान वाटत असे. यावरून असे दिसते की, दुसऱ्याला आनंद देण्यासाठी धडपडणारा, व माणुसकीला जपणारा असा अब्दुल होता. तपोवन आता राहणार नाही हे कळल्यावर तो खूप दुःखी झाला यावरून असे कळते की, तो आपल्यापेक्षा दुसऱ्यांच्या सुखाचा, आनंदाचा विचार करणारा परोपकारी वृत्तीचा होता. तो खूपच हळवा होता.

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स्वाध्याय कृती

प्रश्न 1.
शन्नूच्या वागण्यामागील तिचा विचार काय असावा, याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
इतर चार-चौघीसारखी शन्नू गृहिणी होती. आपला प्रपंच नीट चालावा, अब्दुलचा व्यवसाय वाढावा, इतरांप्रमाणे आपल्या घरातही दोन चांगल्या वस्तू असाव्यात अशी तिची अपेक्षा होती. म्हणून तपोवनात कुष्ठरोगी स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी जाणाऱ्या अब्दुलचा ती राग करत असे. तपोवनातील कुष्ठरोगाने पिडीत स्त्रियांना अब्दुल बांगड्या भरायला जातो हे जर कुणाला कळले तर इतर स्त्रिया बांगड्या भरण्यासाठी अब्दुलकडे येणार नाहीत व त्यांचा परिणाम व्यवसायावर होईल, अशी धास्ती शन्नूला वाटत होती म्हणून अब्दुल तपोवनात जातो हे कोणाला कळू नये यासाठी तिची धडपड सुरू असे. अत्यंत साध्या अपेक्षा असणारी ती सामान्य गृहिणी होती, अब्दुलची उदात्त वृत्ती, परोपकार, सेवाभाव यातलं तिला काही कळत नव्हते.

चुडीवाला शब्दार्थ‌ ‌

  • ‌उजळणी‌ ‌-‌ ‌सराव‌ ‌,‌ ‌शिकलेल्या‌ ‌भागाचा‌ ‌पुन्हा‌ ‌अभ्यास‌‌ – (revision)‌ ‌
  • चुडीवाला‌ ‌-‌ ‌बांगडीवाला‌ ‌-‌ ‌(bangle‌ ‌seller)‌ ‌
  • कुष्ठरोग‌ ‌-‌ ‌महारोग‌‌ – (leprosy)‌ ‌
  • वसाहत‌ ‌-‌ ‌वसतिस्थान‌‌ – (colony)‌ ‌
  • प्रस्ताव‌ ‌-‌ ‌ठराव‌‌ – (proposal)‌ ‌
  • संवेदनशील‌ ‌-‌ ‌भावनाशील‌ ‌-‌ ‌(sensitive)‌ ‌
  • वृत्ती‌ ‌-‌ ‌स्वभाव‌‌ – (nature)‌ ‌
  • पर्वणीच‌ ‌-‌ ‌सणाचा‌ ‌दिवस‌ ‌-‌ ‌(a‌ ‌festival)‌ ‌
  • उतारू‌ ‌-‌ ‌प्रवासी‌‌ – (passengers)‌ ‌
  • क्रोध‌ ‌-‌ ‌राग‌‌ – (anger)‌ ‌
  • चौथरा‌ -‌ ‌दगडी‌ ‌ओटा‌ ‌
  • कीव‌ ‌-‌ ‌करूणा‌ ‌-‌ ‌(mercy,‌ ‌pity)‌ ‌
  • मेघरहित‌ ‌-‌ ‌ढग‌ ‌नसलेले‌ ‌-‌ ‌(without‌ ‌clouds)‌ ‌
  • उसवलेला‌ ‌-‌ ‌शिवण‌ ‌सैल‌ ‌झालेला‌ ‌किंवा‌ ‌फाटलेला‌ ‌
  • जीवनेच्छा‌ ‌-‌ ‌जीवनातील‌ ‌इच्छा‌ ‌
  • वाऱ्याचा‌ ‌झोत‌ ‌-‌ ‌वाऱ्याची‌ ‌लाट‌ ‌-‌ ‌(a‌ ‌wave‌ ‌of‌ ‌air)‌ ‌
  • कमान‌ ‌-‌ ‌महिरप‌ ‌-‌ ‌(decorative‌ ‌half‌ ‌cirlce)‌ ‌
  • दिव्य‌ ‌-‌ ‌कसोटीचा‌ ‌प्रसंग‌ ‌/‌ ‌कठोर‌ ‌परीक्षा‌‌ -‌ ‌(an‌ ‌ordeal)‌ ‌
  • चैतन्य‌ ‌-‌ ‌जिवंतपणा‌ ‌-‌ ‌(liveliness)‌ ‌
  • देवदूत‌ ‌-‌ ‌देवाचा‌ ‌निरोप्या‌ ‌-‌ ‌(god’s‌ ‌messenger)‌ ‌
  • विलक्षण‌ ‌-‌ ‌वेगळे‌‌ -‌ ‌(uncommon)‌ ‌
  • समाधान‌ ‌-‌ ‌मनाचा‌ ‌संतोष,‌‌ – (satisfaction)‌ ‌
  • सत्कार‌ ‌-‌ ‌आदर‌‌ – (hospitality,‌ ‌respect)‌ ‌
  • संकोच‌ ‌-‌ ‌लाजणे‌ ‌-‌ ‌(to‌ ‌feel‌ ‌shy)‌‌
  • सडसडीत‌ ‌-‌ ‌उंच‌ ‌देखणा‌ ‌-‌ ‌(tall,‌ ‌slim‌ ‌and‌ ‌comely)‌ ‌
  • देहयष्टी‌ ‌-‌ ‌शरीराची‌ ‌ठेवण‌ ‌-‌ ‌(body‌ ‌structure)‌ ‌
  • तेजःपुंज‌ ‌-‌ ‌तेजस्वी‌‌ – (lustrous‌ ‌/‌ ‌brilliant)‌ ‌
  • ‌गौरवर्ण‌ ‌-‌ ‌गोरा‌ ‌रंग‌ ‌-‌ ‌(fair)‌‌
  • ‌रुबाब‌ ‌/दिमाख‌ ‌खार‌ ‌-‌ ‌एक‌ ‌चपळ‌ ‌प्राणी‌ ‌-‌ ‌(asquirrel)‌ ‌
  • आश्वासन‌ ‌-‌ ‌वचन/हमी‌ ‌-‌ ‌(promise)‌
  • ‌मोबदला‌ ‌-‌ ‌केलेल्या‌ ‌कामाचे‌ ‌वेतन‌‌ – (remuneration‌ ‌for‌ ‌the‌ ‌work‌ ‌done)‌ ‌
  • अनमोल‌ ‌-‌ ‌मौल्यवान,‌ ‌ज्याचे‌ ‌मूल्य‌ ‌होऊ‌ ‌शकत‌ ‌नाही‌ ‌असे‌‌ – (priceless)

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions 

Class 10 Hindi Chapter 4 Mann Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 4 Mann Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 मन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 4 मन Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 4 मन Textbook Questions and Answers

कृति

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
लिखिए:

हाइकु द्वारा मिलने वाला संदेश
करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा।भीतरी कुंठा नयनों के द्वार से आई बाहर।

उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 मन 5

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 मन 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 मन 3

प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
a. मँझधार में डोले —-
b. छिपे हुए ——-
c. धुल गए ——-
d. अमर हुए ——-
उत्तर:
a. मँझधार में डोले – जीवन नैया।
b. छिपे हुए सितारे
c. घुल गए विषाद
d. अमर हुए गीतों के स्वर।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए:
a. चलतीं साथ पटरियाँ रेल की फिर भी मौन।
b. काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा।
उत्तर:
a. रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।
b. गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हँसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि हमें परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।

उपयोजित लेखन

वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के उपलक्ष्य में आपके मित्र/सहेली ने आपको बधाई पत्र भेजा है, उसे धन्यवाद देते हुए निम्न प्रारूप में पत्र लिखिए:
दिनांक: ……………………….
संबोधन: ……………………….
अभिवादन: ……………………….

प्रारंभ:
विषय विवेचन:
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………

तुम्हारा/तुम्हारी,
……………………….
नाम: ……………………….
पता: ……………………….
ई-मेल आईडी: ……………………….
उत्तर:
दिनांक: 25/8/20
प्रिय अविनाश,
नमस्ते!
तुम्हारा पत्र अभी-अभी मिला। धन्यवाद।
अंतर विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के लिए तुम्हारा बधाई-पत्र मिला। पत्र पाकर दिल गदगद हो गया। वास्तव में मेरी इस सफलता में तुम जैसे मित्रों का मुझे सदा उत्साह दिलाते रहने का बड़ा हाथ है। तुम तो जानते हो, मंच पर बोलने में मुझे कितनी झिझक होती थी।

पर तुम जैसे मित्रों और हमारे कक्षा अध्यापक के निरंतर प्रोत्साहन से आज मुझे अंतर विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने का अवसर मिला है। में इसके लिए तुम जैसे अपने सभी मित्रों और अपने कक्षा अध्यापक नरेश कौशल जी का तहे दिल से आभारी हूँ।

मेरा, उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद!
तुम्हारा मित्र
राजेश शर्मा।
17, विमल मेंशन,
महात्मा गांधी रोड,
औरंगाबाद।
ई-मेल आईडी: [email protected]

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 4 मन Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (आ) के लिए)
पद्यांश क्र. 1

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

(1) उत्तर लिखिए:
(i) खिले हुए ……………………….
उत्तर:
(i) खिले हुए – फूल।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
फागुन के महीने में प्रकृति रंगों से रंग जाती है। इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
फागुन का महीना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। इस महीने में प्रकृति में चारों ओर नवीनता दिखाई देती है। खेत सरसों के पीले-पीले फूलों से भर जाते हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे जमीन पर पीले रंग की विशाल चादरें बिछाई दी गई हों। बीच-बीच में अलसी के नीले-नीले फूल पीले रंग पर छाप जैसे लगते हैं। पलाश के वन लाल रंग के बड़े-बड़े फूलों से लद जाते हैं।

दूर से इन वनों को देखकर ऐसा लगता है, मानो पेड़ों से आग की लपटें निकल रही हों। विभिन्न प्रकार के पेड़ों पर गुलाबी रंग की नई-नई कोंपलें आ जाती हैं। इन्हें देखकर लगता है जैसे ये पेड़ गुलाबी रंग के वस्त्रों से सज गए हैं। इनके अतिरिक्त फागुन के महीने में ही तो होली का त्योहार आता है जब चारों ओर तरह-तरह के रंगों और अबीर-गुलाल की बहार आ जाती है। लोग खुशी से एक-दूसरे को रंगों से सराबोर कर देते हैं। इस तरह फागुन के महीने में प्रकृति तरह-तरह के रंगों से रँग जाती है।

पद्यांश क्र. 2

प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

(1) उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

‘अ’‘आ’
(i) मछलीमौन
(ii) गीतों के स्वरसूना
(iii) रेल की पटरियाँप्यासी
(iv) आकाशअमर
Maharashtra Board Solutionsपीड़ा

उत्तर:

‘अ’‘आ’
(i) मछलीप्यासी
(ii) गीतों के स्वरअमर
(iii) रेल की पटरियाँमौन
(iv) आकाशसूना।

(2) परिणाम लिखिए:
(i) सितारों का छिपना।
(ii) तुम्हारा गीतों को स्वर देना।
उत्तर
(i) सूना आकाश
(ii) गीतों का अमर होना।

(3) मन की ……………………. बरसी आँखें। इस हाइकु का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर
जब मन की पीड़ा बहुत गहरी हो जाती है, तो वह बादल बनकर आँसुओं के रूप में बरसने लगती है।

(4) तालिका पूर्ण कीजिए:

स्थिति निवास स्थान
मछलीप्यासीसागर
सितारेछिपे हुएआकाश

Maharashtra Board Solutions

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘आँखें देखने के अलावा और भी कई तरह के काम करती हैं’, इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य के शरीर में विभिन्न अंग होते हैं और वे अपनाअपना निर्धारित काम करते हैं। कुछ अंगों से निर्धारित कामों के अलावा और भी कई तरह के काम लिए जाते हैं। आँखें हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इनसे देखने का काम तो लिया ही जाता है, साथ ही साथ और भी कई काम लिए जाते हैं। आँखों से तरह-तरह के इशारे किए जाते हैं, जिन्हें सामनेवाला आदमी आसानी से समझ लेता है। आँखें तरेरकर क्रोध प्रकट किया जाता है।

आँखें झुकाकर शर्म प्रदर्शित की जाती है। मन में छुपी दुख देने वाली भावनाओं को आँखों में आँसू लाकर प्रकट किया जाता है। मन भारी होने पर लोग रोकर अपना मन हल्का करते हैं। कोई अचंभेवाली घटना होने पर वाणी के साथ-साथ आँखों से भी भाव प्रदर्शित होता है। आँखों का एक आवश्यक काम मनुष्य को निद्रावस्था में ले जाकर उसे आराम दिलाना है। इस तरह आँखें देखने के अलावा कई महत्त्वपूर्ण काम करती हैं।

मन Summary in Hindi

मन कविता का सरल अर्थ

1. घना अंधेरा ……………………………. आई बहार।

जब अँधेरा घना होता है, तब प्रकाश और अधिक चमकता है अर्थात जब प्रतिकूल परिस्थितियाँ घने अंधकार के रूप में हमें घेर लेती हैं, तब वहीं से एकाएक प्रकाश की किरणें फूट पड़ती हैं।

हमें पूरा जीवन काम करते रहना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें क्या प्राप्त होगा।

जीवन रूपी नैया यदि संसार रूपी सागर में डगमगा रही है, तो उसे कोई अन्य सँभालने के लिए नहीं आएगा। हमें स्वयं उसे पार लगाने के लिए प्रयास करना होगा।

फागुन का महीना अपने संग बसंत के विविध रंग लेकर आया है। यह समय उल्लास और उमंग का समय है। अतः हम सभी को कुछ समय के लिए चिंताओं और परेशानियों को भूलकर बसंत ऋतु का आनंद लेना चाहिए।

गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हंसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।

जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं, तो यह मानना चाहिए कि मन की कुंठा नयन रूपी द्वार से बाहर आ रही है।

2. खारे जल ……………………………. प्यासी ही रही। . . .

जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं तो यह समझना चाहिए कि आँसुओं के खारे जल के साथ मन का संपूर्ण विषाद धुल गया है और मन पहले के समान पावन हो गया है।

प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अनेक परेशानियाँ हैं, चिंताएँ हैं, और हैं अप्रिय प्रसंग। ऐसे में जीवन रूपी संग्राम में डटे रहना हमारी जिजीविषा का प्रमाण है।

जब आकाश में बादल बहुत घने होते हैं, तभी वर्षा होती है। उसी प्रकार जब मन की पीड़ा बहुत गहरी हो जाती है, तो वह बादल बनकर आँसुओं के रूप में बरसने लगती है।

रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।

सितारे आकाश का शृंगार हैं। वे आकाश की शोभा बढ़ाते हैं। जैसे ही सितारे बादलों की ओट में छिपे, आकाश सूना हो जाता है। ठीक इसी प्रकार कुछ लोग हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं। उनके चले जाने पर या विमुख हो जाने पर मानो हमारा जीवन निरर्थक हो जाता है।

कवि के अंदर अनोखी सामर्थ्य होती है। वह जिन गीतों को स्वर देता है, वे अमर हो जाते हैं। इसी प्रकार कवि अपनी रचनाओं के द्वारा समाज में परिवर्तन ला सकता है।

सागर में अथाह जलराशि होती है, परंतु खारा होने के कारण अथाह होने पर भी वह जलराशि पीने योग्य नहीं होती। उसी प्रकार कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा या धनवान क्यों न हो, यदि वह किसी जरूरतमंद के काम नहीं आ सकता तो उसका बड़प्पन व्यर्थ है।

मन विषय-प्रवेश:

प्रस्तुत कविता ‘मन’ जापान की लोकप्रिय विधा हाइकु’ पर आधारित है। यह विधा हिंदी साहित्य में स्वीकृति पा चुकी है। इस विधा को विश्व की सबसे छोटी कविता का स्थान प्राप्त है। इस कविता में कवि ने तीन-तीन छोटी पंक्तियों में अलग-अलग घटनाओं को सुंदर ढंग से पिरोया है। प्रस्तुत कविता की यह अपनी विशेषता है।

Class 10 Hindi Lokbharti Textbook Solutions

Class 10 Hindi Chapter 11 Samta Ki Aur Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 11 Samta Ki Aur Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 11 समता की ओर Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 11 समता की ओर Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 11 समता की ओर Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए)

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 4

प्रश्न 2.
जीवन शैली में अंतर स्पष्ट कीजिए :

धनी दीन- दरिद्र
……………………..
……………………..
……………………..
……………………..
……………………..
……………………..
……………………..
……………………..

उत्तर:

धनी दीन- दरिद्र
(i) रात दिन मौज, आनंद ही आनंद
(ii) हलुवा-पूड़ी, दूध-मलाई का भोजन
शिशिर ऋतु के सारे दुख.
सूखी रोटी और भाजी का भी अभाव।

प्रश्न 3.
तालिका पूर्ण कीजिए:

ऋतुएँ अंग्रेजी माह हिंदी माह
१. वसंत मार्च, अप्रैल चैत्र, बैसाख
२. ग्रीष्म ………………….. …………………..
३. वर्ष ………………….. …………………..
४. शरद ………………….. …………………..
५. हेमंत ………………….. …………………..
६. शिशिर ………………….. …………………..

उत्तर:

ऋतुएँ अंग्रेजी माह हिंदी माह
१. वसंत मार्च, अप्रैल चैत्र, बैसाख
२. ग्रीष्ममई–जूनज्येष्ठ–आषाढ़
३. वर्षजुलाई–अगस्तश्रावण–भाद्रपद
४. शरदसितंबर–अक्तूबरआश्विन–कार्तिक
५. हेमंतनवंबर–दिसंबरमार्गशीर्ष–पौष
६. शिशिरजनवरी–फरवरी।माघ–फाल्गुन

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प्रश्न 4.
निम्न मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए :
1. रचनाकार
2. रचना का प्रकार
3. पसंदीदा पंक्ति
4. पसंदीदा होने का कारण
5. रचना से प्राप्त संदेश
उत्तर:
1. रचनाकार का नाम → मुकुटधर पांडेय।
2. रचना का प्रकार (विधा) → नई कविता।

3. पसंद की पंक्तियाँ →
‘हमको भाई का करना उपकार नहीं क्या होगा,
भाई पर भाई का कुछ अधिकार नहीं क्या होगा’।

4. पसंद होने का कारण → जन्म से सभी मनुष्य एक जैसे होते हैं, ऊँच-नीच, बड़ा-छोटा, धनवान-गरीब तो मनुष्य अपनी-अपनी उपलब्धियों से बनता है। मनुष्य का आपस में भाई-भाई का नाता है। प्रस्तुत पंक्तियों में कहा गया है कि मनुष्य में आपस में एक-दूसरे का उपकार करने की भावना होनी चाहिए।

5. रचना से प्राप्त संदेश → सभी मनुष्य समान होते हैं। कोई अपने को बड़ा या छोटा न समझे। मनुष्य को एक-दूसरे का उपकार करना चाहिए। (विद्यार्थी अपनी पसंद की पंक्ति लिखेंगे।)

प्रश्न 5.
अंतिम दो पंक्तियों से मिलने वाला संदेश लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि मनुष्य-मनुष्य में कोई अंतर नहीं होता। सभी का आपस में भाई-भाई का नाता है। एक भाई का दूसरे भाई पर कुछ-न-कुछ अधिकार होता है। इसलिए हमारे, मन में एक-दूसरे का उपकार करने की भावना होनी चाहिए।

उपयोजित लेखन

प्रश्न.
विश्वबंधता वर्तमान युग की माँग’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तर:
वैज्ञानिक प्रगति और उपलब्धियों के बल पर आज विश्व सिमटकर बहुत छोटा हो गया है। विभिन्न देशों के लोग आज एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए हैं। किसी भी देश में कोई घटना होती है, तो उससे दूसरे देश भी प्रभावित होते हैं। आज लोगों का एक-दूसरे के देशों में आना-जाना और व्यापारव्यवहार बहुत सुलभ हो चुका है। लोगों में आपसी प्रेम-भाव भी बहुत है। पर कुछ शक्तियाँ ऐसी हैं, जिनके कारण लोगों के बीच वैसा सौमनस्य स्थापित नहीं हो पा रहा है, जैसा होना चाहिए। इसके कारण कई देशों में अशांति का वातावरण है।

आतंकवाद और युद्ध का भय उनमें से एक है। विश्व में लोगों में आपसी भाईचारे के प्रयास पहले भी होते रहे हैं और आज तो बहुत तेजी से जारी हैं। आज के युग में विश्वबंधुता की सबसे अधिक आवश्यकता है। आज विश्व विस्फोटकों के ढेर पर बैठा हुआ है। तरह-तरह के विनाशक अस्त्र-शस्त्रों का भय लोगों को सता रहा है, जिसकी चपेट में सारा विश्व आ सकता है। इसलिए आज सभी देशों के बीच आपसी प्रेम-भाव और सौहाय की अत्यधिक आवश्यकता है। इस बात को अब सभी देश समझने लगे हैं और इस दिशा में प्रयास भी शुरू हो गए हैं। विश्वबंधुता की भावना से ही विश्व में शांति और सौहाय स्थापित हो सकता है।

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 11 समता की ओर Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में आए एक फूल का नाम –
(ii) श्वेत कणों के रूप में पृथ्वी पर गिरने वाली हवा में मिली भाप –
(iii) लंबे-चौड़े प्राकृतिक गड्ढे के लिए प्रयुक्त शब्द जिसमें बरसाती पानी जमा होता है –
(iv) शिशिर ऋतु से पहले आने वाली ऋतु –
उत्तर:
(i) पद्यांश में आए एक फूल का नाम – पद्म (कमल)।
(ii) श्वेत कणों के रूप में पृथ्वी पर गिरने वाली हवा में मिली भाप – तुषार (बर्फ)।
(iii) लंबे-चौड़े प्राकृतिक गड्ढे के लिए प्रयुक्त शब्द जिसमें बरसाती पानी जमा होता है – ताल।
(iv) शिशिर ऋतु से पहले आने वाली ऋतु – हेमंत ऋतु।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाकर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
‘अ’ – ‘आ’
(i) प्रकृति – ताल
(ii) अवनि – युतिहीन
(iii) पद्मदल – नृप
(iv) अन्यायी – कुंझटिका लोग
उत्तर:
(i) प्रकृति – युतिहीन
(ii) अवनि – कुंझटिका
(iii) पद्मदल – ताल
(iv) अन्यायी -नृप।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 5

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कृति 2: (शब्द संपदा) (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)

प्रश्न 1.
लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) नृप –
(ii) प्रकृति –
(iii) अवनि –
(iv) निशा –
उत्तर:
(i) नृप – पुल्लिग
(ii) प्रकृति – स्त्रीलिंग
(iii) अवनि – स्त्रीलिंग
(iv) निशा – स्त्रीलिंग।

प्रश्न 2.
वचन परिवर्तन कीजिए:
(i) ऋतु –
(ii) घर –
उत्तर:
(i) ऋत – ऋतुएँ
(ii) घर – घर।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
प्रस्तुत पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
निशा काल में लोग घरों में निज-निज जा सोते हैं। बाहर श्वान, स्यार चिल्लाकर बार-बार रोते हैं। कवि कहते हैं कि शिशिर ऋतु के भाई हेमंत का समय बीत गया है। अब शिशिर ऋतु का आगमन हो गया है। शिशिर ऋतु की कँपा देने वाली ठंड के कार प्रकृति की आभा खत्म हो गई है और वह कांति रहित हो गई है। पृथ्वी पर धुंधलका छां गया है।

ठंड के कारण खूब बर्फ गिर रही है। इससे तालाबों में खिले हुए कमल के फूलों को बहुत कष्ट हो रहा है। कवि कहते हैं यह कष्ट कुछ उसी तरह का है, जैसे किसी निर्दयी और अन्यायी राजा के तरह-तरह के दंडों से उसके राज्य की प्रजा दुखी होती है।

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पद्यांश क्र. 2
प्रश्न, निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 8

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प्रश्न 2.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) रात के एक हिस्से का नाम –
(ii) घर के भीतर खुला छोड़े गए भाग का नाम –
(iii) देखने के अर्थ में आया हुआ शब्द –
(iv) सौर मंडल के एक उपग्रह का नाम –
उत्तर:
(i) रात के एक हिस्से का नाम – अर्धरात्रि।
(ii) घर के भीतर खुला छोड़े गए भाग का नाम – आँगन।
(iii) देखने के अर्थ में आया हुआ शब्द – ‘लख’।
(iv) सौर मंडल के एक उपग्रह का नाम – चंद्रमा।

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 9

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए:
(i) रोटी
(ii) दुशाले
उत्तर:
(i) रात-दिन
(ii) दूध-मलाई।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि शिशिर ऋतु की कष्टदायी ठंड में धनी वर्ग के व्यक्तियों को आनंद ही आनंद है। वे रात-दिन मौज-मजा करते हैं और प्रसन्न रहते हैं। लेकिन गरीबों और दरिद्रों के लिए शिशिर ऋतु की ठंड में दुख ही दुख है।

धनिक वर्ग के लोग हलुवा-पूड़ी और ताजी दूध-मलाई खाते हैं और ठंडक का आनंद लेते हैं। लेकिन गरीबों और दरिद्रों को सुखी रोटी और सब्जी भी नसीब नहीं होती (यानी उन्हें उपवास करना पड़ता है)।

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पयांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
जीवन-शैली में अंतर स्पष्ट कीजिए:
घनी – दीन-दरिद्र
(i) …………… – ………………
(ii) ………….. – ……………….
उत्तर:
धनी – दीन-दरिद्रमा
(i) वे रंगीन कीमती शाल – दुशाले ओढ़ते हैं – इनके काँपते हुए शरीर पर रोज पाला गिरता है
(ii) ये सुविधा-संपन्न मकानों में रहते हैं, – ये टूटे-फूटे घरों में रहते हैं जहाँ हमेशा उदासी छाई रहती हैं

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 11 समता की ओर 11

प्रश्न 3.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) पहले इन्हें इसकी चिंता नहीं सताती थी –
(ii) यह इनका माता की तरह भरण-पोषण करती थी –
उत्तर:
(i) पहले इन्हें इसकी चिंता नहीं सताती थी – उदर की।
(ii) यह इनका माता की तरह भरण-पोषण करती थी – प्रकृति।

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कृति 2: (शब्द संपदा)

(1) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) उदर =
(ii) माता =
उत्तर:
(i) उदर = पेट
(ii) माता = माँ

(2) निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) सुख x
(ii) उपकार x
उत्तर:
(i) सुख x दुख
(ii) उपकार x अपकार

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:

अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) वे हलुवा-पूड़ी और ताजी दूध-मलाई खाते हैं।
(ii) वे कीमती शाल-दुशाले ओढ़ते हैं।
उत्तर:
(i) ताजी – गुणवाचक विशेषण।
(ii) वे – पुरुषवाचक सर्वनाम।

2. अव्यय:

निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) रात-दिन
(ii) उधर।
उत्तर:
(i) वह रात-दिन गरीबों की सेवा में लगा रहता है।
(ii) विधि उधर मत जाओ।

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3. संधि:

कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
सदैव…………………………………………
अथवा
……………………निः + रज……………………

उत्तर:

संधि शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
सदैवसदा + एवस्वर संधि
अथवा
नीरजनिः + रजविसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया पहचानना:

निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए:
(i) अब वह अपने नए मकान में रहने लगा।
(ii) वे शाल-दुशाले ओढ़े रहते हैं।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) लगा – लगना
(ii) हैं – होना

5. प्रेरणार्थक क्रिया का रूप लिखना:

निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) गिरना
(ii) खाना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) गिरना – गिराना – गिरवाना
(ii) खाना। – खिलाना – खिलवाना

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6. मुहावरे:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) पौ-बारह होना
(i) नाच नचाना।
उत्तर:
(i) पौ-बारह होना।
अर्थ – लाभ का अवसर मिलना।
वाक्य: आई.ए.एस. परीक्षा में यदि वह लड़का पास हो गया, तो उसके पौ-बारह हो जाएंगे।

(ii) नाच नचाना।
अर्थ: खूब परेशान करना।
वाक्य: वह शैतान लड़का अपनी माँ को रात-दिन नाच नचाता रहता है।

प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (जाल बिछाना, राह देखना, भनक पड़ना)
(i) पुलिस ने बदमाश को गिरफ्तार करने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी।
(ii) बोर्ड की परीक्षा हो जाने पर विद्यार्थी परिणाम की प्रतीक्षा करने लगे।
उत्तर:
(i) पुलिस ने बदमाश को गिरफ्तार करने के लिए पूरे इलाके में जाल बिछा दिया।
(ii) बोर्ड की परीक्षा हो जाने पर विद्यार्थी परिणाम की राह देखने लगे।

7. कारक:

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) चंद्रमा ने पांडुवर्ण पाया है।
(ii) वे सुख से अपने घरों में रहते हैं।
उत्तर:
(i) चंद्रमा ने – कर्ता कारक।
(ii) सुख से – करण कारक।

8. विरामचिह्न:

निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) वाह आपने तो कमाल कर दिया
(ii) क्रिकेट खिलाड़ी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा एक दिन तुम देश का नाम रोशन करोगे।
उत्तर:
(i) वाह! आपने तो कमाल कर दिया।
(ii) क्रिकेट खिलाड़ी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “एक दिन तुम देश का नाम रोशन करोगे।”

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9. काल परिवर्तन:

निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) वे सुंदर मकानों में रहते हैं। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) इनके बदन पर नित पाले गिरते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) वे सुंदर मकानों में रह रहे हैं।
(ii) इनके बदन पर नित पाले गिरेंगे।

10. वाक्य भेद:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचान कर लिखिए:
(i) रात के समय लोग अपने-अपने घरों में सो जाते हैं।
(ii) हेमंत ऋतु बीत गई और शिशिर ऋतु आ गई।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(i) उन्हें काँपते हुए रात काटनी पड़ती है। (निषेधवाचक वाक्य)
(ii) ठंड भरे मौसम में आकाश के तारे धुंधले से दिखाई देते हैं। (प्रश्नवाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) उन्हें काँपते हुए रात नहीं काटनी पड़ती है।
(ii) क्या ठंड भरे मौसम में आकाश के तारे धुंधले दिखाई देते हैं?

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11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(i) पहले प्रक्रिति हमारे माता के समान थी।
(ii) इनकी बदन पर पाला गिरती है।
उत्तर:
(i) पहले प्रकृति हमारी माता के समान थी।
(ii) इनके बदन पर पाला गिरता है।

समता की ओर Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : शिशिर ऋतु की ठंडक समूचे वातावरण को प्रभावित कर देती है। उसका प्रभाव प्रकृति, पृथ्वी, वनस्पतियों, जीवजंतुओं, मनुष्यों तथा आकाश में स्थित चाँद-तारों पर भी पड़ता है।
यह ऋतु धनिक वर्ग जैसे सुविधा-संपन्न लोगों के लिए जहाँ आनंददायी होती है, वहीं दीन-दरिद्र जैसे सुविधा-विहीन लोगों के लिए कष्टदायी होती है।

प्रस्तुत कविता में कवि ने शिशिर ऋतु में पड़ने वाली अत्यधिक ठंड से परेशान प्राणियों तथा साधन-संपन्न एवं अभावग्रस्त व्यक्तियों के जीवनयापन का सजीव वर्णन किया है। अंत में कवि कहता है कि धनवान और निर्धन दोनों भाई-भाई हैं। इसलिए धनी वर्ग के लोगों को अपने दीन-दरिद्र भाइयों की भलाई के लिए प्रयास करना चाहिए।

समता की ओर कविता का सरल अर्थ

1. बीत गया हेमंत ………………………….. बार-बार रोते हैं।

कवि कहते हैं कि शिशिर ऋतु के भाई हेमंत का समय बीत गया है। अब शिशिर ऋतु का आगमन हो गया है। शिशिर ऋतु की कँपा देने वाली ठंड के कारण प्रकृति की आभा खत्म हो गई है और वह कांति रहित हो गई है। पृथ्वी पर धुंधलका छा गया है।

ठंड के कारण खूब बर्फ गिर रही है। इससे तालाबों में खिले हुए कमल के फूलों को बहुत कष्ट हो रहा है। कवि कहते हैं कि यह कष्ट कुछ उसी तरह का है, जैसे किसी निर्दयी और अन्यायी राजा के तरहतरह के दंडों से उसके राज्य की प्रजा दुखी होती है।

रात्रि के समय बहुत ठंड होती है। ऐसे समय लोग अपने-अपने घरों में जाकर सो जाते हैं। पर ठंड के मारे बाहर कुत्तों और सियार जैसे जानवरों का बुरा हाल है। ये असहाय प्राणी चिल्ला-चिल्लाकर सारी रात रोते रहते हैं।

2. अर्धरात्रि को घर से ………………………….. और न भाजी।

आधी रात को यदि कोई व्यक्ति घर के आँगन में आकर निर्जन आकाश-मंडल की ओर देखता है, तो वहाँ का दृश्य देखकर उसे डर लगने लगता है।

ठंड भरे इस मौसम में आकाश के तारे भी धुंधले दिखाई देते हैं और चंद्रमा का रंग पीलापन लिए हुए सफेद हो गया है। इन्हें देखकर ऐसा लगता है, जैसे किसी राज्य पर कोई राष्ट्रीय संकट आ गया हो।

कवि कहते हैं कि शिशिर ऋतु की कष्टदायी ठंड में धनी वर्ग के व्यक्तियों को आनंद ही आनंद है। वे रात-दिन मौज-मजा करते हैं और प्रसन्न रहते हैं। लेकिन गरीबों और दरिद्रों के लिए शिशिर ऋतु की ठंड में दुख ही दुख है।

धनिक वर्ग के लोग हलवा-पूड़ी और ताजी दूध-मलाई खाते हैं और ठंडक का आनंद लेते हैं। लेकिन गरीबों और दरिद्रों को सूखी रोटी और सब्जी भी नसीब नहीं होती (यानी उन्हें उपवास करना पड़ता है)।

3. वे सुख से रंगीन ………………………….. नहीं क्या होगा।

घनिक वर्ग के लोगों पर ठंड का कोई असर नहीं होता। वे रंगीन और मूल्यवान शाल-दुशाले ओढ़ते हैं इससे उन पर जाड़े का तनिक भी असर नहीं होता। मगर ऐसे समय गरीबों की बुरी हालत होती है। उन्हें काँपते हुए दिन-रात काटनी पड़ती है और ऊपर से उन्हें ओस और पाले का भी सामना करना पड़ता है। धनिक वर्ग के पास सुख के तरह-तरह के साधन होते हैं और वे सुंदर-सुंदर घरों में रहते हैं। दूसरी ओर गरीबों और दरिद्रों के घर टूटे फूटे, झुग्गी-झोपड़ियोंवाले होते हैं और उनमें किसी तरह की कोई सुविधा नहीं होती। वहाँ सदा उदासी का माहौल होता है।

कवि कहते हैं कि पहले सब लोग प्रकृति पर निर्भर करते थे। किसी को पेट भरने यानी क्षुधा-पूर्ति की कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी। प्रकृति से ही सारी आवश्यकताएं पूरी हो जाती थीं। वह माता की तरह हमारा पालन-पोषण किया करती थी।

कवि कहते हैं कि मनुष्य-मनुष्य में कोई अंतर नहीं होता। सभी का आपस में भाई-भाई का नाता है। एक भाई का दूसरे भाई पर कुछ-नकुछ अधिकार होता है। इसलिए हमारे मन में एक-दूसरे का उपकार करने की भावना होनी चाहिए।

Class 10 Hindi Lokbharti Textbook Solutions

Class 10 Hindi Chapter 9 Ridh Ki Haddi Question Answer Maharashtra Board

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Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 रीढ़ की हड्डी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

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कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए।

सूचना के अनयुार कृहत्‍ँ कीहजए:-

प्रश्न 1.
संजाल पूण् कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 17
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 2

प्रश्न 2.
कृहत पूण् कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 18
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 3
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

प्रश्न 3.
गोपाल प्रसाद की दृष्टि में बहू ऐसी हो:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 7

प्रश्न 4.
कारण लिखिए :
a. बाप-बेटे चौंक उठे –
b. उमा को चश्मा लगा –
c. रामस्वरूप ने हारमोनियम उठाकर लाने को कहा –
d. उमा को गुस्सा आया –
उत्तर:
a. उन्होंने उमा के चेहरे पर सुनहरी रिमवाला चश्मा देखा।
b. पिछले महीने उमा की आँखें दुखने लगी थीं।
c. रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद और शंकर को दिखाना चाहते थे कि उनकी लड़की हारमोनियम बजाना जानती है।
d. गोपाल प्रसाद उमा के चश्मे, उसके गाने-बजाने, पेंटिंग, सिलाई और उसकी पढ़ाई आदि के बारे में एक के बाद एक प्रश्न करते जा रहे थे।

प्रश्न 5.
सूचनानुसार लिखिए :
१. कृदंत बनाइए :
पढ़ना [ ]
समझना [ ]
सीना [ ]
चाहना [ ]
उत्तर:
(i) पढ़ना – पढ़ाकू
(ii) समझना – समझदार
(iii) सीना – सीनेवाला
(iv) चाहना – चाहत।

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२. शब्दयुग्म पूर्ण कीजिए :
a. पढ़े – ……….,
b. सभा – ………
c. पेंटिंग – ……….,
d. सीधा – ……… .
उत्तर:
a. पढ़े – लिखे
b. सभा – सोसायटी
c. पेंटिंग – वेंटिंग
d. सीधा – सादा।

अभिव्यक्ति

सुनी-पढ़ी अंधविश्वास की किसी घटना में निहित आधारहीनता और अवैज्ञानिकता का विश्लेषण करके लिखिए।
उत्तर:
मेरी दादी बड़ी अंधविश्वासी हैं। उनका मानना था कि कोई घर से बाहर जा रहा हो और किसी को छींक आ जाए तो जाने वाले का काम पूरा नहीं होगा। किसी के बाहर जाते समय कोई छींक दे तो दादी बाहर जाने वाले को रोक देती थीं। घर के सभी लोग उनकी इस आदत से परेशान थे। एक बार मेरे भाई को इंटरव्यू के लिए बाहर। जाना था। यह इंटरव्यू हमारे जिले के सर्वश्रेष्ठ स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद के लिए था। भाई काफी दिनों से इसके लिए तैयारी और प्रतीक्षा कर रहे थे। मुझे बहुत खाँसी-जुकाम हो रहा था। जैसे ही भाई ने बैग उठाकर चलना चाहा; मुझे जोर-जोर से छींकें आने लगी।

दादी ने भाई को जाने नहीं दिया और उनका वह महत्त्वपूर्ण इंटरव्यू छूट गया। घर के सभी लोग इस घटना से बहुत दुखी हुए। मैंने दादी को समझाया कि छींक एक स्वाभाविक क्रिया है। जुकाम होने पर नाक में एक प्रकार की सरसराहट होती है। नाक में मौजूद नर्व सेल इसका संकेत मस्तिष्क को भेजते हैं। मस्तिष्क इसकी प्रतिक्रिया में चेहरे, गले और छाती की मांसपेशियों को सक्रिय कर देता है, जिसके फलस्वरूप ये सब मिलकर तेज हवा निकालकर बाहरी कणों को बाहर फेंक देते हैं। यही क्रिया 8 छींक है। दादी के मन में भी भाई के इंटरव्यू को लेकर अफसोस था।। उन्होंने मेरी बात समझी और धीरे-धीरे अपनी इस आदत को छोड़ दिया।

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में आए हए अव्ययों को रेखांकित कीजिए और उनके भेद दिए गए स्थान पर लिखिए :

वाक्य अव्यय भेद
गाय को घर के सामने खूटे से बाँधा। _____________________
वह उठा और घर चला गया। _____________________
अरे ! गऊशाला यहाँ से दो किलोमीटर दूर है। _____________________
वह भारी कदमों से आगे बढ़ने लगा। _____________________
उन्होंने मुझे धीरे-धीरे हिलाना शुरू किया।_____________________
मुझे लगा कि आज फिर कोई दुर्घटना होगी। _____________________
वाह-वाह ! खूब सोचा आपने !_____________________
चाची, माँ के पास चली गई। _____________________

उत्तर:
(1) गाय को घर के सामने – के सामने – संबंधबोधक खूटे से बाँधा। – अव्यय
(2) वह उठा और घर चला – और – समुच्चयबोधक – अव्यय
(3) अरे! गऊशाला यहाँ से दो – अरे: – विस्मयादिबोधक किलोमीटर दूर है। – अव्यय
(4) वह भारी कदमों से आगे – आगे – क्रियाविशेषण बढ़ने लगा। – अव्यय
(5) उन्होंने मुझे धीरे-धीरे – धीरे-धीरे – क्रियाविशेषण हिलाना शुरू किया। – अव्यय
(6) मुझे लगा कि आज फिर – आज – क्रियाविशेषण कोई दुर्घटना होगी। – अव्यय
(7) वाह-वाह! खूब सोचा – वाह-वाह – विस्मयादिबोधक आपने! – अव्यय
(8) चाची, माँ के पास चली – के पास – संबंधबोधक गई। – अव्यय

प्रश्न 2.
पाठ में प्रयुक्त अव्यय छाँटिए और उनसे वाक्य बनाकर लिखिए :

क्रियाविशेषण अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) धीरे-धीरे। वाक्य: मुन्ना धीरे-धीरे चलने लगा।
(2) ज्यादा। वाक्य: बीमारी से अभी उठे हो, ज्यादा मत खाओ।

संबंधसूचक अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) के पास। वाक्य: हमारे स्कूल के पास नदी बहती है।
(2) के साथ। वाक्य: टॉमी गाड़ी के साथ दौड़ रहा है।

समुच्चयबोधक अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) कि। वाक्य: गांधी जी ने कहा था कि गाय करुणा की कविता है।
(2) और। वाक्य: दुर्योधन और कर्ण की मित्रता अनमोल थी।

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विस्मयादिबोधक अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) ओह! वाक्य: ओह! कितनी गरमी है।
(2) हैं हैं हैं! वाक्य: हैं हैं हैं ! आइए, विराजिए।

प्रश्न 3.
नीचे आकृति में दिए हुए अव्ययों के भेद पहचानकर उनका अर्थपूर्ण स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
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उत्तर:
(1) हाय! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: हाय! कितनी भयानक रेल-दुर्घटना थी।

(2) काश! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: काश! समय पर दवा मिल जाती, तो रोगी बच जाता।

(3) प्रायः – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य: प्रयाग प्रायः स्कूल में अनुपस्थित रहता है।

(4) बाद – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य: स्कूल से आने के बाद थोड़ा आराम करके पढ़ने बैठो।

(5) और – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: शुभम और हर्षित भाई हैं।

(6) बल्कि – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: आपको निबंध केवल पढ़ना ही नहीं है, बल्कि उसकी समीक्षा भी करनी है।

(7) के पास – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: हमारे घर के पास एक मंदिर है।

(8) यदि… तो – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: यदि इसी तरह समय बरबाद करते रहे, तो पास नहीं हो पाओगे।

(9) इसलिए – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: मेहमान आने वाले हैं इसलिए जल्दी से खाना बना लो।

(10) वाह! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: वाह! कितना सुंदर दृश्य है।

(11) की तरफ – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: नदी की तरफ जाओ।

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(12) के अलावा – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: यहाँ मेरे और भगवान के अलावा कोई नहीं है।

(13) कारण – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य: महिम, किस कारण तुम दस दिन तक स्कूल नहीं आए?

(14) के लिए – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: अंशु ने वारिजा के लिए फ्रॉक खरीदा।

(15) अच्छा – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: अच्छा! स्तुति भी नृत्य में भाग लेगी।

(16) क्योंकि – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: अनुज कल स्कूल नहीं आया था, क्योंकि बीमार था।

(17) नहीं… तो – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: खेल-कूद छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दो, नहीं तो फेल हो जाओगे।

उपयोजित लेखन

अपने परिसर में विद्यार्थियों के लिए योगसाधना शिविर का आयोजन करने हेतु आयोजक के नाते विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 14

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र. 1

प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 16
उत्तर:
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कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
कारण लिखिए:
(i) उमा मेहमानों के सामने जरा करीने से आए –
उत्तर:
(i) गोपाल प्रसाद खूबसूरत बहू चाहते थे।

प्रश्न 2.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) अबे! धीरे-धीरे चल।
(ii) बिछा दें साहब?
(iii) लेकिन वह तुम्हारी लाड़ली बेटी उमा तो मुँह फुलाए पड़ी है।
(iv) अरे हाँ, देखो, उमा से कह देना कि जरा करीने से आए।
उत्तर:
(i) अबे! धीरे-धीरे चल। – रामस्वरूप ने रतन से कहा है।
(ii) बिछा दें साहब?- रतन ने रामस्वरूप से कहा है।
(iii) लेकिन वह तुम्हारी लाड़ली बेटी उमा तो मुँह फुलाए पड़ी है। – प्रेमा ने रामस्वरूप से कहा है।
(iv) अरे हाँ, देखो, उमा से कह देना कि जरा करीने से आए। – रामस्वरूप ने प्रेमा से कहा है।

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प्रश्न 3.
दो ऐसे प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) तख्त
(ii) उमा।
उत्तर:
(i) कमरे में रतन क्या बिछाता है?
(ii) मुँह फुलाए कौन पड़ी है?:

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
म्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) बेटी
(ii) तकलीफ
(iii) रास्ता
(iv) छुट्टी।
उत्तर:
(i) बेटी – बेटियाँ
(ii) तकलीफ – तकलीफें
(iii) रास्ता – रास्ते
(iv) छुट्टी – छुट्टियाँ।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) पसीना
(ii) अक्ल
(iii) मजबूरी
(iv) सितार।
उत्तर:
(i) पसीना – पुल्लिंग
(ii) अक्ल – स्त्रीलिंग
(iii) मजबूरी – स्त्रीलिंग
(iv) सितार – पुल्लिंग।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म पूर्ण कीजिए।
(i) ठीक ………………………………
(ii) धीरे ………………………………
उत्तर:
(i) ठीक-ठाक
(ii) धीरे-धीरे।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा की बात छिपाते हैं,: उसे अपनी मजबूरी बताते हैं’ इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
रामस्वरूप एक अच्छे पिता हैं। उमा उनकी इकलौती पुत्री है। वे स्त्री शिक्षा के पक्षधर हैं। इसलिए उमा को बी. ए. तक पढ़ाते हैं। वे उमा का विवाह एक शिक्षित परिवार के सुशिक्षित युवक से करना चाहते हैं। यह नाटक जिस दौर में लिखा गया, उस समय सभी लोग स्त्री शिक्षा को महत्त्व नहीं देते थे, आवश्यक नहीं समझते थे। लोगों की नजरों में बहू की उच्च शिक्षा घरेलू जीवन में व्यवधान थी। परिणामस्वरूप जहाँ कहीं भी वे विवाह-संबंध के लिए बात करते, बेटी की उच्च शिक्षा बाधा बन जाती। कहीं भी विवाह निश्चित न हो पाने के कारण रामस्वरूप परेशान हो जाते हैं और मजबूर होकर उमा के बी. ए. तक पढ़े होने की बात छिपाने का रास्ता चुनते हैं। स्वयं प्रगतिशील विचारों का होते हुए भी विवाह योग्य लड़की का पिता होने के कारण रामस्वरूप जी को विवशतावश रूढ़िग्रस्त लोगों के सामने झुकना पड़ता है। यही उनकी मजबूरी है।

गद्यांश क्र.2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) अच्छा तो साहब, फिर ……………………….. की बातचीत हो जाए। (काम/शादी/बिजनेस)
(ii) जरा ……………………….. तो कर लीजिए। (नाश्ता/आराम/भोजन)
(iii) ब्याह तय करने आए हो, ……………………….. सीधी करके बैठो। (गरदन/कमर/टाँगें)
(iv) वाकई आजकल ……………………….. का सवाल भी बेढब हो गया है। (खूबसूरती/महँगाई/टैक्स)
उत्तर:
(i) अच्छा तो साहब, फिर बिजनेस की बातचीत हो जाए।
(ii) जरा नाश्ता तो कर लीजिए।
(iii) ब्याह तय करने आए हो, कमर सीधी करके बैठो।
(iv) वाकई आजकल खूबसूरती का सवाल भी बेढब हो गया है।

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
गलत वाक्यों को सही करके फिर से लिखिए:
(i) यह तो मेरी बड़ी तकदीर है कि आप मेरे यहाँ ठहरेंगे।
(ii) सुना है, सरकार अब ज्यादा जमीन खरीदने वालों पर टैक्स लगाएगी।
उत्तर:
(i) यह तो मेरी बड़ी तकदीर है कि आप मेरे यहाँ तशरीफ लाए।
(ii) सुना है, सरकार अब ज्यादा चीनी लेने वालों पर टैक्स लगाएगी।

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प्रश्न 2.
घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) शादी तय करने में खूबसूरती का हिस्सा कितना होना चाहिए?
(ii) ठाकुर जी के चरणों में रख दिया है।
(iii) तुम्हारे दोस्त ठीक कहते हैं कि शंकर की बैकबोन-
(iv) आपको विलायती चाय पसंद है या हिंदुस्तानी?
उत्तर:
(i) तुम्हारे दोस्त ठीक कहते हैं कि शंकर की बैकबोन
(ii) आपको विलायती चाय पसंद है या हिंदुस्तानी?
(iii) शादी तय करने में खूबसूरती का हिस्सा कितना होना चाहिए?
(iv) ठाकुर जी के चरणों में रख दिया है।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) दोस्त
(ii) आमदनी
(iii) मुश्किल
(iv) खूबसूरती।
उत्तर:
(i) दोस्त x दुश्मन
(ii) आमदनी x खर्च
(iii) मुश्किल x आसान
(iv) खूबसूरती x बदसूरती।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) नाश्ता
(ii) खयाल
(iii) ब्याह
(iv) जरूरी।
उत्तर:
(i) नाश्ता = जलपान
(ii) खयाल = विचार
(iii) ब्याह = शादी
(iv) जरूरी = आवश्यक।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त उर्दू शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ……………………………
(ii) ……………………………
(iii) ……………………………
(iv) ……………………………
उत्तर:
(i) तकल्लुफ
(ii) तकदीर
(iii) तशरीफ
(iv) खूबसूरती।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
गोपाल प्रसाद विवाह को बिजनेस मानते हैं इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद विवाह को एक बिजनेस मानते हैं। जिस प्रकार एक व्यापारी पहले अपने लाभ-हानि का विचार करता है, फिर व्यापार करता है। उसी प्रकार गोपाल प्रसाद अपने डॉक्टर पुत्र का विवाह एक संपन्न परिवार में करना चाहते हैं। हिंदू समाज में विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन माना जाता है, जो दो परिवारों को सदा के लिए एक कर देता है। दोनों परिवार एक-दूसरे के सुख-दुख में साथी होते हैं। परंतु गोपाल प्रसाद के लिए विवाह दो परिवारों का मिलन न होकर एक प्रकार का बिजनेस है। वे चाहते हैं कि एक अच्छी हैसियत वाले परिवार की कम पढ़ी-लिखी लड़की से बेटे का विवाह कराया जाए, ताकि बढ़िया-सा दहेज मिले और बहू बिना किसी नाज-नखरे के घर के कामों में लगी रहे।

गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
उमा की विशेषताएँ लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 9

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) जी हाँ सितार भी और बाजा भी। सुनाओ तो उमा ………………….
(ii) सिलाई तो सारे घर की इसी के जिम्मे रहती है, ………………….
उत्तर:
(i) जी हाँ सितार भी और बाजा भी। सुनाओ तो उमा एकाध गीत. सितार के साथ।
(ii) सिलाई तो सारे घर की इसी के जिम्मे रहती है, यहाँ तक कि मेरी कमीजें भी।

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प्रश्न 2.
विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए:
(i) पढ़ाई-वढ़ाई की वजह से तो नहीं है कुछ।
(ii) आपकी लड़की सितार अच्छा बजाती है।
(iii) तो तुमने पेंटिंग-वेंटिंग भी सीखी है?
(iv) हाँ बेटी, तुमने कुछ इनाम-बिनाम भी जीते थे।
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) असत्य
(iii) सत्य
(iv) सत्य।

प्रश्न 3.
जोड़ियाँ मिलाइए:
‘अ’ – ‘आ’
(i) सकपकाना – मीरा
(ii) भजन – तख्त
(iii) तस्वीर चश्मा
(iv) बाजा – कुत्तेवाली
उत्तर:
(i) सकपकाना – चश्मा
(ii) भजन – मीरा
(ii) तस्वीर -कुत्तेवाली
(iv) बाजा – तख्त

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) दीवार
(ii) महीना
(iii) कमीज
(iv) आँखें।
उत्तर:
(i) दीवार – दीवारें
(ii) महीना – महीने
(iii) कमीज – कमीजें
(iv) आँखें – आँख।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) चश्मा
(ii) सिलाई
(iii) तख्त
(iv) दीवार।
उत्तर:
(i) चश्मा – पुल्लिंग
(ii) सिलाई – स्त्रीलिंग
(iii) तख्त – पुल्लिंग
(iv) दीवार – स्त्रीलिंग।

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म पूर्ण कीजिए:
(i) गाना ……………………..
(ii) पढ़ाई ……………………..
(iii) इनाम ……………………..
उत्तर:
(i) गाना-बजाना
(ii) पढ़ाई-वढ़ाई
(iii) इनाम-बिनाम।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘गोपाल प्रसाद बहू में गाना-बजाना, सिलाई, पेंटिंग आदि गुण चाहते हैं पर पढ़ाई नहीं, क्या यह उचित है’ इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद एक वकील हैं। उनका पुत्र डॉक्टर है। वे अपने पुत्र के लिए लड़की देखने आए हैं। वे अपनी पत्रवधू के रूप में एक मैट्रिक पास लड़की चाहते हैं। डॉक्टर पुत्र और मैट्रिक पास पुत्रवधू। कैसा विरोधाभास लगता है। पति और पत्नी गृहस्थी रूपी गाड़ी के दो पहियों की तरह होते हैं। यदि दोनों पहिये समान नहीं होंगे, तो गाड़ी सुचारू रूप से कैसे चलेगी। गोपाल प्रसाद चाहते हैं कि भावी पुत्रवधू सुंदर हो। वह बाजा बजाना जानती हो, उसे अच्छी तरह गाना आता हो। वह न केवल सिलाई-पेंटिंग करना जानती हो, बल्कि उसमें प्रवीण भी हो। घर के सारे काम करती रहे। उसके गुणों की चर्चा करके परिवार के लोग वाहवाही लूटते रहें। गोपाल प्रसाद की सोच किसी भी तरह उचित नहीं कही जा सकती।

गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित मद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) दुकानदार इनसे कुछ नहीं पूछता
(ii) जो आप इतनी देर से यह कर रहे हैं –
(iii) क्या हम लड़कियों की यह नहीं होती –
(iv) बाबू रामस्वरूप आपने मेरे साथ यह किया –
उत्तर:
(i) दुकानदार इनसे कुछ नहीं पूछता – कुर्सी-मेज से |
(ii) जो आप इतनी देर से यह कर रहे हैं – नाप-तौल
(ii) क्या हम लड़कियों की यह नहीं होती – बेइज्जती
(iv) बाबू रामस्वरूप आपने मेरे साथ यह किया – दगा

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प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाइए:
(i) शंकर
(i) उमा।
उत्तर:
(i) नौकरानी के पैरों में पड़कर मुंह छुपाकर कौन भागा था?
(ii) कौन बी.ए. पास है?

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 11

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 13

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प्रश्न 2.
कारण लिखिए:
(i) शंकर नौकरानी के पैरों में पड़कर मुंह छिपाकर भागा।
(ii) गोपाल प्रसाद का रामस्वरूप पर गुस्सा होना।
(iii) उमा का तेज आवाज में बोलना।
उत्तर:
(i) शंकर लड़कियों के होस्टल में ताक-झाँक करता पकड़ा गया था।
(ii) क्योंकि रामस्वरूप ने उनके साथ दगा किया है।
(iii) क्योंकि नाप-तोल करके उमा की बेइज्जती की जा रही थी।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) पेंटिंग
(ii) बैकबोन
(iii) होस्टल
(iv) मैट्रिक।

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यययुक्त शब्दों से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) दुकानदार = दुकान + दार
(ii) कायरता = कायर + ता
(iii) नौकरानी = नौकर + आनी
(iv) बेइज्जती = बेइज्जत + ई।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में आई हुई दो समानार्थी शब्दों की जोड़ियाँ ढूँढ़कर लिखिए:
(i) ……………………………
(ii) ……………………………
उत्तर:
(i) बेटा = पुत्र
(ii) इज्जत = मान।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
उमा को गोपाल प्रसाद की किन बातों पर गुस्सा आया? क्या वह उचित था? इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद अपने डॉक्टर लड़के के विवाह के लिए उमा को देखने आते हैं। वे स्वयं वकील हैं परंतु उन्हें पुत्रवधू केवल मैट्रिक पास चाहिए। गोपाल प्रसाद का मानना है कि स्त्रियों का काम केवल घर सँभालना होता है। वे कभी उमा से गाने-बजाने की बात कर रहे थे, कभी यह जानना चाह रहे थे कि उसे सिलाई-पेंटिंग आदि करना आता है या नहीं, कुछ इनाम वगैरह भी जीते हैं या नहीं। उमा को इन सब बातों पर तो गुस्सा आ ही रहा था। परंतु उसे इससे भी अधिक गुस्सा उनके पुत्र को देखकर आ रहा था। वह जानती थी कि शंकर एक चरित्रहीन युवक है।

वह लड़कियों के होस्टल के पास ताक-झाँक करते हुए पकड़ा गया था और उसे बेइज्जत करके वहाँ से निकाला गया था। शंकर के जीवन का कोई आदर्श नहीं था। ऐसे विचारहीन, चरित्रहीन व्यक्ति का उमा के जीवन में कोई स्थान नहीं था। उमा कोई भेड़-बकरी या निर्जीव वस्तु नहीं है कि लोग देख-भालकर अपनी इच्छानुसार खरीद सकें। विवाह में उसे भी पसंद-नापसंद का अधिकार मिलना चाहिए। उसे उचित सम्मान मिलना चाहिए।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:

अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) बापू की लिखावट अच्छी नहीं थी। –
(ii) कुछ बिजनेस की बातचीत हो जाए।
(iii) मैंने आपसे पहले ही कहा था।
उत्तर:
(i) अच्छी – गुणवाचक विशेषण।
(ii) बातचीत – भाववाचक संज्ञा।
(iii) मैंने – पुरुषवाचक सर्वनाम।

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2. अव्यय:

निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) शायद
(ii) या
(iii) ऊपर।
उत्तर:
(i) शायद आज वर्षा होगी।
(ii) बच्चे खेलने या घूमने गए होंगे।
(iii) छत के ऊपर बंदर कूद रहे हैं।

3. संधि:

कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
………………… मनः + हर …………………
 अथवा
 …………………वागीश…………………

उत्तर:

संधि शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
मनोहर मनः + हरविसर्ग संधि
अथवा
वागीशवागीशव्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:

निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूलरूप लिखिए:
(i) आपकी लड़की अच्छा गाती है।
(ii) मैं आपको बताना ही भूल गया।
(iii) अब तख्त को उधर मोड़ दें।:
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) है – होना
(ii) गया – जादेा
(iii) दें – देना

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5. प्रेरणार्थक क्रिया:

निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) चढ़ना
(ii) पढ़ना
(iii) उड़ना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वि.प्रेरणार्थक रूप
(i) चढ़ना – चढ़ाना – चढ़वाना
(ii) पढ़ना – पढ़ाना – पढ़वाना
(ii) उड़ना – उड़ाना – उड़वाना

6. मुहावरे:

(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) तिलिस्म टूटना
(ii) बस चलना
(iii) खेल करना।
उत्तर:
(i) तिलिस्म टूटना।
अर्थ: वास्तविकता सामने आना। वाक्य: ढोंगी साधु की सच्चाई प्रकट होते ही उसका तिलिस्म टूट गया।

(ii) बस चलना।
अर्थ: काबू में होना, सामर्थ्य होना।
वाक्य: बेटे का बस चले तो वह अपनी माँ को सारे तीर्थ करा दे।

(iii) खेल करना।
अर्थ: काम को ठीक से न करना, काम को बिगाड़ना।
वाक्य: सड़क बनाने का काम कर रहे मजदूरों में से कुछ तो खेल ही कर रहे थे।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए:
(गिनती में न होना, अंजाम देना, कानों में गूंजना)
(i) काम कैसा भी हो, उसे पूरा करना कर्मचारी का कर्तव्य है।
(ii) माता जी के कहे वचन आज भी राजू को सुनाई देते हैं।
उत्तर:
(i) काम कैसा भी हो, उसे अंजाम देना कर्मचारी का कर्तव्य है।
(ii) माता जी के कहे वचन आज भी राजू के कानों में गूंजते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

7. कारक:

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) नहीं साहब वह तो मैंने अर्ज किया न।
(ii) आपके लाड़ले बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं।
(iii) अब तख्त को उधर मोड़ दे।
उत्तर:
(i) मैंने – कर्ता कारक।
(ii) आपके – संबंध कारक।
(iii) तख्त को – कर्म कारक।

8. विरामचिहन:

निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) अरे प्रेमा वे आ भी गए तुम उमा को समझा देना थोड़ा सा गा देगी मेहमानों से हैं हैं हैं आइए आइए
(ii) ठीक लेकिन हाँ बेटी तुमने कुछ इनाम बिनाम भी जीते थे
(iii) बिजनेस समझकर ओह अच्छा अच्छा लेकिन जरा नाश्ता तो कर लीजिए
उत्तर:
(i) अरे प्रेमा, वे आ भी गए। … तुम उमा को समझा देना, थोड़ा-सा गा देगी। (मेहमानों से) हैं-ह-हैं। आइए, आइए!
(ii) ठीक।… लेकिन, हाँ बेटी, तुमने कुछ इनाम-बिनाम भी जीते थे?
(iii) “बिजनेस’ ? – (समझकर) ओह !…अच्छा, अच्छा। लेकिन जरा नाश्ता तो कर लीजिए।

9. काल परिवर्तन:

निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) ठीक समय पर गो. प्रसाद और शंकर आते हैं। (सामान्य भूतकाल)
(ii) मेरी चाय में चीनी ज्यादा डालते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
(iii) आपके पुत्र मुंह छिपाकर भागते हैं। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर:
(i) ठीक समय पर गो. प्रसाद और शंकर आए।
(ii) मेरी चाय में चीनी ज्यादा डालिएगा।
(iii) आपके पुत्र मुँह छिपाकर भागे थे।:

10. वाक्य भेद:

(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानिए:
(i) मैंने कोई पाप नहीं किया और न ही कोई चोरी की है।
(ii) उमा से कह देना कि जरा करीने से आए।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) उमा ने सितार पर भजन गाया। (निषेधवाचक)
(ii) गोपाल प्रसाद शंकर का विवाह उमा से करेंगे। (प्रश्नवाचक)
उत्तर:
(i) उमा ने सितार पर भजन नहीं गाया।
(ii) क्या गोपाल प्रसाद शंकर का विवाह उमा से करेंगे?

11. वाक्य शुद्धिकरण:

निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(i) वे असली भारत के सपूत थे।
(ii) सोमनाथ को आबादी इतिहास में प्रसिद्ध है।
(iii) जिंदगी हमारी अब नहीं बचेगी।
उत्तर:
(i) वे भारत के असली सपूत थे।
(ii) सोमनाथ की समृद्धि इतिहास में प्रसिद्ध है।
(iii) अब हमारी जिंदगी नहीं बचेगी।

उपक्रम/कृति/परियोजना

पठनीय
उत्तर:

  • कॉलेज – महाविद्यालय
  • सोसायटी – समाज
  • बी. एस्सी – विज्ञान स्नातक
  • कोर्स – पाठ्यक्रम
  • वीक एंड – सप्ताहांत
  • मार्जिन – गुंजाइश
  • बिजनेस – व्यापार
  • बैकबोन – रीढ़ की हड्डी
  • टैक्स – कर
  • पेंटिंग – चित्रकारी
  • होस्टल – छात्रावास
  • मैट्रिक – मैट्रिक

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श्रवणीय
विवाह में गाए जाने वाले पारंपरिक मंगल गीत सुनिए और सुनाइए।

संभाषणीय
‘दहेज एक अभिशाप’ विषय पर चर्चा कीजिए।

प्रश्न.
‘दहेज प्रथा’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
दहेज अर्थात पुत्री के विवाह के समय पिता द्वारा उसे प्रेमपूर्वक दिए जाने वाले उपहार। समाज में यह प्राचीन काल से प्रचलित है। महाराज जनक ने भी सीता को दहेज दिया था। परंतु समय के साथ-साथ यह प्रथा कुप्रथा बनती गई। हमारे देश में अधिकतर समाजों में यह कुप्रथा अपना स्थान बना चुकी है। आज विवाह संबंध दो परिवारों का मिलन न होकर धन बटोरने का साधन बन गया है। कन्या पक्ष से बटोरी जाने वाली राशि वर की शिक्षा एवं पद के अनुरूप तय की जाती है। समाज में व्याप्त इस कलंक के कारण न जाने कितनी मासूम बच्चियाँ जन्म लेने से पहले ही मार दी जाती हैं। अनेक वधुएँ ससुराल वालों के अत्याचारों से त्रस्त होकर या तो आत्महत्या कर लेती हैं, या उन्हीं के द्वारा मार डाली जाती हैं। हालाँकि सन 1961 में दहेज प्रतिबंध अधिनियम लागू किया जा | चुका है, पर फिर भी अनगिनत लोग दहेज ले रहे हैं और कन्याओं के माता-पिता को देना पड़ रहा है।

लेखनीय

प्रश्न.
आपके घर की किसी परंपरा के बारे में घर के बुजुर्गों से जानकारी प्राप्त कीजिए। वह परंपरा उचित है या अनुचित, इस पर अपना मत शब्दांकित कीजिए।
उत्तर:
हमारे घर में जिससे कुछ लाभ होता है, उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। हम सूर्य और चंद्रमा की पूजा करते हैं। इसके अलावा वृक्षों में नीम, वट और पीपल की भी पूजा की जाती है। इन सबसे हमें कोई न कोई लाभ होता है। तुलसी के पौधे से तो लाभ ही लाभ है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। घर में मच्छर-मक्खी नहीं आते। इसकी पत्तियाँ और मंजरी औषधि के रूप में काम में आती हैं। इसलिए लोग तुलसी को अपने आँगन, बगीचे तथा घर के आसपास लगाते हैं। उसकी श्रद्धापूर्वक सेवा और पूजा करते हैं। इससे इस उपयोगी पौधे का संरक्षण होता है। इसलिए तुलसी की पूजा अवश्य होनी चाहिए।

रीढ़ की हड्डी Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्रस्तुत अति प्रसिद्ध एकांकी में एकांकीकार जगदीशचंद्र माथुर ने तत्कालीन समाज में स्त्री-शिक्षा के विषय में लोगों की दकियानूसी विचारधारा पर प्रकाश डाला है। उमा के द्वारा स्त्रियों की भावनाओं को महत्त्व दिया गया है। नारी के सम्मान का मुद्दा उठाया गया है।

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Class 10 Hindi Chapter 7 Mahila Ashram Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 7 Mahila Ashram Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 7 महिला आश्रम Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 7 महिला आश्रम Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा 1 (आ) के लिए

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 18
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 12

प्रश्न 2.
कारण लिखिए:
a. काका जी ने कंपास बॉक्स मँगाकर रखा –
b. लेखक ने फूल के गमले अपने पास से निकाल दिए –
उत्तर:
(i) काका जी को तारों के नक्शे बनाने थे, इसलिए उन्होंने कंपास बॉक्स मँगा कर रखा।
(ii) काका जी के पासवाले गमलों में लगे फूलों के पौधे सूख गए थे, इसलिए काका जी ने फूलों के गमले अपने पास से निकाल दिए।

प्रश्न 3.
लिखिए:
a. जिन्हें ‘ता’ प्रत्यय लगा हो ऐसे शब्द पाठ से ढूँढ़कर उन प्रत्ययसाधित शब्दों की सूची बनाइए।

शब्द ‘ता’ प्रत्यय साधित
………………………………………………………………………………………………………
………………………………………………………………………………………………………

उत्तर:

1. मानव ता मानवता
2. कुशल ता कुशलता
3. उत्कृष्ट ता उत्कृष्टता
4. एक ता एकता

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

b. पाठ में प्रयुक्त पर्यायवाची शब्द लिखकर उनका स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) घर = मकान।
घर – वाक्य : मनुष्य को अपने ही घर में सुकून मिलता है।
मकान – वाक्य : महानगरों में रोटी और वस्त्र तो किसी तरह मिल भी जाता है, पर मकान की व्यवस्था बहुत जटिल होती है।

(ii) बोझ = भार।
बोझ – वाक्य : गरीब लोगों के लिए गृहस्थी के खर्च का बोझ उठाना आसान नहीं होता।
भार – वाक्य : जिम्मेदार व्यक्ति दिए गए कार्य का भार उठाने में प्रसन्नता महसूस करते हैं।

प्रश्न 4.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 3

अभिव्यक्ति

पत्र लिखने का सिलसिला सदैव जारी रहना चाहिए’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
हर युग में पत्रों का बहुत महत्त्व हुआ करता था। प्राचीन काल में राजाओं-महाराजाओं के यहाँ विचारों के आदान-प्रदान के लिए पत्र-वहन की अपनी व्यवस्था थी। कबूतर जैसे पक्षी के माध्यम से भी पत्र भेजने का उल्लेख मिलता है। आम जनता के पत्र भेजने की सरकारी व्यवस्था थी। सरकारी हरकारे दूर-दराज के क्षेत्रों में पत्र पहुँचाने के लिए घोड़े और ऊँट आदि जानवरों का प्रयोग करते थे। आधुनिक काल में डाकघरों के माध्यम से पत्र भेजे जाते हैं। पर आजकल संचार माध्यम का बहुत तेजी से विकास होने के कारण संदेश भेजने के माध्यम में बहुत प्रगति हो रही है।

पत्रों के साथ ई-मेल से संदेश भेजने की प्रक्रिया खूब लोकप्रिय हुई। आजकल अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने में मोबाइल फोन अच्छा काम कर रहा है। पत्र (संदेश) भेजने के माध्यमों में समय के अनुसार बदलाव भले आता गया हो, पर पत्र (संदेश) का महत्त्व हमेशा बना रहेगा। सरकारी कामकाज तथा व्यवसाय के क्षेत्र में लेन-देन की बात भले फोन पर हो जाए, पर जब तक पत्र के माध्यम से लिखित रूप में कुछ नहीं होता, तब तक बात आगे नहीं बढ़ती है। इस तरह पत्र लिखने का सिलसिला सदा जारी रहा है और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

उपयोजित लेखन

‘संदेश वहन के आधुनिक साधनों से लाभ-हानि’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों तक निबंध लिखिए।
उत्तर:
एक समय ऐसा था, जब संदेश वहन के साधन बहुत सीमित थे। संदेश वहन का सर्वसुलभ और लोकप्रिय साधन पत्र हुआ करता था। तार और टेलीफोन भी संदेश वहन के साधन थे। तार का संकटकाल के समय उपयोग किया जाता था और टेलीफोन सबके लिए उपलब्ध नहीं था। आज जमाना बदल गया है। आज संदेश वहन के एक-से-बढ़ कर एक साधन उपलब्ध हैं। आप देश के किसी भी कोने में बैठे हों, क्षण भर में मोबाइल फोन पर अपना मनचाहा नंबर डायल करके सामनेवाले से बात कर सकते हैं।

अपने मोबाइल फोन पर सामनेवाले को सामने-सामने बात करते हुए देख सकते हैं। वीडियो कांफ्रेसिंग में अलग-अलग जगहों पर बैठे लोगों से अपने घर में बैठकर सामने-सामने लोग बात कर लेते हैं। व्हाट्सअप पर अपने चित्र, डॉक्यूमेंट स्कैन करके क्षण भर में सामनेवाले तक पहुंचा सकते हैं। एस.एम.एस., फेसबुक, ट्विटर से मनचाहा संदेश भेजा जा सकता है।

ई-मेल से पत्र के रूप में लिखित समाचार भेज सकते हैं, जिसे प्रमाण के रूप में रखा जा सकता है।

संदेश वहन के आधुनिक साधनों के कारण जनता को जहाँ इस तरह की सुविधाएँ उपलब्ध है, वहीं लोगों को इनसे अनेक परेशानियाँ भी हो रही हैं। आप इन साधनों के कारण सबसे जुड़े हुए हैं। तरहतरह के लोग इसका फायदा उठाकर आपको अनावश्यक एस.एम.एस. के द्वारा तंग कर सकते हैं, आपको ठगने की कोशिश कर सकते हैं। एस.एम.एस. के द्वारा झूठी बातें और अफवाए भी फैलाई जा सकती हैं। मोबाइल फोन से अधिकतर लोग चिपके रहते हैं और अपना समय बर्बाद करते रहते हैं।

इस तरह आधुनिक संदेश वहन के साधनों से जहाँ अनेक प्रकार के लाभ हैं, वहीं उनसे कुछ नुकसान भी हैं। पर इससे चिंता करने की जरूरत नहीं है। आधुनिक संदेश वहन साधनों की कमियाँ भी धीरे-धीरे दूर हो जाएँगी, ऐसी उम्मीद हमें रखनी चाहिए।

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भाषा बिंदु

निम्न शब्दों से बने दो मुहावरों के अर्थ लिखकर उनका स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 20
उत्तर:
(1) आँख :
(i) आँखों से ओझल होना।
अर्थ : अदृश्य हो जाना।
वाक्य : हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद विमान देखते देखते आँखों से ओझल हो गया।

(ii) आँखें भर आना।
अर्थ : आँखों में आँसू आ जाना।
वाक्य : बेटी की बिदाई के समय पिता की आँखें भर आईं।

(2) मुँह :
(i) मुँह मोड़ लेना :
अर्थ : बेरुखी करना, ध्यान न देना।
वाक्य : सच्चाई से मुँह मोड़ लेने से सच बात झूठ नहीं “हो जाती।

(ii) मुँह की खाना।
अर्थ : बुरी तरह हारना।
वाक्य : करगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी।

(3) दाँत :
(i) दाँत पीसना।
अर्थ : क्रोध में दाँत पर दाँत रगड़ना।
वाक्य : बात-बात पर मुनीम जी की फटकार सुनकर चपरासी दाँत पीसने लगा।

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(ii) दाँत काटी रोटी।
अर्थ : गहरी दोस्ती।
वाक्य : नेताजी और उस गुंडे में दाँत काटी रोटी थी।

(4) हाथ:
(i) हाथ का मैल होना।
अर्थ : बहुत तुच्छ वस्तु।
वाक्य : लाला रूपचंद के लिए छोटा-मोटा चंदा देना हाथ-का मैल है।

(ii) हाथ में आना।
अर्थ : काबू या कब्जे में आना।
वाक्य : काफी भाग-दौड़ के बाद अपराधी पुलिस के हाथ में आ गया।

(5) हृदय :
(i) हृदय उछलना।
अर्थ : बहुत प्रसन्नता होना।
वाक्य : छोटे-छोटे बच्चों की देशभक्ति देखकर हृदय आनंद से उछल पड़ता है।

(ii) हृदय पसीजना।
अर्थ : मन में करुणा, दया आदि भावों का संचार होना।
वाक्य : मोबाइल चोर पकड़े जाने पर लोगों से गिड़गिड़ता रहा कि वे उसे पुलिस को न दें, पर लोगों का हृदय नहीं पसीजा।

उपयोजित लेखन

अपने मित्र/सहेली को जिला विज्ञान प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त होने के उपलक्ष्य में बधाई देते हुए निम्न प्रारूप में। पत्र लिखिए।
दिनांक : ………………………….
संबोधन : ………………………….
अभिवादन : ………………………….
प्रारंभ : ………………………….
विषय विवेचन: ………………………….
समापन : ………………………….
हस्ताक्षर : ………………………….
नाम : ………………………….
पता : ………………………….
ई-मेल आईडी : ………………………….
उत्तर :
15 नवंबर 2020
प्रिय नरेश,
खुश रहो।
आज ही तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर बहुत खुशी हुई कि जिला विज्ञान प्रदर्शनी में तुम्हें प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मेरी ओर से तुम्हें बहुत-बहुत बधाई।

जब मैंने तहसील स्तर पर आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में तुम्हारी कृति देखी थी, तभी मुझे विश्वास हो गया था कि तुम्हारी यह कृति एक दिन जिला स्तर की प्रदर्शनी में तुम्हें पुरस्कार अवश्य दिलाएगी। तुम्हारा प्रथम पुरस्कार पाना तुम्हारे शहर के लोगों के लिए गर्व की बात होगी। विज्ञान की कृतियों में तुम्हारी यह लगन एक-न-एक दिन तुम्हें प्रांत स्तर पर अवश्य सफलता दिलाएगी। हमारी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ हैं।

तुम्हारा,
कमल

श्री. विजय पाठक
४५, कृष्णा विला,
महात्मा गांधी रोड,
औरंगाबाद, पिन कोड नं. 431 007
[email protected]

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 7 महिला आश्रम Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 4

कृति 2 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 5
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए :
(i) गरीब स्त्री की सिफारिश कर आश्रम में दाखिल कराने वाली स्त्री का खर्च ये देंगे –
(ii) आश्रम में स्वावलंबन की मात्रा –
(iii) आश्रम में ये सिखाए जाएँगे –
(iv) आश्रम यह संस्था नहीं होगी –
उत्तर:
(i) गरीब स्त्री की सिफारिश कर आश्रम में दाखिल कराने वाली स्त्री का खर्च ये देंगे – सिफारिश करने वाले लोग।
(ii) आश्रम में स्वावलंबन की मात्रा – यथासंभव।
(iii) आश्रम में ये सिखाए जाएँगे – उपयोगी उद्योग।
(iv) आश्रम यह संस्था नहीं होगी – शिक्षा संस्था।

कृति 3 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए :
(i) अखबार = ……………………..
(ii) व्यवस्था = ……………………..
(iii) बेखटक = ……………………..
(iv) बोझ = ……………………..
उत्तर:
(i) अखबार = समाचारपत्र
(ii) व्यवस्था = इंतजाम
(iii) बेखटक = अर्शक
(iv) बोझ = भार।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए :
(i) पुरुष x ………………………………
(ii) गरीब x ………………………………
(iii) स्वतंत्र x ………………………………
(iv) मान्य x ………………………………
उत्तर:
(i) पुरुष x स्त्री
(i) गरीब x अमीर
(iii) स्वतंत्र x परतंत्र
(iv) मान्य x अमान्य।

कृति 4 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
आश्रमों की आवश्यकता’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में आश्रमों की कल्पना बहुत प्राचीन काल से चली आ रही है। राजा-महाराजा बूढ़े हो जाने पर राज-पाट छोड़कर वानप्रस्थ आश्रम अपना लेते थे और अपना शेष जीवन जंगलों में कुटी बनाकर सामान्य मनुष्य की तरह बिताया करते थे। पर आज वैसा समय नहीं रहा और राजा-महाराजा भी नहीं रहे। अब समाज में नई तरह की समस्याएँ खड़ी हुई हैं। संयुक्त परिवार टूट रहे हैं। पति-पत्नी में संबंधविच्छेद हो रहे हैं। इसका प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। ऐसे में बच्चे घर से भागते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

वृद्ध माता-पिता बेटे-बहू के लिए भार लगने लगते हैं। इन सब समस्याओं ने आधुनिक ढंग के आश्रमों को जन्म दिया है। इसके परिणामस्वरूप आज देश में वृद्धाश्रम, महिला आश्रम तथा बाल-आश्रम (बाल सुधारगृह) जैसे आश्रमों का निर्माण किया जा रहा है। इन आश्रमों में तिरस्कृत, उपेक्षित और परित्यक्त बच्चों, महिलाओं और वृद्धों को सहारा मिलता है। इन आश्रमों में इन्हें अपना सुरक्षित जीवन जीने का अवसर मिलता है। आश्रम आज के समय की आवश्यकता हैं।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 8
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 9

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

कृति 2 : (आकलन)

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 13

कृति 3 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए :
(i) बहनें – …………………………………
(ii) संस्था – …………………………………
(iii) मैं – …………………………………
(iv) पंखुड़ी – …………………………………
उत्तर:
(i) बहनें – बहन
(ii) संस्था – संस्थाएँ
(iii) मैं – हम
(iv) पंखुड़ी – पंखुड़ियाँ।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए :
(i) संगीत – …………………………………
(ii) समाज – …………………………………
(iii) कली – …………………………………
(iv) पंखुड़ी – …………………………………
उत्तर:
(i) संगीत – पुल्लिग
(ii) समाज – पुल्लिंग
(iii) कली – स्त्रीलिंग
(iv) पंखुड़ी – स्त्रीलिंग।

कृति 4 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘आश्रमों की व्यवस्था’ के बारे में अपना विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में तरह-तरह के अनेक आश्रम हैं। इन आश्रमों का संचालन कुछ धर्मादा संस्थानों और सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इन आश्रमों की व्यवस्था संस्थानों अथवा सरकारी एजेंसियों द्वारा नियुक्त व्यक्तियों द्वारा की जाती है। कभी-कभी इन व्यक्तियों द्वारा अनुशासन अथवा अन्य किसी बात को लेकर आश्रमवासियों पर ज्यादती अथवा अत्याचार करने की खबरें भी आती रहती हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

अच्छा यह हो कि आश्रमों की व्यवस्था का काम आश्रमों में अपना जीवन बिताने वाले कुशल व्यक्तियों में से किसी व्यक्ति को सौंपा जाए अथवा बारी-बारी से निश्चित समय के लिए आश्रमवासियों में से कुशल व्यक्तियों को यह काम दिया जाए। इससे आश्रम में रहने वाले लोगों को व्यवस्था का कार्य सीखने का मौका मिलेगा और आश्रम में अत्याचार अथवा भ्रष्टाचार की समस्या पर भी अंकुश लगेगा। आश्रमों की समस्याओं से आश्रमवासियों से अधिक कौन परिचित हो सकता है? आश्रमवासियों के हाथ में आश्रम की व्यवस्था का काम देने से आश्रम की समस्याएँ आसानी से सुलझ सकती हैं।

गद्यांश क्र.3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 14
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 15

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए :
(i) पूज्य बापू जी क्या चाहते हैं?
(ii) परिच्छेद में आए दो धर्मों के नाम।
उत्तर:
(i) हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए उर्दू भाषा सीखना आवश्यक है।
(ii) (अ) हिंदू
(ब) मुस्लिम।

कृति 2 : (आकलन)

प्रश्न 1.
दो ऐसे प्रश्न बनाकर लिखिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों :
(i) एक-दो महीने
(ii) गुलाब।
उत्तर:
(i) जिनिया का पौधा कितने दिन फूल देने के बाद सूख गया?
(ii) अब कौन-सा फूल खिलने लगा है?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

प्रश्न 2.
एक/दो शब्दों में उत्तर लिखिए :
(i) काका जी द्वारा सरोज को भेजा हुआ संदेश ………..
(ii) तबीयत से कमजोर
(iii) तारों के नक्शे बनाने के लिए उपयोगी ………..
(iv) काका जी ने इन्हें अपने पास से निकाल दिया
उत्तर:
(i) उर्दू लिखना सीखो
(ii) सरोज
(iii) कंपास बॉक्स
(iv) फूल के गमले।

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए : (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम 17

प्रश्न 4.
उत्तर लिखिए :
(i) काका जी ने सरोज को इन तारीखों में पत्र लिखे – ……….
(ii) सरोज की तबीयत कमजोर होने तक काका जी को ये पत्र लिखेंगी – ………….
(iii) काका जी को सरोज का पत्र इस दिन मिला था –
(iv) इस फूल की आँखें उत्कटता से बोलती लगती थीं –
उत्तर:
(i) काका जी ने सरोज को इन तारीखों में पत्र लिखे – 1,9,15, 21.
(ii) सरोज की तबीयत कमजोर होने तक काका जी को ये पत्र लिखेंगी – चिरंजीव रैहाना।
(iii) काका जी को सरोज का पत्र इस दिन मिला था – गुरुवार, 21 दिसंबर 1944.
(iv) इस फूल की आँखें उत्कटता से बोलती लगती थीं – जिनिया।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथन पढ़कर सत्य अथवा असत्य पहचानकर लिखिए : (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) पत्र रैहाना को लिखा गया है –
(ii) सरोज की तबीयत कमजोर है –
(iii) काका साहब ने अपने फूल के गमले अपने पास से निकाल दिए हैं –
(iv) काका साहब ने सरोज को पत्र लिखा है –
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) सत्य
(iii) सत्य
(iv) सत्य।

कृति 3 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
उपसर्ग जोड़कर नए शब्द बनाइए :
(i) गति
(i) शासन
(ii) जय
(iv) दिन।
उत्तर:
(i) प्र + गति = प्रगति
(i) अनु + शासन = अनुशासन
(iii) परा + जय = पराजय
(iv) दुर् + दिन = दुर्दिन।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए :
(i) नौकर
(ii) चतुर
(iii) सुंदर
(iv) महान।
उत्तर:
(i) नौकर + ई = नौकरी
(ii) चतुर + आई = चतुराई
(iii) सुंदर + ता = सुंदरता
(iv) महान + ता = महानता।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 7 महिला आश्रम

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त दो विदेशी शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ………………………………
(ii) ………………………………
उत्तर:
(i) क्रोटन
(ii) तारीख

प्रश्न 4.
शब्द-समूह के लिए एक शब्द लिखिए : (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) सात दिनों का समूह ………………………………
(ii) 28, 29, 30, 31 दिनों का समूह ………………………………
उत्तर:
(i) सात दिनों का समूह-सप्ताह।
(ii) 28, 29, 30, 31 दिनों का समूह-महीना। 3

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए : (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(1) पत्र = ………………………………
(ii) तारीख = ………………………………
उत्तर:
(i) पत्र = चिट्ठी, खत।
(ii) तारीख = दिनांक, तिथि।

कृति 4 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
अपनी भावनाएँ प्रभावी ढंग से पहुँचने का सशक्त माध्यम पत्र हैं’ इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
मनुष्य अपनी भावनाओं को विभिन्न माध्यमों के द्वारा दूसरों तक पहुँचाता है। पत्र मनुष्य की भावनाओं को लिखित रूप में 3 किसी व्यक्ति तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है। हालाँकि टेलीफोन और मोबाइल फोन लोगों की भावनाओं को शीघ्र दूसरों तक पहुँचाने के साधन बन गए हैं। पर पत्रों की उपयोगिता आज भी पहले जैसी ही बरकरार है। इन्हें लोग बार-बार पढ़ते और सँजोकर भी रखते हैं। पत्र बहुत कीमती होते हैं। समय बीत जाने पर कुछ पत्र इतिहास की घटनाएँ बन जाते हैं। जिन्हें अन्य लोग भी पढ़ना चाहते हैं। जवाहरलाल नेहरू ३ द्वारा अपनी पुत्री इंदिरा को लिखे हुए पत्र ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ ३ से प्रसिद्ध हैं। इसी तरह अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन द्वारा अपने बेटे के शिक्षक को लिखा गया एक पत्र भी बहुत प्रसिद्ध है। इस १ तरह पत्र के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से एक-दूसरे 3 तक पहुँचाने के उपर्युक्त पत्र जीते-जागते प्रमाण हैं।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. शब्द भेद :

अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए :
(i) आगे चलकर संस्था की जमीन पर छोटे-छोटे मकान बनेंगे।
(ii) अब चिरंजीव रैहाना मुझे पत्र लिखेंगी।
उत्तर :
(i) छोटे-छोटे – गुणवाचक विशेषण।
(ii) रैहाना – व्यक्तिवाचक संज्ञा।

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2. अव्यय:

निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(i) यहाँ
(ii) कहीं।
उत्तर:
(i) इतना विश्वास न होता तो मैं यहाँ सूचित ही न करता।
(ii) आश्रम के लिए कहीं पैसे माँगने नहीं जाना है।

3. संधि :

कृति पूर्ण कीजिए :

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
उल्लेख …………………………… ……………………………
 अथवा
……………………………अति + अधिक……………………………

उत्तर:

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
उल्लेखउत् + लेखव्यंजन संधि
 अथवा
अत्यधिकअति + अधिकस्वर संधि

4. सहायक क्रिया:

निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए :
(i) तुम पूरा आराम लेकर पूरी तरह ठीक हो जाओ।
(ii) ऐसा कदम सोचकर लेना होगा।
उत्तर :
सहायक क्रिया – मूलरूप
(i) जाओ – जाना
(ii) होगा – होना।

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5. प्रेरणार्थक क्रिया :

निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए :
(i) लिखना
(ii) मिलना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) लिखना – लिखाना – लिखवाना
(ii) मिलना – मिलाना – मिलवाना

6. मुहावरे :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) सन्न रह जाना
(ii) भार वहन करना।
उत्तर :
(i) सन्न रह जाना।
अर्थ : भौचक रह जाना।
वाक्य : नरेश की लांछन लगाने वाली बातें सुनकर मोहन सन्न रह गया।

(i) भार वहन करना।
अर्थ : किसी चीज का भार उठाना।
वाक्य : जनता को सरकारी कर का भार वहन करना ही पड़ता है।

प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए : (पर्दाफाश करना, खानापूर्ति करना, सिर माथे लेना)
(i) चोर के एक साथी ने पुलिस अधिकारी के सामने मोटर साइकिल चुराने वाले दल का भेद खोल दिया।
(ii) मुंशी जी सेठ जी का आदेश सदा आदर सहित मानते हैं।
उत्तर :
(i) चोर के एक साथी ने पुलिस अधिकारी के सामने मोटर साइकिल चुराने वाले दल का पर्दाफाश कर दिया।
(ii) मुंशी जी सेठ जी का आदेश सदा सिर माथे लेते हैं।

7. कारक:

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
(i) बहन महिलाओं को संगीत की शिक्षा दें।
(ii) आश्रम का विज्ञापन अखबार में नहीं दिया जाए।
उत्तर :
(i) महिलाओं को – कर्म कारक।
(ii) अखबार में – अधिकरण कारक।

8. विरामचिह्न :

निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) संस्था की जमीन पर छोटे छोटे मकान बनाए जाएँगे
(ii) फूलों में गुलदाउदी क्रिजेन्थीमम फूल बहार में हैं
उत्तर :
(i) संस्था की जमीन पर छोटे-छोटे मकान बनाए जाएंगे।
(ii) फूलों में गुलदाउदी, क्रिजेन्थीमम फूल बहार में हैं

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9. काल परिवर्तन :

निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :
(i) आश्रम शिक्षा संस्था नहीं होगी। (सामान्य वर्तमानकाल)
(ii) संस्था अपने आप चलेगी। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर :
(i) आश्रम शिक्षा संस्था नहीं होती है।
(ii) संस्था अपने आप चल रही है।

10. वाक्य भेद :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
(i) आश्रम किसी एक धर्म से चिपका नहीं होगा।
(ii) यहाँ परेशान महिलाएं बेखटके अपने खर्च से रह सकें और अपने जीवन का सदुपयोग पवित्र सेवा में कर सकें।
(iii) वह यदि गरीब है, तो उसकी सिफारिश करने वाले लोगों को खर्च की पक्की व्यवस्था करनी चाहिए।
उत्तर :
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए :
(i) तुम्हें अपना खयाल रखना चाहिए। (आज्ञावाचक वाक्य)
(ii) यहाँ सरदी अच्छी है। (प्रश्नवाचक वाक्य)
उत्तर :
(i) तुम अपना खयाल रखो!
(ii) क्या यहाँ सरदी अच्छी है?

11. वाक्य शुद्धिकरण :

निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए :
(i) उनके ऊपर अइसा बोज नहीं आएगा, जिससे कि उन्हें परेशानी हो।
(ii) सभी धरम आश्रम को मान होंगे।
उत्तर :
(i) उनके ऊपर ऐसा बोझ नहीं आएगा, जिससे कि उन्हें परेशानी हो।
(ii) सभी धर्म आश्रम को मान्य होंगे।

उपक्रम/कृति/परियोजना

श्रवणीय
मानवतावाद पर विचार सुनिए।

पठनीय
अंतरिक्ष विज्ञान में ख्याति प्राप्त दो महिलाओं की जानकारी पदिए।

संभाषणीय
‘अनुशासन स्वयं विकास का प्रथम चरण है’, कथन पर चर्चा कीजिए।

उपयोजित लेखन

प्रश्न 1.
लेखनीय : किसी सामाजिक संस्था की जानकारी लिखिए।
उत्तर :
स्वयंसेवी संस्था ‘मासूम’ रात्रिकालीन पाठशालाओं में विद्यार्थियों तथा अध्यापकों की हर प्रकार की मदद देने के प्रति समर्पित एक स्वयंसेवी संस्था है-‘मासूम’। इस संस्था की स्थापना की है निकिता केतकर ने।

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यह संस्था रात्रिकालीन पाठशालाओं में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को प्रतिदिन नाश्ता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, सहायक पुस्तकें, कापियाँ, कंपास बॉक्स तथा अन्य सामग्री प्रदान करती है। इसके अलावा मोबाइल-प्रयोगशाला तथा प्रयोग करने की विभिन्न सामग्री भी मुहैया कराती है। संस्था रात्रिकालीन पाठशालाओं के विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देती है।

विद्यार्थियों की सुविधा के लिए यह संस्था स्पेशल क्लास और कैरिअर गाइडेन्स की व्यवस्था करती है। इसके अलावा यह रात्रिकालीन पाठशालाओं के मुख्याध्यापकों तथा शिक्षकों की ट्रेनिंग की भी व्यवस्था करती है। मुंबई की 70 रात्रिकालीन पाठशालाओं को ये सारी सुविधाएँ मुफ्त प्रदान की जाती हैं।

महिला आश्रम Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्रसिद्ध गांधीवादी काका कालेलकर की गणना उच्च कोटि के निबंधकारों में की जाती है। प्रस्तुत रचना पत्र के रूप में लिखी गई है। प्रस्तुत पत्रों में लेखक ने आदर्श महिला आश्रम की स्थापना, उसकी व्यवस्था, उसके नियम तथा अनुशासन आदि के बारे में विस्तार से लिखा है।

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