Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 3 योग्‍य चुनाव

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 3 योग्‍य चुनाव Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 3 योग्‍य चुनाव

5th Standard Hindi Digest Chapter 3 योग्‍य चुनाव Textbook Questions and Answers

1. इस कहानी से क्या सीख मिलती है, बताओ |

प्रश्न 1.
इस कहानी से क्या सीख मिलती है, बताओ |

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 3 योग्‍य चुनाव Additional Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
क्या आपने किसी की सहायता की है? कैसे?
उत्तर:
हाँ, एक बार मेरे पड़ोस में रहनेवाला दो साल का मोनू कीचड़ में गिर गया था। मैंने उसे कीचड़ से निकाला। उसके घर छोड़कर आया। उसकी मम्मी ने मुझे धन्यवाद दिया। ।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 3 योग्‍य चुनाव

प्रश्न 2.
राजा मंगलसेन ने मंत्री से क्या कहा?
उत्तर:
राजा मंगलसेन ने कहा, “आप पहले अपने जैसे सेवाभावी, परोपकारी और ईमानदार मंत्री का चुनाव कर लीजिए, तभी आपको सेवामुक्त किया जा सकता है।”

प्रश्न 3.
बैलगाड़ी के पहिए को कीचड़ में फँसा देखकर कर्मवीर ने क्या किया?
उत्तर:
बैलगाड़ी के पहिए को कीचड़ में फँसा देखकर कर्मवीर सीधे कीचड़ में उतरा और ज़ोर लगाकर बैलगाड़ी का पहिया कीचड़ से बाहर निकाला।

प्रश्न 4.
सारे उम्मीदवार कर्मवीर को देखकर क्यों हँसने लगे?
उत्तर:
सारे उम्मीदवार कर्मवीर को देखकर हँसने लगे, क्योंकि उसके कपड़े कीचड़ से सने थे।

प्रश्न 5.
राजा ने कर्मवीर को मंत्री क्यों बनाया?
उत्तर:
राजा मंगलसेन का मानना था कि “जो सामान्य आदमी की पीड़ा से दु:खी होता है, वही ऊँचे पद पर बैठने का अधिकारी होता है।” इसलिए राजा ने कर्मवीर को मंत्री बनाया।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
राजा मंगलसेन के मंत्री कौन थे?
उत्तर:
राजा मंगलसेन के मंत्री जगतराम थे।

प्रश्न 2.
राजा ने मंत्री को सेवामुक्त करने के लिए क्या शर्त रखी?
उत्तर:
राजा ने मंत्री को सेवामुक्त करने के लिए यह शर्त रखी कि आप पहले अपने जैसे सेवाभावी, परोपकारी और ईमानदार मंत्री का चुनाव कर लीजिए।

प्रश्न 3.
बैलगाड़ी का पहिया कहाँ फँस गया था?
उत्तर:
बैलगाड़ी का पहिया कीचड़ में फँस गया था।

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प्रश्न 4.
वृद्ध ने कर्मवीर को इनाम में क्या देना चाहा?
उत्तर:
वृद्ध ने कर्मवीर को इनाम में कुछ रुपये देने चाहे।

प्रश्न 5.
बैलगाड़ी का चालक कौन था?
उत्तर:
बैलगाड़ी के चालक स्वयं मंत्री जगतराम थे।

प्रश्न 6.
राजा का नाम क्या था?
उत्तर:
राजा का नाम मंगलसेन था।

प्रश्न 7.
राज्य में क्या ढिंढोरा पिटवाया गया?
उत्तर:
राज्य में यह ढिंढोरा पिटवाया गया कि राज्य के नए मंत्री का चयन अगले गुरुवार को किया जाएगा।

प्रश्न 8.
किसकी बैलगाड़ी का पहिया कीचड़ में फँस गया था?
उत्तर:
मंत्री जगतराम की बैलगाड़ी का पहिया कीचड़ में फँस गया था।

प्रश्न 9.
मंत्री जगतराम की मदद किसने की?
उत्तर:
मंत्री जगतराम की मदद कर्मवीर नाम के प्रतिभाशाली नवयुवक ने की।

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कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

प्रश्न 1.
कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(बूढ़े, ढिंढोरा, निर्धन, चयन, कीचड़, मंत्री, प्रसन्न, आशीर्वाद, हताश, सैकड़ों, हरकारे, ग्यारह)

  1. राजा के मंत्री ………….. हो चुके थे।
  2. राज्य के नए मंत्री का ……….. किया जाएगा।
  3. हरकारे गाँव-गाँव ………….. पीटने लगे।
  4. कर्मवीर …………. परिवार का प्रतिभाशाली नवयुवक था।
  5. उसके कपड़े ………….. से सने थे।
  6. मंत्री पद के लिए इच्छुक ………… बजे राज दरबार पहुँचे।
  7. …………. गाँव-गाँव ढिंढोरा पीटने लगे।
  8. …………. की संख्या में युवक दरबार की ओर जा रहे थे।
  9. रास्ते पर एक वृद्ध ………….. सा बैठा था।
  10. वृद्ध ने उसे ढेरों ………….. दिए।
  11. राजा मंगलसेन बहुत ………….. हुए।
  12. आज से कर्मवीर राज्य के नए ………… होंगे।

उत्तर:

  1. बूढ़े
  2. चयन
  3. ढिंढोरा
  4. निर्धन
  5. कीचड़
  6. ग्यारह
  7. हरकारे
  8. सैकड़ों
  9. हताश
  10. आशीर्वाद
  11. प्रसन्न
  12. मंत्री

4. किसने किससे कहा:

प्रश्न 1.
किसने किससे कहा:

  1. “आप पहले अपने जैसे सेवाभावी, परोपकारी और ईमानदार मंत्री का चुनाव कर लीजिए।”
  2. “महाराज! कर्मवीर में वे सारे गुण हैं, जो राज्य के मंत्री के लिए आवश्यक हैं।”
  3. “आज से कर्मवीर राज्य के नए मंत्री होंगे।”

उत्तर:

  1. राजा मंगलसेन ने अपने मंत्री जगतराम से कहा।
  2. मंत्री जगतराम ने राजा मंगलसेन से कहा।
  3. राजा मंगलसेन ने मंत्री जगतराम से कहा।

व्याकरण:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:

  1. बूढ़ा
  2. विनती
  3. चुनाव
  4. हताश
  5. कोशिश
  6. पीड़ा
  7. राजा
  8. मार्ग
  9. सुबह
  10. सहायता

उत्तर:

  1. वृद्ध
  2. प्रार्थना
  3. चयन
  4. निराश
  5. प्रयत्न
  6. दर्द
  7. नृप
  8. रास्ता
  9. सवेरा
  10. मदद

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:

  1. ईमानदार
  2. असफल
  3. सहायता
  4. बूढ़ा
  5. उम्मीद
  6. प्रसन्न
  7. राजा
  8. युवक
  9. दूर
  10. दुखी
  11. गाँव
  12. सुबह
  13. हँसना
  14. गुण
  15. आवश्यक
  16. योग्य

उत्तर:

  1. बेईमान
  2. सफल
  3. असहायता
  4. जवान
  5. नाउम्मीद
  6. अप्रसन्न
  7. रंक
  8. वृद्ध
  9. पास
  10. सुखी
  11. शहर
  12. शाम
  13. रोना
  14. दोष
  15. अनावश्यक
  16. अयोग्य

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलिए:

  1. राजा
  2. बूढ़ा
  3. युवक
  4. वृद्ध
  5. आदमी

उत्तर:

  1. रानी
  2. बूढ़ी
  3. युवती
  4. वृद्धा
  5. औरत

प्रश्न 4.
पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों को याद करके अपनी कॉपी में पाँच बार लिखिए:
उत्तर:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 3 योग्‍य चुनाव 1

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में विशेषण शब्द ढूँढकर लिखिए:

  1. वह युवक प्रतिभाशाली था।
  2. उसने विनम्रता से मना कर दिया था।
  3. जगतरामजी ने योग्य व्यक्ति का चुनाव किया है।

उत्तर:

  1. प्रतिभाशाली
  2. विनम्रता
  3. योग्य

योग्‍य चुनाव Summary in Hindi

कहानी का सारांश:

इस कहानी के माध्यम से सदा सत्य की राह पर चलने का संदेश दिया गया है। दूसरों की मदद करना पुण्य का काम है। हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। इसी में जीवन का सच्चा आनंद है। हमें हमेशा भलाई के बदले भलाई ही प्राप्त होती है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 3 योग्‍य चुनाव

शब्दार्थ:

  1. योग्य – उचित (appropriate)
  2. चुनाव – चयन (to select)
  3. ईमानदार – सच्चा (honest)
  4. प्रयास – प्रयत्न (effort)
  5. विनम्रता – विनीत (politeness)
  6. हताश – निराश (disappoint)
  7. सेवामुक्त – जो सेवा से मुक्त होना चाहता हो (to retire from service)
  8. विनती – प्रार्थना (request)
  9. सेवाभावी – सेवा का भाव (social worker)
  10. परोपकारी – दूसरों का भला करनेवाला (kind)
  11. ढिंढोरा पीटना – ढोल पीटकर अपनी बात दूसरों तक पहुँचाना (to announce)
  12. इच्छुक – जिसकी इच्छा हो (willing)
  13. हरकारे – ढिंढोरा पीटनेवाले (messenger)
  14. सैकड़ों – सौ की संख्या (hundred)
  15. वृद्ध – बूढ़ा (old)
  16. निर्धन – गरीब (poor)
  17. प्रतिभाशाली – जिसमें सभी गुण हों (able, brilliant)
  18. बैलगाड़ी – (bullock cart)
  19. ढेरों – बहुत (many)
  20. आशंका – डर (fear)
  21. हाँफना – साँस फूलना (breathless)
  22. कीचड़ सने – कीचड़ लगे हुए (muddy)
  23. गुण – अच्छाइयाँ (quality)

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 9 अमरकोषः Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 9 अमरकोषः Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कोषा: किमर्थम् आवश्यकाः?
उत्तरम् :
कोषाः शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम् आवश्यकाः।

प्रश्न आ.
कोष: नाम किम् ?
उत्तरम् :
कोष: नाम सङ्ग्रहः ।

प्रश्न इ.
क: अमरकोषस्य रचयिता ?
उत्तरम् :
अमरसिंह : नाम पण्डित: अमरकोषस्य रचयिता ।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न ई.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं कस्मात् सुलभम् ?
उत्तरम् :
अमरकोषः पद्यमय: गेय: च अतः तस्य कण्ठस्थीकरणं सुलभम्।

प्रश्न उ.
अमरकोषे कति श्लोकाः सन्ति ?
उत्तरम् :
अमरकोषे उपसार्धसहसं (1500) श्लोकाः सन्ति ।

प्रश्न ऊ.
अमरकोषस्य किम् अन्यत् नामद्वयम् ?
उत्तरम् :
त्रिकाण्डकोष: नामलिङ्गानुशासनम् च इति अमरकोषस्य अन्यत् नामद्वयम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

2. माध्यमभाषया लिखत।

प्रश्न 1.
‘अमरकोष’- कण्ठस्थीकरणेन के लाभाः भवन्ति ?
उत्तरम् :
‘अमरकोष’ या संवादात्मक पाठात शिक्षिका व विद्यार्थी यांच्यातील संवादातून ‘अमरकोष’ या संस्कृत कोषाबद्दल माहिती मिळते व त्याचे महत्व कळते. ग्रंथालयातील विविध कोष बघून विद्यार्थी शिक्षिकेला त्यांची माहिती विचारतात. शिक्षिका त्यांना कोष म्हणजे काय, त्यांचे भाषा, शास्त्र हयांच्या अभ्यासातील महत्त्व सांगतात, ‘अमरकोष’ ह्य संस्कृत भाषेतील महत्त्वपूर्ण कोष असून पूर्वीच्या काळात विद्यार्थी विद्यारंभाच्या वेळी तो तोंडपाठ करीत असत. अमरकोषाच्या पाठांतरामुळे शब्दसंपत्ती वाढते. शिवाय स्मरणशक्ती व धारणशक्ती सुद्धा वाढते. अमरकोष तोंडपाठ असेल तर संस्कृत भाषेचे आकलन आणि शब्दांचे उपयोजन सहजपणे करता येते. संस्कृत नाटकांचा, काव्यांचा आस्वाद घेण्यास सुद्धा मदत होते.

The lesson अमरकोषः is dialogue between students and their teacher. Importance of learning 3HC is emphasised in this dialogne. The students ask teacher about various thesauruses which they find in the library. Teacher tells them about various thesaruses and their importance. She tells them about very important thesurus of Sanskrit language. i.e. Amarakosha. If one learns the Amarakosha by heart, his vocabulary increases.

One’s memory as well as understanding increase and pronunciation also gets pure and better. Due to that, language aquisition and usage become easy. It also helps in studying the Sanskrit poetry and drama. Amarakosha is very significant in studying Sanskrit language.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

3. अ) शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  1. सङ्ग्रहम्
  2. प्रयोगः
  3. वर्तन्ते
  4. क्वचित्

उत्तरम् :

  • सङ्ग्रहम् – स् + अ + ङ् + ग् + र् + अ + ह् + अ + म्।
  • वर्तन्ते – व् + अ + र + त् + अ + न् + त् + ए।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

आ. मेलनं कुरुत।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
1. कपाटिका1. सुलभम्
2. कोषग्रन्थः2. विशाला
3. कण्ठस्थीकरणम्3. भिन्ना:
4. अर्थाः4. पद्यमयः

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
1. कपाटिका2. विशाला
2. कोषग्रन्थः4. पद्यमयः
3. कण्ठस्थीकरणम्1. सुलभम्
4. अर्थाः3. भिन्ना:

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

4. समानार्थकशब्द लिखत।

प्रश्न 1.
कोषः, अमरकोषः, विख्यातः, सुलभम् ।
उत्तरम् :

  • कोषः – सज्ञयः सङ्ग्रहः, निधिः।
  • अमरकोषः – त्रिकाण्डकोषः, नामलिङ्गानुशासनम्।
  • विख्यातः – प्रसिद्धः, ख्यातः।
  • सुकरम् – सुलभम्।

5. योग्यविशेषणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न 1.

  1. ग्रन्थालये कोषाय कृते एका विशाला कपाटिका विद्यते ।
  2. छात्रा: ग्रन्थालये विविधं पुस्तकानि पश्यन्ति।
  3. अमरकोषे तिस्रः काण्डानि सन्ति ।

उत्तरम् :

  1. ग्रन्थालये कोषाणां कृते एका विशाला कृपाटिका विद्यते।
  2. छात्रा: ग्रन्थालये विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति।
  3. अमरकोषे त्रीणि काण्डानि सन्ति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 9 अमरकोषः Additional Important Questions and Answers

उचितं पर्यायं चिनुत।

प्रश्न 1.
कपाटिकायां के वर्तन्ते?
(अ) ग्रन्थाः
(आ) कोषाः
(इ) चषकाः
(ई) पुत्तलिकाः
उत्तरम् :
(आ) कोषाः

प्रश्न 2.
कोषा: किमर्थम् आवश्यका:?
(अ) पूजार्थम्
(आ) मनोरञ्जनार्थम्
(इ) वाचनार्थम्
(ई) शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम्
उत्तरम् :
(ई) शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम्

प्रश्न 3.
छात्रा: ग्रन्थालये किं पश्यन्ति?
(अ) पुस्तकानि
(आ) सन्दुक:
(इ) आसन्दः
(ई) कृष्णफलक:
उत्तरम् :
(अ) पुस्तकानि

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 4.
वित्तकोषे किं भवति?
(अ) धनसङ्ग्रहणम्
(आ) ऊर्जासङ्ग्रहणम्
(इ) पुस्तकसङ्ग्रहणम्
(ई) वस्वसङ्ग्रहणम्
उत्तरम् :
(अ) धनसङ्ग्रहणम्

प्रश्न 5.

  1. अमरकोषः ……………… (पद्यमयः/ गद्यमय:)
  2. तत्र एकस्य शब्दस्य कृते नैके ………………… शब्दाः वर्तन्ते। (समानार्थकाः / विरुद्धार्थकाः)
  3. अमरकोषस्य पठनेन ……………… वर्धते। (स्मरणशक्तिः/ पठनशक्तिः)

उत्तरम् :

  1. पद्यमयः
  2. समानार्थकाः
  3. स्मरणशक्तिः

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न 6.

  1. अमरकोषे ………… श्लोकाः सन्ति। (उपसार्धसहस्रम् /सहस्रम्/ शतम्)
  2. अमरकोषे …………. काण्डानि सन्ति। (द्वे / त्रीणि/ चत्वारि)
  3. अमरकोषस्य अपरं नाम ………….. । (त्रिकाण्डकोषः / शब्दकोष:)
  4. अमरकोषस्य पठनेन भाषायाः ………… सुकरं भवति। (आकलनं / लेखनं / श्रवणं)

उत्तरम् :

  1. उपसार्धसहस्रम्
  2. त्रीणि
  3. त्रिकाण्डकोषः
  4. आकलनम्

उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं सुलभम्, यतः ……….
a. अमरकोषः गेयः अस्ति।
b. अमरकोषः अतीव लघुः अस्ति।
उत्तरम् :
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणमं सुलभम्, यतः अमरकोषः गेयः अस्ति ।

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प्रश्न 2.
अमरकोषस्य पठनेन शब्दसम्पत्तिः वर्धते, यतः …………….
a. तस्मिन् नैके समानार्थकाः शब्दाः सन्ति।
b. अमरकोषः सुलभः।
उत्तरम् :
अमरकोषस्य पठनेन शब्दसम्पत्ति: वर्धते, यतः तस्मिन् नैके समानार्थकाः शब्दा: सन्ति।

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
कपाटिकायां छात्राः किं पश्यन्ति?
उत्तरम् :
कपाटिकायां छात्राः विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति ।

प्रश्न 2.
वित्तकोषे कस्य सङ्ग्रहं कुर्मः?
उत्तरम् :
वित्तकोषे धनस्य सङ्गहं कुर्मः।

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प्रश्न 3.
भाषाकोषे किं भवति?
उत्तरम् :
भाषाको शब्दानां सङ्ग्रहः भवति।

प्रश्न 4.
अमरकोषस्य अन्यत् वैशिष्ट्यं किम्?
उत्तरम् :
शब्दानां लिङ्गनिर्देश: इति अमकोषस्य अन्यत् वैशिष्ट्यम्।

प्रश्न 5.
लिङ्गनिर्देशेन किं भवति?
उत्तरम् :
लिङ्गनिर्देशेन भाषाया: आकलनं प्रयोग: च सुकर : भवति।

प्रश्न 6.
लिङ्गनिर्देशेन किं विनायासं पठितुं शक्नुमः?
उत्तरम् :
लिङ्गनिर्देशेन संस्कृतकाव्यानि नाटकानि च विनायासं पठितुं शक्नुमः।

प्रश्न 7.
कोषस्य क: उपयोग:?
उत्तरम् :
सम्भाषणे, लेखने च भाषाप्रभुत्वं-प्राप्त्यर्थ , ज्ञानप्राप्यर्थ शब्दसंपत्ति-वर्धनम् इति कोषस्य उपयोगः ।

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प्रश्न 8.
ग्रन्थालये के के कोषाः वर्तन्ते?
उत्तरम् :
ग्रन्थालये विश्वकोषाः, सुभाषितकोषाः, संस्कृतिकोषा: चरित्रकोषा: च वर्तन्ते ।

प्रश्न 9.
पुरातनकाले अध्ययनारम्भे छात्राः किं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म?
उत्तरम् :
पुरातनकाले अध्ययनारम्भे छात्रा: अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म।

प्रश्न 10.
अमरकोषः कीदृशः ग्रन्थः?
उत्तरम् :
अमरकोषः पद्यमयः ग्रन्थः ।

प्रश्न 11.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं कीदृशम्?
उत्तरम् :
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं सुभाषितानां पठनम् इव अतीव सुलभम्।

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सत्यं वा असत्यं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ कोषाणां न आवश्यकता।
  2. वित्तकोषे ऊर्जासज्ञयः भवति ।
  3. भाषाकोषे शब्दानां सङ्ग्रहः भवति।
  4. कोषः नाम सङ्ग्रहः।
  5. अमरकोषः पद्यमयः।
  6. अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणम् अतीव दुष्करम्।
  7. अमरकोषस्य पठनेन स्मरणशक्ति: वर्धते।
  8. ज्ञानप्राप्त्यर्थ शब्दसम्पत्तेः सङ्ग्रहणम् आवश्यकम्।
  9. कोषपठनेन भाषाप्रभुत्वं प्राप्तुं शक्यते।
  10. अमरकोष: हिन्दीशब्दानां सङ्ग्रहग्रन्थः।
  11. अध्ययनारम्भे अमरकोषः पठनीयः।
  12. अमरकोषः त्रिकाण्डात्मकः।
  13. अमरकोषे केवलं समानार्थकशब्दाः सन्ति।
  14. अमरकोषे लिङ्गनिर्देशः कृतः।
  15. लिङ्गनिर्देशेन संस्कृतकाव्यानां पठनं दुष्करं भवति।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्
  2. असत्यम्
  3. सत्यम्
  4. सत्यम्
  5. सत्यम्
  6. असत्यम्
  7. सत्यम्
  8. सत्यम्
  9. सत्यम्
  10. असत्यम्
  11. सत्यम्
  12. सत्यम्
  13. असत्यम्
  14. सत्यम्
  15. असत्यम्

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कः कं वदति।

प्रश्न 1.

  1. कियन्तः विविधाः कोषाः एतस्यां वर्तन्ते।
  2. कोषः नाम किम् ?
  3. क: तस्य उपयोग:? किं
  4. विद्यते अस्मिन् कोथे?
  5. अमरसिंहः नाम पण्डित: एतस्य रचयिता।
  6. वयमपि अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्याम्।
  7. त्रिकाण्डकोष: इति अस्य अपरं नाम।
  8. नामलिङ्गानुशासनम् इति शब्दस्य क: अर्थः?

उत्तरम् :

  1. नयन: आचार्या वदति।
  2. सुमेधा आचार्या वदति।
  3. श्रेया अध्यपिकां वदति।
  4. स्वप्नील: अध्यापिकां वदति।
  5. अध्यापिका छात्रान् वदति।
  6. नयनः अध्यापिकां वदति।
  7. अध्यापिका छात्रान् वदति।
  8. सुमेधा अध्यापिकां वदति।

प्रश्न 2.
एकस्य शब्दस्य नैके भिन्ना: अर्थाः अपि वर्तन्ते ।
उत्तरम् :
अध्यापिका छात्रान् वदति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  • छात्राः – छ् + आ + त् + र् + आः।
  • भिन्ना – भ् + इ + न + न् + आ।
  • सर्वेषाम् – स् + अ + र + व् + ए + ष + आ + म्।
  • शास्त्राणाम् – श् + आ + स् + त् + र + आ + ण् + आ + म्।
  • कुर्मः – कु + उ + र + म् + अः।
  • सुयोग्यः – स् + उ + य् + ओ + ग् + य् + अः।
  • प्रश्न: – प् + र + अ + श् + न् + अः।
  • भाषाप्रभुत्व – भ् + आ + ष + आ + प् + र + अ + भ + उ + त् + व + अ।
  • ज्ञानप्राप्त्य र्थम् – ज् + ञ् + आ + न् + अ + + र + आ + प् + त् + य् + अ + र + थ् + अ + मा
  • संस्कृतिकोष: – स् + अ् + म् + स् + क् + ऋ + त् + इ + क् + ओ + ष + अः।
  • चरित्र – च् + अ + र् + इ + त् + र + अ।
  • ग्रन्थः – ग् + र + अ + न् + थ् + अः।
  • कण्ठस्थम् – क् + अ + ण् + ल् + अ + स् + थ् + अ + म्।
  • पद्यमयः – प् + अ + द् + य् + अ + म् + अ + य् + अः।
  • श्लोकानाम् – श् + ल् + ओ + क् + आ + न् + आ + म्।
  • शुद्धम् – श् + उ + द् + ध् + अ + म्।
  • शब्दस्य – श् + अ + ब् + द् + अ + स् + य् + अ।
  • क्वचित् – क् + व् + अ + च् + इ + त्।
  • सार्चयम् – स् + आ + श् + च् + अ + र + य + अ + म्।
  • वृद्धिम् – व् + ऋ + द् + ध् + इ + म्।
  • कुयोम – क् + उ + र + य् + आ + म् + अ।
  • तस्मिन् – त् + अ + स् + म् + इ + न्।
  • काण्डानि – क् + आ + ण् + ड् + आ + न् + इ।
  • लिमनिर्देश: – ल् + इ + इ + ग् + अ + न + इ + र + द् + ए + श् + अः।
  • सर्वः – स् + अ + र + व् + ऐः।
  • कर्तव्यम् – क् + अ + र् + त् + अ + व् + य् + अ + म्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

  1. कोष: नाम सङ्ग्रहः।
  2. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ कोषा: आवश्यकाः।
  3. अमरसिंहः अमरकोषस्य रचयिता।
  4. पुरातनकाले छात्रा: अध्ययनार्थ गुरुकुलं प्रविशन्ति स्म।
  5. छात्राः अध्ययनारम्भे अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म।
  6. अमरकोषे त्रीणि काण्डानि सन्ति।
  7. त्रिकाण्डकोषः इति अमरकोषस्य अपरं नाम।

उत्तरम् :

  1. कोषः नाम किम्?
  2. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ के आवश्यका:?
  3. कः अमरकोषस्य रचयिता?
  4. पुरातनकाले छात्रा: अध्ययनार्थ कुत्र प्रविशन्ति स्म?
  5. छात्रा: अध्ययनारम्भे किं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म?
  6. अमरकोषे कति काण्डानि सन्ति?
  7. अमरकोषस्य अपरं नाम किम्?

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

विशेषण-विशेष्य-सम्बन्धः।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
………..…कोषा:
……………पुस्तकानि
सुयोग्यःप्रश्न:
बहवःविविधाः
विशेष:कोषः
उच्चारणम्शुद्धम्

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
विविधाःकोषा:
विविधानिपुस्तकानि
सुयोग्यःप्रश्न:
बहवःकोषा:
विशेष:कोषः
उच्चारणम्शुद्धम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • प्रथमा – छात्रा:, कियन्तः, कोषाः, कपाटिका, वयम्, सङ्ग्रहः, एते, प्रश्नः, संस्कृतिकोषाः, चरित्रकोषाः, विश्वकोषाः, सुभाषितकोषा:,अमरकोषः, सङ्ग्रहान्धः, अमरसिंहः, पण्डितः, रचयिता, छात्राः, लाभः, पद्यमयः, गेयः, समानार्थकशब्दाः, भिन्नाः, स्मरणशक्तिः, धारणाशक्तिः, ग्रन्थः, नैके।
  • द्वितीया – प्रश्नान, अध्यापिकाम्, गुरुकुलम्, अमरकोषम्, वृद्धिम्, अमरकोषम्।
  • तृतीया – तेन, पठनेन।
  • षष्ठी – सर्वेषाम्, शास्त्राणाम्, शब्दानाम्, धनस्य, शब्दसम्पत्तेः, अस्माकम्, एतस्य, कोषस्य, अस्माकम्, एकस्य,शब्दस्य, श्लोकानाम्, सुभाषितानाम् तस्य।
  • सप्तमी – ग्रन्थालये, वित्तकोषे, भाषाकोषे, सम्भाषणे, लेखने, ग्रन्थालये, तेषु, अस्मिन्, कोषे,पुरातनकाले, अध्ययनारम्भे, तस्मिन्।

लकारं लिखत।

  • पृच्छन्ति – ‘प्रच्छ-पृच्छ्’ धातुः षष्ठगण: परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • कुर्मः – ‘कृ’ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: उत्तमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वर्तन्ते – ‘वृत्-वत्’ धातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • विद्यते – ‘विद्’ धातुः चतुर्थगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • कुर्वन्ति – ‘कृ’ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वर्धते – ‘वृध्-वर्ष’ धातुः प्रथमगण:आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: द्विवचनम्।

त्वान्त/ल्यबन्त/तुमन्त अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ढ्वा / इत्वा अयित्वाल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्यतुमन्त अव्यय   थातु + तुम् / धुम् / टुम् / ढुम् / इतुम् / अयितुम्
कण्ठस्थीकर्तुम्
पठितुम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नामसर्वनामक्रियापदम्विशेषणम्
छात्राः, सुभाषितानाम्सर्वेषाम्, एतस्यपश्यन्ति, गच्छतिविविधाः
ग्रन्थालये, वृद्धिम्ते, अस्माकम् – नःवर्तन्ते, कुर्यामभिन्नाः
शास्त्राणाम्, काण्डानिएषा, अस्मिन्कुर्मः, शक्नुमःविविधानि
वित्तकोषे, नाम्नाकः, तेषुभवतिसुयोग्य:
कोषस्य, प्रयोगःएतस्याम्, वयम्विद्यतेबहवः
शब्दस्यकियन्तः, तेनप्रविशन्तिविशेषः
अमरकोषम्एषः, किम्कुर्वन्तिपद्यमय:
रचयिताएतेसन्तिसुलभम्
गुरुकुलम्तस्यवर्धतेशुद्धम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

अमरकोषः Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

कोणतीही भाषा नव्याने शिकताना त्या भाषेतील शब्दसंपत्ती ग्रहण करण्याकरिता शब्दकोष महत्त्वपूर्ण असतोच. इतर भाषांप्रमाणेच संस्कृतातही अनेक शब्दकोष उपलब्ध आहेत. अमरकोष हा संस्कृतभाषेचा प्रसिद्ध शब्दकोष, संस्कृतविद्वान अमरसिंह यांनी रचला. अमरकोष प्रसिद्ध आहे तो त्याच्या वैशिष्ट्यपूर्ण रचनेमुळे, अमरसिंह यांनी एका शब्दाचे इतर समानार्थ पद्यमय रचनेत मांडल्यामुळे कंठस्थीकरण सहज शक्य होते. चार विद्यार्थी आणि शिक्षिका यांच्या संवादातून प्रस्तुत पाठात अमरकोषाचे महत्त्व प्रतिपादित केले आहे.

Lexicons, dictionaries thesaureses are an important part of learning any language. Just like English, German, French, Marathi or any other language there are many Sanskrit dictionaries which are popular. Amarakosha is one of those celebrated lexicons in Sanskrit. It was composed by an ancient scholar Amarasimha.

Where he tried to enlist synonyms for almost all Sanskrit words. Learning the Amarakosha by heart is the best way to increase vocabulary. It is composed in such a simple way that even a beginner can easily learn it. This lesson talks about importance and significance of Amarakosha through a discussion between four students and their teachers.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 1

छात्रा: ग्रन्थालये ………….. सग्रहः भवति।
(छात्रा: ग्रन्थालये विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति अध्यापिका प्रश्नान् च पृच्छन्ति ।)
नयनः – आचार्य, का एषा भिन्ना विशाला कपाटिका ? अहो ! कियन्तः विविधाः कोषाः एतस्यां वर्तन्ते !
अध्यापिका – आम्, सर्वेषां शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम् एते कोषा: आवश्यकाः।
सुमेधा – कोष: नाम किम् ?
अध्यापिका – कोष: नाम सङ्ग्रहः। यथा वयं वित्तकोषे धनस्य सङ्ग्रहणं कुर्मः तथैव भाषाकोषे शब्दानां सङ्ग्रहः भवति ।

अनुवादः

(विद्यार्थी ग्रंथालयात विविध पुस्तके बघतात आणि शिक्षिकेला प्रश्न विचारतात.)
नयनः – बाई ! हे वेगळे मोठे कपाट कोणते ? अरे वा ! यात किती वेगवेगळे कोष आहेत !
शिक्षिका – हो, सर्वशास्वांच्या अभ्यासासाठी कोष आवश्यक असतात.
सुमेधा – कोष म्हणजे काय ?
शिक्षिका – कोष म्हणजे संग्रह. ज्याप्रमाणे आपण बँकेमध्ये पैसे साठवतो तसाच भाषाकोषामध्ये शब्दांचा संग्रह असतो.

(Students see various books in the library and ask questions to the teacher.)
Nayan: Teacher, what is this separate huge cupboard? Oh! So many dictionaries/ thesauruses are here!
Teacher: Yes, to study all sciences/scriptures these dictionaries/thesauruses are necessary.
Sumedha: What is a thesaurus?
Teacher: Thesaurus is a collection. Just like, we deposit money in the bank likewise, there is collection of words in the thesaurus.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 2

श्रेया: – क: तस्य ……………… तथैव प्रवर्तते।
श्रेया – क : तस्य उपयोग:?
अध्यापिका – सुयोग्यः प्रश्नः। सम्भाषणे लेखने च भाषाप्रभुत्व-प्राप्त्यर्थ तथैव नैकेषां विषयाणां ज्ञानप्राप्त्यर्थं शब्दसम्पत्तेः सङ्ग्रहणम् अतीव आवश्यकम्। अस्माकं ग्रन्थालये संस्कृतिकोषाः, चरित्रकोषाः, विश्वकोषाः, सुभाषितकोषा: च इत्यादयः बहवः कोषा: वर्तन्ते। तेषु ‘अमरकोषः’ नाम कञ्चन विशेष: कोषः।
स्वप्नीलः – अमरकोषः? ‘अमरकोषः’ इति नाम किमर्थम् ? किं विद्यते अस्मिन् को?
अध्यापिका – एष: संस्कृतशब्दानां सङग्रहग्रन्थः। अमरसिंहः नाम पण्डित: एतस्य रचयिता। अत: कोषस्य नाम अमरकोषः’ इति। परातनकाले यदा छात्रा: अध्ययनाचे गुरुकुलं प्रविशन्ति स्म तदा अध्ययनारम्भे ते अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म। अधुना अपि तथैव प्रवर्तते।

अनुवादः

श्रेया शिक्षिका – त्याचा उपयोग काय?
शिक्षिका – अगदी योग्य प्रश्न आहे ! बोलताना, लिहिताना भाषेवर आहे. आपल्या ग्रंथालयात संस्कृतिकोष, चरित्रकोष, विश्वकोष, सुभाषित कोष असे अनेक कोष आहेत. त्यापैकी ‘अमरकोष’ नावाचा एक विशेष कोष आहे.
स्वफ्नील – अमरकोष? अमरकोष हे नाव का? या कोषात काय आहे?
शिक्षिका – हा संस्कृतशब्दांचा संग्रह आहे. अमरसिंह नावाचा विद्वान याचा रचनाकार आहे. म्हणून या कोषाचे नाव ‘अमरकोष’ आहे. पूर्वीच्या काळी जेव्हा विद्यार्थी शिक्षणासाठी गुरुकुलात जात असत तेव्हा ते अमरकोष तोंडपाठ करत असत. अजूनही तशी प्रथा आहे.

Shreya: What is its use?
Teacher: Very apt question ! While speaking and so many subjects we need vocabulary, In our library there are so many thesauruses like संस्कृतिकोष, चरित्रकोष, विश्वकोष, सुभाषितकोष etc. Among these Amarakosha is one distinct kind of a thesaurus.
Swapnil: Amarakosha? Why its name is Amarakosha? What is there in this thesaurus?
Teacher: This is collection of Sanskrit words. A scholar named Amarsinha is the composet of this thesaurus. Hence, this thesaurus is named as Amarakosha. In Ancient times, when students used to go to teacher’s home to study, they used to learn by heart Amarakosha. Even this prevails in current time.

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परिच्छेद : 3

आर्या (साश्चर्यम्) किं कोष: ……………. उच्चारणमपि शुद्धं भवति?
आर्या – (साश्चर्यम्) किं कोषः कण्ठस्थीकर्तुं शक्यः? तेन क; लाभ; भवति?
अध्यापिका – अथ किम् । पद्यमयः एषः ग्रन्थः गेयः । अतः श्लोकानां, सुभाषितानां पठनम् इव तस्य कण्ठस्थीकरणम् अतीव सुलभम् । तत्र एकस्य शब्दस्य कृते नैके समानार्थकशब्दाः वर्तन्ते । क्वचित् एकस्य शब्दस्य नैके भिन्ना: अर्थाः अपि वर्तन्ते । अतः तस्य पठनेन अस्माकं शब्दसम्पत्ति: वद्धिं गच्छति । अस्माकं स्मरणशक्ति: धारणाशक्तिः च वर्धेते, उच्चारणमपि शुद्धं भवति ।

अनुवादः

आर्या – (आश्चर्यचकित होऊन) कोष तोंडपाठ करणे शक्य आहे? त्याने काय फायदा होतो?
शिक्षिका – होय तर ! हा ग्रंथ पद्यमय आहे आणि म्हणूनच गेयसुद्धा. त्यामुळे श्लोक. सुभाषित यांच्यासारखेच अमरकोष पाठ करणे सुद्धा सोपे आहे. त्यात एका शब्दासाठी अनेक समानार्थी शब्द आहेत. काही ठिकाणी एका शब्दाचे अनेक भिन्न अर्थसुद्धा दिले आहेत. त्यामुळे अमरकोषाच्या पाठांतराने आपली शब्दसंपत्ती वृद्धिंगत होते. आपली स्मरणशक्ती, धारणाशक्ती वाढते आणि उच्चारणसुद्धा शुद्ध होते.

Arya : (Surprisingly) Is it possible to learn a thesaurus by heart? What’s the benefit of that?
Teacher: Of course! This book is in the verse form, which is fit to sing. Hence, just like other verses, learning this thesaurus is also very easy. There, for a single word, numerous sysnonyms are given. Sometimes even different meaning of a single word are there. Hence, learing by heart this thesaurus increases our vocabulary. Our memory, retention also increases, Pronunciation also gets better. (pure)

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परिच्छेद : 4

नयन: – वयमपि ………………. अवश्यं कर्तव्यमेव।
नयनः – वयमपि अमरकोषं कठस्थं कुर्याम। तस्मिन् कति श्लोकाः सन्ति?
अध्यापिका – उपसार्धसहस्र (1500) श्लोकाः सन्ति। तत्र त्रीणि काण्डानि सन्ति। अत:’त्रिकाण्डकोषः’ इति एतस्य अपरं नाम। तथा ‘नामलिङ्गानुशासनम्’ इति नाम्ना अपि विख्यात: एषः कोषः।
सुमेधा – ‘नामलिङ्गानुशासनम्’ इति शब्दस्य क: अर्थ:?
अध्यापिका – तदपि अस्य ग्रन्थस्य अपरं वैशिष्ट्यम्। अत्र न केवलं समानार्थकशब्दाः अपि तु तेषां लिङ्गनिर्देशः कृतः। तेन भाषायाः आकलनं प्रयोगः च सुकर: भवति।
स्वप्नीलः – आचार्ये, तेन वयं संस्कृतकाव्यानि नाटकानि च विनायासं पठितुं शक्नुमः खलु।
अध्यापिका – निश्चयेन! तर्हि इत:परं सर्वैः अमरकोषस्य पठनम् अवश्यं कर्तव्यमेव।

अनुवादः

नयन – आपणसुद्धा अमरकोष तोंडपाठ करूया. त्यात किती श्लोक आहेत?
शिक्षिका – जवळपास दीड हजार (1500) श्लोक आहेत. त्यात तीन काण्डे विभाग आहेत. म्हणूनच त्याचे दुसरे नाव त्रिकाण्डकोष असे आहे. शिवाय ‘नामलिङ्गानुशासन’ या नावाने सुद्धा हा कोष प्रसिद्ध आहे.
सुमेधा – ‘नामलिङ्गनुशासन’ या शब्दाचा अर्थ काय?
शिक्षिका – तेसुद्धा या ग्रंथाचे दुसरे वैशिष्ट्य आहे. यात फक्त समानार्थी शब्दच नाहीत पण त्यांचा लिंगनिर्देश सुद्धा केला आहे. त्यामुळे भाषा समजणे आणि प्रयोग करणे सोपे होते.
स्वप्नील – बाई! त्यामुळे आपण संस्कृत काव्य आणि नाटक यांचा अगदी सहज करू शकतो.
शिक्षिका – निश्चितच! तर इथूनपुढे आपण सर्वांनी अमरकोषाचा अभ्यास केला पाहिजे.

Nayan: We too shall learn Amarakosha by heart. How many verses are there?
Teacher: There are one thousand and five hundred verses. There are three chapters. Hence its other name is त्रिकाण्डकोष. Apart from this thesaurus is also popularly known as नामलिङ्गानुशासनम्.
Sumedha: What’s the meaning of नामलिङ्गानुशासनम्?
Teacher: That’s the another frature of this thesaurus. It doesn’t have just synonyms for the words but gender specification is also mode. Because of that understanding and use of language gets easy.
Swapnil: Teacher, then we can study the Sanskrit poetry as well as drama without much efforts!
Teacher: Definitely ! so now onwards we all should learn Amarakosha.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

सन्धिविग्रहः

  • तथैव- तथा + एव।
  • तथैव – तथा + एव ।
  • उच्चारणमपि – उच्चारणम् + अपि।
  • वयमपि – वयम् + अपि ।
  • तदपि – तत् + अपि।
  • कर्तव्यमेव – कर्तव्यम् + एव।

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समानार्थकशब्दाः

  • आचार्या – अध्यापिका, शिक्षिका।
  • भाषा – वाक्, वाणी, भारती।
  • उपयोगः – उपयोजनम्।
  • पण्डितः – विद्वान्, धीमान्।
  • छात्राः – विद्यार्थिनः।
  • लाभः – उपयोगः।
  • ग्रन्थः – पुस्तकम्।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • भिन्ना × समाना।
  • विशाला × लघु।
  • आवश्यक: × अनावश्यकः।
  • सुयोग्य: × अयोग्यः।
  • पण्डित: × मूढः ।
  • सुलभम् × कठिनम्, दुष्करम्।
  • शुद्धम् × अशुद्धम्।
  • विख्यातः × कुख्यातः।
  • सुकरः × दुष्करः।

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शब्दार्थाः

  1. ग्रन्थालयः – library – ग्रंथालय, वाचनालय
  2. आचार्या – teacher – शिक्षिका
  3. शास्त्रम् – science, scripture – विज्ञान, शास्त्र
  4. कोषः – dictionary – कोष
  5. सङ्ग्रह: – collection – साठा / संग्रह
  6. वित्तकोष – bank – बैंक
  7. उपयोग: – usage – उपयोग
  8. सुयोग्य: – apt – बरोबर
  9. संभाषण – conversation – संभाषण
  10. भाषाप्रभुत्वम् – command on language – भाषेवरील प्रभुत्व, पकड
  11. ज्ञानप्राप्त्यर्थम् – to aquire knowledge – ज्ञान मिळवण्यासाठी
  12. विशेषः – special, distinct – विशेष
  13. शब्दसंपत्तिः – vocabulary – शब्दसंपत्ती
  14. पण्डितः – scholar – विद्वान
  15. रचयिता – composer – रचणारा
  16. पुरातनकाले – in ancient times – पुरातन काळात
  17. गुरुकुल – abode of Guru – गुरुकुल
  18. कण्ठस्थम् – learn by heart – पाठांतर
  19. पद्यमयः – in verse form – पद्य
  20. गेयः – fit to sing / melodious – गाण्यायोग्य
  21. वृध्दिं गच्छति – increases – वाढते
  22. स्मरणशक्तिः – memory – स्मरणशक्ती
  23. उच्चारणम् – pronunciation – उच्चार
  24. धारणाशक्ति: – retention power – धारणक्षमता
  25. श्लोकाः – verses – श्लोक
  26. काण्डानि – sections – विभाग, खंड
  27. लिङ्गनिर्देश: – gender – शब्दाच्या लिंगाविषयी
  28. specification – सूचना / उल्लेख
  29. आकलनम् – understanding – आकलन
  30. सुंकारः – easy – सोपा
  31. विनायासम् – easily – सोप्या रीतीने सहजपणे
  32. विख्यातः – famous, known – प्रसिद्ध

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम् Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम् Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
भिक्षुकस्य नाम किम् ?
उत्तरम् :
भिक्षुकस्य नाम स्वभावकृपणः।

प्रश्न 2.
स्वभावकृपणेन घट: कुत्र बद्धः?
उत्तरम् :
स्वभावकृपणेन घटः नागदन्ते बद्धः।

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प्रश्न 3.
सोमशर्मा कस्मात् भीतः भविष्यति ?
उत्तरम् :
सोमशर्मा कुक्कुरात् भीतः भविष्यति।

प्रश्न 4.
सक्तुपिष्टेन पूर्णः घट: कस्मात् कारणात् भग्नः ?
उत्तरम् :
‘स्वप्नमग्न: ध्यानस्थित : भिक्षुकः लगुडप्रहारम् अकरोत्।’ तस्मात् घट: भग्नः।

प्रश्न 5.
सोमशर्मपितुः नाम किम् ?
उत्तरम् :
स्वभावकृपणः इति सोमशर्मपितुः नाम।

प्रश्न 6.
स्वभावकृपणेन कटः कुत्र प्रसारित: ?
उत्तरम् :
स्वभावकृपणेन कटः कलशस्य अधस्तात् प्रसारितः।

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2. माध्यमभाषया उत्तरत।

प्रश्न 1.
स्वभावकृपणः किमर्थं पाण्डुरताम् अगच्छत्?
उत्तरम् :
विष्णुशर्मा विरचित ‘पञ्चतन्त्र’ या जगप्रसिद्ध कथासंग्रहातील ‘अपरीक्षितकारकम्’ या तंत्रावर आधारित ‘मनोराज्यस्य फलम्’ ही कथा आहे. स्वभावकृपण नावाच्या भिक्षुकाच्या दिवास्वप्न पाहणाच्या स्वैर वृत्तीमुळे अंती त्याला नुकसान सोसावे लागते हे या कथेत मांडले आहे.

स्वभावकृपण नावाचा भिक्षुक भिक्षेतून मिळालेल्या सातूच्या पिठाने भरलेला घड़ा दोरीने खुंटीला अडकवून त्या खाली झोपला. तेव्हाच तो भविष्यात काय काय होईल याचा विचार करू लागला, ते पीठ विकून आपल्याला पैसे मिळतील त्यातून आपण दोन बकऱ्या विकत घेऊ पुढे आधिक श्रीमंत झाल्यावर, गायी त्यानतर म्हैस असे करत करत अनेक घोडेही विकत घेऊ असे दिवास्वप्नच जणू तो पाहू लागला.

त्यातही पुढे सोने मिळवून आपले रूपवती कन्येबरोबर लग्न होईल व आपल्याला सोमशर्मा नावाचा मुलगा असेल एवढे भविष्यातील सर्व विचार करत असताना त्याचा मुलगा सोमशर्मा कुत्र्याला घाबरतो म्हणून स्वभावकृपण कुत्र्याला काठीने मारतो हे सर्व स्वप्नात पाहत असताना, तंद्रीत असल्याने प्रत्यक्षातही स्वभावकृपणाने तीच कृती केली व त्यामुळे वर बांधून ठेवलेला पीठाचा घडा फुटला.

त्यातील पीठ स्वभावकृपणावर सांडल्यामुळे तो पांढरा झाला. जे घडलेलेच नाही त्या भविष्यातील गोष्टींचा सतत विचार करणे या अविवेकी वर्तनामुळे वर्तमानातील गोष्टीही भिक्षुक गमावून बसला.

The story ‘मनोराज्यस्य फलम् is based on the principle of ‘अपरीक्षितकारकम्’ from ‘पञ्चतन्त्र’ composed by विष्णुशर्मा, Amonk named स्वभावकृपण slept under a pot in which he had kept the flour of sattu. He started dreaming about his future.

He thought that he would sell the flour in the time of famine and earn hundred rupees. With those hundred rupees he would buy two goats. With those goats he would buy cows and with cows buffaloes. With them he would buy mares.

This is how he would earn a lot of gold with which he would build a mansion and get married to a beautiful girl. They would have a son whom he would name as सोमशर्मा, Once adog would come near his sons and he would hit that dog with wooden rod. Thinking this he actually hit and shattered the pot and got whitened. Day-dreaming always leads to losing what we actually have.

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प्रश्न 2.
‘अपि दिवास्वप्नदर्शनं योग्यम् ?” इति कथायाः आधारेण लिखत ।
उत्तरम् :
विष्णुशर्मा विरचित ‘पञ्चतन्त्र’ या जगप्रसिद्ध कथासंग्रहातील ‘अपरीक्षितकारकम्’ या तंत्रावर आधारित ‘मनोराज्यस्य फलम्’ ही कथा आहे भिक्षुकाच्या दिवास्वप्न पाहण्याच्या वृत्तीचे कथेच्या अंती त्याला मिळालेले फळ अविवेकी वृत्तीने वर्तन केल्यास नुकसानच पदरी पडते हा उपदेश नकळतपणे मनावर बिंबवणारेच ठरते.

भिक्षेतून मिळालेले सातूचे पीठ एका घड्यात ठेवून तो घडा दोरीने खुंटीला अडकवून स्वभावकूपण त्या खालीच झोपला व तो भविष्यातील गोष्टींची दिवास्वप्ने रंगवू लागला. पीठ विकून पैसे मिळवेन इथपासून ते पुढे पशुपालनाचा व्यवसाय व त्यातून सोने प्राप्त करेन अशी गुंफण स्वभावकृपण स्वप्नात करू लागला, त्याही पुढे लग्नाचे, संसाराचे, अपत्याचे दिवास्वप्न तो रंगवू लागला.

त्याच स्वप्नात मग्न होऊन गेलेले असताना भानावर नसल्यामुळे स्वप्नातील कृती तो प्रत्यक्षातही केली व सातूच्या पिठाचा घडा काठीच्या प्रहाराने फुटला. यावरून हाच उपदेश मिळतो की, दिवास्वप्न पाहणे अयोग्य आहे. स्वप्न पूर्ण करण्यासाठी कार्य न करताच असलेल्या गोष्टीही हातातून निसटून जातात. त्यामुळे भविष्यात प्रगती साधायची असेल तर त्या ध्येयावर लक्ष केंद्रित करुन सतत त्यादृष्टीने कृती करणे आवश्यक आहे. ‘Preperation is a key to success’ म्हणूनच दिवास्वप्न न पाहता सतत प्रयत्न करत राहिल्यास वर्तमान व भविष्यकाळातही यश संपादन करता येते.

In the lesson ‘मनोराज्यस्य फलम्’ a message about day-dreaming is conveyed through a very interesting story. This story is based on one of the five principles of ‘पञ्चतन्त्र’ i.e ‘अपरीक्षितकारकम्’. A monk had a pot full of flour of sattu. He slept under that pot. He started dreaming how he would get rich after selling that flour in famine. Actually, there was no such situation of famine. He thought that he would sell flour of sattu and earn hundred rupees.

With that money, he would buy many animals and start a poultry business. In this way he would earn a lot of gold and build a mansion. He would get married to a beautiful girl and have a child whose name would beसोमशर्मा. Once when hthyref would be playing, a dog would come there and I would hit him with wooden rod.

While dreaming this he actually hit the pot and the pot got shattered. The flour on the basis of which the beggar was dreaming big things itself was vanished. The story tells us that a man should certainly dream big, but his dreams should be based on the reality.

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3. अ. सन्धिविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. तस्याधस्तात्
  2. सोमशर्मेति
  3. ततोऽहम् ।

उत्तरम् :

  1. तस्याधस्तात् – तस्य + अध: + तात्।
  2. सोमशमति – सोमशर्मा + इति।
  3. ततोऽहम् – तत: + अहम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

आ. वर्णविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. दुर्भिक्षम्
  2. रूपाढ्याम्
  3. ध्यानस्थितः
  4. स्वभावकृपणः

उत्तरम् :

  1. दुर्भिक्षम् – द् + उ + र + भ् + इ + क् + ष् + अ + म्।
  2. रूपाढ्याम् – र + ऊ + प् + आ + ढ् + य् + आ + म्।
  3. ध्यानस्थितः – ध् + य् + आ + न् + अ + स् + थ् + इ + त् + अः।
  4. स्वभावकृपणः – स् + व् + अ + भ + आ + व् + अ + क् + ऋ + प् + अ + ग् + अः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

4. समानार्थकशब्द लिखत।
कृपणः, दुर्भिक्षम्, अश्वः, धेनुः, सुवर्णम्, कुक्कुरः ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्द लिखत।
कृपणः, दुर्भिक्षम्, अश्वः, धेनुः, सुवर्णम्, कुक्कुरः ।
उत्तरम् :

  • कृपणः – कदर्यः, क्षुद्रः, किम्पचानः।
  • दुर्भिक्षम् – वर्षाभावः।
  • अश्वः – हयः, तुरगः, वाजी, घोटकः।
  • धेनुः – गौः।
  • सुवर्णम् – कनकम्, हेम, काञ्चनम्, हिरण्यम्।
  • कुक्कुरः – सारमेयः, शुनकः, कौलेयकः।

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम् Additional Important Questions and Answers

उचितं पर्यायं चिनुत ।

प्रश्न 1.
कोऽपि भिक्षुकः ………… स्म।
(अ) प्रतिवसामि
(आ) प्रतिवसति
(इ) प्रत्यवसत्
(ई) प्रत्यवसन्
उत्तरम् :
(आ) प्रतिवसति।

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प्रश्न 2.
कलशः ………… सम्पूरितः?
(अ) जलेन
(आ) धनेन
(इ) सक्तुपिष्टेन
(ई) रूप्यकेण
उत्तरम् :
(इ) सक्तुपिष्टेन।

प्रश्न 3.
भिक्षुक: अजाभिः प्रभूताः ………… ग्रहीष्यति।
(अ) अश्वाः
(आ) धेनूः
(इ) अश्वान्
(ई) महिषी:
उत्तरम् :
(आ) धेनूः

प्रश्न 4.
स्वभावकृपणस्य पुत्रस्य नाम …………।
(अ) सोमदेवः
(आ) विष्णुशर्मा
(इ) सोमशर्मा
(ई) देवदत्तः
उत्तरम् :
(इ) सोमशर्मा

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प्रश्न 5.
कोपाविष्ट: भिक्षुकः काम् अभिधास्यति ?
(अ) सोमशर्माणम्
(आ) अजाम्
(इ) भार्याम्
(ई) बालकम्
उत्तरम् :
(इ) भार्याम्

प्रश्न 6.
स्वप्ने भिक्षुक: कं ताडयिष्यति?
(अ) महिषीम्
(आ) अश्वम्
(इ) अजाम्
(ई) कुक्कुरम्
उत्तरम् :
(ई) कुक्कुरम्

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
यदि दुर्भिक्षं भवति तर्हि कस्य विक्रयणेन भिक्षुक: रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यति?
उत्तरम् :
यदि दुर्भिक्षं भवति तर्हि सक्तुपिष्टेन परिपूर्णघटस्य विक्रयेण रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यति।

प्रश्न 2.
स्वप्ने भिक्षुक: कति अजा: केष्यति?
उत्तरम् :
स्वप्ने भिक्षुक; अजाद्वयं क्रेष्य

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

प्रश्न 3.
वडवापसवत: किं भविष्यति?
उत्तरम् :
वडवाप्रसवतः प्रभूताः अश्वाः भविष्यन्ति ।

प्रश्न 4.
भिक्षुकः कीदृशीं कन्याम् इच्छति?
उत्तरम् :
भिक्षुकः प्राप्तवयस्का रूपाझ्या कन्याम् इच्छति।

सत्यं वा असत्यं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. भिक्षुकेन भिक्षया प्राप्तेन सक्तुपिष्टेन कलश: सम्पूरितः।
  2. भिक्षुकः भूमौ सुप्तः।
  3. भिक्षुकस्य नाम स्वभावकृपणः आसीत्।
  4. सोमशर्मा अन्धकारात् भीत: भविष्यति।
  5. लगुडप्रहारेण जलेन पूर्णः घट: भग्नः अभवत्।
  6. स्वभावकृपणः स्वप्नमग्नः आसीत् ।
  7. अश्वानां विक्रयणात्पभूतं सुवर्ण प्राप्स्यामि।
  8. स्वभावकृपणस्य पिता सोमशर्मा ।
  9. सुवर्णेन चतुःशालं गृहं सम्पत्स्यते।

उत्तरम् :

  1. सत्यम्
  2. असत्यम्
  3. सत्यम्
  4. असत्यम्
  5. असत्यम्
  6. सत्यम्
  7. सत्यम्
  8. असत्यम्
  9. सत्यम्

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शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  • कस्मिंश्चित् – क् + अ + स् + म् + इ + न् + श् + च् + ई + त्।
  • सम्पूरितः – स् + अ + म् + प् + ऊ + र + इ + त् + अः।
  • रज्ज्वा – र + अ + ज् + ज् + व् + आ।
  • बद्ध्वा – ब + अ + द् + ध् + व् + आ।
  • प्रसार्य – प् + र + अ + स् + आ + र + य् + अ।
  • मत्समीपम् – म् + अ + त् + स् + अ + म् + ई + प् + अ + म्।
  • कोपाविष्टः – क् + ओ + प् + आ + व् + ई + ष् + ट् + अः।
  • स्वप्नमग्नः – स् + व् + अ + प् + न् + अ + म् + अ + ग् + न् + अः।
  • षाण्मासिक – ष् + आ + ण + म् + आ + स् + इ + क + अ।
  • ग्रहीष्यामि – ग् + र् + अ + ह् + ई + ष् + य् + आ + म् + इ।

प्रवनिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. लगुडप्रहारेण: घट: भग्नः अभवत्।
  2. सोमशर्मा कुक्कुरात् भीत: भविष्यति।
  3. अश्वानां विक्रयणात्प्रभूतं सुवर्णं प्राप्स्यामि।

उत्तरम् :

  1. केन घट: भग्नः अभवत्?
  2. सोमशर्मा कस्मात् भीतः भविष्यति?
  3. केषां विक्रयणात्प्रभूतं सुवर्ण प्रास्यामि?

त्वान्त/ल्यबन्त/तुमन्त अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ढ्वा / इत्वा अयित्वाल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्यतुमन्त अव्यय   थातु + तुम् / धुम् / टुम् / ढुम् / इतुम् / अयितुम्
बद्ध्वाप्रसार्य
दृष्ट्वासमुत्थाय

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • प्रथमा – भिक्षुकः, कलश:, अयम्, परिपूर्णः, घटः, नाम, अहम्, अजा, वडवाः, अश्वाः, धनिकः, पुत्र:, सः, सोमशर्मा, अहम्, कुक्कुरः,सः, घटः, पाण्डुरः, सोमशमपिता, ध्यानस्थितः।
  • द्वितीया – तम्, घटम्, कटम्, धेनूः, महिषी:, सुवर्णम्, गृहम, कन्याम, रूपाढ्याम्, बालकम, भार्याम्, कुक्कुरम्, लगुडप्रहारम्, चिन्ताम्, माम्।
  • तृतीया – तेन, भिक्षया, सक्तुपिष्टेन, विक्रयणेन, रज्ज्वा, अजाभिः, धेनुभिः, महिषीभिः, सुवर्णेन, लगुडेन, प्रहारेण।
  • चतुर्थी – महाम् पझमी – ताभ्याम्
  • पञ्चमी – तस्मात्।
  • षष्ठी – अस्य, तेषाम् , आवयोः, तस्य, मम।
  • सप्तमी – नगरे, नागदन्ते, विषये।

लकारं लिखत।

  • प्रतिवसति – प्रति + वस् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं लट्लकार प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • अचिन्तयत् – चिन्त् धातुः दशमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लङ्लकारः प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • प्राप्स्यामि – प्र + आप् धातुः पञ्चमगण: परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • वेष्यामि – की धातुः नवमगणः परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • भविष्यति – भू धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं लूट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • ग्रहीष्यामि – गृह धातुः नवमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपद लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • दास्यामि – दा धातः प्रथमगण:/तृतीयगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • करिष्यामि – कृ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • आगमिष्यति – आ + गम् धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं लुट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • अभिधास्यामि – अभि + धा धातु: तृतीयगणः परस्मैपदं लट्ल कार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • श्रोष्यति – शृ धातुः पञ्चमगण: परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • ताडयिष्यामि – ताधातुः दशमगण: परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • ब्रवीमि – ब्रूधातुः द्वितीयगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकारः उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • शेते – शी धातु: द्वितीयगण: आत्मनेपदं लट्लकारः प्रथमपुरुष: एकवचनम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

विशेषण-विशेष्य-सम्बन्ध: (स्तम्भमेलनं कुरुत)।

प्रश्न 1.

विशेष्यम्विशेषणम्
1. जानुचलनयोग्यःकन्या
2. चतुःशालम्सोमशर्मा
3. प्राप्तवयस्कागृहम्
4. स्वप्नमग्नःघट:
5. भग्नःचिन्ता
6. अनागतवतीभिक्षुकः

उत्तरम् :

विशेष्यम्विशेषणम्
1. जानुचलनयोग्यःसोमशर्मा
2. चतुःशालम्गृहम्
3. प्राप्तवयस्काकन्या
4.  स्वप्नमग्नःभिक्षुकः
5. भग्नःघट:
6. अनागतवतीचिन्ता

कः कं वदति।

प्रश्न 1.
“गृह्मण बालकम्”।
उत्तरम् :
स्वभावकृपणः/ भिक्षुकः भार्या वदति।

उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

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प्रश्न 1.
सक्तुपिष्टेन पूर्ण: घट: भग्नः अभवत् यतः……….।
a. स्वप्नमग्न; ध्यानस्थितः भिक्षुक: लगुडप्रहारम् अकरोत्।
b. घट: भूमौ अपतत्।
उत्तरम् :
सक्तुपिष्टेन पूर्ण: घटः भग्नः अभवत् यतः स्वप्नमग्नः ध्यानस्थित : भिक्षुकः लगुडप्रहारम् अकरोत्।

सूचनानुसारं वाक्यपरिवर्तनं कुरुत।

प्रश्न 1.
स: अचिन्तयत्।
(लट्लकारं योजयत।)
उत्तरम् :
स: चिन्तयति।

प्रश्न 2.
घटस्य विक्रयणेन रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यामि।
(लङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
घटस्य विक्रयणेन रूप्यकाणां शतं प्राप्नवम्।

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प्रश्न 3.
अजाभिः प्रभूताः धेनू: ग्रहीष्यामि।
(बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
अजाभिः प्रभूताः धेनूः ग्रहीष्यामः।

प्रश्न 4.
एकदा सोमशर्मा मां दृष्ट्वा मत्समीपम् आगमिष्यति।
(‘त्वान्त’ निष्कासयत।)
उत्तरम् :
एकदा सोमशर्मा मां दर्शविष्यति मत्समीपम् आगमिष्यति च।

प्रश्न 5.
स्वभावकृपणः सः पाण्डुरताम् अगच्छत्।
(‘स्म’ योजयत।)
उत्तरम् :
स्वभावकृपणः सः पाण्डुरतां गच्छति स्म।

समानार्थकशब्द योजयित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

  1. प्रभूता: – वडवाप्रसवतः प्रभूता: अश्वाः भविष्यन्ति। वडवाप्रसवत: बहवः/प्रचुराः अश्वा: भविष्यन्ति।
  2. पूर्णम् – यत्परिपूर्णोऽयं घटस्तावत् सक्तुपिष्टेन वर्तते। यत्परिसमग्र:/सकल:/अखण्डे ऽयं घटस्तावत् सक्तुपिष्टेन वर्तते।
  3. शोभनम् – बालस्य रूपं शोभनम् अस्ति। बालस्य रूपं सुन्दरं/रुचिरं/साधु अस्ति।
  4. कृपणः – कस्मिंश्चित् नगरे कश्चित् स्वभावकृपणो नाम कोऽपि भिक्षुकः प्रतिवसति स्म ।
    कस्मिंशित् नगरे कश्चित् स्वभावकदर्य:/क्षुद्रः/किंपचान: नाम कोऽपि भिक्षुकः प्रतिवसति स्म।

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व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नामसर्वनामक्रियापदम्विशेषणम्
स्वभावकृपणः, नगरे, भिक्षया, रज्ज्वा, नागदन्ते, कटम्, सक्तुपिष्टेन, अजा, धेनूः, धेनुभिः, महिषीभिः, वडवाः, भार्याम्, कुक्कुरम्, लगुडेनतेन, तम्, तत्, सः, अयम् अस्यः, अहम्, ताभ्याम्, तेषाम् माम्-माप्रतिवसति, वर्तते, भवति, अचिन्तयत्, प्राप्स्यामि, भविष्यति, ग्रहीष्यामि, सम्पत्स्यते, दास्यति, करिष्यामि आगमिष्यति, अभिधास्यामि, श्रोष्यति, ताडयिष्यामि, क्रेष्यामिसम्पूरित:, परिपूर्णः, प्रभूताः, प्रभूतम्, रूपाढ्याम्, पाण्डुर:

समासाः।

समस्तपदम्अर्थ:समासविग्रहःसमासनाम
स्वभावकृपणःmiser by natureस्वभावेन कृपणः।तृतीया तत्पुरुष समास।
कोपाविष्टःovercome by angerकोपेन आविष्टः।तृतीया तत्पुरुष समास।
लगुडप्रहार:blow of a stickलगुडस्य प्रहारः।षष्ठी तत्पुरुष समास।
जानुचलनम्walking by the kneesजानुभ्याम् चलनम्।तृतीया तत्पुरुष समास।
सक्तुपिष्टेनwith flour of sattuसक्तो : पिष्टं, तेन।षष्ठी तत्पुरुष समास।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

मनोराज्यस्य फलम् Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

भारतात कथाकथनाची परंपरा फार पूर्वीपासून आहे. शर्करावगुण्ठित उपदेश करून सहजपणे एखादे मूल्य पटविण्यासाठी गोष्ट हे प्रभावी माध्यम ठरते. विष्णुशर्मारचित पंचतंत्र या कथा संग्रहात पुढील 5 तंत्रे गोष्टीरूपाने मांडली आहेत.1) मित्रभेदः 2) मित्रसम्प्राप्तिः 3)काकोलुकीयम् 4)लब्धपणरा: 5) अपरीक्षितकारकम्. राजा अमरशक्तीच्या तीन मुलांना नीती व राज्यशास्त्राचे शिक्षण देण्यासाठी, व्यवहारज्ञानात चतुर बनविण्यासाठी विष्णुशर्माने हा ग्रंथ रचला.

विष्णुशर्मा विरचित ‘पंचतंत्र’ या जगप्रसिद्ध कथासंग्रहातील ‘अपरीक्षितकारकम्’ (अविचाराने केलेले काम) या तंत्रावर आधारित प्रस्तुत कथा आहे. आपल्या स्वप्नांच्या पूर्तीसाठी जिद्दीने झटणे आवश्यक असते. केवळ दिवास्वप्न पाहून, न घडलेल्या गोष्टींबद्दल विचार करत राहिल्यास वर्तमानात असलेल्या गोष्टीही हातातून निघून जातात, हा बोध भिक्षुकाच्या या कथेतून मिळतो.

India has a wide history of story literature. Stories have been a very strong and effective method of inculcating moral and ethical things since time immemorial A classical example of this is king Amarshakti whose sons could not be taught by any traditional means.

It uses only when the scholar Vishnusharma took them into this fold and narrated to them stories that could make them proficient in administration. It is these stories which form the basis of the five principles of पञ्चतन्त्र – 1) मित्रभेद: 2) मित्रसम्प्राप्ति: 3) काकोलूकीयम् 4) लब्धप्रणाश: 5) अपरीक्षितकारकम् The present story is taken from the अपरीक्षितकारकम् which deals with the effect of actions done without proper thinking. This story presents to us the ill-effects of daydreaming and building castles in air without proper action to follow it.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

परिच्छेद : 1

कस्मिंश्चित् ………………. शतं प्राप्स्यामि।
कस्मिंश्चित् नगरे कश्चित् स्वभावकृपणो नाम कोऽपि भिक्षुकः प्रतिवसति स्म । तेन भिक्षया प्राप्तेन सक्तुपिष्टेन कलश: सम्पूरितः । तं च घट नागदन्ते रज्ज्वा बद्ध्वा तस्याधस्तात् कटं प्रसार्य सततं तद्विषये चिन्तयन् सः सुप्तः । स: अचिन्तयत् – “यत्परिपूर्णोऽयं घटस्तावत् सक्तुपिष्टेन वर्तते । यदि दुर्भिक्षं भवति तर्हि अस्य विक्रयणेन रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यामि ।

अनुवादः

कोण्या एका नगरात कोणी एक स्वभावकृपण नावाचा भिक्षुक राहात असे. त्याने भिक्षा मागून मिळालेल्या सातूच्या पिठाने घडा पूर्ण भरला, आणि (त्याने) त्या घड्याला दोरीने खुंटीवर बांधून त्याच्या खालीच चटई पसरून सतत त्या विषयीच विचार करत तो (तिथे) झोपला. त्याने विचार केला – “हा घडा सातूच्या पिठाने पूर्ण भरलेला आहे. जर दुष्काळ पडला तर याच्या (सातूच्या पीठाच्या) विक्रीतून शंभर रूपये मिळवेन.

In certain city there lived a certain monk named स्वभावकृपण. He filled a pot with the flour of sattu which he obtained as alms. After hanging that pot with a rope to the nail, spreading a mat exactly below it, he fell asleep constantly thinking about it. He thought this pot is filled with sattu flour. If there is a famine, (scarcity of food) I’ll get hundred rupees by selling it.

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परिच्छेद : 2

ततस्तेन ………….. जानुचलनयोग्यः भविष्यति।
ततस्तेन अहम् अजाद्वयं क्रेष्यामि। तत: पाण्मासिक-प्रसववशात् ताभ्यां यूथः भविष्यति। ततोऽजाभिः धेनू: ग्रहीष्यामि, धेनुभिः महिषी:, महिषीभिः वडवाः, वडवाप्रसवतः प्रभूता: अश्वाः भविष्यन्ति । तेषां विक्रयणात्प्रभूतं सुवर्ण प्राप्स्यमि। सुवर्णेन चतु:शालं गृहं सम्पत्स्यते। ततः कश्चित् धनिकः प्राप्तवयस्कां रूपाढ्यां कन्यां मां दास्यति । आवयोः पुत्रः भविष्यति । तस्याहं सोमशमति नाम करिष्यामि । तत: स: जानुचलनयोग्यः भविष्यति।

अनुवादः

त्यानंतर त्यातून मी दोन बकऱ्या विकत घेईन. त्यानंतर सहा महिन्यांनी त्यांच्या प्रजननातून त्यांचा कळप तयार होईल. त्यानंतर पुष्कळ बकऱ्या झाल्यावर गायी विकत घेईन. गाईंनंतर म्हशी, म्हशींनंतर घोड्या, घोड्यांच्या प्रजननातून पुष्कळ घोडे जन्माला येतील. त्यांच्या विक्रीतून पुष्कळ सोने मिळवेन.

त्या सोन्यामुळे चौसोपी घर होईल. तेव्हा कोणी एक धनिक वयात आलेली रूपवती कन्या मला देईल. आम्हां दोघांना मुलगा होईल. त्याचे मी सोमशर्मा असे नाव ठेवेन त्यानंतर तो रांगू लागेल.

Then, with that, I shall buy two goats. Then, after six month of their pro-creation, there will be a flock of them. Then with the goats, I shall get cows, with the cows buffaloes, with the buffaloes, many mares, from many mares there will be many horses.

I shall obtain lots of gold by selling them. With the gold there will be a mansion (four buildings enclosing a quadrangle). Then some rich man will give me his beautiful daughter of marriageable age. Then we will have a son. I will name him as Somasharma. Then he’ll be able crawl on knees.

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परिच्छेद : 3

एकदा सोमशर्मा ………… यया ।।
एकदा सोमशर्मा मां दृष्ट्वा मत्समीपम् आगमिष्यति । ततोऽहं कोपाविष्टः अभिधास्यामि भार्याम्, “गृहाण बालकम्’ इति । साऽपि मम वचनं न श्रोष्यति । तावत्काले कश्चन कुक्कुरं तत्र आगमिष्यति । सोमशर्मा तस्मात् भीतः भविष्यति। ततोऽहं समुत्थाय लगुडेन तं कुक्कुर ताडयिष्यामि।” एवं स्वनमग्नः ध्यानस्थितः सः तथैव लगुडप्रहारम् अकरोत् । तेन लगुडपारेण सक्तुपिष्टेन पूर्णः सः घट: भग्नः अभवत् । स्वभावकृपणः सः पाण्डुरताम् अगच्छत् । अत: ब्रवीमि – अनागतवती चिन्तामसम्भाव्यां करोति यः । स एव पाण्डुर: शेते सोमशर्मपिता यथा ।।

अनुवादः

एकदा सोमशर्मा मला पाहून माझ्याजवळ येईल. तेव्हा रागावलेला मी पत्नीला म्हणेन, “मुलाला घे.” ती सुद्धा माझे बोलणे ऐकणार नाही. त्याचवेळी कोणी एक कुत्रा तेथे येईल. सोमशर्मा त्याला घाबरेल. तेव्हा मी उठून काठीने त्या कुत्र्याला मारेन, अशा प्रकारे स्वप्नात गढून गेल्याने विचारमग्न झालेल्या त्याने तशाच प्रकारे काठीचा प्रहार केला. त्या काठीच्या प्रहाराने सातूच्या पिठाने भरलेला तो घडा फुटला. तो स्वभावकृपण पांढरा झाला.

म्हणून म्हणतो – अद्याप न घडलेल्या गोष्टींची आणि अशक्य गोष्टींची जो उगाचच चिंता करतो (विचार करतो), तो झोपलेल्या सोमशाच्या पित्याप्रमाणेच पांढरा होतो.

Once after seeing me Heref will come to me. Then, I will angrily say to my wife ” Take the boy”. She too will not hear my words. By that time, a certain dog will come there. Somasharma will get scared of it. Then after getting up, I shall hit that dog with a stick.

Thus engrossed in the dream he who was thinking, struck a blow with the stick. Due to the blow of the stick, the pot filled with sattu flour was shattered (broke) and that स्वभावकृपण got all whitened. Hence I tell you, he who sleeps over (worries over) something yet to come, or something impossible, gets whitened (pale) just like Somasharma’s father who was sleeping.

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सन्धिविग्रहः

  • कश्चित् – क: + चित्।
  • ततस्तेन – ततः + तेन। ततोऽजाभिः – ततः + अजाभिः।
  • तस्याहम् – तस्य + अहम्।
  • विक्रयणात्प्रभूतम् – विक्रयणात् + प्रभूतम्।
  • तावत्काले – तावत् + काले।
  • चिन्तामसम्भाव्याम् – चिन्ताम् + असम्भाव्याम्।
  • साऽपि – सा + अपि।
  • तथैव – तथा + एव।
  • स्वभावकृपणो नाम – स्वभावकृपणः + नाम।
  • कोऽपि – क: + अपि।
  • तद्विषये – तत् + विषये।
  • यत्परिपूर्णोऽयम् – यत् – परिपूर्ण: + अयम्।
  • घटस्तावत् – घटः + तावत् ।
  • कस्मिंचित् – कस्मिन् + चित् ।

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समानार्थकशब्दाः

  • भिक्षुकः – भिक्षुः, परिव्राजकः, परिव्राट्।
  • रज्जुः – गुणः, सूत्रम्।
  • नगरम् – पत्तनम्, पुरी।
  • कलशः – घटः, कुम्भः ।
  • वडवा – अश्वा, वामी।
  • कन्या – तनया, पुत्री, दुहिता।
  • पुत्रः – आत्मजः, सुतः, सुनः।
  • प्रभूताः – बहुलाः, बहवः।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • सुप्तः × जागरितः।
  • पूर्णः × अपूर्णः ।
  • प्रभूताः × स्तोकाः।
  • समीपे × दूरे।

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शब्दार्थाः

  1. स्वभावकृपणः – miserly by nature – स्वभावाने कंजूष
  2. सक्तुपिष्टम् – saktu flour – सातूचे पीठ
  3. नागदन्तः – bracket on the wall – खुंटी
  4. दुर्भिक्षम् – famine – दुष्काळ
  5. विक्रयणेन – by selling – विकून
  6. बद्ध्वा – having tied – बांधून
  7. प्रसार्य – having spread – पसरून
  8. अजा – goat – बकरी, शेळी
  9. महिषी – buffalo – म्हैस
  10. वडवा – mare – घोड़ी
  11. अश्वः – horse – घोडा
  12. प्रभूतम् – a lot – पुष्कळ
  13. प्राप्तवयस्का – of proper age – वयात आलेली
  14. जानुचलनयोग्य: – able to crawlon knees – रांगण्यायोग्य
  15. भ्यूथः – flock / shed – समूह, कळप
  16. ‘चतुःशालम् – quadrangle with four building (mansion) – वाडा
  17. मत्समीपम् – near me – माझ्याजवळ
  18. कोपाविष्टः – angry – अतिशय रागावलेला
  19. अभिधास्यामि – I will say – मी बोलेन
  20. गुहाण – you take – तू घे
  21. कुक्कुरः – dog – कुत्रा
  22. समुत्थाय – after getting up – उठून
  23. लगुडेन – with a stick – काठीने
  24. पाण्डुरः – white – पांढरा
  25. अनागतवती – not arrived – न आलेली
  26. असम्भाव्यम् – impossible – अशक्य
  27. शेते – sleeps – झोपतो

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 10 मुझे जानो Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 10 मुझे जानो

5th Standard Hindi Digest Chapter 10 मुझे जानो Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नांकित चित्रों और उनके नामों की उचित जोड़ियाँ मिलाओ:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो 1
उत्तर:

  1. बस
  2. डायरी
  3. शर्ट
  4. रेडिओ
  5. ट्रक
  6. ऑटो
  7. शिप
  8. कप

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 10 मुझे जानो Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
स्वर विज्ञान के द्वारा अंग्रेजी एवं हिन्दी के वर्ण दिए गए हैं, जिन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए:
उत्तर:
A B C D E F G H I J K L M N O T U V W X Y Z
अ ब क ड इ फ ग ह इ ज क ल म न ओ ट उ व व क्ष य झ /ज़
उदाहरणः
राम – Ram कमल – Kamal घर – Ghar

प्रश्न 2.
उदाहरण के अनुसार शब्दों के नाम रोमन लिपी (अंग्रेजी) में लिखिए:
उत्तर:
उदाहरण – जहाज़ – Jahaz

  1. शर्ट – shirt
  2. प्लेट – plate
  3. कृष्णा – Lord krishna
  4. पैसा – paisa
  5. कॉफी- coffee
  6. डॉक्टर – doctor
  7. हिन्दी – Hindi
  8. ब्रश – Brush
  9. सी.डी. – C.D.
  10. मोबाइल – mobile
  11. सूटकेस – suitcase
  12. किताब – kitab
  13. बैग – bag
  14. रुपया – Rupya
  15. चाय- chai
  16. गाना – gana
  17. घड़ी – Ghadi
  18. मेला – Mela
  19. लड़का – Ladka
  20. पाउडर – Powder

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को देवनागरी लिपि (हिन्दी) में लिखिए:
उत्तर:

  1. Komal – कोमल
  2. carpet – कारपेट
  3. engine – इंजिन
  4. Ishaan – ईशान
  5. train – ट्रेन
  6. phone – फोन
  7. chawal- चावल
  8. Dal – दाल
  9. chowk – चौक
  10. plastic – प्लास्टिक
  11. kalam – कलम
  12. Simran – सिमरन

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वर्गों की बाराखड़ी को पढ़िए एवं लिखिए:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो 2
उत्तर:

शब्दलिप्यंतरणअनुवाद
पैसाPaisaRupee (अंग्रेजी)
बैलBailBull (अंग्रेजी)
बोटBoatनाव (हिन्दी)
कलरColourरंग (हिन्दी)
कम्प्यूटरComputerसंगणक (हिन्दी)
सिजरscissorकैंची (हिन्दी)

प्रश्न 5.
देवनागरी लिपि (हिन्दी) एवं रोमन लिपि (अंग्रेजी) की उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. उँगली(अ) house (Ghar)
2. अंगूठी(आ) khakee
3. हाथ(इ) hair (Bal)
4. बाल(ई) hand (Hath)
5. घर(उ) game(Khel)
6. खाकी(ऊ) shoe(Jute)
7. जूता(ए) ring (Anguthi)
8. खेल(ऐ) finger (Ungali)

उत्तरः

(अ)(ब)
1. उँगली(ऐ) finger (Ungali)
2. अंगूठी(ए) ring (Anguthi)
3. हाथ(ई) hand (Hath)
4. बाल(इ) hair (Bal)
5. घर(अ) house (Ghar)
6. खाकी(आ) khakee
7. जूता(ऊ) shoe(Jute)
8. खेल(उ) game(Khel)

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो

प्रश्न 6.
अपने मित्रों का नाम देवनागरी तथा रोमन लिपि में लिखिए:

  1. मोहन – ……………………….
  2. रमन – ……………………….
  3. हरी – ……………………….
  4. सीमा – ……………………….
  5. रहीम – ……………………….
  6. सीता – ……………………….

उत्तर:

  1. Mohan
  2. Raman
  3. Hari
  4. Seema
  5. Rahim
  6. Sita

प्रश्न 7.
पढ़ो और समझोः
उत्तर:

  1. क् + ष = क्ष – क्षमा, कक्षा
  2. त् + र = त्र – पत्र, चित्र
  3. ग् + य = ज्ञ – यज्ञ, ज्ञान
  4. श् + र = श्र – श्रम, श्रेय
  5. क् + त = क्त – भक्त, रक्त
  6. क् + क = क्क – पक्का, चक्का
  7. क् + ख = क्ख – मक्खी, चक्खा
  8. च् + छ = च्छ – अच्छा, गुच्छा
  9. ट् + ठ = ट्ठ – गट्ठा, कवट्ठी
  10. त् + त = त्त – पत्ता , गत्ता
  11. त् + य = त्य – सत्य, हत्या
  12. द् + द = द्द – गद्दी, भद्दा
  13. द् + ध = द्ध – श्रद्धा, युद्ध
  14. प् + य = प्य – प्यास, प्यारा
  15. ल् + ल्ल = ल्ल – पिल्ला, दिल्ली
  16. स् + य = स्य – स्यार, स्याही
  17. श् + य = श्य – श्याम, श्यामा
  18. ब् + ब = ब्ब – अब्बा, डिब्बा
  19. ष् + ट = ष्ट – कष्ट, रुष्ट

प्रश्न 8.
नीचे दिए गए वाक्य फिर से लिखिए:
उत्तर:

  1. शर्म कर।
  2. गर्म खा ।
  3. पर्व मना।
  4. ट्रक चला।
  5. धर्म पर चल ।
  6. ट्रॉफी जीत ।
  7. प्रेम कर।
  8. वज्र उठा।
  9. प्रश्न कर।
  10. कर्म कर ।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 मुझे जानो

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 4 बालिका दिवस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

5th Standard Hindi Digest Chapter 4 बालिका दिवस Textbook Questions and Answers

1. पढो, समझो और लिखो:

प्रश्न 1.
पढो, समझो और लिखो:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 4 बालिका दिवस Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
14 नवम्बर को किस नेता का जन्मदिन मनाया जाता है?
उत्तर:
14 नवम्बर को जवाहरलाल नेहरूजी का जन्मदिन मनाया जाता है।

प्रश्न 2.
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को हम किस रूप में मनाते हैं?
उत्तर:
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को हम बालदिवस के रूप में मनाते हैं।

प्रश्न 3.
शिक्षक दिवस कब आता है?
उत्तर:
शिक्षक दिवस पाँच सितम्बर के दिन आता है।

प्रश्न 4.
‘शिक्षक दिवस’ किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर:
शिक्षक दिवस’ भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 5.
आपके आस-पड़ोस में कितने परिवार रहते हैं?
उत्तर:
हमारे आस-पड़ोस में कुल दस परिवार रहते हैं।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 6.
आपकी कक्षा में कुल कितने विद्यार्थी हैं? उनमें से कितने लड़के और कितनी लड़कियाँ हैं?
उत्तर:
हमारी कक्षा में कुल 30 विद्यार्थी हैं। उनमें से 15 लड़के और 15 लड़कियाँ हैं।

प्रश्न 7.
किसके शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है?
उत्तर:
एक लड़की के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। (छात्रों के अनुसार प्र. 5 और प्र. 6 के उत्तर अलग – अलग हो सकते हैं।)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
कक्षा में कौन बहुत तैयार होकर आया है?
उत्तर:
कक्षा में सृष्टि बहुत तैयार होकर आई है।

प्रश्न 2.
‘बालिका दिवस’ किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर:
‘बालिका दिवस’ सावित्री बाई फुले के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 3.
महाराष्ट्र की प्रथम शिक्षिका कौन मानी जाती हैं?
उत्तर:
‘सावित्रीबाई फुले’ महाराष्ट्र की प्रथम शिक्षिका मानी जाती हैं।

प्रश्न 4.
लड़कियों के लिए पहली पाठशाला कहाँ खोली गई?
उत्तर:
लड़कियों के लिए पहली पाठशाला पुणे में खोली गई।

प्रश्न 5.
इस पाठ में किस दिवस की जानकारी है?
उत्तर:
इस पाठ में ‘बालिका दिवस’ की जानकारी है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 6.
दूर्वा के घर और कौन-कौन है?
उत्तर:
दूर्वा के घर चाचाजी और बड़े भैया भी हैं।

प्रश्न 7.
सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन बालिका दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि उन्होंने लड़कियों के लिए पहली पाठशाला शुरू की थी।

प्रश्न 8.
किन क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान है?
उत्तर:
समाजसेवा, शिक्षा, विज्ञान, संगीत, प्रशासन, शोधकार्य और खेलकूद आदि क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:

प्रश्न 1.
तीन जनवरी को कौन – सा दिवस मनाया जाता है?
उत्तर:
बालिका दिवस।

प्रश्न 2.
सावित्रीबाई फुले के पति का नाम बताइए?
उत्तर:
महात्मा ज्योतिबा फुले।

प्रश्न 3.
सभी लड़कियाँ कहाँ जाती हैं?
उत्तर:
पाठशाला।

प्रश्न 4.
हमें स्वावलंबी और सजग कौन बनाती है?
उत्तर:
शिक्षा।

प्रश्न 5.
किसके शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है?
उत्तर:
लड़की।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 6.
निम्नलिखित दिवस कब मनाए जाते हैं ? लिखिए:

  1. स्वतंत्रता दिवस
  2. गणतंत्र दिवस
  3. बाल दिवस
  4. शिक्षक दिवस
  5. गाँधी जयंती
  6. महिला दिवस
  7. बालिका दिवस
  8. महाराष्ट्र दिवस

उत्तर:

  1. 15 अगस्त
  2. 26 जनवरी
  3. 14 नवम्बर
  4. 5 सितंबर
  5. 2 अक्टूबर
  6. 8 मार्च
  7. 3 जनवरी
  8. 1 मई

किसने किससे कहाः

प्रश्न 1.
आज तो तुम तैयार होकर आई हो।
उत्तर:
दूर्वा ने सृष्टि से कहा।

प्रश्न 2.
“आज तीन जनवरी बालिका दिवस है ना!”
उत्तर:
सृष्टि ने दूर्वा से कहा।

व्याकरण:

प्रश्न 1.
समान अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. दिवस
  2. प्रथम
  3. पाठशाला

उत्तर:

  1. दिन
  2. पहला
  3. विद्यालय

प्रश्न 2.
लिंग बदलिए:

  1. बालक
  2. बहन
  3. पति
  4. शिक्षक
  5. लड़का
  6. माता

उत्तर:

  1. बालिका
  2. भाई
  3. पत्नी
  4. शिक्षिका
  5. लड़की
  6. पिता

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

प्रश्न 3.
वचन बदलिए:
1. लड़की
2. बहन
उत्तरः
1. लड़कियाँ
2. बहनें

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्दों की जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ)(ब)
1. आजअंत
2. प्रथमदूसरी
3. आगेरात्रि
4. स्वावलंबीकम
5. सजगअशिक्षित
6. शिक्षितनिष्क्रिय
7. बहुतपरावलंबी
8. दिवसपीछे
9. पहलीअंतिम
10. शुरूकल

उत्तरः

(अ)(ब)
1. आजकल
2. प्रथमअंतिम
3. आगेपीछे
4. स्वावलंबीपरावलंबी
5. सजगनिष्क्रिय
6. शिक्षितअशिक्षित
7. बहुतकम
8. दिवसरात्रि
9. पहलीदूसरी
10. शुरूअंत

प्रश्न 10.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. साइना नहवाल(अ) राजनीति
2. इंदिरा गाँधी(आ) नासा वैज्ञानिक
3. कल्पना चावला(इ) महिला राष्ट्रपति
4. प्रतिभा पाटील(उ) राजनीति
5. सोनिया गाँधी(ऊ) बैडमिन्टन खिलाड़ी

उत्तरः

(अ)(ब)
1. साइना नहवाल(ऊ) बैडमिन्टन खिलाड़ी
2. इंदिरा गाँधी(उ) राजनीति
3. कल्पना चावला(आ) नासा वैज्ञानिक
4. प्रतिभा पाटील(इ) महिला राष्ट्रपति
5. सोनिया गाँधी(उ) राजनीति

बालिका दिवस Summary in Hindi

पाठ का सारांशः

प्रस्तुत पाठ में लड़कियों की पढ़ाई – लिखाई का महत्त्व बताया गया है। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ मिलकर लड़कियों की पहली पाठशाला पुणे में शुरू की थी। सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन ‘बालिका दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आजकल लड़कियाँ भी पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। इसलिए लड़कियों को पढ़ाना चाहिए। लड़का-लड़की दोनों को समान अधिकार मिलने चाहिए। एक लड़की के शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता है। इस प्रकार पाठ में शिक्षा का महत्त्व बताया गया है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

शब्दार्थ:

  1. समाजसेवा – लोगों की सेवा (social work)
  2. शिक्षा – पढ़ाई (education)
  3. प्रशासन – हुकूमत (administration)
  4. शोधकार्य – खोजकार्य (research)
  5. स्वावलंबी – स्वतंत्र (self dependent)
  6. सजग – जागृत, सावधान (alert)
  7. क्षेत्र – विभाग (field)
  8. विज्ञान – (science)

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

albharti Maharashtra State Board Class 5 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 19 अनुभव-२ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Marathi Sulabhbharati Solutions Chapter 19 अनुभव-२

5th Standard Marathi Digest Chapter 19 अनुभव-२ Textbook Questions and Answers

1. थोडक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न (अ)
आईला पाहताच मुलगा धावत का गेला?
उत्तर:
मुलाला आईच्या हातात दोन मोठ्या पिशव्या दिसल्या. त्या जड असाव्यात असे त्याला वाटले. आईला मदत करावी या विचाराने आईला पाहताच मुलगा धावत गेला.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

प्रश्न (आ)
आईचे हात कशामुळे लालेलाल झाले होते?
उत्तर:
आईच्या हातात दोन वजनदार पिशव्या होत्या. बराच वेळ त्या हातात धरल्याने ओझ्यामुळे आईचे हात लालेलाल झाले होते.

प्रश्न (इ)
आईला बरे का वाटले?
उत्तर:
आई दोन हातात वजनदार पिशव्या घेऊन एकटीच आली. तिचे हात त्या ओझ्यामुळे लालेलाल झाले होते. बराच वेळ ती स्वत:चे हात दाबत होती. आईच्या हातातील एक पिशवी मुलाने घेतल्यामुळे तिचे ओझे कमी झाले म्हणून तिला बरे वाटले.

प्रश्न (ई)
मुलाने किराणा सामान केव्हा आणायचे ठरवले? का?
उत्तर:
ज्या दिवशी शाळेला सुट्टी असेल तेव्हा किराणा सामान आणायला जायचे, असे मुलाने ठरवले. ज्यामुळे आईला पिशव्या उचलाव्या लागणार नाहीत.

2. खालील शब्दांत शरीराचे भाग असणारे शब्द शोधा.

प्रश्न 1.
खालील शब्दांत शरीराचे भाग असणारे शब्द शोधा.
उत्तर:

  1. पाठवणी
  2. यजमान
  3. आगबोट
  4. तोंडपाठ
  5. पोटपूजा
  6. पायपुसणी
  7. गालबोट
  8. नाकतोडा

3. खालील शब्द वाचा व तसेच लिहा.

प्रश्न 1.
खालील शब्द वाचा व तसेच लिहा.
सुट्टी, हुश्श, चक्कर, लख्ख, बग्गी, गच्च, सज्जन, लठ्ठ, उड्डाण, अण्णा, पत्ता, कथ्थक, जिद्द, घट्ट, अन्न, गप्पा, झिम्मा, अय्या, गल्ली, सव्वा.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

4. विरुद्ध अर्थाचे शब्द लिहा.

प्रश्न 1.
विरुद्ध अर्थाचे शब्द लिहा.
(अ) मोठे ×
(आ) हसणे ×
(इ) जड ×
(ई) खाली ×
(उ) जाणे ×
(ऊ) सांडणे ×

5. खालील शब्दात लपलेले शब्द शोधा.

प्रश्न 1.
खालील शब्दात लपलेले शब्द शोधा.
उत्तर:
(अ) सामानाला – माना, नाला, नामा, मासा, माला
(आ) बाजारात – बात, रात, बाजा, राबा, राजा
(इ) चाललीस – चाल, लली, लस, सल
(ई) मनापासून – सून, मन, पाना, पान

6. तुम्ही आईला कोणकोणत्या कामात मदत करता?

प्रश्न 1.
तुम्ही आईला कोणकोणत्या कामात मदत करता?
उत्तर:
आम्ही आईला अनेक कामात मदत करतो.
घरकाम –
1. कपड्यांच्या घड्या करणे.
2. पुस्तके कप्प्यात ठेवणे
3. आपल्या चप्पल/बूट व्यवस्थित ठिकाणी ठेवणे.

बाहेरील काम –
1. इस्त्रीचे लहान कपडे आणणे
2. बँकेत चेक टाकणे
3. वाण्याकडे यादी देणे इत्यादी
4. दळण टाकणे/आणणे.

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7. तुमच्या घराजवळील किराणामालाच्या दुकानात जा. तेथील वस्तूंची यादी करा व ती पुढील रकान्यात लिहा.

प्रश्न 1.
तुमच्या घराजवळील किराणामालाच्या दुकानात जा. तेथील वस्तूंची यादी करा व ती पुढील रकान्यात लिहा.
उत्तर:

सामाननग / किलो
तांदूळ5 किलो
गहू10 किलो
गूळ1 किलो
साखर2 किलो
सामाननग / किलो
चहा पावडर½ किलो
Toilet Soap3 नग
आगपेट्या1 बॉक्स
Lizol(मोठी बाटली)

8. जोड्या लावा.

प्रश्न 1.
पुढील जोड्या लावा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. लालेलाल(अ) केस
2. काळेकुट्ट(ब) दही
3. पांढरेशुभ्र(क) कुंकू
4. पिवळेधमक(ड) जांभूळ
5. जांभळट(इ) लिंबू
6. निळसर(ई) गवत
7. हिरवेगार(फ) आकाश

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. लालेलाल(क) कुंकू
2. काळेकुट्ट(अ) केस
3. पांढरेशुभ्र(ब) दही
4. पिवळेधमक(इ) लिंबू
5. जांभळट(ड) जांभूळ
6. निळसर(फ) आकाश
7. हिरवेगार(ई) गवत

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

9. कंसातील योग्य शब्द निवडून खालील वाक्ये पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
कंसातील योग्य शब्द निवडून खालील वाक्ये पूर्ण करा.
(असतो, हळूहळू, शाळा, लवकर, पडली)
(अ) संजू ………………….” उठतो.
(आ) गोगलगाय …………… चालते.
(इ) हा बंगला नेहमी बंद ………………..
(ई) ………………….. वेळेवर भरते.
(उ) यावर्षी खूप थंडी ………………. .

उपक्रम:

प्रश्न 1.
आईविषयी एखादी कविता मिळवा. पाठ करा व वर्गात म्हणून दाखवा.

Marathi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 19 अनुभव-२ Additional Important Questions and Answers

एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
आईकडे बघून मुलाला काय जाणवले?
उत्तर:
आईकडे बघून मुलाला जाणवले, की तिच्या हातातील पिशव्या खूप जड असाव्यात.

प्रश्न 2.
आईच्या हातातील पिशव्यांमध्ये काय होते?
उत्तर:
आईच्या हातातील पिशव्यांमध्ये महिन्याभराचं किराणा सामान होते.

प्रश्न 3.
मुलाने काळजीने आईला काय विचारले?
उत्तर:
“आई तू दर महिन्याला एवढं ओझं एकटीच घेऊन येतेस?”

प्रश्न 4.
पुढच्यावेळी आईबरोबर सामान आणायला कोण जाणार होते?
उत्तरः
पुढच्या वेळी आईबरोबर सामान आणायला मुलगा जाणार होता.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

एक ते दोन शब्दात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
1. मुलगा कुठे निघाला होता?
2. आईच्या पिशवीत काय होते?
3. आईचे हात कसे झाले होते?
उत्तरः
1. घरी
2. किराणा सामान
3. लालेलाल

थोडक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
आईबरोबर सामान आणायला गेल्याने मुलाला काय फायदा होणार होता?
उत्तर:
आईबरोबर सामान आणायला गेल्याने आईला तिच्या कामात मदत होणार होती व मुलाचे व्यवहारज्ञानही वाढणार होते.

प्रश्न 2.
तुम्ही आईला आणखी कोणत्या कामात मदत करू शकाल? ती कशी?
उत्तर:
सणावाराला किंवा घरात कुठला कार्यक्रम असेल तेव्हा घर स्वच्छ करण्यासाठी, सजवण्यासाठी आम्ही आईला मदत करू, तिच्या बरोबर बाजारात जाऊन भाजी घेण्यास, भाजी निवडण्यास आम्ही आईला मदत करू.

व्याकरण व भाषाभ्यास:

1. वाक्प्रचाराचा अर्थ सांगा व वाक्यात उपयोग करा.

प्रश्न 1.
गाठणे – एखादयाजवळ पोहोचणे
उत्तर:
पोलिसांनी चोराला गाठले.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

प्रश्न 2.
भाव गगनाला भिडणे – खूप महागाई होणे.
उत्तर:
सोन्याचे भाव दिवसेंदिवस गगनाला भिडत आहेत.

प्रश्न 3.
हुश्श करणे – मोकळा श्वास घेणे.
उत्तर:
वर्षभराची कामे पूर्ण झाल्यावर शिक्षकांनी हुश्श केले.

प्रश्न 4.
खालील शब्दात लपलेले शब्द शोधा.
उत्तर:

  1. वारसदार – दार, वारस, वार, वास, रस, सर
  2. हिरवागार -हिरवा, गार, वार, रवा
  3. समाहार – हार, मार, सहा, रस
  4. व्यवहारज्ञान – वन, ज्ञान, व्यवहार, वर

अनुभव-२ Summary in Marathi

पदयपरिचय:

आईबद्दलची काळजी आणि मुलाचा समजुतदारपणा या पाठात सांगितला आहे.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 19 अनुभव-२

शब्दार्थ:

  1. शाळा – विदयालय (school)
  2. घर – राहण्याचे ठिकाण (house)
  3. पिशव्या – (bags)
  4. सामान – माल (goods)
  5. किराणा सामान – वाण्याकडून घेतलेले सामान (grocery)
  6. दुकान – (a shop)
  7. दमणे – थकणे – (to tired)
  8. बाजार-हाट – (market)
  9. ओझं – (burden)
  10. काळजी – चिंता – (worry)
  11. व्यवहारज्ञान – (practical knowledge)
  12. जड – वजनदार – (heavy)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 20.1 विश्वकोश

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 20.1 विश्वकोश Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 20.1 विश्वकोश (स्थूलवाचन)

9th Std Marathi Kumarbharati Digest Chapter 20.1 विश्वकोश Textbook Questions and Answers

1. टिपा लिहा:

प्रश्न 1.
विश्वकोशाचा उपयोग.
उत्तर:
शिक्षणाचा प्रसार खूप झपाट्याने झाला. औदयोगिकीकरणामुळे समाजाच्या वैज्ञानिक व तांत्रिक गरजा वाढल्या. विविध प्रकारचे शब्द अस्तित्वात आले व भाषा समृद्ध झाल्या. त्यामुळे आजच्या यंत्रयुगातील व विज्ञानयुगातील माणसाला आपले ज्ञान विश्वव्यापी व अदययावत करण्यासाठी विश्वकोशाची गरज निर्माण झाली. मानव्यविदया, विज्ञान व तंत्रज्ञान यांतील सर्वसंग्रहित विषयांची माहिती व ज्ञान विश्वकोशात समाविष्ट असते. मुख्य विषय व त्याच्या संलग्न विषयांचे ज्ञान मिळवण्यासाठी विश्वकोशाचा अत्यंत निकडीचा उपयोग आहे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 20.1 विश्वकोश

प्रश्न 2.
विश्वकोशाची निर्मिती प्रक्रिया.
उत्तर:
मानव्यविदया, विज्ञान व तंत्रज्ञान यांतील सर्व विषयांचे अययावत ज्ञान संकलित करण्यासाठी विश्वकोशाची निर्मिती झाली. प्रथम विषयवार तज्ज्ञांच्या समितीची रचना करण्यात आली. प्रत्येक विषयाच्या नोंदीची शीर्षके निश्चित करण्यात आली. नोंदीचे तीन प्रकार करण्यात आले – मुख्य, मध्यम व लहान नोंदी. त्यांतील मुद्द्यांची टाचणे करण्यात आली.

नोंदींच्या मर्यादा आखून टाचणांमध्ये तशा सूचना दिल्या. प्रत्येक विषयातील नोंदींच्या त्यांच्या प्रकारांनुसार यादया तयार करण्यात आल्या. अकारविल्यानुसार या यादया क्रमवार लावण्यात आल्या. अशा प्रकारे 1976 साली महाराष्ट्र राज्य साहित्य संस्कृती मंडळाने मराठी विश्वकोशाचा पहिला खंड प्रकाशित केला. आतापर्यंत विश्वकोशाचे अठरा खंड प्रकाशित झाले आहेत.

2. ‘शब्दकोडे सोडवल्यामुळे भाषिक कौशल्य वाढते,’ याविषयी तुमचे मत लिहा.

प्रश्न 1.
‘शब्दकोडे सोडवल्यामुळे भाषिक कौशल्य वाढते,’ याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तर:
विविध मासिकांमधून व वर्तमानपत्रांमधून पुरवण्यांच्या द्वारे शब्दकोडी सर्रास दिली जातात. शब्दकोडे सोडवल्यामुळे अनेक जुने-नवे शब्द कळतात. आपली शब्दसंपत्ती वाढते. त्यामुळे बुद्धीत भर पडतेच पण आपल्याला शब्दांच्या अर्थछटा माहीत होऊन आपले ज्ञान वाढते. शब्दसमूहासाठी एक शब्द, एका शब्दांचे भिन्न अर्थ, प्रतिशब्द व विरुद्धार्थी शब्द यांचा बहुमोल खजिना लुटता येतो.

उदाहरणार्थ, जंगल या शब्दाला – अरण्य, रान, वन, कानन, विपीन असे पर्यायी शब्द कळल्यामुळे आपण शब्दसंपन्न होतो. शब्दकोडे सोडवताना गंमत येतेच, शिवाय बौद्धिक व मानसिक निर्मळ आनंद मिळतो. कालानुरूप शब्दांच्या अर्थकक्षा कशा रुंदावल्या व फैलावल्या यांची जाण शब्दकोड्यामुळे येते. अशा प्रकारे शब्दकोडे सोडवल्यामुळे भाषिक कौशल्य वाढते.

3. विश्वकोश पाहण्याचे तुमच्या लक्षात आलेले फायदे लिहा.

प्रश्न 1.
विश्वकोश पाहण्याचे तुमच्या लक्षात आलेले फायदे लिहा.
उत्तर:
आपल्याला माहीत नसलेल्या विषयांची सांगोपांग माहिती मिळवण्यासाठी विश्वकोश आपला मदतनीस होतो. त्या विषयाच्या अनुषंगाने असलेले संलग्न विषय कळतात व विषयसाखळीमुळे त्या त्या विषयाचे सखोल ज्ञान प्राप्त होते. आपले ज्ञानाविषयीचे कुतूहल शमवण्याचे विश्वकोश हे एक उत्तम साधन आहे. विश्वकोश पाहण्याने आपले जागतिक ज्ञानक्षेत्राचे क्षितिज विस्तारते. आपल्या अभिव्यक्तीला योग्य चालना मिळते. मराठी विश्वकोश हाताळल्यामुळे सर्व प्रकारचे प्रगल्भ व सूक्ष्म ज्ञान मराठी भाषेतून मिळते व आपल्या ज्ञानविषयक गरजा भागतात.

4. केशभूषेचे उद्देश सांगून, त्यात कोणत्या गोष्टींचा अंतर्भाव होतो, ते स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
केशभूषेचे उद्देश सांगून, त्यात कोणत्या गोष्टींचा अंतर्भाव होतो, ते स्पष्ट करा.
उत्तर:
मोकळे केस इतरांना दिसू नयेत, म्हणून पुरातन स्त्रियांनी केशबंधनाची कल्पना राबवली असावी. या कल्पनेतून केशभूषेचा उगम झाला असावा. लेण्यांमधल्या शिल्पकृतीत आढळणाऱ्या स्त्रियांनी केलेल्या प्राचीन केशरचनांचे अनुकरण भारतीय स्त्रिया करताना आढळतात. केशभूषेचा मुख्य उद्देश हा आकर्षकता व सौंदर्य वाढवणे हा आहे. सामाजिक संकेतानुसार प्रतीकात्मक केशभूषा करणे, हा केशभूषेचा सामाजिक उद्देश ठरतो. केशभूषेत केस कापणे, केस धुणे, नीट करणे, विंचरणे, कुरळे किंवा सरळ करणे या गोष्टींचा अंतर्भाव होतो.

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5. विश्वकोशाचा उपयोग तुम्हांला मराठी भाषेतील ज्ञान प्राप्त करण्यासाठी कसा होऊ शकेल, ते लिहा.

प्रश्न 1.
विश्वकोशाचा उपयोग तुम्हांला मराठी भाषेतील ज्ञान प्राप्त करण्यासाठी कसा होऊ शकेल, ते लिहा.
उत्तर:
मराठी भाषेतील कोणत्याही विषयाचे ज्ञान मिळवण्यासाठी मराठी विश्वकोश हे अतिशय उत्तम साधन आहे. ज्ञान, विज्ञान, तंत्रज्ञान, तत्त्वज्ञान, क्रीडा व कला इत्यादी अनेक ज्ञानक्षेत्रांबद्दलचे आपले कुतूहल पूर्ण करण्याचे कार्य मराठी विश्वकोशातर्फे सुलभ झाले आहे. मराठी भाषेची व्युत्पत्ती, तिचा इतिहास, वेदांपासून ते अदययावत साहित्याविषयीची सर्वांगीण माहिती व ज्ञान मिळवणे विश्वकोशामुळे सहज झाले आहे. मराठी भाषा ही माझी मातृभाषा आहे. तिच्यावर माझे नितांत प्रेम आहे. मराठी भाषेतील प्राचीन काव्य, अनेकविध रचनाबंध समजून घेण्यासाठी मला मराठी विश्वकोशाचा उपयोग होईल. मराठी भाषेतील अद्ययावत ज्ञानाने माझे व्यक्तिमत्त्व संपन्न होण्यास मदत होईल.

भाषा सौंदर्य:

विश्वकोश अकारविल्ल्यानुसार (अनुज्ञेय) पाहाबा हे आपल्याला कळले. त्यासाठी संपूर्ण वर्णमाला (आता अँव ऑ हे स्वर धरून) आपल्याला क्रमाने मुखोद्गत असायला हवी. त्या योग्य वर्णाची आणि त्यांची उच्चारस्थाने, परिपूर्ण आकलनही असावयास हवे. (उदा., स्वर, स्वरादी, व्यंजन, महाप्राण, मृदू व्यंजने, कठोर व्यंजने, अनुनासिके).

प्रश्न 1.
पुढील कोडे सोडवा:
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  1. पैसे न देता, विनामूल्य.
  2. पाणी साठवण्याचे मातीचे गोल भांडे.
  3. जिच्यात रेतीचे प्रमाण खूप जास्त असते अशी जमिनीची जात.
  4. रहस्यमय.
  5. खास महाराष्ट्रीय पक्वान्न. पोळ्या, मोदक, करंज्या यांमध्ये हे भरतात.

उत्तर:
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वरील कोडे वैशिष्ट्यपूर्ण आहे. त्याचे उत्तर तुम्हाला सोडवायचे आहे. हे कोडे सोडवल्यावर तुम्हांला निश्चितच भाषेचे सौंदर्य व गंमत लक्षात येईल. अशा कोड्यांचा अभ्यास करा. त्यातील भाषिक वैशिष्ट्ये समजून घ्या व अशी विविध वैशिष्ट्यांची कोडी तयार करण्याचा तुम्ही स्वतः प्रयत्न करा.

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मैत्री तंत्रज्ञानाशी:

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वडील: (सोनालीच्या आईशी बोलताना.) “अग, लाईटबिल भरण्याची अंतिम तारीख आजच आहे; पण आज माझी ऑफिसमध्ये महत्वाची मीटिंग आहे. काय करावं बरं?”

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सोनाली: “बाबा, एवढी काळजी कशाला करता, लाईट बिलच भरायचय ना? आणा इकडे, मी भरते एका मिनिटांत, तेही उन्हातान्हात बाहेर न जाता, धावपळ न करता.”

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सोनाली: “अग आई, एवढं आश्चर्यानं काय पाहतेस? आपल्याकडे संगणक आहे, आंतरजाल आहे. आता आपण ऑनलाईन बिल घरच्या घरी भरू शकतो. चल आई, मी तुला ऑनलाईन बिल कसे भरायचे ते दाखवते.”

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आई: (मुलगी ऑनलाईन बिल भरते. आई-वडील तिच्या कृतींचे निरीक्षण करतात.) “शाबास बाळा! किती आत्मविश्वासाने संगणक हाताळतेस. बाजार करणं, बिलं भरणं, खरेदी करणं, वस्तू विकणं, असे ऑनलाईन व्यवहार मलाही शिकव.”

प्रश्न 1.
कमी वेळात, कमी कष्टात ऑनलाईन प्रक्रियेद्वारे तुम्ही कोणकोणती कामे करू शकता? त्यांची यादी करा.
उत्तर:

  1. लाईट बिल भरणे
  2. टेलिफोन बिल भरणे
  3. गॅसचे बिल भरणे
  4. आवश्यक वस्तू खरेदी करणे
  5. वस्तू विकणे
  6. गृहोपयोगी वस्तूंची मागणी करणे
  7. प्रवासासाठी बस, रेल्वे, विमान किंवा खाजगी वाहन यांची बुकिंग करणे
  8. भेटवस्तू पाठवणे.

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उपक्रम:

प्रश्न 1.
ऑनलाईन व्यवहार करण्यासाठी उपलब्ध असलेले विविध अॅप्स कोणते?
त्यांचा वापर कसा करावा याविषयीची माहिती मिळवा.

विश्वकोश Summary in Marathi

पाठाचा परिचय:

या पाठात विश्वकोशाची ओळख करून दिली आहे. विश्वकोश का व कसा तयार झाला, वेगवेगळे संदर्भ मिळवण्याची आनंददायी प्रक्रिया, भाषासमृद्धी, तसेच एका विषयाच्या निमित्ताने अनेक संलग्न विषयांची माहिती मिळणे, ही विश्वकोशाची वैशिष्ट्ये आहेत.

पाठातील महत्त्वाचे मुद्दे:

1. आपल्या शाळेत, गावात, शहरात ग्रंथालय (वाचनालय) असते. मराठीतील विविध साहित्यसंपदा व अनेक विषयांची पुस्तके उपलब्ध होतात. मराठी विश्वकोश, मराठी चरित्रकोश, मराठी व्युत्पत्तिकोश इत्यादी ग्रंथसंपदा हा प्रत्येक ग्रंथालयाचा ‘मानबिंदू’ आहे.
2. मानव्यविदया (Social sciences), विज्ञान (Pure science) व तंत्रज्ञान (Technology) यांतील सर्व विषयांचे आजतागायतचे ज्ञान संकलित करण्यासाठी विश्वकोशाची निर्मिती झाली. मुख्य विषय व त्याच्या संलग्न विषयाचे ज्ञान मिळवण्यासाठी मराठी विश्वकोशाचा उपयोग होतो.
3. विश्वकोशाची गरज: भारतात शिक्षणाचा प्रसार वेगाने होऊ लागला. वाढत्या औदयोगिकीकरणामुळे समाजाच्या वैज्ञानिक व तांत्रिक गरजा वाढू लागल्या. अनेक शब्द अस्तित्वात येऊन भाषा समृद्ध होऊ लागली. त्यामुळे सर्वविषयसंग्राहक अशा विश्वकोशाची गरज निर्माण झाली.

उच्च शिक्षणाचे माध्यम म्हणून मराठी भाषेचा स्वीकार झाला. त्यामुळे मराठीमध्ये निर्माण झालेली संदर्भग्रंथांची तीव्र आवश्यकता, तसेच शासनव्यवहाराची भाषा म्हणून राज्यपातळीवर मराठीला मिळालेली मान्यता या पार्श्वभूमीवर मराठी भाषेतील सर्वविषयसंग्राहक विश्वकोशाची गरज निर्माण झाली. स्वातंत्र्यपूर्वकाळात ज्ञानकोशकार डॉ. श्रीधर व्यंकटेश केतकर यांनी विश्वकोशाची मुहूर्तमेढ रोवली.

1. विश्वकोश असा तयार झाला…

  1. विषयवार तज्ज्ञांच्या समितीची रचना केली गेली.
  2. प्रत्येक विषयाच्या नोंदीची शीर्षके निश्चित केली गेली.
  3. मुख्य, मध्यम, लहान नोंदींतील मुद्द्यांची टाचणे तयार केली गेली.
  4. नोंदींच्या मर्यादा आखून टाचणांमध्ये तशा सूचना दिल्या गेल्या.
  5. प्रत्येक विषयातील मुख्य, मध्यम, लहान व नाममात्र नोंदींच्या यादया तयार केल्या गेल्या.
  6. अकारविल्यानुसार या यादया लावण्यात आल्या.

1976 या वर्षी महाराष्ट्र राज्य साहित्य संस्कृती मंडळाने मराठी विश्वकोशाचा पहिला खंड प्रकाशित केला. सध्या विश्वकोशाचे अठरा खंड प्रसिद्ध आहेत.

2. विश्वकोश यासाठी पाहावा…

  1. आपल्या ज्ञानविषयक गरजा मराठीतून भागवण्यासाठी.
  2. जागतिक ज्ञानक्षेत्राचे क्षितिज विस्तारताना आपल्या विविध विषयांतील कुतूहलास इष्ट वळण लागण्यासाठी.
  3. अभिव्यक्तीला योग्य चालना मिळण्यासाठी.
  4. सर्व प्रकारचे प्रगल्भ व सूक्ष्म ज्ञान मराठी भाषेतून मिळण्यासाठी.

3. विश्वकोश असा पाहावा…
1. शब्द अकारविल्हे (अनुज्ञेय) नुसार पाहावेत.
2. बाराखडीतील स्वर व व्यंजन यांच्या स्थानानुसार अनुक्रमे दिलेला शब्द पाहावा.

4. मूलध्वनी (मराठी वर्णमाला):
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5. व्यंजने (34)
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स्वर + व्यंजने = अक्षरे/अर्थपूर्ण क्रमाने येणारी अक्षरे = शब्द/ अर्थपूर्ण शब्दांचा समूह = वाक्य.

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चौदाखडी:

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 20.1 विश्वकोश 9
तुम्हांला आवडणारे कोणतेही शब्द… त्यांचे अर्थ… संदर्भ विश्वकोशातून शोधा व भाषेचे अनोखे अंग जाणून घ्या. विश्वकोश आता एका क्लिकवर – https://en.wikipedia.org/wiki/Marathi_Vishwakosh

1. मुलांना आवडणारी शब्दकोडी व फँशनपैकी केशरचना या ” शब्दांचे संदर्भ विश्वकोशाच्या आधारे दिले आहेत.

1. शब्दकोडी:
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अशा कल्पनांवर आधारलेले अनेक प्रकार रूढ आहेत. संगणकीय खेळांमध्ये विविध प्रकारच्या शाब्दिक कोड्यांचा समावेश होतो.

1. प्रसिद्ध विधान अथवा अवतरण देऊन त्याचे लेखक ओळखण्यास सांगणे.
2. एका शब्दातील अक्षरे फिरवून नवीन शब्द तयार करणे.
3.  काही शब्दांतील रिकाम्या अक्षरांच्या जागा भरणे.

2. पुढील शब्दकोडे दिलेल्या वाक्यांच्या आधारे सोडवा:

  1. ‘स्वेदगंगा’ या कवितासंग्रहाचे कवी.
  2. एका साहित्यिकाचे आडनाव ‘श्रीपाद कृष्ण …’
  3. तुरुंगात असतानादेखील ज्यांची काव्यप्रतिभा बहरून येई, असे साहित्यिक (देशभक्त).
  4. ‘सुधारक’चे संपादक.
  5. कवी यशवंत यांचे आडनाव.
  6. एका विनोदी साहित्यिकाचे आडनाव.
  7. मालतीबाई बेडेकर यांनी वापरलेल्या टोपणनावातील आडनाव.
  8. कवी कुसुमाग्रज यांचे आडनाव.

उत्तरांसह कोड्याची आकृती : (पाठ्यपुस्तकानुसार)

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2. केशभूषा:

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आदिम लोक केसांना मातीचा लेप लावून आपला पराक्रम व गुणवैशिष्ट्ये दाखवण्याकरिता त्यात विजयचिन्हे आणि पदके लावत.
( केशभूषेचा उगम यातून झाला असावा. )
(केस इतरांना दिसू न देण्याच्या पुरातन स्त्रीच्या प्रयत्नातून केशबंधाची कल्पना पुढे आली असावी.)
अजिंठा, वेरूळ, कोणार्क, खजुराहो येथील शिल्पाकृतींत आढळणाऱ्या स्त्री-पुरुषांच्या केशरचना उल्लेखनीय आहेत. या प्राचीन केशरचनांचे अनुकरण भारतीय स्त्रिया करताना आढळतात.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 16 मी नदी बोलते Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Marathi Sulabhbharati Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

5th Standard Marathi Digest Chapter 16 मी नदी बोलते Textbook Questions and Answers

1. खालील प्रश्नांची एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न (अ)
नदीचा जन्म कोठे होतो?
उत्तर:
नदीचा जन्म पर्वतावर होतो.

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प्रश्न (आ)
नदी मोठी कशी होते?
उत्तर:
इतर नदया व ओढे नदीच्या प्रवाहात येऊन मिळतात, त्यामुळे नदी मोठी होते.

प्रश्न (इ)
नदीच्या पाण्याचा उपयोग लोक कशाकशासाठी करतात?

प्रश्न (ई)
नदीचा वेग कधी कमी होतो?
उत्तरः
नदी जेव्हा पर्वतउतारावरून सपाट मैदानी प्रदेशात येते, तेव्हा तिचा वेग कमी होतो.

प्रश्न (उ)
नदी आपल्याला कोणता संदेश देते?
उत्तर:
‘थांबला तो संपला’ हा संदेश नदी आपल्याला देते.

प्रश्न (ऊ)
तुमच्या जिल्ह्यात कोणकोणत्या नद्या आहेत?

2. पहिल्या दोन उदाहरणांचे निरीक्षण करा. त्यानुसार रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
पहिल्या दोन उदाहरणांचे निरीक्षण करा. त्यानुसार रिकाम्या जागा भरा.
उत्तरः

(अ) चालणेचालतातचालवतात
(आ) पळणेपळतातपळवतात
(इ) भेटणेभेटतातभेटवतात
(ई) करणेकरतातकरवतात
(उ) मिळणेमिळतातमिळवतात
(ऊ) थांबणेथांबतातथांबवतात

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3. ‘हिरवेगार’ यासारखे रंगछटा दाखवणारे शब्द सांगा.

प्रश्न 1.
‘हिरवेगार’ यासारखे रंगछटा दाखवणारे शब्द सांगा.
उत्तर:

  1. पिवळेधमक
  2. पांढरेशुभ्र
  3. निळाशार
  4. लालभडक
  5. काळेकुट्ट

4. ‘थांबला तो संपला’ यासारखी सुवचने सांगा.

प्रश्न 1.
‘थांबला तो संपला’ यासारखी सुवचने सांगा.
उत्तर:
1. ‘वृक्ष माझा सखा.’
2. ‘थेंबे थेंबे तळे साचे’.
3. ‘मूर्ती लहान पण किर्ती महान’.

5. खालील शब्द वाचा व तसेच लिहा.

प्रश्न 1.
खालील शब्द वाचा व तसेच लिहा.
पर्वत, सर्व, किर, पूर्व, मर्कट, सूर्य, प्रवास, चक्र, चंद्र, क्रमांक, प्रकार, ग्रह.

उपक्रम:

1. परिसर अभ्यासाची पुस्तके, वर्तमानपत्रे, नकाशे यांतून वेगवेगळ्या नद्यांची नावे शोधा. यादी करा.
2. नदीचे प्रदूषण कमी कसे करता येईल ते चर्चा करून सांगा.
3. खालील घोषवाक्ये पाहा. ‘पाणी वाचवणे’ या संदर्भातील आणखी घोषवाक्ये मिळवा व संग्रह करा.

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पाण्याची बचत:

1. पाण्याची टंचाई आहे. पाणी जपून वापरा.
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Marathi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
एका शब्दात उत्तरे लिहा.

  1. माणसे नदीला अडवायला काय बांधतात?
  2. लोक कचरा, खराब पाणी नदीत सोडून नदीला काय करतात?
  3. शेवटी नदी कोणाला जाऊन मिळते?
  4. नदी आपल्या आसपासचा परिसर कसा करते?
  5. धरणाच्या वाहत्या पाण्यावर काय तयार होते?
  6. माणसे नदीच्या पाण्यात काय सोडतात?

उत्तरः

  1. धरण
  2. प्रदूषित
  3. सागराला
  4. हिरवागार
  5. वीज
  6. सांडपाणी

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2. खालील प्रश्नांची एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
नदी कोणावर नाराज आहे?
उत्तर:
नदी माणसांवर नाराज आहे.

प्रश्न 2.
नदीकडून आपण काय शिकले पाहिजे?
उत्तर:
नदीकडून आपण ‘दुसऱ्यांना नेहमी देत रहा’, ‘थांबू नका’, ‘पुढे जात रहा’ हे शिकले पाहिजे.

प्रश्न 3.
शेवटी नदीचा प्रवास कुठे संपतो?
उत्तर:
जिथे नदी सागराला जाऊन मिळते, तिथे शेवटी नदीचा प्रवास संपतो.

प्रश्न 4.
नदी कोणत्या रूपाने पर्वतावरून खाली येते?
उत्तर:
नदी धबधब्याच्या रूपाने पर्वतावरून खाली येते.

प्रश्न 5.
तुम्हांला माहीत असलेल्या धरणांची नावे लिहा.
उत्तर:

  1. कोयना
  2. बारवी
  3. खडकवासला
  4. तानसा.

प्रश्न 6.
रिकाम्या जागा भरा.

  1. नदीच्या पाण्याने ………………………. तयार करतात.
  2. पर्वतउतारावरून नदी …………………… मैदानी भागात येते.
  3. नदी दोन्ही किनाऱ्यावरील परिसर ……………………….. करते.
  4. नदीच्या प्रवाहात ………………………… सोडतात.
  5. नदी म्हणून माझा ………………………….. थांबतो.
  6. ……………………. रूपाने पर्वतावरून खाली येते.

उत्तर:

  1. वीज
  2. सपाट
  3. हिरवागार
  4. सांडपाणी
  5. प्रवास
  6. धबधब्याच्या

प्रश्न 7.
चूक की बरोबर ते लिहा.

  1. नदीचा जन्म जमिनीवर होतो.
  2. नदीच्या पाण्याचा वापर पिण्यासाठी करतात.
  3. नदी पर्वतउतारावरून खोलगट भागात येते.
  4. माणसांच्या रस्ते, छोटी गांवे, शहरे यांच्याजवळून वाहताना नदी जास्तच प्रदूषित होते.
  5. नदीचे पाणी खारट असते.
  6. नदी सर्वांच्या उपयोगी येते.

उत्तर:

  1. चूक
  2. बरोबर
  3. चूक
  4. बरोबर
  5. चूक
  6. बरोबर

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

थोडक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
नदीला कोणत्या गोष्टींची खंत आहे?
उत्तर:
नदी जेव्हा पर्वतउतारावर सपाट मैदानी भागात येते, तेव्हा तिचा वेग कमी होतो. नदीचा दोन्ही किनाऱ्यांवरील परिसर हिरवागार होतो. शेतकरी शेतात भरपूर धान्य पिकवतात; असे असूनही त्या प्रवाहात सांडपाणी, कचरा टाकून पाण्याला प्रदूषित केले जाते, याची नदीला खंत आहे.

प्रश्न 2.
माणसे नदीच्या पाण्याचा उपयोग कशासाठी करतात?
उत्तर:
माणसे नदीच्या पाण्याचा वापर अनेक कारणांसाठी करतात. नदीच्या पाण्यावर वीज तयार केली जाते, कारखाने, पंप चालवण्यासाठी हीच वीज उपयोगी पडते, पिकांना पाणी देण्यासाठी, पिण्यासाठीही नदीच्या पाण्याचा उपयोग माणसे करतात.

प्रश्न 3.
नदीचे प्रदूषण कमी कसे होईल?
उत्तर:
नदीत कचरा नाही टाकला, गुरे पात्रात न धुता काठावरच धुतली, भांडी काठावरच धुण्यासाठी बादलीत पाणी घेतले, निर्माल्य टाकले नाही, सांडपाणी सोडले नाही, तर नदीचे प्रदूषण कमी होईल.

प्रश्न 4.
नदीचा शेतकऱ्याला काय फायदा होतो?
उत्तर:
नदी ही शेतकऱ्यासाठी जीवनदायीनी आहे. नदीच्या पाण्यामुळे शेतकरी शेतात भरपूर धान्य पिकवतात.

प्रश्न 5.
पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 27 वरील चित्रांचे निरीक्षण करून तुमच्या शब्दांत पाच वाक्ये लिहा.
उत्तरः

  1. नदीचा जन्म पर्वतावर होतो व इतर नदया, ओढे तिला येऊन मिळतात.
  2. नदी वेगाने धबधब्याच्या रूपाने पर्वतावरून खाली येते.
  3. नदयांचे पाणी अडवून त्यांवर धरणे बांधतात.
  4. नदीच्या पाण्यावर वीज तयार केली जाते.
  5. नदीच्या पाण्यावर शेतातील पंप चालवतात.

प्रश्न 6.
रिकाम्या जागा भरा.
उत्तरः

1. झोपणेझोपतातझोपवतात
2. कळणेकळतातकळवतात
3. उठणेउठतातउठवतात
4. खेळणेखेळतातखेळवतात
5. जगणेजगतातजगवतात
6. बघणेबघतातबघवतात

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

व्याकरण व भाषाभ्यास:

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. नदी
  2. पर्वत
  3. वीज
  4. पाणी
  5. वेग
  6. खंत
  7. गाव
  8. शहर
  9. समुद्र
  10. भरपूर
  11. वस्ती

उत्तर:

  1. सरिता
  2. मेरू
  3. विदयुत
  4. जल
  5. गती
  6. दुःख
  7. ग्राम
  8. नगर
  9. सिंधू
  10. खूप
  11. वसाहत

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. जन्म
  2. मोठी
  3. खाली
  4. भरपूर
  5. उपयोगी
  6. गाव
  7. उंच
  8. शेवटी
  9. मला

उत्तर:

  1. मृत्यू
  2. लहान
  3. वर
  4. कमी
  5. दुरूपयोगी
  6. शहर
  7. ठेंगू
  8. आरंभी
  9. तुला

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

प्रश्न 3.
वचन बदला.

  1. नदी
  2. ओढा
  3. धरण
  4. शेत
  5. उडी
  6. कडा
  7. धबधबा
  8. पर्वत
  9. मैदान
  10. किनारा
  11. गोष्ट
  12. वस्ती
  13. गाव
  14. शहर
  15. कारखाना
  16. धान्य

उत्तर:

  1. नदया
  2. ओढे
  3. धरणे
  4. शेते
  5. उड्या
  6. कडे
  7. धबधबे
  8. पर्वत
  9. मैदाने
  10. किनारे
  11. गोष्टी
  12. वस्त्या
  13. गावे
  14. शहरे
  15. कारखाने
  16. धान्य

प्रश्न 4.
‘पाणी वाचवणे’ या संदर्भात घोषवाक्ये लिहा.
उत्तरः

  1. संपले पाणी तर संपेल जीवन.
  2. जीवन म्हणजे पाणी.
  3. पाणी अडवा पाणी जिरवा.
  4. पाणी हे अमृत.
  5. पाण्याला पर्याय नाही.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

पाण्याची बचत

1. पाठ्यपुस्तक पान नं. 29 पाहून खालील प्रश्नांची एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
पाणी जपून का वापरावे?
उत्तर:
पाण्याची टंचाई आहे, म्हणून पाणी जपून वापरावे.

प्रश्न 2.
वॉटरबॅगमधील उरलेल्या पाण्याचे काय करावे?
उत्तर:
वॉटरबॅगमधील उरलेले पाणी वाया न घालवता ते झाडांना घालावे.

प्रश्न 3.
पाणी पिताना कोणती काळजी घ्यावी?
उत्तर:
पाणी पिताना आपल्याला हवे तेवढेच पाणी ग्लासमध्ये घ्यावे.

प्रश्न 4.
भरून ठेवलेले पाणी काय करू नये?
उत्तरः
भरून ठेवलेले पाणी शिळे समजून ओतून देऊ नये.

प्रश्न 5.
वाहने धुताना कोणती काळजी घ्यावी?
उत्तर:
वाहने धुताना पाण्याचा पाइप न वापरता वाहने ओल्या कपड्याने पुसून घ्यावीत.

प्रश्न 6.
नळ गळत असेल तर काय करावे?
उत्तर:
नळ गळत असेल तर तो ताबडतोब दुरूस्त करून घ्यावा.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

प्रश्न 7.
खालील वाक्य योग्य की अयोग्य ते लिहा.

  1. पाहुण्यांना पिण्यासाठी पाणी देताना तांब्या-पेल्याने पाणी दयावे.
  2. नळ वाहता ठेवून कपडे, भांडी धुवावीत.
  3. दात घासताना नळ सुरू ठेवावा.
  4. शॉवरखाली अंघोळ न करता बादलीत पाणी घेऊन अंघोळ करावी.
  5. पाण्याचा पाईप गाड्या धुण्यासाठी वापरावा.

उत्तर:

  1. योग्य
  2. अयोग्य
  3. अयोग्य
  4. योग्य
  5. अयोग्य

मी नदी बोलते Summary in Marathi

पाठ्यपरिचय:

‘मी नदी बोलते….’ या पाठात लेखकाने नदीच्या उगमापासून ते सागराला जाऊन मिळेपर्यंतच्या प्रवासाचे वर्णन केले आहे.

Maharashtra Board Class 5 Marathi Solutions Chapter 16 मी नदी बोलते

शब्दार्थ:

  1. जन्म – उत्पत्ती (birth)
  2. पर्वत – मोठा डोंगर (a mountain)
  3. ओढा – पाण्याचा प्रवाह (stream)
  4. धरण – बांध, नदीमध्ये पाणी अडवण्यासाठी घातलेला बंधारा (a dam)
  5. कारखाने – यंत्रशाळा (a factory)
  6. शेत – धान्य पेरण्याची जागा (a farm)
  7. पंप – पाणी वर चढण्याचे यंत्र (pump)
  8. उडी – झेप (leap)
  9. वेग – गती (speed)
  10. कोसळणे – जोरात खाली पडणे (to pour in to rents)
  11. धबधबा – उंचावरून खाली पडणारा पाण्याचा प्रवाह (waterfall)
  12. सपाट – समतल, उंच सखल नसलेले (flat)
  13. किनारा – काठ (a shore, a bank)
  14. परिसर – Taalstel last (surroundings)
  15. खंत – दुःख (regret)
  16. सांडपाणी – कपडे, भांडी धुण्यातून तयार झालेले घाण पाणी (dirty and flowing used water)
  17. कचरा – केर (garbage)
  18. प्रदूषित – अशुद्ध (polluted)
  19. वस्ती – वसाहत (colony)
  20. प्रवास – सफर, भ्रमंती (a journey)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीणNotes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

9th Std Marathi Kumarbharati Digest Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण Textbook Questions and Answers

1. आकृती पूर्ण करा:

प्रश्न 1.
आकृती पूर्ण करा:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 1
उत्तर:
(अ)
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 2
(आ)
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 3

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

2. ‘नातं’ या अमूर्त संकल्पनेतून व्यक्त होणाऱ्या विविध भावना लिहा.

प्रश्न 1.
‘नातं’ या अमूर्त संकल्पनेतून व्यक्त होणाऱ्या विविध भावना लिहा.
उत्तर:
नाते म्हटले की अमूक एकच व्यक्ती किंवा वस्तू डोळ्यांसमोर येत नाही. आई-बाबांपासून ते इमारती, डोंगरदऱ्यांपर्यंत अनेक गोष्टी डोळ्यांसमोर तरळतात. रात्रभर आपला तान्हुला उपाशी रडत राहील, म्हणून जिवाची पर्वा न करता रायगड किल्ल्याच्या बुरुजावरून उड्या घेत घेत बाळाजवळ धाव घेणारी हिरकणी आठवते.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 4
एखादया परीक्षेत/स्पर्धेत मुलाला अपयश आले, तर घायाळ होणारे एखादे बाबा आठवतात. मी काही चांगले केले की, ताई-दादा ती गोष्ट सर्वांना कौतुकाने सांगतात. नातेवाइकांनाही कौतुक वाटते. कधी कंटाळा आला, तर शेजारी जाऊन बसावेसे वाटते. एखादया दिवशी गाठभेट घडली नाही, तर मित्रमैत्रिणी व्याकूळ होतात. .

आपल्या आवडत्या खेळाडू-कलावंतांना मिळालेल्या यशाने त्यांच्यापेक्षा आपल्यालाच आनंद होतो. आवडते प्राणी, झाडे यांना जवळ घेऊन प्रेमाने कुरवाळावे असे वाटते. आवडती ठिकाणे, इमारती तर मनात घरच करून टाकतात, अशी ही नाती म्हणजे दुधावरची सायच!

3. खालील वाक्यांसाठी समान आशयाच्या ओळी पाठातून शोधून लिहा:

प्रश्न 1.
खालील वाक्यांसाठी समान आशयाच्या ओळी पाठातून शोधून लिहा:
(अ) ‘पारितोषिक आणि शिक्षा’ या तंत्राचा उपयोग आई मुलाला घडवताना करते.
(आ) जीवनाच्या प्रवासात वडिलांचे मार्गदर्शन घेतले जाते.
उत्तर:
(अ) असे घडवताना कधी कुंचल्याच्या हळुवारपणे रंग रेखत, तर कधी छिन्नीचे कठोरपणे घाव घालत तिचे काम चालूच असते.
(आ) मुलाची जगण्याची वाट थोडी कमी खडतर व्हावी म्हणून ‘बाप’ नावाचं वल्हं हातात धरून भवसागर पार करण्याचा प्रयत्नही केला जातो.

4. वर्गीकरण करा:

प्रश्न 1.
जन्माने प्राप्त नाती व सान्निध्याने प्राप्त नाती.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 5
उत्तर:

जन्माने प्राप्त नातीसान्निध्याने प्राप्त नाती
1. आई1. गुरू
2. वडील2. मित्र
3. बहीण3. मैत्रीण
4. भाऊ4. शेजारी
5. आजी5. हितचिंतक

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5. खाली दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे फरक स्पष्ट करा:

प्रश्न 1.
खाली दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे फरक स्पष्ट करा:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 6
उत्तर:

तारुण्यातील नात्याचा प्रवासवार्धक्यातील नात्याचा प्रवास
तारुण्यात अहंगंड, मान-अपमान, प्रतिष्ठा वगैरे साऱ्या बाह्य भावनाविकारांनी मन व्यापलेले असते.विविध भावनाविकारांचे बाह्य आवरण गळून पडते आणि मन निखळ, निकोप बनून जाते.

6. स्वमत:

प्रश्न (अ)
माणसाच्या जडणघडणीत असलेलं नात्याचं महत्त्व सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तर:
लहानपणी बाळाला स्वत:चे पालनपोषण करता येणे, संरक्षण करता येणे शक्यच नसते. तेवढी क्षमता त्याच्याकडे नसते. त्या काळात आई-बाबा व आजी-आजोबा त्याला मदत करतात. म्हणजे बालवयात ही नाती खूप महत्त्वाची असतात. तरुण वयात अनेक उपक्रम करावे लागतात, अनेक कार्ये पार पाडावी लागतात.

त्या काळात मित्र, शेजारी व तत्सम नाती उपयोगी पडतात. मार्गदर्शन करण्यासाठी गुरूची गरज असते. वृद्धपणी माणूस कमकुवत बनत जातो. त्या काळात त्याची तरुण मुले त्याची देखभाल करतात. अशा प्रकारे जीवन चालू राहण्यासाठी वेगवेगळ्या टप्प्यांवर वेगवेगळी नाती मदत करतात. नाती नसतील, तर मानवी समाज अस्तित्वात येऊ शकणार नाही.

प्रश्न (आ)
तुमच्या सर्वांत जवळच्या मित्राचे / मैत्रिणीचे नाव काय? मैत्रीचे नाते तुम्ही कसे निभावता ते सविस्तर लिहा.
उत्तर:
मिथिला ही माझी सर्वांत जास्त आवडती मैत्रीण. ती दिवसातून एकदा जरी भेटली नाही, तरी माझा दिवस सुना सुना जातो. मिथिला आणि मी शिशुवर्गापासून एकत्र आहोत. एकाच वर्गात आहोत. एकाच बाकावर बसतो. मधल्या सुट्टीत एकत्र डबा खातो. दररोज शाळेत भेटतो. तरीही शाळेबाहेर कधी भेट झाली की आम्ही गप्पांत रंगून जातो. माझी आई नेहमी मला विचारते, “काय ग, इतका वेळ कशाकशाबद्दल बोलता? विषय संपत नाहीत का?” मग मला खूप हसू येते.

मिथिलेला एखादे गणित सुटले नाही की मीच ते सोडवून देते. मला एखादा निबंध जमला नाही की, मी तिच्याकडे धावते. मिथिलेला चिंच खूप आवडते. मी अधूनमधून आठवणीने तिच्यासाठी चिंच घेऊन जाते. गेल्या वर्षी संपूर्ण फेब्रुवारी महिना ती टायफॉइडने आजारी होती. मी रोज तिच्याकडे जात असे आणि शाळेत शिकवलेले सर्व पाठ तिला वाचून दाखवीत असे. तिचा सगळा अभ्यास मी करून घेतला. त्या काळात वर्गातली खडान्खडा माहिती मी तिला सांगत असे. अशी आमची मैत्री कधी कधीही संपू शकत नाही.

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भाषा सौंदर्य:

पाठातील वाक्यांत परस्पर विरोधी शब्द वापरून केलेली रचना हे लेखिकेच्या लेखनाचे वैशिष्ट्य आहे. ही रचना म्हणजे समृद्ध भाषेचे उत्तम उदाहरण आहे.
उदा.,
1. कधी आई आपल्यासाठी ऊबदार शाल असते, तर कधी कणखर ढाल असते.
2. शेजारधर्माचा एक धागा जुळला तर स्नेहाच्या मर्यादा ओलांडतो आणि धागा तुटला असेल तर वैराच्या मर्यादा ओलांडतो.
3. आपल्या हातून काही निसटत चालल्याची ही हुरहूर असली तरी त्याच शेवटामध्ये एक सुरुवातही असते आपल्याला पुढे नेणारी.

अशा उदाहरणांतून तुम्ही तुमचे लेखन कौशल्य वाढवू शकता, भाषा समृद्ध करू शकता. त्यांतून तुमचे भाषिक कौशल्य विकसित होणार आहे. याप्रमाणे इतर वाक्यांचा शोध घ्या. या प्रकारची वाक्ये स्वत: तयार करा.

Marathi Kumarbharati Textbook Std 9 Answers Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण Additional Important Questions and Answers

उतारा क्र. 1

1. पुढील उतारा वाचून दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:

कृती 2 : (आकलन)

1. वर्गीकरण करा:

प्रश्न 1.
आकृती पूर्ण करा:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 8

कृती 3: (स्वमत/अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
नात्यांची तुम्हांला जाणवलेली वैशिष्ट्ये लिहा.
उत्तर:
आपला जन्म होतो, त्याच क्षणी आपल्याला काही नाती मिळतात. आई-वडील, मुलगा-मुलगी, बहीण-भाऊ, नात-नातू, आजी-आजोबा ही नाती आपल्याला जन्माने मिळतात. ही नाती मिळवण्यासाठी आपल्याला कोणतेही प्रयत्न करावे लागत नाहीत. ही नाती आपोआप मिळतात. सुरुवातीच्या काळात तर हीच नाती, म्हणजे या नात्यांनी बांधलेली माणसे ही आपली, स्वकीय व अगदी जवळची असतात. शेजारी किंवा मित्र-मैत्रिणी ही नाती सहवासातून निर्माण होतात. हळूहळू विविध प्रसंगांतून किंवा एकमेकांशी होणाऱ्या वागण्यातून ही माणसे जवळची होतात किंवा दूरची होतात. वेगवेगळ्या व्यक्तींच्या स्वभावामुळे, त्यांच्या वागण्यामुळे त्यांचा सहवास सुखद बनतो, हवाहवासा वाटतो. त्यामुळे त्यांच्याशी असलेले नाते मृदुमुलायम बनते. नात्यांना असे विविध रंग असतात, विविध आकार असतात.

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उतारा क्र. 2

पुढील उतारा वाचून दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:

कृती 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
रिकाम्या चौकटी भरा:
1. [ ]
2. [ ]
3. [ ]
उत्तर:
1. [उबदार शाल]
2. [कणखर ढाल]
3. [सुंदर चाल]

कृती 2 : (आकलन)

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 10

प्रश्न 2.
कोष्टक पूर्ण करा:

पाठ्यपुस्तकातील शब्दअर्थ
1. बघता बघता पंख पसरून उडायला सुरुवात करतं.
2. त्याची झेप सातासमुद्रापलीकडे जायला लागते.

उत्तर:

पाठ्यपुस्तकातील शब्दअर्थ
1. बघता बघता पंख पसरून उडायला सुरुवात करतं.मूल मोठं होता होता स्वतंत्र बनतं.
2. त्याची झेप सातासमुद्रापलीकडे जायला लागते.मोठ्या कालावधीसाठी ताटातूट होते.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

कृती 3: (स्वमत/अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
‘आईवडील व मुले यांच्यातील नाते परस्परविरोधी भावनांनी भरलेले असते.’ हे विधान स्पष्ट करा.
उत्तर:
आईचे मुलावर अपार प्रेम असते. ती त्याला हळुवारपणे आंजारते, गोंजारते. पण प्रसंगी अत्यंत कठोरपणेही वागते. मुलाचा मार्ग सुकर व्हावा, म्हणून आईवडील जणू काही वल्हे बनतात. मुलाला मार्ग तयार करून देतात. येथे मुलगा अजून कमकुवत आहे व वडील अत्यंत सक्षम आहेत, असे चित्र दिसते. पण त्याच वेळी त्या दोघांमध्ये संवाद नामक सेतू बांधला जातो, म्हणजे त्यांच्यात मैत्रीचे, बरोबरीचे नाते निर्माण होते. आई-वडील मुलाला अत्यंत मायेने, आत्मीयतेने वाढवतात. पण थोड्याच अवधीत मुलगा पंख पसरून स्वतंत्रपणे उड्डाण करू लागतो. म्हणजे तो हळूहळू दूर जाऊ लागतो आणि तो सातासमुद्रापलीकडे जातो, तेव्हा तर फार मोठ्या काळासाठी ताटातूट होते. मुलाला वाढवताना आईवडील आनंदी असतात. पण काही काळातच तो दूर गेल्यामुळे दुःखी होतात. अशा प्रकारे आईवडील व मुले यांच्यातील नाते परस्परविरोधी भावनांनी भरलेले असते.

प्रश्न 2.
‘असे घडवताना कधी कुंचल्याच्या हळुवारपणे रंग रेखत, तर कधी छिन्नीचे कठोरपणे घाव घालत तिचे काम चालूच असते.’ या विधानाचा अर्थ स्पष्ट करून सांगा.
उत्तर:
प्रत्येक आईला आपले बाळ सद्गुणी, कर्तबगार व्हावे, असे वाटत असते. म्हणून ती त्याच्यावर सतत चांगल्या गुणांचा संस्कार करीत राहते. मूर्तिकार, शिल्पकार जशी सुंदर मूर्ती घडवण्याचा प्रयत्न करतात, तशी आई बाळाला सुंदर माणूस घडवण्याचा प्रयत्न करते. शिल्पकार ओबडधोबड दगडावर छिन्नीचे घाव घालतो. अशा वेळी त्या दगडाला किती वेदना होत असतील! आपल्याच देहाचे अनेक तुकडे आपल्यापासून विलग होऊन पडतात, हे पाहताना त्याला दुःख होतच असणार; पण तो हे सगळे सहन करतो. आईचे आपल्या बाळावर अतोनात प्रेम असते, पण प्रसंगी ती कठोरपणे शिक्षा देते. शिक्षा देताना तिला दुःख होतेच, तसे त्या बाळालाही दुःख होते. दोघेही ते दु:ख गिळतात, सहन करतात. त्यामुळे त्या बाळाच्या व्यक्तिमत्त्वाला चांगला आकार मिळतो. तो सद्गुणी माणूस बनतो. हे सर्व लेखिकांना त्या विधानातून व्यक्त करायचे आहे.

उतारा क्र. 3

पुढील उतारा वाचून दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:

कृती 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
जन्माबरोबर निर्माण होणाऱ्या नात्यांखेरीज दोन नवीन नात्यांची नावे लिहा.
1. ………………
2. ………………
उत्तर:
1. मैत्री
2. शेजारधर्म.

प्रश्न 2.
पुढील वाक्याचा एका वाक्यात सुबोध अर्थ लिहा:
ते नातं ‘अनादि अनंताचं, नव्या अभिनव सृजनाचं’ होतं.
उत्तर:
हजारो वर्षांपासून माणसामाणसांत चालत आलेल्या मैत्रीच्या नात्याची नवनवीन रूपे निर्माण होतात.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

कृती 2 : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृती पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 12

प्रश्न 2.
सहसंबंध लक्षात घेऊन उत्तर लिहा :
शिष्य : गुरुदक्षिणा : : गुरू : [ ]
उत्तर:
शिष्य : गुरुदक्षिणा : : गुरू : कानमंत्र

प्रश्न 3.
विधान पूर्ण करा :
कानमंत्र म्हणजे ………………
उत्तर:
कानमंत्र म्हणजे आणीबाणीच्या परिस्थितीवर मात करण्यासाठी गुरूने शिष्याच्या कानात सांगितलेला मंत्र.

कृती 3 : (स्वमत/अभिव्यक्ती)

प्रश्न 2.
‘मित्र दिसला तरी मैत्रीचं नातं दिसत नाही.’ या विधानाबाबत तुमचे मत स्पष्ट करा.
उत्तर:
आई-वडील, बहीण-भाऊ ही नाती जन्मत:च मिळतात. ती स्वीकारावी लागतात. त्यांत निवड करता येत नाही. काही नाती सान्निध्याने निर्माण होतात. ती लादलेली नसतात. मैत्री हे एक असे सान्निध्याने, सहवासाने निर्माण होणारे नाते आहे. मैत्रीचे नाते अत्यंत तरल व सूक्ष्म असते. दोन व्यक्तींमध्ये मैत्रीचे नाते का निर्माण होते, याची कारणे, स्पष्टीकरणे देता येत नाहीत. काही कारणे देता येतात, हे खरे. पण सर्व कारणे किंवा पूर्ण स्पष्टीकरण कधीच देता येत नाही. मित्राशिवाय किंवा मैत्रिणीशिवाय जीवन निरस बनते. मित्राचे असणे जाणवते, पण दाखवता येत नाही. मित्र दिसतो. दाखवता येतो. त्याच्याकडे बोट करता येते. पण मैत्री या भावनेचे स्वरूप सांगता येणे अशक्य असते. ते दिसत नसले, तरी आहे हे मान्य करावे लागते.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

उतारा क्र. 4

1. पुढील उतारा वाचून दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:

कृती 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 13
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 14

प्रश्न 2.
कोष्टक पूर्ण करा:

निर्माण होणारी मन:स्थितीआजीचे रूप
(य) आनंदी
(र)वृद्धाश्रमात राहणारी

उत्तर:

निर्माण होणारी मनःस्थितीआजीचे रूप
(य) आनंदीझोपताना रोज नवी गोष्ट सांगणारी
(र) दुःखीवृद्धाश्रमात राहणारी

कृती 2 : (आकलन)

प्रश्न 1.
विधाने पूर्ण करा:

  1. पिकले पान गळणे म्हणजे …………………….
  2. (या पाठात ) उंबरठा ओलांडणे याचा अर्थ …………………
  3. नवी पालवी फुटणे म्हणजे …………………..

उत्तर:

  1. पिकले पान गळणे म्हणजे मृत्यू येणे.
  2. उंबरठा ओलांडणे याचा अर्थ मृत्यू पावणे हा आहे.
  3. नवी पालवी फुटणे म्हणजे नवीन जीव जन्माला येणे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

प्रश्न 2.
उताऱ्यात सांगितलेला निसर्गाचा नियम लिहा.
उत्तर:
पिकलेले पान गळून पडल्यावर नवीन पालवी फुटतेच; म्हणजे काही माणसे मरण पावत असली, तरी नवीन जीव जन्माला येतात, हा निसर्गाचा नियम आहे.

प्रश्न 3.
लेखिकांनी अभिप्रेत अभिन्न नाते स्पष्ट करा.
उत्तर:
जन्मापासून सुरू झालेल्या प्रवासात आपले वेगवेगळ्या व्यक्तींशी नाते निर्माण होते. पण वृद्धत्वात गेल्यावर, आपण या संपूर्ण निसर्गचक्राचे भाग आहोत, ही जाणीव होते. आपण वेगळे, सुटे नाही. संपूर्ण निसर्गाला घट्ट चिकटलेलाच भाग आहोत. यालाच लेखिकांनी अभिन्न नाते म्हटले आहे.

कृती 3 : (स्वमत/अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
‘मागे वळून पाहिल्यानंतर आजपर्यंतचा प्रवास एका वेगळ्या स्वरूपात समोर येतो.’ या विधानाचा भावार्थ समजावून सांगा.
उत्तर:
बालपण, तारुण्य, प्रौढपण असे टप्पे पार करीत करीत माणूस वार्धक्याच्या टप्प्यात प्रवेश करतो. या अखेरच्या टप्प्यात आल्यावर आपल्या पूर्वीच्या आयुष्याकडे तो वळून पाहतो, त्या वेळी त्याची दृष्टीच पार बदललेली असते. आधीच्या टप्प्यांमध्ये माणूस अहंगंड, मान-अपमान, प्रतिष्ठा या भावभावनांमध्ये पूर्ण बुडालेला असतो. त्याचे मान-अपमान तीव्र असतात. अनेकदा स्वत:चे मानअपमान जपता जपता तो इतरांचा अपमान करतो, त्याला वेदना देतो. ते सर्व वार्धक्याच्या टप्प्यात आठवते. आपल्या चुका कळतात, साहजिकच, तो या भावविकारांना बाजूला सारतो. त्याचे मन निर्मळ बनते, सगळ्या माणसांकडे, सगळ्या जगाकडे तो निर्मळपणाने पाहू लागतो. जग आता त्याला नव्या रूपात दिसू लागते. नवा आनंददायी प्रवास सुरू होतो.

भाषाभ्यास:

1. समास:

प्रश्न 1.
पुढील विग्रहावरून सामासिक शब्द तयार करा :
उत्तर:

  1. भूमी हीच माता → मातृभूमी
  2. तीन कोनांचा समूह → त्रिकोण
  3. आई आणि वडील → आईवडील
  4. सुख किंवा दुःख → सुखदुःख

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

2. शब्दसिद्धी:

प्रश्न 1.
पुढील शब्द उपसर्गघटित की प्रत्ययघटित ते ओळखा:

  1. कौटुंबिक-प्रत्ययघटित
  2. जबाबदारी-प्रत्ययघटित
  3. अपमान-उपसर्गघटित
  4. अपूर्ण-उपसर्गघटित.

3. वाक्प्रचार:

प्रश्न 1.
पुढील वाक्प्रचारांचा अर्थ सांगून वाक्यांत उपयोग करा:
1. मात करणे
2. पाठीशी उभे राहणे.
उत्तर:
1. मात करणे – अर्थ: विजयी होणे.
वाक्य: भारतीय क्रिकेट संघाने विश्वचषक स्पर्धेत ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संघावर मात केली.

2. पाठीशी उभे राहणे – अर्थ : आधार होणे.
वाक्य : कोणत्याही कामामध्ये गावचे सरपंच गावकऱ्यांच्या पाठीशी उभे राहतात.

आ (भाषिक घटकांवर आधारित कृती):

1. शब्दसंपत्ती:

प्रश्न 1.
पुढील शब्दांत लपलेले चार अर्थपूर्ण शब्द लिहा:
1. भवसागरात
2. कणखर.
उत्तर:
1. (1) साव (2) साग (3) सात (4) रात.
2. (1) कण (2) कर (3) खण (4) रण.

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प्रश्न 2.
वचन बदला:

  1. मंत्र
  2. बहिणी
  3. मुलगी
  4. स्त्रिया.

उत्तर:

  1. मंत्र – मंत्र
  2. बहिणी – बहीण
  3. मुलगी – मुली
  4. स्त्रिया – स्त्री.

प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्दांच्या जोड्या लावा:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण 15
उत्तर:

  1. स्वकीय × परकीय
  2. नाजूक × भक्कम
  3. ठळक × पुसट
  4. तारुण्य × वार्धक्य

2. लेखननियम:

प्रश्न 1.
अचूक शब्द ओळखा:

  1. निर्वीवाद, निर्विवाद, नीवीर्वाद, नीर्विवाद.
  2. हितचीतक, हीतचीतक, हीतचिंतक, हितचिंतक.
  3. मार्गदर्शक, मागदर्शक, मार्गदशक, मार्गद्रशक.
  4. गुरुदक्षिणा, गुरूदक्षिणा, गुरुदक्षिणा, गुरुदक्षीणा.

उत्तर:

  1. निर्विवाद
  2. हितचिंतक
  3. मार्गदर्शक
  4. गुरुदक्षिणा.

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3. विरामचिन्हे:

प्रश्न 1.
चिन्हे लिहा:
उत्तर:
1. उद्गारचिन्ह → [!]
2. प्रश्नचिन्ह → [?]

नात्यांची घट्ट वीण Summary in Marathi

प्रस्तावना:

मीरा शिंदे या नव्या पिढीच्या लेखिका असून, अनेक नियतकालिकांमध्ये त्यांच्या कथा व कविता प्रसिद्ध झाल्या आहेत. त्यांचे लेखन प्रसन्न व प्रभावी असते. प्रस्तुत लेखामध्ये लेखिकांनी माणसामाणसांमधील नात्यांचे वर्णन केले आहे. जीवन जगत असताना या सर्व नात्यांचा माणसाला आधार मिळत असतो. माणूस हा सामाजिक प्राणी आहे. तो इतर माणसांच्या सोबत व त्यांच्या आधारानेच जगत असतो. साहजिकच, या माणसांशी त्याचे काही संबंध निर्माण होतात. हे संबंध म्हणजेच नाते होय. या नात्यांमधील काही नाती ही जन्मामुळे प्राप्त होतात, तर काही नाती सहवास वा वातावरण यांमुळे निर्माण होतात. प्रस्तुत लेखात लेखिकांनी या नात्यांचे स्वरूप अत्यंत प्रभावीपणे उलगडून दाखवले आहे.

शब्दार्थ:

  1. वीण – कापड तयार करण्यासाठी केलेली उभ्या व आडव्या धाग्यांची रचना.
  2. जवळीक – आपुलकी.
  3. भवसागर – (भव आपल्याला दिसणारे, जाणवणारे आपल्या अवतीभवतीचे विश्व) भवरूपी सागर.
  4. उलघाल – उलथापालथ, धांदल, गोंधळ, कालवाकालव, तगमग, तळमळ.
  5. सृजन – निर्मिती.
  6. कानमंत्र – गुप्त सल्ला, गुप्त मंत्र.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 4 नात्यांची घट्ट वीण

वाक्प्रचार व त्यांचे अर्थ:

  1. जवळीक साधणे – सलगी प्राप्त करणे, मैत्री मिळवणे.
  2. तारेवरची कसरत करणे –
    1. कोणताही निर्णय घेताना प्रचंड गोंधळ होणे.
    2. घेतलेल्या निर्णयाला धरून राहताना प्रचंड तारांबळ उडणे.
  3. जिवाची उलघाल होणे – मनाची तगमग, तळमळ होणे ; मनात कालवाकालव होणे; जीव घाबराघुबरा होणे.
  4. कानमंत्र देणे –
    1. अत्यंत मोक्याच्या क्षणी कसे वागायचे याबाबत सल्ला देणे.
    2. गुप्त सल्ला देणे.
  5. कात टाकणे – जुन्या गोष्टींचा त्याग करून पूर्णपणे नवीन स्वरूप धारण करणे.
  6. उंबरठा ओलांडणे –
    1. मर्यादा ओलांडणे
    2. मर्यादित कक्षेतून अधिक व्यापक कक्षेत प्रवेश करणे.
    3. (या पाठानुसार अर्थ) मृत्यू पावणे.
  7. पिकलं पान गळणं –
    1. मृत्यू पावणे.
    2. शेवट होणे.
  8. नवी पालवी फुटणे –
    1. नवे स्वरूप मिळणे.
    2. नवा जन्म मिळणे.

टिपा:

1. नाळ: बाळ आईच्या पोटात वाढते. त्या वेळी बाळाच्या बेंबीतून एक नलिका येते. ती नलिका आई व बाळ यांना जोडते. या नलिकेला नाळ म्हणतात. या नाळेतून आईकडून बाळाला सर्व जीवनरस मिळतो आणि त्याचे पोषण होते.

2. कानमंत्र : मुलगा साधारणपणे आठ वर्षांचा झाला की, त्याला गुरूकडे शिक्षणासाठी पाठवले जाई. शिक्षणासाठी त्याला गुरूकडेच राहावे लागे. त्याची एक अवस्था संपून दुसरी अवस्था सुरू होई. गुरुगृही जाण्यापूर्वी त्या मुलाची मुंज केली जाई. या मुंजीत एक महत्त्वाचा विधी असे. पुढील आयुष्यात उपयोगी पडेल अशी महत्त्वाची गोष्ट वा महत्त्वाचा सल्ला मुलाच्या कानात वडील सांगत असत.

यालाच कानमंत्र असे म्हणतात. हा कानमंत्र मुलाच्या कानातच आणि इतर कोणालाही ऐकू जाणार नाही, अशा रितीने सांगितला जाई. यावरून गुपचूप दिलेल्या सल्ल्याला कानमंत्र म्हटले जाऊ लागले. ‘मननात त्रायते इति मन्त्रः।’ ही मंत्राची व्याख्या आहे. ज्याचे सतत मनन केल्याने आपले रक्षण होते, त्याला ‘मंत्र’ म्हणतात.

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 करो और जानो

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 8 करो और जानो Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 8 करो और जानो

5th Standard Hindi Digest Chapter 8 करो और जानो Textbook Questions and Answers

1. सुनो और अभिनय करते हुए गाओ:

प्रश्न 1.
सुनो और अभिनय करते हुए गाओ:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 करो और जानो

प्रश्न 2.
कोष्ठक में दिए वर्णों से रिक्त स्थान भरो : (डे, णों, की, ना, मैं, थ, सू, हा, कि )
– ने, कप -, ह – म, अ – ज, – कान, रज, क – नी, – र – ।

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 8 करो और जानो Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
कपड़े कौन सिलता है?
उत्तर:
कपड़े दर्जी सिलता है।

प्रश्न 2.
बाग-बगीचों की देखभाल कौन करता है?
उत्तर:
बाग-बगीचों की देखभाल माली करता है।

प्रश्न 3.
धोबी कौन-सा काम करता है?
उत्तर:
धोबी कपड़े धोने, सुखाने और इस्त्री करने का काम करता है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 करो और जानो

प्रश्न 4.
हमारे शहर में सुरक्षा प्रदान करने का काम किसका है?
उत्तर:
हमारे शहर में सुरक्षा प्रदान करने का काम पुलिस का है।

प्रश्न 5.
आग बुझाने का काम कौन-सा विभाग करता है?
उत्तर:
आग बुझाने का काम अग्निशामक (दमकल) विभाग करता है।

पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 12 के चित्र देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
कुम्हार क्या कर रहा है?
उत्तर:
कुम्हार मिट्टी के बरतन बना रहा है।

प्रश्न 2.
फूलवाली ने चित्र में कौन-कौन से फूल रखे हैं?
उत्तर:
फूलवाली ने चित्र में सेवंती, मौलश्री, कमल, चंपा, बेला, कनेर, गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि फूल रखे हैं।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 करो और जानो

प्रश्न 3.
फलवाले की दुकान में कौन-कौन से फल रखे हैं?
उत्तर:
अंगूर, तरबूज, अनार, सेब, संतरा, खरबूजा, अनन्नास, सीताफल, केला आदि फल रखे हैं।

प्रश्न 4.
पंसारी क्या-क्या बेचता है?
उत्तर:
पंसारी दाल, चावल, गेहूँ, बादाम, काजू, तेल आदि सभी चीजें बेचता है।

प्रश्न 5.
पंसारी चित्र में क्या कर रहा है?
उत्तर:
पंसारी सामान तौल रहा है।

प्रश्न 6.
चित्र में फुगड़ी कौन खेल रहा है?
उत्तर:
चित्र में दो लड़कियाँ फुगड़ी खेल रही हैं।

उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

प्रश्न 3.
उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(पगड़ी, बेल, कूदते, झाडू, फुगड़ी)

  1. लड़का ………….. बाँध रहा है।
  2. लड़का रोटी …………. रहा है।
  3. हम रस्सी …………. हैं।
  4. माँ घर में सुबह-शाम ………… लगाती हैं।
  5. लड़कियाँ ………….. खेल रही हैं।

उत्तर:

  1. पगड़ी
  2. बेल
  3. कूदते
  4. झाडू
  5. फुगड़ी

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:

  1. खेतों में काम कौन करता है?
  2. देश की रक्षा करनेवाले क्या कहलाते हैं?
  3. कोर्ट – कचहरी में कौन हमें न्याय पाने के लिए मदद करते हैं?
  4. अस्पताल में मरीजों की देखभाल कौन करता है?
  5. हमारे घर चिट्ठी कौन ले आता है ?

उत्तर:

  1. किसान
  2. सैनिक
  3. वकील
  4. नर्स
  5. डाकिया

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 करो और जानो

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए कोष्ठक में से चुनकर अनाजों, फूलों और फलों के नाम लिखिए: (चावल, गुलाब, आम, कमल, गेहूँ, अमरूद, केला, चना, गेंदा, मटर, सेब, राजमा, चंपा, संतरा, चमेली)
उत्तर:

अनाजफूलफल
1. चावलकमलआम
2. गेहूँगुलाबअमरूद
3. चनागेंदाकेला
4. मटरचंपासेब
5. राजमाचमेलीसंतरा

प्रश्न 6.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ)(ब)
1. मछुआरा(अ) बगीचे की देखभाल करता है।
2. कवि(आ) लकड़ी का सामान बनाता है।
3. मूर्तिकार(इ) जूते सिलता है।
4. चालक(ई) मरीजों का इलाज करता है।
5. गायक(उ) साथ में पढ़ता है।
6. सहपाठी(ऊ) गीत गाता है।
7. डॉक्टर(ए) गाड़ी चलाता है।
8. मोची(ऐ) मूर्तियाँ बनाता है।
9. बढ़ई(ओ) कविता लिखता है।
10. माली(औ) मछलियाँ पकड़ता है।

उत्तर:

(अ)(ब)
1. मछुआरा(औ) मछलियाँ पकड़ता है।
2. कवि(ओ) कविता लिखता है।
3. मूर्तिकार(ऐ) मूर्तियाँ बनाता है।
4. चालक(ए) गाड़ी चलाता है।
5. गायक(ऊ) गीत गाता है।
6. सहपाठी(उ) साथ में पढ़ता है।
7. डॉक्टर(ई) मरीजों का इलाज करता है।
8. मोची(इ) जूते सिलता है।
9. बढ़ई(आ) लकड़ी का सामान बनाता है।
10. माली(अ) बगीचे की देखभाल करता है।

करो और जानो Summary in Hindi

पाठ का परिचय:

इस पाठ के द्वारा हमें विभिन्न क्रियाओं की जानकारी दी गई है। क्रिया का अर्थ है कार्य करना (Action/Verb) – जैसे हँसना, खेलना, गाना, सोना, पढ़ना, आना, जाना, उठना, बैठना, धोना, बेलना, कूदना, नाचना, दौड़ना, खिलाना, झूलना आदि। चित्रों में सभी कुछ ना कुछ कार्य कर रहे हैं।
1. कुम्हार – मिट्टी के बरतन बनाने वाले को कुम्हार कहा जाता है। (potter)

2. पंसारी – पंसारी के यहाँ हर प्रकार की खाने वाली चीजें दाल, चावल, गेहूँ, बादाम, काजू, तेल आदि मिलती हैं। (grocer)

3. फूलवाली – फूलवाली (florist) के पास अलग-अलग प्रकार के फूल एवं फूलों की मालाएँ होती हैं। इनमें सेवंती white rose, मोलश्री, बेला (सफेद फूल), कनेर – सफेद, लाल या पीले फूल oleander, गेंदा marigold, गुलाब rose, गुड़हल hibiscus, कमल lotus, चंपा – एक सुगंधित पीला फूल magnolia इत्यादि होते हैं।

4. फलवाला – फलवाला (fruitseller) अलग-अलग प्रकार के फलों को बेचता है। अंगूर grapes, केला banana, अनार pomegranate, खरबूजा muskmelon, सीताफल custard apple, तरबूज watermelon, सेब apple, संतरा orange, अनन्नास pineapple इत्यादि होते हैं।

5. किसान – किसान खेती का काम करते हैं। (farmer)
6. डाकिया – हर एक के घर में चिट्ठी देने का काम करता है। (postman)
7. सैनिक – हमारे देश की रक्षा करता है। (soldier)
8. नर्स – मरीज़ों की सेवा करती है। (nurse)
9. वकील – वकील कोर्ट में केस लड़ता है। (lawyer)
10. मछुआरा – मछलियाँ पकड़ने तथा बेचने का काम करता है। (fisherman)
11. मूर्तिकार – मूर्तियाँ बनाने का काम करता है। (sculptor)
12. कवि – कविताएँ लिखता है। (poet)
13. चालक -गाड़ी चलाने का काम करता है। (driver)
14. गायक – गाना गाता है। (singer)

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 करो और जानो

शब्दार्थ:

  1. धोना – साफ करना (to clean)
  2. कुम्हार – मिट्टी के बरतन बनानेवाला (potter)
  3. फूलवाली – फूल बेचनेवाली (florist)
  4. फलवाला – फल विक्रेता (fruit seller)
  5. विभिन्न – अलग-अलग (different)
  6. बोध – जानकारी (information)
  7. मुवक्किल – (client)
  8. पक्ष – साथ देना (favour)
  9. गवाह – साक्षी (witness)