Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धीकरण

वाक्य में लिंग, वचन, कारक तथा मानकवर्तनी की गलतियाँ सही करने हेतु यह प्रश्न पूछा जाता है। वाक्य में गलतियाँ ढूँढ़कर उन्हें सही करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अन्य गलतियाँ न करते हुए शुद्ध वाक्य ही लिखना है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए :

(1) घर पकवान के खुशबू में तरबतर था।
उत्तर :
घर पकवान की खुशबू से तरबतर था।

(2) बबन के आँखों में खुशी के आँसू छलक आएँ।
उत्तर :
बबन की आँखों में खुशी के आँसू छलक आए

(3) बबलू की नजर उन किताबों पे थी जो रद्दी में बेचा जा रहा था।
उत्तर :
बबलू की नजर उन किताबों पर थी जो रद्दी में बेची जा रही थी

(4) वह ने जगह बताकर मेरा हस्ताक्षर करवा लिया।
उत्तर :
उसने जगह बताकर मेरे हस्ताक्षर करवा लिए

(5) एक लम्बी कतार ने मेरा ध्यान आकर्शित कर लिया।
उत्तर :
एक लंबी कतार ने मेरा ध्यान आकर्षित कर लिया।

(6) व्यस्तता का यह आलम है कि आदमी सड़क पे चलते चलते फोन कर रहा है।
उत्तर :
व्यस्तता का यह आलम है कि आदमी सड़क पर चलते-चलते फोन कर रहा है।

(7) प्रेमचंद किसी अक धारा या वाद से बँध कर नहीं चले।
उत्तर :
प्रेमचंद किसी एक धारा या वाद में बँधकर नहीं चले।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

(8) उनका मूल उद्देश समाज के क्रमिक विकास का दर्शन कराना है।
उत्तर :
उनका मूल उद्देश्य समाज के क्रमिक विकास के दर्शन कराना है।

(9) वह भयावने वन को तो मैं ने भी नहीं देखी।
उत्तर :
उस भयावने वन को तो मैंने भी नहीं देखा

(10) गुस्से से कही ग्यान हासिल होता है?
उत्तर :
गुस्से में कहीं ज्ञान हासिल होता है?

(11) दो नए पत्तों का जोड़ी आसमान के तरफ मुस्कराती हुई देख रही थी।
उत्तर :
दो नए पत्तों की जोड़ी आसमान की तरफ मुस्कराती हुई देख रही थी।

(12) तुम रोज उसी एक घाट पे क्यों जाता है?
उत्तर :
तुम रोज उसी एक घाट पर क्यों जाते हो?

(13) इच्चाओं की क्या कुछ सीमा है?
उत्तर :
इच्छाओं की क्या कोई सीमा है?

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

(14) वह ने मछुवे को यह क्यों नहीं कहा।
उत्तर :
उसने मछुवे से यह क्यों नहीं कहा।

(15) वेणी प्रसाद भी उसी को जा मिला और स्कूल घर में ही उठवा लाए।
उत्तर :
वेणी प्रसाद भी उसी से जा मिला और स्कूल घर पर ही उठवा लाए।

(16) उन्होंने नारी के उध्दार के लिए अपना स्वर्वस्व न्यौछावर कर दिया था।
उत्तर :
उन्होंने नारी के उद्धार के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था।

(17) आज भी बच्चों को र्सिफ पाणी पिला कर सुलाना पड़ेगा।
उत्तर :
आज भी बच्चों को सिर्फ पानी पिलाकर सुलाना पड़ेगा।

(18) रेगिस्थान में बर्फ पड़ रहा है।
उत्तर :
रेगिस्तान में बर्फ पड़ रही है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

(19) आप तो ठीक-ठाक काम-धंदेवाले लगते हो।
उत्तर :
आप तो ठीक-ठाक काम-धंधे वाले लगते हैं।

(20) हिन्दी में निपुणता प्राप्त व्यक्ति सफल हो सकती है।
उत्तर :
हिंदी में निपुणता प्राप्त व्यक्ति सफल हो सकता है।

(21) इंग्रजी से हिंदी अनुवादक की माँग तेजी से बडी।
उत्तर :
अंग्रेजी से हिंदी अनुवादक की माँग तेजी से बढ़ी

(22) कुछ महत्त्वपूर्ण घटना की जानकारी देने के लिए पर्लेख तैयार किए जाते हैं।
उत्तर :
कोई महत्त्वपूर्ण घटना की जानकारी देने के लिए प्रलेख तैयार किया जाता है।

(23) आज विश्वीकरण के युग में समाचार का बहोत महत्व है।
उत्तर :
आज वैश्वीकरण के युग में समाचार का बहुत महत्त्व है।

(24) मुद्रित शोधण के कई विशिष्ट संकेत होते हैं।
उत्तर :
मुद्रित शोधन के कुछ विशिष्ट संकेत होते हैं।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

(25) यह ध्यान रखे की घोड़दौड़ में खुदका घोड़ा सब के आगे रहे।
उत्तर :
यह ध्यान रखे कि घुडदौड़ में खुद का घोड़ा सबसे आगे रहे।

(26) इस क्शेत्र में रोजगार का विपुल औसर उपलब्द है।
उत्तर :
इस क्षेत्र में रोजगार के विपुल अवसर उपलब्ध हैं।

(27) कम्प्यूटर को तो ज्ञान के श्रोत के रूप में देख रहे हैं।
उत्तर :
कंप्यूटर को तो ज्ञान के स्त्रोत के रूप में देख रहे हैं।

(28) भारत में इंटरनेट का कार्य और महत्त्व निरन्तर वढ़ रहे हैं।
उत्तर :
भारत में इंटरनेट का कार्य और महत्त्व निरंतर बढ़ रहा है।

(29) जवाब में आपको एक ई-मेल आती है जिसमें एक ‘लिंक’ दिया जाता है।
उत्तर :
जवाब में आपको एक ई-मेल आता है जिसमें एक ‘लिंक’ दी जाती है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण वाक्य शुद्धिकरण

(30) उज्वल भविष्य के लिए सव को ई-अद्ययन का उपयोग करना चाहिए।
उत्तर :
उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी को ई-अध्ययन का उपयोग करना चाहिए।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार) Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

अलंकार का अर्थ है – आभूषण, गहने, सजावट आदि। सुंदर वस्त्र, आभूषण जैसे मानव शरीर की शोभा बढ़ाते हैं वैसे ही काव्य में अलंकार काव्य की शोभा बढ़ाते हैं। शब्द और अर्थ के माध्यम से अलंकार कविता का आकर्षण बढ़ाते हैं।

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

अलंकार के भेद : अलंकार के मुख्य भेद तीन हैं।

  1. शब्दालंकार
  2. अर्थालंकार
  3. उभयालंकार

शब्दालंकार : जहाँ पर काव्य के सौंदर्य में शब्दों के माध्यम से वृद्धि होती है वहाँ शब्दालंकार होता है।
शब्दालंकार के भेद : शब्दालंकार के चार भेद हैं।

  1. अनुप्रास
  2. यमक
  3. श्लेष
  4. वक्रोक्ति

1. अनप्रास : जहाँ काव्य में किसी वर्ण की या अनेक वर्षों की दो या दो से अधिक बार आवृत्ति होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।
उदा. :
लाली मेरे लाल की जित देखो तित लाल।
लाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लाल।।

– कबीर

मुदित महापति मंदिर आए।
सेवक सचिव सुमंत्रु बोलाए।।

– तुलसीदास

विमल वाणी ने वीणा ली
कमल कोमल कर में सप्रीत।

– जयशंकर प्रसाद

रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम।

– लक्ष्मणाचार्य

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

2. यमक : काव्य में किसी शब्द की आवृत्ति हो और हर बार उस शब्द का अर्थ भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है। काव्य का सौंदर्य बढ़ाने हेतु यहाँ शब्द की बार-बार आवृत्ति होती है।
उदा. :
तो पर बारों उरबसी, सुनि राधिके सुजान।
तू मोहन के उर बसी, हवै उरबसी समान।। – बिहारी

  • उरबसी = अप्सरा
  • उर्वशी उरबसी = हृदय में बसी हुई।

माला फेरत जग मुआ, गया न मन का फेर।
कर का मनका डारि के, मन का मनका फेर।। – कबीर

  • मन का = हृदय से
  • मनका = माला का मोती।

काली घटा का घमंड घटा, नभ मंडल तारक वृंद बुझे

  • घटा = बादलों का समूह,
  • घटा = कम हुआ।

जगती जगती की मूक प्यास
रूपसि, तेरा घन केश पाश। – महादेवी वर्मा

  • जगती = जाग जाती है।
  • जगती = जगत या संसार

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

3. श्लेष : श्लेष का शाब्दिक अर्थ है – मिलना अथवा चिपकना। जहाँ अनेकार्थक शब्दों के प्रयोग से चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। अर्थात एक ही शब्द के अनेक अर्थ होते हैं।

उदा. :
मधुबन की छाती को देखो,
सूखी कितनी इसकी कलियाँ – हरिवंशराय बच्चन

  • कलियाँ = फूल की कलियाँ
  • कलियाँ = यौवन से पहले की अवस्था

चरण धरत चिंता करत, चितवत चारहु ओर।
सुबरन को ढूँढ़त फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।। – केशवदास

  • सुवरन = अच्छा वर्ण (शब्द) (कवि के लिए)
  • सुबरन = सुंदर रंग (व्यभिचारी के लिए)
  • सुबरन = स्वर्ण (चोर के लिए)

रो-रोकर, सिसक-सिखककर कहता मैं करूण कहानी
तुम सुमन नोचते, सुनते करते जानी अनजानी।

  • सुमन = सुंदर मन
  • सुमन = फूल

यह दीप अकेला स्नेह भरा
है गर्व भरा मदमाता पर
इसको भी पंक्ति को दे दो – अज्ञेय

  • स्नेह = तैल
  • स्नेह = प्रेम

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

4. वक्रोक्ति : वक्रोक्ति शब्द वक्र + उक्ति से बना है जिसका सहज अर्थ है टेढ़ा कथन। वक्ता के कथन का श्रोता द्वारा अभिप्रेत आशय से भिन्न अर्थ लगाया जाता है। वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।
उदा. :
‘एक कबूतर देख हाथ में पूछा कहाँ अपर है?
कहाँ अपर कैसा? वह उड़ गया सपर है।’

यहाँ अपर का अर्थ दूसरा कबूतर के संबंध में पूछा गया था पर जवाब में अपर का अर्थ बिना पंख वाला लिया गया है।

पर्वतजा ! पशुपाल कहाँ है?
कमला ! जमुना तट ले धेनु।

पार्वती और लक्ष्मी में हास-परिहास हो रहा है। लक्ष्मी जी ने पूछा पशुपाल (पशुओं के स्वामी – शिव) कहाँ है? पार्वती जी ने परिहास करते हुए कहा यमुना नदी के तट पर गायों को चराने गए हैं (विष्णु जी का कृष्णावतार)

आने को मधुमास, न आएँगे प्रियतम !
आने को मधुमास, न आएँगे प्रियतम?

Maharashtra Board Class 11 Hindi व्याकरण अलंकार (शब्दालंकार)

यहाँ प्रथम पंक्ति में प्रियतम के न आने की बात कही है तो द्वितीय पंक्ति में प्रश्नचिह्न लगाकर प्रियतम के अवश्य आने की (कैसे नहीं आएंगे, अवश्य आएँगे) बात कही है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest Chapter 7 स्वागत है! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

11th Hindi Digest Chapter 7 स्वागत है! Textbook Questions and Answers

आकलन

1. उत्तर लिखिए:

प्रश्न अ.
‘स्वागत हैं’ काव्य में दी गई सलाह।
उत्तर :
युग-युगांतरों के बाद आज हम मिले हैं – हमारा इतिहास, कष्ट सब भूलकर हमें इकट्ठा होना है – नैहर आकर अपनों को मिलना है, शेष जिंदगी सुखपूर्वक बितानी है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

प्रश्न आ.
प्रथम स्वागत करते हुए दिलाया विश्वास
उत्तर :
सब बिखरे थे आज मिलन होगा। इस धरती को स्वर्ग बना देंगे।

प्रश्न इ.
मारीच’ से बना शब्द
उत्तर :
‘मारीच’ से मॉरिशस यह शब्द बना।

काव्य सौंदर्य

2.
प्रश्न अ.
“यह तो तब था, घास ही पत्थर
पत्थर में प्राण हमने डाले।”
उपर्युक्त पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
अंग्रेजों ने सभी बांधवों को गिरमिटिया बनाकर गुलामी की जंजिरों में जकड़कर भिन्न-भिन्न देशों में बिखेर दिया। मॉरिशस की भूमि पर ये सभी बांधव अब इकट्ठा हुए। उस समय कोमलता भी पत्थर के समान कठोर बन गई थी। इस देश को घूमकर देखने पर पता चलेगा कि आज हमने पत्थर में प्राण फूंके हैं। सभी बांधवों को इकट्ठा किया है।

प्रश्न आ.
‘स्वागत है’ कविता में ‘डर’ का भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ ढूँढ़कर अर्थ लिखिए।
उत्तर :
कविता में डर का भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं पनिया-जहाज पर कौन चढ़ेगा अब भैया, बडा डर लग रहा है उससे तो अर्थ : हमारे सब बांधवों के मन में पानी में चलने वाले जहाज को लेकर डर-सा समा गया है। भय लग रहा है कि कहीं वह काला, भयंकर इतिहास फिर से दोहराया न जाए। फिर एक बार अंग्रेज सभी बांधवों को गुलाम बनाकर अलग-अलग देशों में भेज न दें।

3.
प्रश्न अ.
‘विश्वबंधुत्व आज के समय की आवश्यकता’, इसपर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
विश्वबंधुत्व आज के समय की माँग है क्योंकि आज वैश्वीकरण का युग है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या ने उत्पादों की त्वरित प्राप्ति हेतु परस्पर एक दूसरे के साथ सह अस्तित्व को बढ़ावा दिया है। किसी भी देश की छोटी-बड़ी गतिविधि का प्रभाव आज संसार के सभी देशों पर किसी न किसी रूप में अवश्य पड़ रहा है।

फलत: समस्त देश अब यह अनुभव करने लगे हैं कि पारस्परिक सहयोग, स्नेह, सद्भाव, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भाईचारे के बिना उनका काम नहीं चलेगा। विश्वबंधुत्व की अवधारणा (concept) भारतीय मनीषियों (wise) के सूत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ पर आधारित है जो शाश्वत (eternal) तो है ही, व्यापक एवं उदार नैतिक-मानवीय मूल्यों पर आधारित भी है। संसाधनों की बढ़ती माँग और उसकी पूर्ति के मनुष्य-मात्र के अथक प्रयत्नों ने दूरियों को कम किया है। फलस्वरूप विश्वबंधुत्व का विशाल दृष्टिकोण वर्तमान स्थितियों का महत्त्वपूर्ण परिचायक बना है।

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प्रश्न आ.
मातृभूमि की महत्ता को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
जिस व्यक्ति का जन्म जहाँ पर होता है उसे वह भूमि बहुत प्यारी होती है। वह उस भूमि की गोद में बड़ा होता है और वह उसकी माँ के समान होती है और उसे उसकी मातृभूमि कहा जाता है। मेरी मातृभूमि भारत है और मुझे इसे बहुत ही ज्यादा प्यार है। यह कला, संस्कृति और साहित्य से भरपूर है। इसे ऋषि-मुनियों की भूमि भी कहा जाता है और यहाँ पर बहुत से महापुरुषों का भी जन्म हुआ है। मेरी मातृभूमि चारों तरफ से प्रकृति से घिरी हुई है।

इसमें कहीं पर घने जंगल हैं तो कहीं पर पहाड़ और कहीं पर नदियाँ हैं। इसकी राष्ट्रभाषा हिंदी है। यहाँ पर सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं।

मेरी मातृभूमि विविधता में एकता का प्रतीक है। यहाँ पर सभी धर्मों के लोग रहते हैं और प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषता है। इसके कण-कण में माँ की ममता छिपी है और कृषिप्रधान देश होने के कारण यहाँ पर हर समय खेतों में फसलें लहलहाती नजर आती है। मेरी मातृभूमि बहुत ही सुंदर है और इसकी सुंदरता को देखने हर साल बहुत से पर्यटक विदेशों से भी आते हैं।

रसास्वादन

4. गिरमिटियों की भावना तथा कवि की संवेदना को समझते हुए कविता का रसास्वादन कीजिए।
उत्तर :
(i) शीर्षक : स्वागत है
(ii) रचनाकार : शाम दानीश्वर
(iii) केंद्रीय कल्पना : प्रस्तुत कविता में कवि ने अंग्रेजों के गुलाम बनकर झेले गए अपार कष्टों का हृदयविदारक वर्णन किया है। इतिहास की उस लंबी कहानी को जीना मतलब कीचड़ की दलदल में फँस जाना था। उस समय कोमलता भी पत्थर के समान कठोर बन गई थी। इस देश को घूमकर देखने पर पता चलेगा कि आज तक बिछड़े सारे लहूलुहान बंधु अब मॉरिशस में इकट्ठे हो रहे हैं। अब उस कीचड़ में कमल के फूल उगने लगे हैं। हमने पत्थर में प्राण फूंके हैं। इन सब बंधु-बाँधवो का मॉरिशस में हृदय से स्वागत करते हैं।

(iv) रस-अलंकार : यह कविता प्रवासी साहित्य है। विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा रचा साहित्य इस श्रेणी में आता है।

शाम दानीश्वर जी मॉरिशस में बसे हिंदी कवि हैं। स्वागत है कविता में कहीं पर भयानक रस “कहीं पुन: दोहरा न दे इतिहास हमारा, इस-उस धरती पर बिखर न जाएँ” तो कहीं पर वीर रस – ‘तो स्वर्ग इसे तुम बना जाओ, स्वागत – स्वागत – स्वागत है!’ की निष्पत्ति हुई है। प्रतीक विधान : प्रस्तुत कविता में कवि प्रवासी भारतीयों को अपनी विगत दुखद स्मृतियाँ भुलाकर मॉरिशस आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

(vi) कल्पना : मॉरिशस की भूमि के लिए नैहर की कल्पना की है क्योंकि इस भूमि पर बिखरे परिजनों का मिलाप होगा। विविध देशों में विखरे हुए बंधुओं का मॉरिशस की भूमि पर स्वागत है।

(vii) पसंद की पंक्तियाँ तथा प्रभाव :
‘पर दासता पंक में जा गिरे थे
कितने युग लगे पंकज बनने में,
‘मारीच’ से मॉरिशस बनने में,
देखो इस पावन भूमि पर
बन बांधवों का सफल प्रणयन।’

इन पंक्तियों में कवि कह रहे हैं हम अग्रेजों के गुलाम बनकर कीचड़ की दल-दल में जा गिरे थे। कई युग लग गए कीचड़ में कमल खिलने के लिए। कई दिशाओं से इकट्ठा कर हमारे बांधवों को मॉरिशस की इस पवित्र भूमि पर सफलतापूर्वक ले जाया गया है। गिरमिटियों के जीवन में आए सकारात्मक पहलुओं को उजागर करने वाली ये पंक्तियाँ मुझे पसंद हैं।

(viii) कविता पसंद आने के कारण : मॉरिशस हिंद महासागर का स्वर्ग है, यह कल्पना गिरमिटियों को सत्य में तबदील करनी है। कवि का गिरमिटियों की सृजनात्मक प्रतिभा पर विश्वास इस कविता में व्यक्त हुआ है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

इसीलिए मुझे यह कविता पसंद है।

साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान

5. जानकारी दीजिए:

प्रश्न अ.
प्रवासी साहित्य की विशेषता – ………………………………………….
उत्तर :

  • स्थानिक संस्कृति-संस्कारों की झलक
  • स्थानिक रीति-रिवाजों की झलक
  • स्थानिय भाषा-मुहावरों एवं प्रतीकों का प्रयोग
  • स्थानिय परिवेश एवं वातावरण का चित्रण
  • देश-विदेश के जीवन मूल्यों का चित्रण

प्रश्न आ.
अन्य प्रवासी साहित्यकारों के नाम – ………………………………………….
उत्तर :

  • डॉ. लक्ष्मीमल सिंघवी (लंदन)
  • उषा वर्मा (यॉर्क, लंदन)
  • कृष्ण बिहारी (अबुधाबी)

Yuvakbharati Hindi 11th Textbook Solutions Chapter 7 स्वागत है! Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका

(अ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

पद्यांश : स्वागत है! ……………………………………………………………………………………………….. फिर उस जहाज पर तो चढ़े थे। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 35)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 2

प्रश्न 2.
कारण लिखिए :

(i) सब अलग-अलग जहाज पर चढ़े थे क्योंकि ……………………………………………..
उत्तर :
सब अलग-अलग जहाज पर चढ़े थे क्योंकि वे अलग-अलग देशों से आ रहे थे।

(ii) सब हक्का-बक्का ताकने लगे क्योंकि ……………………………………………..
उत्तर :
सब हक्का-बक्का ताकने लगे क्योंकि उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि वे कहाँ आ गए हैं?

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
कवि प्रवासी भारतीयों को बिछड़ने का गम भुलाकर, इतिहास के दुःस्वप्न को पीछे धकेलकर मॉरिशस की भूमि पर लौट आने का आमंत्रण (न्यौता) देते हैं। कवि कहते हैं कि एक ही भारत माँ के हम सभी बालक हैं लेकिन अंग्रेजों ने हमें गुलामगिरी में जकड़कर विविध देशों में बिखेर दिया। कई युगों के बाद हमारा मिलन मॉरिशस में होने जा रहा है इसलिए इस भूमि पर आपका स्वागत है।

हम सब जहाज से प्रवास करने वाले जहाजिया बांधव ठहरे। अलग-अलग देशों से कोई इस जहाज पर, कोई उस जहाज से हमारे बांधव यहाँ आ रहे हैं। समुद्र तट पर जहाज का लंगर पड़ा तब सब चकित होकर यहाँ-वहाँ ताकने लगे। किसी को भी समझ में नहीं आ रहा था कि हम कहाँ आ गए हैं?

मेरे भाई-भतीजे कहाँ हैं? इस जहाज पर उन्हें जगह नहीं मिली थी लेकिन दूसरे जहाज पर तो चढ़े ही थे फिर वे कहाँ हैं? आने वाले सभी बांधवों का, दोस्तों का कवि सहर्ष स्वागत कर रहे हैं।

(आ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

पद्यांश : भूल जाओ …………………………………………………………………………………………………………………….. आँसू थामे वहीं मिलेंगे (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 35)

प्रश्न 1.
प्रवाहतालिका पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 4

प्रश्न 2.
मॉरिशस की भूमि पर उतरने के कारण
(i) ……………………………
(ii) ……………………………
उत्तर :
मॉरिशस की भूमि पर उतरने के कारण –
(i) वह हमारा नैहर है जहाँ बाबुल के लोग मिलेंगे।
(ii) वहाँ निज बंधुओं को खोज पाएँगे और देश-परदेश का नाम मिट सकेगा।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए :
उत्तर :
कवि अपने बांधवों से उस पुरानी लंबी कहानी को, गुलामी के दंश, और पीड़ा को भूलने की बिनती करते हैं। जो भी हमारे नसीब में था वह सब अब हो चुका। अब उसे याद कर हम क्यों रोए? वह हमारा भूतकाल था। युग-युगांतरों के बाद ही सही लेकिन आज तो हम मिल ही रहे हैं, यह वास्तव है।

कवि इन सारे बांधवों का, दोस्तों का मॉरिशस में स्वागत करतें हैं। हमारे सब बांधवों के मन में पानी में चलने वाले जहाज को लेकर डर-सा समा गया है। भय लग रहा है कि कहीं वह काला भयंकर इतिहास फिर से दोहराया न जाए। उनके सामने सवाल है कि जहाज पर अब कौन चढ़ेगा? यहाँ पर फिर से हम बिखर न जाएँ ना ही फिर एक बार अपने बंधुओं को ढूँढ़ते रह जाना पड़ें। अब तो हम सब आसमान में उड़कर मॉरिशस की धरती पर उतर जाएँगे।

वहीं पर हमारा मायका होगा और वहीं पर हमें हमारे परिवार के लोग मिलेंगे। अब देश-परदेश से छुटकारा मिलेगा। दुःखाश्रुओं को थामकर वहीं पर हम सब मिलेंगे।

(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

पद्यांश : हे मेरे गिरमिटिया ……………………………………………………………………………………………………….. स्वर्ग इसे तुम बना जाओ (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 36)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 6

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दजाल से सार्थक शब्द ढूँढकर लिखिए :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 7
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है! 8

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए:
उत्तर :
हे मेरे गिरमिटिया भाइयो, (अंग्रेजो के गुलाम बनकर झेले गए अपार कष्टों को सहने में आपने जो हिम्मत दिखाई है वह प्रशंसनीय है।) इतिहास की उस लंबी कहानी को जीना मतलब कीचड़ की दलदल में फँस जाना है। जिस प्रकार मारीच (राक्षस) से मॉरिशस (स्वर्ग) बनने में युग बीते।

मॉरिशस की इस पवित्र भूमि पर कई देशों के लोग इकट्ठा हुए। कीचड़ से कमल उगने में भी कई युग बीते। उस समय कोमलता भी पत्थर के समान कठोर बन गई थी। हमने पत्थर में प्राण फूंके हैं। आज तक बिछड़े बंधुओं का मॉरिशस में हृदय से स्वागत करते है।

मेरे भारत – नेपाल – श्रीलंका, फीजी सूरीनाम – पाक – गयाना के चहेते भाइयो साऊथ अफ्रिका – युके – युएसए – कनाडा – फ्रांस – रेनियन के प्यारे भाइयो मॉरिशस की इस भूमि में तुम्हारी सारी यादें गहराई-तक खुदी हुई हैं।

इस भूमि को हिंद महासागर का स्वर्ग कहते हैं। यह कल्पना है या वास्तव पता नहीं परंतु मेरे प्यारे भाइयों मुझे विश्वास है कि आप सब यहाँ आकर इस धरती को स्वर्ग में तब्दील कर देंगे इसलिए कवि सभी प्रियजनों का मॉरिशस में हार्दिक स्वागत करते हैं।

अलकार

काव्य की शोभा बढ़ाने वाले कारक, गुण, धन अथवा तत्त्व को अलंकार कहा जाता है। जिस प्रकार स्वर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार जिन साधनों से काव्य की सुंदरता में अभिवृद्धि होती है, वहाँ अलंकार की उत्पत्ति होती है।

मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद हैं – शब्दालंकार, अर्थालंकार , उभयालंकार हम शब्दालंकार का अध्ययन करेंगे।

अनुप्रास – जब काव्य में किसी वर्ण की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

उदा. –
(१) तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए। – भारतेंदु हरिश्चंद्र
(२) चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थीं जल-थल में। – मैथिलीशरण गुप्त

वक्रोक्ति – वक्ता के कथन का श्रोता द्वारा वक्ता के अभिप्रेत आशय से चमत्कारपूर्ण भिन्न अर्थ लगाया जाए, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।
उदा. –
(१) को तुम इत आये कहाँ ? घनश्याम हौं, तौ कितहू बरसो।
चितचोर कहावत है हम तो ! तँह जाहू जहाँ धन है सरसो।
रसिकेश नये रंगलाल भले ! कहूँ जाय लगो तिय के गर सो।
बलि पे जो लखो मनमोहन हैं ! पुनि पौरि लला पग क्यों परसो।
– रसकेश

(२) मैं सुकुमारी नाथ बन जोगू।
तुमहिं उचित तप मो कहँ भोगू।
– संत तुलसीदास

काव्य की शोभा बढ़ाने वाले कारक, गुण, धन अथवा तत्त्व को अलंकार कहा जाता है। जिस प्रकार स्वर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार जिन साधनों से काव्य की सुंदरता में अभिवृद्धि होती है, वहाँ अलंकार की उत्पत्ति होती है।

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मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद हैं – शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार हम शब्दालंकार का अध्ययन करेंगे।
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अनुप्रास : जब काव्य में किसी वर्ण की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।
उदा. :
(1) तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए। – भारतेंदु हरिश्चंद्र
(2) चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थीं जल-थल में। – मैथिलीशरण गुप्त

वक्रोक्ति : वक्ता के कथन को श्रोता द्वारा वक्ता के अभिप्रेत आशय से चमत्कारपूर्ण भिन्न अर्थ लगाया जाए, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।
उदा. :
(1) को तुम इत आये कहाँ? घनश्याम हौं, तो कितहू बरसो।
चितचोर कहावत है हम तो ! तँह जाहु जहाँ धन है सरसो।
रसिकेश नये रंगलाल भले ! कहुँ जाय लगो तिय के गर सो।
बलि पे जो लखो मनमोहन हैं ! पुनि पौरि लला पग क्यों परसो।
– रसकेश

(2) मैं सुकुमारी नाथ बन जोगू।
तुमहिं उचित तप मो कहँ भोगू।
– संत तुलसीदास

यमक : जहाँ शब्दों, शब्दांशों या वाक्यांशों की आवृत्ति होती है किंतु अर्थ भिन्न होता है वहाँ यमक अलंकार होता है।
उदा. :
(1) कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय (कनक – सोना, कनक = धतूरा) – बिहारी
(2) सजना है मुझे सजना के लिए (सजना – सँवरना, सजना = पति) – रवींद्र जैन

श्लेष : जब एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ मिलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। यहाँ शब्द का प्रयोग एक ही बार किया जाता है परंतु अर्थ कई निकलते हैं।
उदा. :
(1) जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
बारे उजियारो करें, बढ़े अँधेरा होय।
– रहीम
बढ़े शब्द के दो अर्थ – बढ़ना = बुझ जाना, बढ़ना = बड़ा होना।

(2) सुवरन को खोजत फिरत
कवि, व्यभिचारी, चोर।
– केशव दास
सुवरन – अच्छे शब्द (कवि के संदर्भ में), सुवरन – अच्छा रुप (व्यभिचारी के संदर्भ में)
सुवरन – स्वर्ण (चोर के संदर्भ में)

स्वागत है! Summary in Hindi

स्वागत है! कवि परिचय :

शाम दानीश्वर जी का जन्म 1943 में हुआ। आपने प्राथमिक शिक्षा poudre d’or Hamlet, Mauritius सरकारी पाठशाला में माध्यमिक शिक्षा Goodlands, Mauritius स्कूल में प्राप्त की। शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप हिंदी अध्यापक के रूप में कार्यरत रहे। हिंदी के प्रति लगाव होने के कारण साहित्य रचना में रुचि जागृत हुई। प्रवासी साहित्य में मॉरिशस के कवि के रूप में आपकी पहचान बनी।

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अपने परिजनों से बिछोह का दुख, गुलामी का दंश और पीड़ा आपके काव्य में पूरी संवेदना के साथ उभरी है। यथार्थ अंकन के साथ भविष्य के प्रति आशावादिता आपके काव्य की विशेषता है। साहित्य सृजन समाज संस्थान के प्रधान 1994 जुलाई से सह मुख्य अध्यापक, 1964 से 1994 तक अध्यापन कार्य आदि पद प्राप्त किए। शाम दानीश्वर जी की मृत्यु 2006 में हुई।

स्वागत है! प्रमुख कृतियाँ :

पागल, कमल कांड (उपन्यास) प्रवासी भारतीय हिंदी साहित्य-संग्रह

स्वागत है! काव्य परिचय :

प्रस्तुत कविता में कवि ने गिरमिटियों (indentured labour) के जीवन में आए सकारात्मक पहलुओं को उजागर किया है। गिरमिटियों की पीढ़ियों के मन में स्थित भारतीयों की संवेदनाओं और सृजनात्मक प्रतिभाओं के दर्शन कराए हैं। साथ ही गिरमिटियों को अपनी विगत दुखद स्मृतियों को भुलाकर मॉरिशस आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अब मॉरिशस की भूमि नैहर के समान है, जहाँ परिजनों से मिलाप होगा।

अब यहाँ पर कीचड़ में कमल उगने लगे हैं। कवि विविध देशों में बिखरे हुए बंधुओं को बुलाकर उनका स्वागत करते हैं।

स्वागत है! सारांश :

कवि शाम दानीश्वर प्रवासी साहित्य में मॉरिशस के कवि के रूप में जाने जाते हैं। प्रस्तुत कविता में कवि प्रवासी भारतीयों को बिछुड़ने का गम भुलाकर, इतिहास के दुःस्वप्न को पीछे धकेलकर लघु भारत अर्थात मॉरिशस की भूमि पर लौट आने का न्यौता) आमंत्रण देते हैं।

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कवि अपने समस्त भाइयों का और अंग्रेजों के गुलाम बनकर बिखरे हुए सभी परम दोस्तों का मॉरिशस में स्वागत करते हैं। कवि आगे कहते हैं कि एक ही भारत माँ के हम सभी बालक हैं लेकिन अंग्रेजों ने हमें गुलामी की जंजीरों में जकड़कर भिन्न-भिन्न देशों में बिखेर दिया। आज कई युगों के बाद हमारा मिलन होने जा रहा है। कवि कहते हैं कि तुम सब लघु भारत अर्थात मॉरिशस की भूमि पर पधार रहे हो, आप सब का इस भूमि पर स्वागत है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

हम सब जहाज से प्रवास करने वाले जहाजिया बांधव (brother) ठहरे। मॉरिशस जाने के लिए कोई इस जहाज पर सवार हो गया तो कोई उस जहाज पर क्योंकि हम सब भिन्न-भिन्न देशों से आ रहे थे। अलग-अलग देशों से हमें लेकर आने वाले जहाज पानी में आगे सरकने लगे (बहने लगे)।

बहुत दूर आने पर जब एक समुद्र तट पर जहाज का लंगर पड़ा तब हम आश्चर्यचकित होकर यहाँ-वहाँ ताकने लगे। समझ में ही नहीं आ रहा था कि हम कहाँ आ गए हैं? मेरे भाई-भतीजे कहाँ हैं? इस जहाज पर उन्हें जगह नहीं मिली थी लेकिन दूसरे जहाज पर तो चढ़े ही थे, फिर वे कहाँ हैं?

इस जहाज से हो या उस जहाज से हो, आने वाले सभी जहाजों से मॉरिशस लौटने वाले अपने सभी बांधवों का, दोस्तों का कवि सहर्ष स्वागत कर रहे हैं।

कवि अपने बांधवों से उस पुरानी लंबी कहानी को, गुलामी के दंश और पीड़ा को, अपने सगे-संबंधियों से बिछुड़ने के गम को भुला देने की बिनती करते हैं। कवि अपने जिगर के टुकड़ों से कहते हैं कि परतंत्रता (dependence) के कारण अंग्रेजों ने हमें गुलाम बना-बना कर जहाजों में बिठाकर भिन्न-भिन्न देशों में भेज दिया, यह इतिहास था, अब उसे भूल जाओ। जो भी हमारे नसीब में था वह सब अब हो चुका।

अब उसे याद कर हम क्यों रोए ? जहाज आकर हमें जबरदस्ती ले गए थे, वह हमारा भूतकाल था। युग-युगांतरो के बाद ही सही लेकिन आज तो हम मिल ही रहे हैं, यह वास्तव है। यह नजारा कितना सुंदर है कि आज हम सब लघु भारत के विशाल आँगन में तृप्त होकर एक-दूसरे से मिल रहे हैं।

लंबे अरसे के बाद गले मिलने का यह सौभाग्य आज हमें प्राप्त हुआ है। कवि इन सारे सुरागवार (clue) बांधवों का, दोस्तों का मॉरिशस में स्वागत करते हैं।

हमारे सब बांधवों के मन में पानी में चलने वाले जहाज को लेकर डर-सा समा गया है। भय लग रहा है, कहीं वह काला, भयंकर, इतिहास फिर से दोहराया न जाए। उनके सामने सवाल है कि पानी में चलने वाले इस जहाज पर अब कौन चढ़ेगा? यह जहाज दोबारा इतिहास को वापिस न लाए।

इस धरती पर फिर से हम बिखर न जाए और ना ही फिर एक बार अपने ही बंधुओं कों ढूँढ़ते रह जाना पड़े। अब तो हम सब आसमान में उड़कर मॉरिशस की धरती पर उतर जाएँगे। वहीं हमारा नैहर होगा और वहीं हमें हमारे (पिता) और परिवार के लोग मिलेंगे।

अब देश-परदेश से छुटकारा मिलेगा और दुःखाश्रुओं को थामकर वहीं हम सब मिलेंगे। आसमान में उड़कर मॉरिशस की धरती पर उतरने वाले सभी बांधवों का और दोस्तों का कवि तहे दिल से स्वागत करते हैं।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!

हे मेरे गिरमिटिया भाइयो, अंग्रेजों के गुलाम बनकर झेले गए अपार कष्टों को सहने में आपने जो हिम्मत दिखाई है वह सब हृदयद्रावक थी। अंग्रेजों के गुलाम (चाकर) बनकर कीचड़ की दलदल में फँस गए थे, कितने युग बाद उस कीचड़ में कमल खिलने लगा हैं।

(कितने युगों के बाद हम गुलामी से बाहर आ रहे हैं)। जिस प्रकार मारीच (राक्षस) से मॉरिशस (स्वर्ग) बनने में युग बीते वैसे ही कीचड़ से कमल उगने में भी कई युग बीते। मॉरिशस की इस पवित्र भूमि पर कई देशों से इकट्ठा कर हमारे बांधवों को सफलतापूर्वक ले जाया गया है।

उस सयम कोमलता भी पत्थर के समान कठोर बन गई थी। हमने पत्थर में प्राण फूंके हैं। इस देश को घूमकर देखने पर पता चलेगा कि आज तक बिछड़े सारे लहु-लुहान बंधु अब मॉरिशस में इकट्ठे हो रहे हैं। कवि दानीश्वर जी इन सब बंधु-बांधवो का मॉरिशस में हृदय से स्वागत करते हैं।

मेरे भारत-नेपाल-श्रीलंका, फीजी-सूरीनाम-पाक-गयाना के चहेते भाईयो साऊथ आफ्रिका-युके-यू.एस.ए., कनाडा, फ्रांस, रेनियन के प्यारे भाइयों मॉरिशस की इस भूमि में तुम्हारी सारी यादें गहराई तक खुदी हुई हैं। इस भूमि को हिंद महासागर का स्वर्ग कहते हैं।

यह कल्पना है या वास्तव पता नहीं परंतु मेरे प्यारे भाइयो अगर यह कोई कल्पना भी हो तो भी मुझे विश्वास है कि आप सब यहाँ आकर इस धरती को स्वर्ग में तबदील कर देंगे। इसलिए कवि कहते हैं कि आप सभी मेरे प्रियजनों का मॉरिशस में हार्दिक स्वागत है।

स्वागत है! शब्दार्थ :

  • लंगर = लोहे का वह काँटा जिसे जहाज खड़ा करने के लिए जंजीर से बाँधकर समुद्र में गिरा देते हैं।
  • पनिया जहाज = पानी पर चलने वाला जहाज
  • नैहर = मायका
  • प्रणयन = ले जाना, रचना
  • बाबुल = पिता
  • परम दोस्त = जिगरी मित्र (best friend),
  • बिखरना = बिछुड़ना (to scatter),
  • पधारना = आना (to come),
  • लंगर = लोहे का वह काँटा जिसे जहाज खड़ा करने के लिए जंजीर से बाँधकर समुद्र में गिरा देते हैं। (anchor),
  • हक्का -बक्का होना = चकित होना (surprise),
  • प्रणयन = ले जाना (to take away),
  • लघु = छोटा (small), Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 7 स्वागत है!
  • पनिया जहाज = पानी पर चलने वाला जहाज (the ship),
  • नैहर = मायका (parent’s home),
  • बावुल = पिता (father),
  • परमीट = अनुमति (the permission),
  • दासता = गुलामी (slavery),
  • पंक = कीचड (mud),
  • पंकज = कमल का फूल (Lotus flower),
  • पावन = पवित्र (holy),
  • सहोदर = अपना और सगा (siblings).

Maharashtra Board Class 11 English Yuvakbharati Solutions Chapter 3.6 The Art of Compering

Balbharti Yuvakbharati English 11th Digest Chapter 3.6 The Art of Compering Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 11 English Yuvakbharati Solutions Chapter 3.6 The Art of Compering

11th English Digest Chapter 3.6 The Art of Compering Textbook Questions and Answers

Question 1.
Read the given words and share with your friend what comes to your mind.
Answer:
Anchoring:
It requires absence of stage fright, presence of mind and confidence.
Compering:
It requires, confidence and knowledge and smartness to make quick changes.
Hosting Programmes:
He has to shoulder responsibility of everything needed for the programme including stage arrangement, seating arrangement, lighting arrangement, mike, etc.
Public Speaking:
It requires communication skill and fluency in language.

Maharashtra Board Class 11 English Yuvakbharati Solutions Chapter 3.6 The Art of Compering

Question 2.
Discuss the essential qualities and also the precautions that a compere should take while compering a programme.
Maharashtra Board Class 11 English Yuvakbharati Solutions Chapter 3.6 The Art of Compering 1
Answer:
Precaution to be taken:

  1. A compere should keep the audience constantly engaged.
  2. He should be confident enough to handle the last minute change in the formal programme.
  3. He should take precaution to follow th protocol while anchoring the official programme.
  4. He should always keep in mind that he is not the star of the programme but only an anchor.

(A1)

Question 1.
Imagine that you wish to organize a cultural event in your college. Prepare your own web chart to indicate the qualities that you expect to have in a compere.
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Answer:
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Maharashtra Board Class 11 English Yuvakbharati Solutions Chapter 3.6 The Art of Compering

(A2)

Question (i)
Imagine that you are a compere of a prize distribution ceremony of your college. Write a script of the same. You can take help of the following points.
(a) Introduction
(b) Welcome speech
(c) Lighting the lamp
(d) Welcome song
(e) Main event
(f) Vote of thanks
Answer:
(a) Introduction: Honorable Chief Guest, respected Principal of the college, respected teachers and highly enthusiastic audience, I welcome one and all on behalf of our college.

(b) Welcome speech: Today, as we gather for the prize distribution ceremony, we are privileged to have Mr. Joy Joshi as the Guest of Honor. Mr. Joshi is a social worker and the Principal of New Era Art and Commerce College. I welcome Joshi sir on behalf the principal of our college. I request our Principal -to felicitate Joshi sir with a bouquet and a momentum as a token of respect.

(c) Lighting the lamp: To begin with our programme. I call upon our honorable Chief Guest Shri Joshi to light the traditional lamp. I also request all the dignitaries on the dais to join Joshi sir. Lighting of the traditional lamp symbolizes spread of knowledge. It leads us from darkness to light.

(d) Welcome song: Now I call upon the stage a group of students to recite the welcome song.
Thank you friends. It a nice presentation, we all enjoyed the song.

(e) Main event: Throughout the year, various co-curricular competitions were organised in college. It included music, dance, rangoli and elocution too. I request our Chief Guest to felicitate prize winning students. Let me begin the prize distribution ceremony by calling on stage Mukta Deo, the toper of the previous year. She secured 95% marks in the Board Examination. Congratulations to Mukta Deo.

Now, I call upon the stage Miss. Gauravi Khanna who stood first in the dance competition, Mr. Advait Kulkarni who bagged gold medal in inter-college swimming competition and Miss. Anahita More who stood first in inter-college singing competition.

It gives me immense sense of satisfaction the as we approach to the end of the programme. I feel honoured as many of my classmates and friends are honoured today. Friends, winning and losing is a part of game. What matters is participation in the event. Let’s again congratulate all the winners and the participants of all the contests. Let’s motivate them with a big round of applause for their journey towards progress. After all journey towards success begins with a single step.

Sincere thanks to Honourable Chief Guest Shri Joshi. Special thanks to our Vice Principal Mrs. Shreya Patil and teachers for organizing this programme, the audience for your presence. Your appreciation and motivation will help our friends in their journey towards success.

Thank You.

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Question (ii)
Mass media events often need comperes. Find out the area or sector in which a compere is a must. Write about the special skills needed to take up compering as a career and give some clues about how to acquire these skills.
Answer:
Programmes like prize distribution ceremony, music concert, dance competition, need a compere. Special skills are required for compering such programme.
(a) A compere must have good communication skill. He/She must have knowledge of the subject while compering any music show. He/She must know about the song, the singer, the film to which the song belongs. He/She must know the lyrics and the meaning of the song too. Sometimes certain incidents are related with songs. A compere must know everything so that he can use the same while compering if needed.

(b) Attire of the compere must be suitable for the event and he should be able to carry the same comfortably.

(c) Confidence is the most important criteria for choosing the career in compering.

(d) A compere must be able to use variations in his voice particularly while narrating emotional incidents, patriotic songs, sad songs, etc.

(e) The body language should reflect enthusiasm and high level of positive attitude.

(f) Flexibility and cooperative nature are essential to make career in compering because anything can happen at the last minute during the event. A compere should be able to handle the situation skillfully without disturbing the already declared schedule. This requires management skills.

(g) Many times being multilingual is the requirement of the programme. It is necessary that a compere must have the knowledge of the regional and the national language.

(h) Presence of mind is required to add or omit the last minute entry or exit in the contest.

Every aspirant in compering must develop all these skills. He/She must inculcate the habit of reading, punctuality and practice. He/She should update himself daily with the latest compering techniques. Reading and accurate pronunciation play important role in grooming the personality of a compere. He/She should be interested in the fields like politics, sports, music, current affairs, entertainment, etc. The practice of all these can make his personality a versatile one.

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(A3) Project:

Question 1.
Make a list of functions/events/programmes/activities organized in your junior college. Choose three events and plan a programme schedule of your own. Prepare a script as well to show the associating role of the compere for a particular event. Make your own sequence and design a template for the same.

Yuvakbharati English 11th Digest Chapter 3.6 The Art of Compering Additional Important Questions and Answers

Question 1.
Imagine that you have to arrange a ‘Teachers’ Day Celebration’ programme in your college. Prepare a schedule of the programme.
Answer:

  1. Introduction
  2. Welcome speech
  3. Lighting the lamp
  4. Welcome song
  5. Felicitation of the teachers
  6. Principal’s speech
  7. Speech of the Chief Guest
  8. Vote of thanks

Maharashtra Board Class 11 English Yuvakbharati Solutions Chapter 3.6 The Art of Compering

Glossary:

  1. compering – act as compere (host)
  2. ceremony – a celebration of an event, achievement or anniversary
  3. elegance – graceful and stylish in appearance
  4. confidence – the feeling of trust
  5. voice modulation – control or adjustment of voice
  6. language fluency – ability to speak or perform in a Language
  7. bountiful – ample.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण पारिभाषिक शब्द

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण पारिभाषिक शब्द Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण पारिभाषिक शब्द

पारिभाषिक शब्द :

विज्ञान-तंत्रज्ञान, उदयोग, कृषी, शिक्षण, प्रशासन, विधी, वाणिज्य, कला संस्कृती इत्यादी क्षेत्रांशी संबंधित संकल्पनांच्या प्रकटीकरणासाठी पारिभाषिक शब्दांचा उपयोग केला जातो. त्यांच्या वापरामुळे त्या-त्या क्षेत्रांमधील ज्ञानव्यवहार अधिक नेमका तसेच सुस्पष्ट होतो. त्यादृष्टीने पारिभाषिक शब्दांना अनन्यसाधारण महत्त्व असते. याठिकाणी तुमच्या माहितीसाठी काही महत्त्वाचे पारिभाषिक शब्द दिले आहेत.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द

Academics  विदयाभ्यास
Elected  निर्वाचित
Administration  प्रशासन
Encyclopedia  विश्वकोश
Agenda  कार्यक्रम पत्रिका
Enrolment  नावनोंदणी
Auditor  लेखापरीक्षक
File  संचिका
Backlog  अनुशेष
Felicitation  गौरव
Barometer  वायुभारमापक
Foundation  प्रतिष्ठान
Barcode  दंडसंकेत
Gazette  राजपत्र
Broadband Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  विस्तारित वहन
Geology  भूशास्त्र
Circular  परिपत्रक
Guest House  अतिथीगृह
Commissioner  आयुक्त
Guard of Honour  मानवंदना
Criticism  समीक्षा
Herald  अग्रदूत
Dean  अधिष्ठाता
Habitat  प्राकृतिक वसतिस्थान
Director  संचालक
Honorary  मानद, मानसेवी
Domain  अधिक्षेत्र
Hygiene  आरोग्यशास्त्र
Domicile  अधिवास
Iceberg Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  हिमनग
Draft  मसुदा, धनाकर्ष
Incentive  प्रोत्साहनपर
Increment  वाढ
Recommendation  शिफारस
Industrialization  औदयोगिकीकरण
Rest House  विश्रामगृह
Journal  नियतकालिक
Runway  धावपट्टी
Jubilee  महोत्सव
Self defence  स्वसंरक्षण
Junction  महास्थानक
Senate  अधिसभा
Keep pending  प्रलंबित ठेवणे
Share Certificate  समभागपत्र
Keyboard  कळफलक
Superintendent  अधीक्षक
Kindergarten  बालकमंदिर
Symposium Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  परिसंवाद
Labour welfare  कामगार कल्याण
Technician  तंत्रज्ञ
Land holder भूधारक
Telecommunication  दूरसंपर्क
Lawyer  विधिज्ञ/वकील
Terminology  परिभाषा
Layout  आखणी, मांडणी
Thesis  प्रबंध
Meteorology  हवामानशास्त्र
Unbiased opinion  पूर्वग्रहविरहीत मत
Migration Certificate  स्थलांतर प्रमाणपत्र
Upgradation  उन्नयन
Minute book  कार्यवृत्त पुस्तक
Up to date अदययावत
Motto  ब्रीदवाक्य
Utility  उपयुक्तता
Nationalism  राष्ट्रवाद
Vacancy Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  रिक्त पद
Nervous System  चेतासंस्था
Validity  वैधता
Notification  अधिसूचना
Verification  पडताळणी
Noteworthy  उल्लेखनीय
Official  कार्यालयीन
Organisation  संघटना
Organic Farming  सेंद्रिय शेती
Paediatrician  बालरोगतज्ज्ञ
Pedestrian  पादचारी
Personal Assistant  स्वीय सहायक
Procession  मिरवणूक
Qualified  अर्हतापात्र
Quality Control  गुणवत्ता नियंत्रण
Quick Disposal  त्वरित निकाली काढणे
Quorum  गणसंख्या
Vocational School  व्यवसाय शिक्षण शाळा
Waiting list  प्रतीक्षासूची
World Record  विश्वविक्रम
Working Capital  खेळते भांडवल
Writ Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  न्यायलेख
X-ray क्ष-किरण
Xerox  नक्कलप्रत
Yard  आवार
Yearbook  संवत्सरिका
Zero Hour  शून्यकाळ
Zoologist  प्राणिशास्त्रज्ञ
Zone  परिमंडळ, विभाग
Reader  प्रपाठक, वाचक

इंग्रजी आणि मराठी म्हणी

1. A bad workman always blames his tools
नाचता येईना अंगण वाकडे
2. Jack of all trades and master of none.
एक ना धड भाराभर चिंध्या.
3. No pains, no gains.
कष्टाविण फळ नाही.
4. Listen to people, but obey your conscious.
ऐकावे जनाचे पण करावे मानाचे.
5. A fig for the doctor when cured.
गरज सरो नि वैदय मरो.
6. Many a little makes a mickle.
थेंबे थेंबे तळे साचे. Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द
7. An empty vessel makes much noise.
उथळ पाण्याला खळखळाट फार
8. Might is right.
बळी तो कान पिळी.
9. As you sow, so you reap.
दाम करी काम.
10. Money makes the mare go.
पेराल तसे उगवेल.
11. Necessity is the mother of invention.
बुडत्याला काडीचा आधार.
12. A drowning man will clutch at a straw.
गरज ही शोधाची जननी आहे.
13. Between two stools we come to the ground.
नवी विटी नवे राज्य.
14. New lords, new laws.
दोन्ही घरचा पाहुणा उपाशी.
15. No rose without a thorn.
गर्जेल तो पडेल काय?
16. Barking dogs seldom bite
काट्यावाचून गुलाब नाही.
17. Doctor after death
जुने ते सोने.
18. Old is gold.
वरातीमागून घोडे. Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द
19. Out of sight, out of mind.
चार दिवस सासूचे, चार दिवस सुनेचे.
20. Every dogs has his day.
दृष्टीआड सृष्टी.
21. Too many cooks spoil the broth.
घरोघरी मातीच्या चुली.
22. Every house has its skeleton.
बारा सुगरणी तरी आमटी आळणी.
23. First come first served.
हाजीर तो वजीर.
24. Union is strength.
एका हाताने टाळी वाजत नाही.
25. It takes two to make a quarrel.
एकी हेच बळ.
26. Where there is a will, there is a way.
इच्छा तेथे मार्ग.

काही साहित्यिकांची टोपण नावे व पूर्ण नावे

टोपणनाव  लेखक
मोरोपंत  मोरेश्वर रायाजी पराडकर
काव्यविहारी  धोंडो वामन गद्रे
लोकहितवादी  गोपाळ हरी देशमुख
यशवंत  यशवंत दिनकर पेंढरकर
रे. टिळक  नारायण वामन टिळक
अनिल Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  आत्माराम रावजी देशपांडे
केशवसुत  कृष्णाजी केशव दामले
विभावरी शिरुरकर  मालतीबाई विश्राम बेडेकर
माधवानुज  काशीनाथ हरी मोडक
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज  माणिक बंडोजी ठाकूर
बी  नारायण मुरलीधर गुप्ते
मनमोहन  गोपाळ नरहर नातू
नाथमाधव  द्वारकानाथ माधवराव पितळे
बी. रघुनाथ  भगवान रघुनाथ कुळकर्णी
बाळकराम (नाटक) गोविंदाग्रज (कविता)  राम गणेश गडकरी
अमरशेख  शेख महबूब हसन
बालकवी  त्र्यंबक बापूजी ठोमरे
आरती प्रभु  चिंतामण त्र्यंबक खानोलकर
गिरीश  शंकर केशव कानेटकर
चारुता सागर Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द  दिनकर दत्तात्रय भोसले
माधव ज्युलियन  माधव त्रिंबक पटवर्धन
दया पवार  दगडू मारुती पवार
विनोबा  विनायक नरहर भावे
ग्रेस  माणिक सितारामपंत गोडघाटे
कुंजविहारी  हरिहर गुरुनाथ कुळकर्णी
प्रेमानंद गज्वी  आनंद शंकर गजभिये
अज्ञातवासी  दिनकर गंगाधर केळकर
पठे बापूराव  श्रीधर कृष्णाजी कुळकर्णी
ठणठणपाळ  जयवंत द्वारकानाथ दळवी

काही साहित्यिक व त्यांच्या प्रसिद्ध रचना

साहित्यिकाचे नाव पुस्तक
लक्ष्मीबाई टिळक स्मृतिचित्रे
श्री. म. माटे उपेक्षितांचे अंतरंग
श्री. ज. जोशी आनंदीगोपाळ
वि. वा. शिरवाडकर नटसम्राट
विश्राम बेडेकर रणांगण
गोदावरी परुळेकर जेव्हा माणूस जागा होतो
वसंत कानेटकर रायगडाला जेव्हा जाग येते
जी. ए. कुलकर्णी काजळमाया
गंगाधर गाडगीळ Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द एका मुंगीचे महाभारत
ना. सं. इनामदार राऊ
श्री. ना. पेंडसे रथचक्र
गो. नी. दांडेकर पडघवली
विंदा करंदीकर अष्टदर्शने
अण्णाभाऊ साठे फकिरा
शंकरराव खरात तराळ अंतराळ
शांता शेळके चौघीजणी
महेश एलकुंचवार वाडा चिरेबंदी
किरण नगरकर सात सक्कं त्रेचाळीस
प्र. ई. सोनकांबळे आठवणींचे पक्षी
अनिल अवचट माणसं
नारायण सुर्वे माझे विदयापीठ
सुनीता देशपांडे आहे मनोहर तरी
व्यंकटेश माडगूळकर बनगरवाडी
द. मा. मिरासदार मिरासदारी
रणजित देसाई स्वामी
मंगेश पाडगांवकर सलाम
मारुती चितमपल्ली पक्षी जाय दिगंतरा
नरहर कुरुंदकर धार आणि काठ
मधु मंगेश कर्णिक माहिमची खाडी
आनंद यादव Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द झोंबी
दया पवार बलुतं
लक्ष्मण माने उपरा
रंगनाथ पठारे ताम्रपट
नरेंद्र जाधव आमचा बाप आन् आम्ही
लक्ष्मण गायकवाड उचल्या
उत्तम कांबळे आई समजून घेताना
अरुणा ढेरे कृष्णकिनारा
विश्वास पाटील पानिपत
राजन गवस तणकट
सदानंद देशमुख बारोमास
किशोर शांताबाई काळे कोल्हाट्याचं पोर
भालचंद्र नेमाडे कोसला

ज्ञानपीठ पुरस्कारप्राप्त मराठी साहित्यिक

साहित्यिकाचे नाव
विष्णु सखाराम खांडेकर
विष्णू वामन शिरवाडकर (कुसुमाग्रज)
गोविंद विनायक करंदीकर (विंदा करंदीकर)
भालचंद्र वनाजी नेमाडे

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण गटात न बसणारा शब्द Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द

11th Marathi Book Answers व्याकरण गटात न बसणारा शब्द Additional Important Questions and Answers

गटात न बसणारा शब्द

प्रश्न 1.
नामांकित, कीर्तिमान, कुविख्यात, सर्वज्ञात
उत्तर :
कुविख्यात

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द

प्रश्न 2.
वात, जलद, मेघ, घन
उत्तर :
वात

प्रश्न 3.
सटासट, कटकट, वटवट, झटपट
उत्तर :
सटासट

प्रश्न 4.
अपमान, दुर्लक्ष, निष्काळजी, आदर
उत्तर :
अपमान

प्रश्न 5.
सौदामिनी, प्रकाश, दिप्ती, तेज
उत्तर :
सौदामिनी

प्रश्न 6.
त्याला, त्याचा, तुझा, आणि
उत्तर :
आणि

प्रश्न 7.
संभाषण, भाषण, चर्चा, संवाद
उत्तर : भाषण

प्रश्न 8.
गुजरात, महाराष्ट्र, मुंबई, कर्नाटक
उत्तर :
मुंबई

प्रश्न 9.
फूल, पान, खोड, मासा
उत्तर :
मासा

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द

प्रश्न 10.
पृथ्वी, धरणी, वसुधा, समिधा
उत्तर :
समिधा

प्रश्न 11.
देवूळ, मंदिर, देवालय, देव
उत्तर :
देव

प्रश्न 12.
कर्ण, डोळा, नयन, नेत्र
उत्तर :
कर्ण

प्रश्न 13.
पर्वत, नग, नभ, गिरी
उत्तर :
नभ

प्रश्न 14.
हात, पद, कर, हस्त
उत्तर :
पद

प्रश्न 15.
दैत्य, दानव, राक्षस, सुर
उत्तर :
सुर

प्रश्न 16.
नवल, संकोच, आश्चर्य, विस्मय
उत्तर :
संकोच

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण गटात न बसणारा शब्द

प्रश्न 17.
युद्ध, समर, संगम, लढाई
उत्तर :
संगम

प्रश्न 18.
वणवा, वन, जंगल, अरण्य
उत्तर :
वणवा

प्रश्न 19.
शत्रू, वैरी, दुष्मन, दोस्त
उत्तर :
दोस्त

प्रश्न 20.
पिता, वडील, भ्राता, जनक
उत्तर :
भ्राता

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest व्याकरण विरामचिन्हे Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

विरामचिन्हे प्रास्ताविकः

आपल्या बोलण्याचा आशय ऐकणाऱ्याला चांगल्या रीतीने समजावा म्हणून आवाजाच्या चढ-उताराबरोबरच एखाद दुसऱ्या ठिकाणी आपण काही क्षण थांबतो या थांबण्यालाच ‘विराम’ असे म्हणतात.

बोलण्यातील विराम लेखनात निरनिराळ्या चिन्हांनी दर्शविला जातो. अशा लेखनातील विविध चिन्हांना ‘विरामचिन्हे’ असे म्हणतात.

विरामचिन्हांमुळे वाक्य कोठे संपले, कोठे सुरू झाले की अपूर्ण आहे अशा विविध गोष्टी आपणास समजतात. म्हणूनच विरामचिन्हांना लेखनात अत्यंत महत्त्व आहे.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

विरामचिन्हे दोन प्रकारची आहेत.

  • विराम दर्शवणारी
  • अर्थबोध करणारी

विराम दर्शवणारी :

  • पूर्णविराम ( . ),
  • अर्धविराम ( ; ),
  • स्वल्पविराम ( , ),
  • अपूर्णविराम ( : ).

अर्थबोध करणारी :

  • प्रश्नचिन्ह ( ? ),
  • उद्गारचिन्ह ( ! ),
  • अवतरण चिन्ह (” ” दुहेरी व ” एकेरी),
  • संयोगचिन्ह ( – ),
  • अपसारण चिन्ह ( – )
  • याशिवाय लोप चिन्ह ( ……… ),
  • अधोरेखा चिन्ह ( ),
  • विकल्प चिन्ह ( / ),
  • काकपद/हंसपद ( , ),
  • कंस () साधा कंस,
  • { } महिरप कंस,
  • [ ] चौकोनी कंस),
  • वरीलप्रमाणे मजकूर / यथोपरिचिन्ह (” “, -।।-)
  • अवग्रह (ऽ) उच्चार लांब करण्यासाठी,
  • फुल्या (xxx) (अवशिष्ट व अयोग्य मजकुरासाठी),
  • दंड ( । एकेरी, ।। दुहेरी) ही लेखनात वापरली जातात.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

11th Marathi Book Answers व्याकरण विरामचिन्हे Additional Important Questions and Answers

1. खालील वाक्यांत योग्य त्या ठिकाणी विरामचिन्हे देऊन वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
सर पोराचं लग्न हाय यायला पाहिजे.
उत्तर :
“सर, पोराचं लग्न हाय. यायला पाहिजे.”

प्रश्न 2.
ते म्हणाले गेले दोन दिवस मेघदूत वाचत होतो.
उत्तर :
ते म्हणाले, “गेले दोन दिवस, ‘मेघदूत’ वाचत होतो.”

प्रश्न 3.
मी सोपानदेवांना म्हणालो अहो हे बावनकशी सोने आहे
उत्तर :
मी सोपानदेवांना म्हणालो, “अहो, हे बावनकशी सोने आहे!”

प्रश्न 4.
वडील सहा आठ महिने दौऱ्यावर
उत्तर :
वडील सहा-आठ महिने दौऱ्यावर.

प्रश्न 5.
ड्रायव्हरनं गाडी सुरू केली आणि विचारलं कुठे जायचं
उत्तर :
ड्रायव्हरनं गाडी सुरू केली आणि विचारलं, “कुठे जायचं?”

2. पुढील वाक्यांत योग्य विरामचिन्हांचा पर्याय निवडून वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
रसिकहो वहिानींचा सल्ला या कार्यक्रमाचा आजचा शेवटचा प्रयोग.

पर्याय :
(अ) उद्गारवाचक चिन्ह, एकेरी अवतरण
(आ) प्रश्नचिन्ह, उद्गारवाचक चिन्ह
(इ) दुहेरी अवतरण चिन्ह, स्वल्पविराम
उत्तर :
(अ) उद्गारवाचक चिन्ह, एकेरी अवतरण (रसिकहो! ‘वहिनींचा सल्ला’ या कार्यक्रमाचा आजचा शेवटचा प्रयोग)

प्रश्न 2.
पायच होऊ देत आता घट्ट मजबूत पोलादी पर्याय :

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions व्याकरण विरामचिन्हे

(अ) प्रश्नचिन्ह, लोपचिन्ह
(आ) स्वल्पविराम, अर्धविराम
(इ) लोपचिन्ह, स्वल्पविराम
उत्तर :
पर्याय : (इ) लोपचिन्ह, स्वल्पविराम (पायच होऊ देत आता… घट्ट, मजबूत, पोलादी)

प्रश्न 3.
जी ए कुलकर्त्यांचा एखादा कथासंग्रह तुम्ही वाचला आहे काय पर्याय :
(अ) स्वल्पविराम, अर्धविराम
(आ) पूर्णविराम, प्रश्नचिन्ह
(इ) अपूर्णविराम, अवग्रहचिन्ह
उत्तर :
(आ) पूर्णविराम, प्रश्नचिन्ह (जी. ए. कुलकर्त्यांचा एखादा कथासंग्रह तुम्ही वाचला आहे काय?)

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका

मुद्रण सही ढंग से न हो तो अशुद्धियाँ रह जाती हैं। इससे मुद्रित सामग्री की रोचकता तथा सहजता कम हो जाती है। कभी–कभी किसी शब्द के अशुद्ध रहने से अर्थ बदल जाता है या किसी शब्द के रह जाने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है। इस दृष्टि से मुद्रण प्रक्रिया में मुद्रित शोधन का अत्यधिक महत्त्व है।

जिस प्रकार मन की सुंदरता न हो तो तन की सुंदरता अर्थहीन हो जाती है। उसी प्रकार पुस्तक बाहर से भले ही कितनी ही आकर्षक हो; भाषा की अशुद्धता के कारण वह प्रभावहीन हो जाती है।

मुद्रित शोधन के लिए आवश्यक योग्यताएँ :

मुद्रित शोधन का कार्य अत्यंत दायित्वपूर्ण ढंग से निभाया जाने वाला कार्य है। अत: इस कार्य के लिए मुद्रित शोधक में कतिपय योग्यताओं का होना आवश्यक है। जैसे –

  • मुद्रित शोधक को संबंधित भाषा एवं व्याकरण की समग्र और भली–भाँति जानकारी होनी चाहिए।
  • उसे प्रिंटिंग मशीन पर होने वाले कार्य का परिचय होना चाहिए।
  • उसे टाइप के प्रकारों, संकेत चिह्नों और अक्षर विन्यास की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
  • मुद्रित शोधक को पांडुलिपि में स्वयं कोई परिवर्तन नहीं करना चाहिए। यदि कहीं उसे अशुद्धियाँ लगें या वाक्य सही/शुद्ध न लगे तो इसकी ओर लेखक का ध्यान आकृष्ट करना चाहिए।

मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका : –
Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका 1

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष हिंदी साहित्यकारों के मूल नाम और उनके विशेष नाम

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष हिंदी साहित्यकारों के मूल नाम और उनके विशेष नाम Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष हिंदी साहित्यकारों के मूल नाम और उनके विशेष नाम

  • अब्दुल हसन – अमीर खुसरो
  • मलिक मुहम्मद – जायसी
  • अब्दुर्रहीम खानखाना – रहीम
  • सय्यद इब्राहिम – रसखान
  • चंद्रधर शर्मा – ‘गुलेरी’
  • पांडेय बेचन शर्मा – ‘उग्र’
  • राजेंद्रबाला घोष – बंग महिला
  • बदरीनारायण चौधरी – प्रेमधन
  • गयाप्रसाद शुक्ल – ‘स्नेही’
  • अयोध्यासिंह उपाध्याय – ‘हरिऔध’
  • मोहनलाल महतो – वियोगी
  • धनपतराय – ‘प्रेमचंद’
  • रामधारी सिंह – ‘दिनकर’
  • शिवमंगल सिंह – ‘सुमन’
  • रामेश्वर शुक्ल – ‘अंचल’
  • बालकृष्ण शर्मा – ‘नवीन’
  • कन्हैयालाल मिश्र – ‘प्रभाकर’
  • फणीश्वरनाथ – ‘रेणु’
  • वैद्यनाथ मिश्र – नागार्जुन
  • सूर्यकांत त्रिपाठी – ‘निराला’
  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन – अज्ञेय
  • वासुदेव सिंह – त्रिलोचन
  • गोपाल दास सक्सेना – ‘नीरज’
  • महेंद्रकुमारी – मन्नू भंडारी
  • श्रीराम वर्मा – अमरकांत
  • उपेंद्रनाथ – ‘अश्क’
  • सुदामा पांडेय – धूमिल

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार

ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार

साहित्यकार साहित्यिक कृति वर्ष
सुमित्रानंदन पंत चिदंबरा १९६८
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ उर्वशी १९७२
‘अज्ञेय’ कितनी नावों में कितनी बार १९७८
महादेवी वर्मा यामा १९८२
नरेश मेहता समग्र साहित्य १९९२
निर्मल वर्मा समग्र साहित्य १९९९
कुँवर नारायण समग्र साहित्य २००५
अमरकांत समग्र साहित्य २००९
श्रीलाल शुक्ल राग दरबारी २००९
केदारनाथ सिंह अकाल में सारस २०१३
कृष्णा सोबती जिंदगीनामा २०१७