Class 10 Hindi Chapter 4 Do Gazal Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 4 Do Gazal Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 4 दो गजलें Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 4 दो गजलें Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 4 दो गजलें Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 1

उत्तर:
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2. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 4

3. कृति में दिए गज़ल में प्रयुक्त शब्दों की उचित जोड़ियाँ क्रमशः अ और आ तालिका में लिखिए।

प्रश्न 1.
कृति में दिए गज़ल में प्रयुक्त शब्दों की उचित जोड़ियाँ क्रमशः अ और आ तालिका में लिखिए।
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उत्तर:

छाँवउम्मीद
अनुभवज्ञान
परउड़ान
जानजिंदगानी

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4. उचित शब्द का चयन करते हुए वाक्य पूर्ण कीजिए।
(मिट्टी, कैद, बंदी, रिहा, छूटना)

प्रश्न 1.
उचित शब्द का चयन करते हुए वाक्य पूर्ण कीजिए।
(मिट्टी, कैद, बंदी, रिहा, छूटना)
i. अजब ये जिंदगी की ……….. है।
ii. रिहाई माँगता है और ……….. होने से डरता है।
उत्तर:
i. कैद
ii. रिहा

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5. सूचना के अनुसार शब्द में परिवर्तन कीजिए।

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार शब्द में परिवर्तन कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 7

6. ‘जीवन में डर की जगह सावधानी एवं साहस चाहिए।’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। 

प्रश्न 1.
‘जीवन में डर की जगह सावधानी एवं साहस चाहिए।’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
डर वह भावना है; जो इंसान को कमजोर बना देती है और साहस वह भावना होती है; जो इंसान के हौसलों में उड़ान पैदा करती है। व्यक्ति को अपने जीवन में डर का त्याग कर साहस और सावधानी को अपनाना चाहिए। उसे प्रत्येक काम साहस के साथ सावधानीपूर्वक करना चाहिए। सावधानी बरतने से व्यक्ति के सारे काम सुचारू रूप से पूर्ण होते हैं। साहस असंभव कार्य को भी संभव बनाने की शक्ति रखता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में साहस को नहीं अपनाता है: वह व्यक्ति कभी भी सफल नहीं होता। जीवन में कई सफल व्यक्ति हैं, जिन्होंने डर की जगह सावधानी एवं साहस को अपनाकर संसार में अद्भुत कार्य करके सभी को अपने प्रभावी व्यक्तित्व से प्रेरित किया।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना के अनुसार भेद लिखिए।

  1. वह आदमी भी उस गाँव में रहने के लिए तैयार हो गया। [ ]
  2. स्टेशन मास्टर ने सिग्नल नहीं दिया और गाड़ी आउटर पर खड़ी रही। [ ]
  3. मजे की बात यह है कि एक समाचारपत्र के कितने उपयोग हो सकते हैं। [ ]
  4. वह पशु-पक्षियों के बीच बातें करता दिखाई देता। [ ]
  5. आप उस गाँव में जाएंगे तो आपको उस खोए हुए आदमी की वहाँ स्थापित मूर्ति दिख जाएगी। [ ]
  6. नींद आती रहती है, जाती रहती है और रह-रहकर टूटने के बावजूद उसमें लय बनी होती है। [ ]

उत्तर:

  1. सरल वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्र वाक्य
  4. सरल वाक्य
  5. मित्र वाक्य
  6. संयुक्त वाक्य

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प्रश्न 2.
पाठों में आए रचना के अनुसार वाक्यों के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तरः
1. सरल वाक्य :
i. इससे मेरा भी मन बड़ा दुखी होता है।
ii. मैंने सबकी बात सुनी है।

2. मिश्र वाक्य :
i. जैसी करनी वैसी भरनी।
ii. हमें चाहिए कि हम हवा और पानी को अपना दोस्त बनाकर उन्हें नुकसान न पहुँचाएँ।

3. संयुक्त वाक्य :
i. सोना तो मिट्टी है और मिट्टी का मोह पालकर आज तक किसी ने शांति नहीं पाई।
ii. लोग उसके दर्शन को आने लगे और धीरे-धीरे चारोंतरफ साधु का यश फैल गया।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के अर्थ के अनुसार भेद लिखिए।

  1. सुबह उठता हूँ तो थोड़ी ताजगी महसूस होती है। [ ]
  2. अरे, वहीं अटके रहोगे, मुझसे बात नहीं करोगे? [ ]
  3. कई दिनों तक मैं तुम्हारे चौके में नहीं गई। [ ]
  4. ठीक है, मुकदमें की कार्यवाही शुरू करें। [ ]
  5. अरे! हवा रानी, नाराज मत हो। [ ]
  6. इस बात के लिए ये गाँववाले ही जिम्मेदार हैं। [ ]
  7. अधिक वर्षा के लिए कौन जिम्मेदार है? [ ]
  8. अच्छा! निकलती हूँ बस पाँच मिनट चाहिए मुझे तैयार होने के लिए। [ ]
  9. हौं राजीव, आओ बैठो।
  10. यह एक भोले इंसान का विश्वास नहीं था।

उत्तर:

  1. विधानार्थक वाक्य
  2. प्रश्नार्थक वाक्य
  3. निषेधार्थक वाक्य
  4. आज्ञार्थक वाक्य
  5. आज्ञार्थक वाक्य
  6. विधानार्थक वाक्य
  7. प्रश्नार्थक वाक्य
  8. विस्मयादिबोधक वाक्य
  9. आज्ञार्थक वाक्य
  10. निषेधार्थक वाक्य

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प्रश्न 4.
पाठों में आए अर्थ के अनुसार वाक्यों के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तरः
1. विधानार्थक वाक्य :
i. मैं तेजी से वहाँ जाती हूँ।
ii. महाराज यह आरोप झूठा है।

2. आज्ञार्थक वाक्य :
i. पहले पानी को बुलाया जाए।
ii. सेठ मेरा इनाम दें।

3. निषेधार्थक वाक्य :
i. कहीं भी कोई नहीं था।
ii. उसमें भी मेरा कुछ नहीं है।

4. प्रश्नार्थक वाक्य :
i. तू कौन है?
ii. उसकी माया में मुझे क्यों फँसाता है?

5. विस्मयादिबोधक वाक्य :
i. काश, अपने गाँव-शहर में हमें भी ऐसा ‘खोया हुआ आदमी’ मिल जाता!
ii. हाँ महाराज! आज सब शिकायतें हवा और पानी के बारे में हैं।

6. संदेहसूचक वाक्य :
i. शायद मैं खो गया हूँ।
ii. संभव है कि पानी दूषित होने से बच जाए।

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उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय में आयोजित की जानेवाली क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजक के नाते विज्ञापन तैयार कीजिए।
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उत्तरः
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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 4 दो गजलें Additional Important Questions and Answers

(अ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
पद्यांश में प्रयुक्त प्राकृतिक घटकों के नाम
उत्तरः
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कृति अ (2) : शब्दसंपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. आसमान
  2. पर
  3. इतमीनान
  4. सोच

उत्तरः

  1. अंबर
  2. पंख
  3. तसल्ली
  4. विचार

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प्रश्न 2.
पद्यांश में प्रयुक्त ऐसे दो शब्द लिखिए जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते हैं।
उत्तर:
i. पेड़
ii. पर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. हवा में उड़ने की क्रिया
उत्तरः
i. उड़ान

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के अनेक अर्थ लिखिए।
i. फल
ii. पर
उत्तर:
i. फल : खाने का फल, परिणाम
ii. पर : परंतु, पंख

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कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘अनुभव सबसे बड़ा शिक्षक होता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
जीवन-रूपी यात्रा में सीखने के लिए कोई किताब साथ नहीं होती। व्यक्ति अपने अनुभवों से ही सीखता है। व्यक्ति जीवन में कार्य करते समय कई गलतियाँ करता रहता है। उन गलतियों से उसका अनुभव समृद्ध हो जाता है। वह फिर से उन गलतियों को नहीं दोहराता। वह अपनी गलतियों से बहत सारी बातें सीखता है और स्वयं के अनुभव को समृद्ध बनाता है। अनुभव सोने के समान होता है।

जिस प्रकार सोना तप-तप कर तैयार हो जाता है उसी प्रकार अनुभव दिन-रात की मेहनत एवं लगन से प्राप्त किया जाता है। व्यक्ति के जीवन में आने वाले अच्छे-बुरे अनुभव उसके मार्गदर्शक बनते हैं। अनुभव से मिलने वाला ज्ञान व्यक्ति को सफलता के शिखर पर पहुँचा देता है। अनुभवहीन ज्ञान जीवन की सच्चाई के सामने टिक नहीं पाते। अत: अनुभव ही सबसे बड़ा शिक्षक होता है।

(आ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।
i. प्रकृति ने हमें जिंदगी बख्शी है।
उत्तरः
ईश्वर ने हमें जिंदगी बख्शी है।

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ii. ईश्वर सायबान निर्माण करेगा।
उत्तर:
इंसान सायबान निर्माण करेगा।

कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. संसार
  2. स्वयं
  3. आशा
  4. ईश्वर

उत्तर:

  1. दुनिया
  2. खुद
  3. उम्मीद
  4. खुदा

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. छाया
उत्तर:
i. छाँव

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. घर के आगे छाया हेतु बनाया गया छप्पर
उत्तर:
i. सायबान

कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘व्यक्ति को जीवन में आत्मनिर्भर होना चाहिए। उसे दूसरों से मदद की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आत्मनिर्भर यानी स्वावलंबी। व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मनिर्भर होना चाहिए। उसे दूसरों पर आश्रित नहीं होना चाहिए। यदि व्यक्ति अपने जीवन में दूसरों पर आश्रित रहता है, तो वह तरक्की नहीं कर सकता है। आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी होता है। आत्मनिर्भर व्यक्ति सदैव कोशिश करते रहता है। इसलिए वह सफलता की मंजिल हासिल करने में सफल हो जाता है। वह भाग्य के भरोसे नहीं बैठता है। आत्मनिर्भर बनकर वह अपनी क्षमताओं का विकास कर लेता है। अब्राहम लिंकन व नेपोलियन जैसे महापुरुषों का जन्म निर्धन परिवार में हुआ था। उन्होंने जीवन में आत्मनिर्भर बनकर सफलता की सीढ़ी हासिल की। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मनिर्भर होना चाहिए।

(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. अजब
ii. रिहाई
उत्तर:
i. जिंदगी की कैद कैसी है?
ii. दुनिया का हर इंसान क्या माँगता है?

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प्रश्न 2.
पद्यांश के आधार पर समझकर लिखिए।
i. इंसान के बस और काबू में ये नहीं है –
ii. हर शख्स इसका बना खिलौना है –
उत्तर:
i. इंसान के बस में जिंदगी नहीं है और काबू में मौत नहीं है।
ii. मिट्टी का

कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों में उचित उपसर्ग का प्रयोग कीजिए।

  1. मौत
  2. पल
  3. काबू

उत्तर:

  1. बेमौत
  2. हरपल
  3. बेकाबू

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. मृदा
उत्तर:
i. मिट्टी

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. फना
  2. मौत
  3. रिहाई
  4. काबू

उत्तर:

  1. नष्ट
  2. मृत्यु
  3. मुक्ति
  4. नियंत्रण

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. बड़ा × ……….
i. जिंदगी × ………….
उत्तर:
i. छोटा
ii. मौत

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कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
बचपन की दुनिया और बड़ों की दुनिया में क्या अंतर है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बचपन की दुनिया में मासूमियत होती है और बड़ों की दुनिया मुश्किलों और परेशानियों से भरी होती है। बचपन जीवन की एक ऐसी अवस्था होती है; जहाँ पर जीवन का मस्ती से आनंद लिया जाता है और बड़ों की दुनिया जिम्मेदारियों से भरी होती है। कई लोगों को इस कारण जिंदगी कैद के समान लगती है।

लेकिन बच्चों के लिए जिंदगी खुशियाँ एवं प्यार लेकर आती है। मुस्कुराना, शरारत करना, रूठना और फिर सब भुलाकर एक हो जाना; ये बच्चों की पहचान होती है। वहीं बड़ों के जीवन में ईर्ष्या, द्वेष एवं कलह होता है। बच्चे दुनियादारी के झमेलों से दूर होते हैं, तो बड़ों की दुनिया कई प्रकार के झमेले में उलझती रहती है।

दो गजलें Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : राजेश रेड्डी जी का जन्म सन १९५२ में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। राजेश जी हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू भाषा के ज्ञाता हैं। जगबीती को आपबीती में परिवर्तित कर गज़ल लिखने में रेड्डी जी कुशल माने जाते हैं। ये विविध भारती, मुंबई से भी जुड़े हैं। इन्होंने अपनी प्रतिभा से गज़ल एवं नाटक विधा को समृद्ध किया है।
प्रमुख कृतियाँ : ‘उड़ान’, ‘आसमान से आगे’, ‘वजूद’ (गज़ल संग्रह) आदि।

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पद्य-परिचय :

गज़ल : ‘गज़ल’ यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य-विधा है। गज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है। इसके पहले शेर को मतला कहते हैं। गज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं।
प्रस्तावना : ‘दो गज़लें’ इस गज़ल में दो गज़लें सम्मिलित की गई हैं। पहले गज़ल से हमें यह संदेश मिलता है कि व्यक्ति के पास कोई भी कार्य करने से पहले जोश, उत्साह, ज्ञान, आत्मविश्वास आदि का होना जरूरी होता है। दूसरी गज़ल में कवि ने बताया है कि बचपन मासूमियत से भरा होता है। बड़े होने पर परेशानियाँ आती हैं, जिस कारण इंसान अनेक प्रकार की परेशानियों से घिर जाता है।

सारांश :

‘दो गज़लें’ यह एक गज़ल है। इस गज़ल के द्वारा कवि कहता है कि व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपने आप में जोश, उत्साह, आत्मविश्वास आदि का निर्माण करना चाहिए। व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपनी आँखों से जिंदगी को पढ़ लेना चाहिए। खुद के अनुभवों से प्राप्त ज्ञान के बिना कार्य की पूर्ति नहीं होती। जीवन में संयम व धैर्य का बहुत बड़ा महत्त्व होता है। कवि मानवतावादी है। अत: वह मानव की भलाई की कामना रखता है।

व्यक्ति को दूसरों से अपेक्षा रखने के बजाय स्वयं आत्मनिर्भर होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसी वाणी में सबके साथ वार्तालाप करना चाहिए कि उसके विचार दूसरों के हृदय में सदा के लिए बस जाए। कवि इस गज़ल के माध्यम से कहता है कि आज का व्यक्ति दुख, तकलीफों और परेशानियों से चारों ओर से घिर चुका है। दुनिया-समाज में पड़कर व्यक्ति की बचपन जैसी मासूमियत खोने लगी है। वह नश्वर है। फिर भी उसकी महत्वाकांक्षा पूरी होती नहीं दिखती। वह अपनी ही जिंदगी में कैद हो गया है। वह मुक्ति भी पाना चाहता है. और इच्छाओं को भी नष्ट करना नहीं चाहता।

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भावार्थ :

पहले इक आसमान …………………… उड़ान पैदा कर।
व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपने आप में जोश, उत्साह व आत्मविश्वास उत्पन्न करना चाहिए। इसलिए कवि कहते हैं कि व्यक्ति को अपने परों में यानी मन में हौसला भरने से पहले आसमान यानी सकारात्मक परिस्थिति उत्पन्न कर लेनी चाहिए। सकारात्मक परिस्थिति व आत्मविश्वास के बिना व्यक्ति सफलता की ऊंची मंजिल हासिल नहीं कर सकता।

अपनी आँखों से ………………. पैदा कर।
व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपनी आँखों से जिंदगी को पढ़ लेना चाहिए। स्वयं के अनुभवों से प्राप्त ज्ञान के बिना कार्य की पूर्ति नहीं होती। व्यक्ति का अनुभव समृद्ध होना बेहद जरूरी है। अनुभव समृद्ध व्यक्ति के पास ज्ञान का भंडार होता है। अनुभवों के द्वारा ही व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है।

सब के पेड़ ………………… पैदा कर।
जीवन में संयम व धैर्य का बहुत ही महत्त्व होता है। संयम व धैर्य के बिना मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति नहीं हो सकती। कहा भी । गया है कि सब्र का फल मीठा होता है। धैर्य और संयम से आज नहीं तो कल सब का फल जरूर मिलता है। इसलिए व्यक्ति की सोच में भी इतमीनान यानी तसल्ली होनी चाहिए। उसे कोई भी कार्य करने से पहले तसल्ली से सोचना चाहिए।

ऐ खुदा! ………………………… पैदा कर।
कवि इंसान का भला चाहता है। वह नहीं चाहता कि इंसान दुख-दर्द में अपना जीवन व्यतीत करे। इंसान के जीवन में खुशहाली आए । इसलिए कवि ईश्वर से ऐसे सुंदर संसार की कामना करता है; जहाँ पर व्यक्ति सुख-चैन के साथ अपना जीवन जी सके।

तूने बख्शी है …………………….. पैदा कर।
कवि मानवतावादी है। अत: वह मानव की भलाई की कामना रखता है। वह ईश्वर से कहता है, “हे ईश्वर, तूने सभी को जिंदगी का । अनमोल उपहार दिया है। अत: तू ही इस जिंदगी में जान भरने का कार्य कर । तू ही लोगों में जिंदादिली निर्माण कर; ताकि लोग इस जिंदगी के सफर का आनंद ले सकें।

छोड़ दुनिया से ………………….. पैदा कर।
व्यक्ति को जीवन में किसी से भी, कोई भी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। व्यक्ति को दूसरों से उम्मीद रखने के बजाय स्वयं आत्मनिर्भर होना चाहिए। व्यक्ति को दूसरों से सहायता की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए; बल्कि स्वयं ही प्रकाशित होकर स्वयं की जिंदगी को उज्ज्वल बनाना चाहिए। दूसरों से छाँव की अपेक्षा रखने के बजाय स्वयं ही सायबान बनकर खुद को और दूसरों के जीवन में भी छाँव उत्पन्न करनी चाहिए।

दिल से निकले ………………… पैदा कर।
व्यक्ति की वाणी सरल, सहज और मीठी होनी चाहिए। उसके बोलने वाले शब्द दिल से निकले होने चाहिए। यदि वह इस प्रकार वाणी : का प्रयोग करेगा, तो निश्चित ही वह दूसरों की निगाहों में और दिलों में आसानी से जगह प्राप्त कर लेगा।

यहाँ हर शख्स …………………. डरता है।
कवि कहते हैं कि हर इंसान अपनी मृत्यु से सदा भयभीत रहता है। वह अपने ऊपर होनेवाले हादसों और आपदाओं से डरता रहता है। । 5. आखिर इंसान मिट्टी से बना हुआ एक खिलौना ही तो है। उसे एक दिन टूटना ही है। फिर भी वह न जाने क्यों नष्ट होने से डरता रहता है।

मेरे दिल के किसी ……………………… डरता है।
बचपन की मासूमियत सभी को प्यारी और अच्छी लगती है। उसे कोई भी भूलना नहीं चाहता। हर व्यक्ति के दिल में कहीं न कहीं बचपना छिपा रहता है। लेकिन बड़ों की दुनिया जो दुख और तकलीफों से भरी है, उसे देखकर वह अपने बचपन को कहीं न कहीं बचाए रखना चाहता । है। वह बड़ों की दुनिया के साथ बड़ा होना नहीं चाहता क्योंकि बड़ों की दुनिया में मासूमियत नहीं होती।

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शब्दार्थ :

  1. आसमान – अंबर
  2. पर – पंख
  3. सोच – विचार
  4. इतमीनान – तसल्ली , ढाढ़स
  5. जहान – संसार, जगत
  6. खुदा – ईश्वर
  7. उम्मीद – आशा, भरोसा
  8. खुद – स्वयं
  9. हादिसा – आपदा
  10. फना – नष्ट
  11. मौत – मृत्यु
  12. रिहाई – मुक्ति
  13. काबू – नियंत्रण, वश
  14. सायबान – घर के आगे छाया हेतु बनाया हुआ छप्पर
  15. जान – प्राण, जीवन
  16. सब्र – सबर, संयम, धैर्य

Class 10 Hindi Lokvani Textbook Solutions

Sa ev parmanu Class 10 Sanskrit Chapter 4 Question Answer Maharashtra Board

Class 10th Sanskrit Anand Chapter 4 स एव परमाणुः Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Solutions Anand Chapter 4 स एव परमाणुः Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Sanskrit Chapter 4 Question Answer

Sanskrit Anand Std 10 Digest Chapter 4 स एव परमाणुः Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
अर्णवः पाकगृहात् किम् आनयति?
उत्तरम्‌ :‌
अर्णवः पाकगृहात् मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् आनयति।

प्रश्न आ.
कः परमाणुः?
उत्तरम्‌ :‌
द्रव्यस्य अन्तिम : घटक : मूलं तत्त्वं च परमाणुः ।

प्रश्न इ.
परमाणुसिद्धान्तः केन महर्षिणा कथितः?
उत्तरम्‌ :‌
परमाणुसिद्धान्त: कणादमहर्षिणा कथितः ।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः

प्रश्न ई.
महर्षिणा कणादेन परमाणुविषये किं प्रतिपादितम् ?
उत्तरम्‌ :‌
महर्षिणा कणादेन परमाणुविषये प्रतिपादितं यत् परमाणुः अतीन्द्रियः, सूक्ष्मः, निरवयवः, नित्यः, स्वयं व्यावर्तकः च ।

प्रश्न उ.
महर्षेः कणादस्य मतानुसारं परमाणोः व्याख्या का?
उत्तरम्‌ :‌
जालसूर्यमरीचिस्थं यत् सूक्ष्म रजः दृश्यते तस्य षष्ठतमः भाग: स: परमाणु: उच्यते इति परमाणो: व्याख्या महर्षे: कपादस्य।

2. समानार्थकशब्दान् लिखत ।
कुसुमम्, विश्वम्, पिता, नामधेयम्, सूर्यः ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्दान् लिखत ।
कुसुमम्, विश्वम्, पिता, नामधेयम्, सूर्यः ।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः

3. माध्यमभाषया उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
महर्षिः कणादः परमाणुविषये किं प्रतिपादितवान् ?
उत्तरम्‌ :‌

भारतीय ऋषि व तत्वज्ञ कणाद यांनी परमाणूचा सिद्धांत मांडला. त्यानुसार, परमाणू हा द्रव्याचा अंतिम घटक आहे. व त्यामागील मूलतत्त्व आहे. परमाणू हे द्रव्याचे मूळ कारण आहे. परमाणूच्या स्वरूपाविषयी सांगताना कणाद पुढील स्पष्टीकरण देतात – परमाणू हा इंद्रियांना अगोचर, अतिशय सूक्ष्म, अवयवहीन, नित्य व स्वत:भोवती भ्रमणशील असा आहे.

थोडक्यात, कणाद ऋषी परमाणूचा सिद्धांत स्पष्ट करतात व विश्वाचे अस्तित्व टिकवून ठेवणाऱ्या प्रत्येक द्रव्यामागे ‘परमाणू हेच कारण असल्याचे मानतात.

The theory of atoms was formulated by an Indian sage and philosopher कणाद, Sage कणाद considered the last element of a substance and the basic principle as परमाणु, an atom. परमाणु is the chief cause of the substance. Sage कणाद further explained that परमाणु is inaccessible to the senses, very small (microscopic), formless, eternal and self-revolving.

In brief, sage कणाद believed in the theory of परमाणु and accepted it to be the cause of each substance, because of which the world exists.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः

प्रश्न आ.
‘तण्डुलान् आनय’ इति पिता अर्णवं किमर्थम् आदिष्टवान् ?
उत्तरम्‌ :‌

स एव परमाणु:’ या पाठातील अर्णव व त्याच्या वडिलांच्या संभाषणाद्वारे परमाणूची संकल्पना स्पष्ट होते. एकदा अर्णव त्याच्या बागेतून जास्वंदाचे फूल आणतो. फुलातील परागकण बघत असताना अर्णवचे वडील त्याला सूक्ष्मदर्शिकेमधून ते कण पाहण्याचा सल्ला देतात. परागकणांतील इतर घटकही सूक्ष्मदर्शिकेतून सहज दिसल्यावर अर्णवला आश्चर्य वाटते.

तेव्हा त्याचे वडील ‘स एव त्याला विचारतात की ज्याप्रमाणे आपण सूक्ष्मदर्शिकतून परागकण पाहू शकतो, तसेच परमाणू सुद्धा पाहता येतो का? यानंतर अर्णव त्याच्या वडिलांना परमाणूबद्दल विचारतो. त्याच्या शंकेचे निरसन करण्यासाठी अर्णवचे वडील त्याला मूठभर तांदूळ आणावयास सांगतात.

त्यातील एक तांदळाचा दाणा जितका विभागला जाऊ शकतो, तितके त्याचे विभाजन करण्यास सांगतात. पुढे ‘परमाणू’ बद्दल स्पष्टीकरण देताना ते सांगतात की तांदूळ एका मर्यादपर्यंतच तोडला जाऊ शकतो, त्या विभाजनानंतर जो सूक्ष्म कण राहतो, तो म्हणजे परमाणू. अशा प्रकारे, तांदळाच्या उदाहरणाद्वारे अर्णवचे वडील त्याला परमाणूबद्दल योग्य ते ज्ञान देतात.

‘स एव परमाणुः’ reveals the philosophy behind the concept of परमाणु through the conversation between अर्णव and his father.

Once अर्णव brought a hibiscus-flower from his garden. He was observing its pollengrains, then his father advised him to observe it through microscope. was amazed to see the pollen-grain with its elements. After a while, father asked him, can we see परमाणू like pollen-grains through microscope? अर्णव questioned his father about 40. To answer his question, aura’s father instructed him to bring handful of rice-grains.

Later, father told अर्णव to break it till its last part. Father explained that just as rice. grains will be powdered if divided further likewise an atom is that part of the substance which can’t be obtained by division In this way, with the help of rice-grains example ama’s father aptly explains the concept of परमाणू.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः

4. विरुद्धार्थकशब्दान् मञ्जूषात: अन्विष्य लिखत |
सत्यम्, अन्तिमः, अनित्यः, लघुः, सूक्ष्मः, (आद्यः, गुरुः, नित्यः, असत्यम्, स्थूल:)

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थकशब्दान् मञ्जूषात: अन्विष्य लिखत |
सत्यम्, अन्तिमः, अनित्यः, लघुः, सूक्ष्मः, (आद्यः, गुरुः, नित्यः, असत्यम्, स्थूल:)
उत्तरम्‌ :‌

  • सत्यम् × असत्यम्, अनृतम्।
  • अन्तिमः × आद्यः।
  • अनित्यः × नित्यः।
  • लघुः × बृहत्, स्थूलः।
  • सूक्ष्मः × स्थूलः।

5. उचितं पर्यायं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न 1.
अ. एतद् विश्वं ………… निर्मितम् । (तण्डुलै:/अणुभिः)
आ. …………… द्रव्यस्य मूलकारणम् । (परमाणुः/विज्ञानं) ।
इ. रजसः ……….. भागः परमाणुः । (षष्ठतमः/शततमः)
उत्तरम्‌ :‌
अ. अणुभिः
आ. परमाणुः
इ. षष्ठतम

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6. जालरेखाचित्रं पूरयत

प्रश्न 1.
जालरेखाचित्रं पूरयत
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः 1
उत्तरम्‌ :‌
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः 2

Sanskrit Anand Class 10 Textbook Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः Additional Important Questions and Answers

अवबोधनम्

उचितं पर्यायं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.

  1. अर्णवः उद्यानात् ……………. गृहीत्वा प्रविशति। (कमलम् / जपाकुसुमम्)
  2. जपाकुसुमस्य परागकणाः …………. आसन्। (सूक्ष्माः / स्थूला:)
  3. सूक्ष्मकणेषु तस्य …………. दृश्यन्ते। (अङ्गानि/गात्राणि)
  4. अर्णव: मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् ……….. आनयति। (उद्यानत: / महानसत:)
  5. अणुभ्यः …………….. परमाणवः । (सूक्ष्मतराः / स्थूलतराः)

उत्तरम् :

  1. जपाकुसुमम्
  2. सूक्ष्मा:
  3. अगानि
  4. महानसतः
  5. सूक्ष्मतरा:

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प्रश्न 2.
पिता अर्णवाय स्वमहाविद्यालयम् आगन्तुं कथयति यतः …..।
(अ) पितु: महाविद्यालये कणादविषयकानि पुस्तकानि सन्ति।
(ब) पितुः महाविद्यालये स्नेह – सम्मेलनम् अस्ति।
उत्तरम् :
पितुः महाविद्यालये कणादविषयकानि पुस्तकानि सन्ति।

कः कं वदति?

प्रश्न 1.
1. अस्माकम् उद्यानात् जपाकुसुमम् आनीतम् मया।
2. किं दृष्टं त्वया?
उत्तरम् :
1. अर्णवः पितरं वदति।
2. पिता अर्णवं वदति।

प्रश्न 2.
मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् महानसतः आनय।
उत्तरम् :
पिता अर्णवं वदति।

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प्रश्न 3.
कियान् लघुः अस्ति एषः।
उत्तरम् :
अर्णव : पितरं वदति।

प्रश्न 4.
अयं खलु कणादमहर्षेः सिद्धान्तः।
उत्तरम् :
पिता अर्णवं वदति।

प्रश्न 5.
वयं तु केवलं महाभागस्य नामधेयम् एव जानीमः।
उत्तरम् :
अर्णवः पितरं वदति।

पूर्णवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
सूक्ष्मेक्षिका कुत्र वर्तते?
उत्तरम् :
अर्णवस्य पितु: पार्श्वे उत्पीठिकायां सूक्ष्मेक्षिका वर्तते।

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प्रश्न 2.
अर्णवेन कुत: जपाकुसुमम् आनीतम्?
उत्तरम् :
अर्णवेन तस्य उद्यानात् जपाकुसुमम् आनीतम्।

प्रश्न 3.
विश्व केभ्य: निर्मितम्?
उत्तरम् :
विश्वं परमाणुभ्यः निर्मितम्।

प्रश्न 4.
अणवस्य जिज्ञासा कश्वं शाम्येत्?
उत्तरम् :
कणादविषयकस्य नैकानि पुस्तकानि पठित्वा अर्णवस्य जिज्ञासा शाम्येत्।

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वाक्यं पुनर्लिखित्वा सत्यम् । असत्यम् इति लिखत।

प्रश्न 1.

  1. एतद् विश्वम् अणुभ्यः निर्मितम्।
  2. परमाणवः सूक्ष्मेक्षिकया दृश्यन्ते।
  3. अर्णवस्य पिता चित्रकलायाः प्राध्यापकः।

उत्तरम् :

  1. सत्यम्।
  2. असत्यम्।
  3. असत्यम्।

प्रश्न 2.
1. अर्णवः क्षेत्रात् तण्डुलान् आनयति।
2. अर्णवेन तण्डुलस्य भागत्रयं कृतम्।
उत्तरम् :
1. असत्यम्।
2. असत्यम्।

प्रश्न 3.
एष: गद्यांश: कस्मात् पाठात् उद्धृतः?
उत्तरम् :
एष: गद्यांशः ‘स एव परमाणुः’ इति पाठात् उद्धतः।

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शब्दज्ञानम् :

सन्धिवग्रहः

  1. उद्यानाद् जपाकुसुमम् – उद्यानात् + जपाकुसुमम्।
  2. एतद् विश्वम् – एतत् + विश्वम्।
  3. तदपि  – तत् + अपि।
  4. षष्ठतमो भागः – षष्ठतम : + भागः।
  5. स उच्यते – सः + उच्यते।
  6. एतद्विषये – एतत् + विषये।

त्वान्त-ल्यबन्त-तुमन्त-अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ड्वा / इत्वा /अयित्वातुमन्त अव्यय  धातु + तुम् / धुम् / टुम् / डुम् / इतुम्/अयितुम्
गृहीत्वा, उक्त्वाद्रष्टुम, कर्तुम्, पठितुम्

विभक्त्यन्तरूपाणि।.

  • तृतीया – मया, त्वया, सूक्ष्मेक्षिकया।
  • पज्ञमी – परमाणुभ्यः, उद्यानात्।
  • षष्ठी – तस्य, अस्माकम, तेषाम्, विज्ञानस्य, कणानाम्।
  • सप्तमी – पुस्तकपठने, उत्पीठिकायाम, सूक्ष्मकणेषु ।
  • सम्बोधन – पितः।

विशेषण – विशेष्य – सम्बन्धः।

विशेषणम्विशेष्यम्
1. कियन्तः, सूक्ष्माःपरागकणाः
2. मग्नःपिता
3. मुष्टिमात्रान्तण्डुलान्
4. लघुतरम्भागम्
5. सूक्ष्मतरामभागम्
6. परमःअणुः
7. अन्तिमःघटकः
8. मूलम्तत्वम्
9. पञ्चमे, षष्ठेशतके
10. महर्षिणाकणादेन
11. अतीन्द्रियःपरमाणुः
12. सूक्ष्मःपरमाणुः
13. निरवयवःपरमाणुः
14. नित्यःपरमाणुः
15. स्वयं व्यावर्तकःपरमाणुः
16. सूक्ष्मम्रज:
17. षष्ठतमःभागः
18. नैकानिपुस्तकानि

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लकारं लिखत।

प्रश्न 1.
1. सूक्ष्मेक्षिकया पश्य।
2. तेषां कणानां रचनाम् अपि द्रष्टुं शक्नोषि।
उत्तरम् :
1. लोट्लकारः
2. लट्लकार:

प्रश्न 2.
1. इमं तण्डुलं विभज।
2. यदि क्रियते तर्हि चूर्णं भवेत्।
उत्तरम् :
1. लोट्लकारः
2. विधिलिङ्लकार:

प्रश्न 3.

  1. कणादविषयकाणि नैकानि पुस्तकानि सन्ति।
  2. वयं महाभागस्य नामधेयम् एव जानीमः।
  3. मम महाविद्यालयम् आगच्छ।

उत्तरम् :

  1. लट्लकारः
  2. लट्लकारः
  3. लोट्लकार:

पृथक्करणम् ।

घटकाधारेण शब्दपेटिकां पूरयत।

1.
(सूक्ष्मकणस्य अङ्गानि, परागकणाः, जपाकुसुमम्)
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 4 स एव परमाणुः 3

2.

  1. तथेति – तथा + इति।
  2. यथाकथमपि – यश्चाकश्चम् + अपि ।
  3. इतोऽपि – इत: + अपि।
  4. सम्यग् उक्तम् – सम्यक् + उक्तम्।
  5. एतद् विभाजनम् – एतत् + विभाजनम्।

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क्रमेण योजयत।

प्रश्न 1.

  1. अणवस्य सूक्ष्मेक्षिकया निरीक्षणम्।
  2. पितुः पुस्तकपठनम्।
  3. सूक्ष्मकणेषु तेषाम् अङ्गानां दर्शनम्।
  4. अर्णवेन जपाकुसुमस्य चयनम्।

उत्तरम् :

  1. अर्णवेन जपाकुसुमस्य चयनम्।
  2. पितुः पुस्तकपठनम्।
  3. अर्णवस्य सूक्ष्मेक्षिकया निरीक्षणम्।
  4. सूक्ष्मकणेषु तेषाम् अङ्गानां दर्शनम्।

प्रश्न 2.

  1. पितुः परमाणुविषयकं स्पष्टीकरणम्।
  2. अर्णवस्य परमाणुविषये पृच्छा।
  3. अर्णवेन तण्डुलस्य भागद्वये विभाजनम्।
  4. मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् आनेतुं पितुः आदेशः।

उत्तरम् :

  1. अर्णवस्य परमाणुविषये पृच्छा।
  2. मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् आनेतुं पितुः आदेशः ।
  3. अर्णवेन तण्डुलस्य भागद्वये विभाजनम्।
  4. पितुः परमाणुविषयकं स्पष्टीकरणम्।

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प्रश्न 3.

  1. पितुः स्वस्य महाविद्यालये निमन्त्रणम्।
  2. ‘वैशेषिकसूत्राणि’ इति ग्रन्थविषये चर्चा।
  3. पित्रा कणादमहर्षेः सिद्धान्तविषये कथनम्।
  4. अर्णवस्य विस्तरेण पठनस्य इच्छा।

उत्तरम् :

  1. पित्रा कणादमहर्षेः सिद्धान्तविषये कथनम्।
  2. ‘वैशेषिकसूत्राणि’ इति ग्रन्थविषये चर्चा ।
  3. अर्णवस्य विस्तरेण पठनस्य इच्छा।
  4. पितुः स्वस्य महाविद्यालये निमन्त्रणम्।

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • तृतीया – मया, त्वया।
  • पक्षमी – पाकगृहात, यस्मात्।
  • षष्ठी – एतस्य, तस्य।
  • तृतीया – तेन, महर्षिणा, मुनिना, निश्चयेन।
  • षष्ठी – महर्षेः, द्रव्यस्य, तस्य, महाभागस्य, परमाणोः ।
  • सप्तमी – पञ्चमे, षष्ठे, शतके, ग्रन्थे।

विरुद्धार्थकशब्दान् मञ्जूषात: अन्विष्य लिखत |

  • अधुना × अनन्तरम्।
  • स्मरसि × विस्मरसि।
  • बहूनि × अल्पानि।
  • समानः × भिन्नः।

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वाक्यं पुनर्लिखित्वा सत्यम् । असत्यम् इति लिखत।

प्रश्न 1.

  1. द्रव्यस्य आदिम: घटक; परमाणुः अस्ति।
  2. परमाणो: सिद्धान्तः प्राय: एकोनविंशतितमे शतके महर्षिकणादेन प्रतिपादितः।
  3. अर्णवस्य पितुः महाविद्यालये कणादविषयकाणि नैकानि पुस्तकानि सन्ति।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्।
  2. असत्यम्।
  3. सत्यम्।

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त्वं स्थाने ‘भवान् / भवती’ अथवा ‘भवान् / भवती’ स्थाने ‘त्वं’ योजयत।

प्रश्न 1.
त्वं द्रष्टुं शक्नोषि।
उत्तरम् :
भवान् द्रष्टुं शक्नोति।

प्रश्न 2.
त्वं श्व: मम महाविद्यालयम् आगच्छ।
उत्तरम् :
भवान् श्व: मम महाविद्यालयम् आगच्छतु ।

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प्रश्न 3.
त्वं सूक्ष्मेक्षिकया पश्य।
उत्तरम् :
भवान् सूक्ष्मेक्षिकया पश्यतु ।

प्रश्न 4.
त्वम् इमं तण्डुलं विभज।
उत्तरम् :
भवान् इमं तण्डुल विभजतु ।

प्रश्न 5.
त्वं जानासि किम्?
उत्तरम् :
भवान् जानाति किम्?

वचनं परिवर्तयत।

प्रश्न 1.
ते परमाणवः सूक्ष्मेक्षिकया अपि न दृश्यन्ते। (वाक्यं एकवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
सः परमाणुः सूक्ष्मेक्षिकया अपि न दृश्यते ।

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प्रश्न 2.
इमं तण्डुल विभज। (वाक्यं बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
इमान्/एनान् तण्डुलान् विभज।

प्रश्न 3.
कियन्तः सूक्ष्माः तस्य परागकणाः । (वाक्यं एकवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
कियान् सूक्ष्म: तस्य परागकणः।

प्रश्न 4.
अहम् एतद्विषये विस्तरेण पठितुम् इच्छामि। (वाक्यं बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
वयम् एतद्विषये विस्तरेण पठितुम् इच्छामः।

लकारं परिवर्तयत।

प्रश्न 1.
अर्णवः तथा करोति। (वाक्यं लङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
अर्णवः तथा अकरोत्।

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प्रश्न 2.
तव जिज्ञासा निश्चयेन शाम्येत्। (वाक्यं लोट्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
तव जिज्ञासा निश्चयेन शाम्यतु।

समासाः

समस्तपदम्अर्थ:समासविग्रहःसमासनाम
जपाकुसुमम्a flower named जपाजपा नाम कुसुमम्।कर्मधारयः समासः।
परमाणुःatomपरम: अणुः।कर्मधारयः समासः।
सूक्ष्मकणा:small particlesसूक्ष्माः कणाः।कर्मधारयः समास:।
कणादमुनिःsage कणादकणाद: नाम मुनिः।कर्मधारयः समासः।
महर्षिःgreat sageमहान् ऋषिः।कर्मधारयः समासः।
मूलतत्त्वम्basic principleमूलं तत्त्वम्।कर्मधारयः समासः।
पुस्तकपठनम्reading of booksपुस्तकस्य पठनम्।षष्ठी-तत्पुरुष: समासः।
परागकणा:grains of a pollenपरागस्य कणा:।षष्ठी-तत्पुरुषः समासः।
महाभागःhe who has good fortuneमहान् भाग: यस्य सः।बहुव्रीहिः समासः।

स एव परमाणुः Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

जगाच्या उत्पत्तीबाबत आतापर्यंत अनेक सिद्धांत मांडले गेले आहेत. विश्व हे छोट्या कणांनी बनलेले आहे हा विचार अतिशय प्राचीन आहे. आण्विक सिद्धांताच्या विकासाचे श्रेय जॉन डाल्टन या इंग्रज रसायन व भौतिकशास्त्रज्ञास दिले जाते.

प्राचीन काळात, भारतीय ऋषी व तत्त्वज्ञ, आचार्य कणादांनी अणूचा सिद्धांत मांडला. त्यांच्या अणुविषयक संकल्पना व विश्वाचे स्वरूप याबाबत सखोल माहिती ‘वैशेषिक दर्शन’ या त्यांच्या ग्रंथात दिली आहे ‘स एव परमाणु:’ या पाठामध्ये अर्णवचे वडील सुबोध, सोप्या उदाहरणाने परमाणूची संकल्पना स्पष्ट करतात.

Many propositions regarding world’s evolution have been put forth to date. The world is made of tiny particles is a very ancient insight. John Dalton, an English chemist and physicist is the man credited today with the development of atomic theory.

In the ancient times, theory of atoms was formulated by an Indian sage and philosopher, कणाद. His ideas about the atom and the nature of the universe are written in his trentise ‘वैशेषिक दर्शन’. In the lesson, ‘स एव परमाणु: अर्णव’s father explains the concept of sty (atom) with lucid examples.

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परिच्छेदः 1

अर्णव: जपाकुसुम …………………. न दृश्यन्ते।

अनुवादः

(अर्णव जास्वंदाचे फूल घेऊन प्रवेश करतो. त्याचे वडील विज्ञानाचे प्राध्यापक आहेत. ते पुस्तक वाचण्यात तल्लीन झाले आहेत. त्यांच्या जवळच टेबलावर सूक्ष्मदर्शिका आहे.)

  • अर्णव – अहो बाबा, मी आपल्या बागेतून जास्वंदाचे फूल आणले आहे. त्याचे परागकण किती सूक्ष्म आहेत ना!
  • वडील – सूक्ष्मदर्शिकने पहा. तू त्याच्या कणांची रचनासुद्धा पाहू शकतोस. (अर्णव तसे करतो)
  • वडील – तू काय पाहिलेस?
  • अर्णव – बाबा, ते (अद्भुत) विलक्षण आहे. सूक्ष्मकणांमध्ये त्यांचे भाग दिसत आहेत.
  • बाबा – अर्णव, फुलाचे हे अंश तू सूक्ष्मदर्शिकेने पाहू शकतोस. पण हे जग अणूंनी निर्माण झाले आहे. ते अणू सूक्ष्मदर्शिकने सुद्धा दिसत नाहीत.

(अर्णव enters taking the hibiscus-flower. His father is a professor of science. He is engrossed in reading a book. Near him, there is a microscope on the table.)

  • Arnav: Oh father, I have brought a hibiscus flower from our garden. Its pollen-grains are indeed microscopic!
  • Father: Observe it through a microscope. You can see even the structure of its particles. (Arnav does accordingly.)
  • Father: What did you see (observe)?
  • Arnav: O father, it is amazing. The parts of these minute particles are seen.
  • Father: Arnav, you can see the parts of this flower through microscope. But this world is created from atoms. Those atoms are not seen even through the microscope.

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परिच्छेदः 2

अर्णवः परमाणुः ………….. परमः अणुः ।

अनुवादः

  • अर्णव – परमाणू म्हणजे काय?
  • बाबा – अच्छा, मी सांगतो. स्वयंपाकघरातून मूठभर तांदूळ आण.
  • अर्णव – (हो असे म्हणून, तो स्वयंपाकघरातून तांदूळ आणतो) बाबा, है घ्या.
  • बाबा – आता या तांदळाचे भाग कर.
  • अर्णव – बाबा, किती लहान (तांदूळ) आहे हा. बघा, मी कसेबसे याचे दोन तुकडे केले.
  • बाबा – इथून पुढे (याचे) लहान भाग करणे शक्य आहे का?
  • अर्णव – जर केले तर त्याची भुकटी होईल.
  • बाबा – तू बरोबर सांगितले. जिथे हे विभाजन संपते व जिथून सर्वात सूक्ष्म भाग मिळविणे (सुद्धा) शक्य नसते, तोच परमाणू होय.
  • Arnav: What is an atom?
  • Father: Well, I tell you. Bring a handful of rice
  • grains from the kitchen.
  • Arnav: (Saying yes, brings rice-grains from the kitchen.) O father, please take it.
  • Father: Now divide this rice grain.
  • Arnav: O father, how small is this! See, somehow I made it into two parts.
  • Father: Is it possible to make (even) smaller than this?
  • Arnav: If we do it (if it is done), it would be powdered.
  • Father: You said it right. Where this division ends from which no smaller part can be obtained, that itself is an atom.

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परिच्छेदः 3

अर्णवः परमाणुः ……….. परमः अणुः ।

अनुवादः

  • अर्णव – परमाणू हा द्रव्याचा अंतिम घटक व मूळतत्त्व आहे; हे खरे आहे ना?
  • बाबा – बरोबर, खरे तर, हा महर्षी कणादांचा सिद्धांत आहे; तुला माहीत आहे का? परमाणू हे द्रव्याचे मूळ कारण आहे असे प्रतिपादन महर्षीनी केले. ते सुद्धा, सुमारे ख्रिस्तपूर्व पाचव्या किंवा सहाव्या शतकात.
  • अर्णव – बाबा, परमाणूसंबंधी महर्षी कणादांनी काय काय सांगितले आहे? आम्हांला तर फक्त त्या महान व्यक्तीचे नावच माहीत आहे.
  • बाबा – कणाद ऋषींनी स्पष्ट केले (की) – अणू (हा) इंद्रियांच्या पलीकडे, सूक्ष्म, अवयवहीन, नित्य आणि स्वयंपरिभ्रमणशील आहे. ‘वैशेषिकसूत्राणि’ या त्यांच्या ग्रंथात त्यांनी परमाणूची व्याख्या केली आहे.
  • अर्णव – ती व्याख्या काय आहे?
  • बाबा – जाळीदार खिडकीतून येणाऱ्या सूर्यकिरणांतील सूक्ष्म धूलिकणाच्या साव्या भागाला परमाणू असे म्हटले जाते.
  • अर्णव – मला त्याबद्दल सविस्तर जाणून घ्यायची इच्छा आहे.
  • बाबा – छान! तू उद्या माझ्या महाविद्यालयात ये. तिथे कणादांविषयी अनेक पुस्तके आहेत. तुझी जिज्ञासा नक्कीच शमेल.
  • Arnav: An atom is the last element of a substance and the basic principle, isn’t it?
  • Father: Right. This is great sage कणाद’s theory. Do you know? The sage explained that an atom is the basic reason of the substance. That too, probably in the fifth-sixth century BC.
  • Arnav: O father, what all is told by sage regarding an atom? We merely know the name of the great one.
  • Father: The Sage कणाद explained-An atom is beyond senses, tiny, indivisible, eternal and self-revolving. He has given the definition of परमाणु in his book ‘वैशेषिकसूत्राणि.’
  • Arnav: What is that definition?
  • Father: An atom is the sixth part of the fine (micro) dust particle that is located in a beam of sun-rays entering through a grilled window
  • Arnav: I wish to know about it in detail.
  • Father: Good! (Then) You come to my college tomorrow. There are many books regarding US Definitely your curiosity would be pacified.

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शब्दार्थाः

  1. प्राध्यापक: – professor – महाविद्यालयातील शिक्षक
  2. मानः – engrossed – तल्लीन
  3. परमाणुः – atom – अणू
  4. जपाकुसुमम् – hibiscus-flower – जास्वंदाचे फूल
  5. सूक्ष्मेक्षिका – microscope – सूक्ष्मदर्शिका
  6. परागकणाः – pollen – grains – परागकण
  7. अङ्गानि – parts – भाग
  8. उत्पीठिकायाम् – on the table – टेबलावर
  9. गृहीत्वा – taking – घेऊन
  10. पश्चे – near – जवळ
  11. द्रष्टुं शक्नोषि – able to see – तू पाहू शकतोस
  12. कियान् – how much – किती
  13. चूर्णम् – powder – भुकटी
  14. सूक्ष्मतरम् – minuscule – सर्वात सूक्ष्म / लहान
  15. तण्डुलान् – rice-grains – तांदूळ
  16. मुष्टिमात्रान् – handful of – मूठभर
  17. महानसतः/ पाकगृहात् – from kitchen – स्वयंपाकघरातून
  18. समाप्यते – ends/stops – संपते / थांबते
  19. आनय – bring – आण
  20. विभज – split – भाग कर / विभाजन कर
  21. यथाकथमपि – somehow – कसेतरी
  22. इतोऽपि – than this – यापेक्षा
  23. सम्यक् – right – बरोबर
  24. सिद्धान्तः – proposition, theory – सिद्धांत
  25. निरवयवः – formless – अवयव नसलेला / अवयवहीन
  26. स्वयं व्यावर्तक: – self-revolving – स्वयं परिभ्रमणशील
  27. अतीन्द्रियः – beyond senses – इंद्रियांच्या पलीकडे
  28. षष्ठतमः – sixth – सहावा
  29. तत्वम् – basic principle – मूळतत्त्व
  30. जालसूर्य – located in a beam – झरोक्यातील
  31. मरीचिस्थम् – of the sun-ray from a grill – सूर्यकिरणात
  32. प्रतिपादितम् – explained, stated – स्पष्टीकरण दिले, मांडले
  33. रजः – dust particle – धूलिकण
  34. जिज्ञासा – curiosity – उत्सुकता
  35. द्रव्यस्य – of substance – द्रव्याचे
  36. शाम्येत् – would pacify – शमविली जाईल
  37. प्रायः – approximately – सुमारे
  38. श्चः – tomorrow – उद्या

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Class 10 Hindi Chapter 8 Karamveer Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 8 Karamveer Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 8 कर्मवीर Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 8 कर्मवीर Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 8 कर्मवीर Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर 2

2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर 4

3. विशेषताएँ लिखिए :

प्रश्न 1.
विशेषताएँ लिखिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर 5
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर 6

4. कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए 

प्रश्न 1.
कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए

  1. कर्मभूमि : ………………
  2. अकारण : ………………
  3. आकाश : ………………
  4. विशवास : ………………

उत्तर:

  1. कार्यस्थल
  2. वृथा
  3. गगन
  4. विशवास

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5. कविता की अपनी पसंदीदा चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता की अपनी पसंदीदा चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
जो कभी अपने ……………………..चुराते हैं नहीं।
प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि ‘हरिऔध’ जी कहते हैं कि कर्मवीरों के लिए समय बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए वे समय को कभी व्यर्थ नहीं गवाते। जिस काम को जिस समय करना है उसे उसी समय करते हैं। वे काम को कल पर नहीं छोड़ते हैं। जहाँ काम करना हो वहाँ कोई बहानेबाजी और आनाकानी नहीं करते। आज का काम कल पर टालकर वे अपने दिनों को व्यर्थ नहीं गवाते। समय का सदुपयोग करना यही उनका कर्तव्य होता है। कोशिश अथवा मेहनत करने से वे कभी भी पीछे नहीं हटते ।

उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
मुद्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए।
एक हंस और एक कौए में मित्रता – हंस का कौए के साथ उड़ते जाना – कौए का दधिपात्र लेकर जाने वाले ग्वाले को देखना – ललचाना – कौए का दही खाने का आग्रह – हंस का इनकार – कौए का घसीटकर ले जाना – कौए का चोंच नचा – नचाकर दही खाना – हंस का बिलकुल न खाना – आहट पाकर कौए का उड़ जाना -हंस का पकड़ा जाना – परिणाम – शीर्षक।
उत्तर:
कुसंगति का फल एक जंगल था। उस जंगल में तरह-तरह के पक्षी एवं जानवर रहते थे। उस जंगल में एक बरगद के पेड़ पर एक हंस व एक कौआ भी रहता था। दोनों में गहरी मित्रता थी। एक दिन वे दोनों खुले आसमान में विचरण कर रहे थे। उस वक्त कौए की नजर सिर पर दधिपात्र लेकर जाने वाले एक ग्वाले पर गई।

दधिपात्र देखकर कौए के मुँह में पानी भर आया। उसने तपाक से हंस से कहा, “क्यों न हम दोनों मिलकर दधिपात्र से थोड़ा-थोड़ा दही खा लें।” हंस ने कहा, “नहीं भाई ! इस प्रकार चोरी या छिपकर खाने से आफत आ सकती है। हम पकड़े जा सकते हैं। फिर भी कौए ने हंस की एक न सुनी।

वह जबरन हंस को घसीटकर दधिपात्र के पास ले आया। वह बड़े मजे से दही को खाने लगा। ढेर सारा दही देखकर वह अपनी चोंच नचा-नचाकर दही खाने लगा। हंस सिर्फ उसके साथ था, लेकिन उसने दही को छुआ तक नहीं। दधिपात्र लेकर जाने वाले ग्वाले को एहसास हुआ कि दधिपात्र में से कौआ या अन्य पक्षी दही खाने की चेष्टा कर रहे हैं।

ग्वाले ने आव देखा न ताव तुरंत अपना दाहिना हाथ ऊपर कर उसने हंस को पकड़ लिया। तब तक आहट पाकर कौआ वहाँ से उड़ गया। बेचारा हंस! उसका बुरा हाल हुआ। ग्वाले ने उसे मार डाला। सीख : बुरे लोगों के साथ रहने से बुरा होता है। इसलिए हमें अच्छे लोगों के साथ रहना चाहिए।

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 8 कर्मवीर Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
‘कर्मवीर दूसरों का मुँह नहीं ताकते’ इसका तात्पर्य है कि –
उत्तर:
वे स्वावलंबी होते हैं। अत: वे दूसरों पर निर्भर नहीं होते।

कति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. विघ्न
  2. बाधा
  3. भाग्य
  4. चंचल

उत्तर:

  1. संकट
  2. रुकावट
  3. नसीब
  4. अस्थिर

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प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. कठिन × …….
ii. निर्मल × …….
उत्तर
i. सरल
i. मलीन

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए –
i. अस्थिर स्वभाव का –
उत्तर :
i. चंचल

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम शब्द लिखिए।
i. मुँह
ii. काम
उत्तर:
i. मुख
ii. कार्य

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के वचन बदलिए।
i. बाधा
ii. काम
उत्तर:
i. बाधाएँ
ii. काम

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द के समश्रुतभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. मान
ii. भाग्य
उत्तर:
i. मन
i. भाग

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जो विघ्न-बाधाओं का सामना करता है वही सफल होता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जीवन में सुख व दुख दोनों हैं। व्यक्ति के जीवन में अनुकूल व प्रतिकूल ये दोनों परिस्थितियाँ आती हैं। व्यक्ति को प्रतिकूल परिस्थिति का डरकर नहीं बल्कि डटकर सामना करना चाहिए। जो व्यक्ति जीवन में आने वाले संघर्षों का सामना करता है वह अंत में सफल हो जाता है। संघर्षों के साथ लड़ते समय उसमें अदम्य शक्ति निर्माण हो जाती है नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। परिस्थितियाँ मनुष्य को जीवन अनुभवों से समृद्ध बनाती हैं। जिसके जीवन में संघर्ष नहीं; जो विघ्न-बाधाओं का सामना नहीं करता है, उस व्यक्ति का जीवन नीरस हो जाता है। जो व्यक्ति विघ्न-बाधाओं का सामना करता है वही अंत में अपनी मंजिल पाता है। ऐसा पुरुष ही जीवन का सच्चा कर्मवीर कहलाता है।

(आ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1) : आकलन त

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
i. कार्य कितना भी कठिन हो ………….
(अ) कर्मवीर उसे पूरा करने की ठान नहीं लेते हैं।
(आ) कर्मवीर उसे पूरा करने की ठान लेते हैं।
(इ) उसे पूरा करने की जिम्मेदारी दूसरों पर सौंपते हैं।
उत्तर:
(आ) कर्मवीर उसे पूरा करने की ठान लेते हैं।

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ii. कर्मवीर आसमान के फूलों को व्यर्थ बातों से नहीं तोड़ते अर्थात
(अ) वे अपनी प्रशंसा के लिए बड़ी-बड़ी बातें नहीं बनाते।
(आ) वे अपनी प्रशंसा के लिए बड़ी-बड़ी बातें बनाते हैं।
(इ) वे अपनी प्रशंसा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
उत्तर:
(अ) वे अपनी प्रशंसा के लिए बड़ी-बड़ी बातें नहीं बनाते।

कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।
i. सहायता : ………………
ii. दिवस : ……………….
उत्तर:
i. मदद
ii. दिन

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।
i. समय
उत्तरः
उपसर्गयुक्त शब्द : असमय
प्रत्यययुक्त शब्द : सामयिक

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाइए।
i. यत्न
ii. मन
उत्तर:
i. प्र + यत्न = प्रयत्न
ii. बे + मन = बेमन

प्रश्न 4.
पद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए।
उत्तर:
i. आज × कल

प्रश्न 5.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. संपदा
ii. वृथा
उत्तर:
i. संपत्ति
ii. व्यर्थ

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘समय का सदुपयोग करने से व्यक्ति जीवन में ऊँचा उठ सकता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
मानव जीवन में समय का सदुपयोग अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। जो व्यक्ति समय के साथ चलता है वह प्रगति की सीढ़ी हासिल कर लेता है। समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। समय पर कार्य करने वाले व्यक्ति के कारण समाज व राष्ट्र का भी भला होता है। विश्व के सभी महापुरुष समय की कीमत जानते थे।

इसलिए वे जीवन में महान बन सके। समय का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति समय का सही विभाजन कर अध्ययन, खेलकूद, समाज सेवा, मनोरंजन आदि जैसे अनेक कार्य सरलतापूर्वक कर सकता है। समय का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति समय के साथ कदम से कदम मिला कर चलता है और जीवन में अनेक सफलताओं को प्राप्त करता है।

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(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
i. कर्मवीरों का नया उत्साह देखने को मिलता है –
(अ) जब उन्हें उलझनें आकर घेर लेती हैं।
(आ) जब वे अपना काम पूरा कर लेते हैं।
(इ) जब वे कार्यस्थल से दूर चले जाते हैं।
उत्तरः
(अ) जब उन्हें उलझनें आकर घेर लेती हैं।

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. कर्मवीर
ii. कार्यस्थल
उत्तर:
i. असंभव को संभव कौन बनाते हैं?
ii. कर्मवीर किसके बारे में पूछते नहीं है?

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कृति इ (3) : शब्द संपदा.

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. बुद्धि
ii. देश
उत्तर:
i. बुद्धि + मान = बुद्धिमान
ii. देश + ई = देशी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।

  1. सपूत
  2. हस्त
  3. नव

उत्तरः

  1. सुपुत्र
  2. हाथ
  3. नया

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. उत्साह
ii. बुद्धि
उत्तर:
i. उमंग
ii. मति

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प्रश्न 4.
कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।
i. अच्छे पुत्र
उत्तर:
i. सपूत

प्रश्न 5.
पद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. असंभव × संभव
ii. यहाँ × वहाँ

प्रश्न 6.
‘सपूत’ इस शब्द में से उपसर्ग पहचानकर संबंधित उपसर्ग को लगाकर अन्य दो शब्द बनाइए।
उत्तरः
सपूत : उपसर्ग – स
अन्य शब्द : सकारण, सप्रमाण

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कृति ग (4) : अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कर्म ही पूजा है, कर्म ही श्रेष्ठ है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गीता में लिखा है कि कर्म ही पूजा है। कर्म से बढ़कर व्यक्ति का अन्य कोई धर्म नहीं है। इसलिए कर्म करना मनुष्य का पहला लक्ष्य होना चाहिए। कर्म करने से व्यक्ति को आनंद मिलता है। सच्चे मन से किया गया कर्म सफल होता है। मनुष्य के कर्म को ही संसार में याद किया जाता है। उसकी मृत्यु के उपरांत वह सिर्फ अपने कर्मों के कारण ही याद किया जाता है। इसलिए सभी को आलस्य त्यागकर कर्म में लीन हो जाना चाहिए। कर्म सफलता का आधार है। कर्म ही श्रेष्ठ है। कर्म करने से ही व्यक्ति के जीवन को सुख की अनुभूति प्राप्त होती है। सबकी भलाई के लिए कर्म करते हुए जीना ही जीवन का मूलमंत्र है।

कर्मवीर Summary in Hindi

जीवन-परिचय :

अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ जी का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले में हुआ था। ये हिंदी साहित्य के एक प्रमुख हस्ताक्षर थे तथा हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति भी रह चुके हैं। हिंदी साहित्य सम्मेलन समिति के द्वारा इन्हें विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। खड़ी बोली हिंदी साहित्य के विकास में इनका विशेष योगदान रहा है। वियोग तथा वात्सल्य वर्णन, लोक सेवा की भावना व प्रकृति चित्रण इनके काव्य की विशेषता है।
प्रमुख कृतियाँ : ‘वैदेही वनवास’, ‘प्रिय-प्रवास’ (महाकाव्य), ‘ठाठ’, ‘अधखिला फूल’ (उपन्यास), ‘रुक्मणी परिणय’, ‘विजय व्यायोग’ (नाटक) आदि।

पद्य-परिचय :

आधुनिक पद्य : सन 1900 से आधुनिक पद्य की शुरुआत हुई। महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के प्रभाव से ब्रज भाषा से हिंदी कविता हटकर खड़ी बोली हिंदी में लिखी जाने लगी। भारत का उज्ज्वल अतीत, देशभक्ति, सामाजिक सुधार, स्वभाषा प्रेम, मानवीय गुण आदि का खड़ी बोली हिंदी में प्रयोग होने लगा। मधुरता एवं सरलता ने हिंदी कविता में प्रवेश कर लिया।
प्रस्तावना : ‘कर्मवीर’ इस कविता के माध्यम से कवि ‘हरिऔध’ जी ने यह बताने का प्रयास किया है कि कर्मवीरों के लिए कर्म ही पूजा होती है, वे कर्म करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, वे असंभव को संभव बना देते हैं, तथा देश और समाज को उन्नति के मार्ग पर ले जाते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर

सारांश :

‘कर्मवीर’ यह एक आधुनिक पद्य है। इस कविता के माध्यम से कवि ने मानवीय गुणों का संचय करने की प्रेरणा दी है। कवि ने कर्मवीरों के पास जो महान गुण होते हैं उनका अनुसरण करने के लिए पाठकों को प्रेरित किया है। कवि कहते हैं, “मनुष्य को विघ्न-बाधाओं का डटकर मुकाबला करना चाहिए। काम के प्रति उकताहट नहीं करनी चाहिए। मनुष्य को स्वावलंबी होना चाहिए। उसे कभी भी किसी पर आश्रित नहीं होना चाहिए।

मनुष्य को समय का सदुपयोग करना चाहिए। कार्य कितना भी कठिन हो फिर भी उसे पूरा करने की ठान लेनी चाहिए। मनुष्य को मुसीबतों का सामना करते हुए असंभव कार्य को संभव कर दिखाना चाहिए। मनुष्य की कर्मनिष्ठा मनुष्य का विकास करेगी पर इसके साथ वह जिस समाज व राष्ट्र में रहता है उसका भी विकास होता है। अत: प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि वह कर्म को श्रेष्ठ मानकर देश और समाज को उन्नति के मार्ग पर ले जाए।

भावार्थ :

देखकर जो ………………………………. वीर दिखलाते नहीं।
कवि ‘हरिऔध’ जी कहते हैं कि कर्मवीर विघ्न बाधाओं को देखकर घबराते नहीं। वे कभी भाग्य के भरोसे नहीं बैठते हैं। इसलिए भाग्य द्वारा दुख मिलने पर उन्हें पछतावा नहीं होता। काम कितना भी कठिन हो फिर भी उन्हें काम के प्रति कोई उकताहट नहीं होती। उनके लिए कर्म ही पूजा होती है। भीड़ अथवा मुश्किलों को देखकर भी उन पर उसका कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ता है। वे सच्चे वीर होते हैं। वे किसी भी स्थिति में डरते नहीं हैं।

मानत जी की हैं ………………………….. जिसे सकते नहीं।
‘कवि ‘हरिऔध’ जी कहते हैं कि कर्मवीर सबकी बात सुनते हैं लेकिन, कार्य करते समय अपने मन की बात मानते हैं। वे स्वावलंबी होते हैं। वे कभी भी किसी पर आश्रित नहीं होते। वे स्वयं का काम स्वयं पूरा करते हैं। वे कभी भी किसी भी चीज के लिए दूसरों का मुँह नहीं ताकते। अर्थात किसी भी वस्तु के लिए वे दूसरों पर आश्रित नहीं होते हैं। इस दुनिया में भला ऐसा कौन-सा काम है जिसे वे पूरा नहीं कर सकते? अर्थात वे सारे काम करने में सक्षम होते हैं।

जो कभी अपने ………………………………..चुराते हैं नही।
कवि ‘हरिऔध’ जी कहते हैं कि कर्मवीरों के लिए समय बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए वे समय को कभी व्यर्थ नहीं गँवाते। जिस काम को जिस समय करना है उसे उसी समय करते हैं। उसे कल पर नहीं छोड़ते हैं। जहाँ काम करना हो वहाँ कोई बहानेबाजी और आनाकानी नहीं करते। आज का काम कल पर टालकर वे अपने दिनों को व्यर्थ नहीं गँवाते। समय का सदुपयोग करना यही उनका कर्तव्य होता है। कोशिश या मेहनत से वे कभी भी पीछे नहीं हटते ।

काम को आरंभ ……………………………………. नहीं जो जोड़ते।।
कवि ‘हरिऔध’ जी कहते हैं कि कर्मवीर कार्य को कभी भी बीच में छोड़ते नहीं हैं। कार्य कितना भी कठिन हो फिर भी वे उसे पूरा करने की ठान लेते हैं। काम को पूरा करते समय यदि कोई मुसीबत आ जाए तो भी पीछे नहीं हटते; वे काम से मुँह नहीं मोड़ते। कर्मवीर आसमान के फूलों को व्यर्थ बातों से नहीं तोड़ते अर्थात वे अपनी प्रशंसा के लिए बड़ी-बड़ी बातें नहीं बनाते। जिस कार्य को करना है बस उसी पर अपना : ध्यान केंद्रित करते हैं। वे मन से करोड़ों की संपदा नहीं जोडते।

कार्य थल ……………………………… उतना ही वहाँ।
कवि ‘हरिऔध’ जी कहते हैं कि कर्मवीर कार्यस्थल की तलाश में यहाँ-वहाँ खोजने के लिए भटकते नहीं। वे जहाँ होते हैं वहीं उनका कार्यस्थल होता है। कर्मवीर मुसीबतों का सामना करते हुए असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाते हैं। आने वाली उलझनों और मुसीबतों से वे डरते नहीं बल्कि उनका वे उतने ही उत्साह से सामना करते हैं। उलझनों को देखकर उनमें नया जोश और नई चेतना आ जाती है और वे अपना कार्य उत्साह से करते हैं।

सब तरह से ……………………………. सूपतों के पले।
कवि ‘हरिऔध’ जी के अनुसार, आज विश्व में कई ऐसे देश हैं; ‘जो समृद्ध व संपन्न हैं’ प्रगत एवं विकसित हैं। वहाँ पर विद्या, धन, बुद्धि व ऐश्वर्य का भंडार है। इसका कारण है कि वहाँ पर रहने वाले लोगों ने कर्म को ही अपना लक्ष्य मान लिया है। कर्मवीरों के पुरुषार्थ से ही देश संपन्न हुए हैं। कर्मवीरों के कारण ही सबका भला हुआ है। उनके कारण ही चारों ओर प्रगति की लहर छाई हुई है। ऐसे महान सपूतों के कारण ही सभी का जीवन खुशहाल बना है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 कर्मवीर

शब्दाथ :

  1. विघ्न – संकट
  2. बाधा – रुकावट
  3. भाग्य – नसीब
  4. चंचल – अस्थिर
  5. वृथा – अकारण, व्यर्थ
  6. गगन – आकाश
  7. मदद – सहायता
  8. दिन – दिवस
  9. उत्साह – उमंग
  10. संपदा – धन, दौलत
  11. बुद्धि – मति
  12. वैभव – ऐश्वर्य
  13. उकताना – ऊबना
  14. यत्न – प्रयत्न

मुहावरे :

  1. असंभव को संभव बनाना – कठिन काम को सरल बनाना।
  2. मुँह ताकना – दूसरों पर आश्रित होना।
  3. जी चुराना – आलस करना।
  4. बातें बनाना – बहाने बनाना।

Class 10 Hindi Lokvani Textbook Solutions

Uttam Lakshan Class 10 Marathi Chapter 4 Question Answer Maharashtra Board

Class 10th Marathi Kumarbharti Chapter 4 उत्तमलक्षण Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Marathi Chapter 4 Question Answer

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 4 उत्तमलक्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न. पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 2

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 4

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

प्रश्न 2.
चौकटी पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 6

प्रश्न 3.
पुढील गोष्टींबाबत संत रामदास कोणती दक्षता घ्यायला सांगतात. (मार्च ‘१९)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 7
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 8

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
शब्दजाल पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 9
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 10

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 11
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 12
(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 13
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 14

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

प्रश्न 2.
पुढील व्यक्तींशी कसे वागावे, असे संत रामदास म्हणतात :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 15
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 16

प्रश्न 3.
पुढील गोष्टींबाबत कोणती दक्षता घ्यावी, ते लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 17
उत्तर :
(i) तोंडाळासी भांडू नये.
(ii) संतसंग खंडू नये.
(iii) सत्यमार्ग सोडू नये.

प्रश्न 4.
असत्य विधान ओळखा :
(i) संतसंग सोडू नये.
(ii) अपकार घेऊ नये.
(iii) व्यापकपण सांडू नये.
(iv) खोटेपणाच्या पंथाला जाऊ नये.
उत्तर :
असत्य विधान – अपकार घेऊ नये.

प्रश्न 5.
अचूक विधान ओळखा : (मार्च ‘१९)
(i) पैज, होड लावावी.
(ii) सत्याची वाट धरावी.
(iii) पापद्रव्य सहज जोडावे.
(iv) नेहमी अभिमानाने वागावे.
उत्तर :
अचूक विधान – सत्याची वाट धरावी.

प्रश्न 6.
तुमच्यातील प्रत्येकी तीन गुण व तीन दोष शोधून लिहा.
उत्तर :
नमुना उत्तर :
गुण : (i) मी रोज व्यायाम करतो.
(ii) मी खोटे बोलत नाही.
(iii) मी आईला कामात मदत करतो.

दोष : (i) मला चटकन राग येतो.
(ii) मी ताटात अन्न टाकतो.
(iii) माझे अक्षर चांगले नाही.

कृती ३ : (काव्यसौंदर्य)

प्रश्न 1.
‘सभेमध्ये लाजों नये। बाष्कळपणे बोलों नये।’ या ओळीतील विचार स्पष्ट करा.
उत्तर :
‘उत्तमलक्षण’ या कवितेमध्ये संत रामदास यांनी आदर्श गुणसंपन्न व्यक्तीची लक्षणे समजावून सांगितली आहेत. त्यांपैकी एक लक्षण उपरोक्त चरणात सूचित केले आहे.

मनुष्य हा समाजप्रिय प्राणी आहे. माणसांमध्ये तो नित्य वावरत असतो. समूहामध्ये आदर्श व्यक्तीचे वर्तन कसे असावे, हे सांगताना संत रामदास म्हणतात – सभेमध्ये वावरताना, आपले मत मांडताना कधीही लाजू नये. स्पष्टपणे आपले म्हणणे मांडावे; परंतु त्याच वेळी बालिशपणे बोलून आपले हसे करून घेऊ नये. निरर्थक असे वक्तव्य करू नये. बाष्कळपणे बोलू नये. उत्तम पुरुषाचे एक मर्मग्राही लक्षण या ओवीतून मांडले आहे.

प्रश्न 2.
‘आळसें सुख मानूं नये,’ या ओळीचा तुम्हांला समजलेला अर्थ स्पष्ट करा.
उत्तर :
‘उत्तमलक्षण’ या ओव्यांमध्ये संत रामदास यांनी उत्तम व्यक्तीची लक्षणे विशद करताना आळस हा माणसाचा शत्रू आहे, असे ठासून प्रतिपादिले आहे.

‘आळस’ हा माणसाच्या अंगी असलेला दुर्गुण आहे. आळसामुळे कार्य करायला उत्साह राहत नाही व त्यामुळे बरीच कामे खोळंबून राहतात. ‘आळसे कार्यभाग नासतो!’ या समर्थ रामदासांच्या उक्तीमध्ये हेच तत्त्व सांगितले आहे. माणसाच्या मनाला जे षड्विकार जडतात, त्यात ‘आळस’ हा एक विकार आहे. दैनंदिन कामांमध्ये आळसाला स्थान देऊ नये. आळसामुळे प्रगती खुंटते, भविष्य अंधारते. आळसामुळे मनाला जडत्व प्राप्त होते व माणूस नाकर्ता होतो. आळशी माणसाला समाजात मान मिळत नाही. म्हणून आळसात सुख मानू नये, समाधान मानू नये, असे समर्थ रामदास सांगतात.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण Additional Important Questions and Answers

प्रश्न. पुढील कवितेसंबंधी त्याखाली दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कृती सोडवा :

प्रश्न 1.
कविता-उत्तमलक्षण.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 20
उत्तर : उत्तमलक्षण.
(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी : संत रामदास.
(२) कवितेचा रचनाप्रकार : ओवी.
(३) कवितेचा काव्यसंग्रह : श्रीदासबोध.
(४) कवितेचा विषय : उत्तम माणसाची लक्षणे.
(५) कवितेतून व्यक्त होणारा (स्थायी) भाव : आदर्श माणसे घडवण्याचा ध्यास.

(६) कवितेच्या कवींची लेखनवैशिष्ट्ये : प्रस्तुत कवितेची रचना ओवी या छंदात केलेली आहे. ओवी हा उच्चारणाला सुलभ असा अत्यंत लवचीक रचनाप्रकार आहे. त्यामुळे या कवितेतील भाषा ओवी या छंदाला साजेशी सुबोध व सर्वसामान्यांना सहज समजेल अशी आहे. साहजिक कवितेची आवाहन शक्ती वाढली आहे. चुकीचे वर्तन व चांगले वर्तन या दोन्ही बाबी समर्थांनी स्पष्ट शब्दांत कोणतीही संदिग्धता न ठेवता सांगितल्या आहेत. समर्थांच्या या रचनेत प्रासादिकता आढळते.

(७) कवितेची मध्यवर्ती कल्पना : प्रस्तुत कवितेत संत रामदासांनी उत्तम, गुणसंपन्न, आदर्श व्यक्तीची लक्षणे सांगितली आहेत. समाजात वावरताना कसे वागावे, काय करावे व काय टाळावे यांचे सुस्पष्ट शब्दांत निवेदन केले आहे. समाज नीतिमान व कर्तबगार व्हावा, ही तळमळ या पदयपाठातून स्पष्टपणे जाणवते.

(८) कवितेतून व्यक्त होणारा विचार : प्रस्तुत कवितेत संत रामदासांनी, व्यक्तीने समाजात कसे वागावे याचे मार्गदर्शन केले आहे. नेहमीच सावध मनाने वागावे. इतरांना सहकार्य करावे. कोणाशीही कपटाने वागू नये. तोंडाळ, वाचाळ माणसांना टाळावे. आळस झटकून टाकावा. पूर्ण विचार करून वागावे. उपकाराची परतफेड करावी. नेहमी उदारपणाने वागावे. मनाचा मोठेपणा बाळगावा. परावलंबी होऊ नये. नेहमी सत्याने वागावे. कुप्रसिद्धी टाळावी इत्यादी अनेक गुणांचे आचरण करण्यास या कवितेत संत रामदासांनी सांगितले आहे.

(९) कवितेतील आवडलेलो ओळ :
अपकीर्ति ते सांडावी। सत्कीर्ति वाडवावी।।
विवेके दृढ धरावी । वाट सत्याची ।।

(१०) कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे : मला ही कविता खूप आवडली. एकतर हे विचार पटकन पटण्यासारखे आहेत. ही कविता उच्चारताना, वाचताना आनंद होतो. उच्च, उदात्त विचार मनात घोळवल्याने मनही आनंदित होते. सर्व गुण-अवगुण रामदासांनी अत्यंत स्पष्टपणे, परखडपणे सांगितले आहेत. कुठेही शब्दांचा बोजडपणा नाही. प्रत्येक शब्दागणीक अर्थ स्पष्ट होत जातो. मुख्य म्हणजे दैनंदिन जीवनात वागताना आवश्यक असलेल्या गुणांचे मार्गदर्शन घडत असल्याने कविता आपली, स्वतःची, स्वतःसाठी असलेली वाटत राहते.

(११) कवितेतून मिलणाग संदेश : प्रत्येक व्यक्तीने चांगले वागण्याचाच प्रयत्न केला पाहिजे. त्यासाठी वाईट गुण कोणते व चांगले गुण कोणते हे स्पष्टपणे समजून घ्यावे. प्रत्येकाने उत्तम माणूस बनण्याचा प्रयत्न करावा. यातूनच चांगला व समर्थ समाज निर्माण होतो.

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न २ (इ) साठी…

प्रश्न. पुढील ओळींचे रसग्रहण तुमच्या शब्दांत लिहा :

प्रश्न 1.
‘जनी आर्जव तोडूं नये । पापद्रव्य जोडूं नये ।
पुण्यमार्ग सोडूं नये । कदाकाळीं ।।’ (मार्च ‘१९)
उत्तर :
आशयसौंदर्य : ‘उत्तमलक्षण’ या श्रीदासबोधातील एका समासामध्ये समर्थ रामदासांनी गुणसंपन्न आदर्श व्यक्तिमत्त्वाची महत्त्वाची लक्षणे सांगितली आहेत. त्यांपैकी उपरोक्त ओवीमध्ये तीन लक्षणांचा ऊहापोह केला आहे.

काव्यसौंदर्य : समाजात वावरताना व्यक्तीने कोणते आचरण करावे हे सांगताना संत रामदास म्हणतात – लोकांचे मन मोडू नये. लोकांनी केलेली विनंती धुडकावू नये. उलट जनभावनांचा आदर . करावा. तसेच वाईट मार्गाने संपत्ती साठवू नये. अशी संपत्ती हे पापाचे धन असते. म्हणून सत्शील मार्गाने जीवन व्यतीत करावे. पुण्यमार्ग आचारावा. कधीही पुण्यमार्गाने जाण्याचे सोडू नये.

भाषिक वैशिष्ट्ये : वरील ओवीमध्ये जनांसाठी खूप सुगम निरूपण केले आहे. ‘तोडू नये, जोडू नये, सोडू नये’ अशा सोप्या यमकांद्वारे संदेशामध्ये आवाहकता आली आहे. ओवीछंदाला साजेशी सुबोध भाषा वापरल्यामुळे जनमानसावर तत्त्व ठसवणे सुलभ झाले आहे. पापद्रव्य व पुण्यमार्ग यांतील विरोधाभास ठळकपणे उठून दिसतो. ओवीमध्ये प्रासादिकता हा गुण आढळतो.

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प्रश्न 2.
‘अपकीर्ति ते सांडावी। सत्कीर्ति वाडवावी।
विवेकें दृढ धरावी। वाट सत्याची।।’ (मार्च ‘१९)
उत्तर :
आशयसौंदर्य : संत रामदासांनी ‘उत्तमलक्षण’ या कवितेत आदर्श गुणवान व्यक्तीची वैशिष्ट्ये सांगताना या ओळींमधून सद्वर्तन कशा प्रकारे करावे, याची शिकवण दिली आहे.

काव्यसौंदर्य : संत रामदास म्हणतात – लोक आपल्याला दूषणे देतील व निंदा करतील असे वर्तन कदापिही करू नये. ज्या वागण्याने आपली अपकीर्ती होईल, असे वागणे टाळावे. उलट आपल्या व्यक्तिमत्त्वाची कीर्ती पसरेल, अशी वागणूक करायला हवी. स्वतः चांगले वागून सत्कीर्ती वाढवायला हवी. त्यासाठी बुद्धीचा विवेक महत्त्वाचा ठरतो. सद्विचाराने, विवेकाने सत्याचा मार्ग ठामपणे आचरावा. विवेकबुद्धी ठोस असणे गरजेचे आहे.

भाषिक वैशिष्ट्ये : सन्मार्गाचे लक्षण सांगताना जनसामान्यांना समजतील असे तीन मुद्दे या ओळीत सहजपणे सांगितले आहेत. अपकीर्ती व सत्कीर्ती तसेच सांडावी व वाढवावी या विरोधी शब्दांमुळे ओवीची खुमारी वाढली आहे. दृढ धरणे हा वाक्प्रचार चपखलपणे उपयोगात आणला आहे. जनमानसावर तत्त्व ठसवण्याची समर्थांची हातोटी समर्थपणे व्यक्त झाली आहे.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

अ. व्याकरण घटकांवर आधारित कृती:

१. समास :

प्रश्न 1.
पुढील तक्ता पूर्ण करा : (ठळक अक्षरांत उत्तरे दिली आहेत.)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 21

२. अलंकार :
पुढील ओळी वाचून तक्ता पूर्ण करा :
प्रश्न 1.
‘ऊठ पुरुषोत्तमा । वाट पाही रमा ।
दावि मुखचंद्रमा । सकळिकांसी।।’

प्रश्न 2.
‘नयनकमल’ हे उघडित हलके जागी हो जानकी.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 22
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 23

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य)

३. वृत्त :
पुढील ओळींचे लगक्रम लिहा :

प्रश्न 1.
ऐकू न ये तुज पिकस्वर मंजुळे का?
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 24

प्रश्न 2.
मना सज्जना भक्तिपंथेचि जावे.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 4 उत्तमलक्षण (संतकाव्य) 25

उत्तमलक्षण Summary in Marathi

कवितेचा भावार्थ :
उत्तम पुरुषाची (आदर्श व्यक्तीची) लक्षणे सांगताना संत रामदास श्रोत्यांना म्हणतात – श्रोतेहो, तुम्हांला आता मी उत्तम, गुणवान व्यक्तीची लक्षणे सांगतो, ती सावध मनाने ऐकावीत. ही लक्षणे ऐकून तुम्ही सर्व गोष्टी जाणण्याची खूण अंगी बाणवावी. ।।१।।

पूर्ण माहिती असल्याशिवाय कुठल्याही रस्त्याने जाऊ नये. वाटेमधील अडथळे जाणून घेतल्याशिवाय प्रवास करू नये. फळाचे अंतरंग (गुण) ओळखल्याशिवाय ते खाऊ नये. रस्त्यात पडलेली वस्तू अचानक पटकन उचलू नये. ।।२।।

लोकांनी केलेली विनंती लक्षात घ्यावी. तिला अमान्य करू नये. पाप किंवा कपट करून मिळवलेल्या संपत्तीचा साठा करू नये. कपट करून पैसा मिळवू नये. पुण्याचा मार्ग म्हणजे सच्छील मार्ग, सद्वर्तन कधीही सोडू नये. ।।३।।

जी तोंडाळ, भांडकुदळ व्यक्ती असेल, त्या व्यक्तीशी कधीही भांडू नये. व्यर्थ बडबड करणाऱ्या वाचाळ माणसाशी तंटा करू नये. सज्जनाची संगत कधी मध्येच सोडू नये, (हे कायम मनात ठेवा.) मनापासून झालेली संतांची मैत्री सोडू नये. ।।४।।

काम न करता ऐदीपणे, आळस करून आनंद घेऊ नये. आळसात सुख नसते. कुणाबद्दल उखाळ्यापाखाळ्या करून चहाडी करू नये. दुसऱ्याबद्दल खोटेनाटे बोलणे मनातही आणू नये. संपूर्ण शोध घेतल्याशिवाय कोणतेही काम करू नये. (काम अर्धवट सोडू नये.) ।।५।।

सभेमध्ये, समूहाच्या बैठकीमध्ये लाजू नये, मुखदुर्बळ राहू नये. मोकळ्या मनाने बोलावे परंतु बालिशपणे बोलू नये. बाष्कळ बडबड करू नये, कोणत्याही प्रकारची पैज, शर्यत लावू नये. कुणाशीही स्पर्धा करू नये. ।।६।।

कोणाचे उपकार सहसा घेऊ नयेत आणि घेतलेच तर त्यांची लगेच परतफेड करावी, उपकारातून लवकर उतराई व्हावे. दुसऱ्यांना दुःख देऊ नये, त्यांना व्यथित करू नये. कुणाचा विश्वासघात किंवा बेइमानी मुळीच करू नये. ।।७।।

स्वत:च्या मनाचा मोठेपणा कधी सोडून देऊ नये. मन कोते करू नये, ते व्यापक ठेवावे. परावलंबी होऊ नये. कुणावरी आपल्या आयुष्याचे ओझे लादू नये. ।।८।।

सत्याचा मार्ग कधी सोडू नये. खरेपणाने वागावे, असत्याच्या, खोटेपणाच्या मार्गाने जाऊ नये. खोटारडेपणा करून वागू नये. खोटेपणाचा कधीही वृथा अभिमान, व्यर्थ गर्व करू नये. ।।९।।

अपकीर्तीला बळी पडू नये. कुप्रसिद्धी टाळावी. चांगली कीर्ती वाढवावी. चांगल्या प्रकारे प्रसिद्ध पावावे. सारासार विचाराने, विवेकाने वर्तन करून सत्यमार्ग पत्करावा. ।।१०।।

उत्तमलक्षण शब्दार्थ

  • उत्तम – आदर्श, गुणसंपन्न,
  • लक्षण – गुणवैशिष्ट्य.
  • श्रोतीं – ऐकणाऱ्या लोकांनो.
  • सावधान – सावध होणे, सजग होणे.
  • उत्तम – उत्कृष्ट, जेणें – ज्याने.
  • बाणे – बाणणे, अंगिकारणे, सवय लागणे,
  • सर्वज्ञ – सारे जाणणारा.
  • पुसल्याविण – विचारल्याशिवाय,
  • येकायेकी – एकदम, पटकन.
  • जनीं – लोकांचे. आर्जव – विनंती.
  • पापद्रव्य – पापाने (कपटाने) मिळवलेली संपत्ती.
  • जोडू नये – साठवू नये.
  • पुण्यमार्ग – चांगला रस्ता, सद्वर्तन,
  • कदाकाळी – कोणत्याही वेळी.
  • तोंडाळ – वाटेल ते बोलणारा, भांडकुदळ.
  • वाचाळ – व्यर्थ बडबड करणारा.
  • तंडो नये – तंटा (भांडण) करू नये.
  • संतसंग – सज्जन माणसाची संगत.
  • खंडू नये – तोडू नये.
  • अंतर्यामी – मनातून, हृदयातून.
  • आळस – काम न करणे.
  • चाहाडी – एखादयाबद्दल वाईट सांगणे, आगलावेपणा.
  • कार्य – काम,
  • सभा – समूहाची बैठक.
  • बाष्कळपणा – बालिशपणा.
  • पैज – स्पर्धा, शर्यत.
  • होड – पैज,
  • परपीडा – दुसऱ्याला छळणे, दुःख देणे.
  • विश्वासघात – बेइमानी.
  • व्यापकपण – (मनाचा) मोठेपणा.
  • पराधेन – परावलंबी, दुसऱ्यावर विसंबणे.
  • वोझें – (स्वत:चा) भार,
  • कोणीयेकासी – कोणावरही.
  • सत्यमार्ग – खऱ्याचा मार्ग, सद्वर्तन.
  • असत्य – खोटेपणा.
  • पंथे – मार्गाने, वाटेने.
  • कदा – कधीही.
  • अभिमान – व्यर्थ गवं.
  • अपकीर्ति – बेअब्रू, वाईट प्रसिद्धी,
  • सत्कीर्ति – चांगली प्रसिद्धी.
  • वाडवावी – वाढवावी.
  • विवेके – चांगल्या विचाराने.
  • दृढ – ठाम, मजबूत, ठोस.

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest 

Class 10 Hindi Chapter 3 Mukadma Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 3 Mukadma Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 3 मुकदमा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 3 मुकदमा Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 3 मुकदमा Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 2

2. उचित विकल्प चुनकर विधान पूर्ण कीजिए। 

प्रश्न 1.
हवा बदबूदार होने का कारण है कि …..
(अ) हवा बहती नहीं है।
(आ) हवा में कारखानों की गंदगी और गैस होती हैं।
(इ) हवा दूर-दूर से आती है।
उत्तर:
(आ) हवा में कारखानों की गंदगी और गैस होती हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

प्रश्न 2.
हवा पर आरोप लगाया गया था कि………..
(अ) हवा में शुद्धता नहीं होती।
(आ) हवा में नमी नहीं होती।
(इ) हवा में खुशबू नहीं होती।
उत्तर:
(इ) हवा में खुशबू नहीं होती।

3. कारण लिखिए :

प्रश्न 1.
पानी अशुद्ध होने के कारण –
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 4

4. ऐसे प्रश्न तैयार करें कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
1. जोहड़
2. साफ-सुथरे

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार करें कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
1. जोहड़
2. साफ-सुथरे
उत्तर:
1. पशुओं को तैरने के लिए कहाँ छोड़ दिया जाता है?
2. घर कैसे रखने चाहिए?

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5. वृत्त में दिए शब्दों के लिंग तथा वचन के अनुसार वर्गीकरण कीजिए।

प्रश्न 1.
वृत्त में दिए शब्दों के लिंग तथा वचन के अनुसार वर्गीकरण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 5 Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 6

उत्तर:

स्त्रीलिंगपुलिंगएकवचनबहुवचन
नदीकूड़ाबीमारीशिकायतें
फसलगाँवआँखगवाहें
सड़कवृक्षआदतसर्दियाँ
नालीपंखामुकदमाकारखाने

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6. शब्द-युग्म बनाइए।

कूड़ा – …………., इधर – …………., गाँव – ………….., घर – ………….., हवा – ………….., सीधा – ………….., साफ – ……………., झाड़ – …………

प्रश्न 1.
शब्द-युग्म बनाइए।
उत्तर:
कूड़ा – कचरा, इधर – उधर, गाँव – शहर, घर – द्वार, हवा – पानी, सीधा – सादा, साफ – सुथरा, झाड़-झंखाड़

अभिव्यक्ति :

‘बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय’ पर अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आज प्रदूषण के कारण विश्व में चारों ओर लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्रदूषण को रोकने के लिए हमें प्राकृतिक स्रोतों का संरक्षण करना चाहिए। हमें पटाखें जलाना, कूड़ा-कचरा यहाँ-वहाँ नहीं फेंकना चाहिए। मानव जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगानी चाहिए। हमें प्रकृति का अंधाधुंध दोहन नहीं करना चाहिए। सरकार को अवैध खनन पर रोक लगानी चाहिए। कारखानों की चिमनियों की ऊँचाई अधिक रखनी चाहिए।

अधिक धुआँ निर्माण करने वाले स्वचालित यंत्रों पर रोक लगानी चाहिए और इसके लिए सरकार द्वारा प्रतिबंधात्मक कानून बनाने चाहिए ताकि उल्लंघन करने वालों पर कड़ी-से-कड़ी कार्यवाही हो सके। कारखानों से निकले हुए रासायनिक पदार्थों को तालाब, नदी या सागर में नहीं डालना चाहिए। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए सभी को पेड़ लगाने चाहिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

भाषाबिंदु :

प्रश्न 1.
इन शब्दों से बने दो – दो मुहावरे तथा उनके अर्थ लिखकर स्वतंत्र वाक्य में प्रयोग कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 7

1. कान
उत्तर:
i. मुहावरा : कान भरना।
अर्थ : किसी के विरुद्ध किसी के मन में कोई बात बैठा देना।
वाक्य : रामू के किसी ने तो कान भर दिए, इसलिए वह इस प्रकार का बर्ताव कर रहा है।

ii. मुहावरा : कान का कच्चा होना।
अर्थ : सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना।
वाक्य : अजय कान का कच्चा है; वह किसी के भी बहकावे में आ जाता है।

2. नाक
उत्तर:
i. मुहावरा : नाक-भौं सिकोड़ना।
अर्थ : अप्रसन्नता प्रकट करना।
वाक्य : जरा-जरा सी बात पर नाक-भौं सिकोड़ना ठीक नहीं है। .

ii. मुहावरा : नाक में दम करना।
अर्थ : बहुत परेशान होना।
वाक्य : तुम दोनों की हरकतों ने मेरे नाक में दम कर दिया है।

3. सिर
उत्तर:
i. मुहावरा : अपने सिर लेना।
अर्थ : जिम्मेदारी अपने ऊपर लेना।
वाक्य : व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने का काम रामलाल ने अपने सिर ले लिया।

ii. मुहावरा : सिर चढ़ाना।
अर्थ : अनुपयुक्त व्यक्ति को अत्यधिक महत्त्व देकर अपने ऊपर मुसीबत मोल लेना।
वाक्य : मूर्ख व्यक्ति को सिर चढ़ाने का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
अपने ग्राम/नगर/महानगर के संबंधित अधिकारी को बच्चों के खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु पत्र लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 8
उत्तरः
10 जुलाई, 2018
प्रति,
मा. महानगर अधिकारी,
महानगरपालिका,
दादर (पूर्व),
मुंबई – 400 043. .
विषय : बच्चों के खेलने के लिए बगीचा बनवाने हेतु प्रार्थना पत्र।

मैं कुमार अजय मेहता दादर पूर्व विभाग का निवासी हूँ। मैं आपको यह प्रार्थना पत्र लिख रहा हूँ क्योंकि हमारे विभाग में बच्चों के खेलने के लिए बगीचा नहीं है।

हमारे विभाग में कुल मिलाकर दो सौ से अधिक बच्चे हैं। उनके खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। यहाँ हर इमारत के बीच में खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। यहाँ मैदान भी नहीं है, जिस कारण बच्चों को खेलने-कूदने के लिए बहुत दिक्कत हो रही है। छुट्टियों में उनका ठीक से मनोरंजन नहीं हो पाने के कारण घर में बैठकर या तो टी. वी. देखते हैं या कंप्यूटर गेम खेलते हैं जिससे उनका शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है।

आपसे नम्र निवेदन है कि आप हमारे विभाग में एक बगीचा का निर्माण करें ताकि विभाग में रहने वाले बच्चों के बाहर खेलने के लिए पर्याप्त जगह हो। मुझे आशा है कि आप मेरे प्रार्थना पत्र पर जरूर विचार करेंगे।

कष्ट के लिए क्षमाप्रार्थी।
भवदीय, अजय मेहता,
401, राम महल,
राधा नगर,
मुंबई – 400026
[email protected]

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 3 मुकदमा Additional Important Questions and Answers

(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 9

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 10

प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।
i. सूखे कपड़े पहने एक लड़का हाजिर होता है।
उत्तर:
भीगे कपड़े पहने एक लड़का हाजिर होता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

ii. राजा के अनुसार पानी अब निर्मल नहीं रहा है।
उत्तर:
लोगों के अनुसार पानी अब निर्मल नहीं रहा है।

प्रश्न 4.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 11

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. गह्वर
  2. निर्मल
  3. शिकायत
  4. गंदगी

उत्तर:

  1. गड्ढा
  2. साफ
  3. उलाहना
  4. मलिनता

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. वह स्थान जहाँ राजा अपने मंत्रियों के साथ बैठते हैं –
ii. किसी विवाद का अदालत में सुनवाई –
उत्तर:
i. दरबार
ii. मुकदमा

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. निर्मल × ………
  2. समय × ………
  3. हाजिर × ………

उत्तर:

  1. मलिन
  2. असमय
  3. गैरहाजिर

प्रश्न 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
टेपरिकॉर्डर

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
मुकादमा चलाने की परंपरागत और आधुनिक पद्धति में अंतर लिखिए।
उत्तर:
पहले के जमाने में राजा-महाराजा हुआ करते थे। वे न्याय प्रक्रिया में न्यायाधीश की भूमिका निभाते थे। यदि किसी को किसी से शिकायत होती थी तो वह व्यक्ति राजदरबार में जाकर शिकायत दर्ज करता था और फिर राजा के द्वारा मुकदमा चलाया जाता था। राजा का निर्णय अंतिम हुआ करता था। आज जमाना बदल गया है। राजा-महाराजाओं के दिन अब नहीं रहे हैं। लोग प्रजातंत्र में अपना जीवन बीता रहे हैं। आज न्याय व्यवस्था पर सरकार अथवा किसी अन्य संस्था का नियंत्रण नहीं है। वह मुक्त और स्वनियंत्रित है। पुलिस, कोर्ट-कचहरी आदि न्यायप्रणाली की व्यवस्था है।

यदि कोई व्यक्ति गलत काम करता है तो वह कानून की नजर में दोषी बन जाता है। उस पर मुकदमा चलाया जाता है। यदि उसका दोष सिद्ध हुआ तो उसे सजा हो जाती है। आज हमारी न्याय व्यवस्था पूर्णत: निष्पक्ष व स्वतंत्र है। न्यायालय के निर्णय को अंतिम माना जाता है। इस प्रकार पहले के जमाने में मुकदमें चलाने की विधि और आज के जमाने में मुकदमा चलाने की प्रक्रिया में जमीन-आसमान का अंतर है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 12

प्रश्न 2.
गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. वे घर जरूर डूबेंगे ….
उत्तरः
जहाँ वर्षा का पानी बहना चाहिए; नदी बहनी चाहिए; वहाँ पर लोगों ने घर बना लिए हैं।

कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. पशु
  2. कारखाना
  3. पहाड़
  4. वर्षा

उत्तर:

  1. जानवर
  2. फैक्टरी
  3. पर्वत
  4. बारिश

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. छोटा प्राकृतिक तालाब –
उत्तर:
i. जोहड़

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए
i. गंदा × …………….
ii. ढलान × …………..
उत्तर:
i. साफ
ii. चढ़ाव

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त पर्यायवाची शब्द की जोड़ी को ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
वर्षा : बरसात

प्रश्न 5.
वचन बदलिए।

  1. नदी
  2. गली
  3. नाला

उत्तर:

  1. नदियाँ
  2. गलियाँ
  3. नाले

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छाँटकर लिखिए।
i. रखवाली
ii. जिम्मेदार
उत्तर:
i. प्रत्यय : वाली
ii. प्रत्यय : दार

प्रश्न 7.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
गलियों – नालियों

कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण को रोकने के लिए अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जल के बिना जीवन असंभव है। प्राकृतिक जल स्रोतों को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। हमें तालाब एवं नदी के पानी में पशुओं को नहलाना नहीं चाहिए। तालाब या नदी में हमें कपड़े या बर्तन नहीं धोने चाहिए। तालाब व नदी में कूड़ा-कचरा नहीं फेंकना चाहिए। कल-कारखानों का दूषित और जहरीला पानी नदी में डालने पर रोक लगानी चाहिए। लोगों में जल-प्रदूषण के खतरे के प्रति जागरुकता निर्माण करनी चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण बोर्ड को सख्त कानून बनाने चाहिए। इस प्रकार सभी को स्वेच्छा से इस अभियान के लिए आगे आना चाहिए।

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(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
i. सदियों
ii. वृक्ष
उत्तर:
i. गाँव कब से ऊँची जगह पर बसा हुआ है?
ii. लोगों ने पहाड़ से क्या साफ कर दिए हैं?

प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. पानी पहाड़ से लुढ़कता हुआ नीचे आता है क्योंकि..
(क) लोगों ने पहाड़ से वृक्ष साफ कर दिए हैं।
(ख) लोगों ने पहाड़ पर घर बनाए हैं।
(ग) लोगों ने पहाड़ को काट दिया है।
उत्तरः
(क) लोगों ने पहाड़ से वृक्ष साफ कर दिए हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।
i. बाढ़ के लिए पानी जिम्मेदार है। उत्तरः बाढ़ के लिए गाँववाले जिम्मेदार हैं।
ii. निर्मल एवं स्वच्छ रहना पानी के हाथ में है।
उत्तरः
पानी को निर्मल तथा स्वच्छ रखना लोगों के हाथ में है।

कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
धीरे-धीरे

प्रश्न 2.
गोश में से ऐसे दो शब्द ढूँड़कर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
उत्तर:
i. ढलान
ii. वृक्ष

प्रश्न 3.
‘निर्मल’ इस शब्द में निहित उपसर्ग को पहचानकर संबंधित उपसर्ग लगाकर अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर:
निर्मल : प्रत्यय : निर नए
शब्द : निराकार, निर्विकार

प्रश्न 4.
नीचे दिए तत्सम शब्द का तद्भव लिखिए।
i. ग्राम
उत्तर:
i. गाँव

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प्रश्न 5.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. सौ वर्षों का समय
उत्तर:
i. सदी

कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जल ही जीवन है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जल ही जीवन है। जल के बिना जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती है। धरती पर रहने वाले सभी जीवों को जिंदा रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यदि शरीर में पानी की मात्रा 10 प्रतिशत से कम हो जाए तो व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता। मनुष्य भोजन के बिना कई दिनों तक जीवित रह सकता है लेकिन पानी के बिना तीन दिन से अधिक नहीं जीवित रह सकता। हमें जरूरत से ज्यादा पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। संसार की बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। इसलिए हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए। यदि पानी नहीं होगा तो किसान खेत में अनाज नहीं उगा सकता है। पानी के बिना किसी भी वस्तु का निर्माण नहीं हो सकता। इसलिए जल ही जीवन है।

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(ई) गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 13

प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए।
i. भोपाल के कारखाने से निकली जहरीली गैस से –
ii. मरे हुए पशु-पक्षियों को यहाँ-वहाँ डालने से –
उत्तर:
i. कई लोग रात में सोए हुए ही मौत के मुँह में चले गए थे।
ii. हवा बदबूदार हो जाती है।

कृति ई (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
i. हवा ने महाराज से कहा महाराज मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं
उत्तरः
हवा ने महाराज से कहा, “महाराज, मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं।

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. महाराज
ii. लड़की
उत्तर:
i. महारानी.
ii. लड़का

प्रश्न 3.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:

  1. पशु-पक्षियों
  2. यहाँ-वहाँ
  3. दूर-दूर
  4. आज-कल

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के लिए श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. रात
ii. डाल
उत्तर:
i. रत
ii. दाल

प्रश्न 5.
‘जहरीली’ इस शब्द में से प्रत्यय अलग कीजिए और संबंधित प्रत्यय लगाकर अन्य दो शब्द बनाइए।
उत्तरः
जहरीली : शब्द : जहर प्रत्यय : ईली
अन्य शब्द : नशीली, चमकीली

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कृति ई (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हवा प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए उपाय’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन हानिकारक सामग्री के हवा में मिलने के कारण हवा प्रदूषित हो रही है। प्रदूषित हवा से लोग बीमार पड़ रहे हैं। हवा प्रदूषण से बचने के लिए हमें कूड़ा-कचरा यहाँ-वहाँ नहीं फेंकना चाहिए। कूड़ा-कचरा यहाँ-वहाँ फेंकने से गंदगी फैलती है जिससे हवा दूषित हो जाती है। कारखानों को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए ताकि उनमें से जहरीली गैस और धुआँ बाहर न निकले और हवा में न मिले। लोगों को अपने वाहनों की नियमित जाँच करानी चाहिए, ताकि उनमें से अधिक धुआँ बाहर निकलकर हवा में न फैले।

सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर रोक होनी चाहिए। हमें शहरीकरण की प्रक्रिया को रोकना चाहिए। गाँवों में ही रोजगार के साधनों को विकसित करना चाहिए, जिससे गाँव के लोग नौकरी करने के लिए शहर में पलायन न करें। इससे शहर और गाँव का असंतुलन धीरेधीरे कम हो जाएगा और हवा प्रदूषण भी रुकेगा। धुएँवाले ईधनों का प्रयोग बंद कर देना चाहिए और भारी मात्रा में पेड़ लगाने चाहिए। इस प्रकार हवा प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकती है।

(उ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 14

प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए।
i. हवा ने चलना बंद कर दिया।
उत्तरः
हवा द्वारा चलना बंद होने से सभी घुटन महसूस करने लगे।

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ii. हवा आँधी बनकर आती है।
उत्तरः
हवा के आँधी बनकर आने से लोगों के घर रेत और कूड़े से भर जाते हैं।

कृति उ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. मिट्टी
  2. निमंत्रण
  3. दुखी
  4. आँधी

उत्तर:

  1. मृदा
  2. आमंत्रण
  3. उदास
  4. अंधड़

प्रश्न 2.
नीचे दिए हुए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. धूलभरी जोर की हवा –
उत्तर:
i. आँधी

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प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. आँधी
ii. आँख
उत्तर:
i. आँधियाँ
ii. आँखें

कृति उ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘यदि हवा चलना बंद कर दे तो…..।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
नित चलते रहना हवा का काम है। यदि हवा चलना बंद कर दे तो बहुत बड़ी समस्या निर्माण हो जाएगी। हवा के बिना जीवन के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यदि हवा चलना बंद कर देगी तो लोगों को साँस लेने के लिए दिक्कत हो जाएगी। लोग घुटन भरे माहौल में अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं। पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों को भी जीवन जीने के लिए हवा की जरूरत होती है।

गर्मी ज्यादा बढ़ने के कारण फिर सर्वत्र एअरकंडिशन लगाना पड़ेगा। इससे तापमान में वृद्धि होगी। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ेगी, जिससे लोगों को साँस लेने की और भी दिक्कत हो जाएगी। यदि सचमुच हवा चलना बंद कर देगी तो धीरे-धीरे इस धरती से जीवन नष्ट हो जाएगा।

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(ऊ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऊ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो
i. पंखा
ii. पॉलिथिन की थैलियाँ
उत्तर:
i. हवा की गति बढ़ाने के लिए लोग क्या चलाते हैं?
ii. लोग सड़कों पर क्या फेंकते हैं?

प्रश्न 2.
गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. जब हवा तेजी से चलती है।
ii. लोगों द्वारा फेंका कूड़ा ……
उत्तर:
i. जब हवा तेजी से चलती है तब वह अपने साथ रेत, मिट्टी, कूड़ा आदि हल्की चीजें साथ लेकर उड़ती है।
ii. लोगों द्वारा फेंका कूड़ा फिर से उनके घरों में जाता है।

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा 15

कृति ऊ (2) : शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तरः
i. हवा-पानी
ii. आस-पास

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प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. दोस्त × ……………….
  2. लाभ × ……………….
  3. हल्की × …………….
  4. गरमी × …………..

उत्तरः

  1. दुश्मन
  2. नुकसान
  3. भारी
  4. सर्दी

प्रश्न 3.
पर्यायवाची शब्द लिखिए।
i. गरमी
ii. हवा
उत्तर:
i. ग्रीष्म
i. वायु

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प्रश्न 4.
गोश में से ऐसे दो शब्द ढूँडकर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
उत्तर:
हवा, पानी

मुकदमा Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : गोविंद शर्मा जी का जन्म सन 1९४६ में राजस्थान के संगरिया क्षेत्र में हुआ। शर्मा जी सुप्रसिद्ध बालसाहित्यकार है। बाल नाटक, बाल उपन्यास एवं बाल कविता के द्वारा आप बाल जगत के साहित्य में प्रसिद्ध है। इन्होंने व्यंग्य परक लेख, जीवनी, लघुकथाएँ आदि विधाओं में भी लेखन किया है।
प्रमुख कृतियाँ : ‘दीपू और मोती’, ‘डोबी और राजकुमार’ (बाल उपन्यास), ‘हमें हमारा घर दो’, ‘मेहनत का मंत्र’ (कहानी संग्रह), ‘नया बाल दिवस’ (नाटक संग्रह), ‘कुछ नहीं बदला’, ‘जहाज के नये पंक्षी’ (व्यंग्य संग्रह), ‘रामदीन का चिराग’ (लघुकहानी संग्रह) आदि।

गद्य-परिचय :

एकांकी : प्रस्तावना एक अंक वाले नाटक को ‘एकांकी’ कहते हैं। अंग्रेजी में इसे ‘वन ऐक्ट प्ले’ कहते हैं। एकांकी स्वतंत्र एवं सचेष्ट भाव से लिखी जाती है। एकांकी का आकार लघु होता है। अत: इसमें एक ही कथा होती है।
प्रस्तावना : ‘मुकदमा’ इस एकांकी में लेखक गोविंद शर्मा जी ने जल एवं वायु प्रदूषण के कारणों और दुष्परिणामों के प्रति लोगों को सचेत किया है। प्रदूषण रूपी संकट को रोकने के लिए मनुष्य को ही प्रयास करना होगा, यह संदेश लेखक ने हमें प्रस्तुत एकांकी के माध्यम से दिया है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

सारांश :

‘मुकदमा’ यह एक एकांकी है। एकांकी की शुरूआत महाराज के दरबार से होती है। दरबार में महाराज सिंहासन पर बैठे हैं। कुछ लोगों ने। दरबार में हवा व पानी के विरुद्ध शिकायत की है। अत: हवा व पानी को दरबार में बुलाया गया है और उन पर मुकदमा चलाया जा रहा है। लोगों ने पानी पर आरोप लगाया कि वह पहले जैसा निर्मल नहीं रहा है। वह अपने साथ गंदगी एवं बीमारियाँ बहाकर ले आता है। अपने ऊपर। लगे इस आरोप का खंडन करते हुए पानी ने कहा कि इसमें उसका कुछ भी कसूर नहीं है। लोग पहले के जैसे उसकी रखवाली नहीं करते।

हैं और वे अपने पशुओं को तालाब या नदी में छोड़ देते हैं। कारखानों का पानी एवं गंदी नाली का पानी भी उसमें आकर मिलता है। अत: वह इंसान के करतूतों के कारण ही अशुद्ध हो गया है। लोगों ने पानी पर यह भी आरोप लगाया कि वह अपनी मर्जी के अनुसार कहीं पर भी बरसता है और कहीं पर भी बहता हआ जाता है। इस कारण उनके घर पानी में डूब जाते हैं। इसपर पानी कहता है कि इसमें भी उसका कोई कसर नहीं है। लोगों ने पहाड पर स्थित पेड़ों की कटाई की है। अत: वह पहाडों से गति से बहता हआ नीचे आता है जिस कारण लोगों के घर पानी में बह जाते हैं।

अंत में मुकदमे का फैसला करते हुए महाराज लोगों को अपनी गलतियाँ सुधारने और पानी को निर्मल तथा उपयोगी रखने । का आदेश देते हैं। दूसरी शिकायत हवा के विरुद्ध है। आदमी शिकायत करता है कि अब हवा में पहले जैसी खुशबू नहीं है और वह आँधी। बनकर आती है जिस कारण लोगों के घर रेत व कूड़े से भर जाते हैं। वह बदबू फैलाती है।

हवा इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहती है कि कारखानों से निकलने वाली गैस व गंदगी के कारण वह बदबूदार हो गई है। अंत में महाराज कहते हैं कि इसमें हवा का कोई भी कसूर नहीं है। महाराज द्वारा लोगों को नसीहत दी जाती है कि वे सफाई की आदत को अपनाएँ। हवा व पानी को अपना दोस्त मानकर उन्हें दूषित होने से बचाएँ। यदि ऐसा होगा; तो ही लोगों का भला होगा।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 मुकदमा

शब्दार्थ :

  1. गह्वर – गड्ढा
  2. शिकायत – उलाहना
  3. पशु – जानवर
  4. निमंत्रण – आमंत्रण
  5. दूषित – गंद
  6. माहौल – वातावरण
  7. गवाह – प्रमाण
  8. बदबू – दुर्गन्ध
  9. दंड – सज़ा
  10. निर्मल – साफ
  11. कूड़ा – कचरा
  12. उपाय – हल
  13. तबाह – नष्ट

मुहावरे :

आँख मूंदकर चलना – बिना सोचे-विचारे चलना।
मौत के मुंह में चले जाना – जान-बूझकर खतरा मोल लेना।

कहावत :

जैसी करनी, वैसी भरनी – कर्म के अनुसार ही फल का मिलना।

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सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

(१) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

(२) उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 3
उत्तर:
i – ग
ii – ख
iii – ङ
iv – क

(३) शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :

१. कस्तूरी की खोज करने वाला
उत्तर:
मृग

२. किनारे पर बैठा रहने वाला।
उत्तर:
बसेरा

३. तीन नोकों वाला अस्त्र
उत्तर:
त्रिशूल

४. जो बलहीन है
उत्तर:
शक्तिहीन

(४) दोहों में आए सुवचन
उत्तर:
(i) दुर्बल की रक्षा करना सबल का कर्तव्य है।
(ii) जिस पर ईश्वर की कृपा हो, उसका कोई कुछ भी बुरा नहीं कर सकता।

(५) निम्नलिखित अर्थ के शब्द दोहों से ढूँढ़कर लिखिए:

१. पुत्र ……..
२. इत्र विक्रेता ……….
३. परमात्मा ……….
४. खुद ……….
उत्तर:
१. लाल
२. सुगंधि बेचने वाला
३. पीव
४. दुनिया

(६) दोहों में प्रयुक्त निम्न शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 2
उत्तरः
१. हिरण, एक नक्षत्र का नाम
२. कलश या घड़ा, एक राशि का नाम
३. परिक्षा फल, नतिजा
४. बच्चा, केश

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

(७) अपनी पसंद के किसी एक दोहे के भावार्थ से प्राप्त प्रेरणा लिखिए।
उत्तरः
दोहा : जिन ढूँढ़ा ……………. किनारे बैठ ।।
प्रेरणा: प्रस्तुत दोहे से हमें साहस जैसे महान गुण का संचय करने की प्रेरणा मिलती है। साहस में बड़ी शक्ति होती है। उसके बल पर हम पानी की गहराई तक जाकर अनमोल रत्न पा सकते हैं। साहस व्यक्ति का महत्त्वपूर्ण गुण हैं।

उपयोजित लखन

शब्दों के आधार पर कहानी लिखिए:
शैली. जल, तस्वीर, अंगूठी
उत्तरः
मेल-मिलाप

रामपुर नामक गाँव में घनश्याम नाम का एक जौहरी रहता था। वह अपने दाहिने हाथ की एक ऊँगली में सोने की एक अंगूठी पहनता था। उसे उस अंगूठी से बेहद लगाव था। अत: कभी-भी वह उसे अपनी ऊँगली से अलग नहीं करता था। वह अपने परिवार से अलग रहता था। उनके लिए अलग घर की व्यवस्था थी। वह उन्हें मिलने कभी नहीं जाता था। एक दिन जौहरी को मिलने के लिए पड़ोस के गाँव से एक व्यक्ति आया। उसके पास एक थैली थी। उस थैली में एक घोड़े की तस्वीर थी । उस तस्वीर को बाहर निकालकर उसने जौहरी से कहा, “मालिक, यह बहुत ही अद्भुत तस्वीर है।

यह मुझे साधु महाराज ने दी है। मैं इसे बेचना चाहता हूँ। जो कोई इस तस्वीर को खरीद लेगा उसका पूरा जीवन बड़े आराम से कटेगा और उसे किसी भी प्रकार की विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उस व्यक्ति की बातें सुनकर जौहरी ने जिज्ञासा से पूछा, “तो फिर इसका मूल्य कितना है?” उस व्यक्ति ने बताया सिर्फ पाँच जल की बूंदे और वह भी वे बूंदें एक दूसरी से अलग होनी चाहिए यानी एक साथ मिलनी नहीं चाहिए।

यह सुनकर जौहरी हैरान रह गया। थोड़ी देर तक सोचने के बाद उसने तुरंत अपने नौकर के जरिए एक गिलास में पानी मैंगवाया। उसने एक प्लेट में पानी की बूंद गिराने की कोशिश की, पर उसके प्रयत्न निष्फल रहे क्योंकि पानी की बूंदें एक-दूसर से मिलने लगी। कई बार कोशिश करने के बाद जौहरी थक गया। वह व्यक्ति मन ही मन हँस रहा था। हैरान होकर जौहरी ने उसकी ओर देखा।

तब तपाक से उस व्यक्ति ने कहा, “एक-दूसरे के साथ मिलना तो बूंदों का स्वभाव है। फिर इंसान होकर तुम क्यों अपने परिवार वालों से अलग रहते हो?” उस आदमी की बातें सुनकर जौहरी की आँखें खुल गई और वह तुरंत अपने परिवार वालों के पास चला गया। सीख : हमें जीवन में मेल-मिलाप से रहना चाहिए।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 10
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 5

समझकर लिखिए।

Question 1.
बड़ा व्यक्ति वही कहलाता है
Answer:
जिसके बड़े होने से दूसरों का भला होता है।

Question 2.
संसार में उन्हीं गुरु शिष्य को लोग याद करते हैं
Answer:
जो शिष्य अपने गुरु पर सर्वस्व अर्पण करने के लिए तैयार रहता है और जो गुरु अपने शिष्य से कुछ भी नहीं लेता है।

कृति अ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. राहगीर
  2. छाया
  3. संगत
  4. इत्र विक्रेता

Answer:

  1. राहगीर – पंथी
  2. छाया – छाँव
  3. संगत – संगति
  4. इत्र विक्रेता – गंधी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

विलोम शब्द लिखिए।

  1. बड़ा x …….
  2. छाया x ……
  3. साधु x …….

Answer:

  1. बड़ा x छोटा
  2. छाया x धूप
  3. साधु x असाधु

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. छाया
  2. गुरु

Answer:

  1. परछाई, बाधा
  2. अध्यापक, बड़ा

निम्नलिखित शब्द का लिंग बदलिए।

  1. साधु
  2. शिष्य

Answer:

  1. साध्वी
  2. शिष्या

Question 1.
निम्नलिखित पद्यांश में से तत्सम शब्द पहचानकर लिखिए।
Answer:
साधु
गुरु

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
गुरु से शिक्षा प्राप्त करने वाला
Answer:
शिष्य

कृति अ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘छात्र जीवन में सत्संगति का असाधारण महत्त्व होता है।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
सत्संगति का अर्थ है – अच्छी संगति। अच्छे मनुष्यों के साथ रहने से हम सद्गति की ओर अग्रसर होते हैं। सत्संगति के संसर्ग से मनुष्य सदाचरण का पालन करता है। विद्यार्थियों को हमेशा अच्छे संस्कार वाले छात्रों की संगति में रहना चाहिए। सत्संगति हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है। सत्संगति में रहकर हम चरित्रवान बन सकते हैं। हमें जीवन में किसी से दोस्ती करते समय यह नहीं सोचना चाहिए कि वह गरीब है या अमीर । हमें दूसरे व्यक्ति के संस्कार एवं उसकी अच्छाइयों को ध्यान में रखते हुए उससे दोस्ती करनी चाहिए। सत्संगति में रहने से हम जीवन में कभी
भी गलत रास्ते पर नहीं जा सकते हैं।

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति आ (१): आकलन कृति

Question 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कमजोर व्यक्ति को सताने से –
(अ) उन्हें बुरा लगता है।
(आ) उनकी हाय लगती है।
(इ) उनकी पीड़ा और बढ़ जाती है।
Answer:
कमजोर व्यक्ति को सताने से उनकी हाय लगती है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

समझकर लिखिए।

Question 1.
यह निर्जीव है
Answer:
लुहार की धौंकनी।

Question 2.
धौंकनी से यह निकलती है
Answer:
हवा रूपी श्वास

Question 3.
पद्यांश में प्रयुक्त एक धातु का नाम
Answer:
लोहा

उचित जोड़ियाँ मिलाइए।।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 9
Answer:
i – ग
ii – घ
iii – क
iv – ख

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 11
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 6

उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।

Question 1.
बल
Answer:
उपसर्ग – दुर्बल, प्रत्यय – बलवान

Question 2.
जीव
Answer:
उपसर्ग – सजीव, प्रत्यय – जीवधारी

विलोम शब्द लिखिए।

  1. दुर्बल x ………..
  2. बाहर x ………

Answer:

  1. दुर्बल x सबल
  2. बाहर x अंदर

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

लिंग बदलिए।

  1. कुम्हार
  2. गुरु

Answer:

  1. कुम्हारिन
  2. गुरुआइन

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. साईं
  2. अंतर
  3. बैरी
  4. खोट

Answer:

  1. ईश्वर
  2. भीतर
  3. दुश्मन
  4. दोष

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जिसमें बल न हो
Answer:
दुर्बल

कृति आ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्त्व अनन्यसाधारण होता है। गुरु बिना गति नहीं अर्थात गुरु के बिना छात्र प्रगति नहीं कर सकता; वह ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। गुरु हमारे दुर्गुणों को हटाकर सद्गुणों का संवर्धन करता है। संतकवि कबीर जी ने कहा है कि गुरु के बिना व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिल सकता है। हमारे सभी धर्मग्रंथों में गुरु की महिमा का गुणगान किया गया है।

जिसे जीवन में गुरु का साथ मिलता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में भवसागर पार कर जाता है। जिस प्रकार सूर्य के निकलने से अंधकार का नाश हो जाता है; ठीक उसी प्रकार गुरु के मुख से निकले वचनों से मोहरूपी अंधकार का नाश हो जाता है। गुरु अज्ञान का निराकरण करता है और हमें सच्चाई का मार्ग दिखाता है।

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति इ (१): आकलन कृति

निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों

Question 1.
ईश्वर
Answer:
संत कबीर को किसकी महिमा सब जगह दिखाई देती है?

Question 2.
कस्तूरी
Answer:
हिरण की नाभि में क्या होती है?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 12
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 7

कृति इ (२):शब्द संपदा

Question 1.
पद्यांश में से देशज शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
नैन
पीव

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. मृग
  2. दुनिया
  3. घट
  4. नैन

Answer:

  1. हिरण
  2. संसार
  3. घड़ा
  4. नयन

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. मृग –
  2. कुंडल –

Answer:

  1. मृग – हिरण, एक नक्षत्र का नाम
  2. कुंडल – नाभि, कड़ा, बाली

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ दोहों से ढूंढकर लिखिए।

  1. परमात्मा
  2. संसार
  3. खुद
  4. पुत्र

Answer:

  1. पीव
  2. दुनिया
  3. मैं
  4. लाल

कृति इ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘ईश्वर सर्वव्यापक है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
ईश्वर ने ही इस सुंदर सृष्टि का निर्माण किया है। उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है। संपूर्ण सृष्टि में ईश्वर का अस्तित्व है। वह हमारे हृदय में विराजमान है। लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं होता। अत: हम उसे ढूँढ़ने के लिए चारों और भटकते रहते हैं। अलग-अलग तीर्थस्थलों पर जाकर उसे पाने का प्रयास करते हैं। कोई उसे मंदिर मैं ढूँढ़ता है तो कोई उसे मस्जिद में ढूँढ़ता है।

परंतु वह तो हर जगह है। उसे पाने के लिए हमें यहाँ-वहाँ भटकने की जरूरत नहीं है। ईश्वर को पाने के लिए मनुष्य को बाह्य-आडंबरों का त्याग करना चाहिए। कर्मकांड व बाहरी आडंबर के जरिए हमें उसकी प्राप्ति नहीं होती है। सच्चे भाव से ईश्वर को याद करने पर वह हमारे साथ होते हैं। इसके लिए हमें यहाँ-वहाँ जाने की जरूरत नहीं है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ई (१) आकलन कृति

पद्यांश के आधार पर समझकर निम्नलिखित वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
किनारे पर वही बैठा रहता है –
Answer:
जो डूबने से डरता है।

Question 2.
पानी की गहराई में उतरने से –
Answer:
व्यक्ति को अनमोल रत्न की प्राप्ति होती है।

निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
बौरा
Answer:
डूबने से कौन डरता है?

Question 2.
फूल
Answer:
जो हमारे जीवन में काँटा बोता है, उसके जीवन में हमें क्या बोना चाहिए?

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 13
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 8

कृति ई (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. फूल
  2. किनारा
  3. काँटा
  4. पानी

Answer:

  1. सुमन
  2. तट
  3. कंटक
  4. जल

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

विलोम शब्द लिखिए।

  1. फूल x ……….
  2. ढूँढना x ………

Answer:

  1. फूल x काँटा
  2. ढूँढना x पाना

वचन बदलिए।

  1. किनारा
  2. फूल

Answer:

  1. किनारा – किनारे
  2. फूल – फूल

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
तीन नोकों वाला अस्त्र
Answer:
त्रिशूल

कृति ई (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘साहस व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण होता है’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
साहस ही जीवन है। साहस ही हमें जीवन में सफलता के लक्ष्य तक पहुंचाता है। जिस व्यक्ति के पास साहस होता है वह व्यक्ति दूसरों से अलग होता है और वह अद्भुत कार्य कर दिखाता है। साहस के कारण जीवन में उत्साह का संचार होता है और व्यक्ति का जीवन जीने योग्य बनता है। साहस मनुष्य-जीवन को सोने जैसा चमकाता है और उसे उन्नति की ओर आगे बढ़ाता है।

जीवन की उन्नति, प्रगति और उच्चतम विकास के लिए साहस बहुत ही आवश्यक है। साहस के बल पर ही कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जा सकीं। साहस के बल पर ही कोलंबस ने अमेरीका की खोज की। साहस के बल पर ही सिकंदर ने पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व स्थापित किया था। इसी साहस के बल पर हम भारतीयों ने अंग्रेजों का सामना करके उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर किया था। इसलिए साहस सबसे बड़ा गुण है।

जिन ढूँढ़ा Summary in Hindi

जिन ढूँढ़ा कवि – परिचय

जीवन-परिचय : संत कबीरदास जी का जन्म सन १३९८ उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ। ये भक्तिकालीन निर्गुण काव्यधारा के संतकवि थे। इनकी भाषा सधुक्कड़ी है। हिंदी भाषा की बोलियों का उल्लेख और प्रयोग इनकी रचनाओं में झलकता है। इनकी रचनाओं में धार्मिक आडंबर और सामाजिक रूढ़ियों के प्रति विद्रोह दिखाई देता है। ये समाज में जागरण युग के अग्रदूत के रूप में जाने जाते हैं।

प्रमुख कृतियाँ : ‘साखी’, ‘सबद’, ‘रमैनी’, इन तीनों का संग्रह ‘बीजक’ नामक ग्रंथ में किया गया है।

जिन ढूँढ़ा पद्य-परिचय

दोहे : दोहा एक अर्धसममात्रिक छंद है। इसमें प्रथम और तृतीय चरण में १३-१३ तथा द्वितीय और चतुर्थ चरण में ११-११ मात्राएँ होती हैं। चरण के अंत में लघु होता है।

प्रस्तावना : ‘जिन ढूँढा’ इस दोहे में संतकवि जी ने बड़प्पन का लाभ, गुरु और शिष्य की मनोवृत्ति, संगति का फल, अच्छा व्यवहार, परोपकार, साहस, सहानुभूति, जीव व आत्मा-परमात्मा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं। संत कबीर के इन नीतिपरक दोहों से जीवन जीने की कला और जीवन को समृद्ध करने की सीख मिलती है।

जिन ढूँढ़ा सारांश:

संतकवि कबीर जी ने अपने नीतिपरक दोहों के माध्यम से मनुष्य को जीवन समृद्ध करने की सीख दी है। कबीर कहते हैं कि व्यक्ति को सिर्फ बड़ा नहीं होना चाहिए। उसके बड़े होने से दूसरों को लाभ पहुंचाने की क्षमता व्यक्ति के पास होनी चाहिए। गुरु-शिष्य का आपसी रिश्ता पवित्र होना चाहिए। शिष्य के पास गुरु पर सर्वस्व अर्पण करने की भावना होनी चाहिए। गुरु के पास भी शिष्य से कुछ भी न लेने की मनोवृत्ति होनी चाहिए।

मनुष्य को सज्जनों की संगति में रहना चाहिए। सज्जनों की संगति से व्यक्ति को अपने चरित्र में सुधार कर लेना चाहिए। दुर्बल या कमजोर व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए। उनकी हाय कभी नहीं लेनी चाहिए। बलवान व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह दुर्बल व्यक्ति की सुरक्षा करें। एक गुरु ही शिष्य के जीवन को आकार देने का कार्य करता है। वही उसका भाग्यविधाता होता है। जिस पर सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा होती है, उसे कोई भी नहीं मार सकता है। हमें ईश्वर को अपने नयनों में बंद करके रखना चाहिए; ताकि हम उसे सदैव देख सकें। ईश्वर की अद्भुत महिमा हर जगह दिखाई देती है।

अत: व्यक्ति को ईश्वर के साथ एकाकार होना चाहिए। साहस के द्वारा व्यक्ति बड़े से बड़ा कार्य कर सकता है । हमें जीवन में दूसरों का हित ही करना चाहिए। संत कबीर के इन नीतिपरक दोहों को अपने जीवन में उतारने और उसका पालन करने से हम जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।

जिन ढूँढ़ा शब्दार्थ

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 1
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 2
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 3

जिन ढूँढ़ा भावार्थ

बड़ा हुआ तो …………………………. लागें अति दूर।।

कबीरदास जी कहते हैं कि केवल शरीर से बड़ा होना पर्याप्त नहीं होता है। अपने बड़प्पन से दूसरों को लाभ पहुँचाने की क्षमता व्यक्ति के पास होनी चाहिए। खजूर का पेड़ बहुत ऊँचा होता है परंतु राह से आने-जाने वाले राहियों को उसके छाया का लाभ नहीं मिलता है और फल अधिक दूर लगने के कारण राहगीर उसके फलों का आस्वाद भी नहीं ले सकते हैं। यदि व्यक्ति के बड़े होने से दूसरे लोगों का भला हो सकता है, तो ही व्यक्ति सचमुच का बड़ा होता है।

सिष को ऐसा …………………………….. कुछ नहीं लेय।।

कबीरदास जी कहते हैं कि शिष्य का ऐसा स्वभाव होना चाहिए कि वह गुरु पर अपना सर्वस्व अर्पण कर दे। जैसा शिष्य हो वैसे गुरु को | भी होना चाहिए। गुरु भी ऐसे स्वभाव वाला होना चाहिए कि वह शिष्य से कुछ भी न लेने की इच्छा रखता हो।

कबिरा संगत …………………………….. बास सुबास।।

कबीरदास जी कहते हैं कि सज्जन व्यक्ति की संगति इन बेचने वाले की सुगंध की तरह महकती है। इन बेचने वाला व्यक्ति हमें कुछ दे । । या न दे, फिर भी उसके पास रहने से सुगंध मिलती ही है।

दुर्बल को न सताइए …………………………….. भसम हवै जाय।

कबीरदास जी कहते हैं कि दुर्बल या कमजोर व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए। उनकी हाय या उनके मुख से निकली बटुआ बड़ी प्रभावशाली व असरदार होती है। जिस प्रकार लुहार के पास जो धौंकनी होती है, वह निर्जीव होती है; पर जब उससे हवा निकलती है तब उस हवारूपी श्वास से लोहा भी भस्म हो जाता है।

गुरु कुम्हार सिष …………………………….. बाहर बाहै चोट।।

कबीरदास जी ने यहाँ गुरु को कुम्हार की संज्ञा दी है और शिष्य को कच्चे घड़े की। जिस प्रकार कुम्हार घड़े को सुंदर बनाने के लिए । भीतर से एक हाथ से सहारा देता है और बाहर दूसरे हाथ से थपथपाकर उसे सही आकार देता है, ठीक उसी प्रकार गुरु भी शिष्य को अंतर (हृदय) से प्रेम भावना तथा बाहर से कठोर अनुशासन में रखकर योग्य बनाता है।

जाको राखै …………………………….. जग बैरी होय।।

कबीरदास जी कहते हैं कि जिस पर सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा होती है, उसे कोई भी नहीं मार सकता है। भले ही पूरी दुनिया उसका बैरी अर्थात दुश्मन हो जाए तो भी उसका बाल बाँका नहीं हो सकता।

नैनों अंतर आव …………………………….. तोहि देखन देवें।।

कबीरदास जी कहते हैं कि हे सर्वशक्तिमान ईश्वर ! तू मेरे नयनों में आकर बस जा और मैं तुझे अपने नयनों में बंद कर लूँ। ऐसा करके । न मैं किसी और को देखूगा और न तुझे किसी और को देखने दूंगा।

लाली मेरे लाल …………………………….. हो गई लाल।।

कबीरदास जी ने इस दोहे में ईश्वर को लाल कहा है और उसकी महिमा को लाली कहकर संबोधित किया है। वे कहते हैं, “मुझे मेरे । ईश्वर की अद्भुत महिमा हर जगह दिखाई देती है। जब मैं उस अद्भुत महिमा को देखने गया तब मैं भी उसमें विलीन हो गया।”

कस्तूरी कुंडल …………………………….. जानै नाहिं।।

कबीरदास जी कहते हैं कि ईश्वर सर्वव्यापक है। वह हमारे हृदय में भी स्थित है। जिस प्रकार कस्तूरी हिरण की नाभि में होती है, परंतु उसे इस बात का पता नहीं होता और वह उसकी सुगंध से मस्त होकर पूरे वन में उसे खोजता फिरता है। उसी प्रकार ईश्वर भी हमारे हृदय में ही वास करते हैं पर हमें इस बात का ज्ञान नहीं होता है और हम उसे ढूँढ़ने के लिए चारों ओर घूमते-भटकते रहते हैं।

जिन ढूँढा …………………………….. रहा किनारे बैठ।।

कबीरदास जी कहते हैं कि जीवन में साहस का होना अत्यावश्यक है। यदि व्यक्ति के पास अनमोल रल पाने की चाह है, तो उसे पानी । की गहराई में उतरना ही पड़ेगा। यदि उस बावले को डुबने का डर है तो वह किनारे ही बैठा रह जाएगा है। ऐसा व्यक्ति जीवन में कुछ भी नहीं कर पाएगा।

जो तोको …………………………….. बाको है तिरसूल।।

कबीरदास जी कहते हैं कि हमें जीवन में दूसरों का हित ही करना चाहिए। भले ही दूसरा व्यक्ति तुम्हारी राहों में काँटा बोए; फिर भी तुम्हें उसके लिए फूल ही बोने चाहिए। तुम्हारे बोए फूल से तुम्हारा आँगन तो महक उठेगा पर उस व्यक्ति को काँटों के बदले त्रिशूल का कष्ट । मिलेगा, जिससे उसका जीवन यातनाओं से भर जाएगा।

Class 10 Hindi Lokvani Textbook Solutions

VachanPrashansa Class 10 Sanskrit Chapter 7 Question Answer Maharashtra Board

Class 10th Sanskrit Anand Chapter 7 वाचनप्रशंसा Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Solutions Anand Chapter 7 वाचनप्रशंसा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Sanskrit Chapter 7 Question Answer

Sanskrit Anand Std 10 Digest Chapter 7 वाचनप्रशंसा Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
वाचनेन के गुणाः वर्धन्ते ?
उत्तरम् :
वाचनेन शीलं, सद्गुणसम्पत्तिः, ज्ञानं, विज्ञानं उत्साहः च एते गुणा: वर्धन्ते।

प्रश्न आ.
वाचनेन मनुजाः किं बोधन्ते ?
उत्तरम् :
वाचनेन मनुजा: बहून् विषयान् बोधन्ते।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

प्रश्न इ.
विद्यार्थिना कथं कालक्षेपः न कर्तव्यः ?
उत्तरम् :
विद्यार्थिना वृथाभ्रमणेन, कुक्रीडया, परपीडया, अपभाषणेन च कालक्षेपः न कर्तव्यः।

2. माध्यमभाषया उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
वाचनम् उपकारकं कथम् इति स्पष्टीकुरुत।
प्रश्न आ.
हितं सद्ग्रन्थवाचनम् इति कविः किमर्थं वदति?

3. समानार्थकशब्दान् लिखत ।
शीलम्, दक्षः, रताः, कालक्षेपः, वार्धक्यम्, पण्डितः

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्दान् लिखत ।
शीलम्, दक्षः, रताः, कालक्षेपः, वार्धक्यम्, पण्डितः
उत्तरम् :

  • शीलम् – चारित्र्यम्।
  • दक्षः – सतर्कः, जागरुकः, तत्परः।
  • रताः – तल्लीनाः, मग्नाः।
  • कालक्षेपः – कालापव्ययः।
  • वार्धक्यम् – वार्धकम, वृद्धावस्था, स्थाविरम्।
  • पण्डितः – विद्वान्, विदग्धः, प्राज्ञः।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

4. जालरेखाचित्रं पूरयत ।

प्रश्न अ.
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा 1
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा 4

प्रश्न आ.
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा 2
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा 5

प्रश्न इ.
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा 3
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा 6

5. विरुद्धार्थकशब्दान् लिखत ।
सद्गुणः, उत्साहः, प्राचीनाः, उपकारकम्

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थकशब्दान् लिखत ।
सद्गुणः, उत्साहः, प्राचीनाः, उपकारकम्
उत्तरम् :

  1. सद्गुणः × दुर्गुणः।
  2. उत्साहः × अनुत्साहः ।
  3. प्राचीनाः × अर्वाचीनाः ।
  4. उपकारकम् × अपकारकम्।

6. सन्धिविग्रहं कुरुत ।

प्रश्न अ.
वाचनेनैव
उत्तरम् :
वाचनेनैव – वाचनेन + एव।

प्रश्न आ.
अद्ययावद्धि
उत्तरम् :
अद्ययावद्धि – अद्ययावत् + हि।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

7. विशेषण-विशेष्याणां मेलनं कुरुत ।

प्रश्न 1.

विशेषणम्विशेष्यम्
उपकारकम्मनुजाः
प्राचीनाःविषयान्
दक्षाःवाचनम्
बहून्कविपण्डिताः

उत्तरम् :

विशेषणम्विशेष्यम्
उपकारकम्वाचनम्
प्राचीनाःकविपण्डिताः
दक्षाःमनुजाः
बहून्विषयान्

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

8. अमरकोषात् योग्यं समानार्थशब्दं योजयित्वा वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न अ.
मनुजाः वाचनेन बहून् विषयान् बोधन्ते ।
उत्तरम् :
मनुष्याः / मानुषा: / माः / मानवाः / नरा: वाचनेन बहून् विषयान् बोधन्ते।

वाचनप्रशंसा Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

क्षेपणास्त्रक्षेत्राच्या विकासकार्यातील योगदानामुळे सन्मानननीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम यांना ‘इंडियाज मिसाईलमॅन’ असे संबोधित करण्यात आले. तसेच तरुणवर्ग व लोकांना प्रगतीपथावर जाण्यासाठी नेहमी प्रोत्साहित करणाऱ्या या राष्ट्रपतींना ‘पिपल्स प्रेसिडण्ट’ (लोकांचे राष्ट्रपती) हा किताबही देण्यात आला होता.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम यांनी पुस्तकांना आजन्म सोबती मानले. त्यांनी म्हटले आहे, “चांगल्या पुस्तकाच्या संपर्कात येणे व त्याला बाळगणे ही चिरस्थायी संपन्नता आहे.” ते पुस्तकांचा आदर करायचे. म्हणूनच, त्यांची जन्मतिथी, 15 ऑक्टोबर हा ‘वाचनप्रेरणा दिवस’ म्हणून पाळला जातो. वाचनप्रशंसा हे पद्य, वैविध्यपूर्ण पुस्तकांच्या वाचनामुळे होणाऱ्या लाभावर प्रकाश टाकते.

Honourable Dr. A.P.J. Abdul Kalam was titled as ‘India’s missile man’ for his work in the development of missiles. Also, he was labelled as ‘People’s president’ as he often spoke and inspired youth for their development.

Dr. A.P.J. Abdul Kalam considered the book as a permanent companion. He said, “Coming into contact with a good book and possessing it is indeed an everlasting enrichment.” He used to respect books. So, his birth date 15 October is celebrated as ‘वाचनप्रेरणादिवस’ that means, a day to promote, reading. वाचनप्रशंसा throws light on the benefits of reading various books.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

श्लोकः 1

शीलं सद्गुणसम्पत्तिः ज्ञानं विज्ञानमेव च।
उत्साहो वर्धते येन वाचनं तद् हितावहम् ।।1।।

अनुवादः

ते वाचन हितावह आहे, ज्यामुळे मनुष्याचे चारित्र्य, सद्गुणरूपी संपत्ती, ज्ञान, विशेष आकलन व उत्साह (यांचे) संवर्धन होते.

That reading is beneficial which enhances a man’s character, treasure in a form of good virtues, knowledge, comprehension and enthusiasm (towards learning).

श्लोक: 2

मनुजा वाचनेनैव बोधन्ते विषयान् बहून्।
दक्षा भवन्ति कार्येषु वाचनेन बहुश्रुताः।।2।।

अनुवादः

केवळ वाचनाने लोकांना अनेक विषयांचे आकलन होते. (लोक) वाचनामुळे (त्यांच्या) कार्यात दक्ष व सुविद्य होतात.
People understand many subjects by mere reading. They become prompt/alert in work and well versed/knowledgeable by reading.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

श्लोक: 3

वाल्मीकिव्यासबाणाद्याः प्राचीनाः कविपण्डिताः।
तान् शिक्षयन्ति सततं ये सदा वाचने रताः।।3।।
अन्वय:- ये सदा वाचने रताः तान् वाल्मीकि-व्यास-बाणाद्याः प्राचीनाः कविपण्डिताः शिक्षयन्ति।

अनुवादः

जे नेहमी वाचनामध्ये मग्न असतात, त्यांना, वाल्मीकि, व्यास, बाण इ. कवी व विद्वान (त्यांच्या लिखाणातून) नेहमी शिकवितात. (या कवींचे साहित्य वाचल्यास वाचकांचा भ्रम दूर होऊन ते ज्ञानी बनतात.)

Ancient poets and scholars like वाल्मीकि, व्यास, बाण etc. teach those who are always engrossed in reading (The works of these poets enlighten readers and make them knowledgeable.)

श्लोकः 4

अद्ययावद्धि ज्ञानाय वृत्तपत्रं पठेत्सदा।
सर्वविधसुविद्यार्थ वाचनमुपकारकम्।।4।।

अनुवादः

मनुष्याने अद्ययावत ज्ञान (माहिती) मिळण्यासाठी नेहमी वर्तमानपत्र वाचावे. वाचन हे सर्व प्रकारचे ज्ञान मिळविण्यासाठी (अतिशय) उपयुक्त आहे.

Indeed, a man should always read a newspaper for updated knowledge, Reading is helpful (useful) for all sorts of learning

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

श्लोकः 5

वथाभ्रमणकुक्क्रीडापरपीडापभाषणैः।
कालक्षेपो न कर्तव्यो विद्यार्थी वाचनं श्रयेत्।।5।।

अनुवादः

विद्यार्थ्यांनी दिशाहीन भटकण्यात, अपायकारक क्रीडा खेळण्यात, इतरांना क्लेश (त्रास) देण्यात, (व) (इतरांना) बोल लावण्यात (दोष देण्यात) वेळ वाया घालवू नये. विद्यार्थ्याने वाचनाचा आश्रय घ्यावा. (वाचनात अधिकाधिक मग्न असावे) स्पष्टीकरण – वाचनाने माणसाचे चारित्र्य समृद्ध होते, याउलट, विद्यार्थी श्लोकात उद्धृत केलेल्या वायफळ कृतींमध्ये मग्न असल्यास, त्याचा वेळ तर वाया जातोच व त्याचे मनही कलुषित होते.

A student should not waste time in wandering aimlessly, playing harmful game, troubling/ bothering others (and) by abusive talk. (Infact) A student should resort to reading. Explanation – Reading helps in building up good character, however, if a student is involved in abovementioned futile activities, he wastes his time and corrupts his mind.

श्लोकः 6

वाचनं ज्ञानदं बाल्ये तारुण्ये शीलरक्षकम्।
वार्थक्ये दुःखहरणं हितं सद्ग्रन्थवाचनम्।।6।।
अन्वयः- वाचनं बाल्ये ज्ञानदं, तारुण्ये शीलरक्षकम्, वार्धक्ये दुःखहरणं (भवति) (अत:) सद्ग्रन्थवाचनं हितं (भवति)।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

अनुवादः

वाचन लहानपणात ज्ञान देणारे, तरुणपणी चारित्र्याचे संरक्षण करणारे, (व) म्हातारपणात दुःख दूर करणारे आहे. (म्हणून) चांगल्या पुस्तकांचे वाचन हितावह असते.

Reading gives knowledge in the childhood, (it) guards the character in the youth, (it) wards off sorrow in the old age. (Hence) Reading good books (is beneficial.

सन्धिविग्रहः

  1. विज्ञानमेव – विज्ञानम् + एव।
  2. उत्साहो वर्धते . उत्साहः + वर्धते।
  3. दक्षा भवन्ति – दक्षा: + भवन्ति ।
  4. पठेत्सदा – पठेत् + सदा।
  5. कालक्षेपो न – कालक्षेप: + न ।
  6. कर्तव्यो विद्यार्थी – कर्तव्यः + विद्यार्थी।
  7. वाचनमुपकारकम् – वाचनम् + उपकारकम्।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Anand Solutions Chapter 7 वाचनप्रशंसा

शब्दार्थाः

  1. उत्साहः – enthusiasm – उत्साह
  2. सम्पत्तिः – treasure/wealth – संपन्नता
  3. शीलम् – character – चारित्र्य
  4. विज्ञानम् – comprehension, wisdom – विशेष आकलन, शहाणपणा
  5. हितावहम् – beneficial – हितकारक
  6. वर्धते – increases – वाढते
  7. पण्डिताः – scholars – विद्वान
  8. प्राचीनाः – ancient – प्राचीन
  9. रताः – engrossed – मग्न
  10. शिकवितात – teach /educate – शिक्षयन्ति
  11. सर्वविध – of all sorts – सर्व प्रकारच्या
  12. वृत्तपत्रम् – newspaper – वर्तमानपत्र
  13. उपकारकम् – useful / helpful – उपयोगी / उपयुक्त
  14. अद्ययावत् – updated – अद्ययावत
  15. सुविद्यार्थम् – for good learning – ज्ञानासाठी
  16. वृथाभ्रमण – aimless wandering – दिशाहीन भटकणे
  17. अपभाषण – abusive talk – चुकीचे बोलणे
  18. कुक्रीडा – harmful game – अपायकारक खेळ
  19. परपीडा – troubling others – इतरांना त्रास देणे
  20. कालक्षेप:न – should not waste – वेळ वाया घालवू नये
  21. कर्तव्यः – time
  22. श्रयेत् – one should resort to – आश्रय घ्यावा (अवलंब करावा)
  23. ज्ञानदम् – gives knowledge – ज्ञान देणारे
  24. शीलरक्षकम् – guards the character – चारित्र्याचे संरक्षण करणारे
  25. बाल्ये – in the childhood – लहानपणी
  26. तारुण्ये – in the youth – तरुणपणात
  27. वार्धक्ये – in the old age – म्हातारपणी
  28. दुःखहरणं भवति – wards off sorrow – दुःख दूर करते
  29. दक्षाः – prompt / alert – दक्ष, सावध
  30. बोधन्ते – understand – आकलन होते
  31. बहुश्रुताः – well-versed/ knowledgeable – सुविद्य

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Class 10 Hindi Chapter 7 Do Laghu Kathayen Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 7 Do Laghu Kathayen Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 7 दो लघुकथाएँ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 7 दो लघुकथाएँ Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 7 दो लघुकथाएँ Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 2

2. घटनाक्रम के अनुसार वाक्य लिखिए। .

प्रश्न 1.
घटनाक्रम के अनुसार वाक्य लिखिए। .

  1. बचपन में बाबू जी से की फरमाइशों का पुलिंदा था।
  2. आज शाम वह बचपन के अपने कमरे में घुसा।
  3. झटपट कागज की एक पर्ची बनाई।
  4. वह एक-एक इबारत पढ़ने लगा।

उत्तर:

  1. आज शाम वह बचपन के अपने कमरे में घुसा।
  2. बचपन में बाबू जी से की फरमाइशों का पुलिंदा था।
  3. वह एक-एक इबारत पढ़ने लगा।
  4. झटपट कागज की एक पर्ची बनाई।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

3. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 4

4. रिश्ते लिखिए। काका

प्रश्न 1.
रिश्ते लिखिए। काका

  1. अनिता – राघवेंद्र = …………………..
  2. अम्मा – अनिता = …………………..
  3. बच्चे – बाबूजी = …………………..
  4. बाबू जी – अनिता = …………………..

उत्तर:

  1. पली-पति
  2. सास व बहू
  3. पोते व दादा जी
  4. ससुर व बहू गद्यांश:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

5. पाठ में प्रयुक्त एकवचन और बहुवचन शब्दों की सूची बनाइए। 

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त एकवचन और बहुवचन शब्दों की सूची बनाइए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 5
उत्तर:

एकवचनबहुवचन
1. वर्ष1. लघुकथाएँ
2. कस्बा2. महीने
3. एलबम3. कोने
4. बॉक्स4. पर्चियाँ
5. जलेबी5. आँखों
6. पेंसिल6. परिजनों
7. शूज7. बुजुर्गों
8. वस्तु8. बच्चों
9. पर्ची9. फरमाइशों
10. जेब10. किताबें

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अभिव्यक्ति :

प्रश्न 1.
‘व्यवहार से संस्कार झलकते हैं।’ इस विधान को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हम संसार में जो कुछ करते हैं वह व्यवहार है। व्यवहार हमारे व्यक्तित्व को दर्शाता है। संस्कार सनातन होता है। व्यक्ति के हर रोज के व्यवहार में संस्कार के दर्शन होने चाहिए। जिस व्यक्ति के व्यवहार से संस्कार झलकते हैं, उसे सभी याद करते हैं। ऐसा व्यक्ति मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम जी का भी सभी के साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार था। उनके व्यवहार से सादगी एवं माधुर्य था। उनका जीवन व्यवहार एवं संस्कारों का ऐसा अद्वितीय मिश्रण था जिससे संपूर्ण दुनिया में वे प्रसिद्ध हुए। सभी के साथ प्रेम व शांति से पेश आना, दूसरों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहना व दूसरों के दुख व दर्द को समझना; यह सबसे अच्छा व्यवहार है और इसी व्यवहार से व्यक्ति के संस्कार झलकते हैं।

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उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर इस पर आधारित ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हों।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 6.1
उत्तरः

  1. कोढ़ियों की सेवा कौन करती थी?
  2. परदुखकातर व निर्मल हृदय वाले लोगों के नाम बताइए।
  3. गद्यांश में कौन-सी संस्था का उल्लेख हुआ है?
  4. लेखक के शब्दकोश में कौन-से शब्द नहीं है?

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 7

प्रश्न 2.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
i. पाँच
ii. मुंबई
उत्तर:
i. राघवेंद्र ने कितने कमरों का फ्लैट खरीदा है?
ii. राघवेंद्र का फ्लैट कौन से शहर में है?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 3.
निम्नलिखित असत्य विधान को सत्य करके लिखिए।)
i. मुंबई ही बाबू जी के लिए जन्म और कर्मभूमि रही है।
उत्तर :
पैतृक कस्बा ही बाबू जी के लिए जन्म और कर्मभूमि रही है।

प्रश्न 4.
किसने, किससे कहा?
i. “हमें वहाँ के अलावा और कहीं ज्यादा अच्छा नहीं लगता।”
उत्तर :
बाबू जी ने राघवेंद्र से कहा।

प्रश्न 5.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 8

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
i. पैतृक
ii. कस्बा
उत्तर:
i. पुश्तैनी
ii. छोटा शहर या नगर

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. पिता संबंधी या पुरखों का –
  2. जुड़ा या मिला हुआ –
  3. बड़ा नगर –

उत्तरः

  1. पैतृक
  2. संयुक्त
  3. महानगर

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. जन्म × ……….
  2. कम × ………….
  3. इच्छा × ……….
  4. प्यार × ………..

उत्तर :

  1. मरण
  2. ज्यादा
  3. अनिच्छा
  4. नफरत

प्रश्न 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :
i. फ्लैट

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. दिन
ii. वर्ष
उत्तर :
i. दिन + इक = दैनिक
ii. वर्ष + इक = वार्षिक

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द लिखिए।

  1. कम
  2. दिन
  3. दस

उत्तर:

  1. काम
  2. दीन
  3. दास

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘संयुक्त परिवार के लाभ’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
एक परिवार में जब सभी परिवार के सदस्य दूसरी पीढ़ी के सदस्यों के साथ मिल-जुलकर रहते हैं तब हम उसे संयुक्त परिवार कहते हैं। संयुक्त परिवार समस्याओं में हमारा सहायक बनता है। विपत्ति के समय सभी एक-दूसरे की सहायता करने के लिए आगे आते हैं। इस प्रकार संयुक्त परिवार में भावनात्मक सहयोग होता है। जब परिवार एक साथ रहता है तब त्योहार मनाने की खुशी कुछ अलग ही होती है। संयुक्त परिवार में आपसी समायोजन होता है।

संयुक्त परिवार में प्रत्येक व्यक्ति अपने विचार साझा करता है और एक सही निर्णय लिया जाता है जिससे सबका भला हो । संयुक्त परिवार में बुजुर्ग का मार्गदर्शन बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। संयुक्त परिवार में रहने से बच्चे अधिक आज्ञाकारी एवं संस्कारी होते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से कुल-व्यय बहुत ही कम होता है।

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(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ

कृति आ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ 9

प्रश्न 2.
निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।
i. राघव ने पर्ची पर लिखा कि बाबू जी और अम्मा उसके 4. साथ पैतृक कस्बे में आकर रहें।
उत्तर:
राधव ने पर्ची पर लिखा कि बाबू जी और अम्मा उसके साथ मुंबई में आकर रहें।

ii. राघव को विश्वास था कि बाबू जी उसकी अर्जी को अस्वीकार कर देंगे।
उत्तरः
राघव को विश्वास था कि बाबू जी उसकी अर्जी को स्वीकार कर देंगे।

कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
i. खारिज
ii. बक्सा
iii. अर्जी
उत्तर:
i. अस्वीकृत
ii. डिब्बा
iii. प्रार्थनापत्र, निवेदन

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. कागज, कपड़े आदि की बँधी बड़ी गठरी –
  2. वाक्य की बनावट या रचना –
  3. निवेदन अथवा प्रार्थना करने के लिए लिखा गया पत्र –
  4. जिसे आश्वासन मिला हो –

उत्तर:

  1. पुलिंदा
  2. इबारत
  3. अर्जी
  4. आश्वत

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. पुरानी × ……………….
  2. अंदर ×…………………
  3. खारिज × ……………….

उत्तर:

  1. नई
  2. बाहर
  3. स्वीकृत

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प्रश्न 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

  1. पॉलीथिन
  2. कोर्स
  3. फुटबॉल
  4. बॉक्स
  5. एक्स्ट्रा
  6. ड्रेस
  7. शूज

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।

  1. जेब
  2. कम
  3. डाल
  4. लकड़ी

उत्तर:

  1. जब
  2. काम
  3. दाल
  4. लड़की

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कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बचपन के वे दिन सुहावने’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बचपन के दिन बहुत प्यारे होते हैं। वे कभी भुलाए नहीं जा सकते। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे बचपन के दिन पीछे छुट जाते हैं। फिर भी हम बचपन के उन यादगार पलों को नहीं भूल सकते हैं। बार-बार हमें उनकी याद आती रहती है। बचपन की अपनी मधुर यादों में माता-पिता, भाई-बहन, यारदोस्त, स्कूल के दिन, मौज-मस्ती आदि सब कुछ याद आता रहता है।

बचपन में दिन भर गुल्ली-डंडा खेलना, दोस्तों के साथ धूम मचाना, आम के पेड़ पर चढ़ना आदि के स्मरण से ‘कोई लौटा दे मेरे वे बीते हुए दिन’ इस गीत की याद आ जाती है। बचपन में सभी चिंतामुक्त जीवन जीते हैं। बचपन में खेलने व उछलने-कूदने में बड़ा आनंद आता है। यही कारण है कि सबको बचपन के दिन सुहावने लगते हैं।

(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
i. सुरेश
ii. बुजुर्गों
उत्तर:
i. अशोक के पारिवारिक मित्र का नाम बताइए?
ii. सुरेश ने बचपन में अपने परिजनों को किसकी सेवा करते देखा है?

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कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. बुरा-भला
ii. दिन-रात

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
i. बात
ii. पैसा
उत्तर:
i. बातें
ii. पैसे

प्रश्न 3.
गद्यांश में से विदेशी शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर :
i. इन्वेस्टमेंट
ii. सेंटर

प्रश्न 4.
गद्यांश में से विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. बुरा × भला
ii. दिन × रात

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

  1. ईमानदार
  2. परिवार
  3. भारत

उत्तर:

  1. ईमानदार + ई = ईमानदारी
  2. परिवार + इक = पारिवारिक उत्तर. शापवर्गीय
  3. भारत + ईय = भारतीय

प्रश्न 6.
‘परिजन’ इस शब्द में से उचित उपसर्ग पहचानिए और संबंधित उपसर्ग से दो नए शब्द बनाइए।
उत्तरः
i. परिजन : उपसर्ग : परि
ii. नए शब्द : परिसंवाद, परिवर्तन

प्रश्न 7.
पर्यायवाची शब्द लिखिए।
i. अचरज
ii. फीकी
उत्तर:
i. आश्चर्य
ii. नौरस

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्द का अनेकार्थी शब्द लिखिए। प्रत्यय
i. फीकी
उत्तरः
नीरस, स्वादहीन, धुंधला, दुर्बल, सामान्य

दो लघुकथाएँ Summary in Hindi

लेखिक-परिचय :

जीवन-परिचय : संतोष सुपेकर जी का जन्म 1967 में मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ। ये एक आधुनिक हिंदी साहित्यकार हैं। इन्होंने पत्रकारिता एवं जनसंचार क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। पत्र, कविता, लघुकथा, कहानी, समीक्षा, व्यंग्यलेख आदि साहित्य की विधाओं में इन्होंने लेखन कार्य किया है। इनके द्वारा लिखे गए लेख विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘साथ चलते हुए’, ‘हाशिए का आदमी’, ‘बंद आँखों का समाज’, ‘हँसी की चीखें” (लघुकथा संग्रह), ‘चेहरों के आरपार’, ‘यथार्थ के यक्ष प्रश्न’ (काव्य संग्रह) आदि।

गद्य-परिचय :

लघुकथा : लघुकथा कहानी से लघु होती है। भले ही वह आकार से लघु होती है, पर वह गागर में सागर भरने का काम करती है। वह पाठकों को चिंतन करने के लिए प्रेरित करती है।
प्रस्तावना : अर्जी : इस लघुकथा में बेटे का अपने माता-पिता के प्रति अपनापन, माता-पिता का अपने बच्चे के प्रति स्नेह तथा उनका
अपनी जन्मभूमि के प्रति जुड़ाव को अभिव्यक्त किया गया है। इन्वेस्टमेंट : इस लघुकथा में जीवन में संस्कारों का होना बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है, संस्कारों के बिना जीवन परिपूर्ण नहीं बन सकता और व्यक्ति के व्यवहार से संस्कार झलकने चाहिए, इसे उदाहरण के द्वारा स्पष्ट किया है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

सारांश :

अर्जी : ‘अर्जी’ का अर्थ है – निवेदन अथवा प्रार्थना। प्रस्तुत लघुकथा का नायक राघव अपनी पत्नी व बच्चों के साथ मुंबई में रहता है। वह अपने बच्चों को दादा-दादी का प्यार देना चाहता है। इसी कारण उसने मुंबई में पाँच कमरों का फ्लैट खरीदा है। लेकिन राधव के माता-पिता को अपने पैतृक कस्बे में ही रहना अच्छा लगता है।

वे महानगर में चार-आठ दिनों से ज्यादा नहीं रह सकते हैं। हर वर्ष की तरह राघव अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पैतृक कस्बे में आया हुआ है। वह बचपन में जिस कमरे में रहता था उस कमरे में जाकर अपना बक्सा खोलता है जिसमें उसकी पुरानी किताबें, पुरानी फोटो एलबम आदि हैं।

उसमें एक पॉलीथिन की एक थैली में कुछ पर्चियाँ भी हैं। उन पर्चियों को देखकर उसकी बचपन की यादें तरोताजा हो जाती हैं। बचपन में उसे जो भी कुछ चाहिए होता था, उसे वह पर्ची पर लिखकर अपने पिता की जेब में डाल देता था। उन पर्थियों को पढ़ते समय उसकी आँखों से आँसू आने लगते हैं। उसके बाबू जी भी उसकी माँगों को पूरा करते थे।

अब राघव बड़ा हो गया है। अब वह चाहता है कि उसके माता-पिता साल में कम से कम दो-तीन महीने तक उसके पास मुंबई में आकर रहें। वह झटपट कागज की एक पर्ची पर अपनी चाह को लिखकर अपने अम्मा-बाबू को मुंबई में साथ रहने के लिए कहता है और उस पर्ची को अपने बाबूजी के कुर्ते की जेब में डाल देता है।

उसे आशा है कि इस बार भी उसके बाबूजी उसे निराश नहीं करेंगे और वे उसकी अर्जी जरूर मान जाएंगे। इन्वेस्टमेंट : इस लघुकथा में सुरेश के व्यवहार एवं उसके कार्य के बारे में जानकर हमें उसके संस्कारी होने का पता चलता है। उसकी सौतेली माँ है। वह हमेशा उसे बुरा-भला कहती थी। फिर भी वह उसकी दिन-रात सेवा करता है। वह इन्वेस्टमेंट सेंटर चलाता है।

बाहर पैसे का इन्वेस्टमेंट करना उसका कार्य है। ठीक उसी प्रकार वह अपने घर में भी संस्कारों का इन्वेस्टमेंट करता है। उसने बचपन से सीखा है कि बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। इसी कारण वह भी अपनी माँ की सेवा करता है। उसे आशा है कि उसे सेवा करते देखकर उसके बच्चों में भी भारतीय संस्कार विकसित होंगे।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 दो लघुकथाएँ

शब्दार्थ :

  1. पतृक – पुश्तैनी
  2. कस्बा – छोटा शहर
  3. खारिज – अस्वीकृत, बहिष्कृत
  4. बक्सा – डिब्बा
  5. अर्जी – प्रार्थनापत्र
  6. अचरज – आश्चर्य
  7. फीकी – नीरस
  8. सब्र – धीरज, सहन
  9. आश्वस्त – जिसे आश्वासन मिला हो, जिसे तसल्ली दी गई हो।

Class 10 Hindi Lokvani Textbook Solutions

Class 10 Hindi Chapter 7 Prakruti Sanwad Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 7 Prakruti Sanwad Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 7 प्रकृति संवाद Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 7 प्रकृति संवाद Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 7 प्रकृति संवाद Textbook Questions and Answers

पठनीय:

प्रश्न 1.
फूलों से बनने वाली औषधियों की जानकारी अंतरजाल पर पदिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

लेखनीय:

प्रश्न 1.
‘बढ़ती आबादी, कटते वन और प्रदूषण से प्रभावित होता जन जीवन’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
आज हमारे देश की आबादी दिनों दिन बढ़ रही है। लोगों को रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। अत: वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। इस कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। विश्व भर में जलवायु परिवर्तन से उपजे नकारात्मक प्रभाव को मनुष्य आए दिन झेल रहा है। कहीं पर अधिक मात्रा में वर्षा तो कहीं पर सूखा पड़ रहा है। कंपनियों का रासायनिक द्रव्य नदी, तालाब या सागर में छोड़े जाने के कारण जल प्रदूषण बढ़ गया है।

पेड़पौधों की संख्या में निरंतर कमी होने के कारण वायु प्रदूषण जैसी भयावह संकट का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। ऊपर से यातायात के साधनों में वृद्धि होने से उनमें से निकलने वाले धुएँ से सभी बेहाल एवं त्रस्त हैं। बढ़ती आबादी का भरण-पोषण करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का जरूरत से ज्यादा दोहन हो रहा है। इस प्रकार बढ़ती आबादी, कटते वन और प्रदूषण से लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
‘बनभोज’ महोत्सब का आयोजर कब, क्यों और कहाँ किया जाए. इसके बारे में बड़ा से मुजिए तथा कक्षा में सुनाइए।

संभषणीय:

प्रश्न 1.
‘प्रकृति हर पल नया रूप धारण करती है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भारत में छह ऋतुएँ होती हैं। हर ऋतु की अपनी विशेषता होती है। हर ऋतु में प्रकृति नए रूप धारण करती है। वसंत ऋतु में पेड़-पौधों पर नए पत्ते व फूल आते हैं। गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी, सरसों आदि के रंग-बिरंगी फूल खिलने लगते हैं। उस ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य खिल उठता है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की किरणें तेज होती हैं। इस ऋतु में प्रकृति अपना सौंदर्य रूपी कोष लुटाती चलती है। वर्षा ऋतु में लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। इस ऋतु में चारों ओर हरियाली छा जाती है।

सब जगह हरा ही हरा दिखाई देता है। शरद ऋतु में कमल खिलते हैं। मालती के फूलों से वन सुशोभित हो जाते हैं। रातें ठंडी एवं सुहावनी होती हैं। हेमंत ऋतु में प्रकृति सुहावनी एवं लुभावनी लगने लगती है। हल्के जाड़े का एहसास इस ऋतु में होता है। शिशिर ऋतु में कड़ाके की ठंड होती है। घना कोहरा छाने लगता है। इस ऋतु में पेड़ से पत्ते झड़ने लगते हैं। इस प्रकार प्रकृति हर पल नया रूप धारण करती रहती है।

स्वाध्याय:

सुचना के अनुसार क्रुतिया कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 2

प्रश्न 2.
पाठ में आई वनस्पतियों का वर्गीकरण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 3
उत्तर:

लताएँपौधेवृक्ष
1. बेलादवनाहरसिंगार
2. गिलोय लतातुलसीसहिजन
3. –अड़हुल

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
हरसिंगार में ऋतुओं के अनुसार होने वाले बदलाव –
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 4
उत्तरः

वसंतवसंत में हरसिंगार के भीतर सोई हुई ऊर्जा जागने लगती है व प्राणरस छलकने लगता है। वह नई टहनियों तथा नए पत्तों के सौंदर्य से लद जाता है।
शरदशरद में हरसिंगार तारों भरा आसमान बन जाता है। रातभर जगमग-जगमग करता है और सुबह को | अनंत फूलों के रूप में धरती पर बिछ जाता है।

प्रश्न 4.
उपसर्ग, प्रत्यय लगाकर शब्द नए शब्द बनाइए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 6

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 7
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 8

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 6.
क्रमानुसार ऋतुओं के नाम लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 9
उत्तर:

1.वसंत
2.ग्रीष्म
3.वर्षा
4.शरद
5.हेमंत
6.शिशिर

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद Additional Important Questions and Answers

(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 10

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 11

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
दैनिक कार्य से निवृत्त होकर लेखक ………………..
(अ) आँगन और गैलरी में बैठने जाते हैं।
(आ) आँगन और गैलरी में खेलने जाते हैं।
(इ) आँगन और गैलरी में टहलने लगते हैं।
उत्तर:
दैनिक कार्य से निवृत्त होकर लेखक आँगन और गैलरी में टहलने लगते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

कृति अ (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में ढूँढ़कर लिखिए।

  1. अवकाश प्राप्त
  2. हरियाली
  3. कार्य
  4. खुशबू

उत्तर:

  1. निवृत्त
  2. हरीतिमा
  3. कर्म
  4. महक

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. जो समान्य हालत में हो –
2. प्रात: काल गाया जाने वाला गीत –
उत्तर:
1. प्रकृतिस्थ
2. प्रभाती

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. महक
2. दुआ
उत्तर:
1. सुगंध
2. आशीर्वाद

प्रश्न 4.
गद्यांश में से तत्सम शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तरः
प्रकृति

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
1. आकार
2. दुआ
उत्तरः
1. आकर
2. दवा

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

कृति अ (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आज कल पौधों का स्थान बगीचे तक ही सीमित नहीं रहा है। इन्हें अब आँगन और गैलरी में भी स्थान दिया जाता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
पौधे बहुत ही आकर्षक एवं प्यारे होते हैं। पौधों पर फूल खिलते हैं; वे महकते हैं। उनकी खुशबू सभी के मन में ताजगी निर्माण लाती है। अब पौधे घर की आंतरिक साज-सज्जा का भी एक मुख्य अंग बन गए हैं। अत: लोग इन्हें घर के अंदर एवं बाहर गमलों में लगाते हैं। इनके कारण घर में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। घर का वातावरण स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित रहता है। पौधों के कारण घर का तापमान बाहर की तुलना में ठंडा रहता है। गर्मियों के दिनों में घर-आँगन में स्थित पौधे लोगों को राहत दिलाने का काम करते हैं।

(आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के आँगन में स्थित पार्क की दुनिया बहुत छोटी है।
2. लेखक के अनुसार हर चीज का अपना समय नहीं होता है।
उत्तरः
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 12

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. पेट
2. पत्ता
उत्तरः
1. उदर
2. पर्ण

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. समय × ……….
2. रस × ………….
उत्तर:
1. असमय
2. नीरस

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. पौधा
2. पत्ती
उत्तरः
1. पौधे
2. पत्तियाँ

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
1. रस
2. समय
उत्तरः
1. नी + रस = नीरस
2. अ + समय = असमय

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
1. रस
2. परिवार
उत्तरः
1. रस + ईला = रसीला
2. परिवार + इक = पारिवारिक

निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
लेखक ने हँसकर नीम से कहा नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है
उत्तरः
लेखक ने हँसकर नीम से कहा, “नहीं-नहीं, ऐसी बात नहीं है।”

‘कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें पेड़-पौधों से लगाव रखना चाहिए।’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
पेड़-पौधे मानव के मित्र हैं। वे पर्यावरण को संतुलित रखने में हमारी मदद करते हैं। उनके बिना वनों के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती। वे हमें साँस लेने के लिए प्राणवायु देते हैं। अत: हमें उनसे लगाव रखना चाहिए और उनकी सुरक्षा करनी चाहिए। हमें पर्याप्त मात्रा में पेड़-पौधे लगाने चाहिए ताकि चारों ओर हरियाली छाई रहे। पेड़-पौधों में औषधीय गुण होते हैं। उनसे अनेक प्रकार की दवाइयाँ तैयार की जाती हैं। तुलसी, आंवला, निर्गुण्डी, अशोक आदि पेड़-पौधे औषधी के रूप में बहुत फलदायी होते हैं। पेड़-पौधों के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए हमें पेड़-पौधों से लगाव रखना चाहिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
1. चिड़ियाँ
2. प्राणरस
उत्तरः
1. कौन चहचहा उठी?
2. क्या छलकने लगता है?

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः

  1. खंखड़-सा
  2. घूमती-फिरती
  3. जगमग-जगमग
  4. डाल-डाल

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. आकाश
  2. ऊर्जा
  3. फूल
  4. धरती

उत्तर:

  1. नभ
  2. शक्ति
  3. पुष्प
  4. पृथ्वी

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. डाल
2. गली
उत्तरः
1. डालियाँ
2. गलियाँ

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. आश्रय × ……………..
  2. खुश × ………………
  3. अनंत × …………….
  4. डर × ……………….

उत्तरः

  1. अनाश्रय
  2. नाखुश
  3. अंत
  4. साहस

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
अनंत
उत्तरः
असीम, श्रीविष्णु, श्रीकृष्ण, आकाश

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
1. सूख
2. पत्तों
उत्तरः
1. सुख
2. पत्रों

(ई) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 13

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक ने अमरूद के पेड़ की उपेक्षा की।
उत्तरः
लेखक ने अमरूद के पेड़ की उपेक्षा नहीं की।

प्रश्न 2.
शरद के आते ही अमरूद की विरल डालियाँ नई पत्तियों और टहनियों से सघन होने लगती हैं।
उत्तर:
वसंत के आते ही अमरूद की विरल डालियाँ नई पत्तियों और टहनियों से सघन होने लगती हैं।

प्रश्न 3.
तालिका पूर्ण कीजिए।
उत्तर:

वसंत में अमरूद की स्थितिवर्षा में हरसिंगार की स्थिति
वसंत के आते ही अमरूद की और टहनियों से सघन होने लगती हैं।हरसिंगार वर्षा में फूलना शुरू विरल डालियाँ नई पत्तियों कर देता है।

कृति (2): शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
क्या रूप मंडप बनाया है अमरूद और हरसिंगार ने मिलकर
उत्तरः
क्या रूप मंडप बनाया है अमरूद और हरसिंगार ने मिलकर!

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
फल
उत्तरः
उपसर्गयुक्त शब्द: सुफल
प्रत्यययुक्त शब्द: फलहीन

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 3.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

  1. धीरे-धीरे
  2. छोटे-छोटे
  3. आते-आते
  4. डाल-डाल
  5. नाच-नाचकर

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
1. भीतर × ……….
2. ऊपर × ……….
उत्तर:
1. बाहर
2. नीचे

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. महोत्सव
2. पावस
उत्तरः
1. जलसा
2. वर्षा

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द का श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
उपेक्षा
उत्तर:
अपेक्षा

कृति ई (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
फूल-फल क्यों उगाने चाहिए? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भारतीयों की जीवन पद्धति में फूलों और फलों का अत्यधिक महत्त्व है। फल-फूल मनुष्य की भावनात्मक सुंदरताओं के प्रतीक माने जाते हैं। व्यक्ति के जीवन में मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फूलों और फलों का अत्यधिक महत्त्व है। फल-फूलों को ईश्वर को समर्पित किया जाता है।

अत: आध्यात्मिक दृष्टि से भी इनका अनन्यसाधारण महत्त्व है। फूलों के बीच जाने से दुखी व्यक्ति के जीवन में उत्साह भर हो जाता है। फूल मनुष्य को मानसिक शांति और आरोग्य प्रदान करते हैं। जहाँ पर फूल-फल के पेड़-पौधे होते हैं, वहाँ पर तरह-तरह के पक्षी होते हैं। उनका कलरव सुनकर मनुष्य अपने आपको प्रकृति से जुड़ा हुआ पाता है। प्रकृति से जुड़े रहना मनुष्य के मन और शरीर को सुकून प्रदान करता है। अत: हमें फल-फूल वाले पेड़-पौधे उगाने चाहिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

(उ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. इन्होंने लेखक को उलाहना दी –
2. बेला के फूलों के अनुसार ये हैं ऊँचे लोग –
उत्तरः
1. बेला के फूलों ने
2. अड़हुल और सहिजन

गलत विधान सही करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक ने स्वयं को बड़ा आदमी कहा है।
उत्तर:
लेखक ने स्वयं को छोटा आदमी कहा है।

प्रश्न 2.
फूल और पौधे लेखक के परिवार के सदस्य नहीं हैं।
उत्तरः
फूल और पौधे लेखक के परिवार के सदस्य हैं।

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. महाशय
  2. भौंरा
  3. फूल
  4. मंगल

उत्तर:

  1. महोदय
  2. भ्रमर
  3. सुमन
  4. शुभ

प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. दो व्यक्तियों के बीच हुआ वर्तालाप –
2. जिसमें सदा फूल लगते रहते हैं –
उत्तरः
1. संवाद
2. सदाबहार

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
1. जीवन
2. बेला
उत्तर:
1. जिवित दशा, जिंदगी
2. एक लता, समय

प्रश्न 4.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए और उनसे प्रत्यय अलग कीजिए।
उत्तर:
1. विराजमान, प्रत्यय – मान
2. मतवाली, प्रत्यय – वाली

प्रश्न 5.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
1. पुष्प
2. मास
उत्तरः
1. फूल
2. महीना

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘प्रकृति से अपनत्व रखने से व्यक्ति का व्यक्तित्व खिलता है।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। प्रकृति मानव जीवन की सहचरी है। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना करना निरर्थक है। अत: प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति से अपनत्व रखना चाहिए। जो व्यक्ति प्रकृति से अपनत्व रखता है उसमें उच्च मानवीय गुणों का संचार होता है। अंग्रेजी साहित्य के महान कवि विलियम वर्डस्वर्थ को कविता लिखने की प्रेरणा प्रकृति ने ही प्रदान की थी। अतः उन्होंने प्रकृति को ईश्वर का रूप माना है। प्रकृति मानव मन को नित्य प्रेरित करती है।

पुराने जमाने में ऋषि-मुनि प्रकृति की गोद में बैठकर ही तपस्या करते थे। वेदों का निर्माण भी प्रकृति के सानिध्य में ही हुआ है। प्रकृति से अपनत्व रखने वाला व्यक्ति जीवन में ऊँचा उठता है। उसका हृदय संवेदनाओं एवं असीम करुणा से भरा रहता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों के जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। अत: प्रकृति से अपनत्व रखने से व्यक्ति का व्यक्तित्व खिलता है।

(ऊ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
1. तीन
2. एक पौधा
उत्तर:
1. कितने गमलों में बेला के पौधे विराजमान थे?
2. खिल-खिलाकर कौन हँस रहा था?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद 14

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
शरीर में कोई विकार उत्पन्न होने से –
(अ) गिलोय लता के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।
(आ) सहिजन के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।
(इ) बेला के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।
उत्तरः
शरीर में कोई विकार उत्पन्न होने से गिलोय लता के पत्तों का रस प्राशन किया जाता है।

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ियाँ ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
1. सुबह × शाम
2. आते × जाते

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
1. अरबी शब्द: मेहरबाँ, तबस्सुम
2. अंग्रेजी शब्द: गेट

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. धारा
2. बात
उत्तर:
1. धाराएँ
2. बातें.

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. पास × ……………….
  2. मुरझा × ………………
  3. भीतर × ……………..
  4. हलकी × ………………

उत्तरः

  1. दूर
  2. खिला
  3. बाहर
  4. भारी

प्रश्न 5.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. छंद शास्त्र में कविता का वह प्रकार जिसमें गणों का कोई बंधन न हो –
  2. अपमान और उपहास का विषय –
  3. रूप, धर्म आदि का स्वाभाविक परिवर्तन –

उत्तरः

  1. मुक्तक
  2. विडंबना
  3. विकार

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

प्रश्न 6.
पर्यायवाची लिखिए।
1. विकार
2. लता
उत्तरः
1. परिवर्तन
2. बेल.

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
गेट
उत्तरः
प्रवेश मार्ग, फाटक, दरवाजा

प्रकृति संवाद Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: रामदरश मिश्र जी का जन्म १९२४ में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ। मिश्र जी साहित्य में बहु-प्रतिभा के धनी हैं। इन्होंने कविता, कहानी, उपन्यास, आलोचना, आत्मकथा, यात्रा वर्णन, संस्मरण व निबंध आदि विधाओं में लेखन किया है। इन्होंने अपने साहित्य में वस्तु व शिल्प दोनों को सहज ही परिवर्तित होने दिया। मिश्र जी कई सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं के अध्यक्ष रह चुके हैं।

प्रमुख कृतियाँ: ‘पथ के गीत’, ‘पक गई है धूप’, ‘कंधे पर सूरज’ (कविता संग्रह), ‘हँसी ओठ पर आँखें नम हैं’, ‘तू ही बताए जिंदगी’ (गज़ल संग्रह), ‘स्मृतियों के छंद’ (संस्मरण), ‘पानी के प्राचीर’ (उपन्यास), ‘खाली घर’ (कहानी संग्रह) ‘बबूल और कैक्टस’ (ललित निबंध) आदि।

गद्य-परिचय:

ललित निबंध: यह निबंध का एक प्रकार है। इस प्रकार के निबंध में लेखक की आत्मीयता पूर्ण स्वच्छंदता के साथ अभिव्यक्त होती है।
इसमें लेखक की शैलीगत विशेषता अत्यंत उन्मुक्त रूप से प्रकट होती है। इस प्रकार के निबंध में रोचकता, कल्पनात्मकता
एवं नाटकीयता होती है।

प्रस्तावना: ‘प्रकृति संवाद’ इस ललित निबंध के माध्यम से लेखक ने पेड़-पौधों के प्रति लगाव एवं आत्मीयता को बड़े ही कल्पनात्मक
ढंग से प्रस्तुत किया है। प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में पेड़-पौधों के प्रति अपनेपन की भावना होनी चाहिए। आखिर मानव और
पेड़-पौधों का आपस में गहरा संबंध होता है।

सारांश:

‘प्रकृति संवाद’ यह एक ललित निबंध है। इस निबंध के माध्यम से लेखक ने पाठकों को पेड़-पौधों के प्रति अपनत्व की भावना रखने का संदेश दिया है। रात भर लेखक को शरीर में दर्द होता रहता है। लेखक की तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें रात में ठीक से नींद नहीं आती है। सुबह उठते ही उन्हें थोड़ी ताजगी महसूस होती है। सुबह की ठंडी हवा उनके तन व मन में ताजगी का स्पंदन महसूस कराती है। वे हमेशा की तरह आज भी अपने आँगन व गैलरी में टहलने के लिए जाते हैं। उनके आँगन में स्थित पार्क की दुनिया बहुत छोटी है। दवनों की महक और हरीतिमा उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती हैं। वे तुलसी माता को मुस्कुराते हुए देखते हैं और उसे प्रणाम करते हैं, उससे बतियाते हैं। फिर वे नीम की हरी पत्तियों से बातें करते हैं। नीम के पत्ते मानो लेखक से कह रहे थे कि बहुत दिनों से उसने कढ़ी बनाने के लिए उनके पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया है।

लेखक की नजर हरसिंगार की ओर जाती है। वह बहुत ही मस्त दिखाई दे रहा था। उसकी महक से स्वयं लेखक ही नहीं बल्कि गली से आने-जाने वाले सभी लोग परिचित थे। पश्चात अमरूद का पेड़ लेखक से बातें करने लगता है। अमरूद का पेड़ लेखक के आँगन । का सबसे पहला नागरिक है। अमरूद के पेड़ और हरसिंगार इन दोनों ने आपस में मिलकर एक रूप मंडप बनाया था जिस पर चिड़ियाँ खेलती हैं, गाती-चहचहाती हैं। लेखक को आषाढ़ के महीने में अमरूद पर जो फल आते हैं, उनकी मिठास की याद आती है। उस समय चिड़ियों की चहचहाअट से अमरूद के फलों की मिठास भर जाती है। अड़हुल के पौधे पर आने वाले लाल फूल भी लेखक को अपनी ओर खींच लेते हैं और वह उनसे भी बातें करने लगता है।

सदाबहार सहिजन पर बारहों मास सुगंध से लदे फूलों पर मधुमक्खियाँ और भौंरे गुनगुनाया करते हैं। लेखक जाड़ों की धूप में उसकी छाँव में बैठते हैं। तब वह उस पेड़ की मतवाली सुरभि से नहाते हैं। बेला के फूल भी लेखक का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। वे सफेद रंग के हैं और जगमगा रहे हैं। उन फूलों से मादक सुगंध की बहने वाली हलकी-हलकी धारा लेखक के हृदय को प्रसन्न कर देती है। गिलोय लता के पौधे भी लेखक का हाल-चाल पूछते हैं। उनकी हरी-हरी फलियाँ लेखक की आँखों को सुख देती हैं। इस प्रकार पेड़-पौधों से बातचीत करके लेखक जब गेट के बाहर निकलते हैं तो स्वयं को भरा-पूरा अनुभव करते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 प्रकृति संवाद

शब्दार्थ:

  1. उलाहना – शिकायत
  2. विडंबना – हँसी, उपहास
  3. गुँचा – कली
  4. मेहरबाँ – कृपालु.
  5. स्पंदन – रह-रहकर धीरे-धीरे हिलना या काँपना, धड़कन
  6. निवृत्त – अवकाश प्राप्त, मुक्त होकर
  7. पत्ता – पर्ण
  8. भौंरा – भ्रमर
  9. महोत्सव – जलसा
  10. पावस – वर्षा
  11. महाशय – महोदय
  12. फूल – सुमन
  13. मंगल – शुभ
  14. विकार – दोष मनोवेग
  15. लता – बेल
  16. तबस्सुम – मुस्कान
  17. अस्तित्व – विद्यमानता, होने का भाव
  18. सहिजन – एक वृक्ष; जिसकी लंबी फलियों की तरकारी बनती है।
  19. हरीतिमा – हरियाली
  20. कर्म – कार्य
  21. महक – खुशबू
  22. पेट – उदर

मुहावरे:

1. यादों में जाग उठना – पुरानी यादें ताजा हो जाना।
2. भरा-पूरा अनुभव करना – संतुष्ट हो जाना। .

Class 10 Hindi Lokvani Textbook Solutions

Class 10 Hindi Chapter 3 Safar Ka saathi Aur Sir Dard Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 3 Safar Ka saathi Aur Sir Dard Question Answer Maharashtra Board

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Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

(१) असत्य विधान को सत्य करके लिखिए:

(क) लेखक को सुपरफास्ट ट्रेन के बजाय एक्सप्रेस से यात्रा करना ज्यादा पसंद नहीं है।
Answer:
लेखक को सुपरफास्ट ट्रेन के बजाय एक्सप्रेस से यात्रा करना ज्यादा पसंद है।

(ख) लेखक को पेटदर्द हो रहा था।
Answer:
लेखक को सिरदर्द हो रहा था।

(ग) लेखक को भागते वक्षों का साथ निभाने में कम मजा आता था।
Answer:
लेखक को भागते वृक्षों का साथ निभाने में बड़ा मजा आता था।

(घ) सभी सिरवालों को सिरदर्द होना अस्वाभाविक है ।
Answer:
सबको सिरदर्द होना स्वाभाविक है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

(२) उत्तर लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 3
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 6

(३) पाठ में प्रयुक्त रेल विभाग से संबंधित शब्दों की सूची बनाइए:
Answer:

  1. शटिंग
  2. एट अप
  3. सेवन डाइन
  4. आउटर
  5. मेल
  6. बड़ी लाइन
  7. छोटी लाइन
  8. सिग्नल
  9. स्टेशन मास्टर

(४) कारण लिखिए:

Question 1.
कभी कभी ‘मेल’ को रोककर ‘माल’ को पास करना पड़ता है।
Answer:
क्योंकि मालगाड़ी में भरे माल के बिगड़ने का डर रहता है; जबकि मेल में बैठा आदमी बिगड़ता नहीं।

Question 2.
लेखक को सिरदर्द की गोली लेनी पड़ी।
Answer:
क्योंकि लेखक थककर चूर हो गए थे।

(५) दिए गए शब्दों से तद्धित तथा कृदंत शब्द बनाइए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 2
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 5

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

अभिव्यक्ति

‘मेक इन इंडिया’ नीति पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘मेक इन इंडिया’ यह नीति भारत सरकार द्वारा बनाई गई है। देशी और विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में वस्तुओं का निर्माण हो इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस नीति की शुरूआत हुई है। भारत में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का शुभारंभ हुआ है। इसका उद्घाटन भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा हुआ। हर वस्तु ‘भारत में बनाओ’ सभी को रोजगार उपलब्ध हो एवं भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, इस ध्येय को सामने रखकर यह नीति कार्यान्वित हुई। इस नीति की शुरुआत होने के बाद अगले साल भारत में विदेशी निवेश में उछाल देखने को मिला। भारत देश का विकास हो और वह विकसित देशों की सूची में आए. इन बातों को ध्यान में रखते हुए इस अभियान की शुरुआत हुई।

भाषा बिंदु

(१) निम्नलिखित वाक्यों के काल पहचानकर कोष्ठक में लिखिए:

Question 1.
उनकी वेशभूषा की ग्रामीणता तो और भी दृष्टि को उलझा लेती थी।
Answer:
अपूर्ण भूतकाल

Question 2.
किसी दूसरे माँगने वालों की ओर इस तरह शान से बढ़ा देंगे।
Answer:
सामान्य भविष्यकाल

Question 3.
कहाँ तक चल रहे हैं?
Answer:
अपूर्ण वर्तमानकाल

Question 4.
लोगों के बिल बनाते-बनाते अपना भी वेतन निकल आता है।
Answer:
सामान्य वर्तमानकाल

Question 5.
कल क्या खाया था?
Answer:
पूर्ण भूतकाल

Question 6.
बासी पूरी-कचौड़ी को उबलती कड़ाही में डालकर ताजा के नाम पर बेचते थे।
Answer:
अपूर्ण भूतकाल

Question 7.
तभी तीर की तरह शब्द उछलेगा।
Answer:
सामान्य भविष्यकाल

(२) सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:

Question 1.
किसी प्राकृतिक मनोरम दृश्य को देखना चाहता हूँ। (अपूर्ण भूतकाल)
Answer:
किसी प्राकृतिक मनोरम दृश्य को देखना चाह रहा था।

Question 2.
एक-दूसरे से जुदा होकर पूरे डिब्बे के चक्कर काटने लगेंगे। (सामान्य वर्तमानकाल)
Answer:
एक-दूसरे से जुदा होकर पूरे डिब्बे के चक्कर काटने लगते हैं।

Question 3.
मुझे अभिवादन का ध्यान आया। (पूर्ण भूतकाल)
Answer:
मुझे अभिवादन का ध्यान आया था।

Question 4.
मानो वे किसी हड़बड़ी में चलते-चलते कपड़े पहनकर आए हैं। (सामान्य भूतकाल)
Answer:
मानो वे किसी हड़बड़ी में चलते-चलते कपड़े पहनकर आए।

Question 5.
पानी अब निर्मल नहीं रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
Answer:
पानी अब निर्मल नहीं रहेगा।

Question 6.
मुझे देखते ही चाय हाजिर कर देती है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
Answer:
मुझे देखते ही चाय हाजिर कर दी है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

Question 7.
वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला ही कहती है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
Answer:
वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला ही कह रही है।

उपयोजित लेखन

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर विज्ञापन तैयार कीजिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 1
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 20
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 7

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 21
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 8

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

Question 1.
सौंदर्य
Answer:
कभी-कभी लेखक की दृष्टि नदी के किनारे क्या निहारना चाहती है?

Question 2.
रेल
Answer:
लेखक किससे यात्रा करते हैं?

कृति अ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. यात्रा
  2. नदी
  3. सौंदर्य
  4. डाली

Answer:

  1. सफर
  2. सरिता
  3. सुंदरता
  4. टहनी

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
प्रकृति से संबंधित –
Answer:
प्राकृतिक

Question 2.
मन को लुभाने वाला –
Answer:
मनोरम

Question 3.
गद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
सूर्योदय – सूर्यास्त

Question 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
रेल

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

दिए गए निर्देश के अनुसार परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 22
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 9

नीचे दिए हुए शब्द में उचित प्रत्यय लगाइए।

Question 1.
अंतरंग
Answer:
अंतरंगता

निम्नलिखित शब्दों के समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द लिखिए।

  1. साथ
  2. गिर

Answer:

  1. सात
  2. घिर

कृति अ (३): अभिव्यक्ति

Question 1.
अपनी किसी रेलयात्रा का अनुभव अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
Answer:
जी हाँ, मैंने रेल से कई बार यात्रा की है। गर्मियों की छुट्टियों का आनंद लूटने के लिए मैं अपने मामा जी के गाँव जोधपुर गया था। मैं अपनी माता जी के साथ मुंबई से निकला था। जब हम मुंबई रेल स्थानक पर पहुँचे, उस वक्त रेल्वे प्लेटफार्म पर काफी भीड़ थी। सब लोग इधर-उधर भाग-दौड़ कर रहे थे। प्लेटफार्म पर कई दुकानें थीं। हमने रास्ते में पढ़ने के लिए कुछ पत्रिकाएँ खरीद लीं। थोड़ी देर बाद जोधपुर जाने वाली रेल आ गई और हम उसमें बैठ गए।

बीस मिनट के बाद रेल चल पड़ी। जैसे ही हम मुंबई से बाहर आए; वैसे ही दूर-दूर तक फैले हुए खेत और पर्वत देखकर हम आनंदविभोर हो गए। थोड़ी देर बाद घाटियाँ आई। रेल घाटियों से बहुत ही धीमी गति से जा रही थी। सर्वत्र शीतल हवा बह रही थी। वातावरण बड़ा ही खुशनुमा था। प्राकृतिक दृश्यों का मनोहारी रूप देखकर मेरा मन प्रफुल्लित हो गया। करीब चौदह घंटे रेल में बीताने के बाद हम जोधपुर पहुँच गए।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (१): आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 23
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 10

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

उचित विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
लेखक को मन मारकर सुरंग की पतली लकीर में से निकलने को बाध्य होना पड़ता है क्योंकि ……..
(अ) लेखक जिस बस से यात्रा कर रहे हैं; वह किसी जंगल में प्रवेश कर जाती है।
(आ) लेखक जिस रेल से यात्रा कर रहे है; वह किसी गुफा में प्रवेश कर जाती है।
(इ) लेखक जिस कार से यात्रा कर रहे है; वह किसी गुफा में प्रवेश कर जाती है।
Answer:
लेखक जिस रेल से यात्रा कर रहे है; वह किसी गुफा में प्रवेश कर जाती है।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 24
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 11

कृति आ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. गुफा
  2. नाज

Answer:

  1. कंदरा
  2. गर्व

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जिसका अंत नहीं वह
Answer:
अनंत

Question 2.
जमीन के अंदर बना रास्ता
Answer:
सुरंग

विलोम शब्द लिखिए।

  1. धीमी x ……
  2. पसंद x …..
  3. उपेक्षा x …….

Answer:

  1. धीमी x तेज
  2. पसंद x नापसंद
  3. उपेक्षा x अपेक्षा

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
उपेक्षा
Answer:
उदासीनता, तिरस्कार

वचन बदलिए।

  1. पत्नी
  2. साथी

Answer:

  1. पत्नियाँ
  2. साथी

लिंग बदलिए।

  1. साथी
  2. आदमी

Answer:

  1. साथिन
  2. औरत

कृति आ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
यात्रा के समय सहयात्री से बात करते समय आप क्या अनुभव करते हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
मैंने कई बार रेल व बस से यात्रा की है। यात्रा के दरम्यान कई लोगों से पहचान हो जाती है। यात्रा करते समय हम अपने अनुभवों को उनके साथ बाँटते हैं। उनके साथ घुल-मिलकर बातें करते हैं। मुझे यात्रा करते समय ऐसे कई लोग मिलें जिनके साथ मैंने अपने अनुभवों को बाँटा । जब मैं जबलपुर जा रहा था तब मुझे अधेड़ उम्र के सहयात्री रेल में मिले थे। वे बिल्कुल हमारी सामने वाली सीट पर बैठे थे।

वास्तव में वे एक प्रसिद्ध कवि थे। यात्रा के दरम्यान उन्होंने मुझे अपनी कविताओं से परिचित करवाया। उन्होंने हिंदी साहित्य के प्रति मेरी रूचि जगाई और मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। पाँच-छ: घंटे की उस आपसी वार्तालाप ने मेरे हृदय में पढ़ने की इच्छा का संचार किया। इस कारण मैं आज भी उन्हें मन ही मन याद करता हूँ।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (१): आकलन कृति

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –

Question 1.
दुनिया
Answer:
रेल की खिड़की से क्या देखने में मजा आता है?

Question 2.
यात्री
Answer:
रेल में सामने की सीट पर कौन बैठा होता है?

प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 25
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 12

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

उतर लिखिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 26
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 33

कृति इ (२): शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उतर:
देखत-देखते
एक-दूसरे
अभी-अभी

Question 2.
परिच्छेद में प्रयुक्त श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उतर:
उतर: उतर
कोई: कई
संपत्ति: संप्रति

वचन बदलिए।

  1. डिब्बे
  2. पन्ना

Answer:

  1. डिब्बा
  2. पन्ने

कृति इ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘समाचारपत्र की आवश्यकता’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
समाचारपत्र जीवन की आवश्यकता है। समाचारपत्र वैचारिक रूप से बहुत ही प्रभावशाली व शक्तिशाली होते हैं। समाचारपत्र हमें धर्म, समाज, खेल, रोजगार, अर्थव्यवस्था, फिल्म, उद्योग, नीति आदि के बारे में जानकारी देते हैं। यह हमें देश-विदेश के खबरों की जानकारी देते हैं। यह बच्चों के लिए भी उपयोगी है। बच्चों का मनोरंजन करने के साथ उन्हें कई प्रकार की रोचक जानकारी भी देता है।

इससे बच्चों के वाचन कौशल का विकास होता है। समाचारपत्र में तरहतरह के विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। कोई भी सरकारी योजना हो; वह समाचारपत्र के द्वारा ही प्रकाशित होती है। व्यापार को समाचारपत्रों से ही प्रोत्साहन मिलता है। समाचारपत्र एक व्यक्ति, समाज व राष्ट्र को एकसूत्र में बाँधकर रखने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं।

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निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (१): आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Question 1.
लेखक हबीबगंज उतरना चाहते हैं क्योंकि –
Answer:
वहाँ से तुलसीनगर पास पड़ता है।

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
लेखक को भोपाल में स्थित अरोरा कॉलोनी जाना है।
Answer:
लेखक को भोपाल में स्थित तुलसीनगर जाना है।

Question 2.
हबीबगंज से तुलसीनगर जाने समय टेंपो मिल जाता है।
Answer:
हबीबगंज से तुलसीनगर जाते समय ऑटो मिल जाता है।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 27
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 14

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 28
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 15

कृति घ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
लेखक ने कहा टाइम बदल गया
Answer:
लेखक ने कहा, “टाइम बदल गया।”

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दिए गए निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 29
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 16

गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।

  1. बनाते
  2. पाँच

Answer:

  1. बनते
  2. सात

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. गनीमत
  2. निश्चल

Answer:

  1. बड़ी बात
  2. स्थिर

कृति ई (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
सहयात्री का बातूनी व्यवहार आपके लिए परेशानी का सबब बनें तब आप क्या करेंगे? अपने विचार लिखिए।
Answer:
रेल या बस से यात्रा करते समय आपके पास कौन आकर बैठने वाला है, इसके बारे में आप को कुछ भी पता नहीं होता है। न आप उसके नाम से परिचित होते हैं और न उसके स्वभाव के बारे में आपको कुछ पता होता है। सहयात्री की कुछ आदतें हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं। जैसे कि वह अपनी आदत के अनुसार ढेर सारे प्रश्न पूछकर आपको परेशान कर सकता है।

ऐसे में आप संयमपूर्वक अपने आप को नियंत्रण में रख सकते हैं। उसके द्वारा बार-बार पूछे गए प्रश्नों का हमें सिर्फ ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में ही जबाव देना चाहिए। यदि हम उसके साथ विस्तार से बातें करेंगे, तो वह हमारे सफर का मजा किरकिरा कर सकता है। यदि हमें उसके द्वारा पूछा गया प्रश्न अच्छा नहीं लगा, तो ऐसे में चुप्पी साधकर बैठने में ही भलाई है।

सही विकल्प चुनकर लिखिए।

Question 1.
सारे रास्ते गाड़ियों के शटिंग की आवाज सुनाई देगी –
(अ) अगर ट्रेन में सहयात्री का साथ हो जाए।
(आ) अगर ट्रेन में रेलवे कर्मचारी का साथ हो जाए।
(इ) अगर ट्रेन में सिरफिरे व्यक्ति का साथ हो जाए।
Answer:
सारे रास्ते गाड़ियों के शटिंग की आवाज सुनाई देगी अगर ट्रेन में रेलवे कर्मचारी का साथ हो जाए।

कृति उ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. अंदेशा
  2. शिकायत

Answer:

  1. शंका या संदेह
  2. उलाहना

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नीचे दिए हुए शब्द के अनेक अर्थ लिखिए।

Question 1.
मेल
Answer:
यात्रियों को लेकर जाने वाली रेल, संगणक के जरिए अन्य लोगों को भेजा जाने वाला संदेश, मिलाप।

Question 2.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:

  1. स्टेशन मास्टर
  2. शटिंग
  3. एट अप
  4. सेवन डाउन
  5. मेल
  6. रेलवे
  7. लाइन
  8. सिग्नल

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. डर x …….
  2. पास x …..

Answer:

  1. डर x साहस
  2. पास x दूर

Question 1.
गद्यांश में से विलोम शब्दों की जोड़ियाँ ढूँढकर लिखिए।
Answer:
अप x डाउन.
छोटी x बड़ी

Question 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
कैसे – कैसे
पूछते – पूछते

कृति उ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
रेल गाड़ियों के आगमन एवं प्रस्थान संबंधी ‘पूछताछ विभाग’ एक महत्त्वपूर्ण विभाग होता है। – क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। इस विभाग के जरिए यात्री गाड़ियों के परिचालन संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस विभाग के तहत यात्री मोबाइल टिकट सेवा, कोच का पंजीकरण, आरक्षित गाड़ी, अनुसूची, रेलवे की उपलब्धता, किराया पूछताछ आदि जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है। कभी-कभी निश्चित समय पर स्टेशन पर गाड़ी नहीं आती या कभी-कभी गाड़ी किसी कारणवश रद्द हो जाती है।

ऐसी स्थिति में पूछताछ विभाग के कर्मचारियों के द्वारा सूचना या जानकारी प्राप्त करके यात्री चैन की साँस ले सकते हैं। पूछताछ विभाग भी प्रत्येक यात्री के प्रश्न का उत्तर देकर यात्रियों को संतुष्टी प्रदान करता हैं। प्रश्न ६ (ए) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

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कृति ए (१): आकलन कृति

गोश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

Question 1.
सहयात्री
Answer:
लेखक से आरक्षण के बारे ने किसने पूछा?

Question 2.
जनता
Answer:
भारतीय रेल किसकी संपत्ति है?

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 30
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 17

कृति कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 31
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 18

कृति ए (२): शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
अपने – अपने
इशारे – इशारे

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. आरक्षण x …….
  2. सुरक्षित x ……..
  3. आगे x ………
  4. प्रवेश x …….

Answer:

  1. आरक्षण x अनारक्षण
  2. सुरक्षित x असुरक्षित
  3. आगे x पीछे
  4. प्रवेश x निकास

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वचन बदलिए।

  1. बत्तियाँ
  2. गोली

Answer:

  1. बत्ती
  2. गोलियाँ

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. साँझ
  2. अजीब

Answer:

  1. शाम
  2. अनोखा

निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्न का प्रयोग कीजिए

Question 1.
रेल कंडक्टर ने कहा जब टिकिट है तो देखना क्या
Answer:
रेल कंडक्टर ने कहा, “जब टिकिट है तो देखना क्या?”

कृति ए (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘आजकल बिना आरक्षण के यात्रा करना सिरदर्द मोल लेना है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
आज का युग आपाधापी का युग है। इस युग में जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। लोग व्यापार एवं अन्य कार्य के लिए चारों ओर आते-जाते रहते हैं। इस कारण यातायात के सभी साधन हमेशा भीड़ से भरे होते हैं। रेल में तो चौंटी को भी पैर रखने के लिए जगह नहीं होती है। ऐसे में यदि हमें कभी शहर के बाहर यानी गाँव या पिकनिक मनाने के लिए परिवार के साथ जाना है तो हमें पहले से ही आरक्षण करवाना चाहिए।

इससे हमारा सफर सुरक्षित एवं सुखद होता है। आरक्षण होने से हमें रेल में आराम से सीट मिल जाती है। हमें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके विपरीत जो लोग आरक्षण नहीं करते हैं उन्हें ढेर सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि रेल या बस न मिलने के कारण वापस घर लौटना पड़ता है। इसलिए बिना आरक्षण के यात्रा करना सिरदर्द मोल लेना है।

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
सिरदर्द
Answer:
जिनके पेट में गैस होती है उन्हें क्या होता है?

Question 2.
रिएक्शन
Answer:
ऐसी-वैसी गोलियाँ खाने से क्या हो सकता हैं?

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 32
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 34

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कृति ऐ (२):शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
लेखक ने कहा भाई साहब मैं सिर दर्द से नहीं हमसफर यात्रियों के दर्द ए सिर से परेशान हूँ
Answer:
लेखक ने कहा, “भाई साहब! मैं सिर दर्द से नहीं, हमसफर यात्रियों के दर्द-ए-सिर से परेशान हूँ।”

Question 2.
दिए गए गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूंढकर लिखिए।
Answer:
रिएक्शन
गैस

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

  1. नाम
  2. परिवार

Answer:

  1. गुमनाम
  2. सपरिवार

Question 1.
गद्यांश में से प्रत्यय युक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
ठेकेदार
परांठेवाला
स्वाभाविक
हमसफर

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
पिता संबंधी
Answer:
पैतृक

Question 2.
किसी काम का ठेका लेने वाला
Answer:
ठेकेदार

Question 3.
गद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
Answer:
ताजा x बासी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

कृति ऐ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘यात्रा करते समय किसी से भी अनावश्यक बातें करना उचित है?’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
हमें अनावश्यक अथवा निरर्थक बातें कभी भी नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति को सिर्फ अपने काम से काम रखते हुए मर्यादित बातें करनी चाहिए। जब हम यात्रा पर निकलते हैं तब रेल या बस में हमें कई सहयात्री मिल जाते हैं। हमें उनसे भी मर्यादित यानी आवश्यकता है तो ही बातें करनी चाहिए। संभव है, वे हमारी अनावश्यक बातें सुनकर ऊब सकते हैं या उन्हें हमारी बातें अच्छी न लगें। अनावश्यक बातें करने से दूसरों के सामने हमारी ही प्रतिमा दूषित होती है। अनावश्यक बातों को सुनकर सामने वाले व्यक्ति को सिरदर्द हो सकता है। इससे उसकी यात्रा का मजा किरकिरा भी हो सकता है।

सफर का साथी और सिरदर्द Summary in Hindi

सफर का साथी और सिरदर्द लेखक – परिचय

जीवन परिचय : रामनारायण उपाध्याय जी का जन्म २ मई, १९१८ में मध्य प्रदेश राज्य के कालमुखी खंडवा में हुआ था। भारत के स्वतंत्रतापूर्व से ही इन्होंने लघुकथाएँ लिखनी शुरू कर दी था। इनका साहित्य गाँधीवादी विचारधारा से बहुत प्रभावित रहा है। उपाध्याय जी एक प्रसिद्ध व्यंग्यकार भी थे। इन्होंने व्यंग्य, ललित निबंध, रिपोर्ताज, रूपक, संस्मरण आदि विधाओं में सरल सहज व प्रभावशाली शैली में लेखन किया है। हिंदी भाषा के साथ-साथ लोकभाषा तथा विभिन्न बोलियों के क्षेत्र में इन्होंने अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रमुख कृतियाँ : ‘बख्शीनामा’, धुंधले काँच की दीवार’, ‘नाक का सवाल’, ‘मुस्कराती फाइलें’ (व्यंग्यसंग्रह), ‘मृग के छौने’ (निबंध संग्रह), ‘हम तो बाबुल तेरे बाग की चिड़ियाँ’ (लोकसाहित्य), ‘जिन्हें भूल न सका’ (संस्मरण) आदि।

सफर का साथी और सिरदर्द गद्य-परिचय

हास्य-व्यंग्य : हास्य-व्यंग्य निबंध साहित्य की एक नई विधा है। इसमें उपहास, मजाक व इसी क्रम में आलोचना का प्रभाव रहता है। इस

निबंध : विधा के माध्यम से गंभीर से गंभीर विषयों पर हल्के-फुल्के ढंग से हास्य द्वारा पाठकों को सोचने पर विवश किया जाता है।

प्रस्तावना : ‘सफर का साथी और सिरदर्द’ इस हास्य व्यंग्यपरक निबंध में लेखक रामनारायण उपाध्याय जी ने रेलयात्रा करते समय यात्रा में आने वाली दिक्कतों से परिचित करवाया है। लेखक का कहना है कि हमें यात्रा करते समय दूसरे यात्रियों से अखबार जैसी कुछ भी चीजें नहीं माँगनी चाहिए और साथ ही हमें अनावश्यक बातें करने से बाज आना चाहिए।

सफर का साथी और सिरदर्द सारांश

यह एक हास्य-व्यंग्य निबंध है। इस निबंध में लेखक ने माँगकर अखबार पढ़नेवालों, अनावश्यक बातें करने वालों एवं बिन माँगे सलाह देने वालों पर करारा व्यंग्य किया है। लेखक को अकेले यात्रा करने में आनंद आता है। उनके अनुसार किसी के साथ यात्रा करना यानी यात्रा का मजा किरकिरा होने जैसा है। रेल से यात्रा करते समय खिड़की से बाहर झाँककर प्राकृतिक मनोरम दृश्यों को देखना, सूर्योदय व सूर्यास्त देखना लेखक को अच्छा लगता है। लेखक को सुपरफास्ट रेल की बजाय एक्सप्रेस से यात्रा करने में आनंद आता है; क्योंकि वह दूर से स्टेशन देखकर अपनी चाल धीमी कर देती है।

रेल में बैठे अन्य सहयात्रियों से लेखक परेशान हो जाता है। अन्य यात्री लेखक का अखबार माँगते हैं और वे लेखक से तरह-तरह की अनावश्यक बातें करना शुरू कर देते हैं। इनसे लेखक तंग आ जाता है और वह सिरदर्द की एक गोली खाकर लेटना चाहता है। लेखक के साथ सफर करने वाला एक सहयात्री लेखक को गोली खाते हुए देख लेता है और वह लेखक से ढेर सारे सवाल करना शुरू कर देता है, जिससे लेखक ऊब जाता है और वह सीधा-सा जवाब देते हुए कहता है कि जब वह घर से निकला था, तब भला-चंगा था लेकिन जब सहयात्रियों ने उनका सिर खाना शुरू कर दिया तबसे उनका सिरदर्द बढ़ गया। अंत में वह अपने परेशान होने का कारण बताते हुए कहते हैं कि “मैं सिर दर्द से नहीं हमसफर यात्रियों के दर्द-ए-सिर से परेशान हूँ।”

सफर का साथी और सिरदर्द शब्दार्द्ध

  • यात्रा – सफर
  • नदी – सरिता
  • सौंदर्य – सुंदरता
  • डाली – टहनी
  • नाज – गर्व
  • निश्चल – स्थिर
  • कंकरी – छोटा कंकड़
  • अंदेशा – आशंका
  • सुरंग – जमीन खोदकर उसके नीचे बनाया गया मार्ग
  • हिकारत – घृणा, नफरत
  • इबारत – लिखा हुआ, अक्षर विन्यास
  • बजा – उचित, ठीक
  • निरंतर – हमेशा
  • उच्चाकाश – ऊँचा आकाश
  • एकटक, निहारना – बिना फलक झपकाए देखना

सफर का साथी और सिरदर्द मुहावरे

  • नाक-भौं सिकोड़ना – अप्रसन्नता, घृणा प्रकट करना।
  • चौपट हो जाना – नष्ट होना, बरबाद होना।
  • मन मारना – इच्छा को दबाना।
  • चक्कर काटना – गोलाकार घूमना, फेरे लगाना।
  • बिना सिर-पैर की बात करना – निराधार बात करना, व्यर्थ की बात करना।

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