Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 5 उम्मीद Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद

Hindi Lokvani 9th Std Digest Chapter 5 उम्मीद Textbook Questions and Answers

भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित करके लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 1

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद

संभाषणीय:

प्रश्न 1.
विद्यालय के काव्य पाठ में सहभागी होकर अपनी पसंद की कोई कविता प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर:
अरे! आ गई है भूली-सी
यह मधु ऋतु दो दिन को,
छोटी सी कुटिया मैं रच दूँ,
नयी व्यथा-साथिन को!
वसुधा नीचे ऊपर नभ हो,
नीड़ अलग सबसे हो,
झारखण्ड के चिर पतझड़ में
भागो सूखे तिनको!
आशा से अंकुर झूलेंगे
पल्लव पुलकित होंगे,
मेरे किसलय का लघु भव यह,
आह, खलेगा किन को?
सिहर भरी कपती आवेंगी
मलयानिल की लहरें,
चुम्बन लेकर और जागकर
मानस नयन नलिन को।
जवा-कुसुम-सी उषा खिलेगी
मेरी लघु प्राची में,
हँसी भरे उस अरुण अधर का
राग रंगेगा दिन को।
अंधकार का जलधि लांघकर
आवेंगी शशि-किरणें।
अंतरिक्ष छिरकेगा कन-कन
निशि में मधुर तुहिन को।
एक एकांत सृजन में कोई
कुछ बाधा मत डालों,
जो कुछ अपने सुंदर से हैं
दे देने दो इनको। लेखनीय

लेखनीय:

प्रश्न 1.
आठ से दस पंक्तियों के पठित गद्यांश का अनुवाद एवं लिप्यंतरण कीजिए।
उत्तर:
Writer Rameshwar Singh Kashyap was very fat. They say that One day, I was going to market on a rikshaw. I saw that an old man, keeping a weighing machine before him, was attracting the attention of people. Having stopped the rikshaw, no sooner did I keep my one feet on the weighing machine than the needle of the machine having made the complete round, began to produe rashing sound, as if it was insulting.

Being terrified, the old man stood with folded hands and then said, please do not keep the other feet! because my whole family depends for its, livelihood on this only machine. The surrounding passers by laughed at this. I thurst back my feet.

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आसपास:

प्रश्न 1.
किसी काव्य संग्रह से कोई कविता पढ़कर उसका आशय निम्न मुद्दों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 2
उत्तर:
जाती-पाँती से बड़ा धर्म है
धर्म-ध्यान से बड़ा कर्म है
कर्मकांड से बड़ा मर्म है
मगर सभी से बड़ा यहाँ यह छोटा सा इंसान है,
और अगर वह प्यार करे तो धरती स्वर्ग समान है।
जितनी देखी, दुनिया सबकी, देखी दुल्हन ताले में,
कोई कैद पड़ा मस्जिद में, कोई बंद शिवाले में
किसको अपना हाथ थमा , किसको अपना मन दे दूँ
कोई लुटे अंधियारे में, कोई ठगे उजाले में

कवि का नाम – गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’
कविता का विषय – प्रस्तुत कविता ‘धरती स्वर्ग समान है’ में कवि सांप्रदायिक सद्भावना की आवश्यकता प्रतिपादित करते हैं।
कविता का केंद्रीय भाव – ‘धरती स्वर्ग समान है’ कविता के कवि ‘नीरज’ ने मानवतावाद को विश्व का प्रमुख और सत्य धर्म बताया है। कवि कहते है कि आज यदि विश्व में शांति और सद्भावना का साम्राज्य लाना है, तो आवश्यक है कि हम आपस में सौहार्द की भावना का विकास करें; परंतु आज परिस्थितियाँ अत्यंत विषम हैं। इसके लिए मानव-मानव के मध्य की भेदभाव की दीवारें तोड़नी होंगी। धर्मों और संप्रदायों के मध्य उत्पन्न घृणा और द्वेष को समाप्त करना होगा। प्रेम भरे आँसुओं की गंगा में स्नान करके आज हम अपने मन का मैल दूर कर सकते हैं। इस प्रकार प्रस्तुत कविता में कवि ने जाति, धर्म, संप्रदाय आदि के भेदभाव मिटाकर प्रेम एंव एकता से रहने का संदेश दिया है।

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
“मैं चिड़िया बोल रही हूँ’ विषय पर स्वयंस्फूर्त लेखन कीजिए।
उत्तर:
मैं एक छोटी-सी नन्हीं चिड़िया बोल रही हूँ। मैं खुले आसमान में ऊँची-ऊँची उड़ान भरती हूँ। जब मैं बिल्कुल छोटी थी तब मेरी माँ ने मुझे बड़े यत्न से पाला। उस समय वो मुझे घोंसले से बाहर नहीं जाने देती थी। जब मुझे भूख लगती थी; तब वो मुझे अपने चोंच से दाना खिलाती थी। धीरे-धीरे मैं बड़ी होने लगी फिर एक दिन माँ ने मुझे उड़ना सिखाया और धीरे-धीरे मैं इस विशाल गगन में विचरण करने लगी। अब मैं अपना दाना खुद ही चुग लेती हूँ।

कभी-कभी कोई दयालु मनुष्य भी हमें खाने के लिए दाने देता है; तो मैं बहुत प्रसन्न हो जाती हूँ। लेकिन इसके साथ ही साथ कुछ मनुष्य ऐसे भी हैं; जो हमें पिंजरे में कैद करके रखते हैं और हमें मनोरंजन का साधन समझते हैं। यहाँ तक कि हमें बाजार में ऊँचे दामों पर बेचा भी जाता है। इन सब बातों से मेरा हृदय दुखी हो उठता है। अभी कुछ दिनों पहले मेरे साथ एक घटना घटित हो गई जो आप सबको सुनाना चाहती हूँ। ठंडी की एक सुबह मैं पगडंडियों पर फुदक रही थी और नम घास की गुदगुदाती छुअन का आनंद ले रही थी कि तभी एक आवारा कुत्ते ने मुझे अपने जबड़ो में जकड़ लिया।

मैं छटपटा रही थी लेकिन असहाय थी; तभी एक साधारण-सी दिखने वाली लड़की अपनी किताबें फेंककर मेरी तरफ दौड़ी और उस कुत्ते के जबड़े से मेरे प्राण बचाए। मैं बुरी तरह से घायल हो चुकी थी, मेरे पैर भी टूट चूके थे जिसके कारण मैं फूदक नहीं पा रही थी, तभी उसके कोमल हाथों ने मुझे उठा लिया और तब तक मेरी सेवा की जब तक मैं उड़ने के काबिल न हुई। कौन कहता है कि ईश्वर आसमान में होता है; जबकि वो तो नीचे है हम सबके साथ।

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पाठ के आँगन में:

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
उत्तर:
कविता से मिलने वाली प्रेरणा:
(क) अपनी मंजिल की तरफ पूरे हौसले से बढ़ना चाहिए।
(ख) लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद पर भरोसा कर, सच्चाई पर डटे रहना चाहिए।

प्रश्न 2.
‘किताबों में बहुत अच्छा लिखा है, लिखे को कोई पढ़ता क्यों नहीं’ इन पंक्तियों द्वारा कवि संदेश देना चाहते हैं….
उत्तर:
कवि कहना चाहते हैं कि प्राचीन काल से लेकर अब तक विभिन्न विद्वानों के द्वारा अनेक किताबें लिखी गई हैं। इन किताबों में हमारे कर्म, धर्म, संघर्ष, जीवन, देश, काल आदि से संबंधित अच्छी-अच्छी जानकारियाँ विस्तार से दी गई हैं। हमें इन ज्ञानवर्धक तथा प्रेरक बातों को पढ़ना चाहिए तथा अपने जीवन में उतारना चाहिए।

प्रश्न 3.
कविता में आए अर्थ पूर्ण शब्द अक्षर सारणी से खोजकर तैयार कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 4

  1. महफूज
  2. मुश्किल
  3. तालीम
  4. खुद
  5. मोहताज
  6. बुलंदी
  7. मंजिल

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पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
भाषा के हिंदी गजलकारों के नाम तथा उनकी प्रसिद्ध गजलों की सूची बनाइए।
उत्तर:

गजलकारों के नामप्रसिद्ध गजलें
1. फ़िराक़ गोरखपुरीअगर बदल न दिया / इश्क तो दुनिया का राजा है / आँखों में जो बात
2. बशीर बद्रअगर यकीं नहीं आता तो आजमाए मुझे / भूल शायद बहुत बड़ी कर ली / गुलाबों की तरह दिल अपना
3. राही मासूम रज़ाअजनबी शहर के अजनबी रास्ते / दिल में उजले कागज पर / क्या वो दिन भी दिन है
4. साहिर लुधियानवीअक़ायद वहम है मज़हब खयाल-ए-खाम है साक़ी / मैं जिंदा हूँ ये मुश्तहर कीजिए / उदास न हो
5. इक़बालअजब वाइज़ की दींदारी है या रब / सारे जहाँ से अच्छा / असर करे ना करे सुन तो लो मेरी फरियाद
6. जाँ निसार अख़्तरअशूआर मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं / हमसे भागा न करो दूर / सौ चाँद भी चमकेंगे
7. मजरूह सुल्तानपुरीआ निकल के मैदां में दोरुखी के खाने से / मुझे सहल हो गई मंजिलें / कब तक मलूँ जबीं से
8. मीर तक़ी ‘मीर’अश्क आँखों में कब नहीं आता / अपने तड़पने की / बेखुदी ले गई
9. अमीर खुसरोजिहाल-ए मिस्की मकुन तगाफुल / छाप तिलक सब छीनी से / बहुत दिन बीते पिया को देखे
10. मिर्ज़ा ग़लिबआ कि मरी जान को क़रार नहीं है / आईना क्यों न दूँ / कभी नेकी भी उसके जी में

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(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 5

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. मंजिल तब मुश्किल नहीं है –
2. थकानों की बात करते हैं –
उत्तर:
1. जब दिल में हौसला हो।
2. कमजोर दिलवाले।

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कृति (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
उपर्युक्त दी गई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि पक्षियों को कभी उड़ने की शिक्षा नहीं दी जाती है। वे खुद ही आसमान की ऊँचाई को जान जाते हैं, अर्थात उड़ते-उड़ते आसमान की बुलंदियों तक जा पहुँचते हैं। इसी प्रकार कर्मठ और परिश्रमी व्यक्ति को किसी सहारे की जरूरत नहीं पड़ती, वे स्वयं ही हर ऊँचाई को प्राप्त कर लेते हैं। कवि कहते हैं यदि दिल में साहस है तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना कठिन नहीं है। थक जाने की बात तो कमजोर दिल वाले किया करते हैं। अर्थात जिनके अंदर साहस है उनके लिए हर कार्य आसान है।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 6

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए।
1. इनकी कमी नहीं है –
2. ये हमें तूफान से सुरक्षित रखती हैं –
उत्तर:
1. जीने के बहानों की!
2. मजबूत उम्मीदें

कृति (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
उपर्युक्त प्रथम चार पंक्तियों के सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं, जो जीना ही नहीं चाहते। जिन्हें सिर्फ मरना ही है, वे नि:संदेह आत्महत्या कर लें। वरना यहाँ जीने के बहानों की कोई कमी नहीं है अर्थात जीने की बहुत सारी वजह हैं। कवि कहते हैं, खुशबू का काम तो केवल महकना और चारों तरफ फैल कर लोगों को अपने सुगंध से भर देना है। खुशबू कभी भी प्रशंसकों की प्रशंसा से वंचित नहीं होती है। इसी प्रकार मनुष्य को भी खुशबू की तरह गुणी और परोपकारी होकर नि:स्वार्थ भाव से लोगों का कल्याण करते रहना चाहिए, तो वे भी कभी प्रशंसा के मोहताज नहीं होंगे।

कवि कहते हैं कि मनुष्य को पूरी उम्मीद (आशा) के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जीवन में आने वाली मुसीबतों और परेशानियों के तूफान से ये उम्मीद ही उन्हें सुरक्षित रखती हैं इसलिए मनुष्य को कभी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि उम्मीद की छतें बड़ी मजबूत होती हैं।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद 7

कृति (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि मनुष्य से कहते हैं जीवन में कुछ करने के लिए या लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तुम्हारे अंदर पक्का इरादा क्यों नहीं है? तुम्हें अपने आप पर भरोसा क्यों नहीं है? अर्थात मनुष्य में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। कवि मनुष्य से कहते हैं तुम्हें चलने के लिए दो पैर बने हैं अर्थात ईश्वर ने तुम्हें दो पैर दिए हैं, तो तुम उन पैरों पर चलते क्यूँ नहीं हो? यहाँ कवि का तात्पर्य यह है कि तुम अपने पैरों का उपयोग करके अपने लक्ष्य को क्यों नहीं प्राप्त करते हो? अर्थात मनुष्य को आत्मनिर्भर होना चाहिए।

(घ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
कवि द्वारा दी गई सीख –
उत्तर:
(क) खुदकुशी नहीं करनी चाहिए।
(ख) अपने देश की चिंता करनी चाहिए।
(ग) किताबें पढ़नी चाहिए।

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. खुदकुशी से स्वर्ग मिलता है।
2. किताबों में बहुत अच्छी बातें लिखी हैं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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कृति (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि मनुष्य से कहते हैं इस संसार में आत्महत्या करने से किसको स्वर्ग मिला है। तू इतनी छोटी-सी बात क्यों नहीं समझता है? अर्थात आत्महत्या करना मूर्खता है।

कवि कहते हैं यह देश सबका अपना देश है। इसके उन्नति की चिंता सबको करनी चाहिए। आखिर सबको इसकी चिंता क्यों नहीं है? अर्थात प्रत्येक देश वासियों को अपने देश के उन्नति की चिंता करनी चाहिए।

उम्मीद Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: कमलेश भट्ट का जन्म उत्तर प्रदेश के जफरपुर में हुआ। वे गजल, कहानी, हायकू, साक्षात्कार, निबंध, समीक्षा आदि
विधाओं में रचना करते हैं। इन्हें पर्यावरण के प्रति गहरा लगाव है। नदी, पानी आदि इनकी रचनाओं के विषय हैं।

प्रमुख कृतियाँ: कहानी संग्रह – ‘नखलिस्तान’, ‘मंगल टीका’, गजल संग्रह – ‘मैं नदी की सोचता हूँ’, ‘शंख’, ‘सीप’, ‘रेत’, ‘पानी’,
हायकू संकलन – ‘अमलतास’, बाल कविताएँ – ‘अजब-गजब’, बाल उपन्यास – ‘तुईम’।

पद्य-परिचय:

गजल: उर्दू, हिंदी या फारसी में की गई रचना जिसमें एक ही बहर और वजन के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह होता है। गजल
के पहले शेर को ‘मतला’ और अंतिम शेर को ‘मकता’ कहते हैं। प्रत्येक शेर एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हैं।
प्रस्तावना: प्रस्तुत गजल ‘उम्मीद’ के गजलकार ने इस रचना के माध्यम से हमें अपने लक्ष्य की तरफ बुलंदी से बढ़ने, जीने की चाह
बनाए रखने, खुद पर भरोसा करने, सच्चाई पर डटे रहने आदि के लिए प्रेरित किया है।

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सारांश:

कवि पंक्षियों का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि दिल में हौसला हो तो मंजिल प्राप्त करना कठिन नहीं है। जिन्हें आत्महत्या ही करनी है बेशक कर लें वरना यहाँ जीने के बहाने बहुत हैं। गुणी और अच्छे लोगों के प्रशंसकों की यहाँ कोई कमी नहीं है। पक्की उम्मीद हर मुसीबतों से हमारी रक्षा करती है। हमें सत्य का साथ देना चाहिए और अपने हाथ-पैर का उपयोग करके अर्थात आत्मनिर्भर होकर देश की उन्नति के लिए कुछ करना चाहिए। आत्महत्या करने से स्वर्ग नहीं मिलता। आत्महत्या करना निपट मूर्खता है।

सरल अर्थ:

वो खुद ही ………………….. उड़ानों की
कवि कहते हैं कि पक्षियों को कभी उड़ने की शिक्षा नहीं दी जाती है। वे खुद ही आसमान की ऊँचाई को जान जाते हैं, अर्थात उड़ते-उड़ते आसमान की बुलंदियों तक जा पहुँचते हैं। इसी प्रकार कर्मठ और परिश्रमी व्यक्ति को किसी सहारे की जरूरत नहीं पड़ती, वे स्वयं ही हर ऊँचाई को प्राप्त कर लेते हैं।

जो दिल में …………………… थकानों की
कवि कहते हैं यदि दिल में साहस है तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना कठिन नहीं है। थक जाने की बात तो कमजोर दिल वाले किया करते हैं। अर्थात जिनके अंदर साहस है उनके लिए हर कार्य आसान है।

जिन्हें है सिर्फ …………….. बहानों की
कवि कहते हैं, जो जीना ही नहीं चाहते। जिन्हें सिर्फ मरना ही है, वे नि:संदेह आत्महत्या कर लें। वरना यहाँ जीने के बहानों की कोई कमी नहीं है अर्थात जीने की बहुत सारी वजह हैं।

महकना …………….. कद्रदानों की
कवि कहते हैं, खुशबू का काम तो केवल महकना और चारों तरफ फैल कर लोगों को अपने सुगंध से भर देना है। खुशबू कभी भी प्रशंसकों की प्रशंसा से वंचित नहीं होती है। इसी प्रकार मनुष्य को भी खुशबू की तरह गुणी और परोपकारी होकर नि:स्वार्थ भाव से लोगों का कल्याण करते रहना चाहिए, तो वे भी कभी प्रशंसा के मोहताज नहीं होंगे।

हमें हर हाल …………….. मकानों की
कवि कहते हैं कि मनुष्य को पूरी उम्मीद (आशा) के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जीवन में आने वाली मुसीबतों और परेशानियों के तूफान से ये उम्मीद ही उन्हें सुरक्षित रखती हैं इसलिए मनुष्य को कभी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि उम्मीद की छतें बड़ी मजबूत होती हैं।

कोई पक्का ………………. क्यों नहीं है?
कवि मनुष्य से कहते हैं जीवन में कुछ करने के लिए या लक्ष्य प्राप्त करने के लिए तुम्हारे अंदर पक्का इरादा क्यों नहीं है? तुम्हें अपने आप पर भरोसा क्यों नहीं है? अर्थात मनुष्य में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है।

बने हैं पाँव ………………. क्यों नहीं है?

कवि मनुष्य से कहते हैं तुम्हें चलने के लिए दो पैर बने हैं अर्थात ईश्वर ने तुम्हें दो पैर दिए हैं, तो तुम उन पैरों पर चलते क्यूँ नहीं हो? यहाँ कवि का तात्पर्य यह है कि तुम अपने पैरों का उपयोग करके अपने लक्ष्य को क्यों नहीं प्राप्त करते हो? अर्थात मनुष्य को आत्मनिर्भर होना चाहिए।

बहुत संतुष्ट …………….. क्यों नहीं है?
कवि मनुष्य से कहते हैं कि तुम अपनी परिस्थितियों से बहुत संतुष्ट क्यों हो? तुम्हारे भीतर भी कुछ कर गुजरने का अर्थात उन्नति करने का गुस्सा (आक्रोश) क्यों नहीं है? यहाँ कवि का तात्पर्य है कि मनुष्य को परिस्थितियों का दास नहीं होना चाहिए बल्कि उनसे संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

तू झूठों की ……………… क्यों नहीं है?
कवि मनुष्य से कहते हैं कि तुम झूठे लोगों की तरफदारी करने में सम्मिलित हो गए हो। तुम्हें तो सच्चा होना था। सत्य का साथ देना था। तुम सच्चे क्यों नहीं हो? यहाँ कवि का तात्पर्य है कि मनुष्य को हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए।

मिली है खुदकुशी ………………. क्यों नहीं है?
कवि मनुष्य से कहते हैं इस संसार में आत्महत्या करने से किसको स्वर्ग मिला है। तू इतनी छोटी-सी बात क्यों नहीं समझता है? अर्थात आत्महत्या करना मूर्खता है।

सभी का अपना ……………. क्यों नहीं है?
कवि कहते हैं यह देश सबका अपना देश है। इसके उन्नति की चिंता सबको करनी चाहिए। आखिर सबको इसकी चिंता क्यों नहीं है? अर्थात प्रत्येक देश वासियों को अपने देश के उन्नति की चिंता करनी चाहिए।

किताबों में बहुत ……………. क्यों नहीं है?
कवि कहते हैं कि किताबों में ऐसी बहुत सारी अच्छी-अच्छी बातें लिखी हैं। इन लिखी हुई बातों को कोई पढ़ता क्यों नहीं है? अर्थात मनुष्य को किताबों की अच्छी बातों को पढ़कर उन्हें अपने व्यवहार में लाना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 उम्मीद

शब्दार्थ:

  1. बुलंदी – ऊँचाई, शिखर
  2. परिंदा – पंछी
  3. तालीम – शिक्षा
  4. हौसला – साहस
  5. मुश्किल – कठिन
  6. बेशक – नि:संदेह
  7. खुदकुशी – आत्महत्या
  8. मोहताज – वंचित
  9. कद्रदानों – प्रशंसकों, गुणग्राहकों
  10. महफूज – सुरक्षित
  11. उम्मीद – आशा, भरोसा
  12. इरादा – विचार, फैसला
  13. हालात – परिस्थिति
  14. तरफदारी – पक्ष लेना
  15. जन्नत – स्वर्ग
  16. मुल्क – देश, वतन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ‘इत्यादि’ की आत्मकहानी

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Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ‘इत्यादि’ की आत्मकहानी (पठनार्थ)

Hindi Lokvani 9th Std Digest Chapter 6 ‘इत्यादि’ की आत्मकहानी Textbook Questions and Answers

1. रचनात्मकता की ओर मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
‘धन्यवाद’ शब्द की आत्मकथा अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
मनुष्य से मेरा संबंध बहुत नजदीक का है। मैं उसके जीवन के हर क्षण में उसका साथ देता हूँ। मन की कृतज्ञता प्रकट करने के लिए धन्यवाद’ यानी मैं बेहद उपयोगी शब्द हूँ परंतु अब हमें औपचारिकता माना जाता है इसलिए जिनको हम ‘अपना’ कहते हैं उनके लिए मेरा प्रयोग कम किया जाता है। मनुष्य मेरा प्रयोग करके व्यंग्य भी करता है। आज के युग में मनुष्य मेरा गलत इस्तेमाल कर रहा है, मैं सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया हूँ।

कभी-कभी मुझे गर्व भी महसूस होता है जब किसी को गले लगाकर, पाँव छूकर या हाथ मिलाकर अपनों को धन्यवाद कहते हैं, तब इसके बहुत फायदे होते हैं। जब कभी कोई मेरा प्रयोग करता है तो उसके मन की भावनाएँ व्यक्त हो जाती हैं और किसी दूसरे को खुशी भी प्राप्त हो जाती है। मुझे तब बहुत प्रसन्नता होती है जब मेरे प्रयोग से आपके रिश्तों को मजबूती मिलती है। मेरे कारण तनाव कम करने, रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने और कृतज्ञता जाहिर करने में भी लोगों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।

किसी के व्यक्तित्व या कृति के प्रति आपके प्रशंसात्मक व्यवहार की झलक भी मेरे द्वारा ही दिखती है। वैसे भी हमने जो किया, उसका असर क्या हुआ, यह कौन नहीं जानना चाहेगा। मेरा प्रयोग करके आप अनजान व्यक्ति के हृदय में भी एक पहचान अंकित कर देते हैं। आज लोग मेरा प्रयोग खरे में, खोटे में, असली में, नकली में सभी जगह कर रहे हैं। आखिर, जो भी कुछ हो, मुझे सुनकर सभी के चेहरों पर प्रसन्नता छा जाती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

2. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय में मनाई गई खेल प्रतियोगिताओं में से किसी एक खेल का आँखों देखा वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमारे विद्यालय में खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें अनेक विद्यालयों की टीमों ने भाग लिया। जिसमें किक्रेट मैच का आयोजन भी किया गया था, उसमें मेरे विद्यालय की टीम ने भी भाग लिया। मार्च का सुहावना दिन था। नौ बजे दोनों टीमों के कप्तान और अंपायर मैदान के मध्य में आ गए। टॉस हुआ, जिसमें हमारे कप्तान ने बाजी मारी। हमारे कप्तान ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पंद्रह मिनट के अंतराल पर हमारी टीम की सलामी जोड़ी मैदान पर उतरी।

विपक्षी टीम के कप्तान ने फील्डिंग सजाई। दोनों निर्णायक अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए। गेंदबाज ने पहले ओवर में बहुत सटीक गेंदबाजी की। तेज गेंदबाज को विकेट की नमी का फायदा मिल रहा था। तीसरे ओवर से हमारे बल्लेबाजों ने जम कर प्रहार करना आरंभ कर दिया। कुछ शानदार चौके और तीन छक्के लगे। दस ओवर की समाप्ति पर हमारी टीम ने एक विकेट खोकर साठ रन बना लिए थे। पारी को ठोस शुरूआत मिल चुकी थी। मध्यक्रम में बल्लेबाजों ने भी संभलकर खेलना आरंभ किया।

जब उनकी आँखें जम गई तो उन्होंने चौकों और छक्के की झड़ी लगा दी। पारी समाप्त होने तक हमारी टीम ने आठ विकेट पर दो सौ पचहत्तर रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। तीस मिनट के अंतराल के बाद खेल पुन: आरंभ हुआ। अब हमारी टीम क्षेत्ररक्षण करने उतरी। गेंदबाजी आरंभ हुई। विपक्ष के सलामी बल्लेबाजों ने अपनी टीम को ठोस शुरूआत दी। उन्होंने बिना विकेट खोए पचास रन बना लिए। अगले ओवर में विपक्षी टीम को झटका लगा।

अब तो हमारे गेंदबाज विपक्षी बल्लेबाजों पर हावी हो गए। रनों की गति पर अंकुश लग गया। हमारे कप्तान ने गेंदबाजी में लगातार परिवर्तन करते हुए विपक्षी टीम को दबाव में डाले रखा। अभी वे दो सौ रन का आँकड़ा भी पार नहीं कर पाए थे उनका पहले पाँचवाँ, फिर छठा विकेट गिर गया। हमारे खिलाड़ियों में जोश की लहर दौड़ गई। अब मैच पर हमारी टीम की पकड़ मजबूत दिखाई देने लगी। चालीस ओवर की समाप्ति पर विपक्षी टीम ने सात विकेट खोकर एक सौ अस्सी रन बनाए थे।

उनके विकेटों का पतन तेज गति से हो रहा था और रन धीमी गति से बन रहे थे। अंततः पूरी विपक्षी टीम उन्चासवें ओवर में दो सौ छत्तीस रन बना कर आउट हो गई। हमारी टीम के खिलाड़ी ओर समर्थक खुशी से उछल पड़े। दूसरी ओर विपक्षी टीम के खिलाड़ी उदास दिखाई दे रहे थे। मैच की समाप्ति पर पुरस्कार वितरण समारोह हुआ। जिले के शिक्षा अधिकारी ने विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान की।

हमारी टीम के उस गेंदबाज को ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार दिया गया जिसने मात्र छत्तीस रन देकर चार विकेट लिए थे। समारोह की समाप्ति पर खिलाड़ी और दर्शक अपने-अपने निवास स्थान की ओर लौटने लगे। इस रोमांचक मैच की यादें हमारे मन में आज भी अंकित हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 6 ‘इत्यादि’ की आत्मकहानी Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 1

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. सभी ने इत्यादि के जीवन की कहनी कही।
ii. ‘शब्द-समाज’ में इत्यादि का सम्मान कुछ कम नहीं है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

कृति क (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
i. अपमान …………….
ii. असाधारण ……………
उत्तर :
i. सम्मान
ii. साधारण

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए।
i. सम्मान
ii. गुण
उत्तर :
i. सम्मानित – ‘इत’ प्रत्यय
i. गुणी – ‘ई’ प्रत्यय
वाक्य : रोहन हर बात में अपने मुँह मियाँ मिठू बनता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के वचन बदलिए।
i. लेखक
ii. कहानी
उत्तर :
i. लेखकगण
ii. कहानियाँ

कृति क (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘इत्यादि’ शब्द के महत्त्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
समाज में ‘इत्यादि’ शब्द का बहुत सम्मान है। वक्ता और लेखक को इस शब्द का प्रयोग करना ही पड़ता है। दिनभर में इस शब्द का प्रयोग कई बार किया जाता है। शब्द-समाज में यदि इत्यादि’ न रहता तो लेखकों और वक्ताओं की न जाने कैसी दशा ोती? इस शब्द का प्रयोग कहीं पर भी किया जा सकता है। शब्द समाज में ऐसे कई शब्द हैं जिनका अपना अलग महत्त्व है। इस शब्द का उपयोग भी होता है और कई बार दुरुपयोग भी होता है। इस शब्द के माध्यम से लेखक और वक्ता नमक मिर्च लगाकर खूब वाह-वाही हासिल कर लेते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 3

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
i. मेरी माता का नाम ………. और पिता का नाम ………….. है।
ii. वे ………….. से विचरते हैं।
उत्तर :
i. ‘इति’, ‘आदि’
ii. स्वाधीनता

कृति ख (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।
i. स्वाधीन
ii. कृपा
उत्तर:
i. स्वतंत्र
ii. दया

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन कीजिए।
i. लड़का
ii. भारत
उत्तर:
i. लड़के
ii. भारत

कृति ख (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
हिंदी व्याकरण में ‘उपसर्ग और प्रत्यय का महत्त्व’, इस पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘उपसर्ग’ वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द के पूर्व में लगकर उस शब्द का अर्थ बदल देते हैं, या उसमें नई विशेषता उत्पन्न कर देते हैं। ‘प्रत्यय’ उन शब्दों को कहते हैं जो किसी अन्य शब्द के अंत में लगाए जाते हैं। इनके प्रयोग से शब्दों के अर्थ में भिन्नता या वैशिष्ट्य आ जाता है। उपसर्ग और प्रत्यय के प्रयोग से शब्दों का अर्थ बदल जाता है और वह विशेष अर्थ प्रकट करने लगते हैं। हिंदी व्याकरण में इनका विशेष महत्त्व हैं।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 4

प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए ।
i. परोपकार और दूसरे का मान रखना तो मानो मेरा …………….
(क) कर्तव्य है
(ख) धर्म है।
(ग) स्वभाव हैं।
उत्तर:
(क) कर्तव्य है

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

ii. उनका मन फिर ज्यों का त्यों ………..
(क) आनंदित हो उठा।
(ख) हरा-भरा हो उठा।
(ग) दुःखी हो उठा।
उत्तर:
(ख) हरा-भरा हो उठा।

कृति ग (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
प्रत्यय अलग करके लिखिए। –
i. दरिद्रता
ii. निर्धनता
उत्तर :
i. दरिद्र + ता (प्रत्यय)
ii. निर्धन + ता (प्रत्यय)

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. राजा …
ii. पंडित ……….
उत्तर:
i. रंक
ii. मूर्ख

कृति ग (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘परोपकार एक मानवीय गुण है’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
मनुष्य के कर्म की सुंदरता जिन गुणों में प्रकट होती है- उनमें परोपकार सर्वोपरि है। दान, त्याग, सहिष्णुता, धैर्य और ईश्वरीय सृष्टि का सम्मान करना आदि अनेक गुण परोपकार में आते हैं। प्रकृति ही हमें परोपकार का पाठ सिखाती है। सूर्य, वायु, वन, पर्वत, पेड़-पौधे, नदियाँ, वनस्पतियाँ सभी हमें सरस फल प्रदान करते हैं। मनुष्यता की कसौटी परोपकार है। जगत-कल्याण के लिए शिव ने विषपान किया; देवताओं की रक्षा के लिए दधिची ने अपनी हड्डियों का दान किया। अत: स्पष्ट है कि आदिकाल से ही परोपकार एक मानवीय गुण है।

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(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. समालोचक महाशय का किसी ग्रंथकार के साथ मनमुटाव चल रहा था।
ii. समालोचक की पुस्तक ग्रंथकार के सामने आई।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति घ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
विलोम शब्द लिखिए।
i. अतृप्ति
ii. योग्यता
उत्तर :
i. तृप्ति
ii. अयोग्यता

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन कीजिए।
i. पुस्तक
ii. पाठक
उत्तर :
i. पुस्तकें
ii. पाठकगण

कृति घ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘धन्यवाद शब्द के हो रहे अत्यधिक प्रयोग’ पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
आजकल धन्यवाद शब्द का बहुत प्रयोग किया जा रहा है। कभी कभी हम कार्य नहीं करते फिर भी दूसरे हमें ‘धन्यवाद’ देते हैं। इस प्रसंग पर कहे गए धन्यवाद शब्द में हमारे प्रति कृतज्ञता का भाव नहीं होता है बल्कि व्यंग्य होता है। व्यंग्य इसलिए क्योंकि हमने वह कार्य किया ही नहीं फिर भी धन्यवाद कहा जाता है। जब हम दूसरों के लिए कुछ भी नहीं कर पाते है तब हमें ‘धन्यवाद’ शब्द निरर्थक महसूस होता है। उस शब्द में छिपा व्यंग्य हमारे मन को आघात पहुँचाता है और हम परेशान हो जाते हैं।

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(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति छ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 6

प्रश्न 2.
सही उत्तर लिखिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 7

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए।

  1. ‘इत्यादि’ किसे विद्वान बनाता है ?
  2. किसके पहुँचते ही अधूरा विषय भी पूरा हो जाता है
  3. संसार का नियम क्या है?

उत्तर:

  1. मूर्ख को
  2. इत्यादि के
  3. परिवर्तन

कृति छ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।
i. समालोचना ………..
ii. आँख ……….
उत्तर :
i. समालोचनाएँ
ii. आँखें

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. आदि …….
ii. परिवर्तित ………….
उत्तर:
i. अंत
ii. अपरिवर्तित

कृति ङ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘परिवर्तन संसार का नियम है।’ इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
इस संसार में कुछ भी अपरिवर्तनशील नहीं है। सब कुछ नश्वर और क्षण भंगूर है। जो परिवर्तन और अनित्यता को समझता है वही ज्ञानी है, इंसान दु:ख के सिवाय हर चीज को सदा एक जैसा बनाए रखने की कोशिश करता है। इसमें वह कोई परिवर्तन नहीं चाहता है। परंतु यह कैसे संभव है कि संसार में परिवर्तन ही न हो। जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है, जो युवा होगा वह वृद्ध अवश्य होगा, उसके जीवन में दुख है तो सुख भी आएगा यह मानव के अस्तित्व व विकास के लिए आवश्यक है। जिस प्रकार प्रकृति में परिवर्तन होता है वैसे ही संसार में भी परिवर्तन होता है। यदि संसार में परिवर्तन नहीं होता तो आज का युग इतना प्रगतिशील नहीं होता। आज मनुष्य इतनी उड़ाने नहीं भरता। यह सब परिवर्तन की ही देन है।

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भाषाई कौशल पर आधारित पाठ्यगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
भाषा बिंदु :
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी 8

‘इत्यादि’ की आत्मकहानी Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अखौरी जी आधुनिक हिंदी के प्रमुख साहित्यकार हैं। ये ‘भारत मित्र’, ‘शिक्षा’, ‘विद्या विनोद’, पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। इनके वर्णनात्मक निबंध विशेष रूप से पठनीय हैं।

गद्य-परिचय :

वर्णनाताक कहानी : इसके अंतर्गत सजीव, निर्जीव, वस्तु, प्राणी, मनुष्य, स्थान, शब्द-विशेष, प्राकृतिक या अन्य दृश्यों, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत पाठ ‘इत्यादि’ की आत्मकहानी के माध्यम से लेखक यशोदानंद अखौरी जी ने इत्यादि शब्द के उपयोग, सदुपयोग-दुरुपयोग से संबंधित जानकारी अपने लेख के रूप में प्रदान की है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

सारांश :

‘इत्यादि’ की आत्मकहानी के माध्यम से लेखक बताते हैं कि ‘इत्यादि’ न रहता तो लेखकों और वक्ताओं की बहुत दुर्दशा होती। इत्यादि के प्रयोग से ही वे सम्मान पाते हैं, पर उसके लिए एक वाक्य भी किसी की लेखनी ने आज तक नहीं लिखी। इसलिए वह आज स्वयं ही अपनी कहानी कहने और गुणगान करने बैठा है।

आजकल चारों ओर इत्यादि ही इत्यादि है। जहाँ देखिए वहीं वह परोपकार के लिए उपस्थित है। चाहे राजा हो, या रंक, चाहे पंडित हो या मूर्ख, किसी के घर आने-जाने में संकोच नहीं करता। अपनी मानहानि नहीं समझता। इसीलिए वह सबका प्यारा है। वह छोटे-छोटे वक्ताओं और लेखकों की दरिद्रता तुरंत दूर कर देता है। अल्पज्ञानी भी इत्यादि का सहयोग पाकर बड़े-बड़े मंचों पर ‘इत्यादि-इत्यादि’ का प्रयोग कर अपने को महापंडित सिद्ध कर देता है।

इत्यादि मूर्ख को विद्वान बनाता है, ऐसे लोगों को युक्ति सुझाता है। लेखक को यदि भाव व्यक्त करने की भाषा नहीं आती, तो भाषा जुटाता है। कवि को उपमा नहीं मिलती तो उपमा बताता है। अब तो उसका प्रयोग आदि के रूप में होने लगा है।

शब्दार्थ :

  1. वक्ता – बोलनेवाला
  2. सतर – पंक्ति
  3. अवलंब – सहारा
  4. गुणावली – गुणगान
  5. मिती – महिने की तिथी
  6. विचरना – घूमना-फिरना, चलना
  7. विख्यात – प्रसिदध
  8. कदाचित – शायद
  9. सर्वत्र – चारों ओर
  10. ठौर – जगह
  11. रंक – दरिद्र
  12. दृष्टांत – उदाहरण
  13. वक्तृत्व – व्याख्यान
  14. ग्लानि – खिन्नता, दुःख
  15. निबाह – गुजारा, पालन
  16. एक बारगी – अचानक, एक बार में
  17. समालोचक – समीक्षक, आलोचक
  18. मनमुटाव – वैमनस्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 'इत्यादि' की आत्मकहानी

मुहावरे :

  • नमक-मिर्च लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर बातें कहना।
  • कलई खुलना – भेद खुलना, रहस्योद्घाटन होना।
  • अपने मुँह मियाँ मिठू बनाना – अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
  • जी में जी आना – धीरज बंधाना
  • धीरज बँधना – धीरज बढ़ाना।
  • पौ-बारह झेना – अच्छा फायदा होना।

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

1. योग्य पर्याय ओळखून वाक्य पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
लेखकांना शिरीषला कार्यक्रम दयायचा नव्हता, कारण …………….
(अ) तो नुकताच शिकायला आला होता.
(ब) त्याला वाक्य वाजवता येत नव्हते.
(क) नुकताच शिकायला आल्याने विद्यालयाचे नाव बदनाम होण्याची शक्यता होती.
(ड) तो कलेच्या प्रांतातला नवखा मुसाफिर होता.
उत्तर :
(क) नुकताच शिकायला आल्याने विद्यालयाचे नाव बदनाम होण्याची शक्यता होती.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 2.
लेखकांना आजपर्यंत बसला नव्हता तेवढा धक्का बसला, कारण ……………
(अ) बारा वर्षांचा मुलगा शांतपणे वाजवत होता.
(ब) ऐनवेळी कार्यक्रमाला हजर राहूनही शिरीष एवढे सुदंर वाजवत होता.
(क) शिरीषचा चेहरा पूर्वीच्या आत्मविश्वासाने न्हाऊन निघाला.
(ड) मात्रेचाही फरक न करता शिरीष गात होता.
उत्तर :
(ड) मात्रेचाही फरक न करता शिरीष गात होता.

2. आकृतिबंध पूर्ण करा. 

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 2

3. जोड्या जुळवा.

प्रश्न 1.
जोड्या जुळवा.
पुढील दोन चौकटीतील शब्दांचा सहसंबंध ओळखून जोड्या लावा. पाठातील असे शब्द शोधा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 3
उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. धीटभित्रा
2. हजर गैरहजरगैरहजर
3. सुंदरकुरूप
4. स्तुती निंदानिंदा

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

4. खालील परिणामांबाबतच्या घटना लिहा.

प्रश्न 1.
खालील परिणामांबाबतच्या घटना लिहा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 4
उत्तर :
i. लेखकाने सुमारे वीसएक मिनिटे पिलू रागातील एक गत वाजवून दाखवली.
ii. नानांना काहीच ऐकू येत नव्हते.

5. खालील वाक्यांत अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेले योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्ये पुन्हा लिहा. 

प्रश्न 1.
खालील वाक्यांत अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेले योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्ये पुन्हा लिहा.

  1. वर्गातील विदयार्थ्यांनी शिक्षकांचे शिकवणे लक्षपूर्वक ऐकले पाहिजे.
  2. आपल्या शाळेचे नाव वाईट होऊ नये, म्हणून प्रत्येक विदयार्थ्याने काळजी घ्यायला हवी.
  3. उत्तम वादनाने लेखकाचे शिरीषबाबतचे मत चांगले झाले.

उत्तर :

  1. वर्गातील विद्यार्थ्यांनी जिवाचे कान करून शिक्षकांचे शिकवणे ऐकले पाहिजे.
  2. आपल्या शाळेचे नाव खराब होऊ नये, म्हणून प्रत्येक विक्ष्यानि काळजी घ्यायला हवी.
  3. उत्तम वादनाने लेखकाचा शिरीषबाबतचा चांगला ग्रह झाला.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

6. खालील शब्द व त्यांचे अर्थ यांच्या जोड्या लावा. 

प्रश्न 1.
खालील शब्द व त्यांचे अर्थ यांच्या जोड्या लावा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. कोलाहल(अ) प्रवासी
2. त-हेवाईक(आ) विचित्र
3. मुसाफिर(इ) प्रेरित
4. उदयुक्त(ई) गोंधळ

उत्तर :

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. कोलाहल(ई) गोंधळ
2. त-हेवाईक(आ) विचित्र
3. मुसाफिर(अ) प्रवासी
4. उदयुक्त(इ) प्रेरित

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

7. स्वमत :

प्रश्न अ.
शिरीषमधील तुम्हांला समजलेली गुणवैशिष्टचे सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तर :
वडिलांच्या सुखासाठी धडपडणारा शिरीष हा दहा-बारा वर्षांचा मुलगा होता. वयाच्या मानाने परिस्थितीमुळे शिरीषला लवकरच शहाणपण आले होते. शिरीषच्या वडिलांचे संगीत कलेवर जिवापाड प्रेम होते. ते उत्कृष्ट गवई होते; परंतु एका अपघातामुळे ते पूर्ण बहिरे झाले. त्यांची संगीत सेवा अंतरली, याचे त्यांना दुःख झाले.

त्यामुळे वडिलांना सुख मिळावे याकरता शिरीषने संगीत कला शिकण्याचा निर्णय घेतला, शिरीषची आकलनशक्ती इतकी दांडगी होती की त्याने पहिल्या तीन महिन्यातच आपली प्रगती व कौशल्य दाखवून दिले. तो शिकवणीला न चुकता वेळेवर जात असे. यावरुन त्याचा नियमितपणा व वक्तशीरपणा दिसून येतो. त्याला आपल्या वडिलांविषयी आदर व प्रेम होते.

वडिलांच्या आजारपणाच्या काळात त्यांच्यासोबत राहून त्याने त्यांची सेवा केली. संगीतकलेची साधना केली. वडिलांच्या निधनानंतर ताबडतोब शिकवणीचे पैसे पाठवून दिले. या प्रसंगावरून त्याचा प्रामाणिकपणा दिसून येतो. वडील गेल्यावर तो फार दु:खी झाला. पण मन घट्ट करून तो परिस्थितीला सामोरा गेला.

लोकनिंदेकडे लक्ष न देता नानांना स्मरून अखंडपणे संगीताचा ध्यास घेतला, अहोरात्र सराव केला. यातून त्याची मेहनत व ध्येयपूर्तीची धडपड दिसून येते. कार्यक्रमाच्या दिवशी नवखा असूनही उत्तम वादन करून श्रोत्यांना व संगीत शिक्षकांना प्रभावित केले. यातून त्याचा आत्मविश्वास ब धीटपणा दिसून येतो. अशाप्रकारे, या पाठातून शिरीषचा ध्येयवेडेपणा, प्रामाणिकपणा, सातत्य, कष्ट, ध्यास व वडिलांच्या सौख्यासाठी केलेली धडपड ही गुणवैशिष्ट्ये प्रकर्षाने दिसून येतात.

प्रश्न आ.
शिरीषची भूमिका तुम्हाला कोणता संदेश देते, ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तर :
शिरीष हा दहा – बारा वर्षांचा मुलगा, त्याचे वडील एकेकाळी उत्कृष्ट गवई होते. पण एका जबर अपघातामुळे ते शिरीषने संगीत शिकून त्यात प्रावीण्य मिळवावे अशी त्यांची तीव्र इच्छा होती. वडिलांच्या सौख्यासाठी शिरीषने अखंडपणे संगीत कलेची साधना केली. वडिलांच्या निधनानंतरही लोकनिंदेची पर्वा न करता, त्या कठीण परिस्थितीतही त्याने आपले ध्येय गाठले. शिरीषच्या या खंबीर भूमिकेतून आपल्याला असा संदेश मिळतो की, आपणही आपल्या जीवनात कितीही मोठी संकटे आली तरी न डगमगता धैर्याने परिस्थितीशी सामना केला पाहिजे, कष्टाने सातत्याने आपल्या ध्येयाचा पाठपुरावा केला पाहिजे, ध्येयपूर्तीसाठी धडपड केली पाहिजे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

8. अभिव्यक्ती: 

प्रश्न अ.
प्रस्तुत कथेचे संवादरूपाने लेखन करा.
उत्तर :
(शिरीष व त्याचे वडिल संगीत शिक्षकाच्या भेटीला जातात.)

  • शिरीष : नमस्कार ! मी शिरीष भागवत. मला गाण्याची फार आवड आहे. मला संगीत शिकायचे आहे.
  • संगीत शिक्षक : बरं, तुला गाण्याची फार आवड आहे तर!
  • शिरीष : माझ्यापेक्षा माझ्या वडिलांना, मी संगीत शिकलेले फार आवडेल. मी आपल्याकडे शिकायला येईन; पण माझ्याबरोबर रोज माझे वडील पण शिकवणी चालू असताना वर्गात बसतील. अशी माझी अट आहे.
  • संगीत शिक्षक : मान्य! तुझ्या अटी एकदम मान्य; पण तुला त्यासाठी महिना पन्नास रुपये फी दयावी लागेल!
  • शिरीष : कबूल! मी उद्यापासून शिकवणीला येतो. तीन महिने शिरीष नियमितपणे वडिलांसोबत शिकवणीला जातो. काही दिवसांनी शिरीषच्या वडिलांचे निधन होते. कार्यक्रमाच्या दिवशी शिरीष शिक्षकांना भेटायला जातो.)
  • शिरीष : माझ्या वडिलांचे निधन झाले, त्यामुळे मी शिकवणीला येऊ शकलो नाही, परंतु मला कार्यक्रमात सहभाग घेण्याची परवानगी दयावी, ही विनंती.
  • संगीत शिक्षक : शिरीष तुझी मन:स्थिती ठीक नाही. शिवाय गैरहजेरीमुळे तुझा सरावही नाही. त्यामुळे तुला परवानगी देता येणार नाही.
  • शिरीष : मला परवानगी दिली, तर माझी मन:स्थिती आपोआप सुधारेल, सर.
  • संगीत शिक्षक : ठीक आहे. दिली तुला परवानगी; पण नीट वाजव.
  • शिरीष : होय सर, धन्यवाद. (शिरीष उत्कृष्टपणे वादन करतो. श्रोते व शिक्षक सगळेच त्याचे वादन ऐकून प्रभावित होतात. कार्यक्रमाच्या शेवटी शिक्षक शिरीषला भेटतात व त्याचे कौतुक करतात.)
  • संगीत शिक्षक : अरे वा ! शिरीष. तू तर आज कमालच केली. अशा मन:स्थितीत तुला कसे शक्य झाले?
  • शिरीष : सर, माझे नाना मोठे गवई होते, परंतु एका अपघातामुळे ते ठार बहिरे झाले. त्यांच्या सुखासाठी मी ही धडपड करत होतो; पण ज्या दिवाशी नाना गेले त्या दिवशी मी संगीत बंद केले; पण दुसऱ्याच क्षणी मनात विचार आला की माझे नाना तेव्हा वादन ऐकूशकत नव्हते; पण आता माझ्याच शेजारी बसून नक्की ऐकत आहेत. या विचारा सरशी मी त्याच दिवासापासून व्हायोलिन वाजावाला सुरुवात केली. आज सकाळपासून कुठे बाहेर पडलो नाही. चोवीस तास एकच उदयोग, एकच ध्यास! त्याचा हा परिणाम.
  • संगीत शिक्षक : शाब्बास ! शिरीष तू फार मोठी कामगिरी केली. आज तुझे बाबा नाहीत. आज जर ते असते तर म्हणाले असते, ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ (शिक्षकांनी शिरीषच्या पाठीवर कौतुकाची थाप मारली, त्यावेळी शिरीषच्या डोळ्यांतून अश्रूओघळले.)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ Additional Important Questions and Answers

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार

कृती करा: कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 5

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 6
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 7

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

विशेषणबिशेष्य
1. तिसरी(अ) मुसाफिर
2. जाहीर(ब) घंटा
3. नवखा(क) कोलाहल
4. संमिश्र(ड) कार्यक्रम

उत्तर :

विशेषणबिशेष्य
1. तिसरी(ब) घंटा
2. जाहीर(ड) कार्यक्रम
3. नवखा(अ) मुसाफिर
4. संमिश्र(क) कोलाहल

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. कलेच्या प्रांतातील हा नवखा मुसाफिर आहे.
  2. म्हणूनच मी त्याला कार्यक्रम देण्याचे टाळत होता.
  3. मी गंभीर आवाजात बोलायला सुरुवात केली.
  4. मला या मुलाची अतिशय भीती वाटत होती.

उत्तर :

  1. मी गंभीर आवाजात बोलायला सुरुवात केली.
  2. कलेच्या प्रांतातील हा नवखा मुसाफिर आहे.
  3. मला या मुलाची अतिशय भीती वाटत होती.
  4. म्हणूनच मी त्याला कार्यक्रम देण्याचे टाळत होतो.

प्रश्न 5.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. लेखकाचा कोणता पहिलाच जाहीर कार्यक्रम आहे?
उत्तर :
लेखकाच्या वादनविदयालयाचा पहिलाच जाहीर कार्यक्रम आहे.

ii. बाहेरचा संमिश्र कोलाहल केव्हा बंद पडला?
उत्तर :
तिसरी घंटा घणघणली तेव्हा बाहेरचा संमिश्र कोलाहल बंद पडला.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 6.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
i. कलेच्या प्रांतातील हा नवखा ……….. आहे. (प्रवासी, मुसाफिर, यात्री, सहप्रवासी)
ii. आजच्या कार्यक्रमाची सुरुवात शिरीष भागवत यांच्या ………………. होईल. (तंतुवादनाने, तबलावादनाने, वीणावादवाने, फिड्लवादनाने)
उत्तर :
i. मुसाफिर
ii. फिड्लवादनाने

प्रश्न 7.
सहसंबंध लिहा.
स्त्री : पुरुष :: विद्यार्थिनी : …………
उत्तर :
विदयार्थी

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
कोण ते लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 8

प्रश्न 2.
कोष्टक पूर्ण करा
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 9

प्रश्न 3.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
लेखकाला शिरीषला कार्यक्रम दयायचा नव्हता; कारण
(अ) तो नुकताच शिकायला आला होता.
(ब) त्याला वाक्य वाजवता येत नव्हते.
(क) नुकताच शिकायला आल्याने विद्यालयाचे नाव बदनाम होण्याची शक्यता होती.
(ड) तो कलेच्या प्रांतातला नवखा मुसाफिर होता.
उत्तर :
(क) नुकताच शिकायला आल्याने विद्यालयाचे नाव बदनाम होण्याची शक्यता होती.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 4.
चूक की बरोबर लिहा.
i. लेखकाला शिरीषला कार्यक्रम दयायचा होता,
ii. शिरीष हा अनुभवी वादक होता.
उत्तर :
i. चूक
ii. चूक

प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
i. कलेच्या प्रांतातिल हा नवखा मुसाफीर आहे.
ii. मला या मूलाची अतिशय भिती वाटत होती.
उत्तर:
i. कलेच्या प्रांतातील हा नवखा मुसाफिर आहे.
ii. मला या मुलाची अतिशय भीती वाटत होती.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन सर्वनामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. मी
  2. मला
  3. माझ्या

प्रश्न 3.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. अतिशय
  2. संमिश्र
  3. नवखा

प्रश्न 4.
लिंग बदला
i. स्त्री-
ii. विद्यार्थिनी –
उत्तर:
i. पुरुष
ii. विद्यार्थी

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. शेवट × [ ]
  2. निंदा × [ ]
  3. दुःख × [ ]

उत्तर :

  1. सुरुवात
  2. कौतुक
  3. आनंद

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प्रश्न 6.
वाक्प्रचाराचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा, स्थिर होणे
उत्तर :
स्थिर होणे – शांत होणे
वाक्य: मुख्याध्यापकाचा आवाज ऐकताच वर्गातील सर्व विद्यार्थी आपापल्या जागेवर स्थिर झाले.

प्रश्न 7.
खालील दिलेल्या वाक्यांचा काळ ओळखा.
i. मी त्याला कार्यक्रम देण्याचे टाळत होतो.
ii. कला सादर करताना मला अतिशय आनंद वाटत आहे.
उत्तर:
i. भूतकाळ
ii. वर्तमानकाळ

प्रश्न 8.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
तुम्ही स्टेजवर एखादा कार्यक्रम जरूर सादर केलेला असाल त्यावेळी आलेल्या तुमच्या अनुभवांचे वर्णन करा.
उत्तर :
स्टेजवर एखादा कार्यक्रम सादर करणे म्हणजे आनंदाची एक पर्वणीच असते. मी अनेकदा स्टेजवर कार्यक्रमात सहभागी झालेलो आहे. एकदा मी शालेय नाटकस्पर्धेत भाग घेतला होता. त्या नाटकात मी नायकाची भूमिका वठवली होती. तो माझा स्टेजवरील पहिलाच अनुभव होता. त्यामुळे संवाद बोलताना व अभिनय करताना सुरुवातीला मला धास्तीच वाटत होती. मनावर एक प्रकारचे दडपण आलेले होते.

मनात अनेक वेळा शंका येत होती की जर एखादा संवाद चुकला तर संपूर्ण नाटकाचा बट्याबोळ होईल. पण प्रत्यक्षात जेव्हा मी स्टेजवर अभिनय व संवाद यांचा सुंदर समन्वय साधू लागलो, तेव्हा मात्र प्रेक्षकांनी टाळ्या वाजवून मला दाद दिली. मग मला हुरूप आला आणि मी माझी भूमिका चांगल्या प्रकारे वठवून सर्वांच्या स्तुतीस पात्र ठरलो. माझा आनंद गगनात मावेनासा झाला.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 12

प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. फूटलाईट(अ) प्रतिबिंबित
2. मन(ब) ध्यान
3. डोळे मिटून(क) झगझगीत प्रकाश
4. चेहऱ्यावरचा आत्मविश्वास(ड) चलबिचल

उत्तर :

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. फूटलाईट(क) झगझगीत प्रकाश
2. मन(ड) चलबिचल
3. डोळे मिटून(ब) ध्यान
4. चेहऱ्यावरचा आत्मविश्वास(अ) प्रतिबिंबित

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.

  1. फुटलाइटचा झगझगीत प्रकाश डोळयांवर पडताच शिरीषने डोळे मिटून घेतले.
  2. तंबोऱ्याचा धीरगंभीर आवाज घुमू लागला.
  3. चेहऱ्यावर धीटपणा व आत्मविश्वास पुरेपूर प्रतिबिंबित झाला.
  4. हलकेच त्याने ‘षड्ज’ लावला.

उत्तर :

  1. चेहऱ्यावर धीटपणा व आत्मविश्वास पुरेपूर प्रतिबिंबित झाला.
  2. फूटलाइटचा झगझगीत प्रकाश डोळ्यांवर पडताच शिरीषने डोळे मिटून घेतले.
  3. तंबोऱ्याचा धीरगंभीर आवाज घुमू लागला.
  4. हलकेच त्याने ‘षड्ज’ लावला

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. लेखक शिरीषबाबत काय ओळखून होता?
उत्तर :
शिरीषचे अवसान फार वेळ राहणार नाही, हे लेखक ओळखूनोता.

ii. शिक्षक या नात्याने लेखकाचे कोणते कर्तव्य होते?
उत्तर :
कार्यक्रमात शिरीषला सावरून धरणे हे शिक्षक या नात्याने लेखकाचे कर्तव्य होते.

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प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा,

  1. पडदा ……….. वर गेला. (पटकन, झटकन, झरझर, भरभर)
  2. तो …………. गेला आहे, हे मी ओळखले. (गडबडून, घाबरून, गोंधळून, विधरून)
  3. त्याचा चेहरा पूर्वीच्या ……….. न्हाऊन निघाला. (धीटपणाने, अभिमानाने, गनि, आत्मविश्वासाने)

उत्तर:

  1. झरझर
  2. गडबडून
  3. आत्मविश्वासाने

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
तंबोऱ्याचा आवाज : धीरगंभीर :: मनाची अवस्था : ……
उत्तर :
चलबिचल

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कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
फूटलाइटचा झगझगीत प्रकाश डोळ्यांवर पडताच …………
(अ) शिरीषने डोळे पटकन उघडले.
(ब) शिरीषने डोळे झपकन मिटून घेतले.
(क) शिरीषने डोळे मिटून घेतले.
(ड) शिरीषने डोळ्यांवर हात ठेवला.
उत्तर :
(क) शिरीषने डोळे मिटून घेतले.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 13

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 14

प्रश्न 4.
कोष्टक पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 15

प्रश्न 5.
चूक की बरोबर लिहा.
i. लेखकाने तंबोरेवाल्याला व तबलेवाल्याला खूण केली नाही.
ii. शिरीषने डोळे मिटून कुणाचे तरी ध्यान केल्यासारखे दिसले.
उत्तर :
i. चूक
ii. बरोबर

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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
लेखननियमांनुसार वाक्ये शुद्ध करून लिहा.
i. शिरीषने डोळे मीटून कुणाचे तरि ध्यान केल्यासारखे दिसले.
ii. तंबोऱ्याचा धिरगंभीर आवाज घूमु लागला.
उत्तर :
i. शिरीषने डोळे मिटून कुणाचे तरी ध्यान केल्यासारखे दिसले.
ii. तंबोऱ्याचा धीरगंभीर आवाज घुमू लागला.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. चेहरा
  2. प्रकाश
  3. डोळे
  4. पडदा

प्रश्न 3.
वचन बदला.
i. डोळा – [ ]
i. सवयी – [ ]
उत्तर :
i. डोळे
ii. सवय

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प्रश्न 4.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
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कृती प्रश्न 4. स्वमत

प्रश्न 1.
कोणत्याही कलेसाठी धीटपणा व आत्मविश्वास आवश्यक असतो. यावर तुमचे मत लिहा.
उत्तर :
कोणतीही कला असो, ती शिकताना वा तिचे सादरीकरण करताना कलावंताजवळ धीटपणा व आत्मविश्वास असणे आवश्यक असते. खरे पाहता हे दोन्ही गुण कलेसाठी पूरक असतात. आत्मविश्वास ही यशाची पहिली पायरी असते, तर धीटपणा कला सादर करताना अप्रत्यक्षपणे अभिव्यक्त होत असतो. त्यामुळे कला शिकताना व ती सादर करताना व्यक्तीला कोणत्याही प्रकारची अडचण येत नाही. उलट व्यक्ती खंबीरपणे कला आत्मसात करू लागते, तसेच तिचे सादरीकरण ही तितक्याच तन्मयतेने करते. धीटपणा व आत्मविश्वास अंगी बाळगल्यामुळे व्यक्तीचे चित्त इतर घटकांकडे वळत नाही. कला सादर करते वेळी हजारो प्रेक्षकांपुढे ती सादर करताना व्यक्तीच्या मनाची चलबिचल होत नाही.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
i. लेखकाच्या शिकवणीची फी – [ ]
ii. सहा महिन्यापूर्वी विदयालयात आलेला विद्यार्थी – [ ]
उत्तर :
i. पन्नास रूपये
ii. शिरीष भागवत

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. टपणे त्याने विचारले, ‘आपणच का पी. जनार्दन ?’
  2. सुमारे सहा महिन्यांपूर्वी शिरीष माझ्या विद्यालयात आला.
  3. ‘त्यासाठी तुला महिना पन्नास रुपये फी क्यावी लागेल!’
  4. धीमेपणाने शिरीषने भूप रागातील गत वाजायला सुरुवात केली.

उत्तर :

  1. धीमेपणाने शिरीषने भूप रागातील गत वाजायला सुरुवात केली.
  2. सुमारे सहा महिन्यांपूर्वी शिरीष माझ्या विद्यालयात आला.
  3. धीटपणे त्याने विचारले, ‘आपणच का पी. जनार्दन?’
  4. ‘त्यासाठी तुला महिना पन्नास रुपये फी दयावी लागेल.’

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. शिरीषने धीमेपणाने कोणत्या रागातील गत वाजवायला सुरुवात केली?
उत्तर :
शिरीषने धीमेपणाने भूप रागातील गत वाजवायला सुरुवात केली.

ii. शिरीषला घरी कोणत्या नावाने बोलावले जायचे?
उत्तर :
शिरीषला घरी ‘श्री’ या नावाने बोलावले जायचे.

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प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा,
i. सुमारे ………………….. महिन्यांपूर्वी शिरीष विदयालयात आला. (सहा, सात, दहा, चार)
ii. ……………… शिरीषने भूप रागातील गत वाजवायला सुरुवात केली. (पटापट, हळूवारपणे, धीमेपणाने, धीम्यागतीने)
उत्तर :
i. सह्य
ii. धीमेपणाने

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
कानांवर : विश्वास :: पंचेंद्रिये : ……………..
उत्तर :
दगा

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कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून खालील विधान पूर्ण करा.
तुझ्या अटी एकदम मान्य; …………….
(अ) पण त्यासाठी तुला महिना साठ रुपये फी दयावी लागेल!
(ब) पण त्यासाठी तुला महिना पन्नास रुपये फी क्यावी लागेल!
(क) पण त्यासाठी तुला शंभर रुपये फी दयावी लागेल!
पण त्यासाठी तुला सत्तर रुपये फी क्यावी लागेल!
उत्तर :
तुझ्या अटी एकदम मान्य; पण त्यासाठी तुला महिना पन्नास रुपये फी दयावी लागेल!

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 18

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा,
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 19

प्रश्न 4.
चूक की बरोबर लिहा.

  1. शिरीषला शिकविण्याची लेखकाची अजिबात इच्छा नव्हती.
  2. लेखकाला शिरीषचा राग आला.
  3. शिरीषने मल्हार रागातील गत वाजवायला सुरुवात केली.

उत्तर :

  1. चूक
  2. बरोबर
  3. चूक

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प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर :
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
i. माझ्यापेक्षा माझ्या वडीलांना, मि शिकलेले फार आवडेल.
ii. पण त्यासाठी तुला महीना पन्नास रुपये फि द्यावी लागेल.
उत्तर :
i. माझ्यापेक्षा माझ्या वडिलांना, मी शिकलेले फार आवडेल.
ii. पण त्यासाठी तुला महिना पन्नास रुपये फी क्यावी लागेल.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा,
उत्तर :

  1. सुहास्य
  2. चमत्कारिक
  3. थोडासा

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प्रश्न 3.
लिंग बदला
i. आई – [ ]
ii. मुलगी – [ ]
उत्तर :
i. वडील
ii. मुलगा

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. उठतील × – [ ]
  2. घेणे × – [ ]
  3. अमान्य × – [ ]
  4. बंद × – [ ]

उत्तर :

  1. बसतील
  2. देणे
  3. मान्य
  4. चालू

प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिहा.
i. पिता – [ ]
ii. चेहरा – [ ]
उत्तर :
i. वडील
ii. मुद्रा

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प्रश्न 6.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
i. धक्का बसणे
ii. नवल वाटणे
iii. शंका वाटणे
उत्तर :
i. अर्थ : आघात होणे
वाक्य : मुलाच्या मृत्यूची बातमी ऐकताच आईवडिलांना जोरदार धक्का बसला.

ii. अर्थ : आश्चर्य वाटणे
वाक्य : पावसात पिसारा फुलवून नाचणारा मोर बघताना सर्वांना नवल वाटते.

iii. अर्थ : संशय वाटणे
वाक्य : रमेशच्या वागण्याची पोलिसांना शंका वाटू लागली.

प्रश्न 7.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
गाणे गाताना सूर महत्त्वाचे असतात. असे जे म्हटले जाते ते तुम्हास पटते का?
उत्तर :
गाणे गाताना सूर महत्त्वाचे असतात. गाणे गात असलेल्या व्यक्तीला सूरांचे भान ठेवावेच लागते. जर सूर तंतोतंत जुळले तरच व्यक्तीने गाणे चांगल्या प्रकारे सादर केले असे म्हटले जाते. समजा एखाद्या व्यक्तीने गाणे सादर करताना सुरांचा ताळमेळ राखला नाही म्हणजे सूर भटकले तर गाणे गात असलेल्या व्यक्तीचे गाणे चांगल्या प्रकारे सादर होऊच शकत नाही. असे गाणे मनाला भिडत नाही व हृदयात घर करू शकत नाही. चांगले गाणे म्हणजे सुरांचे ताळतंत्र लक्षात घेऊन गायलेल्या गाण्याची सर्व प्रेक्षक वर्ग दाद देतात. अशीच व्यक्ती एक उत्कृष्ट गायक म्हणून नावारूपाला येते. समाजात कलावंत म्हणून ओळखली जाते.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
i. नानांच्या चेहऱ्यावरील भाव – [ ]
ii. लेखकाने वाजवून दाखविलेली गत – [ ]
उत्तर :
i. तृप्तीच्या समाधानाचे
ii. पिलू रागातली

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. एक अक्षर न बोलता नाना खुर्चीवर बसले.
  2. हे माझे गुरुजी, नाना आणि हे माझे वडील!
  3. आमचे नमस्कार झाले.
  4. ‘वा उत्कृष्ट! त्याबद्दल प्रश्नच नाही शिरीषनेच मध्ये उत्तर दिले.

उत्तर :

  1. हे माझे गुरुजी, नाना आणि हे माझे वडील!
  2. आमचे नमस्कार झाले.
  3. एक अक्षर न बोलता नाना खुर्चीवर बसले.
  4. ‘वा उत्कृष्ट! त्याबद्दल प्रश्नच नाही’ शिरीषनेच मध्ये उत्तर दिले.

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. लेखकाला कशाचा राग आला?
उत्तर :
लेखकाला शिरीषच्या आगाऊ स्वभावाचा राग आला होता.

ii. शिरीष बरोबर कोण होते?
उत्तर :
शिरीष बरोबर नाना (वडील) होते.

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iii. लेखकाने कोणत्या रागातील गत वाजवून दाखवली?
उत्तर :
लेखकाने पिलू रागातील गत वाजवून दाखवली.

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा,
i. दुसरे दिवशी तो अगदी ………….. आला. (वेळेव्याआधी, वेळेनंतर, वेळेवर, बऱ्याच वेळाने)
ii. एक अक्षर न बोलता नाना ………….. बसले.
(खुर्चीवर, टेबलावर, आरामखुर्चीवर, बिछान्यावर)
उत्तर :
i. वेळेवर
ii. खुर्चीवर

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
लेखकाचा शिरीषबद्दलचा ग्रह चांगला झाला; कारण …………
(अ) शिरीषने स्वत:बरोबर वही वगैरे आणलेली लेखकाने पाहिली.
(ब) शिरीषने व्हायोलिन आणले होते.
(क) शिरीषने ढोलकी आणली होती.
(ङ) शिरीषने स्वत:बरोबर पेन आणला होता.
उत्तर :
(अ) शिरीषने स्वत:बरोबर वही वगैरे आणलेली लेखकाने पाहिली.

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प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
उत्तर :
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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 24

प्रश्न 4.
कोष्टक पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 5.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 6.
चूक की बरोबर लिहा.
एक अक्षर न बोलता नाना खुर्चीवरून उठले.
उत्तर :
चूक

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प्रश्न 7.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर :
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
लेखननियमांनुसार वाक्य शुद्ध करून लिहा.
शिरीष बरोबर एक वयसकर आणि भारदसत गृहस्थ होते.
उत्तर :
शिरीष बरोबर एक वयस्कर आणि भारदस्त गृहस्थ होते.

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प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. वडील
  2. शिरीष
  3. गुरुजी
  4. नाना
  5. खुर्ची
  6. व्हायोलिन
  7. विदयालय
  8. विदयार्थी
  9. पिता
  10. पुत्र

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. शिकवणी – [ ]
  2. नियम – [ ]
  3. शिक्षक – [ ]
  4. संवेदना – [ ]
  5. म्हातारा – [ ]
  6. पद्धत – [ ]
  7. उद्देश – [ ]
  8. उत्तम – [ ]

उत्तर :

  1. अध्यापन
  2. अट
  3. गुरुजी
  4. जाणीव
  5. वयस्कर
  6. प्रथा
  7. हेतू
  8. उत्कृष्ट

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प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. तरुण × [ ]
  2. नाकबूल × [ ]
  3. आज × [ ]
  4. रात्र × [ ]

उत्तर :

  1. वयस्कर
  2. कबूल
  3. उदया
  4. दिवस

प्रश्न 5.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दसामान्यरूप
विद्यालयातविद्यालया
चेहऱ्याकडेचेह-या
स्वभावाचास्वभावा

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 6.
खालील वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहा.
i. एक अक्षर न बोलणे
ii. प्रथा असणे
उत्तर :
i. एक अक्षर न बोलणे – गप्प बसून राहणे
ii. प्रथा असणे – पद्धत असणे

प्रश्न 7.
खालील दिलेल्या वाक्यांचा काळ ओळखा.
i. व्हायोलिन काढले व शिरीषच्या हातात दिले होते.
ii. शिरीष माझ्याकडे व नानांकडे आळी-पाळीने बघत आहे.
उत्तर :
i. भूतकाळ
ii. वर्तमानकाळ

प्रश्न 8.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 27

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
एखाक्याचा स्वभाव आगाऊ असतो म्हणजे कसा? हे तुमच्या शब्दात सांगा.
उत्तर :
आगाऊ स्वभाव म्हणजे थोडासा उद्धट असा स्वभाव असलेली व्यक्ती स्वभावाने बिनधास्त असते. कधीही कोणाला न घाबरता प्रश्न विचारणे हा तिचा स्वभाव असतो. अशी व्यक्ती इतरांशी बोलताना स्पष्टपणे आपले विचार व्यक्त करते. आपल्या समोरील व्यक्ती आपल्यापेक्षा वयाने छोटी आहे की मोठी हे सुद्धा ती पाहत नाही व आपले मत त्यांच्यासमोर स्पष्टपणे व्यक्त करते. अशा व्यक्तींशी जर कोणी थोडा फार आवाज चढवून बोलले तर अशा स्वभावाच्या व्यक्तींना फारच राग येतो व मग आपल्याशी आवाज चढवून बोलत असलेल्या व्यक्तीचा पाणउतारा केल्याशिवाय ती गप्प राहूच शकत नाही.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
i. भोचकपणे उत्तर देणारा .
ii. शिरीष बरोबर रोज यायचे
उत्तर :
i. शिरीष
ii. नाना (वडील)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. त्याचा चेहरा काहीसा उतरला!
  2. ते कौतुकाच्या नजरेनेच त्याच्याकडे पाहत होते.
  3. शिरीषला अत्यानंद होईल अशी कल्पना होती.
  4. ‘माझ्यापेक्षा नानांना त्याचा आनंद जास्त होईल.’

उत्तर :

  1. ते कौतुकाच्या नजरेनेच त्याच्याकडे पाहत होते.
  2. शिरीषला अत्यानंद होईल अशी कल्पना होती.
  3. त्याचा चेहरा काहीसा उतरला!
  4. ‘माझ्यापेक्षा नानांना त्याचा आनंद जास्त होईल.’

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. नाना कोणाला दम भरतील असे लेखकाला वाटत होते?
उत्तर :
नाना शिरीषला दम भरतील असे लेखकाला वाटत होते.

ii. नाना शिरीषकडे कोणत्या नजरेने पाहत होते?
उत्तर :
नाना शिरीषकडे कौतुकाच्या नजरेने पाहत होते.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
i. नियमितपणे रोज ………….” जोडी येऊ लागली. (मातापित्याची, पितापुत्राची, काकापुतण्याची, दादामामाची)
ii. हां हां म्हणता “” “महिने निघून गेले! (चार, पाच, तीन, सहा)
उत्तर :
i. पितापुत्राची
ii. तीन

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
आकलनशक्ती : दांडगी :: ठाशीव स्वरूपाचे : ………………..
उत्तर :
उत्तर

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा,
i. लेखकाच्या सर्व विदयार्थ्यांत त्याची ……………….
(अ) स्मरणशक्ती फारच दांडगी होती.
(ब) आकलनशक्ती फारच दांडगी होती,
(क) विचारशक्ती फारच दांडगी होती.
(ड) चिंतनशक्ती फारच दांडगी होती.
उत्तर :
(ब) आकलनशक्ती फारच दांडगी होती,

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

ii. लेखकाने आपल्या विद्यालयाच्या प्रथम कार्यक्रमात आपण ……..
(अ) अमेयला कार्यक्रम दयायचा असा निश्चय केला.
(ब) नानांना कार्यक्रम दयायचा असा निश्चय केला.
(क) शिरीषला कार्यक्रम व्यायचा असा निश्चय केला.
(ड) गुरुजींना कार्यक्रम दयायचा असा निश्चय केला.
उत्तर :
(क) शिरीषला कार्यक्रम व्यायचा असा निश्चय केला.

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 3.
चूक की बरोबर लिहा.

  1. गंभीर आवाजात ठाशीव स्वरूपाचे उत्तर आले.
  2. माझ्यापेक्षा नानांना त्याचे दु:ख जास्त होईल.
  3. लेखक नानांशी बोलत नसत.

उत्तर :

  1. बरोबर
  2. चूक
  3. बरोबर

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प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर :
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा,
i. भोचकपणे शीरीषच पून: म्हणाला
ii. एक अक्षरहि न बोलता शांत बसुन राहात.
उत्तरः
i. भोचकपणे शिरीषच पुन्हा म्हणाला.
ii. एक अक्षरही न बोलता शांत बसून राहात.

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प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. अतिशय
  2. सर्व
  3. गंभीर
  4. प्रथम

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
i. निश्चय, निशचय, नीश्चय, निशय
ii. विदयालय, बीद्यालय, वीदय्यालय, विद्यालय
उत्तर :
i. निश्चय
ii. विद्यालय

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प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. प्रशंसा – [ ]
  2. नवल – [ ]
  3. सुधारणा – [ ]
  4. निर्धार – [ ]

उत्तर :

  1. कौतुक
  2. आश्चर्य
  3. प्रगती
  4. निश्चय

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. निंदा × [ ]
  2. अधोगती × [ ]
  3. जड × [ ]
  4. अनियमित × [ ]

उत्तर :

  1. कौतुक
  2. प्रगती
  3. हलका
  4. नियमित

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प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर :
i. महिने
ii. विदयार्थी

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दसामान्यरूप
स्वरूपाचेस्वरूपा
कौतुकाच्याकौतुका
विद्यार्थ्यातविदयाथ्यो
आनंदाच्याआनंदा

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प्रश्न 8.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहा.

  1. दम भरणे
  2. अक्षरही न बोलणे
  3. निश्चय करणे
  4. अत्यानंद होणे

उत्तर :

  1. दम भरणे – ओरडणे
  2. अक्षरही न बोलणे – गप्प बसणे
  3. निश्चय करणे – ठरवणे
  4. अत्यानंद होणे – खूप आनंद होणे

प्रश्न 9.
खालील दिलेल्या वाक्यांचा काळ ओळखा.
i. मी पण त्यांच्याशी बोलत नसे.
ii. तुझा कार्यक्रम आहे.
उत्तर :
i. भूतकाळ
ii. वर्तमानकाळ

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प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
मुलांच्या कर्तृत्वाचे त्यांच्यापेक्षा त्यांच्या पालकांनाच अधिक कौतुक वाटते असे जे म्हटले जाते ते तुम्हास पटते का?
उत्तर :
मुलांच्या कर्तृत्वाचे त्यांच्यापेक्षा त्यांच्या पालकांनाच अधिक कौतुक वाटते असे जे म्हटले जाते ते मला शंभर टक्के पटते. प्रत्येक आई-वडील आपल्या मुलांना लहानाचे मोठे करतात त्यांना शिक्षण देतात. प्रत्येक आई-वडिलांचे स्वप्न असते की आपल्या लाडक्याने मोठे होऊन आपल्या घराचे, समाजाचे व देशाचे नाव मोठे करावे. जेव्हा मुले परीक्षेत प्रथम येतात.

डॉक्टर किंवा अभियंता होतात, तेव्हा त्यांच्या आई-बाबांना ब्रह्मानंद झाल्याशिवाय राहत नाही. मुलांपेक्षा त्यांनाच अधिक कौतुक वाटते. त्यांच्या मुलांनी आयुष्यात मिळविलेले यश हे त्यांनी आयुष्यभर कष्ट करून मिळविलेल्या तपाचे फळ असते. म्हणून मुलांच्या कर्तृत्वाचे त्यांच्यापेक्षा त्यांच्या पालकांनाच अधिक कौतुक वाटते, असे जे म्हटले जाते ते अगदी योग्यच आहे.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
i. शिरीष न येण्याचे कारण – [ ]
ii. लेखक बेचैन झाला होता – [ ]
उत्तर :
i. नाना आजारी होते.
ii. शिरीषच्या आठवणीने

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. ‘नाना आजारी असल्यामुळे शिरीष येऊ शकणार नाही.’
  2. समारंभाचा दिवस उगवला.
  3. मी जरा स्वस्थ बसतो न बसतो तोच दारात शिरीष उभा!
  4. दुसऱ्या दिवशीसुद्धा शिरीष आला नाही.

उत्तर :

  1. दुसऱ्या दिवशीसुद्धा शिरीष आला नाही.
  2. ‘नाना आजारी असल्यामुळे शिरीष येऊ शकणार नाही.’
  3. समारंभाचा दिवस उगवला.
  4. मी जरा स्वस्थ बसतो न बसतो तोच दारात शिरीष उभा!

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. लेखकाच्या मनात वरचेवर कोणती शंका येत असे?
उत्तर :
नाना जवळ असताना शिरीष मोकळ्या मनाने व्हायोलिन वाजवत नसावा अशी शंका लेखकाच्या मनात वरचेवर येत असे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

ii. शिरीषच्या आठवणीने कोण बेचैन झाले होते?
उत्तर :
शिरीषच्या आठवणीने लेखक बेचैन झाला होता.

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
i. मी जरा स्वस्थ बसतो न बसतो तोच दारात ………………… उभा! (शिरीष, नाना, शिक्षक, गिरीष)
ii. ……….. गेले आणि प्रत्येक वेळी मिळणाऱ्या शिरीषच्या त-हेवाईक उत्तराचे आश्चर्य करीत मी बसलो.
(मातापिता, काकापुतण्या, पितापुत्र, काकाकाकी)
उत्तर :
i. शिरीष
ii. पितापुत्र

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
या शिवाय आणखीन एक शंका लेखकाच्या मनात वरचेवर येत असे, ती म्हणजे …………..
(अ) लेखक असताना शिरीष मोकळ्या मनाने व्हायोलिन वाजवत नाही.
(ब) नाना जवळ असताना शिरीष मोकळ्या मनाने व्हायोलिन वाजवत नाही.
(क) नाना जवळ असताना शिरीष मोकळया मनाने गिटार वाजवत नाही.
(ड) नाना असताना शिरीष मोकळ्या मनाने पेटी वाजवत नाही.
उत्तर :
(ब) नाना जवळ असताना शिरीष मोकळ्या मनाने व्हायोलिन वाजवत नाही.

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प्रश्न 2.
कोण ते लिहा, – [ ]
i. आजारी होते – [ ]
ii. आठवणीने बेचैन होता
उत्तर :
i. नाना
ii. लेखक

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 4.
चूक की बरोबर लिहा.
i. त्याचा हा पहिला खाडा, नसेल एखादवेळेस जमले.’
ii. ‘नाना ठणठणीत असल्यामुळे शिरीष येऊ शकणार नाही.’
उत्तर :
i. बरोबर
ii. चूक

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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमानुसार शुद्ध करून लिहा.
त्याचे नाव पण काढायचे नाही, असे ठरवुन मि बाकीचे विद्यार्थी तयार केले.
उत्तर :
त्याचे नाव पण काढायचे नाही, असे ठरवून मी बाकीचे विद्यार्थी तयार केले.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. पिता
  2. पुत्र
  3. शिरीष
  4. नाना
  5. मनुष्य
  6. फी
  7. पैसे
  8. कार्यक्रम
  9. सकाळ
  10. दार

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प्रश्न 3.
उताऱ्यातील दोन विशेषण शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. 0त-हेवाईक
  2. मोकळ्या
  3. पहिला

प्रश्न 4.
अचूक शब्द लिहा.
i. बेचैन, बैचन, बैचेन, बेचन
ii. व्हायोलिन, व्हायलिन, व्ायलीन, व्होयालीन
उत्तर :
i. बेचैन
ii. व्हायोलिन

प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. पिता – [ ]
  2. पुत्र – [ ]
  3. खाडा – [ ]
  4. रहस्य – [ ]
  5. शंका – [ ]
  6. दिवस – [ ]

उत्तर :

  1. वडील
  2. मुलगा
  3. गैरहजेरी
  4. गुपित
  5. संशय
  6. दिन

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प्रश्न 6.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. रात्र × [ ]
  2. चूक × [ ]
  3. अवेळी × [ ]
  4. प्रश्न × [ ]
  5. जवळ × [ ]
  6. मावळला × [ ]
  7. अस्वस्थ × [ ]

उत्तर :

  1. दिवस
  2. बरोबर
  3. वेळी
  4. उत्तर
  5. दूर
  6. उगवला
  7. स्वस्थ

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दसामान्यरूप
प्रश्नाचेप्रश्ना
थोड्याशाथोड्या

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प्रश्न 8.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
i. आश्चर्यचकित होणे
ii. बेचैन होणे
उत्तर :
i. अर्थ : नवल वाटणे
वाक्य : सर्कसमध्ये प्राण्यांचे खेळ पाहून मुले आश्चर्यचकित झाली.

ii. अर्थ : अस्वस्थ होणे
वाक्य : आई घरात न दिसल्याने भूषण बेचैन झाला होता.

प्रश्न 9.
खालील दिलेल्या वाक्यांचा काळ ओळखा.
i. त्याचा ा पहिला खाडा होता.
ii. मी उगाचच बेचैन झालो आहे.
उत्तर :
i. भूतकाळ
ii. वर्तमानकाळ

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प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 34

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
ऐन कार्यक्रमाच्या दिवशी तुमच्याबरोबर कार्यक्रमात भाग घेतलेला तुमचा मित्र गैरहजर राहिल्यास तुमची मन:स्थिती कशी होईल?
उत्तर :
समजा मी एखादया संगीत नाटकात भाग घेतलेला आहे व माझ्याबरोबर माझ्या मित्रानेही त्यात भाग घेतलेला आहे. गेल्या महिनाभर आम्ही त्यासाठी पूर्वतयारी केलेली आहे. ऐन नाटकाच्या दिवशी कही कारणास्तव तो नाटकाला हजर राहू शकणार नाही हे समजताच माझी तारांबळ उडेल. नाटक सादर कसे करायचे तसेच गैरहजर राहिलेल्या मित्राचे संवाद अगदी ऐन वेळी कोण पाठ करणार? असे अनेक प्रश्न मनात निर्माण होतील. कार्यक्रम सूचीतून नाटक रद्द करण्याशिवाय दुसरा मार्गच राहणार नाही. गेल्या महिनाभर वेळ काढून केलेल्या तयारीला काहीच अर्थ उरणार नाही. त्यामुळे मन खिन्न व उदास होईल.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 35

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
i. शिरीष जन्मात हात लावणार नव्हता.
ii. लेखकांनी कार्यक्रमाची परवानगी दिली.
उत्तर :
i. व्हायोलिनला
ii. शिरीषला

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. ‘माझे नाना…नाना…माझे नाना कायमचे गेले हो सर!’
  2. मी ताडकन उभा राहिलो व त्याच्याजवळ गेलो.
  3. सर, माझी एवढी एकच विनंती मान्य करा.
  4. ‘तर माझी मनःस्थिती आपोआपच सुधारेल!’

उत्तर :

  1. मी ताडकन उभा राहिलो व त्याच्याजवळ गेलो.
  2. ‘माझे नाना…नाना…माझे नाना कायमचे गेले हो सर!’
  3. सर, माझी एवढी एकच विनंती मान्य करा.
  4. ‘तर माझी मन:स्थिती आपोआपच सुधारेल!’

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. लेखकाने कोणाचे सांत्वन केले?
उत्तर :
लेखकाने शिरीषचे सांत्वन केले.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

ii. अगितक होऊन शिरीष कोणाला विनंती करत होता?
उत्तर :
अगतिक होऊन शिरीष लेखकाला विनंती करत होता,

iii. शिरीषला कार्यक्रम देण्यास लेखक नकार का देत होता?
उत्तर :
शिरीषला कार्यक्रम देण्यास लेखक नकार देत होता कारण; तो दोन महिने गैरहजर होता.

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
i. अरे, तुझा ………. तरी काय? (नाव, गाव, पत्ता, धंदा)
ii. नंतर जन्मात हात लावणार नाही ……….! (व्हायोलिनला, गिटारला, विण्याला, तबल्याला)
उत्तर :
i. पत्ता
ii. व्हायोलिनला

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प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
विनंती : लेखकाला :: आगतिक ……………….
उत्तर :
शिरीष

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा. ………………..
i. ‘इकडची दुनिया तिकडेच झाली आहे सर.
(अ) यापुढे मी दिसणार नाही!
(ब) यापुढे मी एकटाच दिसेन !
(क) यापुढे मी आणि नाना येईन!
(ड) यापुढे मी कधीच बोलणार नाही!
उत्तर :
(ब) यापुढे मी एकटाच दिसेन !

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

ii. आजच्या या पहिल्या कार्यक्रमावरच आपल्या ……………..
(अ) विद्यालयाची इभ्रत अवलंबून आहे.
(ब) विद्यालयाची शान अवलंबून आहे.
(क) विद्यालयाची पत अवलंबून आहे.
(ड) विदयालयाचे नाव अवलंबून आहे.
उत्तर :
(अ) विद्यालयाची इभ्रत अवलंबून आहे.

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
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प्रश्न 3.
सत्य वा असत्य ते लिहा.

  1. ‘मला परवानगी दिलीत, तर माझी मनःस्थिती आपोआपच सुधारेल!’
  2. गिरीष, मी तुझ्या भावना ओळखतो’
  3. ‘आज आपल्या विद्यालयाचा कार्यक्रम ना?’

उत्तर :

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य

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प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर :
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
i. ‘इकडची दुनीया तीकडे होईल ना?’
ii. ‘तू पूढे जन्मभर वाजव पण आज वाजवु नको.’
उत्तर :
i. ‘इकडची दुनिया तिकडे होईल ना?’
ii. ‘तू पुढे जन्मभर वाजव पण आज वाजवू नको.’

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
i. इभरत, इभत, इभ्रत, इर्भत
ii. दुःखित, दुखित, दूःखित दुःखीत
उत्तर :
i. इभ्रत
i. दुःखित

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प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा.
i. निर्धार – [ ]
ii. सौम्य – [ ]
उत्तर :
i. निश्चय
ii. शांत

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. दूर × [ ]
  2. इकडे × [ ]
  3. हजर × [ ]
  4. चूक × [ ]
  5. सुरुवात × [ ]
  6. आनंदी × [ ]

उत्तर :

  1. जवळ
  2. तिकडे
  3. गैरहजर
  4. बरोबर
  5. शेवट
  6. दु:खी

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प्रश्न 5.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दप्रत्ययविभक्ती
विदयालयाचाचाषष्ठी
आवाजातसप्तमी
व्हायोलिनलालाद्वितीया

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दसामान्यरूप
सांत्वनानंतरसांत्वना
विद्यालयाचाविदयालया
आवाजातआवाजा
कार्यक्रमावरकार्यक्रमा

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प्रश्न 7.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहा.
i. इभ्रत राखणे
ii. आगतिक होणे
उत्तर :
i. इभ्रत राखणे – इज्जत राखणे / प्रतिष्ठा राखणे
ii. अगतिक होणे – अधीर होणे

प्रश्न 8.
खालील दिलेल्या वाक्यांचा काळ ओळखा,
i. तुझी मन:स्थिती पण आज बरोबर नाही.
आज आपला नाईलाज आहे.
उत्तर :
i. वर्तमानकाळ
ii. वर्तमानकाळ

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 9.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 38

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
तुम्ही शिरीषच्या जागी असता तर तुम्ही काय केले असते ते थोडक्यात सांगा.
उत्तर :
मी जर शिरीषच्या जागी असतो तर कार्यक्रमाला गेलो असतो. शिक्षकांना विनंती करून कार्यक्रमात वाजविण्याची परवानगी मिळवली असती. स्वत:चे दुःख विसरून संगीतक्षेत्रात स्वत:ला झोकून दिले असतेवदिवस-रात्र मेहनतकरूनआपल्या पालकांचे स्वप्न पूर्ण केले असते. एकाग्रता व जिद्द यांची सांगड घालून यशाची उंचच उंच भरारी मारली असती. संगीत शिकत असताना येत असलेल्या सर्व संघर्षांचा सामना केला असता; पण काहीही झाले असते तरी संगीत शिकण्याचे थांबविले नसते.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 39

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
i. संगीतसेवा अंतरली याचाच धक्का बसला – [ ]
ii. एकेकाळी उत्कृष्ट गवई होते – [ ]
उत्तर :
i. नानांना
ii. शिरीषचे नाना

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 3.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
i. माझे नाना एकेकाळी ………………. गवई होते. (उत्कृष्ट, चांगले, मध्यम, दर्जाचे)
ii. ………. कडकडाटाने मी भानावर आलो. (वाक्यांच्या, टाळ्यांच्या, आवाजाच्या, किंचाळीच्या)
उत्तर :
i. उत्कृष्ट
ii. टाळ्यांच्या

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. डोळे पुशीत शिरीष म्हणाला, ‘सर, काय ही भलतीच शंका!’
  2. शेवटी त्यांनी मला काही तरी वादय शिकण्यासाठी उद्युक्त केले.
  3. त्याप्रमाणे मी परवानगी दिली आणि शिरीष वाजवू लागला.
  4. नवीनच शिकायला लागलेला मुलगा इतके उत्कृष्ट वाजवतो.

उत्तर :

  1. त्याप्रमाणे मी परवानगी दिली आणि शिरीष वाजवू लागला.
  2. नवीनच शिकायला लागलेला मुलगा इतके उत्कृष्ट वाजवतो.
  3. डोळे पुशीत शिरीष म्हणाला, ‘सर, काय ही भलतीच शंका!’
  4. शेवटी त्यांनी मला काही तरी वादव शिकण्यासाठी उद्युक्त केले.

प्रश्न 5.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. शिरीषने लेखकाला काय पाठवली?
उत्तर :
शिरीषने लेखकाला फी व चिठ्ठी पाठवली.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

ii. शिरीष कार्यक्रमात कोणते वाक्य वाजवत होता.
उत्तर :
शिरीष कार्यक्रमात व्हायोलिन हे वाक्य वाजवत होता.

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.
i. ज्या दिवशी मी तुमच्याकडे फी व
(अ) चिठ्ठी पाठवली.
(ब) संदेश पाठवला.
(क) वही पाठवली.
(ड) पेन पाठवला.
उत्तर :
(अ) चिठ्ठी पाठवली.

ii. डोळे पुशीत शिरीष म्हणाला.
(अ) सर, काय हे भलतच सांगताय!
(ब) सर, काय हे भलतच म्हणताय!
(क) सर, काय ही भलतीच शंका!
(ड) सर, काय ही भलतीच निंदा!
उत्तर :
(क) सर, काय ही भलतीच शंका!

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा,
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 40

प्रश्न 3.
सत्य वा असत्य ते लिहा.

  1. लेखकाने परवानगी दिली आणि शिरीष वाजवू लागला.
  2. माझे नाना उत्कृष्ट खेळाडू होते.
  3. नानांनी शिरीषला वाक्य शिकण्यासाठी उद्युक्त केले.

उत्तर :

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य

प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 41

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
i. ओठांच्या हालचालिंवरून त्यांना काहि काही शब्द समजत.
ii. ज्या दिवशी मि तुमच्याकडे फी व चीट्ठी पाठवली, त्याच रात्री नाना वारले.
उत्तर :
i. ओठांच्या हालचालींवरून त्यांना काही काही शब्द समजत,
ii. ज्या दिवशी मी तुमच्याकडे फी व चिठ्ठी पाठवली, त्याच रात्री नाना वारले.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन सर्वनामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. मी
  2. मला
  3. त्याने
  4. तू
  5. त्यांना
  6. ते
  7. माझे

प्रश्न 3.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. शिरीष
  2. पाय
  3. फी
  4. चिट्ठी
  5. व्हायोलिन
  6. गवई
  7. हात

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. लोक – [ ]
  2. पाय – [ ]
  3. शंका – [ ]
  4. डोळे – [ ]
  5. हात – [ ]
  6. अंतरली – [ ]
  7. वारंवार – [ ]
  8. कौशल्य – [ ]

उत्तर :

  1. जनता
  2. पद
  3. संशय
  4. नयन
  5. कर
  6. दुरावली
  7. पुन्हापुन्हा
  8. कसब

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. शंका × [ ]
  2. दिवस × [ ]
  3. सोई × [ ]
  4. अंतरली × [ ]

उत्तर :

  1. कुशंका
  2. रात्र
  3. गैरसोई
  4. मिळाली

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दसामान्यरूप
पायांवरपायां
माझ्याकडेमाझ्या
वादकाप्रमाणेवादका
टाळ्यांच्याटाळयां

प्रश्न 7.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. विदयार्थी
  2. लोक
  3. टाळया
  4. डोळे

प्रश्न 8.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहा.

  1. परवानगी देणे
  2. भानावर येणे
  3. उदयुक्त करणे

उत्तर :

  1. होकार देणे / अनुमती देणे
  2. शुद्धीवर येणे
  3. प्रोत्साहन देणे, प्रेरित करणे,

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 9.
काळ बदला, (भविष्यकाळ करा)
शिरीष आत आला व त्याने माझ्या पायांवर डोके ठेवले.
उत्तर :
शिरीष आत येईल व तो माझ्या पायांवर डोके ठेवेल.

प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 42

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
नवीन तंत्रज्ञानाशी मानवाची लगेचच मैत्री होत नाही, असे तुम्हांस वाटते का ? स्पष्ट करा.
उत्तर :
तंत्रज्ञान हे नेहमीच बदलत असते. त्यात प्रगती होत असते. नवीन तंत्रज्ञान मानवासाठी एक चमत्कार असते. त्याच्याशी जवळीक साधण्यासाठी मनुष्याला थोडाफार वेळ लागतो. त्याची रीत वा पद्धत, तंत्र समजून घेण्यासाठी मानवाला थोडा उशीर लागतो. ज्याप्रमाणे देशात सर्वप्रथम रेल्वे सुरू झाली तेव्हा लोकांच्या मानसिकतेत बदल व्हायला व तिचा वापर करण्यास फार वेळ लागला होता. त्याप्रमाणे आता एवढा वेळ लागत नाही. वा त्याचे आश्चर्य वाटत नाही; पण तरीही नवीन तंत्रज्ञान म्हटले की ते शिकण्यास वा जाणून घेण्यास घोडा फार वेळ लागतोच.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 43

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
i. शिरीषला खेद वाटायचा – [ ]
ii. लोकांच्या निदेकडे लक्ष न देता शिरीष – [ ]
उत्तर :
i. नानांना ऐकायला येत नव्हतं.
ii. व्हायोलिन वाजवू लागला.

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. शिरीषला नानांसमोर मोकळेपणा वाटत नव्हता.
  2. ‘बेटा वाजव, मी ऐकतो आहे.’
  3. शिरीष गप्प बसला आणि मी बोलू शकत नव्हतो.
  4. नाना रोज शिरीषबरोबर येत होते.

उत्तर :

  1. नाना रोज शिरीषबरोबर येत होते.
  2. शिरीषला नानांसमोर मोकळेपणा वाटत नव्हता.
  3. बेटा वाजव, मी ऐकतो आहे.’
  4. शिरीष गप्प बसला आणि मी बोलू शकत नव्हतो.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
i. शिरीष किती तास सराव करत होता?
उत्तर :
शिरीष 24 तास सराव करत होता.

ii. ताना व सूर कोण सांगत आहेत, असा भास शिरीषला व्हायचा.
उत्तर :
ताना व सूर नाना सांगत आहेत, असा भास शिरीषला व्हायचा.

iii. शिरीषने डोळे मिटून घेताच नाना काय म्हणाले?
उत्तर :
‘बेटा वाजव, मी ऐकतो आहे!’ असे नाना म्हणाले.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
i. डोळ्यांसमोर …………. नव्हते, ………….. नव्हते, कोणी नव्हते. (प्रेक्षक/थिएटर, लोक/प्रेक्षक, जनता/ प्रेक्षक, थिएटर/प्रेक्षक)
ii. …………… गप्प बसला आणि मी काहीच बोलू शकत नव्हतो. (शिरीष, नाना, लेखक, रमेश)
उत्तर :
i. प्रेक्षक/थिएटर
ii. शिरीष

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा,
i. चोवीस तास एकच उदयोग, ……………..
(अ) एकच चिंता!
(ब) एकच ध्यास!
(क) एकच विचार!
(ड) एकच शिक्षा!
उत्तर :
(ब) एकच ध्यास!

ii. ज्या दिवशी नाना गेले त्याच दिवशी मी ठरवले, की ………
(अ) संगीत बंद !
(ब) वाक्ष्य बंद !
(क) व्हायोलिन बंद !
(ड) पेटी बंद !
उत्तर :
(अ) संगीत बंद !

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 44

प्रश्न 3.
सत्य वा असत्य ते लिहा.
i. आज कार्यक्रमाच्या सुरुवातीला, एवढे लोक पाहून, शिरीष गडबडून गेला होता.
ii. बारा तास एकच उदयोग, एकच ध्यास!
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 45

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
या वीचारासरशी, लोकांच्या नींदेकडे लक्ष न देता मी त्याच दिवसापासून व्हायोलिन वाजवायला सुरुवात केली.
उत्तर :
या विचारासरशी, लोकांच्या निदेकडे लक्ष न देता मी त्याच दिवसापासून व्हायोलिन वाजवायला सुरुवात केली.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. संगीत
  2. नाना
  3. व्हायोलिन
  4. प्रेक्षक
  5. थिएटर
  6. बेटा
  7. आवाज

प्रश्न 3.
उताऱ्यातील दोन सर्वनामे शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. त्यांना
  2. ते
  3. मला
  4. मी

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. पुष्कळ – [ ]
  2. सुधारणा – [ ]
  3. सराव – [ ]
  4. दुःख – [ ]

उत्तर :

  1. अमाप
  2. प्रगती
  3. रियाज
  4. खेद

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 5.
विरूद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. शेवट – [ ]
  2. आनंद – [ ]
  3. अधोगती – [ ]

उत्तर :

  1. सुरुवात
  2. खेद
  3. प्रगती

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर :

  1. विदयार्थी
  2. लोक
  3. टाळया
  4. डोळे

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर :

शब्दसामान्यरूप
विचारासरशीविचारा
शास्त्रासाठीशास्त्रा
निंदेकडेनिंदे
तारांवरूनतारां

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रश्न 8.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहा.

  1. धडपड करणे
  2. खेद करणे
  3. निंदा करणे

उत्तर :

  1. खूप मेहनत करणे
  2. दु:ख करणे
  3. वाईट बोलणे

प्रश्न 9.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ 46

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
संगीतशास्त्राची प्रेरणा ज्यास मिळते त्याचे भाग्य मुखासमाधानात न्हाऊन निघते, या कश्चनावर तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तर :
संगीतशास्त्र ही जीवनोपयोगी कला आहे. सूर ताल व लय यांचा मिलाप त्यात आहे. संगीतशास्त्र शिकणे हे कोणाचेही काम नाही. ही शिकण्याची संधी व भाग्य त्यालाच मिळते, ज्यास दैवी ईश्वरीय शक्तीचे वरदान लाभलेले आहे. लता मंगेशकर, आशा भोसले, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, शान, भीमसेन जोशी अशा अनेक दिग्गजांनी संगीतशास्त्रात नाव कमावलेले आहे. त्यांनादेखील संगीतशास्त्राची प्रेरणा त्यांच्या गुरूपासून लाभलेली आहे. त्यांच्या गुरूंची त्यांच्यावर असलेली कृपा हीच त्यांना मिळालेली प्रेरणा होय. त्यामुळेच त्यांचे आयुष्य सुखासमाधानात न्हाऊन निघालेले आहे.

‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय :

नाव : वसंत पुरुषोत्तम काळे
कालावधी : 1932-2001
कथालेखक, निबंधकार, नाटककार, कादंबरीकार, ‘लोंबकळणारी माणसं’, ‘पण माझ्या हातांनी’, ‘पेन सलामत तो’, ‘ब्रम्हदेवाचा काळ’, ‘गुलमोहर’, ‘कर्मचारी’, ‘का रे भुललासी’, ‘ऐक सखे’, ‘वन फॉर द रोड’, ‘मायाबाजार’, ‘स्वर, ‘संवादिनी’, ‘वलय’ इत्यादी कथासंग्रहः ‘ही वाट एकटीची’, ‘पार्टनर’ इत्यादी कादंबरीलेखन प्रसिद्ध, आकर्षक कथानके, ओघवती निवेदनशैली आणि चटपटीत संवाद यांमुळे त्यांच्या कथा वाचकप्रिय आहेत.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

प्रस्तावना :

‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’ ही कथा लेखक व.पु.काळे यांनी लिहिली आहे. या कथेत संगीत कलेवर जिवापाड प्रेम करणारे वडील व अपघातामुळे संगीतसेवेपासून अंतरलेल्या वडिलांच्या सौख्यासाठी धडपडणारा मुलगा यांचे भावस्पर्शी वर्णन लेखकांनी केले आहे.

‘Beta, mi aikto ahe!’ This story is written by writer V. P. Kale. In this story, we can witness a father who loves music more than his life and a son who struggles for happiness of father who has lost music because of an accident.

शब्दार्थ :

  1. अपघात – दुर्घटना, (an accident)
  2. सौख्य – संतोष, सुखासमाधानाची स्थिती (happiness)
  3. कोलाहल. – गोंगाट, गोंधळ (an uproar, noise)
  4. स्थिर – स्तब्ध, शांत (stable, steady)
  5. खात्री – भरवसा (trust, certainty)
  6. वादन – वाक्य वाजवण्याची कृती सादर – एखाक्यासमोर ठेवणे (to render)
  7. आस्वाद – (येथे अर्थ) आनंद (relish)
  8. धीटपणा – साहस (boldness, daring, courage)
  9. नवखा – नवीन (new)
  10. प्रतिबिंब – पडछाया (reflection)
  11. मुसाफिर – प्रवासी (traveller)
  12. अवसान – हिंमत, धमक (guts, courage)
  13. श्रोतृवृंद – ऐकण्यासाठी जमलेल्या लोकांचा समूह (audience)
  14. झरझर – घाईघाईने (quickly)
  15. झगझगीत – चकाकणारे (glittering, sparkling)
  16. सबंध – संपूर्ण (entire, whole)
  17. चलबिचल – अस्वस्थता (hesitation)
  18. तंबोरा – एक तंतुवादय (astring instrument)
  19. धीरगंभीर – शांतपणे (serious)
  20. ध्यान – चिंतन, मनन (meditation, attention)
  21. षड्ज – संगीतातील सप्तस्वरांपैकी पहिला स्वर (सा) (the Ist note of the gamut)
  22. धीमेपणाने – हळुवारपणे (slowly)
  23. पंचेद्रिये – ज्ञानप्राप्तीची पाच इंद्रिये (the five sense organs)
  24. दगा . विश्वासघात (betrayal)
  25. सुहास्य – चांगले हास्य (a beautiful smile)
  26. मुख – चेहरा (face)
  27. वयस्कर – प्रौढ (elderly)
  28. ग्रह – समजूत, कल्पना (a prejudice)
  29. प्राथमिक – सुरुवातीचा, प्रारंभिक (elementary, primary)
  30. प्रथा – रूडी, (general practice, custom)
  31. नेटाने – जोर लावून, कष्टपूर्वक, प्रयत्नपूर्वक (with tremendous efforts)
  32. आळीपाळीने – आलटून-पालटून, क्रमबदलून (alternately, by turns)
  33. आगाऊ – उद्धट (rude)
  34. आकलन शक्ती – बोधशक्ती (grasping power)
  35. अत्यानंद – परमानंद, अतिशय आनंद (rapture, great joy and delight)
  36. सांत्वन – दिलासा (consolation)
  37. सौम्य – हळूवार, शांत (gentle, soft)
  38. इभ्रत – पत, लौकिक (prestige)
  39. आगतिक – असहाय्य, निराधार (helpless)
  40. भानावर – शुद्धीवर (conscious)
  41. गवई – गायक, गाणारा (asinger)
  42. जबर – मोठे (huge)
  43. बहिरे – ज्याला ऐकू येत नाही असा (deaf)
  44. गैरसोय – अडचण (inconvenience)
  45. अंतरणे – गमावणे, मुकणे (to lose)
  46. उयुक्त – प्रेरित, तयार, सज्ज, प्रोत्साहित (ready)
  47. धडपड – खटपट,खटाटोप, (struggle)
  48. अमाप – खूप, पुष्कळ (a lot of, immeasurable)
  49. वारंवार – पुन्हा पुन्हा, सतत (again, repeatedly)
  50. खेद – दुःख, शोक (regret, remorse)
  51. कौशल्य – कुशलता, कसब (skill)
  52. मोकळेपणा – विनासंकोच वागणूक (freely, without any hesitation)
  53. ध्यास उत्कट इच्छा, (yearning. longing)
  54. भास – समज, कल्पना, ग्रह, भ्रम (illusion, impression)
  55. तान – सूर (tune)
  56. ठेका – एक मंद गतीचा ताल (rhythm)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 3 ‘बेटा, मी ऐकतो आहे!’

टिपा :

1. फिड्लवादय – एक प्रकारचे तंतुवादच जे व्हायोलिन या नावानेही ओळखले जाते.
2. फूटलाईट – रंगमंच आणि कलाकारांना प्रकाशित करणारा, रंगभूमीच्या पुढे असलेला प्रकाश.

वाक्प्रचार :

  1. कोलाहल बंद पडणे – शांतता पसरणे
  2. आस्वाद घेणे _ – आनंद घेणे
  3. कौतुक करणे – प्रशंसा करणे
  4. नाव खराब करणे – वाईट कृत्य करणे
  5. प्रतिबिंबित होणे – स्पष्ट दिसणे, पडछाया उमटणे
  6. अवसान न राहणे – हिम्मत हारणे
  7. धीर सुटणे – हार मानणे
  8. खूण करणे – इशारा करणे
  9. चलबिचल होणे – अस्वस्थ होणे
  10. कानावर विश्वास न बसणे – एखादी गोष्ट सत्य न वाटणे
  11. शंका चाटून जाणे – संशय निर्माण करणे
  12. प्रथा असणे – रीत असणे
  13. जिवाचे कान करणे – एखादी गोष्ट लक्षपूर्वक ऐकणे
  14. दम भरणे – रागावणे
  15. आश्चर्यचकित होणे – नवल वाटणे
  16. भानावर येणे – शुद्धीवर येणे
  17. उदयुक्त करणे – प्रेरित करणे, प्रोत्साहन देणे, एखादी गोष्ट करण्यासाठी तयार करणे.
  18. सराव करणे – अभ्यास करणे
  19. ध्यास लागणे – इच्छा होणे, व्यसन लागणे
  20. भास होणे – प्रतीत होणे, जाणवणे

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही Textbook Questions and Answers

1. कारणे लिहा.

प्रश्न (अ)
कवयित्रीच्या मते दाही दिशांना रंग उधळले, कारण …………………..
उत्तरः
कवयित्रीच्या मते दाही दिशांना रंग उधळले, कारण वसंत ऋतूच्या स्वागतासाठी.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

प्रश्न (आ)
जगातील सर्व फूले मनात झुरू लागली कारण ………………………..
उत्तरः
जगातील सर्व फूले मनात झुरू लागली कारण पळसफुले मातीच्या अंकावरती फुलून आली.

(आ) खालील आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
खालील आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही 2

(इ) पृथ्वीचे रूप खालील बाबतींत स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
पृथ्वीचे रूप खालील बाबतींत स्पष्ट करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही 3
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही 4

2. सृष्टीतील खालील घटक वसंतऋतूच्या आगमनाने कसे सजले, ते स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
सृष्टीतील खालील घटक वसंतऋतूच्या आगमनाने कसे सजले, ते स्पष्ट करा.
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उत्तरः

घटकत्यांचे सजणे
1. लिंबोणीगर्द पोपटी रंगाची वस्त्रे घालून सजली आहे.
2. नागफणीजर्द तांबडी कर्णफुले घालून नागफणी सजली आहे.
3. घाणेरीदुरंगी चुनरीत सजली आहे.
4. पळसफुलेमातीच्या अंकावरती बहरून आली आहेत.

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3. खालील शब्दांसाठी कवितेत आलेले समान अर्थाचे शब्द शोधा.

प्रश्न 1.
खालील शब्दांसाठी कवितेत आलेले समान अर्थाचे शब्द शोधा.
उत्तरः

  1. भेटवस्तू – [नजराणा]
  2. सजली – [नटुनी]
  3. अरुंद रस्ता – [पाणंद]
  4. अंक – [चिन्ह]

4. भावार्थाधारित.

प्रश्न 1.
‘सांबर लाल कळ्यांनी लखडून उभे स्वागता पाणंदीवरी’ या ओळीचा संदर्भ स्पष्ट करा.
उत्तरः
वरील काव्यपंक्ती ‘उजाड उघडे माळरानही’ या कवितेतील आहे. या कवितेच्या कवयित्री ‘ललिता गादगे’ आहेत. यांनी या ठिकाणी वसंतऋतूच्या आगमनामुळे सृष्टीच्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

प्रश्न 2.
‘उजाड उघडे माळरानही गाऊ लागले वसंतगान’ या ओळीतील तुम्हांला कळलेले अर्थसौंदर्य स्पष्ट करा.
उत्तरः
वसंतऋतूच्या आगमनाने सृष्टीतील प्रत्येक गोष्टीला अतिशय आनंद झाला आहे. वसंतऋतूच्या आगमनाने उजाड उघडे माळरानही रंगबिरंगी फुलांनी, पानांनी बहरून आलेले आहेत. जणू काही ते माळरानही अतिशय आनंदाने वसंतऋतूचे गीत आनंदाने गात आहे.

5. अभिव्यक्ती:

प्रश्न (अ)
वसंतऋतूच्या आगमनाने सृष्टीत होणारे बदल तुमच्या निरीक्षणाने लिहा.
उत्तरः
‘कृती: 3 काव्यसौंदर्य’ मधील प्र. (3) चे उत्तर पहा.

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प्रश्न (आ)
सृष्टीचे सौंदर्य कायम राहण्यासाठी तुम्हांला सुचतील असे उपाय लिहा.
उत्तरः
‘कृती : 3 काव्यसौंदर्य’ मधील प्र. (4) चे उत्तर पहा.

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही Additional Important Questions and Answers

पुढील पदयाच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः

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2. जोड्या जुळवा.

प्रश्न 1.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. रंग उधळले(अ) सृष्टी
2. बेरड कोरड(ब) लिंबोणी
3. गर्द पोपटी(क) कर्णफुले
4. जर्द तांबडी(ड) दिशा-दिशांन

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. रंग उधळले(ड) दिशा-दिशांन
2. बेरड कोरड(अ) सृष्टी
3. गर्द पोपटी(ब) लिंबोणी
4. जर्द तांबडी(क) कर्णफुले

प्रश्न 2.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. लुसलुस पाने अंगोपांगी(अ) पिंपळ पाने
2. दुरंगी चुनरीत उभी(ब) सांबर वृक्ष
3. मऊ मुलायम मोरपिसारी(क) घाणेरी
4. लाल कळ्यांनी लखडून उभे(ड) वड वृक्ष

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. रंग उधळले(ड) दिशा-दिशांन
2. बेरड कोरड(क) कर्णफुले
3. गर्द पोपटी(अ) सृष्टी
4. जर्द तांबडी(ब) लिंबोणी

3. खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
दिशा-दिशांना रंग का उधळले आहेत?
उत्तरः
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी दिशा दिशांना रंग उधळले आहेत.

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प्रश्न 2.
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी कोण नजराणा घेऊन आली आहे?
उत्तरः
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी बेरड, कोरड सृष्टी नजराणा घेऊन आली आहे.

प्रश्न 3.
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी लिंबोणी कशी आली आहे?
उत्तर:
गर्द पोपटी रंगाची वस्त्रे परिधान करून, मुरडत लिंबोणी आली आहे.

प्रश्न 4.
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी नागफणी कशी सजली आहे?
उत्तरः
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी जर्द तांबडी कर्णफुले घालून नागफणी सजली आहे.

प्रश्न 5.
लुसलुस पाने अंगावरती घेऊन कोण झुलत आहे?
उत्तर:
लुसलुस पाने अंगावरती घेऊन वड झुलत आहे.

प्रश्न 6.
दुरंगी चुनरीत कोण नटुन थटुन आली आहे?
उत्तरः
दुरंगी चुनरीत घाणेरी नटुन थटुन आली आहे.

प्रश्न 7.
पिंपळाची पाने कशी आहेत?
उत्तरः
पिंपळाची पाने मऊ मुलायम मोरपिसासारखी आहेत.

प्रश्न 8.
पाणंदीवर कोण उभा आहे?
उत्तर:
सांबर वृक्ष पाणंदीवर उभा आहे.

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प्रश्न 9.
लाल कळ्यांनी लखडून कोण आहे?
उत्तर:
लाल कळ्यांनी लखडून सांबर वृक्ष आहे.

प्रश्न 10.
मातीच्या अंकावरती कोण बहरून आले आहेत?
उत्तरः
मातीच्या अंकावरती पळसफुले बहरून आली आहेत.

प्रश्न 11.
पळसफुलांना पाहून कोण झुरत आहेत?
उत्तरः
पळसफुलांना पाहून जगातील सारी कुसुमे झुरत आहेत.

प्रश्न 12.
आंब्याच्या मोहरातून काय आली आहे?
उत्तरः
आंब्याच्या मोहरातून कोकिळेची सुरेल तान आली आहे.

प्रश्न 13.
उजाड उघडे माळरान काय करत आहे?
उत्तरः
उजाड उघडे माळरान वसंतगान गाऊ लागले आहे.

प्रश्न 14.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

  1. बेरड कोरड इथली …………….. घेऊन आली ती नजराणा. (दृष्टी, सृष्टी, कष्टी, मस्ती)
  2. गर्द ……………. लेऊन वसने मुरडत आली लिंबोणी. (पिवळी, लाल, तांबडी, पोपटी)
  3. जर्द तांबडी कर्णफुलेही घालून सजली ……………….. (नागफणी, लिंबोणी, घाणेरी, पिंपळ)
  4. स्वागत करण्या …………… ऋतूचे रंग उधळले दिशादिशांना. (शिशिर, श्रावण, वसंत, ग्रीष्म)
  5. ………….. पाने अंगोपांगी झुले वड हा दंग होऊनी. (मळमळ, झळझळ, लुसलुस, मुरडत)
  6. दुरंगी …………. उभी ही घाणेरी ही नटुनी थटुनी. (कळ्यांनी, मोरपिसारी, मुलायम, चुनरीत)
  7. सळसळ झळझळ …………….. पाने मऊ मुलायम मोरपिसापरी. (वड, पिंपळ, आंबा, पळस)
  8. सांबर …………….. कळ्यांनी लखडून उभे स्वागता पाणंदीवरी. (पोपटी, तांबडा, लाल, हिरवी)
  9. आंब्याच्या मोहरातून आली ………….. सुरेल तान. (पोपटाची, चिमणीची, कोकिळेची, कावळ्याची)
  10. ……….. सारी या जगातली पाहून त्यांना मनात झुरती. (सुरेल, स्वागता, सजली, कुसुमे)

उत्तर:

  1. सृष्टी
  2. पोपटी
  3. नागफणी
  4. वसंत
  5. लुसलुस
  6. चुनरीत
  7. पिंपळ
  8. लाल
  9. कोकिळेची
  10. कुसुमे

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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
सहसंबंध शोधा.

  1. गर्द : पोपटी : : जर्द : ………….
  2. लुसलुस : पाने : : दुरंगी : ………………
  3. आंबा : मोहर : : कोकिळा : …………….

उत्तर:

  1. तांबडी
  2. चुनरी
  3. तान

प्रश्न 2.
समान अर्थाच्या काव्यपंक्ती शोधून लिहा.

  1. वसंतात रंगाची उधळण झालेली असते.
  2. वसंतात लिंबोणी नटल्याप्रमाणे भासते.
  3. वडाचे झाड वसंतऋतूत आनंदाने डुलत आहे.
  4. सांबर वृक्ष लाल कळ्यांनी बहरून वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी उभे आहेत.
  5. पळसाची फुले पाहून इतर फुले झुरतात.
  6. माळरानही वसंतऋतूचे गीत गात आहे.

उत्तर:

  1. स्वागत करण्या वसंत ऋतूचे रंग उधळले दिशा-दिशांना.
  2. गर्द पोपटी लेऊन वसने मुरडत आली लिंबोणी.
  3. लुसलुस पाने अंगोपांगी झुले वड हा दंग होऊनी.
  4. सांबर लाल कळ्यांनी लखडून उभे स्वागता पाणंदीवरी
  5. कुसुमे सारी या जगातली पाहून त्यांना मनात झुरती.
  6. उजाड उघडे माळरानही गाऊ लागले वसंतगान.

3. योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
सळसळ झळझळ पिंपळ पाने ……………………
(अ) दुरंगी चुनरीत उभी ही
(ब) उभे स्वागता पाणंदीवरीत
(क) मऊ मुलायम मोरपिसापरी
(ड) लुसलुस पाने अंगोपांगी
उत्तर:
सळसळ झळझळ पिंपळ पाने मऊ मुलायम मोरपिसापरी.

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प्रश्न 2.
सांबर लाल कळयांनी लखडून
(अ) लुसलुस पाने अंगोपांगी
(ब) सळसळ झळझळ पिंपळ पाने
(क) झुले वड हा दंग होऊनी
(ड) उभे स्वागता पाणंदीवरी
उत्तर:
सांबर लाल कळयांनी लखडून उभे स्वागता पाणंदीवरी.

4. काव्यपंक्तींचा योग्य क्रम लावा.

प्रश्न 1.
(अ) बेरड कोरड इथली सृष्टी
(ब) रंग उधळले दिशा-दिशांना
(क) स्वागत करण्या वसंत ऋतूचे
(ड) घेऊन आली ती नजराणा
उत्तरः
(अ) स्वागत करण्या वसंत ऋतूचे.
(ब) रंग उधळले दिशा-दिशांना
(क) बेरड कोरड इथली सृष्टी
(ड) घेऊन आली ती नजराणा

प्रश्न 2.
(अ) घालून सजली नागफणी
(ब) मुरडत आली लिंबोणी
(क) जर्द तांबडी कर्णफुलेही
(ड) गर्द पोपटी लेऊन वसने
उत्तरः
(अ) गर्द पोपटी लेऊन वसने
(ब) मुरडत आली लिंबोणी
(क) जर्द तांबडी कर्णफुलेही
(ड) घालून सजली नागफणी

प्रश्न 3.
(अ) झुले वड हा दंग होऊनी,
(ब) घाणेरी ही नटुनी थटुनी
(क) लुसलुस पाने अंगोपांगी
(ड) दुरंगी चुनरीत उभी ही
उत्तरः
(अ) लुसलुस पाने अंगोपांगी,
(ब) झुले वड हा दंग होऊनी,
(क) दुरंगी चुनरीत उभी ही
(ड) घाणेरी ही नटुनी थटुनी

प्रश्न 4.
(अ) मऊ मुलायम मोरपिसापरी,
(ब) सळसळ झळझळ पिंपळ पाने
(क) उभे स्वागता पाणंदीवरी
(ड) सांबर लाल कळयांनी लखडून
उत्तरः
(अ) सळसळ झळझळ पिंपळ पाने,
(ब) मऊ मुलायम मोरपिसापरी,
(क) सांबर लाल कळयांनी लखडून
(ड) उभे स्वागता पाणंदीवरी

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प्रश्न 5.
(अ) कुसुमे सारी या जगातली
(ब) पळसफुले ही बहरून आली
(क) पाहून त्यांना मनात झुरती
(ड) या मातीच्या अंकावरती
उत्तर:
(अ) पळसफुले ही बहरून आली,
(ब) या मातीच्या अंकावरती,
(क) कुसुमे सारी या जगातली
(ड) पाहून त्यांना मनात झुरती

प्रश्न 6.
कोण ते लिहा.
उत्तर:
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प्रश्न 7.
काव्यपंक्तीवरून शब्दांचा योग्य क्रम लावा.

  1. नजराणा, बेरड, वसंत, उधळले
  2. तांबडी, लिंबोणी, नागफणी, पोपटी
  3. घाणेरी, वड, दुरंगी, पाने
  4. सांबर, पिंपळ, मोरपिसापरी, पाणंदीवरी
  5. कुसुमे, झुरती, मातीच्या, पळसफुले
  6. माळरानही, वसंतगान, मोहरातून, कोकिळेची

उत्तर:

  1. वसंत, उधळले, बेरड, नजराणा
  2. पोपटी, लिंबोणी, तांबडी, नागफणी
  3. पाने, वड, दुरंगी, घाणेरी
  4. पिंपळ, मोरपिसापरी, सांबर, पाणंदीवरी
  5. पळसफुले, मातीच्या, कुसुमे, झुरती
  6. मोहरातून, कोकिळेची, माळरानही, वसंतगान

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प्रश्न 8.
चूक की बरोबर लिहा.

  1. जर्द तांबडी कर्णफुले घालून लिंबोणी सजली आहे.
  2. गर्द पोपटी वसने घालून सृष्टी आली आहे.
  3. नागफणी बेरड कोरडी झाली आहे.
  4. लुसलुस पाने अंगोपांगी घेऊन वड दंग झाले आहे.
  5. सांबर दुरंगी चुनरीत पाणंदीवर उभे आहे.

उत्तर:

  1. चूक
  2. चूक
  3. चूक
  4. बरोबर
  5. चूक

कृती 3: काव्यसौंदर्य

1. खालील काव्यपंक्तीतील आशयसौंदर्य स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
स्वागत करण्या वसंत ऋतूचे
रंग उधळले दिशा-दिशांना
उत्तरः
वसंतऋतूच्या आगमनाच्या स्वागताचे वर्णन करताना कवयित्री सांगतात, वसंत ऋतूमध्ये वेगवेगळ्या रंगानी पाने, फुले, निसर्ग सारी सृष्टी सजलेली आहे. विविध रंगाच्या फुलांनी निसर्ग बहरलेला आहे. यामुळे आजूबाजूचे पशु-पक्षी सुद्धा आनंदित झाले आहेत. जणू काही वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी हे होत आहे. सर्व दिशा वेगवेगळ्या रंगानी उजळून निघाल्या आहेत.

प्रश्न 2.
गर्द पोपटी लेऊन वसने
मुरडत आली लिंबोणी
उत्तरः
वसंतऋतूत सर्व परिसर नटलेला सजलेला आहे. नानाविध रंगांनी निसर्गाचे रूप मनमोहक झालेले आहे. या वसंतऋतूत झाडांना नवी पालवी फुटते. त्या हिरव्या पालवीला बघून असे वाटते की, गर्द पोपटी म्हणजे हिरव्या रंगाची वस्त्रे परिधान करून लिंबोणी लचकत, मुरडत आली आहे.

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2. पुढील ओळींचा अर्थसौंदर्य स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
स्वागत करण्या वसंत ऋतूचे, रंग उधळले दिशा-दिशांना.
उत्तरः
वसंतऋतूच्या आगमनाच्या स्वागताचे वर्णन करताना कवयित्री सांगतात, वसंत ऋतूमध्ये वेगवेगळ्या रंगाची पाने, फुले फुलतात. सारा निसर्ग, सारी सृष्टी वेगवेगळ्या रंगांनी सजलेली आहे. जणू काही वसंत ऋतूच्या स्वागतासाठी हे होत आहे. रंग उधळल्यामुळे दिशा उजळून निघाल्या आहेत.

प्रश्न 2.
जर्द तांबडी कर्णफुलेही घालून सजली नागफणी.
उत्तरः
गर्द तांबड्या रंगाची कर्णफुले घालून नागफणीची झाडे वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी सजली आहेत. वसंतऋतूच्या आगमनाने साऱ्या सृष्टीत आनंद पसरलेला आहे.

प्रश्न 3.
दुरंगी चुनरीत उभी ही घाणेरी ही नटुनी थटुनी
उत्तरः
घाणेरी सुद्धा दोन रंगाची ओढणी आपल्या अंगाखांदयावर परिधान करून वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी नटून थटून उभी आहे.

प्रश्न 4.
सळसळ झळझळ पिंपळ पाने मऊ मुलायम मोरपिसारी,
उत्तरः
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी पिंपळ मोरपिसाप्रमाणे मऊ व मुलायम पाने आपल्या अंगावर घेऊन सळसळ करत उभा आहे.

प्रश्न 5.
पळसफुले ही बहरून आली या मातीच्या अंकावरती
उत्तरः
पळसाच्या फुलांना बहर आला आहे. या बहरलेल्या फुलांनी वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी आपला सडाच या मातीवर पसरलेला आहे. ती अतिशय आनंदाने या मातीवर पसरलेली, सुखावलेली आपल्याला पाहायला मिळतात.

प्रश्न 6.
आंब्याच्या मोहरातून आली कोकिळेची सुरेल तान.
उत्तरः
वसंतऋतूत सृष्टीत अनेक बदल घडतात. वसंतऋतूत आंब्याच्या झाडाला मोहर येतो.अशा या आनंददायी वातावरणात आंब्याच्या झाडावर बसून कोकिळा सुरेल तान घेत असते.

प्रश्न 7.
वसंतऋतूच्या आगमनाने सृष्टीत होणारे बदल तुमच्या निरीक्षणाने लिहा.
उत्तरः
वसंतऋतू हा भारतातील सर्व ऋतूचा राजा मानला जातो. म्हणूनच त्याला ‘ऋतुराज’ देखील म्हणतात. वसंतऋतूच्या आगमनाने सृष्टीत बदल होतात. ती निसर्गसौंदर्याने न्हाऊन निघते. जणू वसंतऋतूचे स्वागत करण्यासाठी ती बहरते. झाडांना नवी पालवी येते. पाने फुले बहरतात. लिंबोणी, अबोली, जाई, जुई, केवडा, रातराणी, चंपा, चमेली अशी विविध फुले फुलतात. त्यांचा सुगंध जणू वसंतऋतूचे स्वागत करण्यासाठी सज्ज होतो. वसंतऋतूचे आगमन होणार म्हणून पक्षीही खुश होतात.

वसंतऋतूचे स्वागत पक्षीही करतात. त्यांचे कलरव कानी पडतात. कोकिळा कुहू कुहू करून आपले गाणे सुरू करते. जणू ती वसंतऋतू आल्याची ग्वाही देते. वसंतऋतूत संपूर्ण सजीव सृष्टीत एक नवीन उत्साह व आनंद आपल्याला पहायला मिळतो.

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प्रश्न 8.
मानवी जीवनात वसंतऋतूला एक आगळेवेगळे स्थान दिले गेलेले आहे. या विधानावर चर्चा करा.
उत्तरः
वसंतऋतू सृष्टीच्या बहराचा ऋतू आहे. या ऋतूत सृष्टी नटते म्हणून मानवप्राणी वसंतपंचमी साजरी करतो. या ऋतूच्या निमित्ताने नृत्य व संगीताचे कार्यक्रम आयोजित केले जातात. भारताच्या विविध राज्यात हा उत्सव वेगवेगळ्या प्रकारे साजरा केला जातो. दक्षिण भारतीय व उत्तर भारतीय हा सण मोठ्या उत्साहात साजरा करतात. राजस्थानी लोक या उत्सवाच्या निमित्ताने सूर्याची पूजा करून त्याच्या रथाची मिरवणूक काढतात. भारताच्या काही राज्यात लोक रंगीबेरंगी वस्त्रे परिधान करून विविध रंग व गुलाल उडवून हा उत्सव मोठ्या उत्साहाने साजरा करतात.

प्रश्न 9.
सृष्टीचे सौंदर्य कायम राहण्यासाठी तुम्हाला सुचतील असे उपाय लिहा.
उत्तरः
सृष्टीचे सौंदर्य कायम राहण्यासाठी मी माझ्या परीने सर्व प्रयत्न करेन. झाडे लावून त्यांचे संवर्धन करेन. इतरांना देखील झाडे लावण्यास प्रेरित करेन. पशु-पाखरे, नदी, तलाव हे देखील सृष्टीचेच अंश आहेत. या सर्वाचे रक्षण करण्याची जबाबदारी मी स्वीकारेन, वनसंवर्धनसाठी समाजात जागरूकता निर्माण करेन. सृष्टी ईश्वराचे दुसरे रूप आहे ही भावना मनी बाळगून तिचे पूजन करेन, प्रदूषण कमी करण्याचा प्रयत्न करेन. ‘झाडे । लावा व झाडे जगवा’ या मंत्राचे सर्वांना पालन करण्यास सांगेन. जमीन, पाणी, हवा, वनस्पती आणि ऊर्जा यांचा अवास्तव वापर टाळण्याचा प्रयत्न करीन. सृष्टीचा समतोल राखण्यासाठी मी प्रयत्न करेन.

प्रश्न 2. दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.

प्रश्न 1.
कवी / कवयित्रीचे नाव –
उत्तरः
ललिता गादगे.

प्रश्न 2.
संदर्भ –
उत्तरः
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ‘ललिता गादगे’ यांनी लिहिली आहे.

प्रश्न 3.
प्रस्तावना –
उत्तरः
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ‘ललिता गादगे’ यांनी लिहिली आहे. या कवितेमध्ये वसंतऋतूच्या आगमनामुळे सृष्टीच्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

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प्रश्न 4.
वाङमयप्रकार –
उत्तरः
निसर्ग कविता

प्रश्न 5.
कवितेचा विषय
उत्तरः
निसर्गातील बदलांचे मनमोहक वर्णन करणारी ‘उजाड उघडे माळरानही’ ही एक निसर्ग कविता आहे.

प्रश्न 6.
कवितेतील आवडलेली ओळ –
उत्तरः
पळसफुले ही बहरून आली
या मातीच्या अंकावरती

प्रश्न 7.
मध्यवर्ती कल्पना –
उत्तरः
वसंतऋतू हिवाळ्यानंतर सुरू होतो. या ऋतूत निसर्ग हिरवागार दिसतो. कारण वसंतऋतूमध्ये झाडांना नवीन पालवी फुटलेली असते. सारा आसमंत विविध रंगात आणि विविध गंधातही न्हाऊन जातो. सर्व झाडेवेली हिरवीगार व टवटवीत दिसू लागतात. नवचैतन्याने सळसळू लागतात. सारी सृष्टी आनंदित होते. कवयित्रीने अशा सुंदर बदलांचे वर्णन ‘उजाड उघडे माळरानही’ या कवितेत केलेले दिसून येते.

प्रश्न 8.
कवितेतून मिळणारा संदेश-
उत्तरः
हिरवीगार झाडे, झुळझुळ वाहणारे झरे, खळाळणाऱ्या सरिता, उंचच उंच पर्वत या साऱ्यांनी तयार झालेली सृष्टी खूपच सुंदर आहे. ही सृष्टी माणसाला भरभरून देत असते. माणूस मात्र स्वत:च्या स्वार्थासाठी या सुंदर सृष्टीचा नाश करतो. त्यामुळे निसर्गाचा समतोल बिघडला आहे. या सुंदर व मनमोहक निसर्गाचे संगोपन करून निर्सगाचा समतोल साधला पाहिजे. निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे जाणीवपूर्वक स्वागत करा. असा संदेश उजाड उघडे माळरानही या कवितेतून मिळतो.

प्रश्न 9.
कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे –
उत्तरः
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता मला खूप आवडली आहे. उजाड झालेले, मोकळे असलेले माळरान वसंतऋतूच्या आगमनाबरोबर चैतन्याने भरून येते. झाडांना नवीन पालवी फुटते. सारा निसर्ग हिरव्या रंगात न्हाऊन जातो. रानफुले लेऊन, हिरव्या वाटा सजून जातात. कोकीळेचा सुमधूर आवाज सारे वातावरण बेधुंद करणारे असते. या साऱ्या सौंदर्यांचे सुरेख वर्णन आपल्याला या कवितेत वाचायला मिळते, म्हणून ही कविता मनापासून आवडली.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

प्रश्न 10.
भाषिक वैशिष्ट्ये
‘उजाड उघडे माळरानही’ या कवितेमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे.

प्रश्न 3. खालील काव्यपंक्तींचे रसग्रहण करा.

प्रश्न 1.
स्वागत करण्या वसंत ऋतूचे रंग उधळले दिशा-दिशांना, बेरड कोरड इथली सृष्टी घेऊन आली ती नजराणा।।
उत्तरेः
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे झालेल्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

वसंत ऋतूच्या आगमानाच्या स्वागताचे वर्णन करताना कवयित्री सांगतात, वसंत ऋतूमध्ये वेगवेगळ्या रंगाची पाने, फुले फुलतात. सारा निसर्ग, सारी सृष्टी वेगवेगळ्या रंगांनी सजलेली असते. जणू काही वसंत ऋतूच्या स्वागतासाठी हे होत असते. सर्व दिशा वेगवेगळ्या रंगानी उजळून निघालेल्या असतात. शिशिर ऋतूमध्ये सारी सृष्टी कोरडी, रुक्ष झालेली असते. अशी ही कोरडी, रुक्ष झालेली सृष्टी असा वेगवेगळ्या रंगाचा नजराणा वसंत ऋतूसाठी घेऊन आली आहे असे वाटते.

या काव्यपंक्तींमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे. त्याचबरोबर यमक अलंकाराचा केलेला वापर शोभून दिसतो.

प्रश्न 2.
गर्द पोपटी लेऊन वसने मुरडत आली लिंबोणी,
जर्द तांबडी कर्णफुलेही घालून सजली नागफणी।।
उत्तर:
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे झालेल्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

वसंत ऋतूमध्ये झाडांना नवी हिरवी पालवी फुटते, त्या हिरव्या पालवीला बघून असे वाटते की, गर्द पोपटी म्हणजे हिरव्या रंगाची वस्त्रे परिधान करून लिंबोणी लचकत, मुरडत आली आहे. गर्द तांबड्या रंगाची कर्णफुले घालून नागफणीची झाडे देखील सजली आहेत. वसंतऋतूच्या आगमनाने साऱ्या सृष्टीत आनंद पसरलेला आहे.

या काव्यपंक्तींमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे. त्याचबरोबर यमक अलंकाराचा केलेला वापर शोभून दिसतो.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

प्रश्न 3.
लुसलुस पाने अंगोपांगी झुले वड हा दंग होऊनी,
दुरंगी चुनरीत उभी ही घाणेरी ही नटुनी थटुनी।।
उत्तर:
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे झालेल्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

वसंतऋतूत सर्व झाडांना नवीन पालवी फुटते. अशीच मऊ, कोवळी पालवी वडाच्या झाडाखाली फुटते. अशी ही लुसलुशीत पाने अंगोपांगी घेऊन वडाचे झाड दंग होऊन अतिशय आनंदाने डुलत आहे. एवढेच नव्हे तर घाणेरी सुद्धा दोन रंगाची ओढणी आपल्या अंगाखांदयावर परिधान करून वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी नटून थटून उभी आहे असे वाटते.

या काव्यपंक्तीमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे. त्याचबरोबर यमक अलंकाराचा केलेला वापर शोभून दिसतो.

प्रश्न 4.
सळसळ झळझळ पिंपळ पाने मऊ मुलायम मोरपिसापरी,
सांबर लाल कळ्यांनी लखडून उभे स्वागता पाणंदीवरी।।
उत्तरः
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे झालेल्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

वसंतऋतूत सर्व झाडांना नवीन पालवी फुटते. अशीच मऊ, कोवळी पालवी पिंपळाच्या झाडालाही फुटते. असे वाटते जणू वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी पिंपळाचे झाड मोरपिसाप्रमाणे असणारी मऊ व मुलायम पाने आपल्या अंगावर घेऊन सळसळ करत उभे आहे. तसेच सांबर नावाचा वृक्षदेखील रानातल्या चिंचोळ्या वाटेवर (पाणंद) दोन्ही बाजूला लाल कळ्यांनी बहरून वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी उभा आहे.

या काव्यपंक्तीमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे. त्याचबरोबर यमक अलंकाराचा केलेला वापर शोभून दिसतो.

प्रश्न 5.
पळसफुले ही बहरून आली या मातीच्या अंकावरती,
कुसुमे सारी या जगातली पाहून त्यांना मनात झुरती।।
उत्तर:
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

पळसांच्या फुलांना बहर आला आहे. या बहरलेल्या फुलांनी वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी आपला सडाच या मातीवर पसरलेला आहे. ती अतिशय आनंदाने या मातीवर पसरलेली, सुखावलेली आपल्याला पाहायला मिळतात. पळसाला आलेली व मातीवर पसरलेली ती फुले व त्यांची सुंदरता पाहून जगातील सर्व फुले मनातल्या मनात झुरतात.

या काव्यपंक्तीमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे. त्याचबरोबर यमक अलंकाराचा केलेला वापर शोभून दिसतो.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

प्रश्न 6.
आंब्याच्या मोहरातून आली कोकिळेची सुरेल तान,
उजाड उघडे माळरानही गाऊ लागले वसंतगान।।
उत्तरः
‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे झालेल्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

वसंत ऋतूत सृष्टीत अनेक आनंददायी बदल घडतात. वसंतऋतूत आंब्याच्या झाडाला मोहर येतो. अशा या आनंददायी वातावरणात आंब्याच्या झाडावर बसून कोकिळा सुरेल तान घेत असते. वसंतऋतूच्या आगमनाने उजाड उघडे माळरानही फुलांनी पानांनी बहरून आलेले असते. जणू काही ते माळरानही अतिशय आनंदाने वसंतऋतूचे गीत गात आहे असेच वाटते.

या काव्यपंक्तीमध्ये कवयित्री ललिता गादगे यांनी प्रमाण मराठी भाषेचा वापर केलेला आहे. त्याचबरोबर यमक अलंकाराचा केलेला वापर शोभून दिसतो.

उजाड उघडे माळरानही Summary in Marathi

कवयित्रीचा परिचय:

नाव: ललिता गादगे जन्म
जन्म: 1954
प्रसिद्ध कवयित्री, ‘फसवी क्षितिजे’, ‘अग्निजळ’, ‘संवेदन’ इत्यादी कवितासंग्रह; ‘आयुष्याच्या काठाकाठाने’, ‘दुःख आणि अश्रू’, ‘प्राजक्ताची फुले आणि दाह’ हे कथासंग्रह; ‘नाळबंधाची कहाणी’, ‘खिडकीतलं आभाळ’ हे ललित गदय प्रसिद्ध.

प्रस्तावना:

‘उजाड उघडे माळरानही’ ही कविता कवयित्री ललिता गादगे यांनी लिहिली आहे. या कवितेत कवयित्रीने वसंतऋतूच्या आगमनामुळे होणाऱ्या निसर्गसौंदर्यातील बदलांचे मनमोहक वर्णन केले आहे.

Poetess Lalita Gadge has written a poem named ‘Ujad Ughade Malranhi’. An appealing colourful description of change in nature due to the beginning of spring season has been depicted by the poetess in this poem in a vibrant picturesque manner.

भावार्थ:

स्वागत करण्या ……….. ती नजराणा ।।1।।
वसंत ऋतूच्या आगमनाच्या स्वागताचे वर्णन करताना कवयित्री सांगतात, वसंत ऋतूमध्ये वेगवेगळ्या रंगाची पाने, फुले फुलतात. सारा निसर्ग, सारी सृष्टी वेगवेगळ्या रंगांनी सजलेली आहे. जणू काही वसंत ऋतूच्या स्वागतासाठी हे होत आहे. सर्व दिशा वेगवेगळ्या रंगानी उजळून निघाल्या आहेत. शिशिर ऋतूमध्ये सारी सृष्टी कोरडी, रुक्ष झालेली असते. अशी ही कोरडी, रुक्ष झालेली सृष्टी असा वेगवेगळ्या रंगाचा नजराणा वसंत ऋतूसाठी घेऊन आली आहे.

गर्द पोपटी ……… सजली नागफणी ।।2।।
वसंत ऋतूमध्ये झाडांना नवी हिरवी पालवी फुटते, त्या हिरव्या पालवीला बघून असे वाटते की, गर्द पोपटी म्हणजे हिरव्या रंगाची वस्त्रे परिधान करून लिंबोणी लचकत, मुरडत आली आहे. गर्द तांबड्या रंगाची कर्णफुले घालून नागफणीची झाडे देखील सजली आहेत. वसंतऋतूच्या आगमनाने साऱ्या सृष्टीत आनंद पसरलेला आहे.

लुसलुस पाने ……… नटुनी थटुनी ।।3।।
वसंतऋतूत सर्व झाडांना नवीन पालवी फुटते अशीच ही मऊ, कोवळी, लुसलुशीत पाने अंगोपांगी घेऊन वडाचे झाड दंग होऊन अतिशय आनंदाने डुलत आहे. एवढेच नव्हे तर घाणेरी सुद्धा दोन रंगाची ओढणी आपल्या अंगाखांदयावर परिधान करून वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी नटून थटून उभी आहे.

सळसळ झळझळ ……. स्वागता पाणंदीवरी ।।4।।
वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी पिंपळ आपल्या मोरपिसाप्रमाणे मऊ व मुलायम पाने आपल्या अंगावर घेऊन सळसळ करत उभा आहे. तसेच सांबर वृक्ष देखील रानाच्या त्या चिंचोळ्या वाटेवर (पाणंद) दोन्ही बाजूला लाल कळ्यांनी बहरून वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी उभे आहेत.

पळसफुले ही ……….. त्यांना मनात झुरती ।।5।।
पळसांच्या फुलांना बहर आला आहे. या बहरलेल्या फुलांनी वसंतऋतूच्या स्वागतासाठी आपला सडाच या मातीवर पसरलेला आहे. ती अतिशय आनंदाने या मातीवर पसरलेली, सुखावलेली आपल्याला

आंब्याच्या मोहरातून ……… लागले वसंतगान ।।6।।
वसंत ऋतूत सृष्टीत अनेक बदल घडतात. वसंतऋतूत आंब्याच्या झाडाला मोहर येतो. अशा या आनंददायी वातावरणात आंब्याच्या झाडावर बसून कोकिळा सुरेल तान घेत असते. वसंतऋतूच्या आगमनाने उजाड उघडे माळरानही फुलांनी पानांनी बहरून आलेले आहे. जणू काही ते माळरानही अतिशय आनंदाने वसंतऋतूचे गीत गात आहे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

शब्दार्थ:

  1. स्वागत – आतिथ्य (welcome)
  2. बेरड – निगरगट्ट (hardened)
  3. कोरड – कोरडी, शुष्क (dry)
  4. उधळणे – पसरवणे (to spread)
  5. दिशा – बाजू (a side)
  6. सृष्टी – निसर्ग (a nature)
  7. नजराणा – वरिष्ठाला यायची भेटवस्तू (a respectful gift)
  8. गर्द – दाट (dense)
  9. वसन – वस्त्र (a cloth)
  10. मुरडणे – नटणे (to adorn)
  11. जर्द – दाट, गहिरा (dark or deep)
  12. तांबडा – लाल, आरक्त (red)
  13. कर्णफुले – कानातील दागिना (an ear-ring)
  14. सजणे – नटणे, शृंगारणे (to get dressed up)
  15. लुसलुस – टवटवीत (fresh and healthy)
  16. अंगोपांगी – अंगावर
  17. दंग – तल्लीन, गुंग (deeply engaged)
  18. दरंगी – दोन रंगात काढलेले (in two colours)
  19. चुनरी – दोन्ही खांदयांवरून घेण्याचे स्त्रियांचे एक वस्त्र (a light garment)
  20. सळसळ – ‘सळसळ’ असा आवाज (rustle)
  21. झळझळ – चकाकी (glitter)
  22. पान – पर्ण (a leaf)
  23. मऊ – सौम्य, नरम (soft, mild)
  24. पाणंद – अरुंद पायवाट (a narrow lane)
  25. बहरणे – मोहरणे (to blossom)
  26. कुसुम – फूल (flower)
  27. झुरणे – खंत वाटणे (to pine and waste away)
  28. सुरेल – कर्णमधुर, मंजुळ (sweet sounding)
  29. तान – लकेर, गाण्यातील आलाप (a tune)
  30. माळरान – नापीक मैदान (barren land)
  31. वसंतगान – वसंतऋतूचा आनंद व्यक्त करणारे गीत

टिपा:

  1. लिंबोणी – कडुलिंब (neem tree)
  2. नागफणी – कॅक्टस (cactus) कुळातील काटेरी फूलझाड
  3. वड – वटवृक्ष (a banyan tree)
  4. घाणेरी – उग्र दर्प येणारे रंगीबेरंगी लहान फुलांचे झुडूप
  5. पिंपळ – एक वृक्ष
  6. सांबर – उष्णकटिबंधीय वनांतील एक वृक्ष
  7. पळस – एक वृक्ष
  8. वसंतऋतू – चैत्र व वैशाख या दोन महिन्यांमध्ये येणारा ऋतू (the spring season)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 9 उजाड उघडे माळरानही

वाक्प्रचार:

1. दंग होणे – गुंग /मग्न होणे

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 1 नदी की पुकार Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

Hindi Lokvani 9th Std Digest Chapter 1 नदी की पुकार Textbook Questions and Answers

1. आकृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 1

2. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 2

3. भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 3

4. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जलयुक्त शिवार’ पर चर्चा करें।
उत्तर:
मुंबई : महाराष्ट्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए जलयुक्त शिवार योजना को लाया गया है। इस योजना को देश के प्रसिद्ध उद्योगपति, बैंकर्स, एनजीओ और कई सारे धार्मिक ट्रस्ट भी समर्थन देने लगे हैं। योजना के तहत हर साल राज्य के 5,000 गाँवों को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार 2019 तक राज्य के एक बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति दिला देंगे, इसलिए योजना का नाम ही जलयुक्त शिवार योजना (खेती के लिए जल प्रदान करने की योजना) रखा गया है। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि किसानों को आत्महत्या करने से रोकने हेतु उन्हें खेती के लिए पानी मुहैया कराना जरूरी है।

बरसाती पानी जमा करने के लिए महाराष्ट्र में कई सारे पैटर्न अपना रखे हैं। अन्ना हजारे का रालेगाँव पैटर्न, शिरपुर पैटर्न, हिरवे बाजार पैटर्न सहित कुल 28 अलग-अलग योजनाओं के बाद जलयुक्त शिवार योजना की बुनियाद रखी गई है, जिसकी शुरुआत 26 जनवरी को की गई है। इस योजना की निगरानी सैटलाइट के माध्यम से रखी जा रही है। इस योजना पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर पालक मंत्रियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।

जिसमें जिले के कलेक्टर को विशेष अधिकार भी दिए गए हैं ताकि योजना में किसी तरह की धांधली न हो सके। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद इस योजना पर निगरानी रख रहे हैं और कार्य स्थल जाकर मुआयना कर रहे हैं। जल प्रदूषण शिवार योजना लागू करने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के उन क्षेत्रों का चयन किया है, जहाँ पानी की भारी समस्या है और जहाँ किसान सबसे ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं।

गाँवों का चयन करने के बाद वहाँ पर योजना की बुनियाद रखी गई। योजना के तहत गाँव के निचले क्षेत्र में गहराई तक खुदाई की जाती है या वहाँ के तालाबों को और गहरा किया जाता है जिससे बरसात का पानी जमा किया जा सकें। खुदाई स्थल के चारों ओर गहराई बढ़ाई जाती है और ऐसी व्यवस्था की जाती है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों का पानी उसमें भर सकें। बरसात शुरू होने से पहले ही यह काम पूरा करना निश्चित हुआ है ताकि बरसाती पानी को जमा किया जा सकें।

पानी जमा होने से उस क्षेत्र के आस-पास का भूजल स्तर बढ़ जाएगा। जल स्तर ऊँचा उठने से बोरवेल और पानी के पंपों में भी पानी मिलने लगेगा। योजना के माध्यम से गाँवों को सीमेंट के नाले और नहरों से जोड़ने के अलावा अन्य उपाय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस कहते हैं कि जलयुक्त शिवार योजना से किसानों के खेतों को पानी मिलने लगेगा।

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5. कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘नदी के मन के भाव’ इस विषय पर भाषण तैयार करके प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
नदी के मन के भाव – जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है वह बूढ़ा होता जाता है। पर मेरे जीवन पर समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। आज भी मैं दौड़ते हुए आगे बढ़ती हूँ। दिन-रात ‘कलकल’ का संगीत सुनाती हूँ, वृक्षों के साथ लुका-छिपी खेलती हूँ, चट्टानों पर से कूदती हूँ और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ती जाती हूँ। रास्ते में आने वाले हर प्राणी की प्यास बुझाती हूँ। धरती को हरी-भरी कर देती हूँ।

एक दिन मनुष्य अपनी असंस्कृत अवस्था में मेरी शरण में आया था, आज वह संस्कृति और सभ्यता के क्षेत्र में कितना आगे बढ़ गया है। मेरे तट पर न जाने कितने उत्सवों और मेलों की धूम मची रहती है। मेरे तट पर आकर कवि कविताएँ रचते हैं, बच्चे खेलते हैं, दुखी लोग अपना दुख भूल जाते हैं। ये दृश्य देखकर मैं आनंद विभोर हो जाती हूँ।

पर मानव ने आज मेरे जल में जहर घोलना प्रारंभ कर दिया है। मेरे जल को प्रदूषित कर दिया है। मेरी अविरल धारा को जगह-जगह बाँध बनाकर रोक दिया है। उसमें आए दिन कचरे बहाए जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों से निकले रासायनिक पदार्थ और मरे हुए पशुओं तक को बहाया जा रहा है। यदि आप मुझे

ऐसे ही प्रदूषित करते रहेंगे तो आपको पीने के लिए स्वच्छ और निःशुल्क जल कौन देगा? हमें आप केवल पैसे के बल पर प्रदूषण मुक्त नहीं कर सकते, बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनाकर, बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर आप हमें कब तक स्वच्छ करेंगे? हमें प्रदूषण मुक्त करना है तो आप अपनी मानसिकता (सोच) बदलिए। हमारे जल में गंदगी मत फैलाइए, लोगों को जागरूक कीजिए। उनके अंदर अच्छी सोच जगाइए कि वे हमें गंदा न करें। हमें अविरल बहने दे, हमारे तटों पर किए अतिक्रमण को हटाएँ। मैं स्वयं अपना प्रदूषण दूर कर

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

6. पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
पानी की समस्या समझाते हुए ‘होली उत्सव का बदलता रूप’ पर अपना मत लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में बहुत सारे क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ हर वर्ष औसत से कम वर्षा हो रही है। जिसके कारण वहाँ के लोगों खासकर किसानों को सूखे की मार झेलनी पड़ रही है। आए दिन किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में समाज के पढ़े-लिखें लोगों द्वारा पानी संग्रह की योजना बनाई जा रही है। लोगों को पानी की बचत करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिसके कारण अब लोग होली के त्यौहार पर होली खेलने के लिए, एक-दूसरे पर हजारों लीटर पानी नहीं फेंकते। पानी बर्बाद न हो इसके लिए अबीर, गुलाल या सूखे रंग से होली खेलते हैं। अब तो लोग एक-दूसरे को अबीर और गुलाल का टीका लगाकर ही होली मना लेते हैं।

7. पाठ के आँगन में :

उत्तर लिखिए।

प्रश्न क.
अपने शब्दों में नदी की स्वाभाविक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
नदी सतत बहती रहती है। वह सभी प्राणियों को अपने जल से जीवन प्रदान करती है। नदी सदैव परोपकार का कार्य करती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

प्रश्न ख.
किसी एक चरण का भावार्थ लिखिए।
भर्यादा में बहने वाली, ……….. मुझे बचा लो भाई रे।।
भावार्थ :
जो नदी सदैव अपनी सीमा में रहकर अमृत समान स्वच्छ पल धारा से सबकी प्यास बुझाती है। वही नदी हमसे कहती है कि जिसने भी मुझे बुलाया मैं उसके भलाई के लिए सदा तैयार रही। हे मनुष्य! तुम पागल मत बनो, उसी नदी के दुश्मन मत बनो, जो हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ का कार्य करती आई है उसके प्रदूषित होने पर तुम्हारी प्यास कौन बुझाएगा। कल-कल की आवाज करते हुए नदी मनुष्य से स्वयं (नदी) को बचाने का आवाहन करती है।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 1 नदी की पुकार Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।
i. नदियों का जीवन किस प्रकार का है?
ii. नदियाँ किसमें बहती है?
उत्तर :
i. परहित का
ii. मर्यादा में

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 4

कृति क (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
पहली दो पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
सबको जीवन देने ………….. मुझे बचा लो भाई रे।।
उत्तर:
कवि नदी की संवेदनाओं को प्रकट करते हुए कहते हैं कि नदी सभी प्राणियों को अपने जल से जीवन प्रदान करती है। वह हमेशा दूसरों की भलाई का ही कार्य करती है। नदी कल-कल की आवाज करते हुए मनुष्य से अपने अस्तित्व को बचाने का आवाहन करती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. नदी ने गिरिवन से निकलते समय मन में पाल रखा था –
  2. लोगों ने नदी में डाल मिलाई –
  3. नदी अपने तट पर हरदम सुनाती है –
  4. नदी हमें नि:शुल्क देती है –

उत्तर :

  1. सपना
  2. मलिनता
  3. गीत
  4. जल

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

कृति ख (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
नदी कहती है कि जब मैं पर्वत और जंगल से होकर गुजरी तब मैंने अपने मन में एक सपना पाल रखा था कि रास्ते में जो भी जरूरतमंद (प्यासा) मिले उसे अपना बनाते हुए अर्थात उसकी मदद करते हुए आगे बढ़ते जाए लेकिन मानव जाति ने ही मुझे प्रदूषित कर दिया। इस प्रकार कल-कल करती नदी प्रदूषण से खुद को बचाने का मानव से आवाहन करती है।

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. नदी के न रहने पर कौन मुरझा जाएगा?
  2. नदी ने क्या बनकर नयनों की खुशहाली बाँटी?
  3. नदी ने खेतों में क्या फैलाया?
  4. खारे सागर में मिलकर नदी ने उसे क्या दिया?

उत्तर:

  1. सागर
  2. झरना
  3. हरियाली
  4. मिठाई

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

कृति ग (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि मिश्र कहते हैं कि नदी मानव से कह रही है कि जब मैं झरने के रूप में झर-झर कर बह रही थी, तब मेरी सुंदरता ने कितने ही इंसानों के नेत्रों को प्राकृतिक आनंद दिया और जब नदी के रूप में आगे बढ़ी तो किसानों के खेतों में हरियाली आ गई। यहाँ तक कि अपने जीवन के अंत में जब मैं खारे समुद्र में जा मिली तो भी मैंने उस खारे जल को मिठास ही दिया। कल-कल कर बहती हुई नदी मानव से कहती है कि हे मनुष्य! मैं तुम्हारे जीवन के लिए कितनी आवश्यक हूँ इस बात को समझो और मेरा अस्तित्व बना रहने दो। मुझे इस तरह मैला न करो कि मैं समाप्त हो जाऊँ।

नदी की पुकार Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : सुरेशचंद्र मिश्र जी का जन्म उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के धनऊपुर गाँव में हुआ था। आप आधुनिक हिंदी कविता क्षेत्र के जाने-माने गीतकार हैं।
प्रमुख कृतियाँ : काव्यसंग्रह -‘संकल्प’, ‘जय गणेश’, ‘वीर शिवाजी’, ‘पत्नी पूजा’।

पद्य-परिचय :

गीत : स्वर, पद और ताल से युक्त गीत हिंदी साहित्य की महत्त्वपूर्ण विधा है। इसमें गेयता होती है। गीत मनुष्य मात्र की भाषा है।
इसके माध्यम से मानव जीवन में ऊर्जा एवं ताजगी का संचार होता है।
प्रस्तावना : कवि सुरेशचंद्र मिश्र जी ने नदी की पुकार कविता के माध्यम से हमारे जीवन में नदी के योगदान को दर्शाया है तथा इसे प्रदूषण मुक्त रखने के लिए हमें प्रेरित किया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

सारांश :

इस कविता के माध्यम से नदी की संवेदनाओं को प्रकट किया गया है। नदी सभी प्राणियों की भलाई करती है। उन्हें अपने जल से तृप्त करती है। मनुष्य के जीवन में कितनी भी महँगाई आ जाए पर नदी तो अपना जल नि:शुल्क देती है। वह खेतों को भी हरियाली प्रदान करती है। परंतु मनुष्य नदी को आए दिन प्रदूषित करता जा रहा है। नदी इस प्रदूषण से खुद को बचाने का आवाहन मनुष्य से करती है।

सरल अर्थ :

सबको जीवन देने ……………………………. मुझे बचा लो भाई रे।।
कवि नदी की संवेदनाओं को प्रकट करते हुए कहते हैं कि नदी सभी प्राणियों को अपने जल से जीवन प्रदान करती है। वह हमेशा दूसरों की भलाई का ही कार्य करती है। नदी कल-कल की आवाज करते हुए मनुष्य से अपने अस्तित्व को बचाने का आवाहन करती है।

मर्यादा में बहने वाली, …………………………… मुझे बचा लो भाई रे।।
जो नदी सदैव अपनी सीमा में रहकर अमृत समान स्वच्छ जल धारा से सबकी प्यास बुझाती है। वही नदी हमसे कहती है कि जिसने भी मुझे बुलाया मैं उसके भलाई के लिए सदा तैयार रही। हे मनुष्य! तुम पागल मत बनो, उसी नदी के दुश्मन मत बनो, जो हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ का कार्य करती आई है। उसके प्रदूषित होने पर तुम्हारी प्यास कौन बुझाएगा? कल-कल की आवाज करते हुए नदी मनुष्य से स्वयं (नदी) को बचाने का आवाहन करती है।

गिरिवन से निकली थी, ………………………….. मुझे बचा लो भाई रे।।
नदी कहती है कि जब मैं पर्वत और जंगल से होकर गुजरी तब मैंने अपने मन में एक सपना पाल रखा था कि रास्ते में जो भी जरूरतमंद (प्यासा) मिले उसे अपना बनाते हुए अर्थात उसकी मदद करते हुए आगे बढ़ते जाए लेकिन मानव जाति ने ही मुझे प्रदूषित कर दिया। इस प्रकार कल-कल करती नदी प्रदूषण से खुद को बचाने का मानव से आवाहन करती है।

नदिया के तट पर बैठो, …………………………… मुझे बचा लो भाई रे।।
यदि नदी के किनारे बैठ जाओ तो नदी कल-कल की आवाज में हमेशा गीत सुनाती है। कवि कहते हैं अगर धरती पर सूखा पड़ जाए तो भी नदी अपने बचे हुए थोड़े से जल से ही लोगों की प्यास बुझाती है। इंसान के जीवन में कितनी भी महँगाई क्यों न आ जाए लेकिन नदी हमें निःशुल्क जल देती है। इस प्रकार नदी कल-कल की आवाज करते हुए मनुष्य से यही आवाहन करती है कि तुम मुझे बचा लो अर्थात मुझे स्वच्छ रखो।

नदिया नहीं रहेगी तो, …………………………. मुझे बचा लो भाई रे।।
नदी अपना महत्त्व बताते हुए कहती है कि हे मनुष्य यदि मैं (नदी) नहीं रहूँगी तो समुद्र भी एक दिन सूख जाएगा। आगे वह प्रश्न करती है कि गाँवों से निकल कर मुझमें मिल जाने वाले नाले कहाँ जाएँगे, किससे मिलेंगे ? जो नाविक नाव को नदी में चलाते समय हो हैया-हो हैया की ललकार लगाते हैं वह फिर कभी सुनाई नहीं देगी यदि तुम मनुष्य मुझे स्वच्छ और सुरक्षित नहीं रखोगे। कल-कल करती नदी मनुष्य से अपनी सुरक्षा का निवेदन कर रही है।

झरना बनकर मैंने, ……………………… मुझे बचा लो भाई रे।।
कवि मिश्र कहते हैं कि नदी मानव से कह रही है कि जब मैं झरने के रूप में झर-झर कर बह रही थी, तब मेरी सुंदरता ने कितने ही इंसानों के नेत्रों को प्राकृतिक आनंद दिया और जब नदी के रूप में आगे बढ़ी तो किसानों के खेतों में हरियाली आ गई। यहाँ तक कि अपने जीवन के अंत में जब मैं खारे समुद्र में जा मिली तो भी मैंने उस खारे जल को मिठास ही दिया। कल-कल कर बहती हुई नदी मानव से कहती है कि हे मनुष्य! मैं तुम्हारे जीवन के लिए कितनी आवश्यक हूँ इस बात को समझो और मेरा अस्तित्व बना रहने दो। मुझे इस तरह मैला न करो कि मैं समाप्त हो जाऊँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

शब्दार्थ :

  1. मर्यादा – सीमा
  2. परहित – दूसरे की भलाई
  3. सौदाई – पागल
  4. गिरिवन – पर्वतीय जंगल
  5. पाला – सँजोया
  6. मलिनता – गंदगी
  7. तट – किनारा
  8. हरदम – हमेशा
  9. शुल्क – पैसा
  10. मुरझाएगा – सूख जाएगा
  11. सरिता – नदी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

Hindi Lokvani 9th Std Digest Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Textbook Questions and Answers

1. शब्द – संपदा:

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
1. लेखक
2. विद्वान
उत्तर:
1. लेखिका
2. विदुषी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
1. अवसाद
2. बेलाग
उत्तर:
1. दुख
2. बिना आधार का

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
1. दस्तावेज
2. उत्कृष्ट
उत्तर:
1. प्रलेख
2. सर्वोत्तम

2. उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
1. ‘क्रोनोलॉजिकल आर्डर’ इसे कहा जाता है –
2. महात्मा गांधी द्वारा अपने अनुयायियों एवं कार्यकर्ताओं को दिया गया सुझाव –
उत्तर:
1. डायरी की दैनिक कालानुक्रम योजना को।
2. नियमित दैनंदिन लिखने का सुझाव।

भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में से कारक पहचानकर तालिका में लिखिए।
उत्तर:

    1. किसी ने आज तक तेरे जीवन की कहानी नहीं लिखी।
    2. मेरी माता का नाम इति और पिता का नाम आदि है।
    3. वे सदा स्वाधीनता से विचरते आए हैं।
    4. अवसर हाथ से निकल जाता है।
    5. अरे भाई! मैं जाने के लिए तैयार हूँ।
    6. अपने समाज में यह सबका प्यारा बनेगा।
    7. उन्होंने पुस्तक को ध्यान से देखा।
    8. वक्ता महाशय वक्तृत्व देने को उठ खड़े हुए।
चिहननाम
नेकर्ता कारक
कासंबंध कारक
सेकरण कारक
सेअपादान कारक
अरे !संबोधन कारक
मेंअधिकरण कारक
कोकर्म कारक
कोसंप्रदान कारक

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

लेखनीय:

प्रश्न 1.
किसी पठित गद्य/पद्य के आशय को स्पष्ट करने के लिए पी.पी.टी. (P. P. T) के मुद्दे बनाइए।
उत्तर:
कविता का नाम – नदी की पुकार
कवि का नाम – सुरेशचंद्र मिश्र

जीवन परिचय – सुरेशचंद्र मिश्र जी का जन्म उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के धनऊपुर गाँव में हुआ था। आप आधुनिक हिंदी कविता क्षेत्र के जाने-माने गीतकार हैं।

नदी के कार्य – नदी हमेशा सभी प्राणियों को अपने जल द्वारा जीवन देती है। वह खेतों को हरियाली प्रदान करती है। सूखा पड़ जाने पर अपने थोड़े जल से भी लोगों की प्यास बुझाती है। कल-कल करती धारा के साथ वो हमें निरंतर गीत सुनाती है और खुशियाँ प्रदान करती है।

नदी का महत्त्व – नदी हमें अमृतधारा के समान पानी देती है। जिससे हमारी प्यास बुझती है। किसानों को फसलों की सिंचाई में मदद करती है; जिससे अन्न का उत्पादन होता है और हमारी भूख मिटती है। नदी नाविकों तथा मछुआरों को रोजगार भी देती है। अगर नदी नहीं रहेगी, तो सागर भी मुरझा जाएगा।

परोपकारी स्वभाव – नदी का स्वभाव परोपकारी है। वह सभी को निःशुल्क जल देती है। जो भी उसे पुकारता है वह उसकी प्यास बुझाती है और सभी प्राणियों को अपना बनाती है। वह किसी के साथ भेदभाव की भावना नहीं रखती है।

नदी का जीवन – नदी सभी मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ती रहती है। वह झरने से नीचे गिरती है। रास्ते के पत्थरों को तोड़ती हुई, बीहड़ जंगलों को पार करती हुई, ऊँचे-नीचे स्थानों से होती हुई अंत में सागर में जाकर मिल जाती है। नदी जन्म से मृत्यु पर्यंत संघर्ष करती जाती है।

नदी की वर्तमान स्थिति – नदी हमारे लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है। अगर नदी नहीं रहेगी, तो संसार में जीवन ही संभव नहीं होगा; लेकिन इसके बावजूद हम नदी की उपेक्षा कर रहे हैं। हम उसके द्वारा किए जाने वाले उपकारों को भूलते जा रहे हैं। हमारे द्वारा लगातार नदियों में कचरा, घातक रासायनिक पदार्थ, गंदगी आदि बहाई जा रही है जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर ऐसी स्थिति रही तो नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगी।

नदी की पुकार – लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण नदी परेशान हो गई है। वह मनुष्य से अपने को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बार-बार निवेदन करती है।

आसपास:

प्रश्न 1.
‘अंतरजाल से कोई अनुदित कहानी ढूँढ़कर रसास्वादन करते हुए वाचन कीजिए।
उत्तर:
बहुत समय पहले की बात है किसी गाँव में एक किसान रहता था। वह बहुत ही अच्छा किसान था और खेतों से ही अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। एक दिन की बात है कि तूफान जोर से आया और उसकी सारी फसल को नष्ट कर दिया। वह बहुत ही दुखी हुआ और मन ही मन सोचने लगा कि मेरा और मेरे परिवार का क्या होगा? कुछ दिन मौन रहने के बाद उसको एक उपाय सुझा, उसने मन बनाया कि भगवान को एक पत्र लिखेगा और अपनी फसल की दुर्दशा उसमें लिखेगा। पूरा दिन सोचने के बाद उसने भगवान को एक पत्र लिखा। पत्र लिखने के बाद वह पास ही एक डाकखाने में उस पत्र को पोस्ट करके आ गया।

जब उसका पत्र डाकखाने में पहुँचा तो सब लोग हँसने लगे और बोले पहली बार भगवान के नाम का पत्र आया है, लेकिन कुछ टाइम बाद जब एक क्लर्क ने उस पत्र को पढ़ना आरंभ किया तो उसमें किसान ने अपनी पूरी मनोदशा का वर्णन किया था। पत्र पढ़ने के बाद सभी की आँखो में आँसू आ गए और सब लोग अपने वेतन का कुछ हिस्सा किसान को देने के लिए राजी हो गए। किसान ने भगवान से 3000 रुपया माँगा था, लेकिन सब मिलाकर पोस्ट ऑफिस वालों ने 2000 ही उसको भेजा। सारे पोस्ट ऑफिस वाले बहुत ही खुश थे कि उन लोगों ने उस किसान की मदद की।

कुछ समय बाद किसान को वह पत्र मिला जिसमें 2000 रुपया था। वह बहुत ही खुश हुआ और भगवान को धन्यवाद दिया साथ में यह भी कहा – हे भगवान, अगली बार आप पोस्ट ऑफिस से सीधे पैसा मत देना ये पोस्ट ऑफिस वाले चोर होते हैं। मुझको पता है कि आप ने मुझको पूरा पैसा दिया था, लेकिन ये पोस्ट ऑफिस वालों ने चुरा लिया होगा, क्योंकि ये हैं ही बेईमानों की झुण्ड।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

मौलिक सृजन:

प्रश्न 1.
डायरी लेखन में व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है।
उत्तरः
डायरी लेखन हिंदी साहित्य की सबसे प्राचीन विधा है। इसमें लिखने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है क्योंकि लेखक इसमें अपने मन की बातों का अंकन करता है। डायरी लेखक के मन का केंद्रबिंदु होता है, जिसमें वह खुशी-गम, अच्छे-बुरे का लेखन करता है। किसी भी महान व्यक्ति की डायरी पढ़ने से हमें यह ज्ञात होता है कि उस महान व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा था। इसमें हमें उस व्यक्ति की ताकत तथा कमजोरियों के बारें में पता चलता है।

डायरी डायरीकार का एक सच्चा मित्र होता है। जो गलत करने पर आत्मग्लानि तथा सही काम करने पर आत्म सम्मान रूपी पुरस्कार देता है। डायरी सही मायनों में उस व्यक्ति की आत्मकथा बन जाती है, क्योंकि उस डायरी में उसके जीवन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी घटना का उल्लेख होता है और उसे पढ़ने से उस लेखक के अनुभवों का निचोड़ हमारे सामने आता है इन अनुभवों से लाभान्वित होकर हम अपने व्यक्तित्व को उन्नत बना सकते हैं।

पाठ के आँगन में:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 1

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
हिंदी में अनुवादित उल्लेखनीय डायरी लेखकों के नामों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तरः
डायरी लेखकों का नाम:

  1. मनुबहन गांधी
  2. महादेव देसाई
  3. सीताराम सेकसरिया
  4. सुशीला नैयर
  5. जमनालाल बजाज
  6. घनश्याम बिड़ला
  7. श्रीराम शर्मा
  8. हीरालाल जी शास्त्री

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 2

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. डायरी विधा इस अर्थ में नई है –
2. डायरी का मतलब –
उत्तर:
1. डायरी का संबंध मनुष्य के दैनंदिन जीवनक्रम के साथ घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है।
2. जिसमें तारीखवार हिसाब-किताब, लेन-देन के ब्यौरे आदि दर्ज किए जाते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से प्रत्यय युक्त शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
1. घनिष्ठता
2. मानवीय

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी विधा का बढ़ता प्रचलन’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लेखन अब भारत में भी एक जानी-पहचानी विधा है। इसे घर-घर में लिखा जा रहा है। अब इस पर चर्चा भी होती है। इसे हमारे साहित्य जगत ने भी स्वीकार कर लिया है। व्यक्तिगत और प्रकाशित न होने के कारण इसकी संख्या के बारे में सही अनुमान लगाना संभव नहीं है। इसके बावजूद यह कहा जा सकता है कि अभी भी यह अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में कम ही लिखी जाती है और जो थोड़ी-बहुत लिखी भी जाती है उसमें नियमितता व निरंतरता का अभाव देखने को मिलता है।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
1. डायरी में मनुष्य इन स्थितियों को अंकित करता है –
2. डायरी विधा की विशेषता –
उत्तरः
1. डायरी में मनुष्य अपने अंतर्जीवन एवं बाह्यजीवन की लगभग सभी स्थितियों को यथास्थिति अंकित करता है।
2. डायरी साहित्य की सबसे अधिक स्वाभाविक सरल एवं आत्मप्रकटीकरण की सादगी से युक्त विधा है।

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. डायरी के लिए विषयवस्तु का बंधन होता है।
2. डायरी में जो जीवन है वह सावधानीपूर्वक रचा हुआ जीवन नहीं है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

कृति (2):शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
1. अस्वस्थ × ………….
2. कठिन × …………..
उत्तर:
1. स्वस्थ
2. सरल

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी लेखन में लेखकीय महत्वाकांक्षा की आवश्यकता नहीं’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लेखन के लिए लेखक होना जरूरी नहीं होता है। इसमें व्याकरण, वर्तनी और वर्ण विन्यास का शुद्ध और सही होना आवश्यक नहीं होता है। विश्व में उनकी डायरी सर्वाधिक सफल, लोकप्रिय व सशक्त मानी जाती है; जिन्हें भाषा का ज्ञान नहीं था। जब सामान्य आदमी भी अपने विचारों, मतों व भावनाओं को सहज और स्वाभाविक रूप से प्रस्तुत करता है; तो पाठक और समाज को एक नया दृष्टिकोण मिलता है। इस तरह का मौलिक लेखन धरातल से जुड़ा होता है जिसमें खरेपन के साथ सहज संवेदनाएं संचारित होती हैं। डायरी लेखन में लेखकों का विभिन्न कार्यक्षेत्र व पृष्ठभूमि से आना रचना में विविधता व नवीनता पैदा करता है।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 3

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द बताइए।
1. मात्र
2. अवस्था
उत्तर:
1. केवल
2. स्थिति

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

प्रश्न 2.
निम्न शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
1. अनैतिक × ………….
2. नीरस × ……………
उत्तर:
1. नैतिक
2. सरस

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी लेखन के महत्त्वपूर्ण मुद्दे’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लिखने की शुरूवात मन की बातों को अभिव्यक्ति देने की जरूरत से जन्म ले सकती है। डायरी लिखना रोज के अनुभवों को लिपिबद्ध करने का एक बहाना भी हो सकता है। डायरी लिखते समय हमें भाषा की गलतियों की परवाह किए बिना सीधेसपाट शब्दों में अपनी बात लिखनी चाहिए। डायरी लिखते समय मन में आने वाले सवालों, उलझनों, भावनाओं, हलचलों को ज्यों-का-त्यों व्यक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। डायरी में निजता का भाव होता है। यह हमारे लिए वह स्थान होता है, जहाँ हम खुद का सामना बिना किसी मुखौटे के करते हैं। डायरी लेखन के दौरान हम खद को अपने ज्यादा करीब होने का मौका देते हैं। डायरी लेखन में जहाँ तक संभव हो अपनी मातृभाषा में लिखने की कोशिश करनी चाहिए। बाकी किसी नई भाषा में भी डायरी लिखी जा सकती है।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 4

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. इस छवि को रखने में डायरी साहित्य का उत्कृष्ट माध्यम है –
2. डायरी इनका दस्तावेज है –
उत्तर:
1. अपने जीवन की सच्ची, निष्काय, पारदर्शी छवि को रखने में।
2. डायरीकार की निजी भावनाओं, विचारों एवं प्रतिक्रियाओं के द्वारा अंकित उसके अपने जीवन एवं परिवेश का।

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए।
1. अंतरंग
2. ईमानदार
उत्तर:
1. अंतरंग + ता = अंतरंगता
2. ईमानदार + ई = ईमानदारी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी लिखने के फायदे’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लिखने के भी अनेक फायदे होते हैं। डायरी लिखने से हम अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होते हैं क्योंकि जब हम डायरी में अपने लक्ष्यों को लिखते हैं तो हमारे मस्तिष्क में उनका मनोवैज्ञानिक ब्लू प्रिंट बनता है। जिसे सफलतापूर्वक पूरा करने की संभावना बनी रहती है। जब हम अपनी भावनाओं को लिखते हैं तो अन्य बुरे विचारों के उलझन से भी मुक्त हो जाते हैं। डायरी लिखने से नए विचार और भावनाएँ बाहर आती हैं। सोच का दायरा बढ़ाने में मदद मिलती है। डायरी लिखने का महत्त्वपूर्ण फायदा यह भी है कि हम अपनी चीजों के बारे में इससे जानकारी ले सकते हैं क्योंकि सब कुछ याद रखना दिमाग के लिए आसान काम नहीं होता है।

साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: कुबेर कुमावत आधुनिक साहित्यकारों में अति परिचित नाम है। विशेषतः इनके विचारात्मक तथा वर्णनात्मक निबंध बहुत लोकप्रिय हैं। पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं।

प्रमुख कृतियाँ: पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ नियमित रूप से प्रकाशित होती है।

गद्य-परिचय:

डायरी: किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने अनुभवों, सोच और भावनाओं को लिखित रूप में अंकित कर बनाया गया संग्रह डायरी लेखन कहलाता है। यह रोज लिखा जाने वाला लेखन है। इसमें प्रतिदिन अनुभव की गई भावनाओं तथा घटने वाली घटनाओं को समय, दिन एवं स्थान आदि विवरण के साथ लिखा जाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत पाठ ‘साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी’ में लेखक कुबेर कुमावत जी ने ‘डायरी’ विधा के लेखन की प्रक्रिया,
उसके महत्त्व आदि को स्पष्ट किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि डायरी गद्य साहित्य की सबसे प्राचीन विधा है। जिसमें तारीखवार हिसाब-किताब, लेन-देन के ब्यौरे आदि दर्ज किए जाते हैं। डायरी में मनुष्य अपने अंतर्जीवन एवं बाह्य जीवन के बारे में लिख सकता है। विरोधाभासों के बीच अपने को स्वस्थ एवं प्रसन्न रखने का माध्यम है डायरी। गुजराती में लिखी बहुत-सी डायरियाँ हिंदी में अनुवादित हैं जिसमें महादेव देसाई, मनु बहन गाँधी की डायरी मुख्य है। आधुनिक समय में भी बहुत-सी डायरियाँ प्रकाशित हैं, जिनमें शिवपूजन, सहाय, गणेश शंकर विद्यार्थी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ आदि की डायरियाँ प्रमुख हैं।

अपने जीवन की सच्ची निष्काय पारदर्शी छवि को याद रखने में डायरी साहित्य का उत्कृष्ट माध्यम है। डायरी जीवन का अंतरदर्शन है। एक अच्छी, सच्ची एवं सादगीयुक्त डायरी के लिए लेखक का साहसी और ईमानदार होना आवश्यक है। दैनंदिन जीवन के अनेक प्रसंग भाव, भावनाएँ, विचार आदि डायरीकार अपनी डायरी में लिखता है, परंतु इसके पीछे लेखक की निष्कपट स्वीकारोक्तियों का स्थान सर्वाधिक है। हिंदी में अनेक डायरियाँ ऐसी हैं जो प्रायः यथावत अवस्था में प्रकाशित हुई हैं। डायरी को बेलाग आत्मप्रकाशन की विधा बनाने में महात्मा गाँधी का योगदान सर्वोपरि है। उन्होंने अपने अनुयायियों को दैनंदिन लिखने का सुझाव दिया। डायरी अपनी रचना द्वारा मनुष्य के जीवन में जहाँ आतंरिक अनुशासन बनाए रखती है; वही मनोवैज्ञानिक संतुलन का कार्य भी करती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

शब्दार्थ:

  1. विधा – प्रकार
  2. दैनंदिनी – दैनिकी
  3. मनोवैज्ञानिक – मन में उठनेवाले विचारों का विवेचन करने वाला
  4. अतुल्य – अनुपम, अद्वितीय
  5. श्लाघ्यनीय – प्रशंसनीय
  6. संतुलन – दो पक्षों का बल बराबर रखना
  7. कायरता – भीरुता, डरपोकपन
  8. गरिमा – गौरव, प्रशंसनीय
  9. वर्जना – रोक लगाना
  10. मंशा – इच्छा
  11. बेलाग – बिना आधार का
  12. फर्जी – नकली
  13. कसाव – भाव, कसा हुआ
  14. विवेच्य – जिसकी विवेचना की जाती है
  15. सर्वोपरि – सबसे ऊपर
  16. अंतद्वंद्व – किसी बात पर मन के अंदर चलने वाला विरोधाभास
  17. अवसाद – दुख
  18. निष्कपट – छलरहित, सीधा

मुहावरे:

1. दूर-दूर तक संबंध न होना – कुछ भी संबंध न होना।

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Balbharti Maharashtra State Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Class 6 History Chapter 4 The Vedic Civilization Textbook Questions and Answers

1. Name the following with reference to the lesson:

The Vedic Civilization Class 6 Question 1.
Women scholars in Vedic literature:
Answer:
Lopamudra, Gargi, Maitreyi.

The Vedic Civilization Class 6 Questions And Answers Question 2.
Means of entertainment in the Vedic period:
Answer:
Singing, playing musical instruments, dance, board games, chariot race and hunting.

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

The Vedic Civilization Class 6 Questions And Answers Maharashtra Board Question 3.
The four ashrams:
Answer:
Brahmacharyashrama, Grihasthashrama, Vanaprasthashrama, Sanyasashrama

2. Right or wrong?

Class 6 History Chapter 4 Question 1.
Rigveda – Mantras uttered during yajna.
Answer:
Wrong.

Vedic Age Question And Answer Class 6 Question 2.
Samaveda – Guidance on singing a mantra during yajna rites.
Answer:
Right.

Vedic Civilization Class 6 Question 3.
Atharvaveda – The Veda derived its name from Atharva rishi.
Answer:
Right.

3. Answer in one word each:

Class 6 History Chapter 4 Questions And Answers Question 1.
The language of Vedic literature:
Answer:
Sanskrit.

Chapter 4 Class 6 History Question 2.
The meaning of vid:
Answer:
To know.

Class 6 History Chapter 4 Notes Question 3.
The head of a family:
Answer:
Grihapati.

History Class 6 Chapter 4 Question 4.
The head of shrenis:
Answer:
Shreshthi

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

4. Name the following:

Question 1.
The musical instruments you know:
Answer:
Guitar, drums, piano (Keyboard).

Question 2.
Two modern ornaments of women:
Answer:
Earing, necklace.

Question 3.
Today’s means of entertainment:
Answer:
Movies, computer games, T.V.

5. Answer in short:

Question 1.
What foods were included in the diet of the Vedic people?
Answer:
(a) The diet of the people mainly consisted of cereals like wheat, barley and rice. From this they made different preparations like java, godhoom, vihi, etc.
(b) They also relished milk, yoghurt, ghee, butter, honey, black gram, lentil, sesame and meat.

Question 2.
Why were the cows priced highly?
Answer:
(a) Cows were used as means of exchange. They were highly priced.
(b) For the same reason people took great care that their cows should not be stolen.

Question 3.
What was a man expected to do in sanyasashrama ?
Answer:
The fourth stage was the sanyasharam. At this stage a man was expected to renounce all relations, lead a life in order to understand the meaning of human life and not stay in one place.

6. Write notes on:

Question 1.
The religious ideas during the vedic period.
Answer:
(a) In the religious ideas of the vedic period, forces of nature such as the sun, wind, rain, lightening, storms and rivers were given the form of deities.
(b) Yajna is the act of offering havi into fire. The Vedic people put offering (havi) into the yajna fire to please the deities.

Question 2.
Houses in the Vedic period.
Answer:
The houses during the vedic period were earthen or wattle and daub constituents. Wattle means woven lattice of wooden strips which is daubed with clay mixed with cow dung. A house was called griha or shala.

Question 3.
Political system in the Vedic period.
Answer:
(a) The main duties of a king were to protect the people, collect taxes and run the administration efficiently.
(b) In order to run the administration smoothly, the king appointed various officers like the purohit (priest), the senapati and bhagdugh.
(c) There were four institutions who guided the king – sabha, samiti, vidath and jana.

Activity:

  • Interview some artisans in your locality and write about them.
  • List the new words in the lesson and find their meaning.

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Class 6 History Chapter 4 The Vedic Civilization Additional Important Questions and Answers

Name the following with reference to the lesson:

Question 1.
Houses during the Vedic period:
Answer:
Griha or Shala.

Question 2.
The four varnas:
Answer:
Brahmin, Kshatriya, Vaishya and Shudra,

Question 3.
Four institutions who guided the king:
Answer:
Sabha, samiti, vidath and jana.

Right or Wrong?

Question 1.
Brahmanas – Guidance on using vedic mantra in yajna rituals.
Answer:
Right.

Question 2.
Institution who guided the king – Purohit, senapati, bhagdugh.
Answer:
Wrong.

Answer in one word each:

Question 1.
The head of vish:
Answer:
Vishpati.

Question 2.
The head of jana:
Answer:
Nripa.

Complete the sentences by choosing the correct option:

Question 1.
The civilization that is based on vedic literature is known as _________ civilization.
(a) vedic
(b)purans
(c) samhitas
Answer:
(a) vedic

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Question 2.
The Vedas are considered to be our _________ literature.
(a) modem
(b) earliest
(c) medieval
Answer:
(b) earliest

Question 3.
The _______ were composed by many sages or rishis.
(a) Brahmana
(b) Aryanakas
(c) Vedas
Answer:
(c) Vedas

Question 4.
Vedic literature is written in _________.
(a) English
(b) Hindi
(c) Sanskrit
Answer:
(c) Sanskrit

Question 5.
The Rigveda is considered to be the _______ text.
(a) first
(b) second
(c) third
Answer:
(a) first

Question 6.
The Vedas have been preserved through the ________ tradition.
(a) ancient
(b) oral
(c) printed
Answer:
(b) oral

Question 7.
The vedas are also called as ________.
(a) Shruti
(b) Mayuri
(c)Yagna
Answer:
(a) Shruti

Question 8.
Each verse of the Veda is known as a ______.
(a) Shruti
(b) Maya
(c) Richa
Answer:
(c) Richa

Question 9.
The Rigveda consists of many ________ composed to praise different deities.
(a) richas
(b) suktas
(c) shruti
Answer:
(b) suktas

Question 10.
Yajurveda provides guidance about how and when the different ______ must be chanted during the yajna rites.
(a) mantras
(b) yajnas
(c) vedas
Answer:
(a) mantras

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Question 11.
The samaveda has contributed in a major way in laying the foundation of Indian _______.
(a) society
(b) music
(c) lifestyle
Answer:
(b) music

Question 12.
The Atharvaveda is named after Atharva ________.
(a) Rishi
(b) mantra
(c) veda
Answer:
(a) Rishi

Question 13.
Atharvaveda includes______ to adversities and diseases.
(a) medicine
(b) ways
(c) solutions
Answer:
(c) solutions

Question 14.
The Atharvaveda provides _________ to the king about how he should administer his kingdom.
(a) solution
(b) guidance
(c) tradition
Answer:
(b) guidance

Question 15.
The _______ discuss such serious and profound issues.
(a) Vedas
(b) Aranyakas
(c) Upanishads
Answer:
(c) Upanishads

Question 16.
_________ family system was prevalent in Vedic peroid
(a) Joint
(b) matriarchal
(c) patriarchal
Answer:
(a) Joint

Question 17.
The grihapati was the of the family.
(a) heart
(b) head
(c) hands
Answer:
(b) head

Question 18.
The family system was ______
(a) ancient
(b) matriarchal
(c) patriarchal
Answer:
(c) patriarchal

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Question 19.
A ________ was called griha or shala.
(a) house
(b) shed
(c) school
Answer:
(a) house

Question 20.
People in the Vedic period used cotton and woollen ________.
(a) headgear
(b) shawls
(c) garments
Answer:
(c) garments

Question 21.
In the Vedic period, animal skins were also used as ________ the Vedic period.
(a) Agriculture
(b) Clothings
(c) Trade
Answer:
(b) Clothings

Question 22.
_________ was the main occupation during determined on the basis of
(a) Agriculture
(b) birth
(c) death
Answer:
(a) Agriculture

Question 23.
The horse was valued because of its ______.
(a) chariot
(b) speed
(c) beauty
Answer:
(b) speed

Question 24.
The Vedic people were skilled in taming the _______ and harnessing them to the chariots.
(a) cows
(b) bulls
(c) horses
Answer:
(c) horses

Question 25.
The head of the guild was known as ________.
(a) Grihapati
(b) Shreshthi
(c) Raja
Answer:
(b) Shreshthi

Question 26.
A varna was determined by the ________ of the people.
(a) occupation
(b) neighbours
(c) skill
Answer:
(a) occupation

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Question 27.
In the later period, the varnas came to be determined on the basis of ________.
(a) bags
(b) birth
(c) shoes
Answer:
(b) birth

Question 28.
The caste system led to ________ in the society.
(a) justice
(b) equality
(c) inequality
Answer:
(c) inequality

Question 29.
The Vedic people put _______ into the yajna fire to please the deities.
(a) offerings
(b) money
(c) water
Answer:
(a) offerings

Question 30.
In the Vedic period, each village had a head known as _______.
(a) grihapati
(b) gramini
(c) nripa
Answer:
(b) gramini

Question 31.
A group of villages formed a vish, whose head was called ________.
(a) grihapati
(b) purohit
(c) vishpati
Answer:
(c) vishpati

Question 32.
The head of the jana was known as nripa or _______.
(a) raja
(b) janapad
(c) senapati
Answer:
(a) raja

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Question 33.
The ______ consisted of senior citizens of the state.
(a) samiti
(b) sabha
(c) vidath
Answer:
(b) sabha

Question 34.
After a period of time, the religious stream based on the vedas, smritis, puranas and local traditions came to be known as
(а) Buddhism
(b) Jainism
(c) Hinduism
Answer:
(c) Hinduism

Answer the following in one sentence:

Question 1.
What is vedic civilization?
Answer:
The civilization that is based on vedic literature is known as vedic civilization.

Question 2.
Who composed the vedas?
Answer:
The vedas were composed by many sages or rishis.

Question 3.
In which language is the vedic literature written?
Answer:
Vedic literature is written in Sanskrit.

Question 4.
Name the veda that is considered to be the first text.
Answer:
The Rigveda is considered to be the first text.

Question 5.
Name the four vedas.
Answer:
The four vedas are – Rigveda, Yajurveda, Samaveda and Atharvaveda.

Question 6.
What does Rigveda consist of?
Answer:
The Rigveda consists of many suktas composed to praise different deities.

Question 7.
What does Yajurveda provide?
Answer:
Yajurveda provides guidance about how and when the different mantras must be chanted during yajna rites.

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Question 8.
What does Samaveda provide?
Answer:
The Samaveda provides guidance on singing Rigvedic verses to a set rhythm and tune at the time of yajna rites.

Question 9.
After whom is the Atharvaveda named?
Answer:
The Atharvaveda is name after Atharva rishi.

Question 10.
Which texts were written after the Samhitas?
Answer:
The Brahmana texts, Aranyakas and Upanishads were written after the composition of the Samhitas.

Question 11.
What does Aranyakas consists of?
Answer:
Aranyakas consists of the reflections or thoughts expressed after meditating with deep concentration in forests or wilderness.

Question 12.
Which family system was prevalent in the vedic period?
Answer:
Joint family system was prevalent in the vedic period.

Question 13.
Name some women scholars during the vedic period.
Answer:
Women scholars such as Lopamudra, Gargi and Maitreyi are mentioned in the vedic literature.

Question 14.
What did the diet of the people mainly consist of?
Answer:
The diet of the people mainly consists of cereals like wheat, barley and rice.

Question 15.
What was the main occupation during the vedic period?
Answer:
Agriculture was the main occupation during the vedic period.

Question 16.
Name the varnas.
Answer:
The four varnas are Brahmin, Kshatriya, Vaishya and Shudra.

Question 17.
Which four institutions guided the king?
Answer:
The four institutions that guided the king are sabha, samiti, vidath and jana.

Question 18.
What is Hinduism?
Answer:
After a period of time, the religious stream based on the vedas, smritis, puranas and local traditions came to be known as Hinduism.

Maharashtra Board Class 6 History Solutions Chapter 4 The Vedic Civilization

Answer in short:

Question 1.
What does Atharvaveda consists of?
Answer:

  • Atharvaveda consists of solution to adversities and diseases.
  • It provides information about medicinal herbs.
  • It provides guidance to a king about the way he should administer his kingdom.

Question 2.
Describe the dress of the people during the vedic period.
Answer:
People in the vedic period used cotton and woollen garments, they also used clothes made from the barks of trees. Animal skins were also used as clothing.

Write notes on:

Question 1.
Describe four stages or four ashramas.
Answer:
The four ashramas are brahmacharyashmma, grihasthashrama, vanaprasthashrama, sanyasashrama.

  1. The first ashrama was the brahmacharyashrama or the period of staying with the Guru to learn from him.
  2. The next stage was grihasthashrama, during this period a man would carry out his duties towards his family and society with the help of his wife.
  3. The third stage was vanaprasthashrama when a man was expected to detach himself from the household, retire to a solitary place and lead a very simple life.
  4. The fourth stage was the sanyasashrama, the convention was to renounce all relations, lead life in order to understand the meaning of human life and not to stay in one place.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 10 कुलूप Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 10 कुलूप Textbook Questions and Answers

1. आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न (अ)
आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 2

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

प्रश्न (आ)
कारणे शोधा.
1. काही कड्यांना आणि काही दारांना दोन दोन कुलुपे कारण
2. नानांनी शेजाऱ्यांकडे पसाभर धान्य मागितले नाही कारण
उत्तर:
1. कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळीच्या नजरेस पडावा या नानांच्या हव्यासामुळे.
2. नानांचा स्वभाव मानी होता.

प्रश्न (इ)
खालील चौकटीत दिलेल्या संकल्पनाचा अर्थ स्पष्ट करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 3
उत्तर:

संकल्पनासंकल्पनांचा अर्थ
1. वसुधैव कुटुंबकम् वृत्ती‘सारे विश्व माझे घर’ अशी  भावना.
2. अक्षरशत्रू कुलूपअक्षरांचा वापर न करता नुसत्या चावीने उघडणारी कुलपे.
3. चोर कलेला आश्रय देत नाही.कुलपांचे कौतुक न करता चोर चोरी करून जातात.
4. माझ्या हौशीने मिळकतीचा बचाव केलदागिने घालण्याच्या आवडीने दागिने वाचवले.

प्रश्न (ई)
आकृती पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 5

2. खालील शब्दांचे अर्थ शोधून लिहा.

प्रश्न 1.
खालील शब्दांचे अर्थ शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. दुर्घट – अवघड
  2. हव्यास – लोभ
  3. कुचकामी – निरूपयोगी

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

3. पाठात आलेल्या विनोदी वाक्यांचा शोध घ्या व ती लिहा.

प्रश्न 1.
पाठात आलेल्या विनोदी वाक्यांचा शोध घ्या व ती लिहा.
उत्तर:

  1. दुध-दुभत्या कपाटापासून ते पैशाच्या तिजोरीपर्यंत प्रत्येक ठिकाणी कुलपे लावून नाकेबंदी करून टाकली आहे.
  2. कुलूप लोहाराकडून काढवावे तर पोटच्या पोरापेक्षाही ममतेने वाढवलेल्या कुलपाची हाडे खिळखिळी होताना पाहणे हे बंडूनानांसारख्यांना जरा दुर्घटच होते.
  3.  पण तो दिवस ही सगळ्यांनी तितक्याच धार्मिकपणे उपासात काढला.
  4. नानांचे तर डोळे पांढरे होण्याची वेळ आली.

4. सहसंबंध शोधा.

प्रश्न 1.
सहसंबंध शोधा.
उत्तर:

  1. अंधार : उजेड : : नि:संशय : संशय
  2. सावध : बेसावध : : विश्वासू : अविश्वासू
  3. ते : सर्वनाम : : व : उभयान्वयी अव्यय

5. स्वमतः

प्रश्न 1.
बंडूनानांच्या कुलूपांच्या शौकामुळे घडणाऱ्या चमत्कारिक प्रसंगाविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
उतारा क्र.1 मधील कृती 4: स्वमतचे उत्तर पाहा.

प्रश्न 2.
बंडूनानांच्या तोंडाला आपोआप कुलूप बसण्याची तुम्हांला समजलेली कारणे स्वभाषेत सांगा.
उत्तरः
उतारा क्र. 4 मधील कृती 4: स्वमतचे उत्तर पाहा.

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6. अभिव्यक्ती:

प्रश्न 1.
बंडूनानांच्या छंदाच्या वर्णनातून पाठात घडणारा विनोद तुमच्या शब्दांत सांगा.
उत्तरः
उतारा क्र. 3 मधील कृती 4: स्वमतचे उत्तर पाहा.

प्रश्न 2.
व्यक्तिमत्त्व विकासात छंदाचे महत्त्व लिहा.
उत्तर:
स्पर्धेच्या युगात व्यक्तिमत्त्व विकासाला अनन्यसाधारण महत्त्व प्राप्त झाले आहे. दैनंदिन व्यवहारांमध्ये स्वत:ला इतरांच्या तुलनेत सरस ठेवण्यासाठी स्वत:मध्ये व्यक्तिमत्त्व विकास घडवून आणणे जरुरीचे आहे. प्रत्येकाला वेगवेगळा छंद असतो. कोणी वेगवेगळ्या विषयावर माहिती गोळा करतो, कोणी पुरातन वस्तूंचा संग्रह करतो. असे अनेक छंद असतात. वाचन करणे हाही एक छंद आहे.

म्हणजेच वाचन करणारी व्यक्ती ज्ञानी समजली जाते. कारण वाचनाने दररोज त्याच्या ज्ञानात भर पडत असते. नवनवीन गोष्टी ती आत्मसात करत असते. यामुळे तुमचा समजूतदारपणा अधिक फुलतो. आणखी लोक तुमच्याशी जोडले जातात. तसेच, नवीन छंद जोपासायचा प्रयत्न केला पाहिजे. तुम्हांला चांगल्या गोष्टीचा छंद असेल तर तुमचे व्यक्तिमत्त्व अधिक प्रभावी व खुलून दिसेल; म्हणून व्यक्तिमत्त्व विकासात छंदाचे महत्त्व आहे.

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 10 कुलूप Additional Important Questions and Answers

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 6

प्रश्न 2.
उत्तर लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 7.1

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.
उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. पैशाची(अ) संग्रह
2. कुलपांचा(ब) कोठी
(क) तिजोरी

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. पैशाची(क) तिजोरी
2. कुलपांचा(अ) संग्रह

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. बंडूनानांनी काही कड्यांस दोन-दोन व काही दारांस दोन्हीं बाजूंनी कुलपे लावलेली आहेत.
  2. कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळींच्या नजरेस पडावा एवढीच आहे.
  3. कुलपे लावून नाकेबंदी करून टाकली आहे.
  4. आमच्या बंडूनानांना कुलपांचा मोठा शौक.

उत्तर:

  1. आमच्या बंडूनानांना कुलपांचा मोठा शौक.
  2. कुलपे लावून नाकेबंदी करून टाकली आहे.
  3. कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळींच्या नजरेस पडावा एवढीच आहे.
  4. बंडूनानांनी काही कड्यांस दोन-दोन व काही दारांस दोन्हीं बाजूंनी कुलपे लावलेली आहेत.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
बंडूनानांना जडलेला छंद कोणता?
उत्तर:
बंडूनानांना कुलपांचा छंद जडला होता.

प्रश्न 2.
कुलपांचा संग्रह कोणाच्या नजरेस पडावा असे बंडूनानांना वाटत होते?
उत्तर:
कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळींच्या नजरेस पडावा असे बंडूनानांना वाटत होते.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. अनेक धातूंची, अनेक आकारांची, अनेक कळींची ………………………. जमवून त्यांनी एक संग्रहालय बनवले आहे. (कुलपे/किल्या/घरे/पुस्तके)
2. आमच्या …………….. कुलपांचा मोठा शौक. (सखूआजीला/बंडूनानांना/वडीलांना/खंडूनानांना)
उत्तर:
1. कुलपे
2. बंडूनानांना

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा

प्रश्न 1.
शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 8

कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
कारण लिहा.
बंडूनानांनी घरभर कुलपे लावून बंदोबस्त करण्याचे कारण; ………………….
(अ) घरावर डाका पडणार आहे, अशी बातमी त्यांना कळाली होती.
(ब) आपल्या चीजवस्तूंचे रक्षण व्हावे ही इच्छा होती.
(क) कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळीच्या नजरेस पडावा म्हणून.
(ड) नानांना कुलूपांचा संग्रह करायचा होता.
उत्तर:
बंडूनानांनी घरभर कुलपे लावून बंदोबस्त करण्याचे कारण; कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळींच्या नजरेस पडावा म्हणून.

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 9

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर लिहा.
1. बंडूनानांनी काही कड्यांस दोन-दोन व काही दारांस दोन्ही बाजूंनी कुलपे लावली आहेत.
2. आमच्या बंडूनानांना पुस्तकांचा मोठा शौक.
उत्तर:
1. बरोबर
2. चूक

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कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
आपल्या चिजवस्तूंचे रक्षण व्हावे हि इच्छा होती.
उत्तरः
आपल्या चीजवस्तूंचे रक्षण व्हावे ही इच्छा होती.

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. मित्रमंडळि, मीत्रमंडळि, मित्रमंडळी, मीत्रमंडळी
2. संग्रहालय, सगृहालय, संगरहालय, संग्ररहालय
उत्तर:
1. मित्रमंडळी
2. संग्रहालय

प्रश्न 3.
खालील वाक्यांत अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेले समान अर्थाचे शब्द शोधून वाक्ये पुन्हा लिहा.
1. पुस्तकांचा साठा करायला रमेशला आवडतो.
2. दारांस दोन्ही बाजूंनी टाळे लावलेली आहेत.
उत्तर:
1. पुस्तकांचा संग्रह करायला रमेशला आवडतो.
2. दारांस दोन्ही बाजूंनी कुलपे लावलेली आहेत.

प्रश्न 4.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दाचे वचन बदलून वाक्य पुन्हा लिहा.
आमच्या बंडूनानांना कुलपांचा मोठा शौक.
उत्तर:
आमच्या बंडूनानांना कुलपाचा मोठा शौक.

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प्रश्न 5.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
(अधोरेखित शब्दांची जात ओळखा)
1. बंडूनानांना कुलपांचा मोठा शौक.
2. तो पहाटे दररोज चालायला जातो.
उत्तर:
1. नाम
2. क्रियाविशेषण अव्यय

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
कुलूपाचाकुलूपकुलपा
हव्यासामुळेहव्यासहव्यासा
कपाटापासूनकपाटकपाटा
दारांसदारेदारां

प्रश्न 7.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेला योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.
कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळींच्या दृष्टीस पडावा एवढीच इच्छा आहे.
उत्तर:
कुलपांचा संग्रह मित्रमंडळींच्या नजरेस पडावा एवढीच इच्छा आहे.

प्रश्न 8.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
कुलपे जमवून बंडूनानांनी एक संग्रहालय बनवले आहे. (काळ ओळखा)
उत्तर:
वर्तमानकाळ

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कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
बंडूनानांच्या कुलपांच्या शौकामुळे घडणाऱ्या चमत्कारिक प्रसंगांविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
बंडूनानांना कुलपांचा शौक होता. आपल्या या शौकापायी त्यांनी वेगवेगळ्या प्रकारची कुलपे संग्रहित करून ठेवलेली होती. त्यांच्या कुटुंबाने (बायकोने) धान्याच्या कोठीच्या कुलपांची किल्ली हरवली. कुलूप लोहाराकडून काढून घेतले तर ते तुटेल म्हणून त्यांनी लोहाराला बोलाविले नाही. ते इतके स्वाभिमानी होते की, इतरांकडून धान्य उसने न घेता घरातील सर्व मंडळींसह दोन दिवस उपाशीच राहिले. कडक उपासाने नानांची तब्येत बिघडली, तेव्हा इतर लोकांनी लोहाराला बोलाविले. त्यांच्याशी नाना व्यवस्थित बोलत नव्हते. खरे पाहता नानांना विविध प्रकारची कुलपे संग्रही ठेवण्याचा शौक होता. त्यांना आपल्या शौकापुढे कोणतीच गोष्ट महत्त्वाची वाटत नसे. आपल्या शौकापायी व्यक्ती काहीही करण्यास तयार होते. नानांच्या बाबतीतही हेच म्हटले पाहिजे.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
उत्तर लिहा
उत्तरः
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प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. धान्याची(अ) किल्ली
2. कुलूपाची(ब) संग्रह
(क) कोठी

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. धान्याची(क) कोठी
2. कुलूपाची(अ) किल्ली

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प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. नाना पंधरा दिवसांपर्यंत आमच्याशी नीटपणे बोलेनातच!
  2. दुसऱ्या दिवशी द्वादशी.
  3. किल्ली शोधण्याकरता त्यांनी सगळा बाजार पालथा घातला.
  4. बंडूनानांवर अनेक चमत्कारिक प्रसंगही आले आहेत.

उत्तर:

  1. बंडूनानांवर अनेक चमत्कारिक प्रसंगही आले आहेत.
  2. किल्ली शोधण्याकरता त्यांनी सगळा बाजार पालथा घातला.
  3. दुसऱ्या दिवशी द्वादशी.
  4. नाना पंधरा दिवसापर्यंत आमच्याशी नीटपणे बोलेनातच!

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
धान्याच्या कोठीच्या कुलपाची किल्ली कोणी हरवली?
उत्तरः
धान्याच्या कोठीच्या कुलपाची किल्ली बंडूनानांच्या कुटुंबाने हरवली.

प्रश्न 2.
धान्याच्या कोठीच्या कुलपाची किल्ली हरवल्यामुळे घरातील सर्व मंडळींना किती दिवस उपवास घडला?
उत्तरः
धान्याच्या कोठीच्या कुलपाची किल्ली हरवल्यामुळे घरातील सर्व मंडळींना दोन दिवस उपवास घडला.

प्रश्न 3.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
1. नानांचे तर डोळे ………… होण्याची वेळ आली. (काळे, लाल, पांढरे, निळे)
2. बंडूनानांवर अनेक …………. प्रसंगही आले आहेत. (चमत्कारिक, रोमांचकारी, दिलचस्प, भयानक)
उत्तर:
1. पांढरे
2. चमत्कारिक

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प्रश्न 4.
शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा.
उत्तर:
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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
कारणे लिहा.
1. नानांनी शेजाऱ्यांपाशी पसाभर धान्य मागितले नाही; कारण …………….
…………………………………………………………………….
2. कुलूप लोहाराकडून काढायचे नाही; कारण …………………………………
…………………………………………………………………….
उत्तर:
1. नानांनी शेजाऱ्यांपाशी पसाभर धान्य मागितले नाही; कारण नानांचा स्वभाव मानी होता.
2. कुलूप लोहाराकडून काढायचे नाही; कारण कुलपाची हाडे खिळखिळी होताना पाहणे हे बंडूनानांसाठी अवघड होते.

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 14

प्रश्न 4.
चूक की बरोबर ते लिहा.
बंडूनाना शेजाऱ्यांपाशी धान्य उसने मागत असत.
उत्तरः
चूक

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
एवढा खटाटोप करून ठेवल्यामूळे बंडूनानांवर अनेक चमत्कारिक परसंग आले आहेत.
उत्तर:
एवढा खटाटोप करून ठेवल्यामुळे बंडूनानांवर अनेक चमत्कारिक प्रसंग आले आहेत.

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प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. खिळखीळी, खिळखिळी, खीळखीळी, खिळखिळि
2. दूर्घट, दुरघट, दुर्गट, दुर्घट
उत्तर:
1. खिळखिळी
2. दुर्घट

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा.
1. राग – [ ]
2. नयन – [ ]
उत्तर:
1. घुस्सा
2. डोळे

प्रश्न 4.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दाचे वचन बदलून वाक्य पुन्हा लिहा.
धान्याच्या कोठीच्या कुलपाची किल्ली त्यांच्या कुटुंबाने हरवली.
उत्तरः
धान्याच्या कोठीच्या कुलपांच्या किल्ल्या त्यांच्या कुटुंबाने हरवल्या.

प्रश्न 5.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
1. नानांचे तर डोळे पांढरे होण्याची वेळ आली. (अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा)
2. घरासमोर विहीर आहे. (अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा)
उत्तर:
1. विशेषण
2. शब्दयोगी अव्यय

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प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्यसविभक्ती
कुलपाचीचीषष्टी (एक वचन)
लोहारासद्वितीया(एक वचन)

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
लोहाराकडूनलोहारलोहारा
शेजाऱ्यांपाशीशेजारीशेजाऱ्या

प्रश्न 8.
वाक्प्रचाराचा अर्थ लिहा.
1. हाडे खिळखिळी होणे
2. नजरेस पडणे
उत्तर:
1. हाडे खिळखिळी होणे : खूप मार लागणे
2. नजरेस पडणे : दृष्टीस पडणे

प्रश्न 9.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
बंडूनानांनी किल्ली शोधण्याकरता सगळा बाजार पालथा घातला होता. (काळ ओळखा)
उत्तर:
भूतकाळ

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प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
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कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
बंडूनानांसारखा तुम्हांलाही जरूर कोणता ना कोणता तरी छंद असणारच. तुम्ही आपल्या छंदाची जोपासना कशी करता हे थोडक्यात व्यक्त करा.
उत्तरः
बंडूनानांप्रमाणे मलाही छंद आहे, तो म्हणजे नाणी गोळा करण्याचा. आतापर्यंत मी देश-विदेशांतील अनेक नाणी संग्रही बाळगली आहेत, नाणी हरवू नयेत तसेच ती चोरीला जाऊ नयेत; म्हणून मी नाणी ठेवण्यासाठी एक स्वतंत्र कपाटच केलेले आहे. प्रत्येक महिन्याच्या शेवटच्या रविवारी मी माझी सर्व नाणी बाहेर काढून त्यांना स्वच्छ कपड्याने पुसून ठेवतो. माझ्या मित्रांना घरी बोलावून त्यांना सर्व नाणी दाखवतो, पण कोणालाही हात लावू देत नाही. मुंबईतील चोरबाजार, फॅशन स्ट्रीट येथे वेळोवेळी जाऊन विविध देशांची नाणी मी खरेदी करतो. संगणकाच्या मदतीने परदेशात नवीन निघालेल्या नाण्यांची चित्रे पाहतो व अथक प्रयत्न करून, ती नाणी मिळविण्याचा प्रयत्न करतो.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती कराः

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 16

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
1. कुलपे पुष्कळ बरी – [ ]
2. बंडूनानांची वृत्ती – [ ]
उत्तर:
1. अक्षरशत्रू
2. ‘वसुधैव कुटूंबकम्’

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ वृत्तीचे नाना.
  2. नानांनी घरच्यांच्या स्वाधीन बाजारी कुलपे केली.
  3. अक्षरशत्रू कुलपे पुष्कळ बरी.
  4. अक्षरे जुळवताना ती जवळ उभे राहाणारासही दिसू लागली.

उत्तर:

  1. नानांनी घरच्यांच्या स्वाधीन बाजारी कुलपे केली.
  2. ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ वृत्तीचे नाना.
  3. अक्षरे जुळवताना ती जवळ उभे राहाणारासही दिसू लागली.
  4. अक्षरशत्रू कुलपे पुष्कळ बरी.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
बंडूनाना कोणती कुलपे कुटुंबाच्या स्वाधीन करू लागले?
उत्तरः
बंडूनाना साधी बाजारी कुलपे कुटुंबाच्या स्वाधीन करू लागले.

प्रश्न 2.
‘वसुधैव कुटुंबकम्’ वृत्ती पाहून कोणाला चोरी करण्याची इच्छा झाली?
उत्तरः
‘वसुधैव कुटुंबकम्’ वृत्ती पाहून नानांच्या एका विश्वासू नोकराला चोरी करण्याची इच्छा झाली.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. ………….. वृत्ती पाहून नानांच्या पदरच्या एका विश्वासू नोकरालाही चोरी करण्याची इच्छा झाली. (‘वसुधैव कुटुंबकम्’/प्रामाणिक/एकनिष्ट/साधीभोळी)
2. अक्षरशत्रू ……….. पुष्कळ बरी. (दरवाजे/कुलपे/घरे/किल्ली)
उत्तर:
1. ‘वसुधैव कुटुंबकम्’
2. कुलपे

कृती 2: आकलन कृती

कारण लिहा.

प्रश्न 1.
आपल्या उपयोगातील सर्व किल्ल्या बंडूनाना आपल्या जानव्यात अडकवून ठेवत; कारण ……………..
(अ) किल्ल्या कधी हरवत नाहीत.
(ब) किल्ल्या नेहमी हरवत.
(क) किल्ल्या कधी सापडत नसत.
(ड) किल्या विसरण्याची बंडूनानांना सवय होती.
उत्तरः
आपल्या उपयोगातील सर्व किल्ल्या बंडूनाना आपल्या जानव्यात अडकवून ठेवत; कारण किल्ल्या कधी हरवत नाहीत.

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प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 17

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. यापेक्षा अक्षरशत्रू कुलपे पुष्कळ वाईट.
2. कुलूप नुसते दाबले की लागत असे.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
1. कुलूप नूसते दाबले कि लागत असे.
2. प्रथम त्यांनि अक्षरि कुलूप लावले.
उत्तर:
1. कुलूप नुसते दाबले की लागत असे.
2. प्रथम त्यांनी अक्षरी कुलूप लावले.

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. कुटुंब, कुटुंब, कूटुंब, कुटूंब.
2. वसुधैव, वसूधैव, वसूधयव, वसुधयैव
उत्तर:
1. कुटुंब
2. वसुधैव

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प्रश्न 3.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दाऐवजी पाठात आलेला समान अर्थाचा शब्द शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.
अक्षरशत्रू कुलपे भरपूर बरी.
उत्तर:
अक्षरशत्रू कुलपे पुष्कळ बरी.

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. अविश्वास × [ ]
  2. काळोख × [ ]
  3. सापडतात × [ ]
  4. प्राचीन × [ ]

उत्तर:

  1. विश्वास
  2. उजेड
  3. हरवतात
  4. आधुनिक

प्रश्न 5.
अधोरेखित शब्दांची जात ओळखा.
1. बंडूनानांचा नोकर हजारपाचशे डबोले घेऊन पळून गेला.
2. छे! मी तसे म्हणालोच नाही.
उत्तर:
1. क्रियापद
2. केवलप्रयोगी अव्यय

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
नोकरालालाद्वितीया (एकवचन)
कुलपाचीचीषष्ठी (एकवचन)

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प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
अंधारातअंधारअंधारा
कुटुंबाच्याकुटुंबकुटुंबा

प्रश्न 8.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दाऐवजी पाठात आलेला योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.
रमेशने सुरेशचे पुस्तक त्याच्या हवाली केले.
उत्तर:
रमेशने सुरेशचे पुस्तक त्याच्या स्वाधीन केले.

प्रश्न 9.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
बंडूनानांना फार दिवस प्रश्न पडला होता. (काळ ओळखा)
उत्तर:
भूतकाळ

प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
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कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
बंडूनानांच्या छंदाच्या वर्णनातून पाठात घडणारा विनोद तुमच्या शब्दांत सांगा.
उत्तरः
एकदा बंडूनानांच्या घरात तिजोरीची चोरी झाली. त्यानंतर त्यांनी तिजोरीस घंटेचे कुलूप लावले आणि तिजोरी स्वत:च्या झोपायच्या खोलीत नेऊन ठेवली. आता आपण चोराला पकडू शकतो कारण किल्लीचा प्रयोग सुरू होताच घंटा वाजायला लागणार व तो पकडला जाणार म्हणून नाना खूप आनंदी होते. ज्या दिवशी ते कुलूप लावले गेले, त्याच रात्री घरातील मंडळींना घंटेचा आवाज ऐकायला आला. सर्वजण बंडूनानांच्या खोलीत गेले. बंडूनाना स्वतः उजव्या हाताने कुलूप उघडत होते व डाव्या हाताने उजव्या हाताला पकडून जोर जोरात ‘चोर, चोर’ असे म्हणून ओरडत होते. घरातील मंडळींना वाटले होते की, खरोखरचा चोर घरात शिरला आहे; पण प्रत्यक्षात बंडूनानाच स्वत:च चोराची भूमिका निभावून स्वत:च कोतवालाची भूमिका सुद्धा पार पाडत होते.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 19

प्रश्न 2.
उत्तर लिहा.
देशबुडवे व कलेला आश्रय न देणारे – [ ]
उत्तर:
चोर

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. चोर(अ) पुत्र
2. कलेला(ब) देशबुडवे
3. आर्यभूमीचे(क) आश्रय
4. अलौकिक गुण(ड) अकल्पित
(इ) दृढनिश्चय

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. चोर(ब) देशबुडवे
2. कलेला(क) आश्रय
3. आर्यभूमीचे(अ) पुत्र
4. अलौकिक गुण(इ) दृढनिश्चय

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प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. नानांच्या अंगी दृढनिश्चय हा एक अलौकिक गुण आहे.
  2. चोरसुद्धा देशबुडवे व कलेला आश्रय न देणारे असतात!
  3. बंडूनाना आता तिजोरीला कुलूप लावून पूर्वीचे काढून टाकणार.
  4. आर्यभूमीच्या पुत्रांना कल्पकता नाही म्हणून चोहोकडे ओरड चालू आहे.

उत्तर:

  1. आर्यभूमीच्या पुत्रांना कल्पकता नाही म्हणून चोहोकडे ओरड चालू आहे.
  2. बंडूनाना आता तिजोरीला कुलूप लावून पूर्वीचे काढून टाकणार.
  3. नानांच्या अंगी ‘दृढनिश्चय’ हा एक अलौकिक गुण आहे.
  4. चोरसुद्धा देशबुडवे व कलेला आश्रय न देणारे असतात!

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
बंडूनानांच्या मते संधी मिळाली असती तर कोण झाले असते?
उत्तर:
बंडूनानांच्या मते संधी मिळाली असती तर ‘एडिसन’ झाले असते.

प्रश्न 2.
नानांच्या अंगी कोणता अलौकिक गण होता?
उत्तर:
नानांच्या अंगी ‘दृढनिश्चय’ हा अलौकिक गुण होता.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.

  1. आमच्या ……….. पुत्रांना कल्पकता नाही म्हणून चोहोकडे ओरड चालू आहे. (कर्मभूमीच्या, आर्यभूमीच्या, धर्मभूमीच्या, मातृभूमीच्या)
  2. आहो, आम्हाला संधी मिळत नाही साधी! ती मिळाली तर आम्हांकडे शेकडो …………………………….. झाले असते. (एडिसन, पुजारी, शेतकरी, वकील)
  3. नानांच्या अंगी ……………………… हा एक अलौकिक गुण आहे. (आत्मविश्वास, निश्चय, स्वावलंबन, दृढनिश्चय)

उत्तर:

  1. आर्यभूमीच्या
  2. एडिसन
  3. दृढनिश्चय

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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
कारण लिहा.
नानांचा तिळपापड झाला! कारण ……………………..
(अ) अनुमानाप्रमाणे कपाटाची चोरी झाली.
(ब) अनुमानाप्रमाणे तिजोरीची चोरी झाली.
(क) अनुमानाप्रमाणे घराची चोरी झाली
(ड) अनुमानाप्रमाणे दुकानाची चोरी झाली.
उत्तर:
नानांचा तिळपापड झाला! कारण अनुमानाप्रमाणे तिजोरीची चोरी झाली.

प्रश्न 2.
फरक लिहा.
उत्तर:

पूर्वीचे कुलूपआताचे नवीन कुलूप
1. कुलूप नुसते दाबून लावता येते.(अ) नुसत्या हिसड्याने उघडते.
2. कुलपास उघडायला किल्ली पाहिजे.(ब) कुलूप लावताना किल्ली पाहिजे.

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर लिहा.
1. हे कुलूप मी आता तिजोरीला लावून पूर्वीचे काढून टाकणार.
2. लोहाराच्या मदतीने बंडूनानांनी स्वत: तयार केलेले एक कुलूप दाखवले.
उत्तरः
1. बरोबर
2. बरोबर

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कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा. ‘या कुलपाची कलपना मला आमच्या तिजोरिच्या कुलपावरून सुचली.’
उत्तर:
‘या कुलपाची कल्पना मला आमच्या तिजोरीच्या कुलपावरून सुचली.’

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. एडीसन, एडिसन, ऐडिसन, एडिअस
2. दृढनिश्चय, द्रढनिश्चय, दृढनीश्चय, द्रढनीश्चय
उत्तर:
1. एडिसन
2. दृढनिश्चय

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा.
1. जमीन – [ ]
2. मौका – [ ]
उत्तर:
1. भूमी
2. संधी

प्रश्न 4.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दाचे वचन बदलून वाक्य पुन्हा लिहा.
आर्यभूमीच्या पुत्रांना कल्पकता नाही.
उत्तरः
आर्यभूमीच्या पुत्राला कल्पकता नाही.

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प्रश्न 5.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
ती मिळती तर आम्हांमध्ये शेकडो एडिसन झाले असते. (अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा)
उत्तरः
सर्वनाम

प्रश्न 6.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
पण हा आरोप निव्वळ खरा नाही.
उत्तरः
पण हा आरोप निव्वळ खोटा नाही.

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
पुत्रांनापुत्रपुत्रां
लोहाराच्यालोहारलोहारा
लोकांतलोकलोकां
अनुमानाप्रमाणेअनुमानअनुमाना

प्रश्न 8.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दाऐवजी पाठात आलेला योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.
भूषण एस.एस.सी परीक्षेत चांगल्या गुणांनी पास झाल्यामुळे त्याच्या मित्रांनी त्याची प्रशंसा केली.
उत्तरः
भूषण एस.एस.सी परीक्षेत चांगल्या गुणांनी पास झाल्यामुळे त्याच्या मित्रांनी त्याची स्तुती केली.

प्रश्न 9.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
बंडूनानांनी ठरलेला बेत लागलीच अमलात आणला होता. (काळ ओळखा)
उत्तर:
भूतकाळ

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प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
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कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
बंडूनानांच्या तोंडाला आपोआप कुलूप बसण्याची तुम्हांला समजलेली कारणे स्वभाषेत सांगा.
उत्तरः
बंडूनानांनी घरातील तिजोरीला कुलूप लावूनसुद्धा त्यांच्या एका नोकराने चोरी केली तर एकदा चोरांनी त्यांचा ऐवज पळवला. शेवटी कंटाळून त्यांनी गावात आलेल्या टोळीकडून अनेक कुलपे विकत घेतली. त्याच दिवशी नाना आपल्या घरातील मंडळींसह नाटकाला गेले. नाटकाला जाताना ते फुशारक्या मारत होते की, चोरांच्या बापजन्मीसुद्धा त्यांची तिजोरी फोडली जाणार नाही. कारण त्यांच्याजवळ आता विशिष्ट प्रकारची कुलपे आहेत. नाटक संपल्यावर घरी आल्यावर त्यांच्या सर्व पेट्यांची कुलपे जशीच्या तशीच होती व आतील माल मात्र चोरीला गेलेला होता. टोळी पळून गेली होती. त्यांच्या कुटुंबाच्या हौशीमुळे त्यांच्या अंगावरील दागिने मात्र वाचले होते. त्यामुळे त्यांचे कुटुंब नेहमी त्यांना टोमणा मारत असे.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
1. नानांनी आपल्या निजायच्या खोलीत नेऊन ठेवली – [ ]
2. नाटकाचा पहिला प्रयोग – [ ]
उत्तर:
1. तिजोरी
2. ‘सुभद्राहरण अथवा चौर्यविपाक’

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. तो काय चमत्कार सांगावा.
  2. ‘घंटेच्या आवाजाबरोबर मी ताडकन उठून त्याच्या मानगुटीस बसलोच समजा!’
  3. आता मात्र चोर माझ्या हाती नि:संशय सापडणार.
  4. नानांनी तिजोरीस घंटचे कुलूप लावले.

उत्तर:

  1. नानांनी तिजोरीस घंटचे कुलूप लावले.
  2. आता मात्र चोर माझ्या हाती नि:संशय सापडणार
  3. ‘घंटेच्या आवाजाबरोबर मी ताडकन उठून त्याच्या मानगुटीस बसलोच समजा!’
  4. तो काय चमत्कार सांगावा.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
तिजोरीला कुलूप लावून नाना तिजोरी कोठे घेऊन गेले?
उत्तर:
तिजोरीला कुलूप लावून नाना तिजोरी निजायच्या खोलीत घेऊन गेले.

प्रश्न 2.
नाटकाच्या पहिल्या प्रयोगाचे नाव काय होते?
उत्तरः
नाटकाच्या पहिल्या प्रयोगाचे नाव ‘सुभद्राहरण अथवा चौर्यविपाक’ होते.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. नानांनी तिजोरीस …………. कुलूप लावले. (घंटेचे, टाळ्याचे, अक्षरांचे, अंकांचे)
2. नाटकाचा पहिला प्रयोग …………. अथवा चौर्यविपाक’ त्याच दिवशी होता. (मंतरलेले लिंबू, सुभद्राहरण, गिधाड, कुलांगार)
उत्तर:
1. घंटेचे
2. सुभद्राहरण

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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
बंडूनाना आपली सर्व मंडळी बरोबर घेऊन निर्भय चित्ताने ………………
(अ) सिनेमाला गेले
(ब) कथाकथनाला गेले
(क) नाटकाला गेले
(ड) चित्रपटाला गेले
उत्तरः
बंडूनाना आपली सर्व मंडळी बरोबर घेऊन निर्भय चित्ताने नाटकाला गेले.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 23

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. बलुची लोकांजवळची कुलपे लेखकाने विकत घेतली.
2. कर्मधर्मसंयोगाने एक नाटकमंडळी गावात आली होती.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
पहिला प्रयोग ‘सूभद्राहरण अथवा चौर्यवीपाक’ त्याच दिवशी होता.
उत्तरः
पहिला प्रयोग ‘सुभद्राहरण अथवा चौर्यविपाक’ त्याच दिवशी होता.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. निरभय, नीरभय, निर्भय, निर्रभय
2. तरेतरेची, त-हेत-हेची, त-हेतरेची, तरेत-हेची
उत्तर:
1. निर्भय
2. त-हेत-हेची

प्रश्न 3.
खालील वाक्यांत अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेले समान अर्थाचे शब्द शोधून वाक्य पून्हा लिहा.
1. आता मात्र भामटा माझ्या हाती नि:संशय सापडणार.
2. बंडूनानांनी तिजोरीला कुलूप लावण्याची योजना आखली.
उत्तर:
1. आता मात्र चोर माझ्या हाती नि:संशय सापडणार.
2. बंडूनानांनी तिजोरीला कुलूप लावण्याचा बेत आखला.

प्रश्न 4.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दाचे वचन बदलून वाक्ये पुन्हा लिहा.
‘आता चोरांना म्हणावे, या, कशी चोरी करता ते पाहू.’
उत्तर:
‘आता चोराला म्हणावे, ये, कशी चोरी करतोस ते पाहू.’

प्रश्न 5.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.

  1. पारध्याने जाळे टाकले; पण त्यात सावज अडकलेच नाही. (अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा)
  2. सर्वजण पोटभर जेवत असत. (काळ ओळखा)
  3. हा अविचार आम्हाला पसंत पडला. (अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.)

उत्तर:

  1. उभयान्वयी अव्यय
  2. भूतकाळ
  3. हा विचार आम्हाला पसंत पडला.

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूपमूळ शब्द
लोकांतलोकांलोक
बेट्यालाबेट्याबेटा

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प्रश्न 7.
काळ बदला.
चोर ! चोर ! म्हणून ओरडत आहेत. (भूतकाळ करा)
उत्तर:
चोर! चोर ! म्हणून ओरडत होते.

प्रश्न 8.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 24

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
घंटेचे कुलूप लावल्यावर चोर आपल्या हाती नि:संशय सापडणार, अशी नानांना वाटत असलेली खात्री बरोबर होती का? यावर तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
नानांच्या घरातील तिजोरीची अनुमानाप्रमाणे चोरी झाली, तेव्हा नानांचा तिळपापड झाला. त्यानंतर नानांची लगेचच तिजोरीस घंटेचे कुलूप लावले. नानांनी तिजोरी सुरक्षित स्थळी हलवली, म्हणजेच तिजोरी आपल्या झोपायच्या खोलीत ठेवली. जर चोरांनी किल्ली लावून तिजोरीचे कुलूप उघडण्याचा प्रयत्न केला तर घंटा वाजायला सुरुवात होईल. घंटेच्या आवाजाने घरातील सर्व मंडळी जमतील व चोराला पकडतील अशी योजना नानांनी घंटेचे कुलूप लावून केली होती. त्यामुळे घंटेचे कुलूप लावल्यावर चोर आपल्या हाती नि:संशय सापडणार ही नानांना वाटत असलेली खात्री योग्यच होती.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 25

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
1. नाटक आटोपण्याची वेळ – [ ]
2. तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले – [ ]
उत्तर:
1. सकाळी पाच वाजता.
2. बंडूनानांच्या

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. बंडूनानांच्या तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले !
  2. नाटक सकाळी पाच वाजता आटोपले.
  3. टोळी पळून गेलेली आढळली.
  4. आपल्या कुलपांपेक्षा माझ्या हौशीनेच आपल्या मिळकतीचा बचाव केला!

उत्तर:

  1. नाटक सकाळी पाच वाजता आटोपले.
  2. टोळी पळून गेलेली आढळली.
  3. आपल्या कुलपांपेक्षा माझ्या हौशीनेच आपल्या मिळकतीचा बचाव केला!
  4. बंडूनानांच्या तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले!

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
नाटक किती वाजता संपले?
उत्तर:
नाटक सकाळी पाच वाजता संपले.

प्रश्न 2.
बंडूनानांचा पेट्यांतील माल कोणी लंपास केला?
उत्तर:
बंडूनानांचा पेट्यातील माल गावात आलेल्या टोळीने लंपास केला.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. नाना परत येऊन पाहतात तो सर्व ………… कुलपे जशीच्या तशी. (दरवाजाची, पेट्यांची, तिजोरीची, घराची)
2. बंडूनानांस नेहमी त्यांच्या …………. टोमणा दयावा, की ‘दागिने घालण्याचा माझ्या हौशीबद्दल आपण सदा मला दोष लावत होता. (मित्रमंडळीने, शेजाऱ्यांनी, कुटुंबाने, नातलगाने)
उत्तर:
1. पेट्यांची
2. कुटुंबाने

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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा. बिचारे बंडूनाना तरी यावर काय बोलणार? …………………….
(अ) ते गप्प बसले होते
(ब) त्यांच्या तोंडाला आपोआपच चावी बसली.
(क) त्यांच्या तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले.
(ड) ते जोरजोराने ओरडू लागले होते.
उत्तर:
बिचारे बंडूनाना तरी यावर काय बोलणार? त्यांच्या तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले.

प्रश्न 2.
चूक की बरोबर लिहा.
1. नाटक दुपारी दोन वाजता आटोपले.
2. बंडूनानांच्या तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले!
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
1. ती टोळिही पळुन गेलेली आढळली.
2. त्यामूळे दागीने मात्र बचावले.
उत्तर:
1. ती टोळीही पळून गेलेली आढळली.
2. त्यामुळे दागिने मात्र बचावले.

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. सुदेवाने, सूर्देवाने, सुदैवाने, सुर्देवाने
2. दागीने, दागिने, दाग्गिने, दागने
उत्तर:
1. सुदैवाने
2. दागिने

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प्रश्न 3.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दाऐवजी पाठात आलेले समान अर्थाचे शब्द शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.
बंडूनानांना त्यांच्या कुटुंबाने टोला दिला.
उत्तर:
बंडूनानांना त्यांच्या कुटुंबाने टोमणा दिला.

प्रश्न 4.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दाचे वचन बदलून वाक्य पुन्हा लिहा.
नाना परत येऊन पाहतात तो पेटीचे कुलूप जसेच्या तसे.
उत्तर:
नाना परत येऊन पाहतात तो पेट्यांची कुलूपे जशीच्या तशी.

प्रश्न 5.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
त्यांच्या तोंडाला आपोआपच कुलूप बसले! (अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा)
उत्तरः
सर्वनाम

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दविभक्तीप्रत्यय
लोकांनीतृतीया (अनेकवचन)नी
नाटकालाद्वितीया (एकवचन)ला

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
लोकांनीलोकलोकां
नाटकालानाटकनाटका
अंगावरअंगअंगा
कुलपापेक्षाकुलूपकुलूपा

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प्रश्न 8.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
1. पेटीतील माल चोरीस गेला होता. (काळ ओळखा)
2. बंडूनानांस त्यांच्या घरातील मंडळी टोमणा देतील (वर्तमानकाळ करा)
उत्तर:
1.भूतकाळ
2. बंडूनानांस त्यांच्या घरातील मंडळी टोमणा देत आहेत.

प्रश्न 9.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप 26

कृती 4: स्वमत
बंडूनानांची पत्नी त्यांना न जुमानता सर्व दागिने घालून नाटकाला गेली, हे तुम्हाला योग्य वाटते का?
उत्तरः
बंडूनानांची पत्नी त्यांना न जुमानता दागिने घालून नाटकाला गेली, हे माझ्या मते योग्यच होते. बंडूनाना गावात आलेल्या नाटकमंडळींचे ‘सुभद्राहरण अथवा चौर्यविपाक’ हे नाटक पाहावयास आपल्या कुटुंबासमवेत गेले. बंडूनाना नेहमीच आपल्या पत्नीला दागिने घालण्यासाठी नकार देत असत. याही वेळी ते नको म्हणत असताना त्यांची पत्नी त्यांना न जुमानता सर्व दागिने घालून नाटकाला गेली. त्याच रात्री चोरांनी बंडूनानांच्या घरातील सर्व माल लंपास केला. फक्त बंडूनानांच्या पत्नीच्या हौशीनेच त्यांच्या मिळकतीचा (दागिने) बचाव केला. झालेल्या चोरीत हे दागिने तेवढेच वाचले.

कुलूप Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय:

नाव: श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर
कालावधी : 1971-1934
समीक्षक, लेखक, कवी, नाटककार, कथाकार, कादंबरीकार. ‘मूकनायक’, ‘गुप्तमंजूष’, ‘मतिविकार’, ‘प्रेमशोधन’ इत्यादी नाटके; ‘दुटप्पी की दुहेरी’, ‘शामसुंदर’ इत्यादी कादंबऱ्या; ‘गीतोपायन’ हा काव्यसंग्रह प्रसिद्ध.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 10 कुलूप

प्रस्तावना:

‘कुलूप’ हा पाठ लेखक श्रीपाद कृष्ण कोल्हटकर यांनी लिहिला आहे. स्वभावनिष्ठ व प्रसंगनिष्ठ विनोदाचा अतिशय चपखलपणे वापर, हे प्रस्तुत पाठाचे खास वैशिष्ट्य आहे. बंडूनानांच्या कुलपांच्या हव्यासापायी त्यांच्यावर अनेक चमत्कारिक प्रसंग उद्भवतात, याचे वर्णन प्रस्तुत पाठात विनोदी शैलीत लेखकांनी केले आहे.

‘Kulup’ is written by Shripad Krishna Kolhatkar. The use of behavioural and situational humour is a speciality of this write up. This write up narrates about situations created in Bandunana’s life due to his obsession of locks.

शब्दार्थ:

  1. कुलूप – टाळे, (a lock)
  2. शौक – छंद (a hobby)
  3. संग्रहालय – संग्रहस्थान (a museum)
  4. कपाट – a cupboard
  5. नाकेबंदी – a blockade
  6. डाका – दरोडा (robbery)
  7. हव्यास – उत्कट इच्छा (greed, obsession)
  8. प्रसंग – घटना (an incident)
  9. कुटुंब – परिवार (a family)
  10. किल्ली – चावी (a key)
  11. कोठी – धान्यागार (a granary)
  12. लोहार – लोखंडाचे काम करणारा (a blacksmith)
  13. दुर्घट – अवघड (difficult)
  14. गृहस्थ – व्यक्ती, प्रापंचिक पुरुष (a person, gentleman)
  15. मानी – अभिमानी (proud)
  16. हकीगत – हकिकत, बातमी (news, narrative)
  17. घुस्सा – राग (anger)
  18. अनर्थ – मोठे संकट
  19. गुदरणे – ओढवणे
  20. विधिनिषेध – अमुक करू नये याबाबतचे नियम
  21. विश्वासू – भरवशाचा (trustworthy)
  22. नोकर – नोकरी करणारा (a servant)
  23. कुचकामी – अगदी निरुपयोगी (useless)
  24. अक्षरशत्रू – अक्षरशून्य (illiterate)
  25. हर्षित – (हर्षभरित) आनंदित (very happy, ecstasic)
  26. कल्पक – नवनवीन कल्पना काढण्यात तरबेज / शोधक, योजक (resourceful)
  27. अकल्पित – अनपेक्षित (unexpected)
  28. उत्तेजन – प्रोत्साहन (encouragement)
  29. आश्रय – आधार (support)
  30. कोतवाल – पोलिसांचा मुख्य अधिकारी (the chief police constable)
  31. चमत्कार – आश्चर्यकारक गोष्ट (a miracle, a wonder)
  32. जिन्नस – वस्तू (an item)
  33. चावडी – (येथे अर्थ) पोलीस चौकी (a police station)
  34. प्रयोग – प्रत्यक्ष क्रिया (an experiment)
  35. निर्भय – न घाबरणारा (brave)
  36. टोमणा – उपरोधिक शेरा (taunt)
  37. सुदैवाने – नशिबाने (luckily)

टिपा:

  1. जानवे – यज्ञोपवित (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या ज्ञातीतील मुलांच्या मुंजीच्या वेळी पवित्र चिन्ह म्हणून त्याच्या गळ्यात डाव्या खांदयावरून उजव्या खांदयाखाली धारण करावयाचे पवित्र सूत)
  2. वसुधैव कुटुंबकम् – ‘सारे विश्वच माझे घर’ अशी भावना, संस्कृत सुभाषित
  3. एडिसन – महान अमेरिकी संशोधक तसेच व्यवसायी. फोनोग्राफ आणि विद्युत दिव्याबरोबरच अनेक शोध लावले.
  4. ‘सुभद्राहरण अथवा चौर्यविपाक’ – एक नाटक
  5. आर्यभूमि – भारतभूमी

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वाक्प्रचार:

  1. नजरेस पडणे – दृष्टीस पडणे
  2. हाडे खिळखिळी होणे – खूप मार लागणे
  3. स्वाधीन करणे – हवाली करणे
  4. स्तुती करणे – प्रशंसा करणे
  5. घुस्सा होणे – रागावणे
  6. डोळे पांढरे होणे – अतिशय घाबरणे
  7. तिळपापड होणे – रागराग करणे, संताप होणे

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Solutions Amod Chapter 5 स एव परमाणुः Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

Sanskrit Amod Std 10 Digest Chapter 5 स एव परमाणुः Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
अर्णवः पाकगृहात् किम् आनयति?
उत्तरम्‌ :‌
अर्णवः पाकगृहात् मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् आनयति।

प्रश्न आ.
कः परमाणुः?
उत्तरम्‌ :‌
द्रव्यस्य अन्तिम : घटक : मूलं तत्त्वं च परमाणुः ।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

प्रश्न इ.
परमाणुसिद्धान्तः केन महर्षिणा कथितः?
उत्तरम्‌ :‌
परमाणुसिद्धान्त: कणादमहर्षिणा कथितः ।

प्रश्न ई.
महर्षिणा कणादेन परमाणुविषये किं प्रतिपादितम् ?
उत्तरम्‌ :‌
महर्षिणा कणादेन परमाणुविषये प्रतिपादितं यत् परमाणुः अतीन्द्रियः, सूक्ष्मः, निरवयवः, नित्यः, स्वयं व्यावर्तकः च ।

प्रश्न उ.
महर्षेः कणादस्य मतानुसारं परमाणोः व्याख्या का?
उत्तरम्‌ :‌
जालसूर्यमरीचिस्थं यत् सूक्ष्म रजः दृश्यते तस्य षष्ठतमः भाग: स: परमाणु: उच्यते इति परमाणो: व्याख्या महर्षे: कपादस्य।

2. सूचनानुसार कृती: कुरुत ।

प्रश्न अ.
अर्णवः जपाकुसुमं गृहीत्वा प्रविशति । (पूर्वकालवाचकम् अव्ययं निष्कासयत ।)
उत्तरम्‌ :‌
अर्णव: जपाकुसुमं गृह्णाति प्रविशति च ।

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प्रश्न आ.
किं दृष्टं त्वया? (वाच्यपरिवर्तनं कुरुत ।)
उत्तरम्‌ :‌
त्वं किं दृष्टवान्।

प्रश्न इ.
वयं तु केवलं तस्य महाभागस्य नामधेयं जानीमः । (वाक्यम् एकवचने परिवर्तयत ।)
उत्तरम्‌ :‌
अहं तु केवलं तस्य महाभागस्य नामधेयं जानामि।

प्रश्न ई.
अहं विस्तरेण पठितुम् इच्छामि । (वाक्यं लङ्लकारे परिवर्तयत ।)
उत्तरम्‌ :‌
अहं विस्तरेण पठितुम् ऐच्छम्।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

प्रश्न उ.
महाविद्यालये कणादविषयकाणि पुस्तकानि सन्ति। (वाक्यम् एकवचने परिवर्तयत ।)
उत्तरम्‌ :‌
महाविद्यालये कणादविषयक पुस्तकम् अस्ति।

प्रश्न ऊ.
भवान् स्वीकरोतु । (‘भवान्’ स्थाने ‘त्वं’ योजयत ।)
उत्तरम्‌ :‌
त्वं स्वीकुरु।

प्रश्न ए.
त्वं द्रष्टुं शक्नोषि । (‘त्वं’ स्थाने ‘भवान्’ योजयत ।)
उत्तरम्‌ :‌
भवान् तण्डुलान् आनयतु ।

प्रश्न ऐै.
महर्षिणा परमाणो: व्याख्या कृता । (वाच्यपरिवर्तनं कुरुत ।)
उत्तरम्‌ :‌
महर्षि : परमाणोः व्याख्यां कृतवान्।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

प्रश्न ओ.
वयं महाभागस्य नामधेयं जानीमः । (वाच्यपरिवर्तनं कुरुत ।)
उत्तरम्‌ :‌
अस्माभिः महाभागस्य नामधेयं ज्ञायते।

प्रश्न औ.
सम्यग् उक्तं त्वया । (वाच्यपरिवर्तनं कुरुत ।)
उत्तरम्‌ :‌
त्वं सम्यग् उक्तवान्।

3. जालरेखाचित्रं पूरयत

प्रश्न 1.
जालरेखाचित्रं पूरयत
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः 1
उत्तरम्‌ :‌
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः 2

4. माध्यमभाषया उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
महर्षिः कणादः परमाणुविषये किं प्रतिपादितवान् ?
उत्तरम्‌ :‌

भारतीय ऋषि व तत्वज्ञ कणाद यांनी परमाणूचा सिद्धांत मांडला. त्यानुसार, परमाणू हा द्रव्याचा अंतिम घटक आहे. व त्यामागील मूलतत्त्व आहे. परमाणू हे द्रव्याचे मूळ कारण आहे. परमाणूच्या स्वरूपाविषयी सांगताना कणाद पुढील स्पष्टीकरण देतात – परमाणू हा इंद्रियांना अगोचर, अतिशय सूक्ष्म, अवयवहीन, नित्य व स्वत:भोवती भ्रमणशील असा आहे.

थोडक्यात, कणाद ऋषी परमाणूचा सिद्धांत स्पष्ट करतात व विश्वाचे अस्तित्व टिकवून ठेवणाऱ्या प्रत्येक द्रव्यामागे ‘परमाणू हेच कारण असल्याचे मानतात.

The theory of atoms was formulated by an Indian sage and philosopher कणाद, Sage कणाद considered the last element of a substance and the basic principle as परमाणु, an atom. परमाणु is the chief cause of the substance. Sage कणाद further explained that परमाणु is inaccessible to the senses, very small (microscopic), formless, eternal and self-revolving.

In brief, sage कणाद believed in the theory of परमाणु and accepted it to be the cause of each substance, because of which the world exists.

प्रश्न आ.
‘तण्डुलान् आनय’ इति पिता अर्णवं किमर्थम् आदिष्टवान् ?
उत्तरम्‌ :‌

स एव परमाणु:’ या पाठातील अर्णव व त्याच्या वडिलांच्या संभाषणाद्वारे परमाणूची संकल्पना स्पष्ट होते. एकदा अर्णव त्याच्या बागेतून जास्वंदाचे फूल आणतो. फुलातील परागकण बघत असताना अर्णवचे वडील त्याला सूक्ष्मदर्शिकेमधून ते कण पाहण्याचा सल्ला देतात. परागकणांतील इतर घटकही सूक्ष्मदर्शिकेतून सहज दिसल्यावर अर्णवला आश्चर्य वाटते.

तेव्हा त्याचे वडील ‘स एव त्याला विचारतात की ज्याप्रमाणे आपण सूक्ष्मदर्शिकतून परागकण पाहू शकतो, तसेच परमाणू सुद्धा पाहता येतो का? यानंतर अर्णव त्याच्या वडिलांना परमाणूबद्दल विचारतो. त्याच्या शंकेचे निरसन करण्यासाठी अर्णवचे वडील त्याला मूठभर तांदूळ आणावयास सांगतात.

त्यातील एक तांदळाचा दाणा जितका विभागला जाऊ शकतो, तितके त्याचे विभाजन करण्यास सांगतात. पुढे ‘परमाणू’ बद्दल स्पष्टीकरण देताना ते सांगतात की तांदूळ एका मर्यादपर्यंतच तोडला जाऊ शकतो, त्या विभाजनानंतर जो सूक्ष्म कण राहतो, तो म्हणजे परमाणू. अशा प्रकारे, तांदळाच्या उदाहरणाद्वारे अर्णवचे वडील त्याला परमाणूबद्दल योग्य ते ज्ञान देतात.

‘स एव परमाणुः’ reveals the philosophy behind the concept of परमाणु through the conversation between अर्णव and his father.

Once अर्णव brought a hibiscus-flower from his garden. He was observing its pollengrains, then his father advised him to observe it through microscope. was amazed to see the pollen-grain with its elements. After a while, father asked him, can we see परमाणू like pollen-grains through microscope? अर्णव questioned his father about 40. To answer his question, aura’s father instructed him to bring handful of rice-grains.

Later, father told अर्णव to break it till its last part. Father explained that just as rice. grains will be powdered if divided further likewise an atom is that part of the substance which can’t be obtained by division In this way, with the help of rice-grains example ama’s father aptly explains the concept of परमाणू.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

5. समानार्थकशब्दान् लिखत ।
कुसुमम्, विश्वम्, पिता, नामधेयम्, सूर्यः ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्दान् लिखत ।
कुसुमम्, विश्वम्, पिता, नामधेयम्, सूर्यः ।

6. विरुद्धार्थकशब्दान् मञ्जूषात: अन्विष्य लिखत |
सत्यम्, अन्तिमः, अनित्यः, लघुः, सूक्ष्मः, (आद्यः, गुरुः, नित्यः, असत्यम्, स्थूल:)

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थकशब्दान् मञ्जूषात: अन्विष्य लिखत |
सत्यम्, अन्तिमः, अनित्यः, लघुः, सूक्ष्मः, (आद्यः, गुरुः, नित्यः, असत्यम्, स्थूल:)
उत्तरम्‌ :‌

  • सत्यम् × असत्यम्, अनृतम्।
  • अन्तिमः × आद्यः।
  • अनित्यः × नित्यः।
  • लघुः × बृहत्, स्थूलः।
  • सूक्ष्मः × स्थूलः।

7. उचितं पर्यायं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न 1.
अ. एतद् विश्वं ………… निर्मितम् । (तण्डुलै:/अणुभिः)
आ. …………… द्रव्यस्य मूलकारणम् । (परमाणुः/विज्ञानं) ।
इ. रजसः ……….. भागः परमाणुः । (षष्ठतमः/शततमः)
उत्तरम्‌ :‌
अ. अणुभिः
आ. परमाणुः
इ. षष्ठतम

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

8. नामतालिकां पूरयत ।

प्रश्न 1.
नामतालिकां पूरयत
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः 3
9. क्रियापदतालिकां पुरयत ।

प्रश्न 1.
क्रियापदतालिकां पुरयत ।
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः 4

Sanskrit Amod Class 10 Textbook Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः Additional Important Questions and Answers

अवबोधनम्

(क) उचितं पर्यायं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.

  1. अर्णवः उद्यानात् ……………. गृहीत्वा प्रविशति। (कमलम् / जपाकुसुमम्)
  2. जपाकुसुमस्य परागकणाः …………. आसन्। (सूक्ष्माः / स्थूला:)
  3. सूक्ष्मकणेषु तस्य …………. दृश्यन्ते। (अङ्गानि/गात्राणि)
  4. अर्णव: मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् ……….. आनयति। (उद्यानत: / महानसत:)
  5. अणुभ्यः …………….. परमाणवः । (सूक्ष्मतराः / स्थूलतराः)

उत्तरम् :

  1. जपाकुसुमम्
  2. सूक्ष्मा:
  3. अगानि
  4. महानसतः
  5. सूक्ष्मतरा:

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प्रश्न 2.
पिता अर्णवाय स्वमहाविद्यालयम् आगन्तुं कथयति यतः …..।
(अ) पितु: महाविद्यालये कणादविषयकानि पुस्तकानि सन्ति।
(ब) पितुः महाविद्यालये स्नेह – सम्मेलनम् अस्ति।
उत्तरम् :
पितुः महाविद्यालये कणादविषयकानि पुस्तकानि सन्ति।

(ख) कः कं वदति?

प्रश्न 1.
1. अस्माकम् उद्यानात् जपाकुसुमम् आनीतम् मया।
2. किं दृष्टं त्वया?
उत्तरम् :
1. अर्णवः पितरं वदति।
2. पिता अर्णवं वदति।

प्रश्न 2.
मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् महानसतः आनय।
उत्तरम् :
पिता अर्णवं वदति।

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प्रश्न 3.
कियान् लघुः अस्ति एषः।
उत्तरम् :
अर्णव : पितरं वदति।

प्रश्न 4.
अयं खलु कणादमहर्षेः सिद्धान्तः।
उत्तरम् :
पिता अर्णवं वदति।

प्रश्न 5.
वयं तु केवलं महाभागस्य नामधेयम् एव जानीमः।
उत्तरम् :
अर्णवः पितरं वदति।

(ग) पूर्णवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
सूक्ष्मेक्षिका कुत्र वर्तते?
उत्तरम् :
अर्णवस्य पितु: पार्श्वे उत्पीठिकायां सूक्ष्मेक्षिका वर्तते।

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प्रश्न 2.
अर्णवेन कुत: जपाकुसुमम् आनीतम्?
उत्तरम् :
अर्णवेन तस्य उद्यानात् जपाकुसुमम् आनीतम्।

प्रश्न 3.
विश्व केभ्य: निर्मितम्?
उत्तरम् :
विश्वं परमाणुभ्यः निर्मितम्।

प्रश्न 4.
अणवस्य जिज्ञासा कश्वं शाम्येत्?
उत्तरम् :
कणादविषयकस्य नैकानि पुस्तकानि पठित्वा अर्णवस्य जिज्ञासा शाम्येत्।

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(घ) वाक्यं पुनर्लिखित्वा सत्यम् । असत्यम् इति लिखत।

प्रश्न 1.

  1. एतद् विश्वम् अणुभ्यः निर्मितम्।
  2. परमाणवः सूक्ष्मेक्षिकया दृश्यन्ते।
  3. अर्णवस्य पिता चित्रकलायाः प्राध्यापकः।

उत्तरम् :

  1. सत्यम्।
  2. असत्यम्।
  3. असत्यम्।

प्रश्न 2.
1. अर्णवः क्षेत्रात् तण्डुलान् आनयति।
2. अर्णवेन तण्डुलस्य भागत्रयं कृतम्।
उत्तरम् :
1. असत्यम्।
2. असत्यम्।

(च)

प्रश्न 1.
एष: गद्यांश: कस्मात् पाठात् उद्धृतः?
उत्तरम् :
एष: गद्यांशः ‘स एव परमाणुः’ इति पाठात् उद्धतः।

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शब्दज्ञानम् :

(क) सन्धिवग्रहः

1. उद्यानाद् जपाकुसुमम् – उद्यानात् + जपाकुसुमम्।
2. एतद् विश्वम् – एतत् + विश्वम्।

(ख) त्वान्त-ल्यबन्त-तुमन्त-अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ड्वा / इत्वा /अयित्वातुमन्त अव्यय  धातु + तुम् / धुम् / टुम् / डुम् / इतुम्/अयितुम्
गृहीत्वाद्रष्टुम

(ग) विभक्त्यन्तरूपाणि।.

  • तृतीया – मया, त्वया, सूक्ष्मेक्षिकया।
  • पज्ञमी – परमाणुभ्यः, उद्यानात्।
  • षष्ठी – तस्य, अस्माकम, तेषाम्, विज्ञानस्य, कणानाम्।
  • सप्तमी – पुस्तकपठने, उत्पीठिकायाम, सूक्ष्मकणेषु ।
  • सम्बोधन – पितः।

(घ) विशेषण – विशेष्य – सम्बन्धः।

विशेषणम्विशेष्यम्
1. कियन्तः, सूक्ष्माःपरागकणाः
2. मग्नःपिता

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(च) लकारं लिखत।

प्रश्न 1.
1. सूक्ष्मेक्षिकया पश्य।
2. तेषां कणानां रचनाम् अपि द्रष्टुं शक्नोषि।
उत्तरम् :
1. लोट्लकारः
2. लट्लकार:

पृथक्करणम् ।

(क) घटकाधारेण शब्दपेटिकां पूरयत।
(सूक्ष्मकणस्य अङ्गानि, परागकणाः, जपाकुसुमम्)
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(ख)

  1. तथेति – तथा + इति।
  2. यथाकथमपि – यश्चाकश्चम् + अपि ।
  3. इतोऽपि – इत: + अपि।
  4. सम्यग् उक्तम् – सम्यक् + उक्तम्।
  5. एतद् विभाजनम् – एतत् + विभाजनम्।

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(ख) क्रमेण योजयत।

प्रश्न 1.

  1. अणवस्य सूक्ष्मेक्षिकया निरीक्षणम्।
  2. पितुः पुस्तकपठनम्।
  3. सूक्ष्मकणेषु तेषाम् अङ्गानां दर्शनम्।
  4. अर्णवेन जपाकुसुमस्य चयनम्।

उत्तरम् :

  1. अर्णवेन जपाकुसुमस्य चयनम्।
  2. पितुः पुस्तकपठनम्।
  3. अर्णवस्य सूक्ष्मेक्षिकया निरीक्षणम्।
  4. सूक्ष्मकणेषु तेषाम् अङ्गानां दर्शनम्।

प्रश्न 2.

  1. पितुः परमाणुविषयकं स्पष्टीकरणम्।
  2. अर्णवस्य परमाणुविषये पृच्छा।
  3. अर्णवेन तण्डुलस्य भागद्वये विभाजनम्।
  4. मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् आनेतुं पितुः आदेशः।

उत्तरम् :

  1. अर्णवस्य परमाणुविषये पृच्छा।
  2. मुष्टिमात्रान् तण्डुलान् आनेतुं पितुः आदेशः ।
  3. अर्णवेन तण्डुलस्य भागद्वये विभाजनम्।
  4. पितुः परमाणुविषयकं स्पष्टीकरणम्।

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प्रश्न 3.

  1. पितुः स्वस्य महाविद्यालये निमन्त्रणम्।
  2. ‘वैशेषिकसूत्राणि’ इति ग्रन्थविषये चर्चा।
  3. पित्रा कणादमहर्षेः सिद्धान्तविषये कथनम्।
  4. अर्णवस्य विस्तरेण पठनस्य इच्छा।

उत्तरम् :

  1. पित्रा कणादमहर्षेः सिद्धान्तविषये कथनम्।
  2. ‘वैशेषिकसूत्राणि’ इति ग्रन्थविषये चर्चा ।
  3. अर्णवस्य विस्तरेण पठनस्य इच्छा।
  4. पितुः स्वस्य महाविद्यालये निमन्त्रणम्।

(ख) त्वान्त-ल्यबन्त-तुमन्त-अव्ययानि ।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्या / वा / हवा / इत्वा / अयित्वातुमन्त अव्यय धातु + तुम् / धुम् / दुम ढुम् / इतुम्/अयितुम्
उक्त्वाकर्तुम्

(ग) विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • तृतीया – मया, त्वया।
  • पक्षमी – पाकगृहात, यस्मात्।
  • षष्ठी – एतस्य, तस्य।

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(घ) विशेषण – विशेष्य सम्बन्धः।

विशेषणम्विशेष्यम्
1. मुष्टिमात्रान्तण्डुलान्
2. लघुतरम्भागम्
3. सूक्ष्मतरामभागम्
4. परमःअणुः

(च) लकारं लिखत।

प्रश्न 1.
1. इमं तण्डुलं विभज।
2. यदि क्रियते तर्हि चूर्णं भवेत्।
उत्तरम् :
1. लोट्लकारः
2. विधिलिङ्लकार:

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(च) वाक्यं पुनर्लिखित्वा सत्यम् । असत्यम् इति लिखत।

प्रश्न 1.

  1. द्रव्यस्य आदिम: घटक; परमाणुः अस्ति।
  2. परमाणो: सिद्धान्तः प्राय: एकोनविंशतितमे शतके महर्षिकणादेन प्रतिपादितः।
  3. अर्णवस्य पितुः महाविद्यालये कणादविषयकाणि नैकानि पुस्तकानि सन्ति।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्।
  2. असत्यम्।
  3. सत्यम्।

शब्दज्ञानम्।

(क) सन्धिविग्रहः।

  1. तदपि  – तत् + अपि।
  2. षष्ठतमो भागः – षष्ठतम : + भागः।
  3. स उच्यते – सः + उच्यते।
  4. एतद्विषये – एतत् + विषये।

(ख) त्वान्त-ल्यबन्त-तुमन्त-अव्ययानि।

तुमन्त अव्यय धातु + तुम् / धुम् / टुम् / डुम् / इतुम् / अयितुम्
पठितुम्

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(ग) विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • तृतीया – तेन, महर्षिणा, मुनिना, निश्चयेन।
  • षष्ठी – महर्षेः, द्रव्यस्य, तस्य, महाभागस्य, परमाणोः ।
  • सप्तमी – पञ्चमे, षष्ठे, शतके, ग्रन्थे।

(घ) विशेषण – विशेष्य – सम्बन्धः ।

विशेषणम्विशेष्यम्
1. अन्तिमःघटकः
2. मूलम्तत्वम्
3. पञ्चमे, षष्ठेशतके
4. महर्षिणाकणादेन
5. अतीन्द्रियःपरमाणुः
6. सूक्ष्मःपरमाणुः
7. निरवयवःपरमाणुः
8. नित्यःपरमाणुः
9. स्वयं व्यावर्तकःपरमाणुः
10. सूक्ष्मम्रज:
11. षष्ठतमःभागः
12. नैकानिपुस्तकानि

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(च) लकारं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. कणादविषयकाणि नैकानि पुस्तकानि सन्ति।
  2. वयं महाभागस्य नामधेयम् एव जानीमः।
  3. मम महाविद्यालयम् आगच्छ।

उत्तरम् :

  1. लट्लकारः
  2. लट्लकारः
  3. लोट्लकार:

(ग) त्वं स्थाने ‘भवान् / भवती’ अथवा ‘भवान् / भवती’ स्थाने ‘त्वं’ योजयत।

प्रश्न 1.
त्वं द्रष्टुं शक्नोषि।
उत्तरम् :
भवान् द्रष्टुं शक्नोति।

प्रश्न 2.
त्वं श्व: मम महाविद्यालयम् आगच्छ।
उत्तरम् :
भवान् श्व: मम महाविद्यालयम् आगच्छतु ।

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प्रश्न 3.
त्वं सूक्ष्मेक्षिकया पश्य।
उत्तरम् :
भवान् सूक्ष्मेक्षिकया पश्यतु ।

प्रश्न 4.
त्वम् इमं तण्डुलं विभज।
उत्तरम् :
भवान् इमं तण्डुल विभजतु ।

प्रश्न 5.
त्वं जानासि किम्?
उत्तरम् :
भवान् जानाति किम्?

(घ) वचनं परिवर्तयत।

प्रश्न 1.
ते परमाणवः सूक्ष्मेक्षिकया अपि न दृश्यन्ते। (वाक्यं एकवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
सः परमाणुः सूक्ष्मेक्षिकया अपि न दृश्यते ।

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प्रश्न 2.
इमं तण्डुल विभज। (वाक्यं बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
इमान्/एनान् तण्डुलान् विभज।

प्रश्न 3.
कियन्तः सूक्ष्माः तस्य परागकणाः । (वाक्यं एकवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
कियान् सूक्ष्म: तस्य परागकणः।

प्रश्न 4.
अहम् एतद्विषये विस्तरेण पठितुम् इच्छामि। (वाक्यं बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
वयम् एतद्विषये विस्तरेण पठितुम् इच्छामः।

(च) लकारं परिवर्तयत।

प्रश्न 1.
अर्णवः तथा करोति। (वाक्यं लङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
अर्णवः तथा अकरोत्।

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प्रश्न 2.
तव जिज्ञासा निश्चयेन शाम्येत्। (वाक्यं लोट्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
तव जिज्ञासा निश्चयेन शाम्यतु।

समासाः

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः 6

स एव परमाणुः Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

जगाच्या उत्पत्तीबाबत आतापर्यंत अनेक सिद्धांत मांडले गेले आहेत. विश्व हे छोट्या कणांनी बनलेले आहे हा विचार अतिशय प्राचीन आहे. आण्विक सिद्धांताच्या विकासाचे श्रेय जॉन डाल्टन या इंग्रज रसायन व भौतिकशास्त्रज्ञास दिले जाते.

प्राचीन काळात, भारतीय ऋषी व तत्त्वज्ञ, आचार्य कणादांनी अणूचा सिद्धांत मांडला. त्यांच्या अणुविषयक संकल्पना व विश्वाचे स्वरूप याबाबत सखोल माहिती ‘वैशेषिक दर्शन’ या त्यांच्या ग्रंथात दिली आहे ‘स एव परमाणु:’ या पाठामध्ये अर्णवचे वडील सुबोध, सोप्या उदाहरणाने परमाणूची संकल्पना स्पष्ट करतात.

Many propositions regarding world’s evolution have been put forth to date. The world is made of tiny particles is a very ancient insight. John Dalton, an English chemist and physicist is the man credited today with the development of atomic theory.

In the ancient times, theory of atoms was formulated by an Indian sage and philosopher, कणाद. His ideas about the atom and the nature of the universe are written in his trentise ‘वैशेषिक दर्शन’. In the lesson, ‘स एव परमाणु: अर्णव’s father explains the concept of sty (atom) with lucid examples.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

परिच्छेदः 1

अर्णव: जपाकुसुम …………………. न दृश्यन्ते।

अनुवादः

(अर्णव जास्वंदाचे फूल घेऊन प्रवेश करतो. त्याचे वडील विज्ञानाचे प्राध्यापक आहेत. ते पुस्तक वाचण्यात तल्लीन झाले आहेत. त्यांच्या जवळच टेबलावर सूक्ष्मदर्शिका आहे.)

  • अर्णव – अहो बाबा, मी आपल्या बागेतून जास्वंदाचे फूल आणले आहे. त्याचे परागकण किती सूक्ष्म आहेत ना!
  • वडील – सूक्ष्मदर्शिकने पहा. तू त्याच्या कणांची रचनासुद्धा पाहू शकतोस. (अर्णव तसे करतो)
  • वडील – तू काय पाहिलेस?
  • अर्णव – बाबा, ते (अद्भुत) विलक्षण आहे. सूक्ष्मकणांमध्ये त्यांचे भाग दिसत आहेत.
  • बाबा – अर्णव, फुलाचे हे अंश तू सूक्ष्मदर्शिकेने पाहू शकतोस. पण हे जग अणूंनी निर्माण झाले आहे. ते अणू सूक्ष्मदर्शिकने सुद्धा दिसत नाहीत.

(अर्णव enters taking the hibiscus-flower. His father is a professor of science. He is engrossed in reading a book. Near him, there is a microscope on the table.)

  • Arnav: Oh father, I have brought a hibiscus flower from our garden. Its pollen-grains are indeed microscopic!
  • Father: Observe it through a microscope. You can see even the structure of its particles. (Arnav does accordingly.)
  • Father: What did you see (observe)?
  • Arnav: O father, it is amazing. The parts of these minute particles are seen.
  • Father: Arnav, you can see the parts of this flower through microscope. But this world is created from atoms. Those atoms are not seen even through the microscope.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

परिच्छेदः 2

अर्णवः परमाणुः ………….. परमः अणुः ।

अनुवादः

  • अर्णव – परमाणू म्हणजे काय?
  • बाबा – अच्छा, मी सांगतो. स्वयंपाकघरातून मूठभर तांदूळ आण.
  • अर्णव – (हो असे म्हणून, तो स्वयंपाकघरातून तांदूळ आणतो) बाबा, है घ्या.
  • बाबा – आता या तांदळाचे भाग कर.
  • अर्णव – बाबा, किती लहान (तांदूळ) आहे हा. बघा, मी कसेबसे याचे दोन तुकडे केले.
  • बाबा – इथून पुढे (याचे) लहान भाग करणे शक्य आहे का?
  • अर्णव – जर केले तर त्याची भुकटी होईल.
  • बाबा – तू बरोबर सांगितले. जिथे हे विभाजन संपते व जिथून सर्वात सूक्ष्म भाग मिळविणे (सुद्धा) शक्य नसते, तोच परमाणू होय.
  • Arnav: What is an atom?
  • Father: Well, I tell you. Bring a handful of rice
  • grains from the kitchen.
  • Arnav: (Saying yes, brings rice-grains from the kitchen.) O father, please take it.
  • Father: Now divide this rice grain.
  • Arnav: O father, how small is this! See, somehow I made it into two parts.
  • Father: Is it possible to make (even) smaller than this?
  • Arnav: If we do it (if it is done), it would be powdered.
  • Father: You said it right. Where this division ends from which no smaller part can be obtained, that itself is an atom.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

परिच्छेदः 3

अर्णवः परमाणुः ……….. परमः अणुः ।

अनुवादः

  • Arnav: An atom is the last element of a substance and the basic principle, isn’t it?
  • Father: Right. This is great sage कणाद’s theory. Do you know? The sage explained that an atom is the basic reason of the substance. That too, probably in the fifth-sixth century BC.
  • Arnav: O father, what all is told by sage regarding an atom? We merely know the name of the great one.
  • Father: The Sage कणाद explained-An atom is beyond senses, tiny, indivisible, eternal and self-revolving. He has given the definition of परमाणु in his book ‘वैशेषिकसूत्राणि.’
  • Arnav: What is that definition?
  • Father: An atom is the sixth part of the fine (micro) dust particle that is located in a beam of sun-rays entering through a grilled window
  • Arnav: I wish to know about it in detail.
  • Father: Good! (Then) You come to my college tomorrow. There are many books regarding US Definitely your curiosity would be pacified.
  • अर्णव – परमाणू हा द्रव्याचा अंतिम घटक व मूळतत्त्व आहे; हे खरे आहे ना?
  • बाबा – बरोबर, खरे तर, हा महर्षी कणादांचा सिद्धांत आहे; तुला माहीत आहे का? परमाणू हे द्रव्याचे मूळ कारण आहे असे प्रतिपादन महर्षीनी केले. ते सुद्धा, सुमारे ख्रिस्तपूर्व पाचव्या किंवा सहाव्या शतकात.
  • अर्णव – बाबा, परमाणूसंबंधी महर्षी कणादांनी काय काय सांगितले आहे? आम्हांला तर फक्त त्या महान व्यक्तीचे नावच माहीत आहे.
  • बाबा – कणाद ऋषींनी स्पष्ट केले (की) – अणू (हा) इंद्रियांच्या पलीकडे, सूक्ष्म, अवयवहीन, नित्य आणि स्वयंपरिभ्रमणशील आहे. ‘वैशेषिकसूत्राणि’ या त्यांच्या ग्रंथात त्यांनी परमाणूची व्याख्या केली आहे.
  • अर्णव – ती व्याख्या काय आहे?
  • बाबा – जाळीदार खिडकीतून येणाऱ्या सूर्यकिरणांतील सूक्ष्म धूलिकणाच्या साव्या भागाला परमाणू असे म्हटले जाते.
  • अर्णव – मला त्याबद्दल सविस्तर जाणून घ्यायची इच्छा आहे.
  • बाबा – छान! तू उद्या माझ्या महाविद्यालयात ये. तिथे कणादांविषयी अनेक पुस्तके आहेत. तुझी जिज्ञासा नक्कीच शमेल.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 5 स एव परमाणुः

शब्दार्थाः

  1. प्राध्यापक: – professor – महाविद्यालयातील शिक्षक
  2. मानः – engrossed – तल्लीन
  3. परमाणुः – atom – अणू
  4. जपाकुसुमम् – hibiscus-flower – जास्वंदाचे फूल
  5. सूक्ष्मेक्षिका – microscope – सूक्ष्मदर्शिका
  6. परागकणाः – pollen – grains – परागकण
  7. अङ्गानि – parts – भाग
  8. उत्पीठिकायाम् – on the table – टेबलावर
  9. गृहीत्वा – taking – घेऊन
  10. पश्चे – near – जवळ
  11. द्रष्टुं शक्नोषि – able to see – तू पाहू शकतोस
  12. कियान् – how much – किती
  13. चूर्णम् – powder – भुकटी
  14. सूक्ष्मतरम् – minuscule – सर्वात सूक्ष्म / लहान
  15. तण्डुलान् – rice-grains – तांदूळ
  16. मुष्टिमात्रान् – handful of – मूठभर
  17. महानसतः/ पाकगृहात् – from kitchen – स्वयंपाकघरातून
  18. समाप्यते – ends/stops – संपते / थांबते
  19. आनय – bring – आण
  20. विभज – split – भाग कर / विभाजन कर
  21. यथाकथमपि – somehow – कसेतरी
  22. इतोऽपि – than this – यापेक्षा
  23. सम्यक् – right – बरोबर
  24. सिद्धान्तः – proposition, theory – सिद्धांत
  25. निरवयवः – formless – अवयव नसलेला / अवयवहीन
  26. स्वयं व्यावर्तक: – self-revolving – स्वयं परिभ्रमणशील
  27. अतीन्द्रियः – beyond senses – इंद्रियांच्या पलीकडे
  28. षष्ठतमः – sixth – सहावा
  29. तत्वम् – basic principle – मूळतत्त्व
  30. जालसूर्य – located in a beam – झरोक्यातील
  31. मरीचिस्थम् – of the sun-ray from a grill – सूर्यकिरणात
  32. प्रतिपादितम् – explained, stated – स्पष्टीकरण दिले, मांडले
  33. रजः – dust particle – धूलिकण
  34. जिज्ञासा – curiosity – उत्सुकता
  35. द्रव्यस्य – of substance – द्रव्याचे
  36. शाम्येत् – would pacify – शमविली जाईल
  37. प्रायः – approximately – सुमारे
  38. श्चः – tomorrow – उद्या

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य Textbook Questions and Answers

1. आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न (अ)
आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 2

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

प्रश्न (आ)
रिकाम्या जागा भरा.
1. ………… या दिवशी एडिसनच्या घराभोवती आकर्षक रोषणाई होती.
2. ………. माध्यमातून दिव्याच्या शोधाची बातमी सर्वत्र पसरली.
3. एडिसनच्या मते त्याच्यात ………… % चिकाटी होती.
उत्तर:
1. 21 ऑक्टोबर, 1879
2. वर्तमानपत्राच्या
3. 99 (नव्याण्णव)

2. योग्य पर्याय शोधून वाक्य पूर्ण करा.

प्रश्न (अ)
योग्य पर्याय शोधून वाक्य पूर्ण करा.
1. प्लेटिनमचा प्रयोग ………होता. (स्वस्त, फायदेशीर, महागडा, व्यवहार्य)
2. फसलेल्या प्रयोगातूनही नंतर प्रयोग करणाऱ्यांचे वाचतात. (पैसे, श्रम, कागद, प्रयत्न)
उत्तर:
1. महागडा
2. श्रम

प्रश्न (आ)
आकृति पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 4

3. खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दांचे वचन बदलून वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दांचे वचन बदलून वाक्ये पुन्हा लिहा.
1. घराभोवती दिव्यांचा झगमगाट पहायला सारे गाव लोटले.
2. कार्बनचा तुकडा जोडून प्रकाश तयार करण्याचे काम खर्चीक होते.
3. अमेरिकेच्या पोस्टखात्याने दिव्याचे चित्र असणारी तिकीटेही प्रसिद्ध केली.
4. फसलेल्या प्रयोगाची पद्धतशीर नोंद एडिसनने वहीमध्ये ठेवली.
उत्तर:
1. घराभोवती दिव्याचा झगमगाट पहायला सारे गाव लोटले.
2. कार्बनचा तुकडे जोडून प्रकाश तयार करण्याचे काम खर्चीक होते.
3. अमेरिकेच्या पोस्टखात्याने दिव्याचे चित्र असणारे तिकीटही प्रसिद्ध केले.
4. फसलेल्या प्रयोगाची पद्धतशीर नोंद एडिसनने वह्यांमध्ये ठेवली.

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4. स्वमत

प्रश्न 1.
संशोधक होण्यासाठी तुम्ही स्वत:च्या व्यक्तिमत्त्वात कसे बदल कराल ते 8-10 वाक्यांत लिहा.
उत्तरः
मला विज्ञानाची आधीपासूनच खूप गोडी आहे. त्यातून मला संशोधक होण्याची खूप इच्छा आहे. त्यासाठी मला स्वत:मध्ये खूप बदल करावे लागतील. प्रत्येक गोष्टीचे बारीक निरीक्षण करून ती समजून घेण्याचा मी प्रयत्न करेन. कुणाच्याही बोलण्यावर सहज विश्वास न ठेवता विज्ञानाच्या कसोटीवर ती गोष्ट मी तपासून पाहीन. समाजाच्या आणि सर्वसामान्य लोकांच्या उपयोगी पडेल, त्यांना फायदा होईल असा शोध लावण्याचा प्रयत्न करेन. अपेक्षित यश मिळेपर्यंत सतत त्याचा पाठपुरावा करेन. एखादया प्रयोगात अपयश जरी आले तरी हार न मानता जोपर्यंत यश मिळत नाही तोपर्यंत मी पुन्हा पुन्हा नव्या जोमाने प्रयत्न करत राहीन.

प्रश्न 2.
विज्ञानात नवे शोध लावण्यासाठी फक्त बुद्धिमत्ता पुरेशी नाही या मताशी आपण सहमत आहात का? असल्यास अथवा नसल्यास तुमचे मत सकारण स्पष्ट करा.
उत्तरः
विज्ञानात नवे शोध लावण्यासाठी फक्त बुद्धिमत्ता असून चालत नाही. त्यासाठी आपल्याकडे जिद्द, चिकाटी सुद्धा असावी लागते. नवा शोध लावण्यासाठी, ज्याचा संपूर्ण जगाला फायदा होईल त्यासाठी येणाऱ्या संकटांना तोंड देण्याची मानसिकता असावी लागते. असंख्य प्रकारचे प्रयोग करून पाहण्याची व हजारो वेळा अपयश आले तरी पुन्हा तितक्याच उत्साहाने नवे प्रयोग करून पाहण्याची जिद्द असावी लागते. जोपर्यंत मनासारखे यश मिळत नाही तोपर्यंत हार न मानण्याची मानसिकता हवी. छोट्या-छोट्या गोष्टींचे बारीक निरीक्षण, त्याचे अनुमान, पुन्हा पुन्हा प्रयोग करणे हे चक्र सतत चालू ठेवावे लागते. त्यासाठी प्रचंड धीर आणि सहनशक्ती असणे गरजेचे आहे. शिवाय लोकांनी कितीही हिणवले, चिडवले तरी आपल्या ध्येयापासून विचलित होऊ नये हे महत्त्वाचे आहे.

प्रश्न 3.
तुमच्या मनात येणारा नवीन विचार प्रत्यक्षात आणण्यासाठी तुम्ही कोणकोणते प्रयत्न कराल ?
उत्तरः
माझ्या मनात जर एखादा नवीन विचार आला तर तो दुसऱ्या कोणाला सांगण्याआधी मी त्याचा सारासार विचार करेन. त्याचा सर्वसामान्य लोकांना होणारा फायदा, समाजाला होणारा फायदा मी विचारात घेईन. मला ते सारे पटले, योग्य वाटले तर मनात आलेल्या तो विचार प्रत्यक्षात आणण्यासाठी मी त्याचा सतत पाठपुरावा करेन.

इतरांनी त्या विचारावरून माझी थट्टा, मस्करी केली, मला वेडा ठरवले तरी मी त्याकडे दुर्लक्ष करीन. माझ्या मनातला विचार प्रत्यक्षात आणण्यासाठी मार्गात येणाऱ्या अडचणींचा, संकटांचा मी सामना करेन. जोपर्यंत आपल्या मनासारखे अपेक्षित यश मिळत नाही तोपर्यंत मी विविध प्रयोग करीत राहीन. कितीही वेळा अपयश आले तरी मी मागे हटणार नाही. पुन्हा पुन्हा नव्या उमेदीने मी प्रयोग करेन. मनापासून मदत करणाऱ्या माझ्या सहकाऱ्यांना मी माझ्या कार्यामध्ये सहभागी करून घेईन आणि माझे ध्येय मी गाठीन.

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अपठित गदय आकलन.

आपण पाठ्यपुस्तकात गदय व पदय पाठांचा अभ्यास करतो. विविध साहित्यप्रकारांच्या अभ्यासाबरोबर भाषिक अंगाने प्रत्येक पाठाचा अभ्यास आपणांस करायचा असतो. विदयार्थ्यांची भाषासमृद्धी, भाषिक विकास ही मराठी भाषा अध्ययन-अध्यापनाची प्रमुख उद्दिष्टे आहेत, म्हणूनच पाठ्यपुस्तकातील पाठांच्या सूक्ष्म अभ्यासाने आपल्याला कोणतेही साहित्य वाचल्यानंतर त्याचे आकलन होणे, आस्वाद घेता येणे व त्या भाषेचे सुयोग्य व्यावहारिक उपयोजन करता येणे ही उद्दिष्टे साध्य करता येतात. अशा पाठ्येतर भाषेच्या आकलनाचे, मूल्यमापन करण्याचे कौशल्य प्राप्त होण्याच्या दृष्टीने पाठ्यपुस्तकात अपठित गदयउतारा हा घटक समाविष्ट केला आहे. गदय उतारा वाचून त्याचे आकलन होणे व त्यावरील स्वाध्याय तुम्ही स्वयंअध्ययनाने करणे येथे अपेक्षित आहे.

खालील उतारा काळजीपूर्वक वाचून त्याखालील कृती करा.

प्रश्न 1.
खालील आकृतिबंध पूर्ण करा.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 4.1

विद्यार्थिजीवनात चांगल्या सवयींना अत्यंत महत्त्वाचे स्थान आहे. चांगले साहित्य वाचणारा, योग्य त्याच बाबी लक्षात ठेवणारा, योग्य ठिकाणी खर्च करणारा, आवश्यक असेल तेवढेच बोलणारा, नेहमीच इतरांच्या मदतीसाठी तत्पर असणारा विदयार्थी भावी आयुष्यात समाजात आपली वेगळी ओळख निर्माण करतो, त्याने निवडलेल्या क्षेत्रात यश संपादन करण्यासाठी त्याला विशेष मेहनतीची आवश्यकता पडत नाही.

तुम्ही जोपर्यंत मार्गदर्शन मिळवण्यासाठी स्वतःहून पुढाकार घेणार नाहीत, तोपर्यंत तुम्हाला कोणाचेही मार्गदर्शन मिळणार नाही. आपल्याला काय करायचे याची दिशा दुसरा ठरवणार नाही. तुम्हालाच दिशा ठरवायची आहे आणि तुम्हालाच त्या दिशेने चालायचेही आहे. हे स्वप्रयत्नानेच शक्य आहे. चांगल्या स्वप्रयत्नाला चालना देत नाहीत, त्या केवळ ध्येय गाठून थांबत नाहीत, तर त्या संपूर्ण मानवी गुण वृद्धिंगत करण्यास मदत करतात.

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प्रश्न 2.
‘चांगल्या सवयी आणि स्वप्रयत्न यामुळे व्यक्तिमत्त्व घडते’ हे उदाहरणासह स्पष्ट करा.

भाषाभ्यास:

1. अव्ययीभाव समास

प्रश्न 1.
अव्ययीभाव समास वैशिष्ट्ये –
1. पहिले पद महत्त्वाचे असून ते बहुधा अव्यय असते.
2. संपूर्ण सामासिक शब्द क्रियाविशेषण अव्ययाप्रमाणे काम करतो. (आ, यथा, प्रति वगैरे उपसर्वांना संस्कृतात अव्यय म्हणतात.)

उदा.,

  1. गरजूंना यथाशक्ती मदत करावी.
  2. त्या गावात जागोजागी वाचनालये आहेत.
  3. क्रांतिकारकांनी आमरण कष्ट सोसले.

जागोजागी, घरोघरी यांसारख्या शब्दांत अव्यय दिसत नसले, तरी त्याचा विग्रह अव्ययासह केला जातो, म्हणून अशा शब्दांचा समावेश अव्ययीभाव समासात केला जातो.

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प्रश्न 2.
खालील शब्दसमूहांपासून सामासिक शब्द बनवा.

  1. विधीप्रमाणे
  2. प्रत्येक गल्लीत
  3. चुकीची शिस्त
  4. धोक्याशिवाय
  5. प्रत्येक दारी

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य Additional Important Questions and Answers

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
सूर्यग्रहण असल्याचा परिणाम
उत्तर:
दिवसा सर्वत्र अंधार पसरला.

प्रश्न 2.
सूर्यग्रहणाचा अभ्यास करण्यासाठी जमलेल्या व्यक्ती.
उत्तर:
1. शास्त्रज्ञ
2. ज्योतिषी

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. सूर्यग्रहण(अ) एडिसनचे वैशिष्ट्य
2. प्रकाश देणारी वस्तू(ब) शास्त्रज्ञ आणि ज्योतिषी
3. सूर्यग्रहणाचा अभ्यास(क) शोधाची कल्पना
4. पाठपुरावा(ड) भर दिवसा सर्वत्र अंधार पसरला

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. सूर्यग्रहण(ड) भर दिवसा सर्वत्र अंधार पसरला
2. प्रकाश देणारी वस्तू(क) शोधाची कल्पना
3. सूर्यग्रहणाचा अभ्यास(ब) शास्त्रज्ञ आणि ज्योतिषी
4. पाठपुरावा(अ) एडिसनचे वैशिष्ट्य

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.

  1. बऱ्याच जणांनी तर ते हसण्यावारीच नेले.
  2. एडिसन एका डोंगराळ भागातील खेडेगावात जाऊन राहिला.
  3. एडिसन कसल्यातरी विचारात गढून गेला होता.
  4. तिथे काही शास्त्रज्ञ आणि ज्योतिषी सूर्यग्रहणाचा अभ्यास करण्यासाठी जमले होते.

उत्तर:

  1. एडिसन एका डोंगराळ भागातील खेडेगावात जाऊन राहिला.
  2. तिथे काही शास्त्रज्ञ आणि ज्योतिषी सूर्यग्रहणाचा अभ्यास करण्यासाठी जमले होते.
  3. एडिसन कसल्यातरी विचारात गढून गेला होता.
  4. बऱ्याच जणांनी तर ते हसण्यावारीच नेले.

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खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
1879 साली कोणता विचार वेडगळ होता?
उत्तरः
अंधारावर मात करणाऱ्या, प्रकाश देणाऱ्या वस्तूच्या शोधाची कल्पना हा विचार 1879 साली वेडगळ होता.

प्रश्न 2.
सुट्टी घालविण्यासाठी मित्रांना घेऊन थॉमस एडिसन कुठे जाऊन राहिला होता?
उत्तरः
सुट्टी घालविण्यासाठी मित्रांना घेऊन थॉमस एडिसन एका डोंगराळ भागातील खेडेगावात जाऊन राहिला होता.

प्रश्न 3.
एडिसनने कोणते आव्हान स्वीकारले होते?
उत्तर:
मनातील कल्पनेप्रमाणे असणारी वस्तू शोधण्याचे आव्हान एडिसनने स्वीकारले होते.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. ………….. साल आणि वसंत ऋतूचे दिवस. (१८९०, १८२५, १८७९, १८५६) (1890, 1825, 1879, 1856)
2. हातच्या कंकणाला …………. कशाला? (दर्पण, आरसा, काच, खिडकी)
उत्तर:
1. 1879
2. आरसा

सहसंबंध लिहा.

प्रश्न 1.
1. मित्र : शत्रू :: रात्र : …………………
2. सामान्य : माणूस :: वेडगळ : ………..
उत्तर:
1. दिवस
2. विचार

प्रश्न 2.
शब्दसमुहांसाठी एक शब्द चौकटीत लिहा.
1. भविष्य सांगणारा – [ ]
2. शोध लावणारा – [ ]
उत्तर:
1. ज्योतिषी
2. शास्त्रज्ञ

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कृती 2 : आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
1879 साल आणि …………………….
(अ) ग्रीष्म ऋतूचे दिवस
(ब) वर्षा ऋतूचे दिवस
(क) शरद ऋतूचे दिवस
(ड) वसंत ऋतूचे दिवस
उत्तर:
1879 साल आणि वसंत ऋतूचे दिवस.

प्रश्न 2.
मी अशा काहीतरी प्रकाश देणाऱ्या वस्तूच्या शोधात आहे की, ………….
उत्तर:
(अ) जी किंमतीने महाग असेल.
(ब) जी किंमतीने दुप्पट असेल.
(क) जी किंमतीने कमी असेल.
(ड) जी किंमतीने जास्त असेल.
उत्तर:
मी अशा काहीतरी प्रकाश देणाऱ्या वस्तूच्या शोधात आहेकी, जी किंमतीने कमी असेल.

प्रश्न 3.
भरदिवसा सर्वत्र अंधार पसरला; कारण …..
(अ) चंद्रग्रहण असल्यामुळे
(ब) सूर्यग्रहण असल्यामुळे.
(क) ढगांमुळे.
(ड) पावसामुळे.
उत्तर:
भर दिवसा सर्वत्र अंधार पसरला; कारण सूर्यग्रहण असल्यामुळे.

आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न 4.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 5.
सत्य वा असत्य ते लिहा.
1. एखादी कल्पना मनात आली की, तिचा सतत पाठपुरावा न करणे हे तर एडिसनचे वैशिष्ट्य होते.
2. 1879 साल आणि शरद ऋतूचे दिवस.
उत्तर:
1. असत्य
2. असत्य

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प्रश्न 6.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 7

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
बर्राच जणांनी तर ते हसन्यावारीच नेले.
उत्तरः
बऱ्याच जणांनी तर ते हसण्यावारीच नेले.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन सर्वनामे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. मला
  2. मी
  3. ते
  4. तुम्हाला

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. वैशिट्य, वैशिश्ट्य, वैशिष्ट्य, वेशिट्य
2. जोतिषी, ज्योतिषि, ज्योतिषी, जोतिषि
उत्तर:
1. वैशिष्ट्य
2. ज्योतिषी

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प्रश्न 4.
लिंग बदला.
उत्तर:
मैत्रिणी – [ मित्र ]

प्रश्न 5.
अधोरेखित शब्दाचा समानार्थी शब्द वापरून वाक्य पुन्हा लिहा. तिथे काही वैज्ञानिक आणि ज्योतिषी सूर्यग्रहणाचा अभ्यास करण्यासाठी जमले होते.
उत्तर:
तिथे काही शास्त्रज्ञ आणि ज्योतिषी सूर्यग्रहणाचा अभ्यास करण्यासाठी जमले होते.

प्रश्न 6.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. रात्र ×
  2. शत्रू ×
  3. उजेड ×
  4. जास्त ×

उत्तर:

  1. दिवस
  2. मित्र
  3. अंधार
  4. कमी

प्रश्न 7.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. शास्त्रज्ञ
  2. ज्योतिषी
  3. मित्रमंडळी
  4. गप्पा.

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
ऋतूचेचेषष्ठी
मित्रमंडळीच्याच्याषष्ठी
किंमतीनेनेतृतीया

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प्रश्न 9.
तक्ता पूर्ण करा
उत्तर:

शब्दसामान्यरूप
वस्तूच्यावस्तू
सूर्यग्रहणाचासूर्यग्रहणा

प्रश्न 10.
वाक्प्रचाराचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
गढून जाणे
उत्तरः
अर्थ: मग्न होणे.
वाक्य: परीक्षा असल्याने विनोद अभ्यासात गढून गेला होता.

प्रश्न 11.
वाक्यातील काळ ओळखा.
पण एडिसन कसल्यातरी विचारात गढून गेला होता.
उत्तर:
भूतकाळ

प्रश्न 12.
काळ बदला. (वर्तमानकाळ करा) .
मनातील कल्पनेचा सतत पाठपुरावा करणे हे तर एडिसनचे वैशिष्ट्य होते.
उत्तर:
मनातील कल्पनेचा सतत पाठपुरावा करणे हे तर एडिसनचे वैशिष्ट्य आहे.

प्रश्न 13.
जोड्या जुळवा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 8
उत्तरः

  1. नाम – माणूस
  2. सर्वनाम – मला
  3. विशेषण – वेडगळ
  4. क्रियापद – विचारले

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प्रश्न 14.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 9

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
संशोधक कसा असावा? यावना तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
मानवाला विज्ञानयुगात नाटले सर्वात मोठा वाटा आपले आयुष्य सुखमय, की आपल्यासमोर धीरगंभीर असा त्याचा चेहरा उभा राहतो. परंतु, माझ्या मते तो गंभीर न राहता खेळकर असावा. वाचन, लेखन, निरीक्षण, प्रयोग अशा कृतींचा सराव करणारा असावा. संकुचित वृत्तींचा त्याग करून स्वत:चा उदारमतवादी दृष्टिकोन निर्माण करणारा असावा. मानवी गुणांनी परिपूर्ण असे त्याचे व्यक्तिमत्त्व असावे. त्याचे शोध समाजविघातक नसून समाजोपयोगी असावेत.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती कराः

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 10
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 11

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. आव्हान स्वीकारणारा(अ) सर हफे डेव्ही
2. कमानदार दिवा(ब) कार्बन
3. तारांच्या टोकांना जोडलेले मूलद्रव्य(क) एडिसन

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. आव्हान स्वीकारणारा(क) एडिसन
2. कमानदार दिवा(अ) सर हफे डेव्ही
3. तारांच्या टोकांना जोडलेले मूलद्रव्य(ब) कार्बन

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. कमानदार(अ) प्रकाश
2. झगझगीत(ब) वायू
3. विषारी(क) दिवा

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. कमानदार(क) दिवा
2. झगझगीत(अ) प्रकाश
3. विषारी(ब) वायू

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
कार्बनचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करण्याचे काम कसे होते?
उत्तर:
कार्बनचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करण्याचे काम खर्चीक होते.

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प्रश्न 2.
प्रकाश निर्माण करण्याचे आव्हान कोणी स्वीकारले?
उत्तरः
प्रकाश निर्माण करण्याचे आव्हान एडिसनने स्वीकारले.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. सर हफ्रे डेव्ही याने खाणीमध्ये वापरण्यासाठी एक तयार केला होता. (रस्ता, कमानदार दिवा, कंदिल, ड्रेस)
2. तारांची …………. जोडलेली टोके जवळ आणली की त्यातून झगझगीत प्रकाश निर्माण व्हायचा. (कार्बन, चांदी, तांबे, सोने)
उत्तर:
1. कमानदार दिवा
2. कार्बन

सहसंबंध लिहा.

प्रश्न 1.
1. कमानदार : दिवा :: झगझगीत :
2. खोटे : खरे :: स्वस्त : …
उत्तर:
1. प्रकाश
2. खर्चीक

कृती 2 : आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
तारांची कार्बन जोडलेली टोके जवळ आणली की, ……………………..
(अ) त्यातून झगझगीत प्रकाश निर्माण व्हायचा.
(ब) त्यातून आग लागायची.
(क) त्यातून अभिक्रिया व्हायची.
(ड) त्यातून चमत्कार व्हायचा.
उत्तर:
तारांची कार्बन जोडलेली टोके जवळ आणली की, त्यातून झगझगीत प्रकाश निर्माण व्हायचा.

प्रश्न 2.
पण या प्रकाशाच्या उपयोगाला फार मर्यादा होत्या; कारण ……………………………..
(अ) दर वेळी कार्बनचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करणे हे काम स्वस्त होते.
(ब) दर वेळी जस्ताचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करणे हे काम खर्चीक होते.
(क) दर वेळी कार्बनचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करणे हे काम खर्चीक होते.
(ड) दर वेळी तांब्याचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करणे हे काम खर्चीक होते.
उत्तर:
पण या प्रकाशाच्या उपयोगाला फार मर्यादा होत्या; कारण दर वेळी कार्बनचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करणे हे काम खर्चीक होते.

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प्रश्न 3.
कोण ते लिहा.
खाणीमध्ये वापरण्यासाठी एक कमानदार दिवा तयार करणारे – [ ]
उत्तरः
सर हफ्रे डेव्ही

प्रश्न 4.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 12

प्रश्न 5.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. एडिसन याने खाणीमध्ये वापरण्यासाठी एक कमानदार दिवा तयार केला होता.
2. दर वेळी कार्बनचे तुकडे जाळून प्रकाश निर्माण करणे हे काम, खर्चीक होते.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
त्यातून निर्मान होणारा विषारि वायू हाही धोकादायक होता.
उत्तरः
त्यातून निर्माण होणारा विषारी वायू हाही धोकादायक होता

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. एडिसन
  2. रात्र
  3. प्रकाश
  4. सर हंफ्रे डेव्ही
  5. दिवा
  6. तारा
  7. कार्बन
  8. वायू

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प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. खर्चीक, खर्चिक, खंचिक, खचिर्क – [ ]
2. वीचारचक्र, विचारचक, विचारचक्र, विचारचर्क – [ ]
उत्तर:
1. खर्चीक
2. विचारचक्र

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. बनावटी – [ ]
  2. तीव्र – [ ]
  3. उजेड – [ ]
  4. दिन – [ ]

उत्तर:

  1. कृत्रिम
  2. प्रखर
  3. प्रकाश
  4. दिवस

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. अवघड × [ ]
  2. अंधार × [ ]
  3. दिवस × [ ]
  4. दूर × [ ]
  5. सौम्य × [ ]

उत्तर:

  1. सोपे
  2. प्रकाश
  3. रात्र
  4. जवळ
  5. प्रखर

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:
1. तारा
2. टोके

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प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
तारांच्याच्याषष्ठी
पदार्थाचेचेषष्ठी

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूप
एडिसननेएडिसन
रात्रीचेरात्री
कोळशाच्याकोळशा

प्रश्न 9.
काळ बदला. (वर्तमानकाळ करा)
पण या प्रकाशाच्या उपयोगाला फार मर्यादा होत्या.
उत्तरः
पण या प्रकाशाच्या उपयोगाला फार मर्यादा आहेत.

प्रश्न 10.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 13

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
आव्हान स्वीकारणे हे तर महान व धाडसी व्यक्तींचे लक्षणच असते, या विधानावर तुमचे मत व्यक्त करा.
उत्तरः
महान व धाडसी व्यक्तींसाठी आव्हान स्वीकारणे हा तर डाव्या हाताचा खेळ असतो. त्यांच्याजवळ संकटांना सामोरी जाण्याची वृत्ती असते. जिद्द, इच्छा, पुढे जाण्याचे स्वप्न बाळगले म्हणूनच नवीन भूखंडाचा शोध लागला. न्यूटन, आईन्स्टाइन, गॅलिलिओ, महात्मा गांधी अशा कितीतरी महान व धाडसी व्यक्तींनी जीवनात आलेल्या आव्हानांचे स्वागत करून त्यांचा स्वीकार केलेला होता. त्यामुळेच त्यांना यश, सन्मान व प्रसिद्धी प्राप्त झालेली होती. आव्हाने व्यक्तीच्या जीवनात संघर्ष निर्माण करतात व त्यातून व्यक्तींमध्ये संघर्षावर मात करण्याची प्रवृत्ती निर्माण होते. म्हणूनच जीवनात आव्हानांचे स्वागत करण्यास महान व धाडसी व्यक्ती पुढे येतात. खरे पाहता आव्हानेच त्यांना महान व धाडसी बनवत असतात.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती कराः

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 15

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
1. एकाएकी लागत नाही – [ ]
2. आफ्रिका खंडात हजारो मैल पायी प्रवास करणारे – [ ]
उत्तर:
1. कोणताही नवा शोध
2. एडिसनचे सहकारी

प्रश्न 3.
सहसंबंध लिहा.
1. हजारो : मैल :: हिंस्त्र : ……………………
2. आफ्रिका : नाम :: त्यांना : ………………..
उत्तर:
1. पशू
2. सर्वनाम

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प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.

  1. पण अजूनही एडिसनच्या मनाचे पूर्ण समाधान झाले नव्हते.
  2. हातातल्या पंख्याने वारा घेत असताना एडिसनचे लक्ष पंख्याच्या काडीकडे गेले.
  3. त्यातून त्याने सहा हजार प्रकारच्या बांबूच्या जाती गोळा केल्या.
  4. बांबूच्या जाती गोळा करण्यासाठी एडिसनच्या सहकाऱ्यांनी आफ्रिका खंडात हजारो मैल पायी प्रवास केला.

उत्तर:

  1. हातातल्या पंख्याने वारा घेत असताना एडिसनचे लक्ष पंख्याच्या काडीकडे गेले.
  2. बांबूच्या जाती गोळा करण्यासाठी एडिसनच्या सहकाऱ्यांनी आफ्रिका खंडात हजारो मैल पायी प्रवास केला.
  3. त्यातून त्याने सहा हजार प्रकारच्या बांबूच्या जाती गोळा केल्या.
  4. पण अजूनही एडिसनच्या मनाचे पूर्ण समाधान झाले नव्हते.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
एडिसनने किती हजार बांबूच्या जाती गोळा केल्या?
उत्तरः
एडिसनने सहा हजार बांबूच्या जाती गोळा केल्या.

प्रश्न 2.
कोणत्या खंडांत बांबूच्या असंख्य जातींची लागवड केली जाते?
उत्तरः
आशिया व आफ्रिका खंडांत बांबूच्या असंख्य जातींची लागवड केली जाते.

प्रश्न 3.
वारा घेत असताना एडिसनचे लक्ष कुठे गेले?
उत्तर:
वारा घेत असताना एडिसनचे लक्ष पंख्याच्या काडीकडे गेले.

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कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. एडिसनने, ………….. उपयोग करून पाहिला. (सोन्याचा, प्लेटिनमचा, टंगस्टनचा, चांदीचा)
2. …………….. तयार केलेली फिलॅमेंट ही अधिक काळ प्रकाश देणारी ठरली. (बांबूपासून, सागापासून, पळसापासून, महोगनीपासून)
उत्तर:
1. प्लेटिनमचा
2. बांबूपासून

प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. बांबूपासून तयार केलेली(अ) प्लेटिनमचा प्रयोग
2. व्यवहार्य नसलेला(ब) बांबूच्या
3. सहा हजार प्रकारच्या जाती(क) फिलॅमेंट

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. बांबूपासून तयार केलेली(क) फिलॅमेंट
2. व्यवहार्य नसलेला(अ) प्लेटिनमचा प्रयोग
3. सहा हजार प्रकारच्या जाती(ब) बांबूच्या

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 16

कृती 2 : आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
बांबूच्या जाती गोळा करण्यासाठी
(अ) एडिसनने प्रयोगशाळा तयार केल्या.
(ब) एडिसनने त्यांची लागवड केली.
(क) एडिसनने पाण्यासारखा पैसा खर्च केला.
(ड) एडिसनने कर्ज घेतले.
उत्तर:
बांबूच्या जाती गोळा करण्यासाठी एडिसनने पाण्यासारखा पैसा खर्च केला.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

प्रश्न 2.
एडिसनचे प्रयोग सतत चालूच होते; कारण
(अ) तो समाधानी होता.
(ब) त्याच्याकडे प्रयोगशाळा होती.
(क) अजूनही त्याच्या मनाचे पूर्ण समाधान झाले नव्हते.
(ड) त्याला जिंकायचे होते.
उत्तर:
एडिसनचे प्रयोग सतत चालूच होते; कारण अजूनही त्याच्या मनाचे पूर्ण समाधान झाले नव्हते.

प्रश्न 3.
कोण ते लिहा.
1. सहकाऱ्यांना समुद्रावर मासे मारायला किंवा नृत्याच्या नाही तर गाण्याच्या कार्यक्रमांना घेऊन जाणारा – [ ]
2. अधिक काळ प्रकाश देणारी फिलमेंट – [ ]
उत्तर:
1. एडिसन
2. बांबूंची

प्रश्न 4.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 5.
सत्य वा असत्य ते लिहा.
1. सागाच्या जाती गोळा करण्यासाठी एडिसनच्या सहकाऱ्यांनी आफ्रिका खंडात हजारो मैल पायी प्रवास केला.
2. बांबूपासून तयार केलेली फिलमेंट ही अधिक काळ प्रकाश देणारी ठरली.
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा. मन ताजेतवान झाले की पुन्हा कामाला सुरवात.
उत्तरः
मन ताजेतवाने झाले की पुन्हा कामाला सुरुवात.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. एडिसन
  2. प्लेटिनम
  3. पंखा
  4. काडी
  5. बांबू
  6. कार्बन
  7. आफ्रिका
  8. आशिया
  9. पशू
  10. पैसा
  11. टेबल
  12. समुद्र
  13. मासे

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. व्यवस्य, व्यर्वहाय, व्यवहार्य, वव्यहार्य – [ ]
2. हिस्त्र, हिन्सर, हिंस्त्र, हींस्त्र – [ ]
उत्तर:
1. व्यवहार्य
2. हिंस्त्र

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. पाहणी – [ ]
  2. तर्क – [ ]
  3. प्रात्यक्षिक – [ ]
  4. वेळू – [ ]

उत्तर:

  1. निरीक्षण
  2. अनुमान
  3. प्रयोग
  4. बांबू

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प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. जुना × [ ]
  2. अयशस्वी × [ ]
  3. स्वस्त × [ ]
  4. अव्यवहार्य × [ ]
  5. जमा × [ ]

उत्तर:

  1. नवा
  2. यशस्वी
  3. महागडा
  4. व्यवहार्य
  5. खर्च

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:
1. जाती
2. मासे

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
प्लेटिनमचाचाषष्ठी
पंख्याच्याच्याषष्ठी
प्रयोगांनानाद्वितीया

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूप
एडिसनचेएडिसन
प्रयोगांनाप्रयोगां
जातीचाजाती
मलेरियाशीमलेरिया

प्रश्न 9.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
1. पाण्यासारखा पैसा खर्च करणे.
2. फुरसत मिळणे.
उत्तर:
1. अर्थ : खूप पैसा खर्च करणे.
वाक्य : आईच्या आजारपणात सुधीरने पाण्यासारखा पैसा खर्च केला.
2. अर्थ : वेळ मिळणे.
वाक्य : लखोबाला पावसामुळे बाहेर पडण्याची फुरसत मिळत नव्हती.

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प्रश्न 10.
वाक्यातील काळ ओळखा.
उष्ण कटिबंधात आणि विशेषतः आफ्रिका आणि आशिया खंडात बांबूच्या असंख्य जातींची लागवड केली जाते.
उत्तरः
वर्तमानकाळ

प्रश्न 11.
काळ बदला (वर्तमानकाळ करा)
प्रयोग सतत चालूच होते.
उत्तरः
प्रयोग सतत चालूच आहेत.

प्रश्न 12.
पुढील नामांसाठी उताऱ्यात आलेली विशेषणे लिहा.
उत्तरः

नामेविशेषणे
शोधनवे
दिवसउन्हाळ्याचे
प्रयोगमहागडा
जातीअसंख्य
काळअधिक

प्रश्न 13.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 19

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
तुमच्या विचारांचे उपयोजन करण्यासाठी तुम्ही काय कराल? ते स्पष्ट करा.
उत्तर:
आपल्या मनात अनेक विचार येत असतात. मनात आलेले सर्वच पूर्णत्वास नेण्यासाठी आपण प्रयत्न करत नाहीत. अनेक वेळा विचार करतो. थोडा वेळ विचार केल्यावर आपणास कंटाळा येतो व आपण विचार करणे सोडून देतो पण हे चुकीने आहे. आपण मनात येत असलेला प्रत्येक विचार प्रत्यक्षा आणण्यासाठी त्यावर चिंतन व मनन केलेच पाहिजे. वेगवेग तर्क व अनुमान यांच्याशी आपल्या विचारांची सांगड घातल पाहिजे. विचारांशी संबंधित सकारात्मक व नकारात्मक बाबी तपासून पाहिल्या पाहिजेत. विचार करणे सोपे असते पण तो प्रत्यक्षात आणण्यासाठी आपण जिद्द, मनाची एकाग्रता, चिकाटी, प्रयोग यांची कास धरली पाहिजे. जास्तीत जास्त वेळ देऊन विचार प्रत्यक्षात आणण्यासाठी प्रयत्न केले पाहिजेत.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 20
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 21

प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
1. एडिसनने मेन्लो पार्क येथील घराभोवती प्रचंड मोठा मांडव उभारला – [ ]
2. टीकाकार एडिसनवर टीका करत असत – [ ]
उत्तर:
1. त्याचा महत्त्वपूर्ण शोध लोकांना माहिती होण्यासाठी.
2. त्याचे प्रयोग फोल ठरत असल्याने.

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प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. मेन्लो पार्क(अ) टंगस्टन धातूचा
2. दिव्यातील फिलॅमेंट(ब) फसलेल्या प्रयोगांच्या
3. बहुतेक नोंदी(क) आकर्षक रोषणाई

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. मेन्लो पार्क(क) आकर्षक रोषणाई
2. दिव्यातील फिलॅमेंट(अ) टंगस्टन धातूचा
3. बहुतेक नोंदी(ब) फसलेल्या प्रयोगांच्या

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.

  1. वर्तमानपत्रातून दिव्याच्या शोधाची बातमी जगभर पसरली.
  2. मेन्लो पार्क येथील घराभोवती त्याने प्रचंड मोठा मांडव उभारला.
  3. टंगस्टन धातूचा प्रयोग यशस्वी झाला.
  4. घराभोवतीचा दिव्यांचा झगमगाट पाहायला सारे गावच्या गाव लोटले.

उत्तर:

  1. टंगस्टन धातूचा प्रयोग यशस्वी झाला.
  2. मेन्लो पार्क येथील घराभोवती त्याने प्रचंड मोठा मांडव उभारला.
  3. घराभोवतीचा दिव्यांचा झगमगाट पाहायला सारे गावच्या गाव लोटले.
  4. वर्तमानपत्रातून दिव्याच्या शोधाची बातमी जगभर पसरली.

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खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
सुरुवाती सुरुवातीला एडिसनला कोणती कल्पना योग्य वाटायची?
उत्तरः
सुरुवाती सुरुवातीला एडिसनच्या दिव्याच्या प्रयोगा बाबतची प्रत्येक कल्पना योग्य वाटायची.

प्रश्न 2.
दिव्यामध्ये फिलमेंटसाठी कोणत्या धातूचा प्रयोग यशस्वी झाला?
उत्तर:
दिव्यामध्ये फिलॅमेंटसाठी टंगस्टन या धातूचा प्रयोग यशस्वी झाला.

प्रश्न 3.
एडिसनने कुठे प्रचंड मोठा मांडव उभारला?
उत्तरः
एडिसनने मेन्लो पार्क येथील घराभोवती प्रचंड मोठा मांडव उभारला.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 6.

  1. घराभोवतीचा ………….. झगमगाट पाहायला सारे गावच्या गाव लोटले. (कंदिलांचा, मेणबत्त्यांचा, दिव्यांचा, काजव्यांचा)
  2. पण प्रयोग करून पाहिल्यावर त्यातील …………. जाणवायचा. (फोलपणा, अर्थ, यशस्वीपणा, गंभीरपणा)
  3. अशा त्याच्या प्रयोगाच्या ………………….. वह्यांची चाळीस हजार पाने भरून गेली. (तीनशे, चारशे, दोनशे, शंभर)

उत्तर:

  1. दिव्यांचा
  2. फोलपणा
  3. दोनशे

प्रश्न 7.
सहसंबंध लिहा.
1. दोनशे : वहया :: चाळीस हजार : ……………..
2. अयोग्य : योग्य :: प्रश्न : ……………………
उत्तर:
1. पाने
2. उत्तर

प्रश्न 8.
शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा.
टीका करणारा – [ ]
उत्तर:
टीकाकार

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प्रश्न 9.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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कृती 2 : आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
सतत दहा ते बारा वर्षे प्रयोग करून पाहिल्यानंतर ………
(अ) एडिसन कंटाळला.
(ब) दिव्यामध्ये फिलॅमेंटसाठी वापरण्यात येणाऱ्या टंगस्टन धातूचा प्रयोग यशस्वी झाला.
(क) प्रयोग अयशस्वी झाला.
(ड) एडिसनने दुसरा प्रयोग केला.
उत्तर:
सतत दहा ते बारा वर्षे प्रयोग करून पाहिल्यानंतर दिव्यामध्ये फिलॅमेंटसाठी वापरण्यात येणाऱ्या टंगस्टन धातूचा प्रयोग यशस्वी झाला.

प्रश्न 2.
सारे गावच्या गाव लोटले, कारण
(अ) एडिसनला पाहायला.
(ब) घराभोवती बांबूची झाडे पाहायला.
(क) घराभोवतीचा दिव्यांचा झगमगाट पाहायला.
(ड) एडिसनला विरोध करायला.
उत्तर:
सारे गावच्या गाव लोटले, कारण घराभोवतीचा दिव्यांचा झगमगाट पाहायला.

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कोण ते लिहा.

प्रश्न 1.
1. प्रयोगाच्या दोनशे वयांची चाळीस हजार पाने भरणारा – [ ]
2. दिव्याचा प्रयोग यशस्वी करणारा धातू – [ ]
उत्तर:
1. एडिसन
2. टंगस्टन

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. सुरुवाती सुरुवातीला दिव्याच्या प्रयोगाबाबतची प्रत्येक कल्पनाच अयोग्य आहे. असे एडिसनला वाटायचे.
2. वर्तमानपत्रातून दिव्याच्या शोधाची बातमी जगभर पसरली.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

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प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
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उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
1. एडिसनच्या यशात एक हिस्सा भाग असणारी
2. 21ऑक्टोबर, 1921 या दिवशी एडिसनच्या शोधाला झालेली एकूण वर्षे
उत्तर:
1. त्याची बुद्धिमत्ता
2. पन्नास

प्रश्न 2.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.

  1. एका मोठ्या समारंभात अमेरिकेच्या अध्यक्षांनी एडिसनचा सन्मान केला.
  2. या घटनेच्या निमित्ताने अमेरिकेच्या पोस्टखात्याने दिव्याचे चित्र असणारी तिकिटेही प्रसिद्ध केली.
  3. साऱ्या अमेरिकेने हा दिवस एखादया महोत्सवासारखा साजरा केला.
  4. 21 ऑक्टोबर, 1921 या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली.

उत्तर:

  1. 21 ऑक्टोबर, 1921 या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली.
  2. साऱ्या अमेरिकेने हा दिवस एखादया महोत्सवासारखा साजरा केला.
  3. एका मोठ्या समारंभात अमेरिकेच्या अध्यक्षांनी एडिसनचा न्मान केला.
  4. या घटनेच्या निमित्ताने अमेरिकेच्या पोस्टखात्याने दिव्याचे चित्र असणारी तिकिटेही प्रसिद्ध केली.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
कोणाकडून एडिसनचा सन्मान करण्यात आला?
उत्तर:
अमेरिकेच्या अध्यक्षांकडून एडिसनचा सन्मान करण्यात आला.

प्रश्न 2.
एडिसनच्या अंगी असणाऱ्या कोणत्या गुणामुळे त्याला यश मिळाले असे तो म्हणतो?
उत्तर:
एडिसनच्या अंगी असणाऱ्या चिकाटी या गुणामुळे त्याला यश मिळाले असे तो म्हणतो.

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कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. 21 ऑक्टोबर, ………… या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली. (1929, 1939, 1929, 1949)
2. एक सर्वसामान्य बुद्धिमत्ता असणाऱ्या ………….. हे सारे कसे केले याचे त्याच्या टीकाकारांना आश्चर्य वाटले. (व्यक्तीने, गृहस्थाने, एडिसनने, शास्त्रज्ञाने)
उत्तर:
1. 1929
2. एडिसनने

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिहा.
1. एक हिस्सा भाग : बुद्धिमत्ता :: नव्याण्णव हिस्से भाग : ………………………
2. निर्धार : चिकाटी :: भाग : …………………………..
उत्तर:
1. चिकाटी
2. हिस्सा

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
एक मोठ्या समारंभात अमेरिकेच्या अध्यक्षांनी एडिसनचा सन्मान केला; कारण …………………………
(अ) 21 डिसेंबर, 1929 या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली.
(ब) तो निवडून आला होता.
(क) त्याने टंगस्टन धातूचा शोध लावला.
(ड) 21 ऑक्टोबर, 1921 या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली.
उत्तरः
एक मोठ्या समारंभात अमेरिकेच्या अध्यक्षांनी एडिसनचा सन्मान केला, कारण 21 ऑक्टोबर, 1929 या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली.

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प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.

  1. एक मोठ्या समारंभात एडिसनचा सन्मान करणारे – [ ]
  2. दिव्याचे चित्र असणारी तिकिटे प्रसिद्ध करणारा देश – [ ]
  3. एडिसनच्या यशाचे आश्चर्य वाटणारे –

उत्तरः

  1. अमेरिकेचे अध्यक्ष
  2. अमेरिका
  3. टीकाकार

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 28

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
साऱ्या अमेरीकेने हा दिवस एखादया महोत्स्वासारखा साजरा केला.
उत्तरः
साऱ्या अमेरिकेने हा दिवस एखादया महोत्सवासारखा साजरा केला.

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प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. एडिसन
  2. दिवा
  3. अमेरिका
  4. महोत्सव
  5. पोस्टखाते
  6. चित्र

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. मार्मीकपणे, मार्मिकपणे, मामिर्कपणे, मर्मिकपणे
2. बुद्धीमत्ता, बुद्धिमता, बुद्धिमत्ता, बूदिधमत्ता
उत्तर:
1. मार्मिकपणे
2. बुद्धिमत्ता

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. दिन – [ ]
  2. आदर – [ ]
  3. अनेक – [ ]
  4. कारण – [ ]

उत्तर:

  1. दिवस
  2. सन्मान
  3. असंख्य
  4. निमित्त

प्रश्न 5.
अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द वापरून वाक्य पुन्हा लिहा.
पुन्हा तितक्याच उमेदीने नवे प्रयोग करून पाहण्याची चिकाटी माझ्याजवळ होती.
उत्तरः
पुन्हा तितक्याच उमेदीने जुने प्रयोग करून पाहण्याची चिकाटी माझ्याजवळ होती.

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प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
एडिसनचाचाषष्ठी
निमित्तानेनेतृतीया
प्रकारचेचेषष्ठी

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूप
दिव्याच्यादिव्या
पोस्टखात्यानेपोस्टखात्या
उमेदीनेउमेदी
चिकाटीचाचिकाटी

प्रश्न 8.
वाक्यातील काळ ओळखा.
21 ऑक्टोबर, 1929 या दिवशी एडिसनने लावलेल्या दिव्याच्या शोधाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाली.
उत्तरः
भूतकाळ

प्रश्न 9.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य 29

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
शोध लावण्यासाठी आवश्यक बाबींविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
विज्ञानात नवे शोध लावण्यासाठी फक्त बुद्धिमत्ता पुरेशी नाही या मताशी मी सहमत आहे. व्यक्ती म्हटली म्हणजे तिच्याजवळ बुद्धिमत्ता असतेच. प्रत्येकाने आपल्या बुद्धिमत्तेचा योग्य व सकारात्मक उपयोग करून घेण्याचा प्रामाणिक प्रयत्न करणे आवश्यक असते. फक्त बुद्धिमत्ता नवे शोध लावण्यासाठी उपयोगी पडत नाही. नवे शोध लावण्यासाठी एखादया गहन विषयावर चिंतन व मनन करण्याची विचारशक्ती, तसेच संकटांवर मात करण्याची प्रवृत्ती असणे, अनेक प्रयोग करून पाहण्याची व हजारो वेळा अपयश आले तरी तितक्याच उमेदीने नवे प्रयोग करून पाहण्याची चिकाटी असणे फार गरजेचे असते. तसेच जिद्द व मनाच्या एकाग्रतेची गरज असते.

दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय:

नाव: डॉ. अनिल गोडबोले
कालावधी: 1947 प्रसिद्ध लेखक. ‘संस्कार शिदोरी स्वातंत्र्यवीर सावरकर’, ‘थॉमस अल्वा एडिसन’, १८५७ ची यशोगाथा’, ‘सुबोधकथा’, ‘कथाकथातून बालविकास’ इत्यादी पुस्तके प्रसिद्ध.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

प्रस्तावना:

‘दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य’ हा पाठ लेखक ‘डॉ. अनिल गोडबोले यांनी लिहिला आहे. थॉमस अल्वा एडिसन यांनी शोध लावलेल्या दिव्याच्या शोधामागची कथा, एडिसन यांच्याकडे असलेली प्रयोगशीलता याचे मार्मिक वर्णन या पाठातून लेखकांनी केले आहे.

The writer Dr. Anil Godbole has narrated a story of invention of light by Thomas Alwa Edison. He tells us in a lucid language about Edison’s perseverance and creativity. This is a very inspiring write-up of the tireless journey of a scientist who gifted the World with his priceless invention – ‘The electric bulb’.

शब्दार्थ:

  1. वसंतऋतू – चैत्र व वैशाख या दोन महिन्यांचा कालावधी (the spring season)
  2. दिवा – दीप – (a lamp)
  3. दिव्य – (येथे अर्थ) कठोर मेहनत
  4. थॉमस एडिसन – एक थोर शास्त्रज्ञ ज्याने विजेच्या दिव्याचा शोध लावला
  5. सूर्यग्रहण – सूर्यावर पडणारी छाया (solar eclipse)
  6. शास्त्रज्ञ – वैज्ञानिक (a scientist)
  7. ज्योतिषी – ज्योतिष जाणणारा – (astrologer)
  8. गढून जाणे – मग्न होणे (to be engrossed)
  9. शोध – चौकशी, तपास (investigation)
  10. कल्पना – युक्ती (idea)
  11. वेडगळ – खुळचट (crack, crazy)
  12. गंभीरपणे – विचारीपणाने (seriously)
  13. थट्टा – चेष्टा, मस्कटी (fun, jest, joke)
  14. कंकण – बांगडी (bangle)
  15. पाठपुरावा – पिच्छा (follow-up)
  16. वैशिष्ट्य – विशेष गुणधर्म (characteristic)
  17. कृत्रिम – बनावटी (artificial)
  18. रूपांतर – नवे रुप, बदल (change in form, transformation)
  19. प्रयत्न – मोठा यत्न, परिश्रम (an attempt, an effort)
  20. खाण – धातूंचे उत्पत्तिस्थान (mine)
  21. कमानदार – अर्धवर्तुळाकृती आकार (an arch shape)
  22. कोळसा – न पेटवलेला निखारा (coal, charcoal)
  23. खर्चीक – महाग (expensive)
  24. विषारी – विषयुक्त (poisonous, venomous)
  25. धोकादायक – भयावह, चिंताजनक (dangerous, risky)
  26. प्रखर – तीव्र (intense)
  27. विचारचक्र – विचारांचा ओघ (flow of thoughts)
  28. निरीक्षण – पाहणी, तपासणी (inspection)
  29. अनुमान – तर्क, अंदाज (inference, conclusion)
  30. प्रयोग – प्रात्यक्षिक (an experiment)
  31. यश – विजय (success)
  32. व्यवहार – काम, कार्य (activity, work)
  33. उष्ण कटिबंध – पृथ्वीच्या गोलावरील कर्कवृत्त व मकरवृत्त यांदरम्यानचा भूप्रदेश (tropics)
  34. उपयुक्त – उपयोगी, जरुरी (useful)
  35. जाती – वर्ग (class)
  36. मैल – अंतर मोजण्याचे एक माप (a mile)
  37. हिंस्त्र – क्रूर, रानटी (cruel, wild)
  38. डुलकी – पेंग, छोटी झोप (a nap)
  39. फुरसत – रिकामा वेळ, सवड (spare time)
  40. नृत्य – नाच (dance)
  41. ताजेतवाने – टवटवीत (energetic, blooming)
  42. फोलपणा – व्यर्थपणा, निरुपयोग (hollowness)
  43. पद्धतशीर – योग्य पद्धतीने, नियमितपणे (systematically)
  44. नोंदी – टाचण, टिपण (records)
  45. टीकाकार – टीका करणारा, शेरेबाज (critic)
  46. खटाटोप – उलाढाल, दगदग, आटापिटा (strenuous efforts)
  47. मांडव – मंडप (an open shed, a pandal)
  48. रोषणाई – आरास, सजावट, (illumination, lighting)
  49. वाटाणा – मटार (pea)
  50. भोपळा – एक फळ (a pumpkin)
  51. झगमगाट – लखलखाट, चकचकाट (dazzling lights)
  52. महोत्सव – उत्सव (festival)
  53. निमित्त – कारण (a cause)
  54. पोस्टखाते – (Post Department)
  55. आश्चर्य – नवल, कौतुक (miracle, surprise)
  56. मार्मिकपणे – भेदकपणे, खोचकपणे (piercingly)
  57. उमेद – आशा, विश्वास (hope, faith)
  58. चिकाटी – निग्रह, निर्धार (determination)

टिपा:

  1. एडिसन – थॉमस अल्वा एडिसन (11 फेब्रुवारी 1847-18 ऑक्टोबर 1931), महान अमेरिकी संशोधक तसेच व्यवसायी. याने फोनोग्राफ आणि विद्युत दिव्याबरोबरच अनेक शोध लावले.
  2. सर हफ्रे डेव्ही – ब्रिटिश रसायनशास्त्रज्ञ. निरनिराळ्या वायूंच्या श्वसनाने होणाऱ्या परिणामासंबंधी प्रयोग. सोडियम, पोटॅशियम व मॅग्नेशियम हे धातू तयार केले.
  3. कार्बन – संज्ञा आणि अणुक्रमांक 6 असलेले अधातू मूलद्रव्य.
  4. प्लेटिनम – संज्ञा Pt आणि अणुक्रमांक 78 असलेले लवचीक, निष्क्रीय, राखाडी-पांढऱ्या रंगाचे, अनमोल धातू मूलद्रव्य.
  5. मलेरिया – ॲनाफेलिस डासांच्या चावण्याने होणारा जीवघेणा आजार. थकवा, ताप, डोके दुखी, उलट्या ही याची लक्षणे आहेत.
  6. फिलमेंट – सूक्ष्म तंतू किंवा तार
  7. टंगस्टन – संज्ञा W आणि अणुक्रमांक 74 असलेले मूलद्रव्य अतिशय जड आणि अतिउच्च तापमानाला वितळतो.
  8. मेन्लो पार्क – अमेरिकेतील कॅलिफोर्नियाच्या काठावरील शहर.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 7 दिव्याच्या शोधामागचे दिव्य

वाक्प्रचार:

  1. गढून जाणे – मग्न होणे
  2. मात देणे – विजय मिळवणे, संकटांना दूर करणे
  3. पाठपुरावा करणे – मागोवा घेणे
  4. शोध घेणे – चौकशी, तपास करणे
  5. सामना करणे – सामोरे जाणे
  6. डुलकी घेणे – छोटीशी पेंग घेणे, छोटीशी झोप घेणे
  7. बातमी जगभर पसरणे – बातमी सर्वत्र पसरणे