Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 6 अंधायुग Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 6 अंधायुग Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:

कृति करो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 2
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 7

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

संजाल पूर्ण करो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 4
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 8

उत्तर लिखो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 3
Answer:

कविता में प्रयुक्त पात्र:

  1. युयुत्सु
  2. अश्वत्थामा
  3. वृद्ध

भाषा बिंद

पाठों में आए मुहावरों का अर्थ लिखकर उनका अपने स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग करो:
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 9
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 10
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 11

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

पढ़ो और समझो:

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 5

स्वयं अध्ययन

‘कर्म ही पूजा है’, विषय पर अपने विचार सौ शब्दों में लिखो।

उपयोजित लेखन:

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दो।
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 6
Answer:
एक गाँव – दर्जी की दुकान – प्रतिदिन हाथी का दुकान से ,होकर नदी पर नहाने जाना – दर्जी का हाथी – को केला, खिलाना – एक दिन दर्जी को मजाक सूझना – दर्जी दवारा हाथी को सुई चुभाना- परिणाम – शीर्षक

जैसी करनी, वैसी भरनी

गणेशपुर नामक गाँव में एक किसान के घर एक पालत हाथी रहता था। वह बड़ा चालाक था। उसका नियम था कि प्रतिदिन सबेरे के समय तालाब पर पीने जाता था। उस रास्ते में एक दर्जी की दुकान पड़ती थी। वह रोज उसे खाने के लिए केले देता था। हाथी इस उपकार का बदला चुकाने के लिए तालाब से लौटते समय दर्जी को एक कमल का फूल देता था। इस प्रकार दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। एक दिन दर्जी ने मन में सोचा क्यों न आज हाथी के साथ मजाक करूँ।

जब हाथी प्रतिदिन के नियमानुसार केले लेने आया, तो दर्जी ने केला के बदले हाथी की सूंड में सुई चुभा दी। हाथी खून का चूंट पीकर तालाब पर चला गया। रास्ते में मन-ही-मन बदला लेने की युक्ति सोचने लगा। तालाब से लौटते समय वह अपनी सूंड में कीचड़ भर लाया और दर्जी की दुकान में डाल दिया। दुकान में रखे सारे नए कपड़े खराब हो गए। दर्जी अपनी हानि देखकर पछताने लगा। सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जैसा बीज बोओगे, वैसा फल पाओगे।

कल्पना पल्लवन

Question 1.
‘मनुष्य का भविष्य उसके हाथों में है।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता होता है। वह चाहे तो अच्छे कार्यों द्वारा अपने जीवन को स्वर्ग के जैसा सुंदर बना सकता है और यदि चाहे तो अपने जीवन को नर्क बना सकता है। मनुष्य को जो मानव जन्म मिला है वह बहुत ही दुर्लभ जन्म है। अत: मनुष्य को अपने जीवन में मनुष्यता का पालन करते हुए स्वयं के जीवन को खुशहाल व सफल बनाना चाहिए। मनुष्य अपने जीवन में सद्गुण एवं जीवनमूल्यों को अपनाकर स्वयं का चरित्र उज्ज्व ल बना सकता है। संसार में ऐसे कई महापुरुष हुए हैं जिन्होंने स्वयं के जीवन को अपने कार्य द्वारा महान बनाया है।

विद्यार्थी जीवन में प्रत्येक विद्यार्थी को पढ़ाई में ध्यान लगाना चाहिए और अच्छे संस्कारों को अपनाना और उन पर चलना चाहिए। इससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। यदि वे बचपन से कुसंगति में फंस गए तो स्वयं के जीवन को नर्क के समान यातना व पीड़ादायी बनाएंगे। यह मनुष्य के ऊपर निर्भर करता है कि वह फूल को चुने या काँटी को।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

Question 2.
कर्म ही पूजा है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
गीता में लिखा है कि कर्म ही पूजा है। कर्म से बढ़कर व्यक्ति का अन्य कोई धर्म नहीं है। इसलिए कर्म करना मनुष्य का पहला लक्ष्य होना चाहिए। कर्म करने से व्यक्ति को बड़ा आनंद मिलता है। पक्के इरादे से किया गया कर्म ज्यादा सफल होता है। मनुष्य के कर्म को ही संसार में याद किया जाता है। उसकी मृत्यु के उपरांत वह सिर्फ अपने अच्छे कर्मों के कारण याद किया जाता है। इसलिए छात्रों को भी आलस्य त्यागकर अध्ययन का कर्म करते रहना चाहिए। हमें स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी आदि की तरह जीवन में कर्म करते रहना चाहिए। कर्म सफलता का आधार है। कर्म ही श्रेष्ठ है।

आज संसार में कई ऐसे देश हैं, जो समृद्ध व संपन्न हैं; प्रगत एवं विकसित हैं। वहाँ पर विद्या, धन, बुद्धि व ऐश्वर्य हैं। इसका एक ही कारण है, वह यह है कि वहाँ पर रहने वाले लोगों ने कर्म को ही अपना लक्ष्य मान लिया है। कर्मवीरों के लिए समय बहुत ही महत्त्वपुर्ण होता है। इसलिए वे समय को कभी भी व्यर्थ नहीं गंवाते। जिस काम को जिस समय करना हैं, उसे उसी समय कर देते हैं। उसे कल पर नहीं छोड़ते हैं। जहाँ काम करना हो, वहाँ काम करते हैं, बातों में समय व्यर्थ नहीं करते। आज का काम कल पर नहीं छोड़कर वे अपने दिनों को व्यर्थ नहीं करते। समय का सदुपयोग करना यही उनका कर्तव्य होता है। कोशिश या मेहनत करने से वे कभी-भी जी नहीं चुराते हैं। कर्म करने से ही व्यक्ति के जीवन को सौंदर्य प्राप्त हो जाता है। सबकी भलाई के लिए कर्म करते जीना ही जीवन का सच्चा मूलमंत्र है।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 6 अंधायुग Additional Important Questions and Answers

समझकर लिखिए

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 25
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 12

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 14
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 20

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
युयुत्सु ……………………. मरण के बाद।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ. धर्मवीर भारती लिखित ‘अंधायुग’ गीतिनाट्य से ली गई हैं। यह प्रसंग उस समय का है जब श्रीकृष्ण की जीवन-यात्रा समाप्त हो गई थी। युयुत्सु अश्वत्थामा से कहता है कि प्रभु की मृत्यु के बाद दूसरों का वध करने वालों को मुक्ति जरूर मिली होगी। उनका उद्धार हो जाएगा, लेकिन अब जो यह अंधा युग आने वाला हैं. इसमें मानव की रक्षा कौन करेगा? आखिर भगवान
कृष्ण ने एक कायर की भाँति मृत्यु को स्वीकार किया है।

Question 2.
अश्वत्थामा मस्तक पर।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ. धर्मवीर भारती लिखित ‘अंधायुग’ गीतिनाट्य से ली है। अश्वत्थामा युयुत्सु से कहता है, “भगवान श्रीकृष्ण मेरे शत्रु थे। मुझे इस बात का पता नहीं कि उन्होंने कायर की भाँति मृत्यु को स्वीकार किया था या नहीं? लेकिन मृत्यु के समय उनके स्वर्ण मस्तक पर शांति छाई हुई थी।

निम्नलिखित वाक्य सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
श्रीकृष्ण ने सभी का दायित्व अपने सिर पर लिया था।
Answer:
सत्य

Question 2.
श्रीकृष्ण ने सभी पर उत्तरदायित्व नहीं सौंपा।
Answer:
असत्य

कविता की पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए।

Question 1.
अब तक मानव भविष्य को मैं जिलाता था …..
Answer:
लेकिन इस अंधे युग में मेरा एक अंश निष्क्रिय रहेगा, आत्मघाती रहेगा और विगलित रहेगा।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 21
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 15

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

समझकर लिखिए।

Question 1.
प्रभु अंत समय इससे बात करे रहे थे।
Answer:
शिकारी से

Question 2.
प्रभु ने अंत समय जो बाते की वह बातें इसने सुनी थी।
Answer:
वृद्ध ने

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
वृद्ध ……………………. उठूगाम बारम्बार……. उलूंगा मैं बार-बार।
Answer:
‘प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ. धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’ गीतिनाट्य से ली गई हैं। वृद्ध ने कहा, “ अंत समय में श्रीकृष्ण ने सभी से कहा कि यह उनका मरण नहीं है बल्कि यह तो शरीर का रूपांतरण है। अब तक उन्होंने सभी की जिम्मेदारी अपने सिर पर ली थी और अब वे सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी सौंपकर इस संसार से अपने धाम चले जाएंगे। अब तक वे मानव भविष्य को जिलाते रहे, लेकिन आने वाले इस अंधे युग में उनका एक अंश संजय, युयुत्सु व अश्वत्थामा की भाँति निष्क्रिय रहेगा; आत्मघाती रहेगा; पिघला हुआ रहेगा क्योंकि इन सबकी उन्होंने अपने ऊपर जिम्मेदारी ली हैं।

समझकर लिखिए।

Question 1.
प्रभु का दायित्व इसमें स्थित रहेगा।
Answer:
मानव मन के वृत्त में।

Question 2.
प्रभु के दायित्व को आधार बनाकर मानव यह करेगा।
Answer:
नूतन निर्माण करेगा।

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 22
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 16

पद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
मानव पिछले ध्वसों पर………..
Answer:
नूतन निर्माण करेगा।

Question 2.
निर्भयता साहस ममता व रस के क्षण में……..
Answer:
प्रभु बार बार सक्रिय व जीवित हो उठेंगे।

समझकर लिखिए।

Question 1.
श्रीकृष्ण ने अपना दायित्व इन्हें सौंप दिया है
Answer:
पृथ्वी के हर प्राणी को ।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

कृति ग (३) निम्नलिखित पदयांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
बोले ……………………. उलूंगा मैं बार बार।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ. धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’ गीतिनाट्य से ली गई हैं। प्रभू ने कहा कि अब उनका दायित्व सभी मानव लेंगे। उनका दायित्व मानव मन में स्थित रहेगा। इसके सहारे मानव सभी परिस्थितियों की मर्यादा को तोड़ते हुए अपने पिछले विनाश के स्थान पर नवनिर्माण करेगा। मानव मर्यादायुक्त आचरण का पालन करते हुए हमेशा नया निर्माण करना होगा। सभी को सृजन, साहस, निर्भयता एवं ममत्वपूर्ण व्यवहार करने होंगे। जब ऐसा होगा तब श्रीकृष्ण बार-बार सक्रिय व जीवित हो उठेंगे।

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 23
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 17

कविता की पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए।

Question 1.
उसके इस ………….. सार्थकता पा जाएगा?
Answer:
उसके इस नये अर्थ में क्या हर छोटे-से-छोटा व्यक्ति विकृत, अर्धबर्बर, आत्मघाती, अनास्थामय अपने जीवन की सार्थकता पा जाएगा?

समझकर लिखिए।

Question 1.
इसके हाथ में हैं मानव जीवन
Answer:
मनुष्य के

Question 2.
मनुष्य यदि चाहे तो
Answer:
जीवन को नष्ट करे अथवा जीवन प्रदान करें।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 24
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग 18

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
अश्वत्थामा …………. पा जाएग।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ.धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’ गीतिकाव्य से ली गई हैं। अश्वत्थामा वृद्ध से पूछता है कि जैसे श्रीकृष्ण ने बताया वैसे उनके इस नए अर्थ के अनुसार छोटे से छोटा व्यक्ति क्या अपने जीवन की सार्थकता पाने में सफल सिद्ध हो सकता है? आखिर, भविष्य का मानव विकृत, हिंसक, आत्मघाती व ईश्वर के प्रति अनास्था रखने वाला होगा।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 6 अंधायुग

Question 2.
वृद्ध ………जीवन लो।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि डॉ. धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’ गीतिकाव्य से ली गई हैं। वृद्ध अश्वत्थामा को इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहता है कि निश्चय ही, मनुष्य भले ही अच्छा रहे या बुरा आखिर मानव जीवन उसी के ही हाथ में है। वह चाहे तो उसे नष्ट कर दे अथवा जीवन प्रदान करें।

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं (स्थूलवाचन)

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं Textbook Questions and Answers

1. खालील फरक लिहा.

प्रश्न 1.
खालील फरक लिहा.
व्यंगचित्र व हास्यचित्र
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं 1
उत्तर:
व्यंगचित्र :- हास्यचित्राचा पुढचा टप्पा म्हणजे व्यंगचित्र होय.
हास्यचित्राप्रमाणे व्यंगचित्रसुद्धा आपल्याला हसवतं. पण केवळ हसवणं एवढाच त्याचा हेतू नसतो. व्यंगचित्र पाहिल्यावर आपल्याला हसूही येतं आणि ते आपल्याला त्याशिवाय काहीतरी सांगू पाहत असतं. आपण जर त्या चित्रापाशी थोडं थांबून राहिलो, तर त्यात मांडलेला एखादा गमतीदार विचार आपल्या सहज लक्षात येतो.

हास्यचित्र :- ‘सफाईदार, रेषांनी काढलेलं गमतीदार चित्र म्हणजे हास्यचित्र होय.’ हास्यचित्राचे खास वैशिष्ट्य म्हणजे ते पाहिले की आपल्याला छान हसू येते. या गमतीदार चित्रांमध्ये एक जोक, एक विनोद मांडलेला असतो. त्या चित्रांमधला एखादा माणूस दुसऱ्या माणसाशी काहीतरी बोलतो. ते वाचलं की आपल्याला हसू येतं. त्यातून खास असा विचार मांडलेला
दिसून येत नाही.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं

2. वैशिष्ट्ये लिहा.

प्रश्न 1.
वैशिष्ट्ये लिहा.
व्यंगचित्रे
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं 2
उत्तर:

  1. हास्यचित्राचा पुढला टप्पा म्हणजे व्यंगचित्र होय.
  2. व्यंगचित्रे आपल्याला हसवतात, पण केवळ हसवणं एवढाच त्यांचा हेतू नसतो.
  3. व्यंगचित्र पाहिल्यावर आपल्याला हसूही येतं आणि ते आपल्याला त्याशिवाय काहीतरी सांगू पाहत असतं.
  4. आपण जर अशा व्यंगचित्रापाशी थोडं थांबून राहिलो तर त्यात मांडलेला गमतीदार विचार आपल्या लक्षात येतो.

3. ‘व्यंगचित्र हे व्यक्तीचे गुण-दोष मांडण्याचे प्रभावी अस्त्र आहे,’ हा विचार सोदाहरण स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
‘व्यंगचित्र हे व्यक्तीचे गुण-दोष मांडण्याचे प्रभावी अस्त्र आहे,’ हा विचार सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तर:
हास्यचित्राप्रमाणे व्यंगचित्रसुद्धा आपल्याला हसवते. पण केवळ हसवणं एवढाच त्याचा हेतू नसतो. हसवण्याशिवाय ते व्यंगचित्र आपल्याला अजून काहीतरी सांगू पाहत असते. आपण त्या चित्रापाशी थोडे थांबून राहिलो तर त्यात मांडलेला गमतीदार विचार आपल्या लक्षात येतो. सफाईदार रेषांनी काढलेल्या अशा गमतीदार चित्रातील दाखवलेल्या हावभावांतून व्यक्तीचे गुणदोष चटकन आपल्या लक्षात येतात.

संवेदनशील व्यक्ती असे चित्र पाहून आपल्या वागण्याबोलण्यात बदल करू शकते. उदाहरण द्यायचे झाल्यास आपल्या पाठात दिलेले हंगेरियन व्यंगचित्रकार रेबर याचे व्यंगचित्र पाहा. लहान मुलगा आणि मोठा माणूस दोघेही व्हायोलिन वाजवत आहेत. पण केसांची ठेवण पाहिल्यावर लक्षात येते की, दोघेही एकच आहेत. पण लहानपणी मोठे व्हायोलिन तर मोठे झाल्यावर लहान व्हायोलिन वाजवतो आहे.

याचाच अर्थ असा की, लहान मुलांना मोठ्या वस्तूंचे आकर्षण असते. म्हणजेच आपली आवड किंवा आपला एखादा छंद त्यांच्यासाठी सर्वस्व असते. त्या वयात ती आवड खूप मोठी असते. परंतु, वाढत्या वयानुसार आपण जपलेला छंद लहान होत जातो. बाह्य आकाराचे आकर्षण कमी झालेले असते, हे त्या चित्रकाराला सांगायचे आहे. याचाच अर्थ असा की, लहानपणी जपलेला छंद, मोठ्या आवडीने आपण मोठेपणीसुद्धा जपला तर जीवनातल्या ताण-तणावांवर, दु:खांवर आपण सहज मात करू शकतो. थोडक्यात सांगायचे झाले तर लहानपणीचा जपलेला छंद हा त्याचा गुण, तर मोठेपणी या छंदाकडे केलेले दुर्लक्ष हा त्याचा दोष चित्रातून प्रभावीपणे मांडलेला आहे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं

4. प्रस्तुत पाठातील व्यंगचित्रांपैकी तुम्हांला आवडलेल्या कोणत्याही एका व्यंगचित्राचे तुम्ही केलेले निरीक्षण बारकाव्यासह स्वत:च्या शब्दांत लिहा.

प्रश्न 1.
प्रस्तुत पाठातील व्यंगचित्रांपैकी तुम्हांला आवडलेल्या कोणत्याही एका व्यंगचित्राचे तुम्ही केलेले निरीक्षण बारकाव्यासह स्वत:च्या शब्दांत लिहा.
उत्तर:
‘हास्यचित्रांतली मुलं’ या पाठातील ‘चिंटूच्या चित्रमालिका’ हे एक व्यंगचित्र दिलेले आहे. ते मला खूप आवडले आहे. त्यातील ‘पप्पा नदीचं पाणी कुठे जातं हो?’ हा चिंटूचा साधा प्रश्न मला पटकन कळलाच नाही. त्याने असे का विचारले असेल? याचा उलगडा मला लगेच झाला नाही. पण तिसऱ्या चित्रात बाबांनी विचारलेल्या ‘का रे?’ या प्रश्नाला चिंटूने दिलेल्या “तुमच्या स्कुटरची किल्ली नदीत पडली म्हणून विचारतोय,” या अगदी निरागस, सहज उत्तराने मला त्याच्या प्रश्नाचा अर्थ कळला. उत्तर देताना चिंटूने फिरवलेला चेहरा, त्याचे बाबांकडे न पाहणे, डोळ्यातले निरागस भाव चटकन आपल्या चेहऱ्यावर हसू आणतात. त्याचबरोबर आपल्या चुकांचीही जाणीव करून देतात.

5. ‘व्यंगचित्र रेखाटणे’ ही कला आत्मसात करण्यासाठी कोणत्या गुणांची आवश्यकता असते. यासंबंधी तुमचे विचार लिहा.

प्रश्न 1.
‘व्यंगचित्र रेखाटणे’ ही कला आत्मसात करण्यासाठी कोणत्या गुणांची आवश्यकता असते. यासंबंधी तुमचे विचार लिहा.
उत्तरः
व्यंगचित्र रेखाटण्यासाठी अतिशय महत्त्वाचे म्हणजे आपली चित्रकलेवर हुकूमत असली पाहिजे. चित्रातल्या रेषा अत्यंत सफाईदारपणे काढता आल्या पाहिजेत. शिवाय बारीक निरीक्षणशक्ती आपल्याजवळ असणे आवश्यक असते. आजूबाजूच्या माणसांच्या, जनावरांच्या, पशु-पक्षांच्या सवयी, त्यांच्या लकबी या सर्वांचे निरीक्षण व्यंगचित्रकाराला करता आले पाहिजेत.

त्याचबरोबर चित्रामधून एखादा विनोद, मांडता आला पाहिजे. असे चित्र पाहताना समोरच्या व्यक्तीला हसू आले पाहिजे. शिवाय त्याला विचार करायला भाग पाडले पाहिजे. म्हणजेच व्यंगचित्रकाराने अशा चित्रातून गमतीदार विचार मांडणे आवश्यक असते. त्यासाठी व्यंगचित्रकाराकडे विनोदबुद्धी असणे गरजेचे असते.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं

6. ‘लहान मुलांची हास्यचित्रे काढणे अवघड आहे’, याबाबत तुमचे मत स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
‘लहान मुलांची हास्यचित्रे काढणे अवघड आहे’, याबाबत तुमचे मत स्पष्ट करा.
उत्तरः
लहान मुलांची हास्यचित्रे काढणे ही सर्वात अवघड गोष्ट आहे. मुलांची म्हणजे, केवळ मुलांसाठीच नाही, तर हास्यचित्रात जी मुलं असतात, ती मुलं काढणं फार अवघड असतं. फार कमी जणांना अशी लहान मुले चित्रित करणे जमते. लहान मुलाचं चित्र काढताना, त्या चित्राचा किंवा त्या मुलाचा लहान आकारच महत्त्वाचा नसतो, तर शरीराच्या प्रत्येक अवयवाचा आकार त्या प्रमाणात लहान असणं गरजेचं असतं. म्हणजे हाता-पायांची बोटं लहान काढली की आपोआप नखं लहान होतात.

नाकाचा, ओठांचा आकार लहान काढल्यावर त्यांच्या डोळ्यांवरच्या भुवया तशाच लहान किंवा एकाच रेषेच्या होतात. शिवाय लहान मुलांना दाढी-मिश्या नसतात त्यामुळे त्या दाखविण्याची गरज पडत नाही. म्हणूनच लहान मुलांची हास्यचित्रे काढताना मोठ्या माणसांकडे आणि लहान मुलांकडे बारकाईने पाहणे, त्यांचे नीट निरीक्षण करणे आवश्यक ठरते.

हास्यचित्रांतली मुलं Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय:

नाव: मधुकर धर्मापुरीकर
कालावधी : 1954
परिचय: कथालेखक, ललित लेखक आणि व्यंगचित्रांचे संग्राहक-अभ्यासक. 1976 पासून त्यांनी व्यंगचित्रांचा संग्रह करण्यास सुरुवात केली. कथालेखनासोबतच व्यंगचित्रांच्या आस्वादाच्या निमित्ताने विपुल लेखन. किशोरवयीन मुलांसाठी लिहिलेल्या ‘अनकॉमन मॅन आर. के. लक्ष्मण’ या पुस्तकाला महाराष्ट्र शासनाचा पुरस्कार मिळाला आहे. आर. के. नारायण यांच्या ‘मालगुडी डेज’ आणि ‘स्वामी अॅण्ड फ्रेंडज’ या पुस्तकांचे मराठी अनुवाद केलेले आहेत. ‘अप्रपू’, ‘रूप’, ‘विश्वनाथ’, ‘चिनकूल’ हे कथासंग्रह, ‘रेषालेखक वसंत सरवटे’, ‘हसऱ्या रेषेतून हसवण्याच्या पलीकडे’ ही पुस्तके प्रसिद्ध.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं

प्रस्तावना:

‘हास्यचित्रांतली मुलं’ हा पाठ लेखक ‘मधुकर धर्मापुरीकर’ यांनी लिहिला आहे. या पाठात हास्यचित्रे व व्यंगचित्रे यांमधील भेद दाखवत हास्यचित्र, व्यंगचित्र म्हणजे काय? ती कशी वाचायला पाहिजेत? हे अगदी रंजक पद्धतीने सांगितले आहे.

Writer ‘Madhukar Dharmapurikar has written this write-up named ‘Hasyachitrantali Mula’. He teaches us in an entertaining way how to enjoy the art of cartoons and caricatures and how to distinguish between the two.

शब्दार्थ:

  1. हास्यचित्र – हसू येण्यासारखे चित्र
  2. व्यंगचित्र – विनोदी चित्र (caricature, cartoon)
  3. भेदाभेद – भेदभाव (discrimination)
  4. थबकणे – मध्येच अकस्मात थांबणे
  5. बारकाईने – लक्षपूर्वक (with full attention)
  6. कौशल्य – कुशलता, कसब (skill)
  7. हेतू – उद्देश, उद्दिष्ट, कारण (intention, reason)
  8. विनोद – थट्टा, उपहास (jokes, humour, jesting)
  9. रोपटे – लहान कोवळे झाड (a plant)
  10. लवचीक – न मोडता वाकणारा (flexible)
  11. रांगणे – सरपटत जाणे (to creep, to crawl)
  12. नक्कल – अनुकरण (copy, imitation)
  13. हुबेहूब – अगदी सारखे (exactly the same)
  14. चतुर – धूर्त (shrewd)
  15. भाव – भावना (emotion)
  16. खेडे – लहान गाव (village)
  17. उत्साह – जोश, जोम, उमेद (enthusiasm, energy)
  18. उत्तम – चांगले, उत्कृष्ट (best, excellent)
  19. आकर्षण – मोहकता (attraction)
  20. भुवया – भिवई (eyebrow)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8.1 हास्यचित्रांतली मुलं

टिपा:

1. चिंटू – सकाळ वृत्तपत्रातील एक विनोदी चित्रमालिका. याचे लेखन प्रभाकर वाडेकर आणि चारुहास पंडित यांनी केले आहे. चिंटू हे पात्र मध्यमवर्गीय मराठी कुटुंबातील आहे. यात विनोदी चेहऱ्याने त्याच्या दैनंदिन जीवनातल्या घटना दिल्या जातात.

2. शि. द. फडणीस – शिवराम दत्तात्रेय फडणीस (29 जुलै, 1925) भारतातील प्रसिद्ध चित्रकार आणि व्यंगचित्रकार.

3. डेव्हिड लँग्डन – (24 फेब्रुवारी, 1914 – नोव्हेंबर, 2011) त्याचे पहिले व्यंगचित्र 1935 मध्ये एलसीसी कर्मचारी जर्नल, लंडन टाउनमध्ये प्रसिद्ध झाले.

4. आर. के. लक्ष्मण – राशीपुरम कृष्णास्वामी अय्यर (24 ऑक्टोबर, 1921-26 जानेवारी, 2015) भारतीय व्यंगचित्रकार, चित्रकार आणि विनोदी लेखक. ते त्यांच्या ‘कॉमन मॅन’ आणि ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ मधील ‘यू सेड इट’ या चित्रमालिकेसाठी प्रसिद्ध आहेत.

5. नॉर्मन थेलवेल – (23 मे, 1923 – 7 फेब्रुवारी, 2004), ब्रिटिश व्यंगचित्रकार. घोड्यांच्या चित्रांसाठी प्रसिद्ध होते.

वाक्प्रचार:

  1. थबकणे – मध्येच अकस्मात थांबणे
  2. विचार मांडणे – कल्पना, मत मांडणे
  3. भोकाड पसरणे – जोरजोरात रडणे
  4. हुकूमत गाजवणे- वर्चस्व, अधिकार गाजवणे

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 8 सखू आजी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 8 सखू आजी Textbook Questions and Answers

1. खालील घटनेचा लेखकावर झालेला परिणाम लिहा.

प्रश्न 1.
खालील घटनेचा लेखकावर झालेला परिणाम लिहा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 2

2. ‘सखू आजी कवितेत बोलते, कवितेत जगते’ हे विधान स्पष्ट करणारी पाठातील वाक्ये शोधा.

प्रश्न 2.
‘सखू आजी कवितेत बोलते, कवितेत जगते’ हे विधान स्पष्ट करणारी पाठातील वाक्ये शोधा.
उत्तर:
1. ‘हाडं गेली वड्याला, बघा माज्या मड्याला.’
2. ‘मरण लोकाला, सरण दिक्काला/माजं कपाळ, भरलं आभाळ/ मरलं माणूस, झिजलं कानुस/म्हातारी नवसाची, भरून उरायची.’
3. ‘गाव गरतीला, सपान धरतीला/धरती दुवापली, माती हाराकली.’

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3. गुणवैशिष्ट्ये लिहा.

प्रश्न ३.
गुणवैशिष्ट्ये लिहा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 4

4. कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.

प्रश्न (अ)
याबाबत मला काहीही म्हणायचे नाही. (काळ ओळखा)
उत्तरः
वर्तमानकाळ

प्रश्न (आ)
आजी कुठं चाललीस? (अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा)
उत्तरः
आजी – नाम

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प्रश्न (इ)
आजी माझ्या जवळची होती. (अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.)
उत्तरः
आजी माझ्या लांबची होती.

प्रश्न (ई)
डोंगराच्या कुशीत वसले होते ते गाव! (अधोरेखित शब्दाचा समानार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.)
उत्तरः
पर्वताच्या कुशीत वसले होते ते गाव!

5. स्वमत:

प्रश्न (अ)
सखू आजीच्या व्यक्तिमत्त्व विशेषांपैकी तुम्हांला भावलेल्या कोणत्याही दोन विशेषांचे सकारण स्पष्टीकरण करा.
उत्तरः
सखू आजी सहज बोलायला लागली तरी एक कविताच बोलायची. तो तिच्या व्यक्तिमत्त्वाचा एक विशेष होता. तिला कुणी म्हटलं की, म्हातारी गप्प घरात बसायचं सोडून कुठं निघालीस मरायला’. तर ती लगेच म्हणायची, ‘मरण लोकाला, सरण दिक्काला। माजं कपाळ भरलं आभाळ। मरलं माणूस, झिजलं कानुस । म्हातारी नवसाची, भरून उरायची’ हे सगळं ती जुळवून बोलायची असं नाही, पण ती बोलायला लागली की आपोआप तिच्या तोंडातून ते बाहेर यायचं

सखू आजीच्या व्यक्तिमत्त्वाचा मला भावलेला दुसरा विशेष म्हणजे ‘नवीन बदल सहज स्वीकारणे’ हा होय. लेखक राहतो त्या विभागात प्रौढ साक्षरतेचे वर्ग जोरात होते. पण त्यांच्या गावात एकही चालत नव्हता. सखू आजीला हे माहिती झाले तेव्हा कॉलेजामध्ये शिकवणाऱ्या लेखकाच्या घरी सखू आजी आजुबाजूच्या आया-बाया घेऊन गेली. त्यानंतर सगळ्यांच्या समोर म्हणाली की, “आमचं पोरगं एवढं काय काय शिकलंय, आपल्याला दुसरा मास्तर कशाला पायजे. तूच शिकीव रंऽऽ आमाला” सखू आजी पंधरा दिवसात लिहाय वाचायला शिकली. शिवाय इतर बायकांनादेखील शिकवायला सुरुवात केली.

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प्रश्न (आ)
खालील मुद्द्याला अनुसरून सखू आजींविषयी तुमचे मत लिहा.
1. करारीपणा
2. आजीचा गोतावळा
उत्तरः
सखू आजी एकदम करारी होती. तो तिच्या व्यक्तिमत्त्वाचा खास विशेष होता. एकदा गावनियमाविरुद्ध वागणाऱ्या सातबा घोरपड्याच्या मुलाला पंचांनी व गावकऱ्यांनी दंड करावा’ असे ठरवले. त्यावेळी सखूआजी आपल्या करारीस्वभावानुसार ठामपणे म्हणाली की, ‘पोरगं मांडीवर घाण करतंय म्हणून मांडी कापता व्हयगाऽऽ?’ तिच्या म्हणण्यानुसार लगेच शिक्षा करण्याऐवजी चूक करणाऱ्या व्यक्तीला सुधारण्याची संधी द्यायला हवी. तिच्या या स्वभावामुळे गावकऱ्यांच्या मनात तिच्याविषयी आदर होता. त्यामुळेच सातबाच्या मुलाला कोणीही काहीही बोलले नाही.

सखू आजीला गावातल्या सगळ्या लहान-थोरांमध्ये आपलं घर दिसायचं. गाव म्हणजे तिचा गोतावळा होता. सगळे गावकरी जणू तिचे नातेवाईकच होते. त्यामुळेच सगळ्या अडाणी आयाबायांना गोळा करून ती लेखकाकडे गेली आणि, “एवढा शिकला-सवरला आहेस तर दुसऱ्या कोणी शिकवण्यापेक्षा तूच आम्हांला लिहाय-वाचायला शिकव’, असे हक्काने म्हणाली. स्वत: पंधरा दिवसांत लिहिणे वाचणे शिकून तिने इतरांना शिकवायला सुरुवात केली. गावातला चोपडा यांचा मुलगा पहिल्यांदा पोलिस झाला. त्यावेळी आजीने गावच्या बाया गोळा करून त्याला ड्रेसवरच ओवाळलं. दही-साखरेनं तोंड गोड केलं अशा या सखू आजीचा गाव म्हणजे गोतावळाच होता. सगळ्यांच्या मनात तिच्याविषयी आदर होता. त्यामुळेच जेव्हा ती वारली तेव्हा सगळ्या गावकऱ्यांच्या डोळ्यांत पाणी उभे राहिले. आपलं माणूस गेल्याचं दु:ख सगळ्यांना झालं होतं.

6. अभिव्यक्ती:

प्रश्न (अ)
‘बदलत्या गावगाड्यात आजीला जागाच उरली नाही.’ या विधानाबाबत तुमचे मत सविस्तर लिहा.
उत्तरः
पूर्वी गावांमध्ये ‘आजी’ नावाच्या व्यक्तिमत्त्वाला फार महत्त्व असे. शाळेतील मुलांना जाता-येता आजी गोळा करून बसायची. शेतातल्या देवाच्या गोष्टी सांगायची. आजी गावातल्या कुणाच्याही बारशाला, लग्नाला, मयताला हटकून पुढं असायचीच. सगळं तिच्या म्हणण्यानुसार चालायचं. गावाच्या दैनंदिन व्यवहारात आजी सारख्या म्हाताऱ्या आणि अनुभवी माणसांची मतं विचारात घेतली जायची. गाव म्हणजे म्हातारीचा गोतावळा असे. तिला गावातल्या लहान-थोरांमध्ये आपलं घर दिसायचं.

पण हल्ली परिस्थिती बदलली आहे. आजकालच्या ‘विभक्त कुटुंब’ योजनांमध्ये आजीसारख्या म्हाताऱ्या माणसांना जागाच उरली नाही. आजकाल लोक आजीच्या मतांना विनाकारण केलेला हस्तक्षेप समजतात. म्हणून आजीच्या मताला किंमतच उरली नाही. एकेकाळी आजीबाईंच्या औषधाच्या घरगुती बटव्यातील एखादी बुटी खाल्ली की आजार हमखास पळून जात असे, पण आज त्याची जागा महागड्या डॉक्टरांच्या औषधांनी घेतली. आज आजीसारख्या वडीलधाऱ्या माणसांची जागा फक्त वृद्धाश्रमात उरली आहे. पूर्वी आजीकडून एखादी गोष्ट ऐकल्याशिवाय न झोपणारी नातवंडे आज मोबाईलशिवाय झोपत नाही. ‘आता गावगाडा बदलला त्यामुळे आजीला जागाच उरली नाही’, हे खरे आहे.

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प्रश्न (आ)
तुम्हांला समजलेल्या ‘सखू आजीचे’ व्यक्तिचित्र रेखाटा.
उत्तरः
लेखक ‘राजन गवस’ यांनी आपल्या पाठात रंगवलेली ‘सखू आजी’ मनाला भावते. साधारण एखादया म्हाताऱ्या बाई सारखीच ती होती. तिचे वय नव्वद वर्षे होते. कमरेत वाकलेली आणि आधारासाठी हातात नेहमी काठी असायची. सुरकुत्यांनी भरलेला चेहरा नेहमी प्रसन्न दिसायचा. गावातल्या प्रत्येकाशी तिने प्रेमाचं नातं जोडलेलं असे. जाता-येता ती प्रत्येकाशी बोलायची. तिच्याशी बोलताना प्रत्येकाला आनंद व्हायचा. ती नेहमी कवितेतूनच बोलायची. तिची कवितारूपी भाषा बोलणे सगळ्यांना समजायचेच असे नव्हते, पण प्रत्येकजण तिच्याशी बोलण्याचा प्रयत्न करायचा. लहान मुलांना जमवून त्यांना चित्रविचित्र गोष्टी सांगणे तिला खूप आवडायचे.

शब्द शब्द जोडून कोणतीही कहाणी ती सांगायची. अशी ही आजी प्रगतशील दृष्टीची होती. त्यामुळेच स्वत:सोबत गावातील अनेक अडाणी बायकांना घेऊन ती लेखकाकडे गेली आणि आम्हांला तूच लिहाय-वाचायला शिकव असे हक्काने म्हणाली. पुढच्या पंधरा दिवसात उत्साहाने लिहायला-वाचायला शिकून आजी दुसऱ्यांना पण शिकवू लागली. गावातला एक मुलगा पहिल्यांदा पोलिस झाला, तेव्हा गावातल्या बायका गोळा करून तिने ड्रेसवरच त्याला ओवाळले. दही-साखरेने तोंड गोड केले. सारे गावकरी तिच्यासाठी तिचे जवळचे नातेवाईकच होते. त्यामुळेच सगळ्यांना तिच्याविषयी मनात आदर होता. म्हणून जेव्हा सखू आजी मरण पावली तेव्हा लहान पोरांपासून म्हाताऱ्याकोताऱ्यांपर्यंत प्रत्येकाच्या डोळ्यात पाणी आले होते.

प्रश्न (इ)
सखू आजी व तुमची आजी यांच्या स्वभावातील साम्यस्थळे शोधा.
उत्तरः
सखूआजीप्रमाणे माझी आजीसुद्धा खूप प्रेमळ आहे. माझ्या आजीचे नाव जानकी आहे. माझी जानकी आजी साऱ्या गावाची सुद्धा आजीच आहे. सारे गावकरी तिच्यासाठी जणू तिचे नातेवाईकच आहेत. गावातून फिरताना ती प्रत्येकाशी प्रेमाने बोलते. तिच्याविषयी साऱ्यांच्या मनात आदर आहे. कोणतेही संकट आले, अडचण आली तर सल्ला मागायला गावकरी येतात. आजीच्या विचारांना सगळे मान देतात. गावातल्या लहान-लहान मुलांना जमवून त्यांना छान गोष्टी सांगणे तिला आवडते. पण कोणी शाळेला दांडी मारली तर तिला आवडत नाही. ‘शिकून सवरून मोठे व्हा’ असे तिचे नेहमी सांगणे असते. गावामध्ये कोणी मरण पावले, कोणाकडे बारसे असेल, कुणाकडे लग्न असेल तर माझी ‘जानकी आजी’ तिथे मुद्दाम असणारच. तिच्या सूचनेनुसार सगळे वागतात. तिचा शब्द कोणी मोडत नाही.

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 8 सखू आजी Additional Important Questions and Answers

1. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आंकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
सखू आजी मरण पावली याला ……………..
(अ) विशेष महत्त्व नाही.
(ब) विशेष काहीच नाही.
(क) विशेष महत्त्व काय.
(ड) विशेष काय आहे.

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प्रश्न 2.
तिच्याइतकं प्रचंड भाषिक ज्ञान ……………….
(अ) मला कोणाकडंच दिसलं नाही.
(ब) मला मिळालच नाही.
(क) मला सगळ्यांकडे दिसलं.
(ड) मला दिसलंच नाही.
उत्तर:
1. सखू आजी मरण पावली याला विशेष महत्त्व काय.
2. तिच्याइतकं प्रचंड भाषिक ज्ञान मला कोणाकडंच दिसलं नाही.

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. सखू आजी(अ) ना पातीची
2. ना जातीची(ब) बघा माज्या मड्याला
3. कवितेत बोलते(क) परवा वारली
4. हाडं गेली वड्याला(ड) कवितेत जगते

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. सखू आजी(क) परवा वारली
2. ना जातीची(अ) ना पातीची
3. कवितेत बोलते(ड) कवितेत जगते
4. हाडं गेली वड्याला(ब) बघा माज्या मड्याला

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प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटते.
  2. प्रत्येक जण तिच्याशी बोलायचा प्रयत्न करतो.
  3. ती कवितेत बोलते. कवितेत जगते.
  4. म्हातारी प्रत्येकाशी बोलते.

उत्तरः

  1. प्रत्येक जण तिच्याशी बोलायचा प्रयत्न करतो.
  2. म्हातारी प्रत्येकाशी बोलते.
  3. मला सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटते.
  4. ती कवितेत बोलते. कवितेत जगते.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
सखू आजी परवा वारली, ही गोष्ट लेखकाला सांगण्याइतपत महत्त्वाची का वाटत नाही ?
उत्तरः
सखू आजी परवा वारली, ही गोष्ट लेखकाला सांगण्याइतपत महत्त्वाची वाटत नाही; कारण आपण कितीतरी मृत्यू रोज अनुभवत असतो.

प्रश्न 2.
लेखकाला सखू आजी कविता वाटण्याचे कारण काय आहे?
उत्तर:
लेखकाला सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटते, कारण ती कवितेत बोलते, कवितेत जगते.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 6.

  1. सखू आजीचा मृत्यू मला ……….. करून गेला. (वरवर जखम, खूप मोठी जखम, थोडीशी जखम, खोलवर जखम)
  2. सखू आजी ………… जाताना कोणी सहज म्हटलं, ‘आजी, कुठं चाललीस?’ (घरातून, गल्लीतून, बाजारातून, देवळातून)
  3. मला सखू आजी नेहमीच एक ………..” वाटते. (धडा, गाणं, कविता, पाठ)

उत्तर:

  1. खोलवर जखम
  2. गल्लीतून
  3. कविता

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प्रश्न 7.
सहसंबंध लिहा.

  1. तरुण : म्हातारं :: जन्म : ……………..
  2. काव्य : कविता :: कर : ……………..
  3. खोलवर : जखम :: प्रचंड : ………..

उत्तर:

  1. मृत्यू
  2. हात
  3. भाषिक ज्ञान

प्रश्न 8.
शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा.

  1. वयस्कर स्त्री – [ ]
  2. भाषाविषयक ज्ञान – [ ]
  3. जवळच्या नात्यातील माणस – [ ]

उत्तरः

  1. म्हातारी
  2. भाषिक ज्ञान
  3. रक्ताची माणसं

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कृती 2. आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
मला सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटते; कारण ……………..
(अ) ती कविता करते.
(ब) ती कवितेत बोलते. कवितेत जगते.
(क) ती म्हातारी झाली होती.
(ड) तिच्या चेहऱ्यावर सुरकुत्या पडल्या होत्या.
उत्तरः
मला सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटते; कारण ती कवितेत बोलते. कवितेत जगते.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
1. हाडं गेली वड्याला, बघा माज्या मड्याला’ असे बोलणारी – [ ]
2. प्रचंड भाषिक ज्ञान असलेली व्यक्ती – [ ]
उत्तर:
1. सखू आजी
2. सखू आजी

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 4.
चूक की बरोबर ते लिहा.

  1. मला सखू आजी नेहमीच एक कोडं वाटते.
  2. म्हातारी कोणाशीही बोलत नाही.
  3. सर्वात अधिक भाषिक ज्ञान आजीकडंच दिसलं.

उत्तर:

  1. चूक
  2. चूक
  3. बरोबर

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प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
1. सखु आजी परवा वारलि.
2. सखू आजिचं वय वरषे नव्वद.
उत्तर:
1. सखू आजी परवा वारली.
2. सखू आजीचं वय वर्षे नव्वद.

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प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन सर्वनामे शोधून लिहा.
उत्तर:
1. ती
2. माझ्या
3. मला

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.

  1. महातारी, म्हातारि, म्हातारी, महातारि
  2. सुरकुतया, सुरकूत्या, सुरकुत्या, सूरकूत्या –
  3. भाषिक, भाशिक, भासिक, भाषीक

उत्तर:

  1. म्हातारी
  2. सुरकुत्या
  3. भाषिक

प्रश्न 4.
लिंग बदला.
आजोबा – [ ]
उत्तर:
आजी

प्रश्न 5.
अधोरेखित शब्दाचा समानार्थी शब्द वापरून वाक्य पुन्हा लिहा.
असा प्रश्न कोणीही उपस्थित करू शकेल.
उत्तर:
असा सवाल कोणीही उपस्थित करू शकेल.

प्रश्न 6.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. जीवन ×
  2. निंदा ×
  3. अनुपस्थित ×
  4. लांबची ×

उत्तर:

  1. मृत्यु
  2. स्तुती
  3. उपस्थित
  4. जवळची

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प्रश्न 7.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:
1. जाती
2. माणसं

प्रश्न 8.
उताऱ्यात आलेली म्हण पूर्ण करा.
‘हाडं गेली वड्याला, ………………….
उत्तर:
‘हाडं गेली वड्याला, बघा माज्या मड्याला.’

प्रश्न 9.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
रक्ताच्यारक्तरक्ता
महत्त्वाचीमहत्त्वमहत्त्वा

प्रश्न 10.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
जातीचीचीषष्ठी (एकवचन)
सगळ्यांनानाद्वितीया (अनेकवचन)

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प्रश्न 11.
वाक्प्रचाराचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
पोकळी वाढणे
उत्तर:
अर्थ: रिकामेपणा निर्माण होणे.
वाक्य: आईच्या जाण्याने शकूच्या आयुष्यातील पोकळी वाढत गेली.

प्रश्न 12.
काळ बदला. (भूतकाळ करा)
मला सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटते.
उत्तर:
मला सखू आजी नेहमीच एक कविता वाटायची.

प्रश्न 13.
काळ ओळखा.
पण प्रत्येक जण तिच्याशी बोलायचा प्रयत्न करतो.
उत्तरः
वर्तमानकाळ

प्रश्न 14.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 8

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
तुमची आजी व सखू आजी यांच्या स्वभावातील साम्यस्थळ सांगा.
उत्तरः
माझी आजी व सखू आजी यांच्यात फारच साम्य आहे. दोघीही वृद्ध आहेत. माझ्या आजीचाही चेहरा सुरकुत्यांनी भरलेला आहे. माझ्या आजीचेही शरीर वाकून कमान झालेले आहे. माझ्या आजीचेही भाषिक ज्ञान प्रचंड आहे. बोलताना जुन्या म्हणींचा ती उपयोग करते. जसे की : ‘माझं नाव ममती, अन् मला काय कमती’ सखू आजी प्रमाणेच माझी आजी काय बोलते हे लोकांना अनेक वेळा कळतच नाही; कारण तिच्या जवळ परंपरागत असलेल्या म्हणींशी आधुनिक काळातील लोक तितके परिचित नाहीत. सखू आजीप्रमाणे काठी टेकत टेकत ती सगळीकडे हिंडते आणि रस्त्यास जो भेटेल त्याच्याशी संवाद साधते.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. गाव(अ) धरतीला
2. सपान(ब) गरतीला
3. धरती(क) हाराकली
4. माती(ड) दुवापली

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. गाव(ब) गरतीला
2. सपान(अ) धरतीला
3. धरती(ड) दुवापली
4. माती(क) हाराकली

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. कैक वर्षांत असं कधी घडलं नाही. ही कथा कधी अचानक स्वप्नात येतेच.
  2. तिथून पुढं झोपच लागायची नाही.
  3. कधी तरी आपल्या स्वप्नातला साप नागीण घेऊन जाईल आणि आपल्याला हे स्वप्न पडायचं बंद होईल, असं वाटायचं.
  4. बैल आंघोळ करायला लागला, की डोळे टक्क उघडे पडायचे.

उत्तर:

  1. बैल आंघोळ करायला लागला, की डोळे टक्क उघडे पडायचे.
  2. तिथून पुढं झोपच लागायची नाही.
  3. कधी तरी आपल्या स्वप्नातला साप नागीण घेऊन जाईल आणि आपल्याला हे स्वप्न पडायचं बंद होईल, असं वाटायचं.
  4. कैक वर्षांत असं कधी घडलं नाही. ही कथा कधी अचानक स्वप्नात येतेच.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
आजी शेतातल्या कोणाची गोष्ट सांगायची?
उत्तरः
आजी शेतातल्या देवाची गोष्ट सांगायची.

प्रश्न 2.
लेखकाचा कोणता प्रश्न अजूनही अनुत्तरित आहे?
उत्तरः
आजीनं सांगितलेल्या कैक गोष्टींपैकी एकच गोष्ट मेंदूत कशी रुतून बसली, हा लेखकाचा प्रश्न अजूनही अनुत्तरित आहे.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.

  1. कधी तरी आपल्या स्वप्नातला ………… नागीण घेऊन जाईल आणि आपल्याला हे स्वप्न पडायचं बंद होईल. (बैल, माणूस, साप, रेडा)
  2. गाव गरतीला, सपान धरतीला/धरती …….”माती हाराकली’. (फाटली, दुवापली, दुभंगली, दुमडली)
  3. आजीची ……….. कधी कधी आठवडा आठवडा चालायची. (गंमत, गाणी, करामत, गोष्ट)

उत्तर:

  1. साप
  2. दुवापली
  3. गोष्ट

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिहा.
1. मरण : लोकाला :: सरण : ……………
2. गाव : गरतीला :: सपान : …………..
उत्तर:
1. दिक्काला
2. धरतीला

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कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा. डोळे टक्क उघडे पडायचे; ………….
(अ) साप आंघोळ करायला लागला की,
(ब) बैल आंघोळ करायला लागली की.
(क) त्याचा साप झाला की,
(ड) सापाला पंख फुटले की,
उत्तर:
डोळे टक्क उघडे पडायचे; बैल आंघोळ करायला लागला की.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.

  1. मनात दीर्घकाळ रेंगाळली – [ ]
  2. फाळाला डसली – [ ]
  3. चेहऱ्यावरचे बदलणारे भाव – [ ]

उत्तर:

  1. आजीची गोष्ट
  2. नागीण
  3. आजीचे

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.

  1. सखू आजी सहज बोलायला लागली तरी एक गोष्टच बोलायची.
  2. ‘मरण लोकाला, भरण दिक्काला’
  3. नांगराची नदी झाली.
  4. फाळाला नागीण डसली.

उत्तर:

  1. चूक
  2. चूक
  3. बरोबर
  4. बरोबर

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प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
लेखननियमांनुसार वाक्य शुद्ध करून लिहा.
नंतर म्हातारिला काहिच विचारलं नाही.
उत्तरः
नंतर म्हातारीला काहीच विचारलं नाही.

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. अवर्णनीय, अवर्णनीय, अर्वणनीय, अवनणीय – [ ]
2. तपश्चर्या, तर्पश्चया, तापश्चर्या, तर्पश्र्चया – [ ]
उत्तर:
1. अवर्णनीय
2. तपश्चर्या

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प्रश्न 3.
समानार्थी शब्दांच्या जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. भाल(अ) नदी
2. ईश्वर(ब) धरती
3. सरिता(क) कपाळ
4. पृथ्वी(ड) देव

उत्तर:

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. भाल(क) कपाळ
2. ईश्वर(ड) देव
3. सरिता(अ) नदी
4. पृथ्वी(ब) धरती

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्दांच्या जोड्या जुळवा.

  1. जीवन × [ ]
  2. दु:ख × [ ]
  3. अल्पकाळ × [ ]
  4. बंद × [ ]

उत्तर:

  1. मरण
  2. आनंद
  3. दीर्घकाळ
  4. उघडे

प्रश्न 5.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. भरलं
  2. झिजलं
  3. एक
  4. चार
  5. कैक

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प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
लोकालालाद्वितीया (अनेकवचन)
नवसाचीचीषष्ठी (एकवचन)
आजीचीचीषष्ठी (एकवचन)
तोंडातूनऊनपंचमी (एकवचन)

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूपमुळशब्द
स्वप्नांतस्वप्नांस्वप्न
समुद्रावरसमुद्रासमुद्र

प्रश्न 8.
वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
1. अंगावर शहारे येणे
2. मेंदूत रुतून बसणे
उत्तर:
1. अर्थ : खूप भिती वाटणे. वाक्य : समोरचे अपघाताचे दृश्य पाहून माझ्या अंगावर शहारा आला.
2. अर्थ : कायमस्वरूपी लक्षात राहणे. वाक्य : लहानपणी आजीने सांगितलेल्या गोष्टी अजूनही
माझ्या मेंदूत रुतून बसल्या आहेत.

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काळ बदला. (भविष्यकाळ करा.)

प्रश्न 1.
तिच्याशी बोलताना एक अवर्णनीय आनंद मिळायचा.
उत्तरः
तिच्याशी बोलताना एक अवर्णनीय आनंद मिळेल.

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
तुम्हांला समजलेल्या सखू आजीचे व्यक्तिचित्र रेखाटा.
उत्तरः
सखू आजी म्हणजे एक जिवंत कविताच होती. तिचे बोलणेच काव्यमय होते. तिचे भाषिक ज्ञान प्रचंड होते. गावातील लहान मुलांना एकत्र करून त्यांना शेतातल्या देवाच्या गोष्टी सांगणे आजीला फार आवडायचे. आजीजवळ काल्पनिक व रहस्यकथांचे भांडारच होते. कथेचे निवेदन करताना तिच्या चेहऱ्यावरचे बदलणारे भाव व हाताच्या हालचाली पाहण्यासारख्या असायच्या. लहान मुलांना कथा सांगतांना त्यांना कल्पनेच्या विश्वात नेण्याची जादू आजीजवळ होती. कथेतील एखादा भाग व्यवस्थित कळला नाही वा कथेतील एखादया भागाचा अर्थ आजीला कधी विचारला तर ती थातुरमातुर असे काही बोलायची की, ज्याचा अर्थच कोणाला कळायचा नाही.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
वावगं वागलेला(अ) सरपंच
अंगठेवाला(ब) चोपडा यांचा पोरगा
पोलीस झालेला(क) लेखक
आजीला साक्षर करणारा(ड) सातबा घोरपड्याचा पोरगा

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
वावगं वागलेला(ड) सातबा घोरपड्याचा पोरगा
अंगठेवाला(अ) सरपंच
पोलीस झालेला(ब) चोपडा यांचा पोरगा
आजीला साक्षर करणारा(क) लेखक

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. अशात सातबा घोरपड्याचा पोरगा वावगं वागला.
  2. सगळ्यांनी माना डोलावल्या.
  3. एकदा गावच्या लक्ष्मीची जत्रा ठरली.
  4. गाव बैठक बसली.

उत्तर:

  1. एकदा गावच्या लक्ष्मीची जत्रा ठरली.
  2. अशात सातबा घोरपड्याचा पोरगा वावगं वागला.
  3. गाव बैठक बसली.
  4. सगळ्यांनी माना डोलावल्या.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
गावात एकदा कोणत्या देवीची जत्रा ठरली?
उत्तर:
गावात एकदा लक्ष्मी देवीची जत्रा ठरली.

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प्रश्न 2.
सखू आजी गावातल्या आयाबाया गोळा करून कोणाच्या घरात आली?
उत्तरः
सखू आजी गावातल्या आयाबाया गोळा करून लेखकाच्या घरात आली

प्रश्न 3.
गावचा सरपंच कसा होता?
उत्तर:
गावचा सरपंच अंगठेवाला होता.

प्रश्न 4.
म्हातारीचा गोतावळा म्हणजे काय?
उत्तरः
गाव म्हणजे म्हातारीचा गोतावळा.

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकामी जागा भरा.

  1. अशात सातबा …………. पोरगा वावगं वागला. (देशमुखांचा, कुलकर्त्यांचा, पाटलांचा, घोरपड्यांचा)
  2. ………… गावाला भीती होती. (आजीची, म्हातारीची, देवीची, मास्तरांची)
  3. आमच्या भागात तेव्हा ………वर्ग जोरात होते. (स्वच्छता अभियानाचे, बाल साक्षरतेचे, आरोग्य, प्रौढ साक्षरतेचे)

उत्तर:

  1. घोरपड्यांचा
  2. म्हातारीची
  3. प्रौढ साक्षरतेचे

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
सातबा घोरपड्याचा मुलगा : वावगं वागला :: चोपडा यांचा पोरगा : ……………………..
उत्तर:
पोलीस झाला.

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कृती 2 : आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
म्हातारीनं गावच्या बायका गोळा करून, त्याला ड्रेसवर ओवाळलं; कारण ………………….
(अ) आमच्या गावातल्या चोपडा यांचा पोरगा पहिल्यांदा पोलीस झाला.
(ब) आमच्या गावातल्या घोरपडे यांचा मुलगा पहिल्यांदा पोलीस झाला.
(क) आमच्या गावातल्या चोपडा यांचा पोरगा वावगं वागला.
(ड) आमच्या गावातल्या घोरपडे यांचा मुलगा वावगं वागला.
उत्तर:
म्हातारीनं गावच्या बायका गोळा करून, त्याला ड्रेसवरओवाळलं; कारण आमच्या गावातल्या चोपडा यांचा पोरगा पहिल्यांदा पोलीस झाला.

प्रश्न 2.
सातबाच्या पोराला कोणीच काही बोललं नाही; कारण
(अ) सातबाची गावाला भीती होती.
(ब) सातबाच्या पोराची गावाला भीती होती.
(क) तो वावगं वागला होता.
(ड) म्हातारीची गावाला भीती होती.
उत्तर:
सातबाच्या पोराला कोणीच काही बोललं नाही; कारण म्हातारीची गावाला भीती होती.

आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 3.
कोण ते लिहा.

  1. वावगं वागणारा – [ ]
  2. गावाला भीती वाटायची – [ ]
  3. सहीपुरता साक्षर झाला – [ ]

उत्तर:

  1. सातबा घोरपड्याचा पोरगा
  2. सखू आजीची
  3. सरपंच

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प्रश्न 4.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. सखूआजी गावातल्या कुणाच्याही बारशाला, लग्नाला, मयताला जायची नाही.
2. अशात सातबा घोरपड्याचा पोरगा वावगं वागला.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
1. म्हतारिची गावाला भिती होती.
2. आमच्या भागात तेव्हा प्रौढ सक्षरतेचे वरग जोरात होते.
उत्तर:
1. म्हातारीची गावाला भीती होती.
2. आमच्या भागात तेव्हा प्रौढ साक्षरतेचे वर्ग जोरात होते.

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प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. सखू
  2. लक्ष्मी
  3. सातबा
  4. पंच
  5. म्हातारी
  6. बायका
  7. सरपंच
  8. दही
  9. आजी
  10. घोरपडे
  11. साखर

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. रीवाजानुसार, रिवाजानुसार, रिवाजनुसार, रिवाजानूसार – [ ]
2. गोतवळा, गोतावेळा, गोतावळा, गातोवळा – [ ]
उत्तर:
1. रिवाजानुसार
2. गोतावळा

प्रश्न 4.
अधोरेखित शब्दाचा समानार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
1. आपल्याला दुसरा शिक्षक कशाला पाहिजे.
उत्तरः
आपल्याला दुसरा मास्तर कशाला पाहिजे.

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प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.
1. मोठा × [ ]
2. आत × [ ]
उत्तर:
1. लहान
2. बाहेर

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तरः
1. सगळे
2. वर्ग

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दप्रत्ययविभक्ती
गावच्याच्याषष्ठी (एकवचन)
लक्ष्मीचीचीषष्ठी (एकवचन)

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दसामान्यरूपमूळ शब्द
घराच्याघराघर
कॉलेजातकॉलेजाकॉलेज

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प्रश्न 9.
वाक्यातील काळ ओळखा.
तेव्हा मी कॉलेजात होतो.
उत्तरः
भूतकाळ

प्रश्न 10.
काळ बदला. (भविष्यकाळ करा)
अशात सातबा घोरपड्याचा पोरगा वावगं वागला.
उत्तर:
अशात सातबा घोरपड्याचा पोरगा वावगं वागेल.

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
स्त्री शिक्षणात सावित्रीबाई फुले यांचा वाटा स्पष्ट करा.
उत्तरः
मुलींना देखील समान शिक्षणाचा अधिकार असावा यासाठी समाजातील अनेक स्त्रियांनी काम केले, जसे सावित्रीबाई फुले. त्यांनी समाजाचा विरोध पत्करून देखील मुलींना शिक्षण देण्याचा आग्रह सोडला नाही. स्वत: शिक्षण घेतल्यानंतर त्यांनी जोतिबा फुले म्हणजेच त्यांच्या पतीसोबत 1848 मध्ये पुण्याला शाळा सुरू केली. कालांतराने त्यांच्या शाळेत मुलींची संख्या वाढत गेली आणि त्यांचे स्वप्न पूर्ण झाले. त्यांच्या शिक्षणातील योगदानाबद्दल ब्रिटिश सरकारतर्फे त्यांना गौरविण्यात आले. समाजाला साक्षर करणाऱ्या अनेक स्त्रियांपैकी सावित्रीबाई फुले यांचाही महत्त्वाचा वाटा होता.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 19

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
1. प्रत्येक गावचा गोतावळा सांभाळून गेलेलीच असते. – [ ]
2. उदयाच्या मुलांची होणारी अडचण – [ ]
उत्तर:
1. एक आजी
2. आजीची आठवण न सांगता येणे.

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प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.
उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. अडचण होईल(अ) गावकऱ्यांच्या
2. डोळ्यातून पाणी आले(ब) आजीच्या
3. दंतकथा(क) उदयाच्या मुलांची

प्रश्न 4.
खालील प्रश्नाचे उत्तर एका वाक्यात लिहा.
1. आजी नसल्याने आता कोणाची अडचण होणार आहे?
उत्तरः
आजी नसल्याने आता उदयाच्या मुलांची अडचण होणार आहे.

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
1. आता फक्त आजीच्या ……….. घडलेल्या न घडलेल्या (लोककथा, भाकडकथा, लघुकथा, दंतकथा)
2. सखू आजी शिकली सवरली असती, …………. जन्मली असती, तर कुठल्या कुठं पोहोचली असती. (खेड्यात, गावात, शहरात, परदेशात)
उत्तर:
1. दंतकथा
2. शहरात

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
मरण पावली : सखू आजी :: पोरकं झालं : ………
उत्तर:
गाव

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प्रश्न 7.
शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा.
पूर्वीपासून चालत आलेल्या कल्पित कथा – [ ]
उत्तर:
दंतकथा

कृती 2 : आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
आजीला जागाच उरली नाही; कारण ……………
(अ) घरे लहान झाली.
(ब) लोक सुशिक्षित झाले.
(क) गावगाडा बदलला.
(ड) आजी म्हातारी झाली.
उत्तर:
आजीला जागाच उरली नाही; कारण गावगाडा बंदलला.

प्रश्न 2.
गाव पोरकं झालं; कारण ………………….
(अ) सखू आजी दुसऱ्या गावी गेली.
(ब) सखू आजी मरण पावली.
(क) सरपंच मरण पावले.
(ड) लेखक गावाबाहेर गेले.
उत्तर:
गाव पोरकं झालं; कारण सखू आजी मरण पावली.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
आजीविना पोरका झालेला – [ ]
उत्तर:
गाव

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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 8 सखू आजी 20

प्रश्न 4.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. आजी गाव सोडून गेल्याने गाव पोरकं झालं.
2. अडचण फक्त उदयाच्या मुलांची
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3 : व्याकरण कृती

खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.

प्रश्न 1.
1. आता फक्त आजिच्या दतंकथा
2. पन ते तिच्या नशीबात नव्हतं.
उत्तर:
1. आता फक्त आजीच्या दंतकथा
2. पण ते तिच्या नशिबात नव्हतं.

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प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. दतंकथा, दंतकथा, दतकंथा, दतकथा – [ ]
2. प्रत्येकाच्या, परतेकाच्या, परत्येकाच्या, प्रतेकाच्या – [ ]
उत्तर:
1. दंतकथा
2. प्रत्येकाच्या

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. मृत्यू – [ ]
  2. स्मरण – [ ]
  3. नयन – [ ]
  4. जल – [ ]

उत्तर:

  1. मरण
  2. आठवण
  3. डोळे
  4. पाणी

प्रश्न 4.
अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
सखू आजी शिकली सवरली असती, शहरात जन्मली असती, तर कुठल्या कुठं पोहोचली असती.
उत्तरः
सखू आजी शिकली सवरली असती, गावात जन्मली असती, तर कुठल्या कुठं पोहोचली असती.

प्रश्न 5.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:
1. दंतकथा
2. पोरं

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प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तरः
1. प्रचंड
2. उदयाच्या
3. एक

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दप्रत्ययविभक्ती
डोळ्यांतूनऊनपंचमी (अनेकवचन)
आजीलालाद्वितीया (एकवचन)

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दसामान्यरूपमूळ शब्द
उदयाच्याउदयाउदया
प्रत्येकाच्याप्रत्येकाप्रत्येक

प्रश्न 9.
वाक्प्रचाराचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
काबीज करणे
उत्तर:
अर्थ : मिळवणे.
वाक्य : दोन प्रहर संपेपर्यंत मावळ्यांनी किल्ला काबीज केला.

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प्रश्न 10.
काळ बदला.
पण ते तिच्या नशिबात नव्हतं. (वर्तमानकाळ करा)
उत्तरः
पण ते तिच्या नशिबात नाही.

कृती 4. स्वमत

प्रश्न 1.
बदलत्या गाववाड्यात आजीला जागाच उरली नाही’ या विधानाबद्दल तुमचे मत सविस्तर सांगा.
उत्तरः
आता गावांचे शहरीकरण होत चाललेले आहे. जुन्या मूल्यांच्या जागी नवीन मूल्ये प्रस्थापित होत आहेत. प्रेम, आपुलकी व जिव्हाळा यांचे महत्त्व कमी होत चाललेले आहे. उदारमतवादी दृष्टिकोन लयास जाऊन संकुचित वृत्ती वाढत चालली आहे. आज मुलांना आपल्या आई-बाबांनाच सांभाळणे कठीण झाले आहे, तेथे आजीला कोण व कसे सांभाळणार? असा प्रश्नच निर्माण झालेला आहे. आजच्या काळातील तरुण पिढी इतकी स्वार्थी झालेली आहे की त्यांना स्वत:शिवाय इतर कोणीच दिसत नाही. आजच्या मुलांना आजीजवळ बसून जुन्या गोष्टी ऐकाव्या वाटत नाहीत. कारण त्यांच्या हृदयात आजीबद्दल प्रेमच नाही. आजी म्हणजे घरातील एक अडगळ होय. ती एक अडचणच होय. तिचे दुखणे, सवरणे व तिची सेवा करायला आज कुणालाच आवडत नाही, म्हणून बदलत्या गाववाड्यात आजीला जागाच उरली नाही.

सखू आजी Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय:

नाव: राजन गवस
कालावधी: 1959
प्रसिद्ध कथा, कादंबरीकार, कवी, समीक्षक, संशोधक. ‘भंडारभोग’, ‘धिंगाणा’, ‘कळप’, ‘तणकट’ इत्यादी कादंबऱ्या; ‘हुंदका’ काव्यसंग्रह; ‘काचकवड्या’ हा ललितगदयसंग्रह प्रसिद्ध आहे.

प्रस्तावना:

‘सखू आजी’ हा पाठ लेखक ‘राजन गवस’ यांनी लिहिला आहे. या पाठात सखू आजीच्या मनातील जुन्या-नव्या जीवनमूल्यांविषयीचे भान, तिची प्रगतिशील दृष्टी, निर्णयक्षमता, माणसांवरचे प्रेम अतिशय सहज व सोप्या भाषेत मांडले आहे.

Write – up ‘Sakhu Aaji’ is written by writer ‘Rajan Gavas’. Sakhu Aaji was the aaji of the whole village. The author writes in an easy and simple narrative about her love for the villagers, her bold progressive outlook, her decisiveness and her awareness of values in life.

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शब्दार्थ:

  1. भान – जाणीव (awareness, consciousness)
  2. उपस्थित करणे – येथे अर्थ, व्यक्त करणे (to raise)
  3. जखम – घाव, इजा, दुखापत (a wound)
  4. निरभ्र – स्वच्छ (cloudless, fair)
  5. सुरकुत्या – त्वचेची चुणी (wrinkle)
  6. सरण – चिता (funeral pire)
  7. कपाळ – भाळ (forhead)
  8. अवर्णनीय – वर्णन करण्यास कठीण (indescribable)
  9. दीर्घकाळ – मोठ्या काळाचा अवधी (a long period)
  10. रेंगाळणे – घुटमळणे (to linger)
  11. तपश्चर्या – तपस्या (penance, devotion)
  12. खांदा – shoulder
  13. फाळ – नांगराच्या टोकाला लावण्याचे लोखंडी पाते (the blade of a plough)
  14. शहारा – रोमांच (goose bumps)
  15. कैक – पुष्कळ, कित्येक (many, several)
  16. सपान – स्वप्न (a dream)
  17. बापय – पुरुष
  18. इडं – विडा
  19. वावगं – वाईट
  20. प्रौढ – वयात आलेला (adult, matured)
  21. गोतावळा – नात्याची, आप्त संबंधी माणसे (kith and kin, relatives)
  22. हयात – जिवंत (living)
  23. काबीज – हस्तगत (captured)
  24. पोरकं – निराधार(parentless, orphan)
  25. दंतकथा – काल्पनिक गोष्ट (myth, legend)
  26. गावगाडा – गावाचे स्वरूप

टिपा:

1. गावबैठक – ग्रामस्थांनी एकत्र येऊन सार्वजनिक व वैयक्तिक
प्रश्न सोडवून कारभार करण्याची एक पद्धत.
2. सरपंच – ग्रामपंचायतीचा प्रमुख. गावपातळीवर गावाच्या
विकासासाठी कामे करणारा व निर्णय घेणारा व्यक्ती.
3. दंतकथा – अशा गोष्टी ज्या लिखित स्वरूपात नसून परंपरागत
पद्धतीने सांगितल्या व ऐकल्या जातात.

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वाक्प्रचार:

  1. खोलवर जखम होणे – तीव्र दुःख होणे
  2. दातकुडी बसणे – दातखिळी बसणे
  3. अंगावर शहारे येणे – रोमांचित होणे
  4. काबीज करणे – मिळवणे
  5. पोरकं होणे- निराधार होणे

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 16.1 विश्वकोश

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 16.1 विश्वकोश Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 16.1 विश्वकोश

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 16.1 विश्वकोश Textbook Questions and Answers

1. टिपा लिहा.

प्रश्न 1.
टिपा लिहा.
1. विश्वकोशाचा उपयोग
2. विश्वकोशाची निर्मितीप्रक्रिया
उत्तर:
1. विश्वकोशाचा उपयोगः कोणताही एक महत्त्वाचा विषय इतर अनेक विषयांशी जोडलेला असतो. अशा अनेक विषयांची एकत्र माहिती मिळाली, तर तो विषय नीट समजून घेता येतो. उदा. ‘वैदयकशास्त्र’ हा महत्त्वाचा विषय विश्वकोशात पाहू लागलो तर त्याच्याशी संबंधित औषधविज्ञान, शरीर, शरीरक्रिया विज्ञान, जीव-रसायनशास्त्र, रोगजंतुशास्त्र असे अनेक उपविषय त्याच ठिकाणी वाचायला मिळतात. अशा प्रकारे मुख्य विषय व त्याच्याशी जोडलेल्या विषयांचे ज्ञान प्राप्त करण्यासाठी मराठी विश्वकोशाचा उपयोग होतो. भाषाभाषांमध्ये आदानप्रदान होऊन अनेक नवे शब्द मराठीत आले.

शिवाय वाढत्या औदयोगिकीकरणामुळे समाजाच्या वैज्ञानिक व तांत्रिक गरजा वाढू लागल्या, त्यामुळेही अनेक शब्द अस्तित्वात आले. शब्दांना नवीन आयाम प्राप्त झाले. हे सारे समजण्यासाठी विश्वकोशाचा उपयोग होतो. म्हणजेच आपल्या ज्ञानविषयक गरजा मराठीतून भागविण्यासाठी, आपल्या अभिव्यक्तीला योग्य चालना मिळण्यासाठी, सर्व प्रकारचे प्रगल्भ व सूक्ष्म ज्ञान मराठी भाषेतून मिळण्यासाठी विश्वकोशाचा उपयोग होतो.

2. विश्वकोशाची निर्मितीप्रक्रियाः मराठी विश्वकोशाच्या निर्मितीला स्वातंत्र्यपूर्वकाळामध्ये सुरुवात झाली. या निर्मिती प्रक्रियेमध्ये ज्ञानकोशकार डॉ. श्रीधर व्यंकटेश केतकर यांचे मोलाचे सहकार्य लाभले आहे. विश्वकोश निर्माण करताना सुरुवातीला विषयवार तज्ज्ञांच्या समितीची रचना केली गेली. प्रत्येक विषयाच्या नोंदीची शीर्षके निश्चित केली गेली. मुख्य, मध्यम, लहान नोंदीतील मुद्द्यांची टाचणे तयार केली गेली. शिवाय नोंदींच्या मर्यादा आखून टाचणांमध्ये तशा सूचना दिल्या गेल्या. प्रत्येक विषयातील मुख्य, मध्यम, लहान व नाममात्र नोंदींच्या यादया तयार केल्या गेल्या. नंतर अकारविल्यानुसार या यादया लावण्यात आल्या. 1976 यावर्षी महाराष्ट्र राज्य साहित्य संस्कृती मंडळाने मराठी विश्वकोशाचा पहिला खंड प्रकाशित केला. सध्या आपल्या विश्वकोशाचे अठरा खंड प्रसिद्ध आहेत.

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2. ‘शब्दकोडे सोडवल्यामुळे भाषिक कौशल्य वाढते’, – याविषयी तुमचे मत लिहा.

प्रश्न 1.
‘शब्दकोडे सोडवल्यामुळे भाषिक कौशल्य वाढते’, – याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
शब्दकोडे सोडवल्यामुळे भाषेची गंमत अनुभवता येते. शब्दकोड्यांमुळे भाषिक समृद्धीत निश्चित भर पडते. विविध वर्तमानपत्रे, मासिके, साप्ताहिके यांमध्ये येणारी शब्दकोडी सोडवल्यामुळे आपल्या शब्दसंपत्तीत भर पडते. आपला शब्दसंग्रह वाढतो. शब्दांच्या वेगवेगळ्या अर्थछटा कळण्यास मदत होते. त्यामुळे शब्दज्ञान वाढते. एकच शब्द पण संदर्भानुसार त्याचा अर्थ कसा बदलतो ते समजण्यास मदतच होते. शब्दकोडी सोडवल्यामुळे आपला शब्दसंग्रह वाढून भाषेवरचे प्रभुत्व वाढते. विविध विषयांचे ज्ञान वाढते. वैज्ञानिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक संकल्पना समजणे सोपे होते. शिवाय त्या त्या विषयांचे विस्तृत ज्ञान आपल्यापर्यंत पोहोचते. शाब्दिक करामतींवर आधारित शब्दकोडे सोडवल्यामुळे आपल्याला लेखक, कवी, साहित्यिकांचाही जवळून परिचय होतो. त्यामुळे आपली भाषा अधिकाधिक समद्ध होते. अशा प्रकारे ‘शब्दकोडे, सोडवल्यामुळे भाषिक कौशल्य वाढण्यास खूप मदत होते’.

3. विश्वकोश पाहण्याचे तुम्हांला लक्षात आलेले फायदे लिहा.

प्रश्न 1.
विश्वकोश पाहण्याचे तुम्हांला लक्षात आलेले फायदे लिहा.
उत्तरः
आपल्या शाळेत किंवा आपल्या गावातील, विभागातील सार्वजनिक ग्रंथालयात मोठ-मोठ्या काचेच्या कपाटात मराठीच्या विविध साहित्यसंपदेसोबतच ‘मराठी विश्वकोश’ ठेवलेला आढळतो. असा हा मराठी विश्वकोश पाहायचा असेल तर
1. शब्द अकारविल्यानुसार पाहावेत.
2. बाराखडीतील स्वर व व्यंजन यांच्या स्थानानुसार अनुक्रमाने दिलेला शब्द पाहावा.

एन्सायक्लोपीडिया ब्रिटानिकाप्रमाणे मराठी भाषेतील सर्व विषयांचा समावेश असलेला विश्वकोश आपल्या ज्ञानात, आपल्या भाषिक समृद्धीत भर घालतो. आपला मराठी विश्वकोश पाहिल्यामुळे भाषा व त्यासंबंधाचे संदर्भ, विविध विषयांवरची सखोल व विस्तृत माहिती, त्यातील गंमत आपल्याला अनुभवता येते. आपल्याला आवडणारे हवे असलेले कोणतेही शब्द, त्यांचे अर्थ, त्यांचे विविध संदर्भ विश्वकोशात पाहता येतात, शिवाय भाषेचे अनोखे रंग आपल्याला अनुभवता येतात.

4. केशभूषेचे उद्देश सांगून त्यात कोणत्या गोष्टींचा अंतर्भावोतो, ते स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
केशभूषेचे उद्देश सांगून त्यात कोणत्या गोष्टींचा अंतर्भावोतो, ते स्पष्ट करा.
उत्तरः
आजकाल केसांच्या वेगवेगळ्या स्टाईल करणे आपणा सर्वांनाच आवडते. त्यामुळे आपल्या सौंदर्यात भरच पडते. आजकालच नव्हे पण पौराणिक काळापासून केशरचनेचे आकर्षण सर्व समाजात होते. आदिम लोक केसांना मातीचा लेप लावून आपला पराक्रम व गुणवैशिष्ट्ये दाखवण्याकरीता त्यात विजयचिन्हे आणि पदके लावत होते.

केशभूषेचा मुख्य उद्देश ‘आकर्षकता किंवा सौंदर्य वाढवणे’ हा आहे. शिवाय ‘सामाजिक संकेतानुसार प्रतीकात्मक केशभूषा करणे’ हा केशभूषेचा सामाजिक उद्देश आहे. या केशभूषेत केस कापणे, केस धुणे, नीट करणे, विंचरणे, कुरळे करणे, सरळ करणे या विविध गोष्टींचा अंतर्भाव होतो.

केस इतरांना दिसू न देण्याच्या पुरातन स्त्रीच्या प्रयत्नातून केशबंधाची कल्पना पुढे आली असावी. अजिंठा, वेरूळ, कोणार्क, खजुराहो येथील शिल्पाकृतीत आढळणाऱ्या स्त्रीपुरुषांच्या केशरचना उल्लेखनीय आहेत. या प्राचीन केशरचनांचे अनुकरण भारतीय स्त्रिया करताना आढळतात.

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5. विश्वकोशाचा उपयोग तुम्हांला मराठी भाषेतील ज्ञान प्राप्त करण्यासाठी कसा होऊ शकेल, ते लिहा.

प्रश्न 1.
विश्वकोशाचा उपयोग तुम्हांला मराठी भाषेतील ज्ञान प्राप्त करण्यासाठी कसा होऊ शकेल, ते लिहा.
उत्तरः
उच्च शिक्षणाचे माध्यम म्हणून आजकाल मराठीचा अधिकाधिक स्वीकार होत चालला आहे. त्याचबरोबर शासनव्यवहाराची भाषा म्हणून राज्यपातळीवर मराठी भाषेला मान्यता मिळाली असल्यामुळे मराठीमध्ये संदर्भग्रंथाची तीव्र गरज निर्माण झाली. त्यामुळेच मानव्यविदया, विज्ञान व तंत्रज्ञान यांतील सर्व विषयांचे अद्ययावत ज्ञान एका व्यापक योजनेखाली एकत्र करणारा मराठी विश्वकोश तयार झाला. कोणताही एक महत्त्वाचा विषय अन्य अनेक विषयांशी जोडलेला असतो.

अशा अनेक विषयांची एकत्र माहिती मिळाली, तर तो विषय नीट व्यवस्थित समजून घेणे शक्य होते. मराठी विश्वकोशामुळे तो फायदा होतो. शिवाय शिक्षणाचा प्रसार जसा झपाट्याने वेग घेऊ लागला, भाषासमृद्धीची वाटचाल दमदार होऊ लागली तशी ‘भाषा’ सर्वार्थाने खुलू लागली. भाषा-भाषांमध्ये आदानप्रदान होऊन नवे शब्द मराठीत रूढ झाले. वाढत्या औद्योगिकीकरणामुळे समाजाच्या वैज्ञानिक व तांत्रिक गरजा वाढू लागल्या. त्यामुळे अनेक नवे शब्द अस्तित्वात आले. शब्दांना नवीन आयाम प्राप्त झाले. अशा या शब्दांचे वेगवेगळे संदर्भ मराठी विश्वकोशातून सहजपणे मिळतात.

अशाप्रकारे आपल्या ज्ञानविषयक गरजा आणि व्यावहारिक सोयी यांच्या दृष्टीने सर्व विषयांचा समावेश असलेला मराठी विश्वकोश अतिशय उपयुक्त आहे. त्याचा अभ्यास करून आपण मराठी भाषेतील विविध विषयांवरचे ज्ञान अगदी सहजपणे प्राप्त करू शकतो.

भाषा सौंदर्य:

विश्वकोश अकारविल्ह्यांनुसार (अनुज्ञेय) पाहावा हे आपल्याला कळले. त्यासाठी संपूर्ण वर्णमाला (आता अॅव ऑ हे स्वर धरून) आपल्याला क्रमाने मुखोद्गत असायला हवी. त्या योग्य वर्णांची आणि त्यांची उच्चारस्थाने, परिपूर्ण आकलनही असावयास हवे. (उदा., स्वर, स्वरादी, व्यंजन, महाप्राण, मृदू व्यंजने, कठोर व्यंजने, अनुनासिके).

खालील कोडे सोडवा व त्याच्या शेवटच्या रकान्यातील वर्णांचे विशेष ओळखा.

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  1. पैसे न देता, विनामूल्य.
  2. पाणी साठवण्याचे मातीचे गोल भांडे.
  3. जिच्यात रेतीचे प्रमाण खूप जास्त असते अशी जमिनीची जात.
  4. रहस्यमय.
  5. खास महाराष्ट्रीयन पक्वान्न. पोळ्या, मोदक, करंज्या यांमध्ये हे भरतात.

वरील कोडे वैशिष्ट्यपूर्ण आहे. त्याचे उत्तर तुम्हाला सोडवायचे आहे. हे कोडे सोडवल्यावर तुम्हांला निश्चितच भाषेचे सौंदर्य व गंमत लक्षात येईल, अशा कोड्यांचा अभ्यास करा. त्यातील भाषिक वैशिष्ट्ये समजून घ्या व अशी विविध वैशिष्ट्यांची कोडी तयार करण्याचा तुम्ही स्वतः प्रयत्न करा.

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भाषाभ्यास:

अनुस्वार लेखनाबाबतचे नियम:

प्रश्न 1.
खालील शब्द वाचा.

‘रंग’, ‘पंकज’, ‘पंचमी’, ‘पंडित’, ‘अंबुज’ हे शब्द तत्सम आहेत. हे आपण पर-सवर्णानेसुद्धा लिहू शकतो, म्हणजे अनुस्वारानंतर येणाऱ्या अक्षराच्या वर्गातील अनुनासिक वापरून लिहू शकतो. उदा., रङ्ग, पङ्कज, पञ्चमी, पण्डित, अम्बुज असे. विशेषतः जुने साहित्य वाचले तर असे लेखन दिसते. परंतु, आजकाल अशी पर-सवर्णाने लिहिण्याची पद्धत जुनी झाली आहे. त्याऐवजी अनुस्वारच वापरले जातात. खालील शब्द बघा कसे दिसतात! ‘निबन्ध’, ‘आम्बा’, ‘खन्त’, ‘सम्प’, ‘दङ्गा’ हे शब्द बघायला विचित्र वाटतात ना! कारण हे तत्सम नाहीत. पर-सवर्ण लिहिण्याची पद्धत फक्त तत्सम शब्दांपुरती मर्यादित आहे. संस्कृत नसलेले मराठी शब्द शीर्षबिंद देऊनच लिहावेत. मराठीत स्पष्टोच्चारित अनुनासिकाबद्दल शीर्षबिंदू दयावा.

प्रश्न 2.
खालील शब्द वाचा.

‘सिंह’, ‘संयम’, ‘मांस’, ‘संहार.’ या शब्दांचा उच्चार खरे तर खूप वेगळा आहे ना? या शब्दांचे ‘सिंव्ह’, ‘संय्यम’, ‘मांव्स’, ‘संव्हार’ उच्चार असे होत असले तरी लिहिताना हे शब्द तसे लिहू नयेत.

र, ल, व्, श, ष, स, ह्यांच्यापूर्वी येणाऱ्या अनुस्वारांबद्दल केवळ शीर्षबिंदू दयावा.

पर-सवर्णाने लिहा.
घंटा, मंदिर, चंपा, चंचल, मंगल

अनुस्वार वापरून लिहा.
जङ्गल, चेण्डू, सञ्च, गोन्धळ, बम्ब

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 16.1 विश्वकोश Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
विश्वकोश हा प्रत्येक वाचनालयाचा मानबिंदू असतो. असे का म्हटले जाते याविषयी तुमचे मत मांडा.
उत्तर:
वाचनालय म्हटले म्हणजे पुस्तके आली. पुस्तकांतून आपणास ज्ञान मिळतच असते. पुस्तकांतून फक्त आपणास संबंधित विषयाचेच ज्ञान मिळते, पण विश्वकोश म्हटला म्हणजे त्यात विविध विषयांचे ज्ञान एकत्रित केलेले असते. फक्त भाषेचेच ज्ञान नाही तर विज्ञान तंत्रज्ञान व विविध कला यांचा समग्र अभ्यास करण्यासाठी विश्वकोशाचे साहाय्य घेतले जाते. एखादा विषय त्यांच्याशी संबंधित असणाऱ्या विषयांशी कशा प्रकारे जुळलेला असतो याचे आकलन करून घेण्यासाठी विश्वकोश महत्त्वाचा असतो. म्हणून विश्वकोश हा प्रत्येक वाचनालयाचा मानबिंदू असतो असे जे म्हटले जाते ते योग्यच आहे.

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प्रश्न 2.
भाषासमृद्धीसाठी विश्वकोश महत्त्वाचा असतो. यावर तुमचे मत व्यक्त करा.
उत्तर:
आधुनिक काळात जागतिकीकरण झपाट्याने होत चाललेले आहे. त्यामुळे भाषा-भाषांमध्ये सहसंबंध वाढीस लागले आहे. शब्दसंकर होऊन नवनवीन शब्द मराठीत येत आहेत. तसेच बोली भाषेमधील साहित्यही समृद्ध होत चाललेले आहे. विज्ञान व तंत्रज्ञान अशा विविध विषयांतील शब्द मराठीत प्रचलित होऊ लागलेले आहेत. अशा सर्व शब्दांची पाळेमुळे व त्यांचे अर्थ जाणून घेण्यासाठी विश्वकोशाचे साहाय्य घेतले जाते. शब्दांचे सौंदर्य खऱ्या अर्थाने जाणून घेण्याचे विश्वकोश हे महत्त्वाचे साधन आहे. म्हणून भाषा समृद्धीसाठी विश्वकोश महत्त्वाचा असतो.

विश्वकोश Summary in Marathi

प्रस्तावना:
‘विश्वकोश’ हे स्थूलवाचन म्हणजे विश्वकोशाची ओळख करून देणारा पाठ आहे. विश्वकोश पाहण्याची गरज कळावी व विश्वकोश अभ्यासण्याची सवय लागावी हा हेतू या पाठातून दिसून येतो.

“Vishwakosh’ is an article which introduces students to an encyclopaedia. Necessity to learn and use it for studies are the motives of this chapter.

शब्दर्य:

  1. विश्वकोश – सर्व विषयांचे सखोल ज्ञान देणारा ज्ञानकोश (an encyclopaedia)
  2. ग्रंथालय – ग्रंथाचे दालन (library)
  3. साहित्य – ललित वाङ्मय (literature)
  4. व्युत्पत्ती – शब्दांची घटना व उगम; शब्दाचे मूळ, त्याचा उगम सांगणारे शास्त्र. (etmology)
  5. चरित्र – एखाद्या व्यक्तीचा आयुष्यक्रम (life, biography)
  6. शब्दकोश – शब्दांचा अर्थांसह संग्रह (dicitionary)
  7. मानव्य – माणुसकी (मानवता) (humanity)
  8. विदया – ज्ञान, विद्वत्ता, ज्ञानप्राप्तीचे साधन (knowledge)
  9. विज्ञान – (Science)
  10. संकलित – एकत्र जमा केलेले (compiled)
  11. अद्ययावत – आधुनिक (up-to-date)
  12. ज्ञान – माहिती (knowledge)
  13. संलग्न – जोडलेला (attached)
  14. वैदयकशास्त्र – औषधीशास्त्र (the science of medicine)
  15. औषध – दवा (a medicine)
  16. रसायनशास्त्र – पृथ्वीवरील पदार्थांच्या घटनेत होणाऱ्या फरकांची कारणे, परिणाम इ. विषयक विवेचन करणारे शास्त्र
  17. (Chemistry)
  18. भाषा – मनातील विचार शब्दांद्वारा व्यक्त करण्याचे साधन, बोली (language)
  19. वैदयकशास्त्र – (Medical science)
  20. औषध विज्ञान – (pharmacology)
  21. जीवरसायनशास्त्र – (Biochemistry)
  22. शरीरशास्त्र – (Anatomy)
  23. शरीरक्रिया विज्ञान – (Physiology)
  24. रोगजंतुशास्त्र – (Microbiology)
  25. समृद्धी – संपन्नता
  26. रुढ – (येथे अर्थ) (use) वापर
  27. औदयोगिक – उदयोगविषयक (industrial)
  28. आयाम – पैलू (dimensions)
  29. संदर्भग्रंथ – माहिती मिळवण्यासाठी उपयुक्त ग्रंथ (a reference book)
  30. गरज – आवश्यकता (need)
  31. मान्यता – अनुमती (consent)
  32. परिचय – ओळख (an introduction)
  33. कृतज्ञता – उपकाराची जाणीव (gratitude)
  34. स्मरण – स्मृती, आठवण (memory)
  35. उल्लेखनीय – प्रशंसनीय (commendable)
  36. विकास – quicht (progress)
  37. विदयमान – सध्याचा (present)
  38. समिती – मंडळ (committee)
  39. शीर्षक – मथळा (title)
  40. नोंद – टाचण (notes)
  41. अकारविल्हे – मूळाक्षरांच्या क्रमानुसार, अक्षरानुक्रमाने (alphabetically)
  42. खंड – भाग
  43. क्षितिज – आकाश जेथे जमिनीला टेकल्यासारखे भासते ती वर्तुळाकार मर्यादा. (the horizon)
  44. अभिव्यक्ती – खुलासा, स्पष्टीकरण
  45. प्रगल्भ – परिपक्व (matured)
  46. सूक्ष्म – अगदी बारीक बारीक (miniscule, tiny)
  47. अनुज्ञेय – ग्राहय (permissible)
  48. आधार – प्रमाण (reference)
  49. पौराणिक – पुराणातील (mythological)
  50. आकर्षक – लक्षवेधक (attractive)
  51. अंतर्भूत – समाविष्ट (included)
  52. उगम – उत्पत्ती (origin)
  53. कल्पना – योजना (a plan)
  54. शिल्प – हस्तकौशल्य (sculpture)
  55. अनुकरण – नक्कल (imitation)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 16.1 विश्वकोश

टिपा:

1. एन्सायक्लोपीडिया ब्रिटानिक – इंग्रजी शब्दांचा अर्थ स्पष्ट करणारा जागतिक दर्जाचा शब्दकोश.
2. महाराष्ट्र राज्य साहित्य संस्कृती मंडळ – महाराष्ट्र साहित्य, इतिहास व संस्कृती यांच्या विकासासाठी दिनांक 19 नोव्हेंबर, 1960 ला शासनाने स्थापन केलेले मंडळ.

वाक्प्रचार:

1. आयाम प्राप्त होणे – महत्त्व प्राप्त होणे.
2. चालना मिळणे – प्रोत्साहन मिळणे.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Solutions Amod Chapter 9 धेनोाघः पलायते Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

Sanskrit Amod Std 10 Digest Chapter 9 धेनोाघः पलायते Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
चिमणराव: कस्यां मग्नः?
उत्तरम् :
चिमणराव: पत्रक्रीडायां मग्नः।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

प्रश्न आ.
क्रीडायां को व्याघ्रं भल्लूकं च नाटयत:?
उत्तरम् :
क्रीडायां द्वौ बहुरूपधारिणौ नरौ व्यानं भल्लूकं च नाटयतः।

प्रश्न इ.
महिला केन मूर्च्छिता?
उत्तरम् :
महिला व्याघ्रस्य मनुष्यबाण्या भाषणेन मूर्छिता।

प्रश्न ई.
चिमणरावेण किं निश्चितम् ?
उत्तरम् :
सर्कसस्वामिन : साहाय्य करणीयम् इति चिमणरावेण निश्चितम्।

प्रश्न उ.
सर्कसक्रीडायाः प्रारम्भः कदा जात: ?
उत्तरम् :
सर्कसक्रीडाया: प्रारम्भः रात्रौ दशवादने जातः ।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

प्रश्न ऊ.
चिमणराव: किमर्थं प्रयत्तवान् ?
उत्तरम् :
चिमणराव यावत् शक्यं जनान् रञ्जयितुं प्रयत्तवान्।

प्रश्न ए.
कैः आनन्देन तालिकावादनम् आरब्धम् ?
उत्तरम् :
उत्तेजितैः प्रेक्षकै: आनन्देन तालिकावादनम् आरब्धम्।

प्रश्न ऐ.
धेन्वा किं लक्षितम् ?
उत्तरम् :
धेनुना इमौ न परिचिती व्याघ्रभल्लूको इति लक्षितम्।

प्रश्न ओ.
भल्लूकः कुत्र आरूढवान् ?
उत्तरम् :
भल्लूक: पटमण्डपस्तम्भम् आरूढवान्।

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प्रश्न औ.
प्रेक्षकाः कदा कोलाहलं कृतवन्त: ?

2. माध्यमभाषया उत्तरं लिखत ।

प्रश्न अ.
सर्कसस्वामी किमर्थं चिमणरावं प्रति आगतः ?
उत्तरम् :
‘धेनोर्व्याघ्रः पलायते।’ या कथेत चिमणरावांच्या स्वभाव वैशिष्ट्यांमुळे जी विनोदनिर्मिती होते त्यामुळे वाचकांच्या चेहऱ्यावर स्मितहास्य उमटते. त्याचप्रमाणे ही कथा म्हणजे एका प्रादेशिक भाषेतून प्राचीन भाषेतील अनुवादाचा उत्कृष्ट नमुना आहे.

या कथेचा नायक चिमणराव हा साधाभोळा, प्रामाणिक आणि देशभक्त आहे. त्यांनी ‘स्काऊट’ सारखाच शूरवीर मुलांचा संघ स्थापन केला, ज्याद्वारे लहान मुलांच्या मनात परोपकार, शौर्य, सहकार्य, समाजसेवेचे संस्कार रुजवण्याचा त्याचा मानस आहे.

सुट्टीमध्ये त्याने बनेश्वर नावाच्या गावात या मुलांच्या चमूला शिबिरासाठी नेले. शिबिराच्या पहिल्याच दिवशी दुपारचे जेवण आटपून चिमणराव मुलांसोबत पत्ते खेळण्यात मग्न असताना, नुकताच परिचय झालेले प्रोफेसर सर्कसवाले त्यांना शोधत आले. सर्कशीच्या मालकांना प्रयोगासाठी चिमणरावांचे सहकार्य अपेक्षित होते.

प्रयोगात अस्वल आणि वाघाचे सोंग घेणाऱ्या व्यक्ती भांडणादरम्यान जखमी झाल्या होत्या. त्यामुळे सर्कसच्या मालकांनी चिमणरावांना विनंती केली, की मुलांच्या संघातील दोघांना त्या दिवशीच्या प्रयोगात अस्वल व वाघाचे सोंग घेण्याची परवानगी द्यावी, जेणेकरुन प्रयोग न फसता यशस्वीपणे पूर्ण होईल.

The story ‘धेनोर्व्याघ्रः पलायते।’ brings smile on the faces of the readers due to the humor caused by innocent nature of चिमणराव. It is also an excellent example of translation skills from a regional language to the ancient language of India.

चिमणराव, the hero of this story isa sincere, innocent and patriotic person, made a troop of brave children like ‘scout’. The purpose behind it, was to inculcate values like benevolence, bravery, co-operation, social service etc. in the minds of the children.

During vacations, he took this troop of children to a village called ‘बनेश्वर for a camp. On the first day of the camp itself, when चिमणराव was busy playing cards with the children in the afternoon, प्रोफेसर सर्कसवाले, an owner of a circus came to meet him.

He was seeking help from चिमणराव in his circus show. The men enacting a bear and a tiger in his show were wounded. So the owner of the circus requested चिमणराव to allow any two soldiers from the troop to enact the animals and save the show from being a flop.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

प्रश्न आ.
सर्कसक्रीडायाः आरम्भात् पूर्वं किं किम् अभवत् ?
उत्तरम् :
धेनोर्व्याघ्रः पलायते।’ या कथेत चिमणरावांच्या स्वभाव वैशिष्ट्यांमुळे जी विनोदनिर्मिती होते त्यामुळे वाचकांच्या चेहऱ्यावर स्मितहास्य उमटते. त्याचप्रमाणे ही कथा म्हणजे एका प्रादेशिक भाषेतून प्राचीन भाषेतील अनुवादाचा उत्कृष्ट नमुना आहे.

सर्कशीच्या मालकांनी प्रयोगासाठी सहकार्य करण्याच्या विनंतीचा चिमणरावांनी स्वीकार केला. त्यांनी आपल्या चमूतील बालवीरांपैकी अब्दुलची निवड अस्वलाच्या सोंगासाठी केली आणि ते स्वतः वाघाच्या वेशात तयार झाले. प्रयोग सुरु होण्यापूर्वी ते दोघे आपापले सोंग घेऊन नेमलेल्या पिंजऱ्यांत शिरले. वाघाचे सोंग घेतलेल्या चिमणरावांच्या पिंजऱ्यासमोर तोबा गर्दी जमली होती, त्यांनी प्रेक्षकांचे मनोरंजन करण्याचा प्रयत्न केला मात्र प्रेक्षक, ‘अरे, हा काय वाघ आहे? किती कृश आहे,’ अशी त्यांची खिल्ली उडवू लागले.

चिमणरावांनी वाघासारखी डरकाळी फोडल्यामुळे आईसोबत वाघ बघायला आलेला एक मुलगा घाबरला. तेव्हा त्याच्या आईन रागात वाघाला दगड फेकून मारला. परंतु त्यामुळे वाघाच्या वेशातील चिमणराव जखमी झाले. क्षणभर हे सगळे नाटक विसरून ते वेदनेने ओरडले, ‘पिंजऱ्यातल्या वाघाला बघून बायका दगड मारतात.’ त्यांचे हे वाक्य पूर्ण होण्याआधीच मनुष्यवाणीत बोलणाऱ्या वाघाला बघून ती बाई चक्रावली.

‘भूत आहे भूत’, असे किंचाळत ती चक्कर येऊन जमिनीवर पडली. त्यानंतर चिमणरावांचा मुलगा राषु पिंजऱ्याजवळ येऊन मधेच त्यांना म्हणाला, ‘आप्पा, तुम्हांला चहा प्यायचा आहे का?’ अशाप्रकारे वाघाला वडील म्हणून संबोधणारा मुलगा पाहून प्रेक्षक अधिकच संभ्रमात पडले. अशाप्रकारे, सर्कशीचा प्रयोग सुरु होण्यापूर्वीच तंबूत गडबड-गोंधळाचे वातावरण निर्माण झाले.

The story ‘धेनोक्नः पलायते।’ brings smile on the faces of the readers due to the humor caused by innocent nature of चिमणराव. It is also an excellent example of translation skills from a regional language to the ancient language of India. चिमणराव accepted the request of the circus owner to help him in his show.

He appointed अब्दुल, one of the cadets of his troop, as the bear and he himself got ready to enact the tiger in the show. Before the show would begin, both of them entered their allotted cages in the disguise of the bear and the tiger. A huge crowd. gathered around चिमणराव’s cage, who was disguised as the tiger.

He tried to entertain the crowd but the people mockingly said, “Is this a tiger? How weak is this!” A boy, who came to see the tiger along with his mother, got afraid due to the roaring of the tiger. So his mother threw a stone at him with anger. But behind the tiger’s disguise got wounded. For a second, he forgot about all the drama and screamed with pain, “Seeing the caged tigers, ladies throw stones.”

Before he could end his sentence, that lady got surprised seeing a tiger speaking in human voice. She fell on the ground being unconscious, screaming, “Ghost, it’s ghost!” Further चिमणराव’s son राघु came near the cage and asked him, “Father, would you like to have some tea?” With this the audience got even more confused. Thus, even before the circus show began, there was situation of chaos and confusion in the tent of circus.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

प्रश्न इ.
पशूनां सहभोजनसमये क: हास्यपूर्णः अनवस्थाप्रसङ्गः समुत्पन्नः?
उत्तरम् :
‘धेनोव्याघ्रः पलायते।’ या कथेत चिमणरावांच्या स्वभाव वैशिष्ट्यांमुळे जी विनोदनिर्मिती होते त्यामुळे वाचकांच्या चेहऱ्यावर स्मितहास्य उमटते. त्याचप्रमाणे ही कथा म्हणजे एका प्रादेशिक भाषेतून प्राचीन भाषेतील अनुवादाचा उत्कृष्ट नमुना आहे. सर्कशीच्या मालकांच्या विनंतीचा स्वीकार करून चिमणराव व अब्दुलने अनुक्रमे वाघ व अस्वलाचे सोंग घेतले. प्रयोग रात्री 10 ला सुरू झाला. प्राण्यांच्या सहभोजनाचा लोकप्रिय कार्यक्रम 12 वाजता सुरू झाला.

प्रेक्षकांची उत्सुकता शिगेला पोहोचली. मंचावर तीन खुर्त्या आणि मधोमध एक गोलाकार टेबल ठेवण्यात आले. चिमणराव व अब्दुल आपापल्या खुर्चीत जाऊन बसले. त्या कार्यक्रमातील तिसरा प्राणी म्हणजे गाय सुद्धा मंचावर आली. चिमणराव आणि अब्दुल प्राण्यांचे सोंग घेऊन बसले होते, ती गाय मात्र खरीखुरी होते.

प्राण्यांसमोर खाद्य वाढले जात असता प्रेक्षकांनी आनंद आणि उत्सुकतेने टाळ्यांचा कडकडाट केला. त्या गायीला पूर्वी जे प्राण्यांचे सोंग घ्यायचे त्यांच्यासोबत कार्यक्रम करण्याचा सराव होता. परंतु थोड्याच वेळात गायीच्या लक्षात आले की, हे वाघ आणि अस्वल नेहमीचे नाहीत, ती संशय आणि गोंधळाने दोघांकडे पाहू लागली. आपली शिंगं उगारून ती दोघांवर गुरकावू लागली. चिमणरावांनी डरकाळी फोडून व आपले तीक्ष्ण दात दाखवून तिला घाबरवण्याचा प्रयत्न केला, परंतु ती त्याला बधली नाही. अब्दुलने हाताने तिला चापट मारली. तेव्हा चिडून ती दोघांवर धावून गेली.

प्रेक्षकांनी पाहिले की अस्वल घावरून तंबूच्या खांबावर चढले. हा त्यांना प्रयोगातील पूर्वनियोजित भाग आहे असे वाटले. परंतु अस्वल हातातून निसटल्यामुळे चिडून ती गाय आता चिमणराव म्हणजेच वाघावर धावून गेली. अशा संकटसमयी पूर्वी ठरवलेला सगळा बनाव आणि घेतलेले वाघाचे सोंग विसरून भितीने किंचाळत चिमणराव पळू लागले, ‘वाचवा, प्रोफेसरसाहेब, वाचवा!’ गायीला घाबरुन पळणारा वाघ पाहून प्रेक्षक गोंधळात पडले.पुढे त्यांना या नाटकाची कल्पना आली.

त्यांनी वाघाचे सोंग उतरवून चिमणरावांना बेदम मारले. इतके, की ते वेदनेने बेशुद्ध होऊन पडले. अशा प्रकारे चिमणराव प्रोफेसर सर्कसवाले यांना सर्कशीच्या प्रयोगासाठी सहकार्य करण्याचा प्रयत्न करत असताना प्रयोगाचा मात्र फज्जा उडाला.

The story ‘धेनोर्व्याघ्रः पलायते।’ brings smile on the faces of the readers due to the humor caused due to innocent nature of चिमणराव. It is also an excellent example of translation skills from a regional language to the ancient language of India.

Accepting the request of the circus owner, चिमणराव and अब्दुल were disguised as the tiger and the bear respectively. The circus began at 10 at night. The popular event of animal’s meal together began at 12. Audiences’ enthusiasm raised up. Three chairs and a circular stool in the middle were arranged on the stage. चिमणराव and अब्दुल took their seats. The cow, the third animal of the show, too came on the stage.

While चिमणराव and अब्दुल were disguised as the animals, the cow was a real one. As food was being arranged in front of the animals, the audience started clapping with joy and excitement. The cow was trained to perform in the show along with the earlier disguised men. But in a short while, she realised that these tiger and bear were not the usual ones.

She looked at both of them with confusion and doubt. Raising her horns she attacked them, चिमणराव tried to frighten her by roaring and displaying his sharp teeth, but she didn’t bother. अब्दुल beather with his hand. With this she got angry and ran over him. The audience saw that the bear climbed on the pole of the tent and they thought it was a part of the show. But the cow, being angry as the bear escaped, now attacked चिमणराव-the tiger.

Here चिमणराव forgot the planned drama and the tiger’s disguise due to fear and ran away screaming, “Help, professor, help!”. Seeing the tiger being afraid of a cow and running away, the audience got confused and then realised the drama. They removed the tiger’s disguise off चिमणराव’s body and beat him harshly, so much so that he fell unconscious with pain. Thus, चिमणराव tried to help प्रोफेसर सर्कसवाले in his show, but it turned out to be a fiasco.

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3. समानार्थकशब्दान् लिखत ।
मनः, गौः, व्याघ्रः, सैनिकः, क्रीडा, वेदना, भाषणम्, उत्कण्ठा, मनुष्यः, शृङ्गे, दन्ताः, उत्तमानम्

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्दान् लिखत ।
मनः, गौः, व्याघ्रः, सैनिकः, क्रीडा, वेदना, भाषणम्, उत्कण्ठा, मनुष्यः, शृङ्गे, दन्ताः, उत्तमाङ्गम्
उत्तरम् :

  • मग्नः – रतः, लीनः ।
  • गौः – धेनुः, माहेयी, सौरभेयी, उस्रा, माता, शृङ्गिणी।
  • व्याघ्रः – शार्दूल:, द्विपी ।
  • सैनिकः – भटः, योध्दा, सेनारक्षः, योधः ।
  • क्रीडा – खेलः।
  • वेदना – संवेदः, निर्वेशः, उपलम्भः।
  • उत्कण्ठा – उत्सुकता।
  • भाषणम् – व्याहारः, भाषितम्।
  • मनुष्यः – नरः, मानुषः, मर्त्यः, मनुजः, मानवः ।
  • शृङ्गे – ककुदे, विषाणे।
  • दन्ताः – रदनाः, दशना:।
  • उत्तमाङ्गम् – मस्तकम्, शिरः, शीर्षम्, मूर्धा।

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4. विरुद्धार्थकशब्दान् लिखत ।
समाप्य, प्राक्, विस्मृत्य, कृशः

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थकशब्दान् लिखत ।
समाप्य, प्राक्, विस्मृत्य, कृशः
उत्तरम् :

  • समाप्य × आरभ्य ।
  • प्राक् × अनन्तरम्।
  • विस्मृत्य × स्मृत्वा ।
  • कृशः × बलवान, बलिष्ठः।

5. प्रश्ननिर्माणं कुरुत।।

प्रश्न अ.
अहं बालैः सह पत्रक्रीडायां मनः आसम् ।
उत्तरम् :
अहं कै: सह पत्रक्रीडायां मग्न: आसम्?

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प्रश्न आ.
धेनुः वास्तविकी एव ।
उत्तरम् :
माहेयी / सौरभेयी / गौः / उस्रा / माता / शृङ्गिणी तु वास्तविकी एव।

प्रश्न इ.
सर्कसस्वामिनः विवशता मया अवगता ।
उत्तरम् :
कस्य विवशता मया अवगता?

प्रश्न ई.
भल्लूकवेशे अब्दुलः शोभेत ।
उत्तरम् :
भल्लूकवेषे कः शोभेत?

प्रश्न उ.
महिला मयि पाषाणखण्डान् अक्षिपत् ।
उत्तरम् :
महिला मयि कान् अक्षिपत्?

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प्रश्न ऊ.
गौः मञ्चं समागता ।
उत्तरम् :
का मञ्चं समागता?

6. क: कं वदति ?

प्रश्न अ.
‘विज्ञापनं कृत्वा प्रवेशपत्राणि अपि विक्रीतानि ।’
उत्तरम् :
सर्कसक्रीडास्वामी लेखकं चिमणरावं वदति।

प्रश्न आ.
किं धेनुरपि …?’
उत्तरम् :
लेखक : चिमणराव : सर्कसक्रीडास्वामिनं वदति।

प्रश्न इ.
‘चायं पातुम् इच्छति किम्?’
उत्तरम् :
राघु: चिमणरावं/ लेखकं वदति।

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7. विशेषण-विशेष्याणां मेलनं कुरुत ।

प्रश्न 1.
विशेषण-विशेष्याणां मेलनं कुरुत ।

विशेषणम्विशेष्यम्
लोकप्रियःआकर्षणम्
सर्वोच्चम्शुल्कम्
बहुरूपधारिणीव्याघ्रान्
अधिकम्प्रेक्षकाः
अधिक:प्रेक्षकेषु
भीत:सहभोजनकार्यक्रमः
पञ्जरस्थितान्नरौ
सम्भ्रान्ताःसम्पर्दः
त्रीणिव्याघ्रभल्लूको
निमग्रेषुबाल:
परिचितौआसनानि

उत्तरम् :

विशेषणम्विशेष्यम्
लोकप्रियःसहभोजनकार्यक्रमः
सर्वोच्चम्आकर्षणम्
बहुरूपधारिणीनरौ
अधिकम्शुल्कम्
अधिक:सम्पर्दः
भीत:बाल:
पञ्जरस्थितान्व्याघ्रान्
सम्भ्रान्ताःप्रेक्षकाः
त्रीणिआसनानि
निमग्रेषुप्रेक्षकेषु
परिचितौव्याघ्रभल्लूको

8. अमरकोषात् शब्दं प्रयुज्य वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न अ.
धेनुः तु वास्तविकी एव ।
उत्तरम् :
धेनुः कीदृशी?

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प्रश्न आ.
मम उत्तमाङ्गम् उपचारपट्टिकाभिः विभूषितम् ।
उत्तरम् :
मममस्तकम् / शिरः/ शीर्षम् / मूर्धा / मस्तक: उपचारपट्टिकाभिः विभूषितम्।

9. सूचनानुसारं कृती: कुरुत ।

प्रश्न अ.
पत्रक्रीडायां मनः आसम् अहम् । (बहुवचने लिखत।)
उत्तरम् :
पत्रक्रीडायां मग्नाः आस्म वयम्।

प्रश्न आ.
जनाः न सन्तुष्टाः । (एकवचने लिखत)
उत्तरम् :
जन: न सन्तुष्टः।

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प्रश्न इ.
प्रेक्षकाः मां निघृणं ताडितवन्तः । (वाच्यपरिवर्तनं कुरुत ।)
उत्तरम् :
प्रेक्षकैः अहं निघृणं ताडितः।

Sanskrit Amod Class 10 Textbook Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते Additional Important Questions and Answers

अवबोधनम्

(क) उचितं कारण चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
सर्कस-क्रीडारङ्गस्य स्वामी लेखकम् अन्विष्यन् शिबिरं समागत: यतः ………….
(अ) सः लेखकस्य साहय्यम् इच्छति।
(ब) सः लेखक सर्कसक्रीडां द्रष्टुं निमन्वितवान्।
उत्तरम् :
(अ) लेखकस्य साहाय्यम् इच्छति।

प्रश्न 2.
सर्कसक्रीडायां व्याघ्रभल्लूको द्विपादौ एव यतः ……………
(अ) वास्तविको व्याघ्रभल्लूको पालयितुं तेषां सामर्थ्य नासीत्।
(ब) स: वास्तविक-व्याघ्रभल्लूकाभ्यां भीतः।
उत्तरम् :
(अ) वास्तविको व्याघ्रभल्लूको पालयितु तेषां सामथ्र्य नासीत्।

प्रश्न 3.
अब्दुल: भल्लूकपात्रे नियोजित: यतः ……….
(अ) लेखक: भल्लूकपात्रम् अभिनेतुं नैच्छत्।
(ब) अब्दुल: भल्लूकवेषे शोभेत इति लेखक: अमन्यत।
उत्तरम् :
(अ) अब्दुल: भल्लूकवेधे शोभेत इति लेखक: अमन्यत ।

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प्रश्न 4.
माता व्याघ्र पाषाणखण्डान् क्षिपति यतः
(अ) तस्याः पुत्रः व्याघ्रगर्जनां श्रुत्वा भीतः।
(ब) माता व्याघ्र पीडयितुम् इच्छति स्म।
उत्तरम् :
(अ) तस्याः पुत्र : व्याघ्रगर्जनां श्रुत्वा भीतः।

प्रश्न 5.
माता मूच्छिता यतः ………
(अ) माता ज्वरपीडिता।
(ब) तस्याः पुरत: व्याघ्रः मनुष्यवाण्या अवदत्।
उत्तरम् :
(ब) तस्याः पुरत: व्याघ्रः मनुष्यवाण्या अवदत्।

प्रश्न 6.
कार्यक्रमस्य अन्ते प्रेक्षका: व्याघ्रवेषधारिणं मनुष्यं ताडितवन्तः यतः
(अ) व्याघ्रवेषधारिणा मनुष्येण चौर्यकार्य कृतम्।
(ब) तेन मनुष्येण व्याघ्रवेषं धृत्वा प्रेक्षकाणां वञ्चना कृता।
उत्तरम् :
(ब) तेन मनुष्येण व्याघ्रवेषं धृत्वा प्रेक्षकाणां वनना कता।

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(ख) उचितं पर्यायं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
1. तथा विज्ञापनं कृत्वा …………….. विक्रीतानि। (प्रवेशपत्राणि/पिहितपत्राणि)
2. अस्माकं सर्कसक्रीडायां …………….., भल्लूक: च द्विपादौ एव। (गौः/ व्याघ्रः)
उत्तरम् :
1. प्रवेशपत्राणि
2. व्याघः

प्रश्न 2.

  1. ……….. भल्लूकवेषे नियोजितः । (लेखक:/अब्दुल:)
  2. व्याघ्रस्य अभिनयाथै ……. सिद्धः । (लेखक:/अब्दुल:)
  3. ……….. पारस्य पुरत: सम्मदः जातः । (व्याघ्रस्य/ भल्लूकस्य)
  4. महिला पुत्रेण सह ……….. द्रष्टुम् आगता। (व्याघ्र/भल्लूकं)

उत्तरम् :

  1. अब्दुल:
  2. लेखक
  3. व्याघ्रस्य
  4. व्याधं

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प्रश्न 3.
1. ……… मनुष्यवाण्या भाषणेन सा महिला मूर्छिता। (भल्लूकस्य / व्यावस्य)
2. ……. क्रीडाया: चरमबिन्दुः समायातः। (द्वादशवादने / दशवादने)
उत्तरम् :
1. व्याघ्रस्य
2. द्वादशवादने

प्रश्न 4.

  1. सम्भ्रमेण संशयेन च ……… दृष्टवती। (आवां / वयम्)
  2. अब्दुल: तां ………… ताडितवान्। (हस्तेन / हस्तात)
  3. प्रेक्षका: मम व्याघ्रवेषं निष्कास्य मां ………. ताडितवन्तः। (निपुणं / सस्नेह)

उत्तरम् :

  1. आवां
  2. हस्तेन
  3. निघणं

(ग) कः कं वदति।

प्रश्न 1.
किं प्राणिनो: कलहः?
उत्तरम् :
लेखक: चिमणराव: सर्कसक्रीडास्वामिनं वदति।

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प्रश्न 2.
नहि, नहि, धेनुस्तु वास्तविकी एव।
उत्तरम् :
सर्कसक्रीडास्वामी लेखक चिमणरावं वदति।

प्रश्न 3.
कृपया साहाय्यं करोतु।
उत्तरम् :
सर्कसक्रीडास्वामी लेखकं चिमणरावं वदति।

(घ) पूर्णवाक्येन उत्तरं लिखत।

प्रश्न 1.
एषः गद्यांश: कस्मात् पाठात् उद्धृतः?
उत्तरम् :
एषः गद्यांश: ‘धेनोर्व्याघ्र : पलायते’ इति पाठात् उद्धृतः ।

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प्रश्न 2.
भल्लूकपात्रे क: नियोजितः?
उत्तरम् :
भल्लूकपात्रे अब्दुल : नियोजितः।

प्रश्न 3.
कुत्र सम्मः जातः?
उत्तरम् :
व्याघ्रपञ्जरस्य पुरत: सम्मर्द जातः ।

प्रश्न 4.
का पाषाणखण्डान् अक्षिपत्?
उत्तरम् :
व्याघ्र द्रष्टुं स्वपुत्रेण सह आगता माता पाषाणखण्डान् अक्षिपत्।

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प्रश्न 5.
कः धेनुं हस्तेन ताडितवान्?
उत्तरम् :
अब्दुल: धेनुं हस्तेन ताडितवान्।

प्रश्न 6.
कदा प्रेक्षागारे मझन् कोलाहल: उत्पन्नः?
उत्तरम् :
धेनो: भीतं, पलायमानं व्याघ्रं दृष्ट्वा पेक्षागारे महान् कोलाहल: उत्पनः ।

(च) वाक्यं पुनलिखित्वा सत्यम् / असत्यम् इति लिखत।

प्रश्न 1.
1. सर्कसक्रीडायां लोकप्रियः सङ्गीतकार्यक्रमः प्रचलति।
2. बहुरूपधारिणौ नरौ गोव्याघ्रौ नाटयतः।
उत्तरम् :
1. असत्यम्।
2. असत्यम्।

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प्रश्न 2.

  1. व्यानवेषे अब्दुलः समुपस्थितः।
  2. व्याघ्रवेषे लेखक: समुपस्थितः।
  3. महिला भल्लूकं द्रष्टुम् आगता।
  4. व्याघ्रस्य गर्जनया बाल: आनन्दितः।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्।
  2. सत्यम्।
  3. असत्यम्।
  4. असत्यम्।

प्रश्न 3.

  1. रात्रौ दशवादने सर्कसक्रीडायाः प्रारम्भः जातः ।
  2. श्रोतृवृन्दः लेखने मग्नः।
  3. पूर्व व्याघ्रभल्लूको वास्तविकौ आस्ताम्।

उत्तरम् :

  1. सत्यम्।
  2. असत्यम्।
  3. असत्यम्।

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प्रश्न 4.
1. धेनु: व्याघ्रात् भीता।
2. प्रेक्षका; भल्लूकवेषधारिणम् अब्दुलं ताडितवन्तः।
उत्तरम् :
1. असत्यम्।
2. असत्यम्।

शब्दज्ञानम् ।

(क) सन्धिविग्रहः।

  1. धेनोर्व्याघः – धेनोः + व्याघ्रः।
  2. मामेव – माम् + एव।
  3. व्याघ्रश्च – व्याघ्रः + च।
  4. इत्येतेषाम् – इति + एतेषाम्।
  5. द्वावपि . द्वौ + अपि।
  6. नास्ति – न + अस्ति ।
  7. धेनुरपि – धेनु: + अपि।
  8. धेनुस्तु – धेनुः + तु।
  9. करणीयमिति – करणीयम् + इति।
  10. प्रागेव – प्राक् + एव।
  11. यावच्छक्यम् – यावत् + शक्यम्।
  12. किमयम् – किम् + अयम्।
  13. कृशोऽयम् – कृशः + अयम्।
  14. पूर्वमेव – पूर्वम् + एव।
  15. भूतोऽयम् – भूतः + अयम्।
  16. पूर्वमपि – पूर्वम् + अपि।
  17. तथापि – तथा + अपि ।
  18. अचिरादेव – अचिरात् + एव।
  19. अहमपि – अहम् + अपि।
  20. किञ्चिदपि – किञ्चित् + अपि ।
  21. मूलस्वरूपमाश्रितवान् – मूलस्वरूपम् + आश्रितवान्।

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(ख) त्वान्त-ल्यबन्त-तुमन्त-अव्ययानि ।

1.

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्या / ट्वा / ड्वा / इत्वा / अयित्वाल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्यतुमन्न अव्यय धातु + तुम् / धुम् / टुम् / दम् / इतुम् / अयितुम्
कृत्वा, धृत्वासमाप्यपालयितुम्
यितुम् मत्वा, धृत्वा, दृष्ट्वाविस्मृत्यरञ्जयितुम्, द्रष्टुम्

2.

ल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्यतुमन्त अव्यय धातु + तुम् / धुम् / टुम् / दुम् / इतुम् / अयितुम्
आगत्यपातुम, कर्तुम्

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(ख) त्वान्त – ल्यबन्त – अव्ययानि।

तुमन्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा /  दवा / इत्वा / अयित्वाल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्य
कृत्वा, दृष्ट्वाउन्नम्य, विचिन्त्य, विस्मृत्य, निष्कास्य

(ग) विभक्त्यन्तरूपाणि।

द्वितीया – भोजनादिकम्, माम, विज्ञापनम, व्याघ्रम्, भल्लूकम्, साहाय्यम्, व्याघ्रभल्लूकवेषौ, जनान, व्याघम्, पाषाणखण्डान्, पञ्जरस्थितान्, व्याघान्, त्रीणि, आसनानि, वर्तुलाकारम्, पीठम्, मञ्चम्, आवाम्, शृङ्गे, नौ, तीक्ष्णदन्तान, ताम, तम्, पटमण्डपस्तम्भम, व्याघ्रम, माम, लक्ष्यम्, व्याघ्रत्वम्, द्विपादम, मूलस्वरूपम्, भीतम्, पलायमानम्, पुण्यपत्तनदिशम्।

तृतीया – बालैः, प्राध्यापकमहाशयेन, मया, मया, यदृच्छया, उपहासेन, स्वपुत्रेण, गर्जनया, वेदनया, मनुष्यवाण्या, भाषणेन, उच्चैः, उत्तेजितैः, प्रेक्षकैः, आनन्देन, ताभ्याम्, धेनुना, सम्भमेण, संशयेन, हस्तेन, तेन, चापल्येन, भीत्या, वेदनाभिः, उपचारपट्टिकाभिः।
पञ्चमी – कतिपयेभ्यः, मासेभ्यः, कलहकारणात्, अचिरात्, तस्याः, धेनोः।

षष्ठी – शिबिरस्य, अस्माकम्, एतेषाम, पशूनाम्, प्रयोगस्य, भल्लूकयोः, प्राणिनोः, भवतः, प्रेक्षकाणाम्, सर्कसस्वामिनः, तस्य, परोपकारस्य, व्याघ्रस्य, मम, पारस्य, मम, वाक्यसमाप्तेः, व्याघ्रस्य, सर्कसक्रीडाया:, प्रेक्षकाणाम्, उत्कण्ठायाः, अस्माकम्, खाद्यस्य, सहभोजनस्य, भल्लूकवेषे, भल्लूकपात्रे, स्वपञ्जरयोः, मयि, भूमौ, रात्रौ, दशवादने, द्वादशवादने, मझे, मध्यभागे, एकस्मिन्, आसने, प्रारम्भे, जाते।

सप्तमी – प्रथमदिने, मध्याहे, पत्रक्रीडायाम, सर्कसक्रीडायाम्।

सम्बोधनम् – कॅप्टनसाहेब, महाशय।

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(घ) विशेषण – विशेष्य – सम्बन्धः।

विशेषणम्विशेष्यम्
1. कतिपयेभ्यःमासेभ्यः
2. द्विपादौभल्लूको
3. वास्तविकीधेनुः
4. महान्उपकार:
5. मनुष्यवाण्याभाषणेन
6. मूर्छितामहिला
7. वर्तुलाकारम्पीठम्
8. भल्लूकवेषधारीअब्दुल:
9. उत्तेजितैःप्रेक्षकैः
10. अभ्यस्ताधेनुः
11. सन्तुष्टाःजनाः
12. कृशःव्याघ्रः
13. पूर्वनियोजिताक्रीडा
14. प्रमुदिताःप्रेक्षका:
15. क्रुद्धाधेनुः
16. चतुष्पादविशिष्टम्व्याघ्रत्वम्
17. द्विपादम्मूलस्वरूपम्
18. भीतम्, पलायमानम्व्याघ्रम्
19. महान्कोलाहल:
20. अनुत्तमानिअङ्गानि

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 9 धेनोाघः पलायते

(च) लकारं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. पत्रक्रीडायां मग्न: आसम् अहम्।
  2. शृणोतु कॅप्टनसाहेब।
  3. बहुरूपधारिणौ नरौ व्याघ्रभल्लूको नाटयतः।
  4. अहं प्रार्थये।
  5. महान् उपकार: स्यात्।
  6. कृपया साहाय्यं करोतु।

उत्तरम् :

  1. लङ्लकार :
  2. लोट्लकार :
  3. लट्लकार:
  4. लट्लकार:
  5. विधिलिङ्लकार:
  6. लोट्लकार:

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प्रश्न 2.

  1. भल्लूकवेषे अब्दुल: शोभेत।
  2. जनाः उपहासेन अवदन्।
  3. महिला: क्षिपन्ति पाषाणखण्डान्।

उत्तरम् :

  1. विधिलिङ्लकार:
  2. लङ्लकार:
  3. लट्लकार:

प्रश्न 3.
1. सा शृङ्गे उन्नम्य नौ आक्रामत्।
2. प्राध्यापकमहाशय, परित्रायताम्।
उत्तरम् :
1. लङ्लकारः
2. लोट्लकार:

(छ) प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.
प्राध्यापकमहाशयेन रहस्यभेद: कृतः।
उत्तरम् :
केन रहस्यभेदः कृतः? ।

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प्रश्न 2.
बहुरूपधारिणौ नरौ व्याघ्रभल्लूको नाटयतः।
उत्तरम् :
को व्याघ्रभल्लूको नाटयतः?

प्रश्न 3.
व्याघ्रस्य मनुष्यवाण्या भाषणेन सा महिला मूर्छिता।
उत्तरम् :
केन कारणेन सा महिला मूर्छिता?

प्रश्न 4.
रात्रौ दशवादने सर्कसक्रीडायाः प्रारम्भः जातः ।
उत्तरम् :
कस्मिन् समये / कदा सर्कसक्रीडाया: प्रारम्भः जातः?

प्रश्न 5.
क्रुद्धा धेनु: व्याघ्र लक्ष्यं कृतवती।
उत्तरम् :
क्रुद्धा धेनुः कं लक्ष्यं कृतवती?

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प्रश्न 6.
प्रेक्षागारे महान् कोलाहल: उत्पन्नः ।
उत्तरम् :
कुत्र महान् कोलाहल: उत्पन्नः?

पृथक्करणम्

क्रमेण योजयत।

प्रश्न 1.

  1. शिबिरस्य प्रथमं दिनम्।
  2. सर्कसस्वामिनः साहाय्ययाचना।
  3. सहभोजनस्य रहस्यभेदः।
  4. सर्कसस्वामिनः आगमनम्।

उत्तरम् :

  1. शिबिरस्य प्रथमं दिनम्।
  2. सर्कसस्वामिनः आगमनम्।
  3. सहभोजनस्य रहस्यभेदः।
  4. सर्कसस्वामिनः साहाय्ययाचना।

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प्रश्न 2.

  1. माता व्याघ्र पाषाणखण्डान् अक्षिपत्।
  2. व्याघ्रस्य पुरत: सम्मर्दः जातः।
  3. व्याघ्रस्य मनुष्यवाण्या भाषणेन महिला मूर्छिता।
  4. व्याघ्रस्य गर्जनया बाल: भीतः।

उत्तरम् :

  1. व्याघ्रस्य पुरतः सम्मदः जातः।
  2. व्याघ्रस्य गर्जनया बाल: भीतः।
  3. माता व्याघ्र पाषाणखण्डान् अक्षिपत्।
  4. व्याघ्रस्य मनुष्यवाण्या भाषणेन महिला मूर्च्छिता।

प्रश्न 3.

  1. भल्लूकवेषधारिण: अब्दुलस्य आगमनम्।
  2. सर्कसक्रीडाया: प्रारम्भः ।
  3. उत्तेजितैः प्रेक्षकैः तालिकावादनम्।
  4. पशूनां खाद्यस्य योजना।

उत्तरम् :

  1. सर्कसक्रीडायाः प्रारम्भः ।
  2. भल्लूकवेषधारिणः अब्दुलस्य आगमनम्।
  3. पशूनां खाद्यस्य योजना।
  4. उत्तेजितै: प्रेक्षकै; तालिकावादनम्।

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प्रश्न 4.

  1. भल्लूकस्य पटमण्डपस्तम्भम् आरोहणम्।
  2. धेनोः सम्भ्रमः आक्रमणं च।
  3. चिमणरावस्य व्याघ्रत्वं विस्मृत्य द्विपादरूपाश्रयः ।
  4. सहभोजनस्य प्रारम्भः।

उत्तरम् :

  1. सहभोजनस्य प्रारम्भः।
  2. धेनोः सम्भ्रम: आक्रमणं च।
  3. भल्लूकस्य पटमण्डपस्तम्भम् आरोहणम्।
  4. चिमणरावस्य व्याघ्रत्वं विस्मृत्य द्विपादरूपाश्रयः ।

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भाषाभ्यास:

योग्य रूपं लिखित्वा रिक्तस्थानपूर्ति कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. क्रीडायां ……….. नरौव्याघ्रभल्लूकौनाटयतः (द्वि-सङ्ख्यावाचक)
  2. ………… सैनिकौ प्रेक्षकाणां मनोरञ्जनं कुर्याताम्। (द्वि-सजावाचक)
  3. ………… महिला स्वपुत्रेण सह व्यानं द्रष्टुम् आगता। (एक – सङ्ख्यावाचक)
  4. राघुः पञ्जरसमीपम् आगत्य पृष्टवान्। (एक-आवृत्तिवाचक)
  5. सेवक: मझे “आसनानि स्थापितवान्। (त्रि-सङ्ख्यावाचक)
  6. अहम् “आसने उपवेशितः। (एक – सङ्ख्यावाचक)

उत्तरम् :

  1. द्वौ
  2. द्वौ
  3. एका
  4. एकवारं
  5. त्रीणि
  6. एकस्मिन्

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सूचनानुसारं कृती: कुरुत।

(क) वाच्यपरिवर्तनं कुरुत।

प्रश्न 1.
अहं विरोधं दर्शितवान्।
उत्तरम् :
मया विरोध: दर्शितः।

प्रश्न 2.
सेवक: त्रीणि आसनानि स्थापितवान्।
उत्तरम् :
सेवकेन त्रीणि आसनानि स्थापितानि।

प्रश्न 3.
अब्दुल: तां हस्तेन ताडितवान्।
उत्तरम् :
अब्दुलेन सा हस्तेन ताडिता।

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(ख) त्वान्त / ल्यबन्त अव्ययं निष्कासयत।

प्रश्न 1.
अहं व्याघ्रः न वदति इति विस्मृत्य अवदम्।
उत्तरम् :
अहं व्याघ्रः न वदति इति व्यस्मरम् अवदम् च ।

प्रश्न 2.
अहं गर्जनां कृत्वा तीक्ष्णदन्तान् दर्शितवान्।
उत्तरम् :
अहं गर्जनां कृतवान् तीक्ष्णदन्तान् दर्शितवान् च ।

(ग) स्म निष्कासयत।

प्रश्न 1.
जनाः वन्यपशून् द्रष्टुम् आगच्छन्ति स्म।
उत्तरम् :
जना: वन्यपशून् द्रष्टुम् आगच्छन् ।

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(घ) भवान् स्थाने त्वं योजयत।

प्रश्न 1.
भवान् सहाय्यं करोतु ।
उत्तरम् :
त्वं साहाय्यं कुरु।

प्रश्न 2.
भवान् चायं पातुम् इच्छति किम्?
उत्तरम् :
त्वं चायं पातुम् इच्छसि किम्?

प्रश्न 3.
भवान् परित्रायताम्।
उत्तरम् :
त्वं परित्राबस्व।

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(च) वचनं परिवर्तयत।

प्रश्न 1.
पत्रक्रीडायां मग्नः आसम् अहम्। (बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
पत्रक्रीडायां मग्नाः आस्म वयम्।

प्रश्न 3.
एका महिला आगता। (द्विवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
द्वे महिले आगते।

(छ) लकारं परिवर्तयत।

प्रश्न 1.
पत्रक्रीडायां मग्नः आसम् अहम्। (विधिलिङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
पत्रक्रीडायां मग्नः स्याम् अहम्।

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प्रश्न 2.
महान् उपकारः स्यात्। (लङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
महान् उपकारः आसीत्।

प्रश्न 3.
भल्लूकवेषे अब्दुल: शोभेत। (लङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
भल्लूकवेषे अब्दुलः अशोभत।

प्रश्न 4.
धेनुः नौ आक्रामत्। (विधिलिङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
धेनु: नौ आक्रामेत्।

(ज) वाक्यं शुद्धं कुरुत।

प्रश्न 1.
द्वौ नरौ व्याघ्रभल्लूको नाटयन्ति।
उत्तरम् :
द्वौ नरौ व्याघ्रभल्लूको नाटयतः।

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प्रश्न 2.
मम पञ्जरात् पुरत: सम्मदः जातः ।
उत्तरम् :
मम पञ्जरस्य पुरतः सम्मर्दः जातः ।

प्रश्न 3.
धेनुः तयोः सह कार्यक्रमः कर्तुम् अभ्यस्ता आसीत्।
उत्तरम् :
धेनुः ताभ्यां सह कार्यक्रमः कर्तुम् अभ्यस्ता आसीत्।

प्रश्न 4.
कृद्धाः धेनु: मां लक्ष्यं कृतवती।
उत्तरम् :
कद्धा धेनु: मां लक्ष्यं कृतवती।

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समासाः

समस्तपदम्अर्थ:समासविग्रहःसमासनाम
व्याघ्रभल्लूकोtiger and bearव्याघ्रः च भल्लूक: च।इतरेतर द्वन्द्व समास
चरमबिन्दुःpeak pointचरम: बिन्दुः।कर्मधारय समास
तीक्ष्णदन्ताःsharp teethतीक्ष्णा: दन्ताः।कर्मधारय समास
उत्तमाङ्गम्topmost organउत्तमम् अङ्गम्।कर्मधारय समास
अभिनयार्थम्for enactingअभिनयाय इदम्।चतुर्थी तत्पुरुष समास
बालवीरचमःa troop of brave childrenबालवीराणां चमूः।षष्ठी तत्पुरुष समास
पाषाणखण्डा:pieces of stoneपाषाणस्य खण्डाः।षष्ठी तत्पुरुष समास
लोकप्रियःdear amongst peopleलोकेषु प्रियः।सप्तमी तत्पुरुष समास
भल्लूकवेषधारीa man disguised as a bearभल्लूकवेषं धारयति इति।उपपद तत्पुरुष समास
अनुत्तमानिnot excellentन उत्तमानि।नञ्तत्पुरुष समास

धेनोाघः पलायते Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

‘धेनोव्याघ्रः पलायते।’ हे शीर्षक संस्कृत साहित्यातील भोजराजाच्या कथेतील एका प्रसिद्ध समस्येवर आधारीत आहे. ती म्हणजे ‘मृगात् सिंहः पलायते।’ या दोन्ही वाक्यांमध्ये लेखकांनी सृष्टीनियमांविरुद्ध अशा परिस्थितीचे चित्रण केले आहे. परंतु त्यातूनच निर्माण होणारा विनोद वाचकांच्या चेहऱ्यावर स्मितहास्य आणतो.

ही कथा मराठी साहित्यातील अजरामर कलाकृती असलेल्या ‘चिमणरावांचे चव्हाट’ या कथा संग्रहातील ‘कॅप्टन चिमणराव – स्काउटमास्तर’ या कथेचा अनुवाद असून संस्कृत वार्षिक अंक ‘समर्पणम्’ मधून प्रसिद्ध झाली होती. या कथेचा नायक व मराठी साहित्यातील प्रसिद्ध पात्र असलेला चिमणराव स्काऊटच्या धर्तीवर बालवीरांचा गट निर्माण करु इच्छितो.

परोपकार, शूरता, समाजसेवा इ. मूल्यांचे महत्त्व त्या लहान मुलांच्या मनावर बिंबवणे हा त्यामागचा शुद्ध हेतू. या बालचमूला सुट्टीत शिबिरासाठी घेऊन गेला असताना त्यांना परोपकाराचे धडे देण्याची संधी त्याला मिळते.

मात्र त्यातून जो अनावस्था प्रसंग उद्भवतो आणि त्यात चिमणराव स्वत:च कसा अडकतो, याचे वर्णन चिमणराव स्वत: करतो. ‘धेनोयाघ्रः पलायते।’ या कथेत चिमणरावांच्या स्वभाववैशिष्ट्यांमुळे जी विनोदनिर्मिती होते त्यामुळे वाचकांच्या चेहऱ्यावर स्मितहास्य उमटते. त्याचप्रमाणे ही कथा म्हणजे एका प्रादेशिक भाषेतून प्राचीन भाषेतील अनुवादाचा उत्कृष्ट नमुना आहे.

The title ‘धेनोर्व्याघ्रः पलायते।’ is based on a famous समस्या in Sanskrit literature, ‘मृगात् सिंहः पलायते।’ which comes from the stories of king 11. In both the quotes, the author has imagined a situation exactly opposite to the nature’s law. These situations surely bring smile on the reader’s face.

This story is a translated version of a Marathi story ‘कॅप्टन चिमणराव – स्काउटमास्तर’ from a renowned story book ‘चिमणरावांचे चव्हाट’ and tuns published in annual संस्कृत magazine named ‘समर्पणम्’. चिमणराव, the hero of this story and an immortal character of Marathi literature, wished to train a troop of brave youngsters/teenagers, similar to the scouts.

His aim behind this training uns to inculcate qualities like benevolence, bravery, social service etc. in the minds of the young children. But as he took them for a camp during mcations and got an opportunity to teach them a lesson of benevolence, he himself got stuck in a difficult situation.

The story ‘धेनोर्व्याघ्रः पलायते।’ brings smile on the faces of the readers due to the humor caused due to innocent nature of चिमणराव. It is also an excellent example of translation skills from a regional language to the ancient language of India.

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परिच्छेदः 1

शिबिरस्य प्रथमदिबसे ……… साहाय्यं करोतु।

अनुवादः

शिबिराच्या पहिल्या दिवशीच दुपारी जेवण वगैरे आवरून मी मुलांसोबत पत्ते खेळण्यात मग्न होतो. तेव्हा नुकतीच ओळख झालेले प्राध्यापक सर्कसवाले (सर्कशीचे मालक) मलाच शोधत तेथे पोहचले. “कॅप्टनसाहेब, ऐका कॅप्टनसाहेब! आमच्या सर्कशीत कित्येक महिन्यांपासून लोकप्रिय असा सहभोजनाचा कार्यक्रम चालतो.

गाय, अस्वल आणि वाघ इ. प्राण्यांचा हा कार्यक्रम प्रयोगाचे सर्वोच्च आकर्षण आहे. तसेच जाहिरात करुन तिकिटे सुद्धा विकली आहेत. परंतु वाघ आणि अस्वलामध्ये झालेल्या भांडणामुळे दोघेही जखमी झाले आहेत.”

“काय? प्राण्यांचे भांडण?” “साहेब, आमच्या सर्कशीच्या खेळात वाघ आणि अस्वल दोन पायांचे (मनुष्य) आहेत.” अशाप्रकारे प्राध्यापकमहोदयांनी रहस्यभेद केला. “अस्वल किंवा वाघ पाळण्याची आमची क्षमता नाही. दोन बहुरूपी पुरुषच प्रयोगात वाघ आणि अस्वलाचा अभिनय करतात.”

“गाय सुद्धा……?”
“नाही, नाही, गाय खरी आहे.”
“हं….. मग मी इथे काय करू सांगा?”
“मी विनंती करतो, की आपल्या बालवीरांच्या चमूतील कोणत्याही दोन सैनिकांनी जर आजच्या प्रयोगात वाघ-अस्वलाचा वेश घेऊन प्रेक्षकांचे मनोरंजन केले, तर खूप उपकार होतील. कृपया मदत करा.”

On the first day of the camp itself, I was engrossed in playing the game of cards with children, after completing lunch etc. in the afternoon At that time, professor सर्कसवाले (owner of a circus) who was newly introduced, reached there looking for me only.

“Respected captain, listen (to me). Our circus has a popular programme of a joint meal since many months. This programme of the cow, the bear and the tiger etc. animals is the biggest attraction of our show. Tickets are also sold with the advertisement. but due to a fight between the bear and the tiger, both are wounded.” “What? Fight between animals?” “Sir, the tiger and the bear in our circus are human indeed.”

Thus, the respected professor revealed the secret. “We are not able to pet a bear or a tiger. Two disguised men only enact the tiger and the bear in the show.” “Is the cow too….?” “No, No, the cow is real.” “Hmm…. tell me then what should I do here?” “I request that, if any two cadets from your troop of brave boys entertain the audience, disguised as the tiger and the bear in today’s show, it would be a great favour. Please help me.”

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परिच्छेदः 2

सर्कसस्वामिनः विवशता ………….. क्षिपन्ति पाषाणखण्डान्।

अनुवादः

सर्कशीच्या मालकाची विवशता/अगतिकता माझ्या लक्षात आली. ही परोपकाराची संधी योगायोगाने मिळाली आहे, असा विचार करून त्याची मदत करावी असे मी ठरवले. अस्वलाच्या वेशात अब्दुल शोभेल अशा विचाराने त्याला अस्वलाचे पात्र दिले. वाघाचा अभिनय करण्यासाठी मी स्वत:च तयार झालो. अशाप्रकारे पात्रयोजना झाली.

कार्यक्रमापूर्वीच मी तसेच अब्दुल, वाघ आणि अस्वलाचा वेश घेऊन आपापल्या पिंजऱ्यात थांबलो. माझ्या पिंजऱ्यासमोरच जास्त गर्दी झाली होती. मी शक्यतोवर लोकांचे मनोरंजन करण्याचा प्रयत्न केला. परंतु लोक संतुष्ट नव्हते. “हा काय वाघ आहे ? (किती) दुबळा आहे,” असे थट्टेने म्हणत होते.

तेव्हाच एक बाई वाघ पाहण्यासाठी स्वत:च्या मुलासोबत आली. माझ्या गर्जनेमुळे मुलगा घाबरला, म्हणून ती आई माझ्यावर दगड फेकू लागली. तेव्हा वेदनेने व्याकुळ झालेला मी, वाघ बोलत नाही हे क्षणभर विसरून म्हणालो, “पिंजऱ्यातल्या वाघाला बघून महिला दगड फेकतात/ मारतात.”

I understood the helplessness of the owner of the circus. Thinking that, I have obtained an opportunity to help him by chance I decided to help him. I assigned the character of the bear to Abdul, thinking that he would be apt/suitable for the role. I myself got ready to enact the tiger.

Thus, the characters/roles were decided/fixed. Me and Abdul stayed in our own cages disguised as the tiger and the bear before the show itself. There was more crowd gathered in front of my cage. I tried to entertain people as much as possible but crowd was not satisfied. “Is this a tiger? How weak he is!” They said mockingly.

Then, a woman, along with her son came to see the tiger. The boy got afraid due to my roaring. Hence, that mother threw pieces of stones at me. At that time, for a moment I forgot that the tiger doesn’t speak; I said, “Seeing the caged tigers, women throw pieces of stones.”

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परिच्छेदः 3

मम वाक्यसमाप्तेः ……… अभ्यस्ता आसीत्।

अनुवादः

माझं वाक्य संपण्यापूर्वीच, वाघाच्या माणसाच्या भाषेत बोलण्यामुळे मूर्च्छित झालेली ती महिला, ‘हे भूत आहे भूत….’ असे मोठ्याने किंचाळत जमिनीवर पडली. माझा मुलगा राघूसुद्धा एकदा पिंजऱ्याजवळ येऊन, “अप्पा, चहा प्यायचा आहे का?” असे विचारू लागला तेव्हा प्रेक्षक गोंधळात पडले. रात्री दहा वाजता सर्कशीचा खेळ सुरु झाला. बारा वाजता खेळाचा सर्वोच्च बिंदू आला – सहभोजन. प्रेक्षकांची उत्सुकता शिगेला पोहोचली.

गड्याने रंगमंचावर तीन खुा ठेवल्या व मधोमध गोलाकार टेबल ठेवला. एका खुर्चीत मला बसवले होते. नंतर अस्वलाच्या वेशातील अब्दुल तेथे आला. गाय सुद्धा मंचावर आली. त्यानंतर आमच्यासमोर खाद्यपदार्थ ठेवले गेले. सहभोजन सुरु होताच उत्तेजित झालेल्या प्रेक्षकांनी आनंदाने टाळ्या वाजवण्यास सुरुवात केली. पूर्वीसुद्धा वाघ आणि अस्वल ही माणसेच होती. परंतु ती गाय त्यांच्यासोबत कार्यक्रम करण्यासाठी सरावलेली होती.

Even before my sentence would end, that woman screaming aloud, “ghost, it’s a ghost”, fell on the ground being unconscious due to the tiger speaking human language. Even when my son coming near the cage asked, “Father, would you like to have some tea?”, the audience got confused. The circus show began at 100clock in the night. The peak point of the show came at 120dock- joint meal. The excitement of the audience reached the height.

A servant placed three chairs on the stage and a circular stool in the middle. I was made to sit in one chair. Then , disguised as a bear came there. Even the cow arrived on the stage. Then, food was arranged in front of us. As the meal started, the audience that was excited started clapping happily. Even earlier, the tiger and the bear were human. But the cow was trained/used to perform with them.

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परिच्छेद: 4

अचिरादेव न इमौ ……… विभूषितानि आसन्।

अनुवादः

थोड्याच वेळात गायीच्या लक्षात आले की, हे वाघ आणि अस्वल | ओळखीचे नाहीत, ती गोंधळाने व संशयाने आम्हाला एकेक करून पाहू लागली.
परिस्थितीची जाणीव होताच तिने शिंग उगारून आमच्यावर हल्ला केला. मी सुद्धा गर्जना करुन माझे तीक्ष्ण दात दाखवले. पण ती जराही घाबरली नाही.

अब्दुलने हाताने तिला मारले. त्यामुळे चिडून ती त्याच्यामागे धावू लागली. अस्वल लगेच तंबूच्या खांबावर चढले. हा सगळा खेळ पूर्वनियोजित आहे असा विचार करुन प्रेक्षकसुद्धा खूश झाले. अस्वल निसटले म्हणून चिडलेली ती गाय आता माझ्याकडे – वाघाकडे वळली. भीतीमुळे चार पायाच्या वाघाचे रूप विसरून मी मूळच्या द्विपाद स्वरूपात आलो.

“प्राध्यापक महोदय, वाचवा, वाचवा”, असा करुण विलाप करत धावत सुटलो. तेव्हा, गाईला घाबरुन पळणाऱ्या वाघाला पाहून प्रेक्षकवर्गात प्रचंड गोंधळ उडाला. प्रेक्षकांनी माझा वाघाचा वेश काढून मला निर्दयीपणे मारले. वेदनेमुळे मी मूच्छित झालो आणि जेव्हा जाग आली तेव्हा आमची गाडी पुन्हा पुण्याच्या दिशेने निघाली होती. माझे मस्तक व इतर अवयव मलमपट्टीमुळे सुशोभित झालेले होते.

In a short while, the cow realized that these tiger and bear are not familiar. She looked at us turn by turn with confusion and doubt. When she realized the fact, she attacked us having raised her horns. I too having roared displayed sharp teeth. But she wasn’t even a little afraid.

अब्दुल beat her with hand. Being angry due to this, she ran after him. The bear quickly climbed the pole of the tent. The audience too got happy thinking that all this show is pre-planned. The cow being angry as the bear escaped, now targeted me, the tiger.

Forgetting the disguise of four-legged tiger due to fear, I resorted to my original bipedal form (stood up). I started running, lamenting “Respected professor, help, help.” At that time, seeing the tiger running, being afraid of the cow, huge chaos took place in the audience.

The audience beat me cruelly removing my tiger’s disguise. I fainted due to pain and when I woke up, our vehicle was already on the way back to Pune. My head and other organs were decorated with bandages.

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शब्दार्थाः

  1. रहस्यभेदः – revelation of a secret – रहस्याचा उलगडा
  2. व्रणिती – (both) got wounded – (दोघे) जखमी झाले
  3. द्विपादौ – having two legs – दोन पायांचे प्राणी (दोन माणसे)
  4. बहुरूपधारिणौ – taking many forms – बहुरूपी
  5. पत्रक्रीडा – game of cards – पत्त्यांचा खेळ
  6. विज्ञापनम् – advertisement जाहिरात
  7. कलहकारणात् – due to quarrel/fight – भांडणामुळे
  8. मध्याहे – in the afternoon – दुपारी
  9. अन्विष्य – looking for/searching – शोधत शोधत
  10. पालयितुम् – to nurture – पाळण्यासाठी
  11. सम्मर्दः – crowd – गर्दी
  12. अवसर: – opportunity – संधी
  13. कृशः – weak/lean – दुबळा/क्षीण
  14. नियोजितः – appointed – नियुक्त केलेले
  15. बाधितः – affected – व्याकुळ झाला
  16. सिद्धः – got ready – तयार झाला
  17. विवशता – helplessness – अगतिकता
  18. अवगता – understood – समजली
  19. उपहासेन – mockingly – थट्टेने
  20. गर्जनया – due to roaring – गर्जनेमुळे
  21. स्वपञ्जरयो: – in own cages – स्वत:च्या पिंजऱ्यात
  22. अक्षिपत् – threw – फेकला
  23. रञ्जयितुम् – to entertain – मनोरंजन करण्यासाठी
  24. यदृच्छया – by chance – योगायोगाने
  25. पात्रयोजना – characters – पात्रयोजना
  26. निर्धारिता – were decided – निश्चित झाली
  27. चरमबिन्दुः – peak point – सर्वोच्च बिंदू
  28. उत्कण्ठा – excitement – उत्सुकता
  29. मूर्छिता – fainted – चक्कर/भोवळ आली
  30. आक्रोशन्ती – crying/shouting – ओरडत/किंचाळत
  31. तालिकावादनम् – clapping – टाळ्या वाजवणे
  32. मनुष्यवाण्या – in human speech – माणसाच्या भाषेत
  33. मझे – on stage – रंगमंचावर
  34. अभ्यस्ता आसीत् – was trained – प्रशिक्षित होती
  35. पराकाष्ठा जाता – reached height – शिखर गाठले
  36. कोलाहल: – chaos – गाँधळ
  37. शकटः – cart – गाडी/वाहन
  38. ताडितवान् – beat – मारले
  39. आरूद्धवान् – climbed – चढला
  40. विलपन् – lamenting – विलाप करीत
  41. क्षुब्धा/कुद्धा – angry – संतप्त
  42. उत्तमाङ्गम् – head – मस्तक
  43. प्रमुदिताः – delighted / happy – आनंदी
  44. अनुत्तमानि – lower – वाईट
  45. पटमण्डप स्तम्भम् – pole of the tent – तंबूचा खांब
  46. सम्भ्रमेण – due to confusion – गोंधळामुळे
  47. उपचारपट्टिकाभिः – with bandages – औषधाच्या पट्टीमुळे
  48. शृङ्गे – horns – शिंगे
  49. परित्रायताम् – help/save – वाचवा
  50. उन्नम्य – having raised – उगारून
  51. निष्कास्य – removing – काढून
  52. निघृणम् without mercy – दयामाया न दाखवता

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Solutions Amod Chapter 13 चित्रकाव्यम् Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

Sanskrit Amod Std 10 Digest Chapter 13 चित्रकाव्यम् Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

श्लोकः 1

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कृष्णः कं जघान?
उत्तरम् :
कृष्ण: कंसं जघान।

प्रश्न आ.
दारपोषणे के रताः?
उत्तरम् :
केदारपोषणरता: दारपोषणे रताः।

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प्रश्न इ.
कं शीतं न बाधते?
उत्तरम् :
कम्बलवन्तं शीतं न बाधते।

2. समानार्थकं शब्द लिखत ।

प्रश्न 1.
समानार्थकं शब्द लिखत ।
कृष्णः, गङ्गा, रतः, बलवान् ।
उत्तरम् :

  • कृष्णः – माधवः, केशवः, मुरारिः, दामोदरः।
  • गङ्गा – विष्णुपदी, जहुतनया, सुरनिम्नगा, जाह्नवी, भागीरथी।
  • रतः – लीनः, मग्नः ।
  • बलवान् – शक्तिशाली।

3. ‘गङ्गा’ इति पदस्य विशेषणम् अन्विष्यत लिखत च ।

प्रश्न 1.
‘गङ्गा’ इति पदस्य विशेषणम् अन्विष्यत लिखत च ।
उत्तरम् :

विशेषणम्विशेष्यम्
शीतलवाहिनीगङ्गा

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4. ‘कं संजघान’ इति श्लोकं माध्यमभाषया स्पष्टीकुरुत ।

प्रश्न 1.
‘कं संजघान’ इति श्लोकं माध्यमभाषया स्पष्टीकुरुत ।
उत्तरम् :
चित्रकाव्यम् हे काल्पनिक काव्य आहे. असे काव्य कवीची अफाट बुद्धिमत्ता तर दर्शवितात, त्याच बरोबर मनोरंजन व आनंदही निर्माण करतात. ‘के संजघान’ हे त्याचे उत्तम उदाहरण आहे. हे अन्तरालापाचे उदाहरण आहे.

येथे श्लोकात विचारलेल्या चार प्रश्नांची उत्तरेही तिथेच दडली आहेत. शब्दालंकारावर आधारित असा हा श्लोक आहे. काही अक्षरे जोडल्यास अथवा विभाजित केल्यास विचारलेल्या प्रश्नांची उत्तरे मिळू शकतात.

ज्याप्रमाणे (1) कं संजघान कृष्ण म्हणजे, कृष्णाने कोणाला ठार मारले? येथे, प्रथम चरणातील पहिली दोन अक्षरे जोडल्यास कंस असे योग्य उत्तर मिळते. (2) का शीतलवाहिनी गंगा? शीतल वाहणारी गंगा नदी कोणती? दुसऱ्या चरणातील पहिली दोन अक्षरे जोडल्यास काशी म्हणजे काशीक्षेत्र असे उत्तर मिळते. याचा अर्थ, काशीक्षेत्रात वाहणारी गङ्गा.

(3) कुटुंबाचे पोषण करण्यात कोण मग्न असतात? तिसऱ्या चरणातील पहिली दोन अक्षरे जोडल्यास केदारपोषणरताः (शेतकरी) असे उत्तर मिळते. (4) कोणत्या बलवानास थंडी बाधत नाही? येथेही, चौथ्या चरणातील तीन अक्षरे जोडल्यास कंबलवन्तं असा शब्द म्हणजेच उत्तर मिळते, त्याचा अर्थ, कांबळे धारण करणाऱ्या बलवानास थंडी वाजत नाही.

चित्रकाव्यम् is image poetry. Such poems show the prodigious intellect of the poets as well as arouse amusement and pleasure.

This श्लोक is the example of अन्तरालाप, Here are four different questions along with their answers within. It is based on शब्दालङ्कार. One can obtain the answer of given question either by joining or dividing letters. Just as, (1) कं संजधान कृष्णः means, whom did कृष्ण kill? The answer the can be obtained by joining first two letters together.

(2) का शीतलवाहिनी गङ्गा? Which is cool river गङ्गा? Answer (काशी) तलवाहिनी is obtained by joining the first two letters. (3)Who is engrossed in looking after wife? के दारपोषणरता: The answer केदारपोषणरताः (They who are engaged in taking care of fields – farmers), can be found by joining first three letters.

(4) कं बलवन्तं न बाधते शीतम्? which strong man is not affected by the cold? the one who has alc, means blanket. This is obtained by joining first three letters.

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श्लोक: 2.

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
गगने के सन्ति?
उत्तरम् :
गगने बहवः अम्भोदा: सन्ति।

प्रश्न आ.
कविः कं ‘मित्र’ इति सम्बोधयति?
उत्तरम् :
कविः चातकं “मित्र’ इति सम्बोधयति।

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प्रश्न इ.
जलदाः काम् आर्द्रयन्ति?
उत्तरम् :
जलदा: वसुधाम् आर्द्रयन्ति।

2. मेलनं कुरुत।

प्रश्न 1.
मेलनं कुरुत।
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 1
उत्तरम् :

विशेषणम्विशेष्यम्
बहवःअम्भोदाः
दीनम्वचः

3. सूचनानुसारं कृती: कुरुत ।

प्रश्न अ.
अम्भोदा: वसुधाम् आर्द्रयन्ति । (कर्तृपदम् एकवचने परिवर्तयत ।)
उत्तरम् :
अम्भोदः वसुधाम् आर्द्रयति।

प्रश्न आ.
त्वं दीनं वचः मा ब्रूहि । (‘त्वं’ स्थाने भवान् योजयत ।)
उत्तरम् :
भवान् दीनं वच: मा ब्रवीतु।

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4. ‘रेरे चातक’ इति श्लोकं माध्यमभाषया स्पष्टीकुरुत ।

प्रश्न 1.
‘रेरे चातक’ इति श्लोकं माध्यमभाषया स्पष्टीकुरुत ।
उत्तरम् :
चित्रकाव्यम् हे काल्पनिक काव्य आहे. असे काव्य कवीची अफाट बुद्धिमत्ता तर दर्शवितात, त्याच बरोबर मनोरंजन व आनंदही निर्माण करतात. ‘रेरे चातक’ हे अन्योक्ती या काव्यप्रकारचे उदाहरण आहे. येथे, चातक पक्षी वर्षाकाळाचा अग्रदूत (सूचक) मानला आहे व तो पावसाचे पाणी पिऊन तहान भागवतो असे समजतात. तेव्हा चातक पक्षी, पाणी देणारा एकमेव स्रोत म्हणून केवळ ढगावरच अवलंबून राहतो.

येथे दोन प्रकाराच्या ढगांच्या गुणवैशिष्ट्यांना दर्शवत कवीने त्यांच्यातील फरक सष्ट केला आहे. काही ढग केवळ गर्जना करतात, तर काही खरोखरच पाणी देतात. कवी चातकास केवळ गर्जना करणात्या ढगांकडे पाणी न मागण्याचा सल्ला देतो.

प्रत्यक्षात कवीला पाणी मागणाऱ्या चातकाचा संदर्भ घेऊन, दीनजनांना उद्देशून सांगायचे आहे की सर्वच धनी माणसे उदार नसतात. म्हणून दीनजनांनी विचारपूर्वक, धनी माणसांकडे याचना करावी. चातकाला उद्देशून दीन लोकांना सल्ला देणारी ही अन्योक्ती आहे.

चित्रकाव्यम् is an image poetry. Such poems show the prodigious intellect of the poets as well as arouse amusement and pleasure.

‘रे रे चातक’ is the example of poetic form named अन्योक्ती. Here the चातक bird is harbinger of monsoon and he is assumed to drink water directly from rain. So, चातक bird, considering cloud as the only resort depends on the cloud itself for water.

Some clouds are best givers of water, but some merely roar. So, a poet suggests चातक not to ask for water to roaring clouds. In a way, a poet wants poor people not to beg to all. All people are not generous.

In brief, a poet points out to the चातक bird but it is intended for poor people. Thus, अन्योक्ती is beautifully created here.

श्लोक: 3.

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत ।

प्रश्न अ.
कवि: कं नमति?
उत्तरम् :
कविः वैद्यराजं नमति।

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प्रश्न आ.
को प्राणान् हरतः?
उत्तरम् :
वैद्यराज तथा यमराज: प्राणान् हरतः।

प्रश्न इ.
वैद्यः किं किं हरति?
उत्तरम् :
वैद्यः प्राणान् धनानि च हरति।

2. श्लोकात् सम्बोधनान्तपदद्वयम् अन्विष्य लिखत ।

प्रश्न 1.
श्लोकात् सम्बोधनान्तपदद्वयम् अन्विष्य लिखत ।
उत्तरम् :
1. वैद्यराज
2. यमराजसहोदर

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3. समानार्थकशब्द लिखत ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्द लिखत
यमः, वैद्यः, सहोदरः, धनम्
उत्तरम् :

  • यमः – त्रिदशेश्वरः, अन्तकः, दण्डी।
  • वैद्यः – भिषक्, चिकित्सकः।
  • सहोदरः – भ्राता, बन्धुः।
  • धनम् – द्रव्यम्, वित्तम्, स्थापतेयम्, रिक्यम्, ऋक्यम्, वसुः।

4. सूचनानुसारं कृती: कुरुत ।

प्रश्न अ.
नमः । (‘वैद्यराज’ शब्दस्य योग्यं रूपं लिखत)
उत्तरम् :
वैद्यराजाय नमः।

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प्रश्न आ.
वैद्यः प्राणान् हरति । (वाक्यं लङ्-लकारे परिवर्तयत ।)
उत्तरम् :
वैद्य: प्राणान् अहरत्।

5. ‘वैद्यराज नमस्तुभ्यम्’ अस्य श्लोकस्य स्पष्टीकरण माध्यमभाषया लिखत।

प्रश्न 1.
‘वैद्यराज नमस्तुभ्यम्’ अस्य श्लोकस्य स्पष्टीकरण माध्यमभाषया लिखत।
उत्तरम् :
चित्रकाव्यम् हे काल्पनिक काव्य आहे. असे काव्य कवीची अफाट बुद्धिमत्ता तर दर्शवितात, त्याच बरोबर मनोरंजन व आनंदही निर्माण करतात. ‘वैद्यराज नमस्तुभ्यम्’ हा उपहास त्याचे उत्तम उदाहरण आहे. या श्लोकात कवी वैद्यराजास उपरोधात्मक वृत्तीने नमस्कार सांगतो.

खरे तर वैद्यराज म्हणजे जो वैद्यकशास्त्राचा अवलंब करून आजारी लोकांना बरे करतो व त्याबदल्यात धन घेतो. पण येथे कवी वैद्यराजास मानवातील प्राणतत्व घेऊन जाणाऱ्या यमराजाचा भाऊ म्हणतो.

कवीच्या मते, जे कार्य यम करतो, ते वैद्यही करतो. वैद्य तर पैसे घेतोच त्याच बरोबर यमासारखे माणसांचे प्राणही हरण करतो. मुख्यत: अपरिपक्व अशा वैद्यांना उद्देशून हा श्लोक कवीने लिहिला आहे.

चित्रकाव्यम् is an image poetry. Such poems show the prodigious intellect of the poets as well as arouse amusement and pleasure.

वैद्यराज नमस्तुभ्यम् – This satire is the appropriate example of it. Here, a poet sarcastically offers his salutations to वैद्यराज, that means a person who practises medicine, treats sick pepole and charges fee in return of money.

However, the poet terms वैद्यराज, as a real brother of यम, who is the god assigned to the job of taking life force out of person.

The poet further explains वैद्यराज too does the same that यम does, वैद्यराज along with the money takes even life of a person. This is intended for an incompetent doctor, who just takes money from people, without curing them.

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6. जालरेखाचित्रं पूरयत ।

प्रश्न 1.
जालरेखाचित्रं पूरयत ।
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 4
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 5

श्लोक: 4.

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत ।

प्रश्न अ.
जनकस्य सुतां हृत्वा क: ययौ?
उत्तरम् :
जनकस्य सुतां हत्वा रावण: ययौ।

प्रश्न आ.
अत्र कर्तृपदं किम् ?
उत्तरम् :
अत्र कर्तृपदं राक्षसेभ्यः इति अस्ति।

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2. समानार्थकं पदं लिखत ।

प्रश्न  1.
समानार्थकं पदं लिखत ।
सुता, पुरी, ययौ, पण्डितः ।
उत्तरम् :

  • सुता – तनया, आत्मजा, कन्या।
  • पुरी – नगरी।
  • ययौ – जगाम।
  • पण्डितः – विद्वान्, प्राज्ञः, बुधः ।

3. सूचनानुसारं कृती: कुरुत ।

प्रश्न अ.
राक्षसेभ्यः जनकस्य सुतां हत्वा पुरीं ययौ । (लङ्लकारे परिवर्तयत ।)
उत्तरम् :
राक्षसेभ्यः जनकस्य सुतां हत्वा पुरीम् अयात्।

प्रश्न आ.
यो जानाति स पण्डितः । (बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
ये जानन्ति ते पण्डिताः।

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4. प्रथमान्तं द्वितीयान्तं च पदं चित्वा लिखत ।

प्रश्न 1.
प्रथमान्तं द्वितीयान्तं च पदं चित्वा लिखत ।
उत्तरम् :

  • प्रथमान्तम् – यः / सः / पण्डित: / राक्षसेभ्यः
  • द्वितीयान्तम् – सुताम् / पुरीम्

श्लोकः 5.

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कः धनं याचते?
उत्तरम् :
याचक: / निर्धनः / लोकयानवाहक: धनं याचते।

प्रश्न आ.
‘अयं न भक्तो’ इति प्रहेलिकाया: उत्तरं किम्?
उत्तरम् :
‘अयं न भक्तो’ इति प्रहेलिकाया: उत्तरं “लोकयानवाहकः ।

2. सन्धिविग्रहं कुरुत।

प्रश्न अ.
याचतेऽयम् = याचते + ……..
उत्तरम् :
याचतेऽयम् – याचते + अयम्।

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प्रश्न आ.
याचको वा = ………. + वा।
उत्तरम् :
याचको वा – याचकः + वा।

3. जालरेखाचित्रं पूस्यत ।

प्रश्न 1.
जालरेखाचित्रं पूस्यत ।
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 2
उत्तरम् :
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 3

श्लोक: 6.

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत ।

प्रश्न अ.
कः शब्दं करोति?
उत्तरम् :
हेमघट: शब्दं करोति।

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प्रश्न आ.
कस्याः हस्तात् सुवर्णघटः पतितः?
उत्तरम् :
युवत्याः हस्तात् सुवर्णघटः पतितः।

2. समानार्थकशब्दं लिखत ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्दं लिखत ।
हेम, जलम्, शब्दः ।
उत्तरम् :

  • हेम .- कनकम, स्वर्णम्, सुवर्णम्, हिरण्यम्, हाटकम्।
  • जलम् – पयः, कौलालम्, अमृतम्, जीवनम, भुवनम्।
  • शब्दः – पदम्।

3. ‘रामाभिषेके’ अस्य श्लोकस्य स्पष्टीकरण माध्यमभाषया लिखत ।

प्रश्न 1.
‘रामाभिषेके’ अस्य श्लोकस्य स्पष्टीकरण माध्यमभाषया लिखत ।
उत्तरम् :
चित्रकाव्यम् हे काल्पनिक काव्य आहे. असे काव्य कवीची अफाट बुद्धिमत्ता तर दर्शवितात, त्याच बरोबर मनोरंजन व आनंदही निर्माण करतात. ‘रामाभिषेके’ ही समस्यापूर्ती याचे उत्तम उदाहरण आहे.

समस्यापूर्ति या काव्यप्रकारात शेवटचा चरण दिलेला असतो. हा चरण बहुदा विचित्र असतो. उरलेल्या तीन चरणांसहित अर्थपूर्ण श्लोक/ काव्य तयार करणे हे कवीचे आव्हान असते.

या श्लोकात, ‘ठंठं ठठं ठं ठठ ठं ठठं ठ’, हा चरण दिलेला होता व कवीने चातुर्याने उरलेले तीन चरण त्यास जोडून अर्थपूर्ण श्लोक तयार करणे अपेक्षित होते. कवीने हे चातुर्य पुढीलप्रमाणे दाखविले. रामाच्या राज्याभिषेकासमयी एक युवती पाणी आणण्याकारिता सोन्याचा घडा घेऊन जात असताना, तो घडा तिच्या हातातून निसटतो व जिन्यावरून आवाज करत जातो. तो आवाज म्हणजेच ठंठं ठठं ठं ठठ ठं ठठंठ।

चित्रकाव्यम् is an image poetry, such poems show the prodigious intellect of the poets as well as arouse amusement and pleasure. ‘रामाभिषेके’ is the best example of समस्यापूर्ती. In समस्यापूर्ती, last चरण is stated but it is often absurd. The poet’s challenge is to create a meaningful poetry /etc.

In this श्लोक, चरण ‘ठठं ठठं ठं ठठ ठ ठठं ठः’ is already given. The poet wisely composes remaining three us to make meaningful श्लोक. The poet composes it as – at the time of राम’s coronation, certain young lady having gold pot in her hand, went to bring water.

While going, the gold pot was fallen from her hands. At that time, the sound that was generated is ठंठं ठठं ठं ठठ ठं ठठं ठः। Thus, he completes the समस्या.

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श्लोक: 7.

1. पूर्णवाक्येन उत्तरत ।

प्रश्न अ.
श्लोके कयोः सम्भाषणं वर्तते?
उत्तरम् :
श्लोके गिरिजासमुद्रसुतयोः सम्भाषणं वर्तते।

प्रश्न आ.
श्लोके निर्दिष्टानि सम्बोधनपदानि लिखत ।
उत्तरम् :
मुग्धे, सखि, आर्ये, कमले एतानि सम्बोधनपदानि श्लोके निर्दिष्टानि।

प्रश्न इ.
विष्णुः भिक्षुरूपेण कुत्र गच्छति ?
उत्तरम् :
विष्णु: भिक्षुरूपेण बले: मखे अस्ति/भवति।

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प्रश्न ई.
विष्णुः कुत्र शेते ?
उत्तरम् :
विष्णुः पन्नगे शेते।

2. समानार्थकं पदं लिखत ।

प्रश्न 1.
समानार्थकं पदं लिखत ।
भिक्षुः, मखः, पशुपतिः, कमला, गिरिजा
उत्तरम् :

  • भिक्षुः – याचकः।
  • मखः – क्रतुः, यज्ञः।
  • पशुपतिः – शङ्करः, शिवः, शम्भुः, ईशः, शूली, महेश्वरः ।
  • कमला – लक्ष्मीः , पद्मालया, पद्मा, श्री: हरिप्रिया।
  • गिरिजा . अपर्णा, पार्वती, दुर्गा, मृडानी, चण्डिका, अम्बिका।

3. श्लोके कानि क्रियापदानि ?

प्रश्न 1.
श्लोके कानि क्रियापदानि
उत्तरम् :
श्लोके अस्ति, शेते, मुञ्च, पातु एतानि क्रियापदानि सन्ति।

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उपक्रम:

1. ‘समस्यापूर्ति’-श्लोकानां सङ्ग्रहं कुरुत । 

प्रश्न अ.
मृगात् सिंहः पलायते ।

प्रश्न आ.
शतचन्द्रं नभस्तलम् ।

2. अन्योक्तिश्लोकानां सङ्ग्रहं कुरुत ।

3. कामपि अन्याम् एका प्रहेलिकां लिखत ।

Sanskrit Amod Class 10 Textbook Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् Additional Important Questions and Answers

अवबोधनम्

(क) पूर्णवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
शीतलवाहिनी का?
उत्तरम् :
गङ्गा शीतलवाहिनी।

प्रश्न 2.
जलदा: काभि: वसुधाम् आर्द्रयन्ति?
उत्तरम् :
जलदाः वृष्टिभि: वसुधाम् आर्द्रयन्ति।

प्रश्न 3.
कः यमराजसहोदरः?
उत्तरम् :
वैद्यराज: यमराजसहोदरः।

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(ग) विभक्त्यन्तरूपाणि।

प्रश्न 1.
श्लोकात् प्रथमान्तपदानि चित्वा लिखत।
उत्तरम् :
कृष्णः, शीतलवाहिनी, गङ्गा, दारपोषणरताः,शीतम्।

प्रश्न 2.
श्लोकात् द्वितीयान्तपदे चित्वा लिखत।
उत्तरम् :
कं, बलवन्तम्।

प्रश्न 3.
श्लोकात् तृतीयाविभक्त्यन्तपदे चित्वा लिखत।
उत्तरम् :
सावधानमनसा, वृष्टिभिः।।

प्रश्न 4.
श्लोकात् सम्बोधनविभक्त्यन्तपदे चित्वा लिखत।
उत्तरम् :
चातक, मित्र।

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प्रश्न 5.
लोकयानवाहक: किं नादयते?
उत्तरम् :
लोकयानवाहक: घण्टां नादयते।

सन्थिविग्रहः

  1. बहवोऽपि – बहवः + अपि।
  2. सर्वेऽपि – सर्वे + अपि।
  3. केचिद् वृष्टिभिरार्द्रयन्ति – केचित् + वृष्टिभिः + आर्द्रयन्ति।
  4. केचिद् वृथा – केचित् + ‘वृथा।
  5. पुरतो मा – पुरतः + मा।
  6. नमस्तुभ्यम् – नमः + तुभ्यम्।
  7. यमस्तु – यमः + तु।
  8. यो जानाति – यः + जानाति।
  9. स पण्डितः – सः + पण्डितः।
  10. भक्तो न – भक्तः + न।
  11. पूजको वा – पूजक:+ वा।
  12. तथापि – तथा + अपि।
  13. निर्धनो वा – निर्धनः + वा।
  14. जलमाहरन्त्या – जलम् + आहरन्त्या।
  15. सृतो हेमघटो युवत्याः – सूतः + हेमघट: + युवत्याः ।
  16. क्वास्ति – क्व + अस्ति।
  17. बलेर्मखे – बले: + मखे।
  18. नास्त्यसौ – न + अस्ति + असौ।
  19. तस्योपरि – तस्य + उपरि।
  20. विषादमाशु – विषादम् + आशु।
  21. नाहम् – न+ अहम्।
  22. चेत्थम् – च + इत्थम्।

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अमरकोषात् योग्यं समानार्थक शब्दं योजयित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
गङ्गा शीतलवाहिनी अस्ति।
उत्तरम् :
विष्णुपदी / जहुतनया / सुरनिम्नगा शीतलवाहिनी अस्ति।

भाषाभ्यास:

(क) समानार्थकशब्दाः

  1. मित्र – वयस्यः, सखा।
  2. अम्भोदः – मेषः, धाराधरः, जलधरः, तडित्वान्, वारिदः, अम्बुभृत, जलदः, वारिवाहः।
  3. बहवः – भूरयः, विपुलाः ।
  4. गगनम् – व्योम, आकाशम् ।
  5. वृष्टिः – पर्जन्यः।
  6. वसुधा – पृथ्वी, धरा, वसुन्धरा।
  7. पुरतः – पुरस्तात्।
  8. गुप्तम् – प्रच्छन्नम् ।
  9. किल – ननु, खलु।
  10. निर्धनः – धनहीनः ।
  11. आशु – सत्वरम्, त्वरितम्।

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(ख) विरुद्धार्थकशब्दाः

  1. शीतम् × उष्णम्।
  2. पुरतः × पृष्ठतः।
  3. बहवः × अल्पाः।
  4. आशु × शनैः शनैः।
  5. पण्डित: × मूढः, मूर्खः ।
  6. निर्धनः × धनिकः ।
  7. चला × स्थिरा।

पृथक्करणम्

(ख) जालरेखाचित्रं पूरयत।

1.
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2.
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 7

3.
Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम् 8

(ग) त्वं स्थाने भवान् / भवती अथवा भवान् / भवती स्थाने त्वं योजयत।

प्रश्न 1.
त्वं प्राणान् धनानि च हरसि।
उत्तरम् :
भवान् प्राणान् धनानि च हरति।

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प्रश्न 2.
त्वं आशु विषादं मुञ्च।
उत्तरम् :
भवान्/भवती आशु विषादं मुञ्चतु।

वचनं परिवर्तयत ।

प्रश्न 1.
भिक्षुः क्व अस्ति? (बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
भिक्षवः क्व सन्ति?

समासा:

समस्तपदम्अर्थसमासविग्रहःसमासनाम
1. गिरिजासमुद्रसुतयोःof गिरिजा and समुद्रसुतागिरिजा च समुद्रसुता च, तयोः।इतरेतर-द्वन्द्वः समासः।
2. दारपोषणरता:engaged in looking after wifeदारपोषणे रताः।सप्तमी-तत्पुरुषः समासः।
3. यमराजसहोदरःbrother of यमयमराजस्य सहोदरः।षष्ठी-तत्पुरुषः समासः।
4. रामाभिषेक:coronation of रामरामस्य अभिषेकः।षष्ठी-तत्पुरुषः समासः।
5. हेमघट:pot of goldहेम्न: घटः।षष्ठी-तत्पुरुषः समासः।
6. पशुपतिःlord of animalsपशूनां पतिः।षष्ठी-तत्पुरुषः समासः।
7. समुद्रसुताdaughter of an oceanसमुद्रस्य सुता।षष्ठी-तत्पुरुषः समासः।
8. पन्नगभूषण:one whose ornament is a snakeपन्नगः भूषणं यस्य सः ।बहुव्रीहिः समासः।
9. अम्भोदा:water givingअम्भः ददति इति।उपपद-तत्पुरुषः समासः।
10. सावधानमनःattentive mindसावधानं मनः।कर्मधारयः समासः।

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

चित्रकाव्यम् Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

संस्कृत भाषा विविध वैशिष्ट्यपूर्ण सुभाषितांनी अलंकृत झाली आहे. “चित्रकाव्यम्’ हे यातीलच एक. ‘बुद्धिविकासकानि सुभाषितानि नाम चित्रकाव्यानि’ याचा अर्थ बुद्धीचा विकास करणारी सुभाषिते म्हणजे चित्रकाव्ये. काही विशिष्ट वृत्तांच्या बांधणीने व नावीन्यपूर्ण काव्यात्मक रचनेद्वारा चमत्कृतीकाव्य तयार करणे हा चित्रकाव्यांचा हेतू आहे. यातून मनोरंजन व आनंदही प्राप्त होतो.

चित्रकाव्यम् हे ‘काल्पनिक काव्य’ आहे. असे काव्य कवीची अफाट बुद्धिमत्ता व त्यांचे भाषेवरील प्रभुत्व दर्शविते. प्रस्तुत ‘चित्रकाव्यम्’ काव्यामध्ये, अन्तरालाप, अन्योक्ति, हास्योक्ति, कर्तृगुप्ता प्रहेलिका, समस्यापूर्ति, वाकोवाक्यम् इ. काव्याच्या विविध प्रकारांचा अंतर्भाव झाला आहे.

Sanskrit language is adorned with curious peculiar सुभाषितs. चित्रकाव्य is one of them. ‘बुद्धिविकासकानि सुभाषितानि नाम चित्रकाव्यानि’ that means, सुभाषितs developing/ provoking the intelligence is चित्रकाव्य, Aim of चित्रकाव्य is to generate a sense of wonder by resorting to unusual management of certain meters and innovative poetic structures. It also arouses amusement and pleasure.

चित्रकाव्य is an image poetry. Such poems show the prodigious intellect of the poets and their command over language. The given foc poetry consists of varied types of poetry such as अन्तरालाप, अन्योक्ति, हास्योक्ति, कर्तृगुप्ता प्रहेलिका, समस्यापूर्ति, वाकोवाक्यम् etc.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

श्लोकः 1

के संजघान कृष्ण का शीतलवाहिनी गङ्गा।
के दारपोषणरता: कं बलवन्तं न बाधते शीतम्।।1।। (अन्तरालाप:)

अनुवादः

कृष्णाने कोणाला मारले? (कंस), शीतल वाहणारी गंगा कोणती आहे? (काशीक्षेत्रात वाहणारी). बायकोचे पोषण करण्यात कोण मग्न असतात? (केदारपोषणरत) कोणत्या बलवानाला थंडी बाधत नाही ? (कंबलवंत-कांबळे धारण करणाऱ्याला) स्पष्टीकरण – हे अन्तरालापाचे उदाहरण आहे.

येथे श्लोकात विचारलेल्या चार प्रश्नांची उत्तरेही तिथेच दडली आहेत. शब्दालंकारावर आधारित असा हा श्लोक आहे. काही अक्षरांना जोडल्यास अथवा विभाजित केल्यास विचारलेल्या प्रश्नांची उत्तरे मिळू शकतात, ज्याप्रमाणे

1. के संजघान’ कृष्ण म्हणजे, कृष्णाने कोणाला ठार मारले? येथे, प्रथम चरणातील पहिली दोन अक्षरे जोडल्यास ‘कंस’ असे योग्य उत्तर मिळते. 2. ‘का शीतलवाहिनी गंगा?’ शीतल वाहणारी गंगा नदी कोणती? दुसऱ्या चरणातील पहिली दोन अक्षरे जोडल्यास काशी म्हणजे काशीक्षेत्र असे उत्तर मिळते. याचा अर्थ, काशी क्षेत्रात वाहणारी गंगा शीतल आहे.

3. बायकोचे पोषण करण्यात कोण मग्न असतात? तिसऱ्या चरणातील पहिली दोन अक्षरे जोडल्यास केदार (शेत) असे उत्तर मिळते. येथे केदारपोषणरत याचा अर्थ शेतकरी असा होतो. 4. कोणत्या बलवानास थंडी बाधत नाही? येथेही, चौथ्या चरणातील तीन अक्षरे जोडल्यास कम्बलवन्त असा शब्द म्हणजेच उत्तर मिळते, त्याचा अर्थ, कांबळे धारण करणाऱ्या बलवानास थंडी वाजत नाही.

Whom did कृष्ण kill? (कंस). Which is cool flowing river गङ्गा? (in काशी). Who is engrossed in looking after the wife?

(केदारपोषणरत – the one who is engrossed in taking care of the field) Which strong man is not affected by the cold? (chade the one who has a means blanket) Explanation – This श्लोक is the example of अन्तरालाप. Here are four different questions along with their answers within. It is based on शब्दालङ्कार.

One can obtain the answer of a given question either by joining or dividing letters. Just as, (1) कसजधानकृष्णmeans, who did कृष्ण kill? The answer ‘कंसं’ is obtained by joining the first two letters. (2) का शीतलवाहिनी गङ्गा? Which is cool river गङ्गा? The answer is flowing in काशी. (3) Who is engrossed in looking after a wife? The answer is केदारपोषणरता.

which means the ones who are engrossed in taking care of the field (4) कंबलवन्तं न बाधते शीतम्? Which strong man is not affected by the cold? The answer is कंबलवन्तं This is obtained by joining the first three letters.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

श्लोक: 2

रे रे चातक सावधानमनसा मित्र क्षणं श्रूयताम्
अम्भोदा बहवोऽपि सन्ति गगने सर्वेऽपि नैतादृशाः।
केचिद् वृष्टिभिरार्द्रयन्ति वसुधां गर्जन्ति केचिद् वृथा .
यं यं पश्यसि तस्य तस्य पुरतो मा ब्रूहि दीनं वचः।।2।। (अन्योक्तिः ) (वृत्तम् – शार्दूलविक्रीडितम्)

अनुवादः

रे रे चातक मित्रा, क्षणभर लक्ष देऊन (सावधानपूर्वक) ऐक, आकाशात असंख्य (पुष्कळ) ढग असतात (परंतु) सगळेच सारखे नसतात. काही ढग पावसाच्या वर्षावांनी पृथ्वी जलमय करतात, तर काही व्यर्थ (विना कारण) गर्जना करतात. (म्हणून) तुला जो जो ढग दिसेल त्याच्यापुढे दीनवाणीने बोलू नकोस.

स्पष्टीकरण – हे ‘अन्योक्ती’ – ‘दुसऱ्याला उद्देशून बोलणे’ या काव्यप्रकारचे उदाहरण आहे. येथे, चातक पक्षी वर्षाकाळाचा अग्रदूत (सूचक) मानला आहे व तो पावसाचे पाणी पिऊन तहान भागवतो असे समजतात. येथे दोन प्रकाराच्या ढगांच्या गुणवैशिष्ट्यांना दर्शवत कवीने त्यांच्यातील फरक स्पष्ट केला आहे. काही ढग केवळ गर्जना करतात, तर काही खरोखरच पाणी देतात.

कवी चातकास केवळ गर्जना करणाऱ्या ढगांकडे पाणी न मागण्याचा सल्ला देतो. कवीला दीनजनांना उद्देशून सांगायचे आहे की सर्वच धनी माणसे उदार नसतात. चातकाला उद्देशून दीन लोकांना सल्ला देणारी ही अन्योक्ती आहे.

O चातक, my friend, please listen carefully for a moment. There are innumerable clouds in the sky but all are not alike. Few humidify the earth by showering rain. (However) Few just roars in vain, (therefore) Do not speak pitiable words in front of whichever cloud you see.

Explanation – This is the example of a poetic form named अन्योक्ति- ‘speech directed to other’. Here, the Ellah bird is a harbinger of monsoon and it is assumed to drink water directly from the cloud.

Some clouds are best givers of water but some mere roar. So, the poet suggests चातक not to ask for water to the roaring clouds. In a way, the poet wants to indicate poor people, not to beg to all people are not generous.

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श्लोक: 3

वैद्यराज नमस्तुभ्यं यमराजसहोदर।
यमस्तु हरति प्राणान् त्वं तु प्राणान् धनानि च ।।3।। (हास्योक्तिः ) (वृत्तम् – अनुष्टुप्)

अनुवादः

हे वैद्यराजा, यमराजाच्या सख्ख्या भावा, तुला नमस्कार असो! यम (केवळ) प्राणच हरतो, पण तू प्राण व धनही दोन्ही हरतोस. स्पष्टीकरण – हा श्लोक हास्योक्तीचे उदाहरण असून, येथे अपरिपक्व आणि लोभी वैद्याची निंदा विनोदी पद्धतीने केली आहे.

O great doctor, salutation to you as a real brother of यमराज while यमराज takes away only the life (of people) but you fetch both life as well as wealth. Explanation – This is an example of a satire about an incompetent and a greedy doctor, in a humorous way.

श्लोकः 4

राक्षसेभ्य: सुतां हत्वा जनकस्य पुरीं ययौ।
अत्र कर्तृपदं गुप्तं यो जानाति स पण्डितः।।4।। (कर्तृगुप्ता प्रहेलिका) (वृत्तम् – अनुष्टुप)

अनुवादः

(कोणी एक जण) राक्षसांकडून कन्येचे हरण करून जनकाच्या नगरीस गेला किंवा (कोणी एक जण ) जनकाच्या मुलीचे हरण करून नगरीस गेला. येथे कर्ता गुप्त आहे. जो जाणतो तो खरा विद्वान.

स्पष्टीकरण – वरील श्लोक हा चित्रकाव्याचा वेगळा प्रकार आहे. ही कर्तृगुप्त- प्रहेलिका आहे. येथे ‘राक्षसेभ्यः’ या शब्दात कर्ता गुप्त आहे. या शब्दाचे दोन भाग केले असता, राक्षस व इभ्यः असे दोन शब्द मिळतात.

‘इभ्यः’ चा अर्थ राजा असा होतो. याचाच अर्थ राक्षसांचा राजा. राक्षसानाम् इभ्यः म्हणजे रावण. या रीतीने, एक अर्थपूर्ण वाक्य तयार होते. राक्षसांचा राजा रावण जनकाच्या कन्येचे हरण करून नगरीस गेला.

(Someone) had gone to He’s city abducting the daughter from the demons or (Someone) had gone to the city abducting जनक’s daughter. The subject (कर्तृपदम्) is hidden here. The one who knows is the scholar.

Explanation – The above ce is a different kind of चित्रकाव्य. It is कर्तृगुप्त-प्रहेलिका, The subject is hidden in the word राक्षसेभ्यः, If we split the word, we get two words राक्षस and इभ्यः. इभ्यः means ‘aking’. It means राक्षसानाम् इभ्य: a king of demons that is रावण. Thus, we get a meaningful sentence, ‘A king of demons’, रावण abducting जनक’s daughter (सीता), had gone to the city.

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

श्लोक: 5

अयं न भक्तो न च पूजको वा
घण्टां स्वयं नादयते तथापि।
धनं जनेभ्यः किल याचतेऽयं
न याचको वा न च निर्धनो वा।।5।। (प्रहेलिका) (वृत्तम् – उपजाति:)

अनुवादः

हा भक्त नाही व पूजकहीं नाही तरीही स्वत:हून घंटा वाजवितो. खरोखर याचक व धनहीन नसतानाही. हा लोकांकडून पैसे घेतो. (तर मग सांगा कोण बरे आहे हा?)

स्पष्टीकरण – श्री सदाशिव त्र्यंबक रहातेकर लिखित हा श्लोक काव्यप्रवाह या काव्यसंग्रहातून घेण्यात आला आहे. हे अपहनुति अलंकाराचे उदाहरण आहे. या श्लोकाचे उत्तर ‘क:हवानयाकलो’ असे आहे. उलट दिशेने वाचले असता आपल्याला योग्य उत्तर मिळते ते असे, लोकयानवाहक:- याचा अर्थ बस-कंडक्टर अथवा बस-वाहक,

This is neither the devotee nor a worshipper. Yet rings the bell on its own. Indeed this one asks for money from people, but is not beggar or poor. (Then who is this?) Explanation – This श्लोक is taken from काव्यप्रवाह, composed by श्री सदाशिव त्र्यंबक रहातेकर, It is the example ofअपहनुति अलङ्कार.

The answer to this श्लोक is’क:हवानयाकलो,’ reading it in the inverse order, one gets the correct answer that is, लोकयानवाहकः means a bus-conductor because we hear a bell-sound in a bus, though it is not necessarily done by any devotee or a worshipper.)

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

श्लोकः 6

रामाभिषेके जलमाहरन्त्या हस्तात् मृतो हेमघटो युवत्याः।
सोपानमार्गेण करोति शब्दं ठंठं ठठं ठं ठठठं ठठं ठः।।6।। (समस्यापूर्तिः) (वृत्तम् – इन्द्रवज्रा)

अनुवादः

रामाच्या राज्याभिषेकासमयी युवतीच्या हतातून पाण्याने भरलेला सोन्याचा घडा निसटला, तो जिन्यावरुन आवाज करत गेला. ठंठ ठठं ठं ठठठं ठठं ठः.

At the time of राम’s coronation, the golden pot filled with water was skipped from the hands of a young lady. It made the voice from the stairs ठंठं ठठं ठंठठठं ठठंठ:.

श्लोक : 7

भिक्षुः क्वास्ति बलेर्मखे पशुपति: किं नास्त्यसौ गोकुले
मुग्धे पन्नगभूषण: सखि सदा शेते च तस्योपरि।
आर्ये मुज्ञ विषादमाशु कमले नाहं प्रकृत्या चला
चेत्यं वै गिरिजासमुद्रसुतयोः सम्भाषणं पातु वः।।7।। (वाकोवाक्यम्) (वृत्तम् – शार्दूलविक्रीडितम्)

अनुवादः

(लक्ष्मी विचारते) तो भिक्षुक कोठे आहे ? (पार्वती उत्तर देते) बळीच्या यज्ञात. पशूपती कोठे आहेत? ते गोकुळात नाहीत का? प्रिये, ज्याचा अलंकारच साप आहे तो कोठे आहे? सखि, तो त्यावरच नेहमी निद्रासुख घेतो.

आर्ये, दु:ख (विष खाणाऱ्याला) सोडून दे. अगं लक्ष्मी, मी तुझ्यासारखी चंचल नाही. अशा रितीने पार्वती (पर्वताची कन्या) व लक्ष्मी (समुद्राची कन्या) यातील हे संभाषण आपले रक्षण करो.

(वरील संवादात, लक्ष्मी पार्वतीला विचित्र विशेषणांचा प्रयोग करून शंकराबद्दल विचारते. याला चोख प्रत्युतर देण्याच्या हेतूने, पार्वती देखील तीच विशेषणे विष्णूकरिता वापरून तिचे चातुर्य दर्शविते.)

Where is the mendicant? He is in the sacrifice performed by बलि. Where is the lord of animals? Is he not in Gokul? O dear one where is the one whose ornament is a snake? O friend, he sleeps on the same always.

O noble one, leave disappointment (the one who consumes poison) at once! O Laxmi I am not fickle minded like you. In this way, this conversation between पार्वती (daughter of mountain) and लक्ष्मी (daughter of an ocean) may protect us.

(In the above dialogue, लक्ष्मी asks about lord शंकर by using strange adjectives. Witty पार्वती reverts to लक्ष्मी using the same adjectives intended for लक्ष्मी’s husband i.e. Lord विष्णु.)

Maharashtra Board Class 10 Sanskrit Amod Solutions Chapter 13 चित्रकाव्यम्

शब्दार्थाः

  1. संजधान – had killed – मारले
  2. कंसं जघान – had killed – कंसाला मारले
  3. शीतलवाहिनी – cool flowing – थंड वाहणारी
  4. दारपोषणरताः – engrossed in – बायकोचे पोषण
  5. nurturing wife – करण्यात मग्न
  6. केदार – field – शेत
  7. कं बलवन्तम् – to which strong man – कोणत्या बलवान माणसाला
  8. न बाधते – does not affect – बाधत नाही
  9. कंबलवन्तम् – one who has a blanket – ज्याच्याकडे कांबळे आहे त्याला
  10. चातक – a bird named चातक – चातक पक्षी
  11. सावधानमनसा – with attentive mind – सावधानपूर्वक
  12. श्रूयताम् – may listen – कृपया ऐकावे
  13. अम्भोदा: – clouds – ढग
  14. वृष्टिभिः – by rain shower – पावसाच्या वर्षावाने
  15. आर्द्रयन्ति – humidify – जलमय करतात
  16. वृथा गन्ति – roar in vain – व्यर्थ गर्जना करतात
  17. तस्य पुरतः – in front of him – त्याच्या समोर
  18. मा ब्रूहि – do not speak – बोलू नकोस
  19. दीनं वचः – pitiable words – दीनवाणी
  20. यमराजसहोदर – Othe real brother of यमराज – यमराजाच्या हे सख्ख्या भावा
  21. वैद्यराज – O great doctor – वैद्यराज
  22. सुता – daughter – कन्या
  23. पूरी – city – नगरी
  24. ययो – had gone – गेला
  25. स्वयं नादयते – makes sound on its own – स्वतःहून वाजवते
  26. किल – indeed – खरोखर
  27. याचकः – beggar – याचक
  28. निर्धनः – poor – धनहीन
  29. रामाभिषेके – at the time of – रामाच्या
  30. राम’s coronation – राज्याभिषेकासमयी
  31. आहरन्त्या – taking – घेऊन जाणाऱ्या
  32. सूतः – escaped/skipped – निसटलेला
  33. हेमघट: – golden pot – सोन्याचा घडा
  34. युवत्याः – from a young lady – तरुणीकडून
  35. सोपानमार्गेण – from stairs – जिन्यावरून
  36. क्व – where – कुठे
  37. बलेमखे – in the sacrifice of बली – बळीच्या यज्ञात
  38. पशुपतिः – lord of animals – शंकर
  39. पनगभूषण: – whose ornament – ज्याचा अलंकार
  40. is a snake – सर्प आहे तो
  41. शेते – sleeps – झोपलेला आहे
  42. मुञ्च विषादम् – leave the disappointment – दु:ख सोडून दे
  43. कमले – o goddess Laxmi – लक्ष्मी
  44. गिरिजा – Goddess Parvati – पार्वती
  45. समुद्रसुता – daughter of an ocean – समुद्राची कन्या
  46. पातु वः – may protect us – आपले संरक्षण करो

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

Balbharti Maharashtra State Board Class 7 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 5.1 दादास पत्र Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

Marathi Sulabhbharti Class 7 Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र Textbook Questions and Answers

1. खालील प्रश्नांची एक-दोन वाक्यांत उत्तरे लिहा.

प्रश्न अ.
विदयार्थ्यांनी अभयारण्यात सहलीला जाण्याचा हट्ट का धरला?
उत्तर:
जानेवारी महिन्यात विज्ञान केंद्रातर्फे शाळेत पक्ष्यांसंबंधीची चित्रफीत दाखवली होती. ती पाहून विद्यार्थ्यांनी अभयारण्यात सहलीला जाण्याचा हट्ट धरला.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

प्रश्न आ.
अभयारण्यातून फिरताना सरांनी विद्यार्थ्यांना माळढोक पक्ष्याबद्दल काय सांगितले?
उत्तर:
अभयारण्यातून फिरत असताना सरांनी विद्यार्थ्यांना सांगितले की, ‘भारतातून नष्ट होण्याच्या मार्गावर असलेल्या माळढोक या अत्यंत देखण्या पक्ष्याला वाचवण्यासाठी वनविभागानं हे अभयारण्य घोषित केललं आहे.’

चर्चा करा. सांगा.

  • पक्षी हा संतुलित पर्यावरणाचा अविभाज्य घटक आहे, याविषयी पालकांसोबत चर्चा करा.
  • पक्ष्यांची संख्या वाढवण्यासाठी तुम्ही काय करू शकता, याविषयी मित्रांसोबत चर्चा करून यादी तयार करा.

माहिती मिळवूया.

माहिती घेण्यासाठी किंवा देण्यासाठी अनेक साधने वापरली जातात. खाली माहिती देवाणघेवाण करण्याची/संवादाची काही साधने दिली आहेत. त्यांतील काही साधने एकतर्फी व काही साधने दुतर्फी माहितीची/संवादाची देवाणघेवाण करतात. त्यांची माहिती मिळवा व दिलेल्या तक्त्यात वर्गीकरण करा.
फॅक्स, पत्र, ई-मेल, मोबाइल, आंतरजाल, रेडिओ, वर्तमानपत्र, मोबाइल संदेश, चर्चा, मुलाखत, जाहिरात, भाषण, संभाषण.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 1

उपक्रम:
तुम्ही भेट दिलेल्या एखादया पर्यटनस्थळाचे वर्णन करणारे पत्र मित्राला/मैत्रिणीला लिहा.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

शब्दकोडे सोडवूया.

खालील चौकोनांतील अक्षरांमध्ये क्रियाविशेषण अव्यये लपलेली आहेत. उभ्या,आडव्यावतिरप्या पद्धतीने अक्षरे घेऊन क्रियाविशेषण अव्यये बनवावदिलेल्या जागेत लिहा.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 2

प्रश्न 1.
खालील चौकोनांतील अक्षरांमध्ये क्रियाविशेषण अव्यये लपलेली आहेत. उभ्या,आडव्यावतिरप्या पद्धतीने अक्षरे घेऊन क्रियाविशेषण अव्यये बनवावदिलेल्या जागेत लिहा.
Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 2
उत्तर:
हळू, काही, आज, तिकडे, थोडासा, मोजके, तसा, वर, जरा, खाली, अनेक, तर.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

Marathi Sulabhbharti Class 7 Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र Important Additional Questions and Answers

एक किंवा दोन शब्दांत उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.

  1. दादाला पत्र लिहणारी – …………………….
  2. सहल कुठे गेली होती? …………………….
  3. भारतात नष्ट होण्याच्या मार्गावर असलेला पक्षी – …………………….
  4. माळढोक पक्षी कोणाचा मित्र आहे? …………………….
  5. माळढोक पक्षी वर्षातून किती वेळा अंडी घालतो? …………………….
  6. माळढोक पक्ष्यांबरोबर पाहिलेले पक्षी – …………………….
  7. पक्ष्यांचे फोटो काढण्यापूर्वी कोणाची पूर्वपरवानगी घ्यावी लागते – …………………….
  8. संतुलित’ पर्यावरणाचा अविभाज्य घटक कोणाला म्हटले आहे – …………………….
  9. अभयारण्यातून फिरताना बहिणीला कोणाची खूप आठवण आली? …………………….

उत्तरः

  1. आयेशा
  2. माळढोक अभयारण्यात
  3. माळढोक
  4. शेतकऱ्याचा
  5. वर्षातून एकदाच
  6. चंडोल, माळटिटवी
  7. वनखात्याची
  8. पक्ष्यांना
  9. दादाची

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

शब्दसमूहाबद्दल एक शब्द लिहा.

प्रश्न 1.

  1. खूप जण मिळून एकत्र फिरायला जाणे
  2. पडक्यावर एकामागोमाग एक दाखविलेले चित्र
  3. पशू-पक्षी सुरक्षिततेसाठी असलेली जागा
  4. फोटो काढण्यासाठी वापरण्यात येणारे साधन
  5. मनातील भावनांना, विचारांना लेखी उद्गार देणारे साधन

उत्तरः

  1. सहल
  2. चित्रफीत
  3. अभयारण्य
  4. कॅमेरा
  5. पत्र

खालील प्रश्नांची एक-दोन वाक्यांत उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
‘माळढोक पक्ष्याला शेतकऱ्याचा मित्र असे का म्हटले आहे?
उत्तर:
माळढोक पक्ष्याला शेतकऱ्याचा मित्र असे म्हटले आहे, कारण शेतातील किड्यांवर तो गुजराण करतो. त्यामुळे शेतातील किडे कमी होऊन पिकांचे त्यांपासून रक्षण होते.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

प्रश्न 2.
माळढोक पक्ष्यांची संख्या कमी का होत आहे?
उत्तर:
माळढोक पक्षी वर्षातून एकदाच अंडी घालतो. शिवाय त्यांची अंडी जमिनीवर असल्याने इतर प्राणी ती तुडवून जातात, त्यामुळे माळढोक पक्ष्यांची संख्या कमी होत आहे.

प्रश्न 3.
सरांनी पक्ष्यांबद्दल सांगितलेली कोणती गोष्ट मुलांना पटली?
उत्तर:
सरांनी पक्ष्यांबद्दल सांगितले की, “पक्षी हा संतुलित पर्यावरणाचा अविभाज्य घटक आहे. प्रदूषण टाळण्यात, ङ्केवियांचं वाहन करण्यात त्यांची प्रमुख भूमिका असते.’

प्रश्न 4.
अभयारण्यातून फिरताना बहिणीला सर्वांत जास्त कोणाची आठवण आली व का?
उत्तर:
अभयारण्यातून फिरताना बहिणीला सर्वांत जास्त दादाची आठवण आली कारण दादालाही पक्षी खूप आवडत.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
माळढोक अभयारण्यात पाहिलेले पक्षी
उत्तर:
Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 3

प्रश्न 2.
पक्ष्यांची या गोष्टीत प्रमुख भूमिका असते
उत्तरः
Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 4

पुढील उतारा वाचून सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा..
उत्तरः
Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 5

प्रश्न 2.
रिकाम्या जागा भरा.
1. माळढोक पक्ष्यांबरोबरच आम्ही चंडोल, …………… तसेच इतर पक्षीही पाहिले.
2. पक्ष्यांचे फोटो काढण्यापूर्वी ………… पूर्वपरवानगी घ्यावी.
उत्तर:
1. माळटिटवी
2. वनखात्याची

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
उत्तरे लिहा.
1. भारतातून नष्ट होण्याच्या मार्गावर असलेला पक्षी – [ ]
2. माळढोक पक्ष्यांबरोबरच पाहिलेले इतर पक्षी – [ ]
उत्तर:
1. माळढोक
2. चंडोल, माळटिटवी

प्रश्न 2.
खालील प्रश्नांची एका वाक्यांत उत्तरे लिहा.

प्रश्न i.
माळढोक अभयारण्य कोणत्या मार्गावर वसले आहे?
उत्तर:
माळढोक अभयारण्य सोलापूर-बार्शी मार्गावर वसले आहे

प्रश्न ii.
माळढोक पक्ष्यांची संख्या कमी कधी होते?
उत्तर:
इतर प्राण्यांनी माळढोक पक्ष्यांची अंडी तुडवल्यास माळढोक पक्ष्यांची संख्या कमी होते.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिहा.
(i) सुंदर (ii) खग (iii) जंगल (iv) सखा
उत्तर:
(i) देखणी (ii) पक्षी (iii) वन (iv) मित्र

प्रश्न 2.
वचन बदला.
(i) वन (ii) गाव (iii) किडे (iv) पक्षी
उत्तर:
(i) वने (ii) गावे (iii) किडा (iv) पक्षी

प्रश्न 3.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार लिहा.

प्रश्न i.
सहलिच्या दिवसी आम्ही पहाटेच निघालो.
उत्तर:
सहलीच्या दिवशी आम्ही पहाटेच निघालो.

प्रश्न ii.
माळढोक पक्षी शेतकरयाचा मीत्र आहे.
उत्तर:
माळढोक पक्षी शेतकऱ्याचा मित्र आहे.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
पक्षी हा संतुलित पर्यावरणाचा अविभाज्य घटक आहे, याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तर:
निसर्ग हा सजीव व निर्जीव घटकांनी बनला आहे. यातील ङ्केप्रत्येक पटकांचा आकार, रंग, गुण हे वैशिष्टयपूर्ण असतात. पक्षीसुद्धा निसर्गाच्या या अविभाज्य घटकांपैकीच एक आहेत. निसर्गाच्या अन्नसाखळीत ते कुणाचे तरी भक्ष्य बनत असतात तर कुणाचे तरी ते भक्षक बनत असतात. अन्नसाखळीतील त्यांच्या या भूमिकेमुळे पर्यावरणाचा समतोल साधला जातो.

प्रश्न 2.
पक्ष्यांची संख्या वाढण्यासाठी तुम्ही काय करू शकता, याबद्दलची तुमची भूमिका स्पष्ट करा.
उत्तर:
आजकाल निसर्गातील अनपेक्षित व अनिष्ट बदलांचा परिणाम प्राणीजीवनाबरोबरच पक्ष्यांवरही होताना दिसतो. दिवसेंदिवस वाढणारी उष्णता व त्याच वेगाने निर्माण होणारी पाण्याची कमतरता यांमुळे पक्षांचे जीवन संकटात सापडले आहे. त्यांच्या वेगवेगळ्या प्रजातींची संख्या वाढवण्यासाठी शासकीय पातळीवर पक्षी अभयारण्ये उभारण्यासाठी जनजागृती मोहीम हाती घेऊ, तसेच मनुष्यवस्ती असलेल्या भागांत त्यांच्या दाणापाण्याची व्यवस्था करू.

त्याचबरोबर पक्ष्यांचे जीवन सुसहर होण्यासाठी वृक्षलागवडीसारखे उपक्रम हाती घेऊ. एवढेच नाही तर ज्या प्रजाती नष्ट होण्याच्या मार्गावर आहेत अशा प्रजातींचे रक्षण करण्यासाठी शासकीय स्तरावर त्यांच्या शिकारीस व हत्येस प्रतिबंध करू.

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व्याकरण व भाषाभ्यास

खालील शब्दांचे विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 6
उत्तरः

  1. मित्र × शत्रू
  2. संतुलित × असंतुलित
  3. काल × आज
  4. देखणा × कुरूप

प्रश्न 2.
खालील वाक्यांतील नाम, सर्वनाम, विशेषण, क्रियापद ओळखा.
1. इतका देखणा पक्षी मी यापूर्वी कधीही बघितला नव्हता.
2. अभयारण्यातून फिरताना मला तुझी खूप आठवण आली
उत्तर:

नामसर्वनामविशेषणक्रियापद
1.  पक्षीमीदेखणानव्हता
2. अभयारण्यमला, तुझीखूपआली

प्रश्न 3.
खालील वाक्प्रचारांचा वाक्यात उपयोग करा.
उत्तर:
1. घोषित करणे – क्रिकेटच्या संघाचा संघप्रमुख म्हणून माझे नाव घोषित करण्यात आले.
2. निरखून बघणे – मी झाडावरील पक्ष्याला त्याचे घरटे बांधताना निरखून बघत होतो.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

शब्दकोडे सोडवूया.

खालील चौकोनांतील अक्षरांमध्ये क्रियाविशेषण अव्यये लपलेली आहेत. उभ्या,आडव्यावतिरप्या पद्धतीने अक्षरे घेऊन क्रियाविशेषण अव्यये बनवावदिलेल्या जागेत लिहा.

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र 7
उत्तरः
एकदा, मजेशीर, तेथून, लगबगीने, मुळीच, तसाच, जरा, मागे, आता, पुढे.

खालील वाक्ये शुद्ध करून लिहा.

प्रश्न 1.
दादा, आम्ही हा माळढोक पक्षी जवळुन नीरखून बघीतला.
उत्तर:
दादा आम्ही ह्य माळढोक पक्षी जवळून निरखून बघितला.
उदा.

  1. जाता-येता
  2. चार-पाच
  3. कधी-कधी

खालील वाक्यांत संयोग चिन्हाचा वापर करा. उदा.

प्रश्न 1.
कोणतीही गोष्ट कष्टाशिवाय साध्य होत नाही. विदयार्थांनी देखील अभ्यास करताना या कष्टाचा पाठपुरावा’ करावा रोज दोन तीन तास वाचन करावे.
उत्तरः
कोणतीही गोष्ट कष्टाशिवाय साध्य होत नाही. विदयार्थ्यां नी देखील अभ्यास करताना या कष्टाचा पाठपुरावा करावा. रोज दोन-तीन तास वाचन करावे.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

लेखन विभाग

प्रश्न 1.
माहिती घेण्यासाठी किंवा देण्यासाठी अनेक साधने वापरली जातात. खाली माहिती देवाणघेवाण करण्याची । संवादाची काही साधने दिली आहेत. त्यातील काही साधने एकतर्फी व काही साधने दुतर्फी माहितीची / संवादाची देवाणघेवाण करतात, त्यांची माहिती मिळवा व दिलेल्या तक्त्यात वर्गीकरण करा.
फॅक्स, पत्र, ई-मेल, मोबाइल, आंतरजाल, रेडिओ, वर्तमानपत्र, मोबाइल संदेश, चर्चा, मुलाखत, जाहिरात, भाषण, संभाषण.
उत्तर:

एकतर्फी माहीतीची/ संवादाची साधनेदुतर्फी माहितीची संवादाची साधने
फॅक्स, पत्र, आंतरजाल, रेडिओ, वर्तमानपत्र, जाहिरात, भाषणई-मेल, मोबाइल, मोबाइल संदेश, चर्चा, मुलाखत, संभाषण

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

प्रश्न 2.
चर्चा करा, सांगा व लिहा.
उत्तर:
पक्षी हा संतुलित पर्यावरणाचा अविभाज्य घटक आहे, या विषयी पालकांसोबत चर्चा करा.

  • आई : राधिका त्या चिमणीसाठी भांड्यात थोडे पाणी ठेव पाहू.
  • राधिका : मी नाही.
  • आई : राधिका या उन्हाळ्याच्या दिवसात माणसांप्रमाणे पक्ष्यांनाही खूप तहान लागते.
  • राधिका : मला का सांगते? ती का माझी मैत्रिण आहे?
  • आई : राधिका, पक्षी हे आपल्यासाठी खूप महत्त्वाचे असतात.
  • राधिका : सांग पाहू कसे ते?
  • आई : पक्षी आपण टाकून दिलेल्या फळांच्या बिया खातात, व त्यांच्या विष्ठेतून त्या बाहेर पडतात. त्यातूनच काही बिया रूजतात व झाडे उगवतात.
  • राधिका : खरचं आई?
  • आई : होय! जंगलात झाडे लावायला आपण जातो का?
  • राधिका : नाही?
  • आई : ती सर्व झाडे पक्ष्यांमुळेच उगवतात. आपल्या आजूबाजूला जी बडा-पिंपळाची झाडे दिसतात ना, ती ही तशाच प्रकारे उगवली आहेत.
  • राधिका : आई, तू म्हणतेस ते अगदी बरोबर आहे. अजून पक्षी कोणते काम करतात?
  • आई : पक्षी मेलेले उंदीर किंवा इतर नको असलेला कचरा किंवा छोट्या किटकांना खातात. त्यामुळे आपला परिसर स्वच्छ राहतो व पर्यावरण संतुलित राहायला मदत होते.
  • राधिका : आई मी माझ्या मित्रमैत्रिणींना सुद्धा पक्ष्यांची काळजी घ्यायला सांगेन.

प्रश्न 3.
पक्ष्यांची संख्या वाढवण्यासाठी तुम्ही काय करू शकता, या विषयी मित्रांसोबत चर्चा करून यादी तयार करा.
उत्तर:
सुवर्णा : अरे राज, तू चिमणी पाहिली आहेस का?
राज : दोन-तीन वर्षांपूर्वी मी एक चिमणी पाहिली होती, पण हल्ली चिमण्या कुठेच दिसत नाहीत.
सुवर्णा : याचे काय कारण आहे हे तुला माहीत आहे का?
राज : नाही
सुवर्णा : थांब मी तुला सांगते. आपल्या सर्व मित्र मैत्रिणींना पण तू बोलव! (सर्व मित्र मैत्रिणी एकत्र येतात.) आपल्याला सर्वांना पक्ष्यांची संख्या वाढविण्यासाठी काय करता येईल. यावर चर्चा करावयाची आहे. तर मग सांगा पाहू. (एकेक जण सांगू लागतात.) (1) आपण सर्वांत प्रथम झाडांची संख्या वाढवली पाहिजे. (2) पक्ष्यांसाठी पाण्याची सोय केली पाहिजे. (3) त्यांची घरटी सुरक्षित राहतील याकडे लक्ष दिले पाहिजे. (4) काहीजण पक्ष्यांची अंडी दुष्टपणे फोडून टाकतात ती वाचवली पाहिजेत.

(5) पक्ष्यांसाठी कृत्रिम घरे तयार करायला पाहिजेत. (6) पक्षी ओल्या कचऱ्याबरोबर कधीतरी प्लॅस्टिक पण खातात. यासाठी ओला व सुका कचरा वेगळा केला पाहिजे. (7) पक्षी झाडांकडे आकर्षित होतील अशा हिरव्यागार झाडांची संख्या वाढविली पाहिजे. (8) पक्ष्याना त्रास होणार नाही यासाठी मोठमोठ्या ध्वनिक्षेपकांचा आवाज टाळला पाहिजे. (9) फटाके उडविताना त्यांचा मोठा आवाज होतो त्यामुळे पक्षी घाबरतात, यासाठी आवाजविरहीत फटाके वाजविले पाहिजेत. (10) पक्ष्यांसाठी अन्नधान्य शेतात व इतर ठिकाणी राखून ठेवले पाहिजे.

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प्रश्न 4.
तुम्ही भेट दिलेल्या एखाद्या पर्यटन स्थळाचे वर्णन करणारे पत्र मित्राला : मैत्रिणीला लिहा.
उत्तर:
॥श्री ।।

अ.ब. क.
सुयश अपार्टमेंट,
गांधी मार्ग, मधली आळी,
पनवेल 400805
दि.10 जुन 2018

प्रिय मित्र सुनिल यास,
सप्रेम नमस्कार तुझे पत्र मिळाले. यावेळी मे महिन्यात आई बाबांबरोबर मी महाबळेश्वरला गेलो होतो. त्यामुळे तुला पत्र लिहू शकलो नाही.

महाबळेश्वर हे उत्तम पर्यटन स्थळ आहे. अरे तिथले वातावरण तर खूपच सुंदर आहे. आम्ही तिचे सनसेट पॉईंटला गेलो होतो. तिथे इतका जोराचा वारा येतो की मला क्षणभर वाटले की मी ही वाऱ्याबरोबर उडून जातो की काय?

तसेच तेथे घोड्यावर रपेटही मारली. बोटींग केले. शेतातून काढलेली ताजी टवटवीत स्ट्रॉबेरीही आम्हांला खायला मिळाली.

तेथील बाजारात किती तरी हस्तकौशल्याच्या वस्तूही बघायला मिळाल्या. तेथील निसर्गरम्य वातावरणातून परत येण्याची इच्छाच होत नव्हती; पण काय करणार यावेच लागले. माझा अभ्यास व्यवस्थित सुरू आहे. तुझी खुशाली वरचेवर कळव.

तूबै एकदा महाबळेश्वरला जाऊन ये. तुझ्या आई बाबांना माझा शि. सा. नमस्कार. बाकी सर्व ठीक आहे.

तुझा मित्र.
अ. ब. क.

दादास पत्र Summary in Marathi

पाठ परिचय :

पत्र हे दोन व्यक्ती/संस्था यांच्यामधील वैचारिक, भावनिक देवाणघेवाण, संबंध आणि संवाद प्रस्थापित करणारे प्रभावी माध्यम आहे. मनातील भावनांना, विचारांना वाट करून देणारे ते साधन. संगणकाच्या व मोबाइलच्या जगात पत्र लिहिणे माणसे विसरूनच गेली आहेत. ‘दादास पत्र’ या पाठात बहिणीने आपल्या भावाला पत्राद्वारे सहलीला केलेल्या गमती व खुशाली कळविली आहे.

A letter is a strong medium of communication between two people or institutions to share ideologies, emotions, relationships and dialogues. It gives way to express one’s emotions or thoughts. In the world of computers and mobiles, people have forgotten to write letters. In ‘Dadas Patra’, a sister has written about her cherished memories of a picnic to her brother through a letter.

Maharashtra Board Class 7 Marathi Solutions Chapter 5.1 दादास पत्र

शब्दार्थ :

  1. सहल – पर्यटन, फेरफटका – a picnic
  2. चित्रफीत – सिनेमा – acinema/film
  3. हट्ट – कळकळीची विनवणी – insistence
  4. देखण्या – मोहक, सुंदर – charming
  5. तुडवणे – पायाखाली चिरडणे – to crush under feet
  6. पूर्व परवानगी – आगाऊ अनुमती, – prior permission
  7. संमती संतुलित – समतोल – balance
  8. पर्यावरण – अवतीभवतीची सजीव-निर्जीव सृष्टी – environment
  9. प्रदूषण – अशुद्धता – pollution
  10. पटणे – खात्री होणे – to be convinced
  11. अविस्मरणीय – न विसरण्यासारखे – unforgettable
  12. खुशाली – निरोगी व सुखी स्थिती – health and happiness
  13. संतुलित – संतुलन राखलेले (Balanced)
  14. अविभाज्य – विभागले न जाणारे (Integral)
  15. वनविभाग (वनखाते) – अरण्यांची देखभाल करणारे खाते (forest department)
  16. वहन – वाहून नेण्याची क्रिया (carrying)
  17. पाठपुरवठा करणे – सतत मागे रहाणे/लागणे (persuance)
  18. एकतर्फी – एका बाजूने (one way)
  19. दुतर्फी – दोन्ही बाजूने (both way)
  20. ध्वनिक्षेपक – speakers

वाक्प्रचार :

  1. नष्ट होणे – नाहीसा होणे
  2. घोषित करणे – जाहीर करणे
  3. गुजराण करणे – निर्वाह करणे
  4. निरखून पाहणे – बारकाईने निरीक्षण करणे

टिपा :

  • चंडोल पक्षी – चिमणीसारखा दिसणारा हा पक्षी फार सुंदर गातो. त्यांची पिसे तपकिरी, राखाडी, वाळूसारखी काळी व पांढरी अशा विविध रंगाची असतात. मोकळ्या मैदानात व चराऊ गवताळ प्रदेशात त्यांचे वास्तव्य आढळते.
  • माळटिटवी पक्षी – तितराइतका आकार असणाऱ्या या पक्ष्याचे पाय लांब तर पोट पांढरे व डोळे काळे असते. यास पिवळ्या गाठीची टिटवी असे म्हणतात. पडीक शेतीचा प्रदेश व धान्याची कापलेली शेते याठिकाणी हे पक्षी वास्तव्य करतात.
  • माळढोक अभयारण्य – ‘जवाहरलाल नेहरू माळढोक अभयारण्य’ या नावाने ओळखल्या जाणाऱ्या या अभयारण्याची स्थापना सन 1979 मध्ये झाली. हे महाराष्ट्रातील आकारमानाने सर्वात मोठे अभयारण्य आहे. सोलापूर व नगर जिल्ह्यातील मोठ्या भूभागावर हे वसलेले आहे. याचे क्षेत्रफळ 8496 चौ.कि.मी. इतके आहे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 5 व्यायामाचे महत्त Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त(कविता)

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 5 व्यायामाचे महत्त Textbook Questions and Answers

1. व्यायामाचे फायदे दर्शवणारा आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
व्यायामाचे फायदे दर्शवणारा आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 2

2. चूक की बरोबर ते लिहा.

प्रश्न 1.
चूक की बरोबर ते लिहा.
(अ) व्यायाम सर्वांकरता उपयुक्त असतो.
(आ) व्यायामाने जडत्व वाढते.
(इ) व्यायामाने स्नायू अशक्त होतात.
(ई) व्यायामाने प्रतिकारशक्ती वाढते.
उत्तर:
(अ) बरोबर
(आ) चूक
(इ) चूक
(ई) बरोबर

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

3. शब्दसमूहांबद्दल एक शब्द चौकटीत लिहा.

प्रश्न 1.
शब्दसमूहांबद्दल एक शब्द चौकटीत लिहा.
(अ) आरोग्य देणारी –
(आ) विरोध करण्याची क्षमता असलेली शक्ती –
(इ) स्वत:ची कामे स्वत:करणारा –
(ई) एका अंगाने केलेला विचार –
उत्तर:
(अ) आरोग्यदायी
(आ) प्रतिकारशक्ती
(इ) स्वावलंबी
(ई) एकांगी

4. व्यायाम न करण्याचे तोटे लिहून आकृती पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
व्यायाम न करण्याचे तोटे लिहून आकृती पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 4

5. भावार्थाधारित

प्रश्न (अ)
व्यायामाचे महत्त्व तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
मानवी जीवनात व्यायामाचे अनन्यसाधारण महत्त्व आहे. व्यायामाचे महत्त्व संपूर्ण जगाने मान्य केले आहे. व्यायामामुळे शरीरातील आळस, कंटाळा दूर होतो. शरीरामध्ये तरतरी, उत्साह येतो. व्यायामामुळे अन्नपचन सहजपणे होते. शरीरात स्थूलपणा वाढत नाही. रक्तव्यवस्था सुरळीत होते. शरीरातील स्नायू बळकट मजबूत होऊन आपले आयुष्य वाढते. शिवाय शरीरातील पित्त, कफ, वायू यांचे प्रमाण संतुलित राहण्यास मदत होते. त्यामुळे शरीराची प्रतिकारशक्ती वाढते आणि काम करण्याचा उत्साह वाढतो. त्यामुळे दररोज व्यायाम करणे आवश्यक आहे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

प्रश्न (आ)
‘व्यायामे अंगी वाढे स्फूर्ति। कार्य करण्याची।।’ या पंक्तीतील तुम्हांला समजलेला अर्थ लिहा.
उत्तरः
तुकडोजी महाराज म्हणतात की, व्यायामामुळे आपल्या शरीराला बळकटी प्राप्त होऊन रोग प्रतिकारकशक्ती वाढते. येणाऱ्या आजारांचा, संकटांचा आपण सहज सामना करू शकतो. त्याचबरोबर शरीर सुदृढ झाल्यामुळे आपण स्वावलंबीसुद्धा बनतो. आपल्या व्यक्तिगत कामासाठी आपल्याला दुसऱ्या कोणावर अवलंबून राहण्याची आवश्यकता राहत नाही. या नियमित व्यायामामुळे शरीरातील आळस कंटाळा दूर होऊन शरीर ताजेतवाने बनते. शिवाय कोणत्याही कामामध्ये उत्साह जाणवतो. म्हणजेच कोणतेही काम करण्याची शरीरातील जोश, स्फूर्ती वाढते.

प्रश्न (इ)
‘आरोग्यम् धनसंपदा’ या उक्तीतील विचाराचा विस्तार करा.
उत्तरः
संध्याकाळी दिवेलागणीच्या वेळी देवाजवळ बसून घराघरात ‘शुभं करोति कल्याणम्’ ही दिव्याची प्रार्थना म्हटली जाते. ‘आरोग्यम् धनसंपदा’ ही त्यातीलच एक पंक्ती आहे. प्रार्थना करताना जणू आपण परमेश्वराकडून आरोग्यरूपी धनसंपदेची अपेक्षा करत असतो. पण अवघ्या जगाने मान्य केले आहे की उत्तम आरोग्य प्राप्त करणे हे आपल्याच हातात आहे. त्यासाठी नियमितपणे योग्य व्यायाम करणे गरजेचे आहे. व्यायामामुळे अन्नपचन व्यवस्थित होते. रक्तव्यवस्था सुरळीत होते. शरीरातील स्नायू बळकट होऊन शरीराची प्रतिकारशक्ती वाढते. शिवाय शरीरातील पित्त, कफ, वायू यांचे प्रमाण संतुलित राहते. शरीरामध्ये तरतरी, उत्साह वाढतो. या व्यायामामुळेच उत्तम आरोग्याची प्राप्ती आपणाला होते. आपल्याला लाभलेले उत्तम आरोग्य ही खऱ्या अर्थाने आपली धनसंपदाच असते.

भाषाभ्यास:

समासात कमीत कमी दोन शब्द असावे लागतात. त्याला ‘पद’ असे म्हणतात. त्या दोन पदांपैकी कोणत्या पदाला प्राधान्य आहे यावरून समासाचे प्रकार ठरतात.

पदप्रधान / गौण (कमी महत्त्वाची)समासाचे नाव
1. पहिले पदप्रधानअव्ययीभाव
2. दुसरे पदप्रधानतत्पुरुष
3. दोन्ही पदेप्रधानद्ववंद्ववं
4. दोन्ही पदेगौणबहुव्रीही

यावर्षी आपल्याला ‘अव्ययीभाव’ आणि ‘वंद्व’ हे दोन समास समजून घ्यायचे आहेत.

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त Additional Important Questions and Answers

पुढील पक्ष्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 5
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 6

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त 7

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
सर्वप्रकारे, सर्व ठिकाणी कोणाला वैरी मानावे असे कवी म्हणतो?
उत्तरः
सर्वप्रकारे, सर्व ठिकाणी आळसाला वैरी मानावे असे कवी म्हणतो.

प्रश्न 2.
व्यायामाविण काय विकारी होते असे कवी म्हणतो?
उत्तरः
व्यायामाविण सात्त्विक भोजन विकारी होते असे कवी म्हणतो.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

प्रश्न 3.
व्यायामामुळे शरीरातील रक्तव्यवस्था कशी होते?
उत्तर:
व्यायामामुळे शरीरातील रक्तव्यवस्था उत्तम म्हणजे व्यवस्थित होते.

प्रश्न 4.
व्यायामामुळे माणसाचे आयुष्य कसे होते?
उत्तरः
व्यायामामुळे माणसाचे आयुष्य दीर्घ होते.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.

  1. व्यायाम आरोग्यदायी ……………… । हे ध्यानी ठेवावे सूत्र। (सखा, सोबती, मित्र, सवंगडी)
  2. आळस …………… मानिला सर्वत्र। सर्वतोपरी।। (सखा, दुश्मन, वैरी, सोबती)
  3. व्यायामाविण सात्त्विक भोजन। तेहि मारी …………… होऊन । (अविकारी, शुद्ध, बदल, विकारी)
  4. व्यायामे होय अग्निदीपन। ……………. सहजचि।। (अन्नपचन, हवन, शरीरसंपदा, भूक)
  5. व्यायामे जडत्व जाई दूरी। व्यायामे अंगी राहे …………..। (ताजेपणा, तरतरी, दुबळेपण, आळस)
  6. व्यायामहीना पित्त, …………,वायु। जर्जर करिती अत्यंत।। (सर्दी, पडसे, ज्वर, कफ)
  7. व्यायामे वाढे प्रतिकार शक्ति। ……………. प्रवृत्ति। (परावलंबनाची, स्वावलंबनाची, रोगराईची, आजाराची)

उत्तर:

  1. मित्र
  2. वैरी
  3. विकारी
  4. अन्नपचन
  5. तरतरी
  6. कफ
  7. स्वावलंबनाची

कृती 2 : आकलन कृती

समान अर्थाच्या काव्यपंक्ती शोधून लिहा.

प्रश्न 1.

  1. व्यायामाअभावी सत्त्वगुणी जेवणही शरीरास उपयोगी नाही.
  2. आळस हा माणसाचा शत्रू आहे, हे सगळया जगाने मान्य केलेले आहे.
  3. व्यायामाने शरीरामध्ये तरतरी येते.
  4. व्यायामाने मानवाचे आयुष्य वाढते.
  5. व्यायामाने चांगल्या प्रवृत्ती जोपासल्या जातात.

उत्तर:

  1. व्यायामाविण सात्त्विक भोजन। तेहि मारी विकारी होऊन।।
  2. आळस वैरी मानिला सर्वत्र। सर्वतोपरी।।
  3. व्यायामे अंगी राहे तरतरी।
  4. व्यायामे मानव होय दीर्घायु।
  5. व्यायाम वाढे प्रतिकार शक्ति। स्वावलंबनाची प्रवृत्ति।

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. आरोग्यदायी(अ) आळस
2. वैरी मानिला(ब) अन्नपचन
3. सहजचि(क) सूत्र
4. ध्यानी ठेवावे(ड) मित्र

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. आरोग्यदायी(ड) मित्र
2. वैरी मानिला(अ) आळस
3. सहजचि(ब) अन्नपचन
4. ध्यानी ठेवावे(क) सूत्र

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. जाई दूरी(अ) सजीवपण
2. वाढे विचारी(ब) जडत्व
3. अंगी वाढे(क) दीर्घायु
4. मानव होय(ड) स्फूर्ति

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. जाई दूरी(ब) जडत्व
2. वाढे विचारी(अ) सजीवपण
3. अंगी वाढे(ड) स्फूर्ति
4. मानव होय(क) दीर्घायु

प्रश्न 4.
काव्यपंक्तींचा योग्य क्रम लावा.

  1. व्यायाम आरोग्यदायी मित्र । हे ध्यानी ठेवावे सूत्र।
  2. व्यायामे होय अग्निदीपन । अन्नपचन सहजचि।।
  3. आळस वैरी मानिला सर्वत्र। सर्वतोपरी।।
  4. व्यायामाविण सात्त्विक भोजन। तेहि मारी विकारी होऊन।
  5. रक्तव्यवस्था उत्तम शरीरी । वाढे विचारी सजीवपण।।
  6. व्यायामहीना पित्त, कफ, वायु । जर्जर करिती अत्यंत।।
  7. व्यायामाने सशक्त स्नायु । व्यायामे मानव होय दीर्घायु।
  8. व्यायामे जडत्त्व जाई दूरी । व्यायामे अंगी राहे तरतरी।

उत्तरः

  1. व्यायाम आरोग्यदायी मित्र । हे ध्यानी ठेवावे सूत्र।
  2. आळस वैरी मानिला सर्वत्र। सर्वतोपरी।।
  3. व्यायामाविण सात्त्विक भोजन। तेहि मारी विकारी होऊन।
  4. व्यायामे होय अग्निदीपन। अन्नपचन सहजचि।।
  5. व्यायामे जडत्त्व जाई दूरी । व्यायामे अंगी राहे तरतरी ।
  6. रक्तव्यवस्था उत्तम शरीरी । वाढे विचारी सजीवपण ।।
  7. व्यायामाने सशक्त स्नायु । व्यायामे मानव होय दीर्घायु ।
  8. व्यायामहीना पित्त, कफ, वायु । जर्जर करिती अत्यंत ।।

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प्रश्न 5.
काव्यपंक्तीवरून शब्दांचा योग्य क्रम लावा.

  1. सर्वतोपरी, मित्र, वैरी, सूत्र
  2. अग्निदीपन, विकारी, भोजन, अन्नपचन
  3. सजीवपण, अंगी, उत्तम, तरतरी
  4. कार्य, प्रवृत्ति, शक्ति, प्रतिकार
  5. जर्जर, मानव, कफ, सशक्त

उत्तर:

  1. मित्र, सूत्र, वैरी, सर्वतोपरी
  2. जन, विकारी, अग्निदीपन, अन्नपचन
  3. अंगी, तरतरी, उत्तम, सजीवपण
  4. प्रतिकार, शक्ति, प्रवृत्ति, कार्य .
  5. सशक्त, मानव, कफ, जर्जर

कृती 3: काव्यसौंदर्य

खालील काव्यपंक्तीतील आशयसौंदर्य स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
आळस वैरी मानिला सर्वत्र। सर्वतोपरी।।
उत्तरः
आळस हा आपल्या जीवनाचा खरा शत्रू आहे, हे सगळ्या जगाने मान्य केलेले आहे. व्यायामामुळेच आळस दूर होऊन शरीर आरोग्यपूर्ण होते.

प्रश्न 2.
व्यायामाविण सात्त्विक भोजन। तेहि मारी विकारी होऊन।
उत्तरः
आरोग्य व्यवस्थित राहावे म्हणून आपण सात्त्विक आहार घेत असतो. या सात्त्विक भोजनाने आपले शरीर व मन छान स्वस्थ राहते; पण तुकडोजी महाराज म्हणतात, की अशा भोजनासोबतच व्यायामही केला पाहिजे. नाहीतर अशा भोजनामुळेही आपणस विविध विकार, विविध आजार होऊ शकतात.

प्रश्न 3.
व्यायामहीना पित्त, कफ, वायु। जर्जर करिती अत्यंत।।
उत्तरः
जर आपण व्यायाम करीत नसू तर आपल्या शरीरात पित्त, कफ, वायू यांचे प्रमाण कमी-जास्त होऊ लागते. पित्त, कफ, वायू यांच्या असंतुलित प्रमाणामुळे रोग होतात आणि आपण आजारी पडतो. त्यामुळे आपल्याला खूप त्रास होतो. व्यायामामुळे पित्त, कफ, वायू यांचे शरीरातील प्रमाण योग्य व संतुलित राहण्यास मदत होते.

प्रश्न 4.
व्यायामे अंगी वाढे स्फूर्ति। कार्य करण्याची।।
उत्तरः
तुकडोजी महाराज म्हणतात, की व्यायामामुळे आपल्या शरीराला बळकटी प्राप्त होऊन रोगप्रतिकारकशक्ती वाढते. येणाऱ्या आजारांचा, संकटांचा आपण सहज सामना करू शकतो. त्याचबरोबर शरीर सुदृढ झाल्यामुळे आपण स्वावलंबीसुद्धा बनतो. आपल्या व्यक्तिगत कामासाठी आपल्याला दुसऱ्या कोणावर अवलंबून राहण्याची आवश्यकता राहत नाही. या नियमित व्यायामामुळे शरीरातील आळस, कंटाळा दूर होऊन ताजेतवाने बनते. शिवाय कोणत्याही कामांमध्येही उत्साह जाणवतो.

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पुढील ओळींचा अर्थ स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
व्यायाम आरोग्यदायी मित्र । हे ध्यानी ठेवावे सूत्र ।
उत्तरः
राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी आपल्यासारख्या सामान्य माणसांना आपल्या जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व साध्या, सरळ भाषेत समजावून सांगितले आहे. ते म्हणतात की, व्यायाम हा आपल्याला सुखाचे आयुष्य देणारा आरोग्यदायी मित्र आहे. हे सूत्र आपण कायम लक्षात ठेवणे गरजेचे आहे.

प्रश्न 2.
व्यायामे जडत्व जाई दूरी । व्यायामे अंगी राहे तरतरी।
उत्तरः
आपण व्यायाम नियमितपणे करायला हवा. योग्य व पुरेसा व्यायाम आपण नियमित केला नाही तर शरीरामध्ये जडत्व म्हणजेच स्थूलपणा वाढत जातो. नियमीत व्यायामामुळे स्थूलपणा कमी होऊन शरीर सुडौल होते. तसेच आळस दूर होऊन अंगामध्ये तरतरी म्हणजेच उत्साह भरतो.

प्रश्न 3.
व्यायामे वाढे प्रतिकार शक्ति । स्वावलंबनाची प्रवृत्ति ।।
उत्तरः
तुकडोजी महाराज म्हणतात की, व्यायामामुळे आपल्या शरीराला बळकटी प्राप्त होऊन रोगप्रतिकारक शक्ती वाढते. येणाऱ्या आजारांचा, संकटांचा आपण सहज सामना करू शकतो. त्याचबरोबर शरीर सुदृढ झाल्यामुळे आपण स्वावलंबीसुद्धा बनतो.

प्रश्न 4.
व्यायामाचे मानवी जीवनातील महत्त्व थोडक्यात सांगा.
उत्तरः
व्यायाम म्हणजे शारीरिक कसरत. व्यायाम फक्त मनुष्याचे शरीरच सुदृढ करीत नाही तर तो व्यक्तीला मनाने देखील बळकट करीत असतो. व्यायाम मन एका ठिकाणी केंद्रित करण्याचे महत्त्वाचे साधन आहे. जर का व्यक्तीचे मन बळकट व स्वस्थ असेल तर ती व्यक्ती शरीराने देखील बळकट होते. व्यायाम काम, क्रोध, वासना, ईर्ष्या, द्वेष, मत्सर व मोह यांपासून मनुष्याचे संरक्षण करतो. माणसाची आत्मिकशक्ती जोपासण्याचे काम व्यायामामुळे शक्य होते. व्यायाम माणसाचे मन, मनगट व मेंदू यांवर समतोल नियंत्रण ठेवतो त्यामुळे व्यक्तीचा व्यक्तिमत्त्व विकास होतो.

प्रश्न 5.
व्यायामाचे शरीराला होणारे फायदे तुमच्या शब्दात लिहा.
उत्तरः
‘आरोग्यम् धनसंपदा’ म्हणजे स्वस्थ शरीर हेच माणसाचे वैभव आहे. सुदृढ आरोग्य माणसाची धनसंपदा आहे. माणसाचे आरोग्य तेव्हाच चांगले व स्वस्थ राहू शकते जेव्हा तो मानसिक व शारीरिकदृष्ट्या बळकट व मजबूत असेल. त्यासाठी नियमितपणे व्यायाम करणे गरजेचे असते. नियमित व्यायाम करणारी व्यक्ती आजारी पडत नाही. ती शरीराने व मनाने नेहमी स्वस्थ राहते. नियमित व्यायाम केल्याने आरोग्य सुदृढ तर राहतेच शिवाय माणूस दीर्घायू होतो. म्हातारपणी सुद्धा माणूस स्वबळावर सर्व शारीरिक क्रिया पार पाडू शकतो. म्हणूनच ‘आरोग्यम् धनसंपदा’ असे जे म्हटले गेलेले आहे ते खरेच आहे.

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प्रश्न 6.
दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
उत्तरः
1. कवी / कवयित्रीचे नाव – राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज (माणिक बंडोजी ठाकूर)

2. संदर्भ – ‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. ही कविता त्यांच्या ‘ग्रामगीता’ या पुस्तकातून घेतली आहे.

3. प्रस्तावना – ‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून तुकडोजी महाराजांनी प्रभावीपणे मांडले आहे.

4. वाङमयप्रकार – ‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता म्हणजे ‘ओव्या’ आहेत.

5. कवितेचा विषय – व्यायामाचे शरीरावर होणारा सकात्मक परिणाम दर्शविणारी राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यांची ‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता म्हणजे आदर्श ‘ओव्या’ आहेत.

6. कवितेतील आवडलेली ओळ – व्यायामे वाढे प्रतिकार शक्ती । स्वावलंबनाची प्रवृत्ति ।।
व्यायामे अंगी वाढे स्फूर्ति । कार्य करण्याची ।।

7. मध्यवर्ती कल्पना – आरोग्यासाठी व्यायाम अतिशय आवश्यक गोष्ट आहे. व्यायामामुळे शरीरातील रोगप्रतिकारशक्ती वाढते. शिवाय पित्त, कफ, वायू या गोष्टींचे शरीरातील प्रमाण संतुलित राहून शरीर बलवान होते. अशा प्रकारचे मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व दर्शविणारी राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज यांची ‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही सुंदर कविता आहे.

8. कवितेतून मिळणारा संदेश – सुदृढ आरोग्य हवे असेल तर व्यायाम करणे आवश्यक आहे. व्यायामामुळे अन्नपचन सहज होते. शिवाय स्थूलपणा कमी होऊन रक्तव्यवस्था उत्तम कार्य करते त्याचबरोबर शरीराचे स्नायू बळकट होऊन रोगप्रतिकार शक्ती वाढते. अंगामधला आळस दूर होऊन स्फूर्ती वाढते. अशाप्रकारे व्यायामामुळे शरीरावर सकारात्मक परिणाम होत असतो म्हणून दररोज व्यायाम करणे आवश्यक आहे. असा संदेश व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेतून आपणास मिळतो.

9. कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे – ‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता मला खूप आवडली आहे. याचे महत्त्वाचे कारण म्हणजे आपले आयुष्य उजळून टाकणाऱ्या व्यायामाचे महत्त्व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी अतिशय सोप्या भाषेत पटवून दिले आहे. त्यांचे शरीरप्रकृतीचे बारीक निरीक्षण मनाला भावणारे आहे.

10. भाषिक वैशिष्ट्ये – ‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

खालील काव्यपंक्तींचे रसग्रहण करा.

प्रश्न 1.
व्यायाम आरोग्यदायी मित्र। हे ध्यानी ठेवावे सूत्र।
आळस वैरी मानिला सर्वत्र । सर्वतोपरी।।
उत्तरः
‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून कवीने स्पष्ट केले आहे.

‘राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज’ यांनी आपल्यासारख्या सामान्य माणसांना आपल्या जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व साध्या, सरळ भाषेत समजावून सांगितले आहे. ते म्हणतात की, व्यायाम हा आपल्याला सुखाचे आयुष्य देणारा आरोग्यदायी मित्र आहे. हे सूत्र आपण कायम लक्षात ठेवणे गरजेचे आहे. कारण आळस हा आपल्या जीवनाचा खरा शत्रू आहे, हे सगळया जगाने मान्य केलेले आहे. व्यायामामुळेच आळस दूर होऊन शरीर आरोग्यपूर्ण होते.

‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

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प्रश्न 2.
व्यायामाविण सात्त्विक भोजन। तेहि मारी विकारी होऊन।
व्यायामे होय अग्निदीपन। अन्नपचन सहजचि।।
उत्तरः
‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून कवीने स्पष्ट केले आहे.

आरोग्य व्यवस्थित राहावे म्हणून आपण सात्त्विक आहार घेत असतो. या सात्त्विक भोजनाने आपले शरीर व मन छान स्वस्थ राहते. पण तुकडोजी महाराज म्हणतात की, अशा भोजनासोबतच व्यायामही केला पाहिजे. नाहीतर अशा भोजनामुळेही आपणास विविध विकार, विविध आजार होऊ शकतात. सात्त्विक भोजनासोबतच चांगला, योग्य व्यायाम केला तर पोटातील जठाराग्नी चांगला प्रदिप्त होतो. म्हणजे पोटातील अग्नी चांगला पेटून आपल्या अन्नाचे सहज पचनही होते. अन्नाचे अपचन होऊन होणारे विकार व्यायामामुळे टाळता येतात.

‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

प्रश्न 3.
व्यायामे जडत्व जाई दूरी। व्यायामे अंगी राहे तरतरी।
रक्तव्यवस्था उत्तम शरीरी। वाढे विचारी सजीवपण।।
उत्तरः
‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून कवीने स्पष्ट केले आहे.

आपण व्यायाम नियमितपणे करायला हवा. योग्य व पुरेसा व्यायाम आपण केला नाही तर शरीरामध्ये जडत्व म्हणजेच स्थूलपणा वाढत जातो. नियमित व्यायामामुळे स्थूलपणा कमी होऊन शरीर सुडौल होते. तसेच आळस दूर होऊन अंगामध्ये तरतरी म्हणजेच उत्साह भरतो. तुकडोजी महाराज पुढे म्हणतात की, व्यायामामुळे शरीरातील रक्तव्यवस्था व्यवस्थित होते. रक्तप्रवाह सुरळीत होऊन रक्ताशी संबंधित विकार दूर होतात आणि आपले आयुष्य वाढते.

‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

प्रश्न 4.
व्यायामे जडत्व जाई दूरी। व्यायामे अंगी राहे तरतरी।
रक्तव्यवस्था उत्तम शरीरी। वाढे विचारी सजीवपण।।
उत्तरः
‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून कवीने स्पष्ट केले आहे.

आपण व्यायाम नियमितपणे करायला हवा. योग्य व पुरेसा व्यायाम आपण केला नाही तर शरीरामध्ये जडत्व म्हणजेच स्थूलपणा वाढत जातो. नियमित व्यायामामुळे स्थूलपणा कमी होऊन शरीर सुडौल होते. तसेच आळस दूर होऊन अंगामध्ये तरतरी म्हणजेच उत्साह भरतो. तुकडोजी महाराज पुढे म्हणतात की, व्यायामामुळे शरीरातील रक्तव्यवस्था प्रवाही होते. रक्तप्रवाह सुरळीत होऊन रक्ताशी संबंधित विकार दूर होतात आणि आपले आयुष्य वाढते.

‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

प्रश्न 5.
व्यायामाने सशक्त स्नायु। व्यायामे मानव होय दीर्घायु।
व्यायामहीना पित्त, कफ, वायु। जर्जर करिती अत्यंत।।
उत्तरः
‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून कवीने स्पष्ट केले आहे.

नियमित व योग्य व्यायामामुळे आपल्या शरीरातील स्नायूंना बळकटी प्राप्त होते. सगळे स्नायू सशक्त होत जातात. माणसाला आजारपण येत नाही. याच व्यायामामुळे मानवाला दीर्घायुष्य प्राप्त होते, असे तुकडोजी महाराज म्हणतात. आपण जर व्यायाम करीत नसू तर आपल्या शरीरात पित्त, कफ, वायू यांचे प्रमाण कमी-जास्त होऊ लागते. पित्त, कफ, वायू यांच्या असंतुलित प्रमाणामुळे रोग होतात आणि आपण आजारी पडतो. त्यामुळे आपल्याला खूप त्रास होतो. व्यायामामुळे पित्त, कफ, वायू यांचे शरीरातील प्रमाण योग्य व संतुलित राहण्यास मदत होते.

‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

प्रश्न 6.
व्यायाम वाढे प्रतिकार शक्ति। स्वावलंबनाची प्रवत्ति।
व्यायामे अंगी वाढे स्फूर्ति। कार्य करण्याची।।
उत्तरः
‘व्यायामाचे महत्त्व’ ही कविता राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज यांनी लिहिली आहे. मानवी जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व या कवितेतून कवीने स्पष्ट केले आहे.

तुकडोजी महाराज म्हणतात की, व्यायामामुळे आपल्या शरीराला बळकटी प्राप्त होऊन रोग प्रतिकारक शक्ती वाढते. येणाऱ्या आजारांचा, संकटांचा आपण सहज सामना करू शकतो. त्याचबरोबर शरीर सुदृढ झाल्यामुळे आपण स्वावलंबीसुद्धा बनतो. आपल्या व्यक्तिगत कामासाठी आपल्याला दुसऱ्या कोणावर अवलंबून राहण्याची आवश्यकता राहत नाही. या नियमित व्यायामामुळे शरीरातील आळस, कंटाळा दूर होऊन शरीर ताजेतवाने बनते. शिवाय कोणत्याही कामामध्ये उत्साह जाणवतो. म्हणजेच कोणतेही काम करण्याची शरीरातील जोश, स्फूर्ती वाढते.

‘व्यायामाचे महत्त्व’ या कवितेमध्ये राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांनी साध्या आणि सोप्या भाषेचा वापर केला आहे. शिवाय ही कविता ‘ओवी’ रूपात असल्यामुळे प्रत्येक ओवीमध्ये चार चरण दिसून येतात. त्याचबरोबर ‘यमक’ अलंकाराचा वापर शोभून दिसतो.

व्यायामाचे महत्त Summary in Marathi

कवीचा‌ ‌परिचय‌:

‌नाव‌:‌ ‌राष्ट्रसंत‌ ‌श्री‌ ‌तुकडोजी‌ ‌महाराज‌ ‌(‌ ‌माणिक‌ ‌बंडोजी‌ ‌ठाकूर)‌ ‌
कालावधी‌:‌ ‌‌1909-1968
संतकवी,‌ ‌समाजसुधारक.‌ ‌अंधश्रद्धा,‌ ‌जातिभेद,‌ ‌धर्मभेद‌ ‌यांसारख्या‌ ‌समाजविघातक‌ ‌गोष्टींवर‌ ‌हल्ले‌ ‌चढवून‌ ‌त्यांनी‌ ‌देशभक्ती,‌ ‌अहिंसा‌ ‌व‌ ‌आत्मसंयम‌ ‌यांचे‌ ‌पाठ‌ ‌दिले.‌ ‌गावागावातून‌ ‌’गुरुदेव‌ ‌सेवा‌ ‌मंडळे’‌ ‌स्थापना‌ ‌केली.‌ ‌या‌ ‌कार्याबद्दल‌ ‌जनतेने‌ ‌त्यांना‌ ‌’राष्ट्रसंत’‌ ‌ही‌ ‌उपाधी‌ ‌देऊन‌ ‌त्यांचा‌ ‌गौरव‌ ‌केला.‌ ‌त्यांची‌ ‌‘अनुभवसागर’,‌ ‌’भजनावली’,‌ ‌’सेवास्वधर्म’,‌ ‌’राष्ट्रीय‌ ‌भजनावली’‌ ‌इत्यादी‌ ‌पुस्तके‌ ‌प्रकाशित‌ ‌आहेत.‌ ‌शिक्षण,‌ ‌भेदाभेद‌ ‌व‌ ‌अस्पृश्यता‌ ‌निर्मूलन,‌ ‌अंधश्रद्धा‌ ‌निर्मूलन,‌ ‌स्वच्छता,‌ ‌सर्वधर्मसमभाव‌ ‌यांविषयी‌ ‌कळकळीचे‌ ‌आवाहन‌ ‌करणारा‌ ‌व‌ ‌अज्ञानी‌ ‌जनतेला‌ ‌वात्सल्ययुक्त‌ ‌भूमिकेतून‌ ‌लोकशिक्षण‌ ‌देणारा‌ ‌त्यांचा‌ ‌’ग्रामगीता’‌ ‌हा‌ ‌ग्रंथ‌ ‌खेडोपाडी‌ ‌आदराने‌ ‌वाचला‌ ‌जातो.‌ ‌

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

प्रस्तावना‌:

‘व्यायामाचे‌ ‌महत्त्व’‌ ‌ही‌ ‌कविता‌ ‌राष्ट्रसंत‌ ‌श्री‌ ‌तुकडोजी‌ ‌महाराज‌ ‌यांनी‌ ‌लिहिली‌ ‌आहे.‌ ‌मानवी‌ ‌जीवनातील‌ ‌व्यायामाचे‌ ‌महत्त्व‌ ‌या‌ ‌कवितेतून‌ ‌कवीने‌ ‌स्पष्ट‌ ‌केले‌ ‌आहे.‌ ‌

Rashtrasant‌ ‌Shri‌ ‌Tukdoji‌ ‌Maharaj‌ ‌has‌ ‌written‌ ‌this‌ ‌poem‌ ‌called‌ ‌’Vyayamache‌ ‌Mahatva’.‌ ‌The‌ ‌poet‌ ‌has‌ ‌explained‌ ‌the‌ ‌importance‌ ‌of‌ ‌exercise‌ ‌in‌ ‌human‌ ‌life‌ ‌through‌ ‌this‌ ‌poem.‌ ‌

भावार्थ:

व्यायाम आरोग्यदायी …….. सर्वतोपरी ।।
‘राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज’ यांनी आपल्यासारख्या सामान्य माणसांना आपल्या जीवनातील व्यायामाचे महत्त्व साध्या, सरळ भाषेत समजावून सांगितले आहे. ते म्हणतात की, व्यायाम हा आपल्याला सुखाचे आयुष्य देणारा आरोग्यदायी मित्र आहे. हे सूत्र आपण कायम लक्षात ठेवणे गरजेचे आहे. कारण आळस हा आपल्या जीवनाचा खरा शत्रू आहे, हे सगळ्या जगाने मान्य केलेले आहे. व्यायामामुळेच आळस दूर होऊन शरीर आरोग्यपूर्ण होते.

व्यायामाविण सात्त्विक ……. अन्नपचन सहजचि ।।
आरोग्य व्यवस्थित राहावे म्हणून आपण सात्त्विक आहार घेत असतो. या सात्त्विक भोजनाने आपले शरीर व मन छान स्वस्थ राहते. पण तुकडोजी महाराज म्हणतात की, अशा भोजनासोबतच व्यायामही केला पाहिजे, नाहीतर अशा भोजनामुळेही आपणास विविध विकार, विविध आजार होऊ शकतात. सात्त्विक भोजनासोबतच चांगला, योग्य व्यायाम केला तर पोटातील जठाराग्नी चांगला प्रदिप्त होतो. म्हणजे पोटातील अग्नी चांगला पेटून आपल्या अन्नाचे सहज पचनही होते. अन्नाचे अपचन होऊन होणारे विकार व्यायामामुळे टाळता येतात.

व्यायामे जडत्व ……… विचारी सजीवपण ।।
आपण व्यायाम नियमितपणे करायला हवा. योग्य व पुरेसा व्यायाम आपण केला नाही तर शरीरामध्ये जडत्व म्हणजेच स्थूलपणा वाढत जातो. नियमित व्यायामामुळे स्थूलपणा कमी होऊन शरीर सुडौल होते. तसेच आळस दूर होऊन अंगामध्ये तरतरी म्हणजेच उत्साह भरतो. तुकडोजी महाराज पुढे म्हणतात की, व्यायामामुळे शरीरातील रक्तव्यवस्था व्यवस्थित होते. रक्तप्रवाह सुरळीत होऊन रक्ताशी संबंधित विकार दूर होतात आणि आपले आयुष्य वाढते.

व्यायामाने सशक्त स्नायु ……. करिती अत्यंत ।।
नियमित व योग्य व्यायामामुळे आपल्या शरीरातील स्नायूंना बळकटी प्राप्त होते. सगळे स्नायू सशक्त होत जातात. माणसाला आजारपण येत नाही. याच व्यायामामुळे मानवाला दीर्घायुष्य प्राप्त होते, असे तुकडोजी महाराज म्हणतात. आपण जर व्यायाम करीत नसू तर आपल्या शरीरात पित्त, कफ, वायू यांचे प्रमाण कमी-जास्त होऊ लागते. पित्त, कफ, वायू यांच्या असंतुलित प्रमाणामुळे रोग होतात आणि आपण आजारी पडतो. त्यामुळे आपल्याला खूप त्रास होतो. व्यायामामुळे पित्त, कफ, वायू यांचे शरीरातील प्रमाण योग्य व संतुलित राहण्यास मदत होते..

व्यायामे वाढे ……. कार्य करण्याची ।।
तुकडोजी महाराज म्हणतात की, व्यायामामुळे आपल्या शरीराला बळकटी प्राप्त होऊन रोग प्रतिकारक शक्ती वाढते. येणाऱ्या आजारांचा, संकटांचा आपण सहज सामना करू शकतो. त्याचबरोबर शरीर सुदृढ झाल्यामुळे आपण स्वावलंबीसुद्धा बनतो. आपल्या व्यक्तिगत कामासाठी आपल्याला दुसऱ्या कोणावर अवलंबून राहण्याची आवश्यकता राहत नाही. या नियमित व्यायामामुळे शरीरातील आळस, कंटाळा दूर होऊन शरीर ताजेतवाने बनते. शिवाय कोणत्याही कामामध्ये उत्साह जाणवतो. म्हणजेच कोणतेही काम करण्याची शरीरातील जोश, स्फूर्ती वाढते.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 व्यायामाचे महत्त

शब्दार्थ:

  1. अपघात – दुर्घटना (an accident)
  2. व्यायाम – कसरत, कवायत, शारीरिक मेहनत देणारी क्रिया (Physical exercise)
  3. महत्त्व – मोल (importance)
  4. उपाधी – पदवी (a title)
  5. गौरव – मानसन्मान, सन्मान (honour, respect)
  6. आरोग्य – स्वास्थ्य (health)
  7. ध्यानी – (येथे अर्थ) लक्षात, मनात (in mind)
  8. सूत्र – पद्धत, रीत (formula, key)
  9. आळस – सुस्ती (laziness)
  10. वैरी – शत्रू (an enemy)
  11. मानिला – मानला (considered, regarded)
  12. विण – (येथे अर्थ) शिवाय (without)
  13. सात्त्विक – पवित्र, शुद्ध (holy, pure)
  14. भोजन – जेवण (food, meals)
  15. विकारी – (येथे अर्थ) आजारी (sick, ill, ailing)
  16. दीपन – पेटणे, ज्वलन
  17. अन्न – खादयपदार्थ (food)
  18. पचन – जिरण्याची क्रिया (digestion)
  19. जडत्व – जडता, जडपणा, स्थूलपणा (heaviness)
  20. अंग – शरीर (body)
  21. तरतरी – (येथे अर्थ) चपळाई, चलाखी, उत्साह (sharpness, smartness, freshness)
  22. रक्त – रुधिर (blood)
  23. उत्तम – अत्यंत चांगले, उत्कृष्ट (best, excellent)
  24. शरीर – काया, देह (body)
  25. सजीव – जिवंत (living, organic)
  26. सशक्त – मजबूत, ताकदवान (strong, powerful)
  27. स्नायू – (muscle)
  28. मानव – मनुष्य (human)
  29. दीर्घायु – प्रदीर्घ जीवन (a long life)
  30. पित्त – अन्नपचनास मदत करणारा एक पिवळा द्रव, एक शरीर दोष (bile)
  31. जर्जर – (येथे अर्थ) त्रस्त, पीडित
  32. प्रतिकार शक्ती – विरोध करणारी ताकद (resistance power)
  33. स्वावलंबन – आत्मावलंबन (self-dependence)
  34. प्रवृत्ति – कल (tendency)
  35. स्फूर्ति – प्रेरक शक्ती (inspiration)
  36. कार्य – कृती, काम, क्रिया (an act, work)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार Textbook Questions and Answers

1. खालील वाक्यांचा संदर्भासहित अर्थ स्पष्ट करा.

प्रश्न (अ)
शाळेच्या बागा’ लेखकांसारख्या मुलांच्या जिवावर उभ्या होत्या.
उत्तरः
संदर्भ – शंकरराव खरात यांच्या ‘माझे शिक्षक व संस्कार’ या पाठातून हे वाक्य घेतले आहे. शाळेच्या ‘बागा’ उभारताना लेखक व इतर मुलांचे लाभलेले योगदान या वाक्यातून दिसून येते.

अर्थ – लेखक व लेखकांसारखी हाडा-पिंडाने मोठी असलेली मुले कष्टाच्या कामात कणखर होती. विहिरीचं पाणी दोन-दोन तास राहाटेने ओढून, बागेतल्या फुलझाडांना, फळझाडांना ती मुले पाणी देत असत. त्यामुळे ती फुलझाडे-फळझाडे तरारून उभी राहत होती. बागेला संरक्षण मिळावे; म्हणून मुले बागेतील जमीन कुदळी, टिकावाने खोदायची. त्याचे वाफे करायची व बागेसभोवार बांध घालायची. अशी सर्व कष्टाची कामे केल्यामुळे शाळेच्या ‘बागा’ लेखकांसारख्या मुलांच्या जिवावर उभ्या होत्या, असे म्हटले आहे.

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प्रश्न (आ)
लेखक सातारा जिल्हयातील औंधला जायच्या विचारात होते.
उत्तरः
संदर्भ – शंकरराव खरात यांच्या अर्थ – लेखक गावच्या शाळेत शिकत होते. तेथे उत्तम शिक्षणाची सोय होती. शिक्षकही चांगले होते. योग्य मार्गदर्शन व उत्तम संस्कार ते वेळोवेळी मुलांवर करत असत. पण लेखकांना पुढील शिक्षण घ्यायचे होते. पुढील शिक्षणाची सोय गावच्या शाळेत नव्हती म्हणून लेखक सातारा जिल्ह्यात औंधला जायच्या विचारात होते.

2. जोड्या जुळवा.

प्रश्न 1.
जोड्या जुळवा.

शिक्षकगुणवैशिष्ट्य
1.  श्री. नाईक(अ) स्काउटगाईड अध्यापनतज्ज्ञ
2. श्री. देशमुख(आ)गणित अध्यापनतज्ज्ञ
3. श्री. गोळीवडेकर(इ) समुपदेशक आणि शिस्तप्रिय
4. श्री. कात्रे(ई) शेतीतज्ज्ञ

उत्तरः

शिक्षकगुणवैशिष्ट्य
1.  श्री. नाईक(इ) समुपदेशक आणि शिस्तप्रिय
2. श्री. देशमुख(अ) स्काउटगाईड अध्यापनतज्ज्ञ
3. श्री. गोळीवडेकर(ई) शेतीतज्ज्ञ
4. श्री. कात्रे(आ)गणित अध्यापनतज्ज्ञ

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3. चौकटी पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
चौकटी पूर्ण करा.
पाठावरून तुम्हाला जाणवलेली लेखकाची स्वभाववैशिष्ट्ये लिहा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिMaharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 1क्षक व संस्कार 1
उत्तर:

  1. कष्टाळू
  2. आज्ञाधारक
  3. हरहुन्नरी
  4. समंजस

4. खालील परिणाम ज्या घटनेचे आहेत, त्या घटना लिहा.

प्रश्न (अ)
परिणाम – हिरमुसले होऊन लेखक कुस्तीच्या मैदानातून माघारी फिरले.
उत्तरः
घटना – मैदानात कुणीतरी लेखकांना जातीवरून हटकले.

प्रश्न (आ)
परिणाम – लेखकाची मान खाली गेली होती.
उत्तरः
घटना – प्रौढ साक्षरतेचा वर्ग बंद ठेवून त्याठिकाणी धूलिवंदनाच्या दिवशी तमाशा चालला होता. ते पाहून रायगावकर मास्तर मागे वळले.

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5. समर्पक उदाहरण लिहा.

प्रश्न (अ)
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 2
उत्तरः
उदाहरण – लेखक कुस्तीची लढत लढण्यासाठी मैदानात उतरले असता त्यांना कुणीतरी ओळखले व हटकले.

प्रश्न (आ)
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 3
उत्तरः
उदाहरण- बागेतील फुलझाडांना वफळझाडांना पाणी देण्यासाठी लेखक व त्यांचे मित्र विहिरीचे पाणी दोन-दोन तास राहाटाने ओढून काढत.

प्रश्न 6.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 4
उत्तर:

  1. समाज निद्रिस्त आहे.
  2. खेळात जात न पाहता कौशल्य पाहावे.
  3. हा भेदाभेद नष्ट होईल.
  4. बहिष्कृतांनाही खेळात-स्पर्धेत मानाने बोलावले जाईल.

पश्न 7.
चौकटीतील वाक्प्रचारांचा अर्थ लिहा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 5

  1. दरारा असणे
  2. हिरमुसले होणे
  3. उद्धृत करणे
  4. समुपदेशन करणे

उत्तर:

  1. वचक असणे.
  2. नाराज होणे.
  3. उल्लेख करणे.
  4. मार्गदर्शन करणे.

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8. स्वमत.

पश्न 1.
विदयार्थ्यांच्या व्यक्तिमत्त्व विकासात शिक्षकांची भूमिका महत्त्वाची आहे, या विधानाबाबत तुमचे मत सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तरः
उतारा 1 मधील कृती 4 : स्वमतचे उत्तर पहा.

पश्न 2.
शिक्षक व विदयार्थी यांच्यातील नातेसंबंधाविषयी तुमच्या संकल्पना स्पष्ट करा.
उत्तरः
उतारा 3 मधील कृती 4 : स्वमतचे उत्तर पहा.

उपक्रम:

तुमचे प्राथमिक शाळेतील शिक्षक आठवा व त्यांतील अविस्मरणीय शिक्षकांशी संबंधित असलेल्या तुमच्या आठवणी लिहा.

भाषाभ्यास:

पश्न 1.
अधोरेखित शब्दांविषयी खालील माहिती भरून तक्ता पूर्ण करा.

वाक्येसरळरूपसामान्यरूपप्रत्यय
1. रमेशचा भाऊ शाळेत गेला.1.
2.
2. बँकेने शेतकऱ्याला कर्ज दिले.1.
2.
3. सुट्टीत तो मित्रांशी खेळतो.1.
2.
4. मंडईत फळांच्या गाड्या आहेत.1.
2.

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार Additional Important Questions and Answers

1. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 2.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. श्री. गोळीवडेकर मास्तर आमच्यावर प्रेम करायचे.
  2. शाळेच्या ‘बागा’ आमच्यासारख्या मुलांच्या जिवावरच तर उभ्या होत्या.
  3. मी माझी गावची शाळा सोडणार होतो.
  4. कात्रे मास्तरांच्या घरी माझे वडील लाकडं फोडायला जायचे.

उत्तर:

  1. मी माझी गावची शाळा सोडणार होतो.
  2. कात्रे मास्तरांच्या घरी माझे वडील लाकडं फोडायला जायचे.
  3. शाळेच्या ‘बागा’ आमच्यासारख्या मुलांच्या जिवावरच तर उभ्या होत्या.
  4. श्री. गोळीवडेकर मास्तर आमच्यावर प्रेम करायचे.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
लेखकांचा पुढील शिक्षणासाठी कोठे जाण्याचा विचार होता?
उत्तरः
लेखकांचा पुढील शिक्षणासाठी औंध (जि. सातारा) येथील हायस्कूलमध्ये जाण्याचा विचार होता.

प्रश्न 2.
लेखकांचे वडील कोणाकडे लाकडे फोडायला जायचे?
उत्तर:
लेखकांचे वडील कात्रे मास्तरांच्या घरी लाकडे फोडायला जायचे.

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प्रश्न 3.
शाळेच्या बागा’ कोणाच्या जिवावर उभ्या होत्या?
उत्तर:
शाळेच्या बागा’ लेखकासारख्या मुलांच्या जिवावर उभ्या होत्या.

प्रश्न 4.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
1. श्री. ……….. मास्तर मला मराठी पाचवीत होते. (गोळीवडेकर, पाटकर, देशमुख, कात्रे)
2. श्री. हणमंतराव देशमुखांनी मला इंग्रजी ………… भाषांतर शिकवले. (तराडकरांचे, तर्खडकरांचे, कठिण शब्दांचे, परिच्छेदाचे)
उत्तर:
1. गोळीवडेकर
2. तर्खडकरांचे

कृती 2 : आकलन कृती

1. योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
आम्ही मुलं वयानं तसंच ……………….
(अ) आडदांड मोठाड.
(ब) मजबूत कणखर.
(क) हाडा-पिंडाने मोठाड.
(ड) बांधा मोठाड.
उत्तर:
आम्ही मुलं वयानं तसंच हाडा-पिंडाने मोठाड.

प्रश्न 2.
लेखकांना यश मिळणार याची ………………
(अ) खात्री होती.
(ब) माहिती होती.
(क) समज होती.
(ड) कल्पना होती.
उत्तर:
लेखकांना यश मिळणार याची खात्री होती.

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प्रश्न 3.
कोण ते लिहा.
उत्तर:
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प्रश्न 4.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 8

4. चूक की बरोबर लिहा.

प्रश्न 1.
1. कात्रे मास्तरांच्या घरी लेखकांचे वडील साफ सफाई करायला जायचे.
2. गोळीवडेकर मास्तर इतिहास भूगोल शिकवायचे.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
आम्ही मूल वयानं तसंच हाडा-पींडाने मोठाड.
उत्तर:
आम्ही मुलं वयानं तसंच हाडा-पिंडाने मोठाड,

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. शेतीतज्ज्ञ, शेतितज्ञ, शेतीतदज्ञ, शेतीतज्ञ
2. तखडकर, तरखडकर, तर्खडकर, तरखरकर
उत्तर:
1. शेतीतज्ज्ञ
2. तर्खडकर

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प्रश्न 3.
अधोरेखित शब्दाचा समानार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
त्यांची व माझी जवळची ओळख होती.
उत्तरः
त्यांचा व माझा जवळचा परिचय होता.

प्रश्न 4.
अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
यश मिळणार याची लेखकांना खात्री होती.
उत्तर:
अपयश मिळणार याची लेखकांना खात्री होती.

प्रश्न 5.
अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा.
अबब! केवढा मोठा साप.
उत्तरः
केवलप्रयोगी अव्यय.

प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दप्रत्ययविभक्ती
1. गावचीचीषष्ठी विभक्ती (एकवचन)
2. शिक्षकाचीचीषष्ठी विभक्ती (एकवचन)

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
1. तर्खडकरांचेतर्खडकरतर्खडकरा
2. दम्याच्यादमादम्या
3. मुलांच्यामुलमुलां
4. कष्टाचीकष्टकष्टा

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प्रश्न 8.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
गोळीवडेकर मास्तर इतिहास, भूगोल शिकवायचे. (काळ ओळखा.)
उत्तरः
भूतकाळ

प्रश्न 9.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 9

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
विदयार्थ्यांच्या व्यक्तिमत्त्व विकासात शिक्षकांची भूमिका महत्त्वाची आहे. या विधानाबाबत तुमचे मत सोदाहरण स्पष्ट करा.
उत्तरः
शिक्षक विदयार्थ्यांचे व्यक्तिमत्त्व घडवित असतात. त्यांना ज्ञान देऊन त्यांच्यावर योग्य ते संस्कार करत असतात. मुलांना योग्य प्रकारे मार्गदर्शन करून पुढील आयुष्यासाठी त्यांना तयार करत असतात. मानवी मूल्यांचे योग्य ते आदर्श मुलांसमोर उभे करण्याचे सामर्थ्य शिक्षकांत असते; त्यामुळेच विदयार्थ्यांच्या व्यक्तिमत्त्वाची जडणघडण होते. एखादया गोष्टीबद्दल विचार करण्याची सकारात्मक मानसिकता तयार होते. शिक्षक स्वत:च्या आचरणातून मुलांसमोर एक आदर्श निर्माण करण्याचे कार्य करतात. त्यामुळे मुलांना प्रेरणा मिळते व ते आपल्या शिक्षकांचे अनुकरण करतात. अशा प्रकारे मुलांच्या व्यक्तिमत्त्वाला सुडौल आयाम देण्याचे कार्य शिक्षकच करतात.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 11

प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. परीक्षेच्या निकालाच्या दृष्टीने त्यांनी शाळेची चांगली प्रगती केली.
  2. औंधला शिकायला जाणार म्हणून मी श्री. नाईक मास्तरांना भेटलो.
  3. शिस्तप्रिय हेडमास्तरांनी माझ्या शाळेला चांगलीच शिस्त लावली.
  4. ते सदानकदा विदयार्थ्यांना समुपदेश करत.

उत्तर:

  1. शिस्तप्रिय हेडमास्तरांनी माझ्या शाळेला चांगलीच शिस्त लावली.
  2. ते सदानकदा विदयार्थ्यांना समुपदेश करत.
  3. परीक्षेच्या निकालाच्या दृष्टीने त्यांनी शाळेची चांगली प्रगती केली.
  4. औंधला शिकायला जाणार म्हणून मी श्री. नाईक मास्तरांना भेटलो.

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
लेखकांच्या शाळेत कोणाचा दरारा होता?
उत्तरः
लेखकांच्या शाळेत हेडमास्तर श्री. नाईक यांचा दरारा होता.

प्रश्न 2.
शाळेची दुसरी घंटा होताच हेडमास्तर श्री. नाईक काय करत असत?
उत्तरः
शाळेची दुसरी घंटा होताच हेडमास्तर श्री. नाईक हातात छडी घेऊन शाळेच्या दारात थांबत असत.

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कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. नाईक मास्तरांनी केलेला ………….. लेखक कधीच विसरू शकत नाही. (संस्कार, हितोपदेश, प्रयोग, अभिनय)
2. …………. मास्तरांसारखे ते कधीही इतर सार्वजनिक कार्यात पडत नसत. (श्री. हणमंतराव देशमुख, कात्रे, श्री. नाईक, श्री. रायगावकर)
उत्तर‌:‌
1. ‌हितोपदेश‌
2.‌ ‌श्री.‌ ‌रायगावकर‌ ‌

कृती‌ 2 ‌:‌ ‌आकलन‌ ‌कृती‌ ‌

प्रश्न 1.
योग्य‌ ‌पर्याय‌ ‌निवडून‌ ‌विधाने‌ ‌पूर्ण‌ ‌करा.‌ ‌
श्री.‌ ‌नाईक‌ ‌मास्तरांनी‌ ‌केलेला‌ ‌हितोपदेश‌ ‌लेखक‌ ‌कधीच‌ ‌विसरू‌ ‌शकत‌ ‌नाहीत;‌ ‌कारण‌ ‌……………….‌
‌(अ)‌ ‌शिस्तीच्या‌ ‌दृष्टीने‌ ‌कसं‌ ‌वागावे,‌ ‌जीवनात‌ ‌आपली‌ ‌प्रगती‌ ‌कशी‌ ‌करून‌ ‌घ्यावी.‌ ‌
(ब)‌ ‌सगळी‌ ‌कष्टाची‌ ‌कामे‌ ‌श्री.‌ ‌नाईक‌ ‌मास्तर‌ ‌करत‌ ‌असत.‌
‌(क)‌ ‌शाळेत‌ ‌दरारा‌ ‌असे,‌ ‌ते‌ ‌शिस्तीचे‌ ‌भोक्ते‌ ‌होते.‌
‌(ड)‌ ‌शाळेची‌ ‌दुसरी‌ ‌घंटा‌ ‌होताच‌ ‌ते‌ ‌हातात‌ ‌छडी‌ ‌घेऊन‌ ‌शाळेच्या‌ ‌दारात‌ ‌थांबत‌ ‌असत.‌
‌उत्तर:‌
‌श्री.‌ ‌नाईक‌ ‌मास्तरांनी‌ ‌केलेला‌ ‌हितोपदेश‌ ‌लेखक‌ ‌कधीच‌ ‌विसरू‌ ‌शकत‌ ‌नाहीत;‌ ‌कारण‌ ‌शिस्तीच्या‌ ‌दृष्टीने‌ ‌कसं‌ ‌वागावे,‌ ‌जीवनात‌ ‌आपली‌ ‌प्रगती‌ ‌कशी‌ ‌करून‌ ‌घ्यावी.‌

प्रश्न 2.
आकृतिबंध‌ ‌पूर्ण‌ ‌करा.‌ ‌
‌उत्तर:‌
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प्रश्न 3.
आकृतिबंध‌ ‌पूर्ण‌ ‌करा.‌ ‌
‌उत्तर:‌
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 13

‌चूक‌ ‌की‌ ‌बरोबर‌ ‌लिहा.‌

प्रश्न 1.
1.‌ ‌हेडमास्तर‌ ‌श्री.‌ ‌नाईक‌ ‌मास्तर‌ ‌यांचा‌ ‌शाळेत‌ ‌दरारा‌ ‌नसे.‌
2. ‌औंधला‌ ‌शिकायला‌ ‌जाणार‌ ‌म्हणून‌ ‌लेखक‌ ‌श्री.‌ ‌नाईक‌ ‌मास्तरांना‌ ‌भेटले.‌ ‌
उत्तर:‌
1. चूक‌ ‌
2. ‌बरोबर‌

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‌कृती‌ ‌3 ‌:‌ ‌व्याकरण‌ ‌कृती‌

प्रश्न 1.
खालील‌ ‌वाक्य‌ ‌लेखननियमांनुसार‌ ‌शुद्ध‌ ‌करून‌ ‌लिहा.‌ ‌
या‌ ‌शिस्तप्रीय‌ ‌हेडमास्तरांनी‌ ‌माझ्या‌ ‌शाळेला‌ ‌चांगलीच‌ ‌शीस्त‌ ‌लावली.‌ ‌
उत्तर:‌
‌या‌ ‌शिस्तप्रिय‌ ‌हेडमास्तरांनी‌ ‌माझ्या‌ ‌शाळेला‌ ‌चांगलीच‌ ‌शिस्त‌ ‌लावली.‌ ‌

प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. शिस्तप्रीय, शिस्तप्रिय, शीस्तप्रिय, शिस्तप्रिरय
2. मार्गदर्शन, मार्गदरशन, मारगदशन, मागदर्शन
उत्तर:
1. शिस्तप्रिय
2. मार्गदर्शन

अधोरेखित शब्दांचा समानार्थी शब्द लिहून वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
हेडमास्तर श्री. नाईक मास्तर यांचा शाळेत वचक असे.
उत्तर:
हेडमास्तर श्री. नाईक मास्तर यांचा शाळेत दरारा असे.

प्रश्न 2.
परीक्षेच्या निकालाच्या दृष्टीने त्यांनी शाळेची चांगली सुधारणा केली.
उत्तरः
परीक्षेच्या निकालाच्या दृष्टीने त्यांनी शाळेची चांगली प्रगती केली.

अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
अधोरेखित शब्दाचा विरुद्धार्थी शब्द लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
परीक्षेच्या निकालाच्या दृष्टीने त्यांनी शाळेची अधोगती केली.
उत्तरः
परीक्षेच्या निकालाच्या दृष्टीने त्यांनी शाळेची प्रगती केली.

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अधोरेखित शब्दाची जात ओळखा.

प्रश्न 1.
मी कधीच विसरू शकत नाही.
उत्तर:
सर्वनाम.

प्रश्न 2.
आम्हां मुलांसाठी वेगळी तालीम होती.
उत्तर:
विशेषण.

प्रश्न 3.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
1. शाळेच्याच्याषष्ठी (एकवचन)
2. मास्तरांनानाद्वितीया (एकवचन)

प्रश्न 4.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
1. हेडमास्तरांनीहेडमास्तरहेडमास्तरां
2. शाळेच्याशाळाशाळे
3. परीक्षेच्यापरीक्षापरीक्षे

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खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेले योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
रामला समिरने मार्गदर्शन केले.
उत्तरः
रामला समिरने समुपदेशन केले.

प्रश्न 2.
हेडमास्तर श्री. नाईक यांचा शाळेत वचक होता.
उत्तरः
हेडमास्तर श्री. नाईक यांचा शाळेत दरारा होता.

कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.

प्रश्न 1.
कंसातील सूचनेनुसार बदल करा.
ते शिस्तीचे कडे भोक्ते होते. (काळ ओळखा.)
उत्तरः
भूतकाळ.

प्रश्न 2.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
शाळा ही विदयार्थ्यांवर संस्कार करणारे एक प्रमुख केंद्र असते या विधानावर तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तर:
शाळा विदयेचे माहेरघर असते. शाळेत शिकविणारे शिक्षक हे मुलांना विद्या देण्याचे कार्य करत असतात. जवळपास विदयार्थी रोज पाच ते सहा तास शाळेत असतात. एवढा वेळ मुलांवर संस्कार करण्यासाठी पुरेसा असतो. शिक्षक शिकवित असलेल्या विविध विषयांच्या माध्यमातून मुलांवर संस्कार करीत असतात. शाळेमध्ये होत असलेल्या निरनिराळ्या कार्यक्रमातून मुलांवर संस्कार होत असतात. तसेच शाळेमार्फत आयोजित केलेल्या शैक्षणिक सहलींतून मुलांवर संस्कार होत असतात. म्हणून शाळा हे विदयार्थ्यांवर संस्कार करणारे प्रमुख केंद्र आहे.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 15

प्रश्न 2.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. “अरे! आज धूलिवंदन! हे चालायचेच!’
  2. प्रौढ वर्गाच्या कंदिलाच्या प्रकाशात तमाशा चालला होता.
  3. शिमग्याच्या धुळवडीला प्रौढ वर्गात तमाशाचा फड उभा राहिला.
  4. मी हिरमुसला होऊन माघारी गेलो.

उत्तर:

  1. मी हिरमुसला होऊन माघारी गेलो.
  2. शिमग्याच्या धुळवडीला प्रौढ वर्गात तमाशाचा फड उभा राहिला.
  3. प्रौढ वर्गाच्या कंदिलाच्या प्रकाशात तमाशा चालला होता.
  4. “अरे! आज धूलिवंदन! हे चालायचेच!’

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
लेखकांची समजूत कोणी काढली?
उत्तरः
लेखकांची समजूत श्री. रायगावकरांनी काढली.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार

प्रश्न 2.
रायगावकर मास्तर लेखकांना पाहून काय म्हणाले?
उत्तरः
“अरे! आज धूलिवंदन! हे चालायचेच!” असे रायगावकर मास्तर लेखकांना म्हणाले.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. ‘अरे, समाज अजून ………… आहे. (निद्रिस्त, झोपलेला, जागा, आंधळा)
2. “………….. तू हे ध्यानात ठेव.” (शाम!, शंकर!, नाईक!, देशपांडे!)
उत्तर:
1. निद्रिस्त
2. शंकर!

प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार 16

कृती 2: आकलन कृती

योग्य पर्याय निवडून विधाने पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
एका थोराड मुलाला, ‘याला जोड, याला जोड’ म्हणून …..
(अ) फडात फिरवत होते.
(ब) मैदानात फिरवत होते.
(क) अंगणात फिरवत होते.
(ड) रस्त्यावर फिरवत होते.
उत्तर:
एका थोराड मुलाला, ‘याला जोड, याला जोड’ म्हणून फडात फिरवत होते.

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प्रश्न 2.
श्री रायगावकर मास्तर चटकन परत फिरले; कारण …………………
(अ) प्रौढ वर्गाच्या कंदिलाच्या प्रकाशात तमाशा चालला होता.
(ब) शाळेत कंदिलाच्या प्रकाशात तमाशा चालला होता.
(क) प्रौढ वर्गात कंदिलाच्या प्रकाशात लावणी चालली होती.
(ड) सार्वजनिक ठिकाणी कंदिलाच्या प्रकाशात ढोल-ताशाचं वाक्य वाजत होते.
उत्तर:
श्री रायगावकर मास्तर चटकन परत फिरले; कारण प्रौढ वर्गाच्या कंदिलाच्या प्रकाशात तमाशा चालला होता.

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. त्या दिवशी प्रौढ साक्षरतेचा वर्ग चालू होता.
2. सरांनी लेखकांना केलेला उपदेश लेखक कधीच विसरू शकत नव्हते.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

प्रश्न 4.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
उत्तर:
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कृती 3 : व्याकरण कृती

खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.

प्रश्न 1.
1. लेखक हिरमूसला होऊन माघारि गेला.
2. त्या दीवशी प्रौढ साक्षरतेचा वरग बंद होता.
उत्तर:
1. लेखक हिरमुसला होऊन माघारी गेला.
2. त्या दिवशी प्रौढ साक्षरतेचा वर्ग बंद होता.

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प्रश्न 2.
अचूक शब्द लिहा.
1. वस्तीतील, वस्तितिल, वस्तीतिल, वस्तितील
2. धूलीवंदन, धुलिवंदन, धूलिवंदन, धुलीवंदन
उत्तर:
1. वस्तीतील
2. धूलिवंदन

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा.
उत्तर:

  1. शिक्षण – संस्कार
  2. कसब – कौशल्य
  3. झोप – निद्रा
  4. घटना – प्रसंग
  5. विभाग – वर्ग
  6. पोक्त – प्रौढ

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.
उत्तर:

  1. बालक × प्रौढ
  2. रात्री × दिवसा
  3. वर × खाली

प्रश्न 5.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दाचे वचन बदलून वाक्य पुन्हा लिहा.
त्या विदयेच्या मंदिरात तमाशा उभा कसा …….?
उत्तर:
त्या विद्येच्या मंदिरात तमाशे उभे कसे …………?

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प्रश्न 6.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
1. मैदानातसप्तमी (एकवचन)
2. रायगावकरांनीनीतृतीया (एकवचन)
3. प्रकाशातसप्तमी (एकवचन)
4. केलेलालाद्वितीया (एकवचन)

प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दमूळ शब्दसामान्यरूप
1. हंगामातहंगामहंगामा
2. कुस्त्यांचाकुस्तीकुस्त्यां
3. शिमग्याच्याशिमगाशिमग्या
4. मंदिरातमंदिरमंदिरा

प्रश्न 8.
खालील वाक्यात अधोरेखित शब्दांऐवजी पाठात आलेला योग्य वाक्प्रचार शोधून वाक्य पुन्हा लिहा.
रमेशला कब्बडी खेळायला न मिळाल्याने तो नाराज झाला.
उत्तर:
रमेशला कब्बडी खेळायला न मिळाल्याने तो हिरमुसला.

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प्रश्न 9.
वाक्यातील काळ ओळखा.
समाज अजून निद्रिस्त आहे.
उत्तरः
वर्तमानकाळ.

प्रश्न 10.
काळ बदला.
सरांनी मला उपदेश केला होता. (वर्तमानकाळ करा.)
उत्तर:
सर मला उपदेश करत आहेत.

प्रश्न 11.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
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कृति 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
शिक्षक व विद्यार्थी यांच्यातील नातेसंबंधाविषयी तुमच्या संकल्पना स्पष्ट करा.
उत्तर:
शिक्षक विदयार्थ्यांना ज्ञान देत असतात. कळत-नकळत त्यांच्यावर संस्कार करत असतात. विदयार्थी सुद्धा शिक्षकांनी दिलेले ज्ञान आत्मसात करत असतात व संस्काराचे पालन करत असतात. त्यामुळेच त्यांच्यात एक प्रकारचे जिव्हाळ्याचे व स्नेहाचे संबंध निर्माण होत असतात. त्यांच्यात गुरू-शिष्याचे नाते निर्माण होते. विदयार्थी आपल्या शिक्षकांनी दिलेल्या सगळ्या सूचनांचे व निर्देशांचे पालन करत असतात. त्यांचे विचार स्वत:च्या जीवनात उतरवत असतात. त्यांचा आपल्या शिक्षकांवर विश्वास असतो. त्यामुळेच एका श्रद्धेच्या दृष्टिकोनातून ते आपल्या शिक्षकांकडे पाहत असतात. अशा प्रकारे विदयार्थ्यांसाठी त्याचे शिक्षक हे मात्या-पित्याची भूमिका बजावित असतात.

माझे शिक्षक व संस्कार Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय:

नाव: शंकरराव खरात
कालावधी: 1921-2001
कथाकार, कादंबरीकार, लेखक, दलित चळवळीत सक्रिय सहभाग. ‘तडीपार’, ‘सांगावा’, ‘आडगावचे पाणी’ इत्यादी कथासंग्रह, ‘झोपडपट्टी’, ‘फूटपाथ नं. १’, ‘माझं नाव’, इत्यादी कादंबऱ्या, ‘तराळ-अंतराळ’ हे आत्मचरित्र.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 15 माझे शिक्षक व संस्कार

प्रस्तावना:

‘माझे शिक्षक व संस्कार’ हा पाठ लेखक शंकरराव खरात यांनी लिहिला आहे. शालेय वयात शिक्षकांकडून केल्या जाणाऱ्या संस्कारांचे महत्त्व प्रस्तुत पाठातून लेखकाने व्यक्त केले आहे.

‘Maze Shikshak va Sanskar’ article is written by Shankarrao Kharat. The importance of teacher and his nurturing is narrated in this article.

शब्दार्थ:

  1. संस्कार – सद्गुण (virtue)
  2. रहिवासी – निवासी (resident)
  3. प्रयत्न – परिश्रम (effort)
  4. यश – (success)
  5. सल्ला – उपदेश (advice)
  6. सडपातळ – किरकोळ अंगाचा (slim)
  7. विकार – आजार, रोग (illness, disease)
  8. भाषांतर – एका भाषेतील मजकुराचे वा ग्रंथाचे दुसऱ्या भाषेत केलेले रूपांतर (translation)
  9. शेतीतज्ज्ञ – शेतीविषयक सखोल ज्ञान असणारा (Agro expert)
  10. बाग – बगीचा, उदयान (a garden)
  11. परिचय – ओळख (an introduction)
  12. मोठाड – (huge, massive)
  13. कष्ट – मेहनत (hard work)
  14. कणखर – मजबूत (strong, tough)
  15. निकाल – (result)
  16. हितोपदेश – कल्याणकारक सल्ला (counselling)
  17. उपकृत – ज्याला मदत केली आहे असा (obliged)
  18. उद्धृत – उदाहरण म्हणून केलेला (quoted as anextract)
  19. तालीम – शारीरिक व्यायाम (exercise)
  20. हंगाम – मोसम, ऋतू (season)
  21. इनाम – बक्षीस (prize)
  22. लढत – (लढाई), झुंज (fight)
  23. हिरमुसणे – निराश होणे (get nervous, to feel dejected)
  24. निद्रा – (sleep)
  25. शिमगा – होळीचा सण (the Holi festival)
  26. वस्ती – वसाहत (colony, settlement)
  27. साक्षर – अक्षरओळख असलेला (literate)
  28. कल्पना – योजना (येथे अर्थ) माहिती, पूर्व सूचना (idea, planning)
  29. रहाट – विहिरीतून पाणी काढण्याची यंत्रणा (चाक)

टिपा:

  1. तमाशा – बव्हंशी विनोद व शृंगार यांचा अविष्कार करणारा लोककलेचा नाटकासारखा प्रकार
  2. धूलिवंदन – (धुलवड) हिंदूंचा एक सण, परस्परांवर धूळ, रंग इ. उडवण्याचा खेळ
  3. तर्खडकर – दादोबा पांडूरंग तर्खडकर हे मराठी व्याकरण लेखक आणि समाजसुधारक होते
  4. स्काउट – भारत स्काउट गाइड (संस्थापक – बेडेन पावेल, एक शैक्षणिक चळवळ)
  5. कुस्ती – महाराष्ट्राच्या मातीत मुरलेला एक खेळ
  6. तमाशाचा फड – तमाशा किंवा इतर लोककला सादर केली जाते ती जागा
  7. कुस्तीचा फड – कुस्तीच्या स्पर्धा जिथे खेळल्या जातात ती जागा

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वाक्प्रचार:

  1. दरारा असणे – वचक असणे
  2. हिरमुसले होणे – नाराज होणे
  3. उद्धृत करणे – उल्लेख करणे
  4. समुपदेशन करणे – मार्गदर्शन करणे
  5. प्रगती करणे – सुधारणा करणे
  6. मान खाली जाणे – शरमेने मान झुकणे

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

Marathi Aksharbharati Std 9 Digest Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ Textbook Questions and Answers

1. आकृतिबंध पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 1
उत्तरः
(अ)
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 2

(आ)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 3

2. योग्य पर्याय निवडून वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून वाक्ये पुन्हा लिहा.
1. पहिले ऑलिंपिक व्हिलेज ………….. येथे वसले. (ग्रीस, मेलबोर्न, फ्रान्स, अमेरिका)
2. पहिले ऑलिंपिक सामने ………….. साली झाले. (1894, 1956, इ.स.पूर्व७७६, इ.स. पूर्व 394)
उत्तर:
1. मेलबोर्न
2. इ.स.पूर्व 776

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

3. खालील वाक्य वाचा. अधोरेखित केलेल्या शब्दांबाबत माहिती भरून तक्ता पूर्ण करा. एखादया शब्दाला खालील मुद्दे लागू नसतील तर तिथे – हे चिन्ह लिहा. उदा., ‘व’ यासाठी लिंग, वचन, विभक्ती सगळीकडे – हे चिन्ह येईल.

प्रश्न 1.
पुरुषांसाठी व स्त्रियांसाठी वेगवेगळे सामने होतात.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 4
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 4.1

4. स्वमत

प्रश्न (अ)
‘ऑलिंपिक म्हणजे विश्वबंधुत्व’ ही संकल्पना स्पष्ट करा.
उत्तरः
मानवाच्या सर्वांगीण व्यक्तिमत्त्व विकासात खेळाचे महत्त्वाचे स्थान आहे. त्यामुळेच सर्व स्तरांवर खेळले जाणारे क्रीडासामने हे जगभरातील क्रीडाप्रेमींचे लक्ष वेधून घेतात. संपूर्ण जगभरातील क्रीडासामन्यांत, ऑलिंपिक क्रीडासामन्यांना एक मानाचे स्थान आहे. या ऑलिंपिक सामन्यांचे स्वतंत्र निशाण म्हणजे, एक भलामोठा ध्वज असतो. ध्वजाच्या पांढऱ्याशुभ्र रंगावर लाल, पिवळ्या, निळ्या, हिरव्या व काळ्या रंगांची वर्तुळे एकमेकांत गुंफलेली असतात. ही पाच वर्तुळे म्हणजे जगातील पाच खंड आणि ध्वजाचा पांढराशुभ्र रंग म्हणजे विशाल अंतराळ होय. जगभरातील सर्व राष्ट्रांतील सुमारे पाच ते सहा हजार खेळाडू या सामन्यांमध्ये भाग घेतात. देशादेशांतील मैत्री वाढून त्यांच्यात मित्रत्वाची स्पर्धा व्हावी यासाठी ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी वेगवेगळ्या देशात भरवले जातात.

या सामन्यांच्या व्यवस्थेसाठी एक आंतरराष्ट्रीय ऑलिंपिक समिती नेमलेली असते. या स्पर्धांत भाग घेणाऱ्या प्रत्येक देशाचे एक ते तीन प्रतिनिधी या समितीमध्ये असतात. या सामन्यांसाठी लागणारा सारा पैसा स्पर्धक देश उभा करतात. क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद नाही, धर्मभेद नाही की वर्णभेद नाही. येथे सर्वांना समान संधी मिळते. ऑलिंपिकच्या मैदानावर खेळाडू खेळत असतात तेव्हा खेळाडूंना पराक्रमाचा व प्रयत्नवादाचा संदेश देणारा ध्वज डौलाने फडकत असतो. त्या ध्वजावरील पाच खंडांची पाच वर्तुळे समतेचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश जगाला देत असतात.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

उपक्रम:

सन 2016 साली झालेल्या ऑलिंपिक सामन्यातील सुवर्ण, रजत व कांस्यपदक मिळवणाऱ्या खेळाडूंची माहिती आंतरजालाचा वापर करून खालील तक्त्यात लिहा.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 5

Marathi Akshar Bharati Class 9 Textbook Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ Additional Important Questions and Answers

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 6

प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. वेगवेगळे रस्ते(अ) पाच वर्तुळे
2. एकमेकांत गुंफलेली(ब) ऑलिंपिक सामन्यांचे
3. स्वतंत्र निशाण(क) विशाल अंतराळ
4. शुभ्रधवल पार्श्वभूमी(ड) येण्याजाण्यासाठी

उत्तर:

  1. येण्याजाण्यासाठी
  2. पाच वर्तुळे
  3. ऑलिंपिक सामन्यांचे
  4. विशाल अंतराळ

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
संपूर्ण जगभरातील क्रीडासामन्यात कशाला मानाचे स्थान आहे?
उत्तरः
संपूर्ण जगभरातील क्रीडासामन्यात ऑलिंपिक क्रीडासामन्यांना मानाचे स्थान आहे.

प्रश्न 2.
ऑलिंपिकच्या ध्वजावर किती रंगांची वर्तुळे काढण्यात आली आहेत?
उत्तर:
ऑलिंपिकच्या ध्वजावर पाच रंगांची वर्तुळे काढण्यात आली आहेत.

प्रश्न 3.
लेखकांची मोटार भरधाव वेगाने कुठे जात होती?
उत्तर:
लेखकांची मोटार ऑलिंपिक गावाकडे भरधाव वेगाने जात होती.

प्रश्न 4.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
1. मनुष्याच्या सर्वांगीण व्यक्तिमत्त्व विकासात महत्त्व अनन्यसाधारण आहे. (क्रीडेचे, मेहनतीचे, कामाचे, शाळेचे)
2. …………. गावाकडे आमची मोटार भरधाव वेगाने जात होती. (वडिलांच्या, आवडत्या, ऑलिंपिक, दूरच्या)
उत्तर:
1. क्रीडेचे
2. ऑलिंपिक

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प्रश्न 5.
सहसंबंध लिहा.
1. शुभ्रधवल : पार्श्वभूमी :: विशाल : …………….
2. प्रचंड : गर्दी :: भलामोठा : ………………
उत्तर:
1. अंतराळ
2. ध्वज

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
गर्दी प्रचंड असली तरी रहदारीला अडचण मुळीच नव्हती; कारण ……………………….
(अ) येण्याजाण्यासाठी एकच रस्ता होता.
(ब) रस्त्यावर सिग्नल होते.
(क) लोकांमध्ये शिस्त होती.
(ड) येण्याजाण्यासाठी वेगवेगळे रस्ते होते.
उत्तरः
गर्दी प्रचंड असली तरी रहदारीला अडचण मुळीच नव्हती, कारण येण्याजाण्यासाठी वेगवेगळे रस्ते होते.

प्रश्न 2.
काय ते लिहा.

  1. उंच स्तंभावर फडकणारा – [ ]
  2. ध्वजावरील पांढऱ्याशुभ्र पार्श्वभूमीवर एकमेकांत गुंफलेली – [ ]
  3. जगभरातील क्रीडाप्रेमींचे लक्ष वेधून घेणारे – [ ]

उत्तर:

  1. ऑलिंपिकच्या सामन्यांचा भलामोठा ध्वज
  2. पाच रंगांची वर्तुळे
  3. सर्व स्तरांवर खेळले जाणारे क्रीडासामने

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प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. संपूर्ण जगभरातील क्रीडासामन्यांत आशियाई क्रीडासामन्यांना एक मानाचे स्थान आहे.
2. ही पाच वर्तुळे म्हणजे जगातील पाच खंड.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा. ऑलिपिंक सामन्यांचे ते स्वतंत्र निशान होते.
उत्तर:
ऑलिंपिक सामन्यांचे ते स्वतंत्र निशाण होते.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. मानाचे
  2. लाल
  3. पिवळा
  4. निळा
  5. हिरवा
  6. काळा
  7. वेगवेगळे
  8. भलामोठा
  9. पांढऱ्याशुभ्र
  10. पाच
  11. विशाल
  12. एक

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प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. क्रिडासामने, क्रीडासामने, क्रीडासामणे, कीडासामने – [ ]
2. क्षितिज, क्षीतिज, क्षितीज, शितिज – [ ]
उत्तर:
1. क्रीडासामने
2. क्षितिज

प्रश्न 4.
लिंग बदला
मैत्रीण – [ ]
उत्तर:
मित्र

प्रश्न 5.
समानर्थी शब्द लिहा.

  1. ठिकाण – [ ]
  2. क्रीडांगण – [ ]
  3. खूण – [ ]
  4. नयन – [ ]

उत्तर:

  1. स्थान
  2. मैदान
  3. निशाण
  4. डोळे

प्रश्न 6.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. अपमान × [ ]
  2. पराजय × [ ]
  3. बुटके × [ ]
  4. विकेंद्रित × [ ]

उत्तर:

  1. मान
  2. जय
  3. उंच
  4. केंद्रित

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प्रश्न 7.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. क्रीडासामने
  2. रस्ते
  3. वर्तुळे
  4. डोळे

प्रश्न 8.
खालील अधोरेखित शब्दांची जात ओळखा.
तसे आमचे डोळे समोरील क्षितिजाकडे लागले.
उत्तरः
आमचे – सर्वनाम, डोळे – नाम

प्रश्न 9.
वाक्यातील काळ ओळखा.
ऑलिंपिक गावाकडे आमची मोटार भरधाव वेगाने जात होती.
उत्तर:
भूतकाळ

प्रश्न 10.
वाक्यातील काळ बदला. (वर्तमानकाळ करा)
येण्याजाण्यासाठी वेगवेगळे रस्ते होते.
उत्तरः
येण्याजाण्यासाठी वेगवेगळे रस्ते आहेत.

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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
मनुष्याच्या सर्वांगीण व्यक्तिमत्त्व विकासात क्रीडेचे महत्त्व अनन्यसाधारण असते, यावर तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
क्रीडा व्यक्तिविकासांचे महत्त्वाचे साधन आहे. खेळ खेळल्याने व्यक्ती चपळ, सुदृढ व प्रवीण बनते. मैदानी खेळ जसे की, क्रिकेट, बॉस्केट बॉल, हॉकी वा कबड्डी अशा प्रकारचे विविध खेळ खेळल्याने मनुष्याचे शरीर लवचीक बनते. खेळ खेळल्याने एक प्रकारची शक्ती अंगात निर्माण होते. व्यक्तीमध्ये वक्तशीरपणा येतो. एकतेचे महत्त्व कळते. एखादया खेळात चांगल्या प्रकारचे प्रावीण्य व कौशल्य मिळविल्यास प्रसिद्धी मिळते. खेळ खेळणे म्हणजे एक प्रकारची कसरतच असते, त्यामुळे शरीराचा नियमितपणे व्यायाम होत असतो. खेळामुळे व्यक्तीच्या शारीरिक व मानसिक क्रियांचे संतुलन राखले जाते. म्हणून मनुष्याच्या सर्वांगीण व्यक्तिमत्त्व विकासात क्रीडेचे महत्त्व अनन्यसाधारण असते.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 7

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
ऑलिंपिकचे ब्रीदवाक्य कशावर लिहिलेले आहे?
उत्तर:
ऑलिंपिकच्या ध्वजावर ऑलिंपिकचे ब्रीदवाक्य लिहिलेले आहे.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रश्न 2.
ऑलिंपिकच्या ब्रीदवाक्यातील ‘ऑल्टियस’ या शब्दाचा अर्थ काय होतो?
उत्तर:
ऑलिंपिकच्या ब्रीदवाक्यातील ‘ऑल्टियस’ या शब्दाचा अर्थ ‘उच्चता’ असा होतो.

प्रश्न 3.
ऑलिंपिक सामने म्हणजे कोणासाठी एक पर्वणीच असते?
उत्तर:
ऑलिंपिक सामने म्हणजे क्रीडापटू आणि क्रीडाशौकिनांसाठी एक पर्वणीच असते.

प्रश्न 4.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
1. या ध्वजस्तंभाजवळ एक स्फूर्तिदायक …………. सतत तेवत असते. (मशाल, दगड, चिन्ह, पताका)
2. …………. सुमारे सत्तर ते ऐंशी हजार प्रेक्षक बसण्याची सोय असते. (मैदानात, तलावाजवळ, खोल्यांमध्ये, प्रेक्षागारात)
उत्तर:
1. मशाल
2. प्रेक्षागारात

प्रश्न 5.
काय ते लिहा.
1. ‘सिटियस, ऑल्टियस, फॉर्टियस’ असा संदेश देणारा
2. ध्वजस्तंभाजवळ सतत तेवत असणारी –
उत्तर:
1. ऑलिंपिकचा ध्वज
2. मशाल

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कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. जिंकण्यासाठी जास्तीत जास्त श्रम केले पाहिजेत.
2. पोहण्याच्या शर्यतीसाठी चार-पाच तलावही बांधलेले असतात.
उत्र:
1. चूक
2. बरोबर

प्रश्न 2.
ऑलिंपिक ब्रीदवाक्यातील शब्द आणि त्याचे अर्थ यांचे वर्गीकरण करा.
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 8
उत्तर:

शब्दअर्थ
सिटियसगतिमानता
ऑल्टियसउच्चता
फॉर्टियसतेजस्विता

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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 9

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिहा.
कमी : जास्त :: गैरसोय : …………….
उत्तरः
सोय

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
या ध्वजावर ऑलीपिकचे ब्रिदवाक्य लिहिलेले आहे.
उत्तर:
या ध्वजावर ऑलिंपिकचे ब्रीदवाक्य लिहिलेले आहे.

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प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे लिहा.
उत्तर:

  1. ध्वज
  2. खेळाडू
  3. मशाल
  4. क्रीडापटू
  5. पृथ्वी
  6. राष्ट्र
  7. स्त्री
  8. तलाव
  9. प्रेक्षक
  10. ब्रीदवाक्य
  11. लोक
  12. पर्वणी
  13. संदेश

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. गतिनामता, गतिमानता, गतीमानता, गतीतानमा – [ ]
2. परवणी, पर्वणि, पर्वणी, र्पवणी – [ ]
उत्तर:
1. गतिमानता
2. पर्वणी

प्रश्न 4.
लिंग बदला
पुरुष – [ ]
उत्तर:
स्त्री

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प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिहा.
1. कष्ट – [ ]
2. देश – [ ]
उत्तर:
1. श्रम
2. राष्ट्र

प्रश्न 6.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.
कमी × [ ]
उत्तरः
जास्त

प्रश्न 7.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:
1. खेळाडू
2. सामने

प्रश्न 8.
खालील अधोरेखित शब्दांच्या जाती ओळखा.
असा संदेश हा ध्वज खेळाडूंना देत असतो.
उत्तर:
ध्वज – नाम, देत असतो – क्रियापद

प्रश्न 9.
खालील वाक्यातील काळ ओळखा.
या ध्वजावर ऑलिंपिकचे ब्रीदवाक्य लिहिलेले आहे.
उत्तर:
वर्तमानकाळ

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प्रश्न 10.
वाक्यातील काळ बदला. (भूतकाळ करा)
या ध्वजस्तंभाजवळ एक स्फूर्तिदायक मशाल सतत तेवत आहे.
उत्तरः
या ध्वजस्तंभाजवळ एक स्फूर्तिदायक मशाल सतत तेवत होती.

प्रश्न 11.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 10

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
गतिमानता, उच्चता व तेजस्विता ही तीन सूत्रे खेळाडूंसाठी फार आवश्यक असतात, या कथनावर तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
खेळाडू म्हटला म्हणजे तो कुशल, चपळ, प्रवीण व तरबेज असला पाहिजे. यासाठी खेळाडूला गतिमान होणे आवश्यक असते. प्रत्येक खेळाडूने आपआपल्या खेळात प्रावीण्य मिळविण्यासाठी खेळाचा जास्तीत जास्त सराव केला पाहिजे की जेणेकरून त्याच्या खेळ खेळण्याच्या गतीत वाढ होईल. खेळाडूने आपल्या खेळात कौशल्य संपादन करण्यासाठी प्रयत्नांची शिकस्त केली पाहिजे, तसेच त्याने स्वत:चे शरीर सुदृढ बनविण्यासाठी जास्तीत जास्त श्रम केले पाहिजेत. खेळाडूला नियमित व्यायाम करणे फारच गरजेचे असते जेणेकरून एक विशिष्ट प्रकारचे तेज त्याच्या शरीरात निर्माण होईल. अशा प्रकारे गतिमानता, उच्चता व तेजस्विता ही तीन सूत्रे खेळाडूंसाठी फार आवश्यक असतात.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 11

प्रश्न 2.
उत्तर लिहा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 12

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.
उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. रहदारीसाठी बांधलेल्या(अ) असंख्य खोल्या
2. निवासासाठी बांधलेल्या(ब) विशाल उपाहारगृहे
3. प्रेक्षकांच्या श्रमपरिहारासाठी(क) प्रचंड प्रेक्षागार
4. विशाल मैदानाभोवताली(ड) अनेक सडका

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प्रश्न 4.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 13

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
प्रेक्षकांच्या श्रमपरिहारासाठी ‘ऑलिंपिक व्हिलेज’ येथे कोणती सोय करण्यात आली आहे ?
उत्तरः
प्रेक्षकांच्या श्रमपरिहारासाठी ‘ऑलिंपिक व्हिलेज’ येथे सुसज्ज अशी उपाहारगृहे तयार करण्यात आली आहेत.

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प्रश्न 2.
‘ऑलिंपिक व्हिलेज’ वसवण्याची कल्पना कोठे मांडण्यात आली?
उत्तर:
‘ऑलिंपिक व्हिलेज’ वसवण्याची कल्पना मेलबोर्न येथे मांडण्यात आली.

प्रश्न 3.
ऑलिंपिक सामने किती वर्षांनी होतात?
उत्तर:
ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी होतात.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. ‘ऑलिंपिक व्हिलेज’वसवण्याची कल्पना इ. स. … मध्ये मेलबोर्न येथे मांडण्यात आली. (1957, 1956, 1976, 1946)
2. इ.स.पूर्व ७७६ मध्ये हे सामने झाल्याची पहिली नोंद ………… देशाच्या इतिहासात सापडते. (ग्रीस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, भारत)
उत्तर:
1. 1956
2. ग्रीस

सहसंबंध लिहा.

प्रश्न 1.
विशाल : मैदान :: असंख्य : …………………
इ.स.पूर्व ७७६: सामने सुरू झाले :: इ.स.पूर्व 394: ………………….
उत्तर:
1. खोल्या
2. सामने बंद पडले

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प्रश्न 2.
पुढे दिलेल्या सालातील घडलेल्या घटना लिहा.
उत्तर:

सालघटना
इ.स. 1956ऑलिंपिक व्हिलेज वसवण्याची कल्पना
इ.स. पूर्व 773ऑलिंपिक सामन्यांची सुरुवात
इ.स. पूर्व 394ऑलिंपिक सामने बंद पडले

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
इ.स.पूर्वी 394 मध्ये ऑलिंपिक सामने बंद पडले; कारण …………..
(अ) पुढे ग्रीक सत्तेचा हास झाला.
(ब) खेळाडू जखमी होतात.
(क) जागेअभावी
(ड) अंतर्गत राजकारणांमुळे
उत्तरः
इ.स.पूर्वी 394 मध्ये ऑलिंपिक सामने बंद पडले; कारण पुढे ग्रीक सत्तेचा -हास झाला.

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प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
1. इ.स. 1956 मध्ये मेलबोर्न येथे वसवण्यात आलेले – [ ]
2. ऑलिव्ह वृक्षाच्या फांदीची माळ घालून, गौरव करण्यात येणारे – [ ]
उत्तर:
1. ऑलिंपिक व्हिलेज
2. यशस्वी खेळाडू ऑलिव्ह

प्रश्न 3.
कोष्टक पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 4.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 5.
चूक की बरोबर लिहा.
1. ‘ऑलिंपिक व्हिलेज’ वसवण्याची कल्पना इ.स. 1957 मध्ये मेलबोर्न येथे मांडण्यात आली.
2. पूर्वी ऑलिंपिक सामने पाच दिवस चालत.
उत्तर:
1. चूक
2. बरोबर

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कृती 3 : व्याकरण कृती

खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.

प्रश्न 1.
1. पहीले ‘ऑलिंपिक विलेज’ तिथलेच.
2. पुढे ग्रीक सतेचा हास झाला.
उत्तर:
1. पहिले ‘ऑलिंपिक व्हिलेज’ तिथलेच.
2. पुढे ग्रीक सत्तेचा -हास झाला.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तरः

  1. असंख्य
  2. सुसज्ज
  3. विशाल
  4. मोठे
  5. अनेक
  6. यशस्वी
  7. प्रचंड

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. राहदारी, रहादारी, रहदारी, रदारी – [ ]
2. उपहारगृह, उपाहारगृह, उपाहरगृह, उपहरगृह – [ ]
उत्तर:
1. रहदारी
2. उपाहारगृह

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प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.
1. भव्य – [ ]
2. रस्ते – [ ]
उत्तर:
1. विशाल
2. सडका

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.
1. लहान ×
2. अयशस्वी ×
उत्तर:
1. मोठे
2. यशस्वी

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. शहरे
  2. सडका
  3. लोहमार्ग
  4. खेळाडू
  5. खोल्या
  6. इमारती
  7. वसतिगृहे
  8. प्रेक्षक
  9. उपाहारगृहे
  10. सामने

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प्रश्न 7.
वाक्यातील काळ बदला. (भविष्यकाळ करा)
ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी होतात.
उत्तर:
ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी होतील.

प्रश्न 8.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
ऑलिंपिकमध्ये यशस्वी झालेल्या भारतीय खेळाडूंचा आपल्या देशात कशा प्रकारे सन्मान केला जातो, यावर थोडक्यात तुमचे विचार लिहा.
उत्तरः
आपल्या भारत देशात ऑलिंपिकमध्ये यशस्वी झालेले अनेक खेळाडू आहेत. त्यांना ऑलिंपिक मध्ये कांस्य पदक मिळो, वा रजत पदक मिळो वा सुवर्ण पदक. संपूर्ण भारत देश त्यांचे स्वागत करण्यास सुसज्ज होतो. खेळाडू ज्या राज्यातील असतो, ते राज्य तर त्यांना सरकारी खात्यात मोठमोठ्या पदांवर नियुक्त करते. तसेच लाखो रुपयांची धनराशी देखील दिली जाते. भारत सरकार त्यांना अर्जुन पुरस्कार किंवा पद्मभूषण देऊन त्यांचा आदरसत्कार करते. भारतातील विविध संस्था आपआपल्या कुवतीनुसार त्यांचा यथोचित सत्कार करतात. देशातील सर्व राज्यांत त्यांना सन्मान दिला जातो.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
उत्तरे लिहा.
1. इ.स. 1894 साली या देशात ‘ऑलिंपिक काँग्रेस’ भरवण्यात आली होती.
2. ऑलिंपिक सामन्यांचे पुनरुज्जीवन करणारे क्रीडातज्ज्ञ –
उत्तर:
1. फ्रान्स
2. कुबर टीन

प्रश्न 2.
उताऱ्यानुसार वाक्यांचा क्रम लावा.

  1. 1896 पासून ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.
  2. इ.स. 1894 साली फ्रान्स देशात एक ऑलिंपिक काँग्रेस भरवण्यात आली होती.
  3. प्राचीन ऑलिंपिक सामन्यांप्रमाणेच यापुढे आंतरराष्ट्रीय क्रीडास्पर्धा भरवाव्यात असे ठरले.
  4. कुबर टीन नावाच्या फ्रेंच क्रीडातज्ज्ञाने या काँग्रेसमध्ये ऑलिंपिक सामन्यांचे पुनरुज्जीवन केले.

उत्तर:

  1. इ.स. 1894 साली फ्रान्स देशात एक ऑलिंपिक काँग्रेस भरवण्यात आली होती.
  2. कुबर टीन नावाच्या फ्रेंच क्रीडातज्ज्ञाने या काँग्रेसमध्ये ऑलिंपिक सामन्यांचे पुनरुज्जीवन केले.
  3. प्राचीन ऑलिंपिक सामन्यांप्रमाणेच यापुढे आंतरराष्ट्रीय क्रीडास्पर्धा भरवाव्यात असे ठरले.
  4. 1896 पासून ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.

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खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
कोणत्या साली आधुनिक जगाला ऑलिंपिक सामन्यांची आठवण झाली?
उत्तर:
इ.स. 1894 साली आधुनिक जगाला ऑलिंपिक सामन्यांची आठवण झाली.

प्रश्न 2.
ऑलिंपिक सामन्यांचे पुनरुज्जीवन कोणी केले?
उत्तर:
‘कुबर टीन’ नावाच्या फ्रेंच क्रीडातज्ज्ञाने ऑलिंपिक सामन्यांचे पुनरुज्जीवन केले.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. ………. पासून ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात. (1895, 1796, 1986, 1896)
2. ………… सामन्यांसाठी लागणारा खर्च फारच मोठा असतो. (अंतर्गत, विदेशी, देशी, ऑलिंपिक)
उत्तर:
1. 1896
2. ऑलिंपिक

सहसंबंध लिहा.

प्रश्न 1.
1. फ्रान्स : नाम :: अनेक :
2. वेगवेगळे : सामने :: पैसा :
उत्तर:
1. विशेषण
2. स्पर्धक देश

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कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
1896 पासून ऑलिंपिक सामने ……………
(अ) दर पाच वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.
(ब) दर सहा वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.
(क) दर चार वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.
(ड) दर सात वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.
उत्तरः
1896 पासून ऑलिंपिक सामने दर चार वर्षांनी वेगवेगळ्या देशांत भरवले जातात.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.

  1. मैत्रीचा मंत्र सांगणारे – [ ]
  2. ऑलिंपिक सामन्यांच्या व्यवस्थेसाठी नेमलेली समिती – [ ]
  3. इ.स. 1894 साली ‘ऑलिंपिक काँग्रेस’ भरवण्यात आलेला देश – [ ]

उत्तर:

  1. ऑलिंपिक सामने
  2. ‘आंतरराष्ट्रीय ऑलिंपिक समिती’
  3. फ्रान्स

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर ते लिहा.
1. ऑलिंपिक सामन्यासांठी लागणारा सर्व पैसा स्पर्धक देश उभा करतात.
2. ऑलिंपिक सामन्यांत पुरुषांसाठी व स्त्रियांसाठी एकत्र सामने होतात.
उत्तर:
1. बरोबर
2. चूक

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कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
1. हा सर्व पैशा स्पधर्क देश उभा करतात.
2. त्या काँगेसला अनेक राष्ट्रांचे प्रतिनीधी हजर होते.
उत्तर:
1. हा सर्व पैसा स्पर्धक देश उभा करतात.
2. त्या काँग्रेसला अनेक राष्ट्रांचे प्रतिनिधी हजर होते.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन नामे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. फ्रान्स
  2. ऑलिंपिक
  3. काँग्रेस
  4. कुबर टीन
  5. क्रीडातज्ज्ञ
  6. देश
  7. खेळ
  8. पुरुष
  9. स्त्रिया

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. मित्रत्वाची, मीत्रत्वाची, मित्रत्वाचि, मितरत्वाचि
2. आंतराष्ट्रीय, आंतरराष्ट्रीय, आंतरराष्ट्रिय, आंतराष्ट्रिय
उत्तर:
1. मित्रत्वाची
2. आंतरराष्ट्रीय

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प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. स्मरण – [ ]
  2. उपस्थित – [ ]
  3. ताकद – [ ]
  4. दोस्ती – [ ]

उत्तर:

  1. आठवण
  2. हजर
  3. बल
  4. मैत्री

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. प्राचीन ×
  2. गैरहजर ×
  3. जमा ×
  4. दुश्मनी ×

उत्तर:

  1. आधुनिक
  2. हजर
  3. खर्च
  4. मैत्री

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. सामने
  2. प्रतिनिधी
  3. देश

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प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
मैंत्रीचाचाषष्ठी
सामन्यांचीचीषष्ठी
निमित्तानेनेतृतीया
स्पर्धांतसप्तमी

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूप
राष्ट्रांचेराष्ट्रां
खेळांच्याखेळां

प्रश्न 9.
वाक्यातील काळ ओळखा.
1. त्या वर्षी फ्रान्स देशात एक ‘ऑलिंपिक काँग्रेस’ भरवण्यात आली होती.
2. या सामन्यांत निरनिराळ्या एकवीस खेळांची तरतूद आहे.
उत्तर:
1. भूतकाळ
2. वर्तमानकाळ

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कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
‘ऑलिंपिक खेळांची वैशिष्ट्ये स्पष्ट करा.
उत्तरः
‘ऑलिंपिक’ हा खेळ दर 4 वर्षांनी खेळला जातो. या खेळात संपूर्ण जग सहभागी होते. प्रत्येक देशातील खेळाडू स्पर्धक म्हणून ऑलिंपिकमध्ये सहभागी होतात. प्रत्येक देशाचे अन्य देशांशी मैत्रीचे व जिव्हाळ्याचे संबंध निर्माण व्हावेत, म्हणून या क्रीडास्पर्धा भरविल्या जातात. स्त्री व पुरुष यांना या खेळात समान संधी दिली जाते. येथे कोणत्याही प्रकारचा भेदभाव नसतो. संपूर्ण जगात प्रेम, आपुलकी, जिव्हाळा, समता, सद्भावना, शिस्त, ऐक्य व मैत्री वाढीस लागावी हाच या स्पर्धेचा प्रमुख उद्देश असतो. संपूर्ण विश्व हे एक कुटुंबच आहे म्हणून एकमेकांशी बंधुभावाने वागले पाहिजे, अशी ही स्पर्धा आपणांस प्रेरणा देते.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती कराः

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
1. सर्वांना समान संधी मिळणारे क्षेत्र –
2. मानवी रेल्वे इंजिन’ अशी ख्याती मिळवलेला – ___
उत्तर:
1. क्रीडा
2. एमिल झेटोपेक

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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 18

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
हेलसिंकी येथे ऑलिंपिक सामने कोणत्या साली झाले होते?
उत्तरः
1952 साली हेलसिंकी येथे ऑलिंपिक सामने झाले होते.

प्रश्न 2.
झेटोपेकने कोणत्या नावाने ख्याती मिळविली होती?
उत्तरः
झेटोपेकने ‘मानवी रेल्वे इंजिन’ या नावाने ख्याती मिळविली.

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कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. ……….”वर्ण, त्याचा देश हे सर्व विसरून साऱ्या जगाने त्याची प्रशंसा केली. (ध्यानचंदचा, कुबरचा, ओवेन्सचा, झेटोपेकचा)
2. एमिल झेटोपेक हा ……….. खेळाडू. (बर्लिनचा, अमेरिकेचा, भारताचा, झेकोस्लोव्हाकियाचा)
उत्तर:
1. ओवेन्सचा
2. झेकोस्लोव्हाकियाचा

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिहा.
1. 1936: बर्लिन :: 1952 : ……………….
2. समान : संधीः: नवे :
उत्तर:
1. हेलसिंकी
2. उच्चांक

प्रश्न 3.
शब्दसमूहासाठी एक शब्द चौकटीत लिहा.
उत्तर:
शिल्प तयार करणारा – [शिल्पकार]

प्रश्न 4.
पुढील खेळाडूंचे त्यांच्या देशांनुसार वर्गीकरण करा.
(जेसी ओवेन्स, अमेरिका, एमिल झेटोपेक, झेकोस्लोव्हाकिया)
उत्तर:

खेळाडूदेश
जेसी ओवेन्सअमेरिका
एमिल झेटोपेकझेकोस्लोव्हाकिया

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आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
क्रीडेच्या क्षेत्रात सर्वांना समान संधी मिळते; कारण …………………
(अ) क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद, धर्मभेद, वर्णभेद होतो.
(ब) क्रीडेच्या क्षेत्रात पंच असतात.
(क) क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद नाही, धर्मभेद नाही की वर्णभेद नाही.
(ड) क्रीडेच्या क्षेत्रात न्याय असतो.
उत्तरः
क्रीडेच्या क्षेत्रात सर्वांना समान संधी मिळते; कारण क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद नाही, धर्मभेद नाही की वर्णभेद नाही.

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
1. अमेरिकेतील वंशाने आफ्रिकी असणारा खेळाडू – [ ]
2. 1936 मध्ये ऑलिंपिक सामने भरलेले ठिकाण – [ ]
उत्तर:
1. जेसी ओवेन्स
2. बर्लिन

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 19

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प्रश्न 4.
चूक की बरोबर लिहा.
1. क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद, धर्मभेद, वर्णभेद केला जातो.
2. जेसी ओवेन्स हा झेकोस्लोव्हाकियाचा खेळाडू.
उत्तर:
1. चूक
2. चूक

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
अमेरीकेच्या यशाचा तो मोठा शिप्लकार ठरला.
उत्तर:
अमेरिकेच्या यशाचा तो मोठा शिल्पकार ठरला.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन विशेषणे शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. मोठा
  2. साऱ्या
  3. नवा
  4. एक

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. क्रिडेच्या, क्रीडेच्या, कीरडेच्या, किड्रेच्या
2. अजिक्यपदे, अंजिक्यपदे, अजिंक्यपदे, अजीक्यपदे
उत्तर:
1. क्रीडेच्या
2. अजिंक्यपदे

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रश्न 4.
खालील वाक्यांतील अधोरेखित शब्दांचे समान अर्थ लिहून वाक्य पुन्हा लिहा.
1. साऱ्या जगाने ओवेन्सची स्तुती केली.
2. क्रीडेच्या विभागात जातिभेद नाही.
उत्तर:
1. साऱ्या जगाने ओवेन्सची प्रशंसा केली.
2. क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद नाही.

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. असमान ×
  2. जुने ×
  3. लहान ×
  4. निंदा ×
  5. अनादर ×

उत्तर:

  1. समान
  2. नवे
  3. मोठा
  4. कौतुक
  5. आदर

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तर:
1. नवे
2. देश

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प्रश्न 7.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दप्रत्ययविभक्ती
जगानेनेतृतीया
खेळाडूचाचाषष्ठी

प्रश्न 8.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:

शब्दसामान्यरूप
क्रीडेच्याक्रीडे
अमेरिकेच्याअमेरिके

प्रश्न 9.
वाक्प्रचाराचा अर्थ लिहून वाक्यात उपयोग करा.
ख्याती मिळविणे
उत्तर:
अर्थ: प्रसिद्धी मिळविणे.
वाक्य: सायना नेहवालने बॅडमिंटन या खेळामध्ये ख्याती मिळविली.

प्रश्न 10.
वाक्यातील काळ ओळखा.
1. येथे सर्वांना समान संधी मिळते.
2. क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद नाही, धर्मभेद नाही की वर्णभेद नाही.
उत्तर:
1. वर्तमानकाळ
2. वर्तमानकाळ

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रश्न 11.
पर्यायी शब्द लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 20

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
क्रीडेच्या क्षेत्रात जातिभेद, धर्मभेद व वर्णाला थारा नसतो. सर्वांना समान संधी हेच क्रीडेचे ब्रीदवाक्य असते, त्यावर तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
क्रीडा सर्वांसाठी मुक्त असते. क्रीडेचे सर्वांना स्वातंत्र्य असते. तेथे जातिभेद, धर्मभेद व वर्णभेदाला मुळीच स्थान नसते. सर्वांना समान संधी उपलब्ध करून देणे हेच क्रीडेचे ब्रीदवाक्य असते. प्रत्येक खेळाडू हा आपआपल्या क्षमतेनुसार व कुवतीनुसार खेळात पारंगत होत असतो व त्यावरूनच त्याची श्रेणी ठरविली जाते. आपल्या भारत देशात विविध प्रांतातील विविध धर्माचे खेळाडू आहेत. आज आपल्या देशात क्रिकेट संघ, हॉकी संघ, कबड्डी संघ अशा विविध खेळांचे संघ आहेत. या संघातून खेळणारे खेळाडू हे भारताच्या विविध प्रांतातील आहेत. तेथे जात, पात, भाषा, धर्म किंवा राज्य यांना मुळीच स्थान नाही.

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:

कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 21

प्रश्न 2.
जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. अबेबे बिकिला(अ) 1948
2. फॅनी बँकर्स(ब) आफ्रिका
3. ध्यानचंद(क) ऑलिंपिक ध्वज
4. संदेश देणारा(ड) भारत

उत्तरः

‘अ’ गट‘ब’ गट
1. अबेबे बिकिला(ब) आफ्रिका
2. फॅनी बँकर्स(अ) 1948
3. ध्यानचंद(ड) भारत
4. संदेश देणारा(क) ऑलिंपिक ध्वज

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
अबेबे बिकिला हा कुठला खेळाडू होता?
उत्तरः
अबेबे बिकिला हा आफ्रिकेतील इथियोपियाचा खेळाडू होता.

प्रश्न 2.
ध्वजावरील पाच वर्तुळे जगाला कोणता संदेश देत असतात?
उत्तर:
ध्वजावरील पाच वर्तुळे समतेचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश जगाला देत असतात.

कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. …………. या स्त्री खेळाडूने तर 1948 साली ऑलिंपिकचे मैदान दणाणून सोडले. (अॅनी बँकर्स, फनी बँकर्स, फॅनी बेकर्स, मॅनी बॅकर्स)
2. भारताने …………….. स्पर्धेत अनेक वर्षे अजिंक्यपद टिकवले.
(कबड्डीच्या, नेमबाजीच्या, हॉकीच्या, धावण्याच्या)
उत्तर:
1. फॅनी बँकर्स
2. हॉकीच्या

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सहसंबंध लिहा.

प्रश्न 1.
1. अबेबे बिकिला : लांब पल्ल्याची शर्यत :: फॅनी बँकर्स : …………………
2. प्रयत्नवादाचा संदेश देणारा : ध्वजः: क्षुद्र विचारांचा अहंकार घालवणारी : ………………….
उत्तर:
1. 100 व 200 मीटर शर्यत
2. ज्योत

प्रश्न 2.
पुढील खेळाडूंशी संबंधित असणारे खेळ लिहा.
उत्तर:

खेळाडूखेळ
अबेबे बिकिलालांब पल्ल्याची मॅरेथॉन
फॅनी बँकर्स100 व 200 मीटरची शर्यत
ध्यानचंदहॉकी

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
त्या ध्वजावरील पाच खंडांची पाच वर्तुळे ………………..
(अ) समतेचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश खेळाडूंना देत असतात.
(ब) असमतेचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश खेळाडूंना देत असतात.
(क) समतेचा व शत्रुत्वाचा संदेश खेळाडूंना देत असतात.
(ड) समतेचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश जगाला देत असतात.
उत्तर:
त्या ध्वजावरील पाच खंडांची पाच वर्तुळे समतेचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश जगाला देत असतात.

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
1. अनवाणी पायाने लांब पल्ल्याची शर्यत जिंकणारा – [ ]
2. सुप्रसिद्ध भारतीय हॉकी खेळाडू. – [ ]
उत्तर:
1. अबेबे बिकिला
2. ध्यानचंद

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 22

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ 23

चूक की बरोबर लिहा.

प्रश्न 1.
1. त्या ध्वजावरील पाच खंडांची सहा वर्तुळे समतेचा :
विश्वबंधुत्वाचा संदेश जगाला देत असतात.
2. अबेबे बिकिला हा आशियातील खेळाडू होता.
उत्तर:
1. चूक
2. चूक

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

कृती 3: व्याकरण कती

प्रश्न 1.
खालील वाक्य लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.
भारताने हॉकिच्या स्पर्धेत अनेक वर्षे अजिक्यपद टिकवले.
उत्तर:
भारताने हॉकीच्या स्पर्धेत अनेक वर्षे अजिंक्यपद टिकवले.

प्रश्न 2.
उताऱ्यातील दोन सर्वनामे शोधून लिहा.
उत्तर:
1. त्याने
2. यांचे

प्रश्न 3.
अचूक शब्द लिहा.
1. वतुळे, तुळे, वर्तुळे, वरतुळे
2. प्रयन्तवादाचा, प्रयत्नवादाचा, प्रत्यनवादाचा, प्रयत्नवदाचा
उत्तर:
1. वर्तुळे
2. प्रयत्नवादाचा

प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिहा.

  1. क्रीडांगण- [ ]
  2. निरोप – [ ]
  3. झेंडा – [ ]
  4. क्रीडापटू – [ ]

उत्तर:

  1. मैदान
  2. संदेश
  3. ध्वज
  4. खेळाडू

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रश्न 5.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. हाताने ×
  2. उजेड ×
  3. कुप्रसिद्ध ×

उत्तर:

  1. पायाने
  2. अंधकार
  3. सुप्रसिद्ध

प्रश्न 6.
उताऱ्यातील दोन अनेकवचनी शब्द शोधून लिहा.
उत्तरः

  1. वर्षे
  2. खेळाडू
  3. वर्तुळे

प्रश्न 7.
तकता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दप्रत्ययविभक्ती
पायानेनेतृतीया
खंडांचीचीषष्ठी

प्रश्न 8.
तकता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्दसामान्यरूप
समतेचासमते
विश्वबंधुत्वाचाविश्वबंधुत्वा
पराक्रमाचापराक्रमा

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रश्न 9.
खालील दिलेल्या वाक्याचा काळ ओळखा.
सुप्रसिद्ध भारतीय हॉकी खेळाडू ध्यानचंद यांचे नाव कित्येक वर्षे जगात सर्वांच्या जिभेवर नाचत होते.
उत्तरः
भूतकाळ

कृती 4 : स्वमत

प्रश्न 1.
‘ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ’ यातून तुम्हांला कोणती प्रेरणा मिळतो, हे थोडक्यात सांगा.
उत्तरः
पाच वर्तुळे एकमेकांत गुंफून त्याचा गोफ बनवून ती ऑलिंपिकच्याध्वजावर रेखाटली आहेत. ही पाचवर्तुळे जगातील पाच खंडांचे प्रतीक आहेत. जणू हे पाच खंड एकमेकांशी मैत्रीने व प्रेमाने जुळले गेलेले आहेत असे या गोफातून दिसून येते. ही वर्तुळे जणू आपणास समतेचा, ऐक्याचा व विश्वबंधुत्वाचा संदेश देतात. जगातील सर्व लोकांशी प्रेमाने, समतेने, सद्भावनेने व आपुलकीने वागण्यास शिकवितात. संपूर्ण विश्व हे आपले कुटुंबच आहे, असे जणू आपणास सांगतात. या पाच वर्तुळांच्या जवळच तेवत असणारी ज्योत आपल्या हृदयातून क्षुद्र विचारांचा अंधकार मिटविण्यास स्वयंसिद्ध होते.

ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ Summary in Marathi

लेखकाचा परिचय:

कालावधी: 1929-2015
प्रसिद्ध लेखक, विकेट सामन्यांचे समालोचक, ‘पहिले शतक’, ‘कुमारांचे खेळ’, ‘क्रिकेटमधील नवलका’ इत्यादी

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

प्रस्तावना:

आलपिक वर्तुळाचा गोफ हा पाठ लेखक बाळ ज. पडित’ यांनी लिहिला आहे. या पाठात ऑलिपिक सामन्यांची सुरुवात कारको झाली ?, हे सामने भरवण्यामागील उद्दिष्टे कोणती?, ऑलिपिक वर्तुळांचा अर्थ काय? या सर्वांचा आढावा प्रस्तुत पाठातून लेखकांनी घेतला आहे. प्रस्तुत पाठातून जागतिक ऑलिंपिक क्रीडास्पर्धाविषयीची माहिती दिली आहे.

Olympic Vartulancha Goph is written by writer Bal J. Pandit. This write-up answers many questions like how and why Olympic matches started? What were the motives to organise these matches? What do the famous Olympic Circles signify? etc. This write-up also renders useful information about International Olympic Sports competitions.

शब्दार्थ:

  1. गोफ – एकात एक अडकवलेल्या कड्या (chain)
  2. वर्तुळ – गोल (round, circle)
  3. सामने – स्पर्धा, स्पर्धात्मक खेळ (tournaments matches)
  4. समालोचक – सामन्यांचे धावते वर्णन करणारा व्यक्ती (commentator)
  5. शतक – शंभर ही संख्या (a century)
  6. मनुष्य – मानव, माणूस (human being)
  7. सर्वांगीण – सर्व अंगांनी परिपूर्ण (all round)
  8. व्यक्तिमत्त्व – व्यक्तित्व (personality)
  9. अनन्यसाधारण – अलौकिक, असामान्य (remarkable, unique)
  10. स्तर – पातळी, घर (layer, grade, level)
  11. रसिक – गुणग्राहक (alover of good things)
  12. उद्दिष्ट – उद्देश, हेतू, प्रयोजन (purpose, object, intention)
  13. लक्ष – अवधान (attention)
  14. केंद्रित – एकवटलेले (centered)
  15. पारंगत – निष्णात, प्रवीण (well-versed, skilled, proficient)
  16. मानकरी – आदरणीय व्यक्ती (person deserving honour and respect)
  17. धीरगंभीर – शांत परंतु ठाम निश्चय असलेला (serious)
  18. खांब (a pillar, a column)
  19. ध्वज – झेंडा, निशाण (a flag)
  20. मुक्त, मोकळा (independent, free)
  21. शुभ्रधवल – सफेद (white)
  22. पार्श्वभूमी – मागील बाजू (backround)
  23. गुंफणे – माळेत एकत्र ओवणे (to string together)
  24. खंड – मोठा विस्तृत भूप्रदेश (a continent)
  25. विशाल – मोठा, विस्तृत (great, vast, large)
  26. अंतराळ – आकाश, अवकाश (the sky, the space)
  27. ब्रीदवाक्य – घोषवाक्य (aslogan)
  28. गतिमान – गतियुक्त (moving, dynamic)
  29. उच्चता – वरचा दर्जा, श्रेष्ठत्व (excellence)
  30. तेजस्विता – चकचकीतपणा (brightness, brilliance, glorious)
  31. स्फूर्तिदायक – प्रेरणादायक (inspirational)
  32. मशाल – दिवटी (a torch)
  33. तेवत – जळत (lit)
  34. पर्वणीय – (येथे अर्थ) सणाचा दिवस (a festival)
  35. खेळाडू – खेळातील एक गडी (a player)
  36. पोहणे – तरणे (to swim)
  37. तलाव – तळे, जलाशय (a tank)
  38. प्रचंड – फार मोठा, अवाढव्य (huge, massive)
  39. प्रेक्षक – पाहणारा (a spectator)
  40. वसतिगृह – भोजन निवास गृह (hostel)
  41. उपाहार गृह – restaurant
  42. नोंद – टाचण (an entry)
  43. गौरव – सन्मान (respect, honour)
  44. भेदभाव – परकेपणाची भावना (discrimination)
  45. हास – नाश, अवनती (ruin, decline)
  46. प्रतिनिधी – मुखत्यार (representative)
  47. क्रीडातज्ज्ञ – खेळ तज्ज्ञ (sports expert)
  48. पुनरुज्जीवन – दुसरा जन्म (rebirth, reincarnation)
  49. शरीरसंपदा – शरीरातील जोम (physical strength)
  50. स्पर्धा – चढाओढ (competition)
  51. आंतरराष्ट्रीय – राष्ट्रा-राष्ट्रांतील (international)
  52. सद्भावना – चांगला विचार (goodness, goodwill)
  53. विश्वबंधुत्व – universalism
  54. ऐक्य – एकजूट, एकोपा (unity)
  55. तरतूद – तजवीज, व्यवस्था (arrangement, preparation)
  56. स्पर्धक – आव्हान देणारा (competitor)
  57. वर्णभेद – वर्णावरून श्रेष्ठ-कनिष्ठ ठरवणे (racial discrimination)
  58. संधी – मौका (chance)
  59. वंश – कुल, कुटुंब (race, family)
  60. ख्याती – प्रसिद्धी, कीर्ती, थोरवी (reputation)
  61. अजिंक्य – जिंकता येण्यास कठीण (invincible)
  62. पराक्रम – शौर्य, प्रताप (bravery)

Maharashtra Board Class 9 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 ऑलिंपिक वर्तुळांचा गोफ

टिपा:

1. मेलबोर्न – ऑस्ट्रेलियाच्या व्हिक्टोरिया राज्यातील सर्वात जास्त लोकसंख्या असलेले शहर

2. ग्रीस – दक्षिणपूर्व युरोपमधील एजियन आणि आयोनियन समुद्रातील हजारो द्वीपसमुहांचा देश. आकारमानाच्या दृष्टीने जगातील 97 व्या क्रमांकाचा देश. याची राजधानी ‘अथेन्स’ ही आहे.

3. ऑलिव्ह – भूमध्य खोऱ्यात आढळणारी वृक्षाची लहान जमात. त्याच्या ऑलिव्ह फळांपासून मिळणाऱ्या ऑलिव्ह तेलासाठी हे वृक्ष प्रसिद्ध आहे.

4. फ्रान्स – पश्चिम युरोपमधील एक देश. पॅरिस हे याच्या |
राजधानीचे शहर आहे.

5. मॅरेथॉन – लांब पल्ल्याच्या धावण्याच्या शर्यती.

6. कुबर टीन – हे एक फ्रेंच शिक्षक व इतिहासकार होते. आणि आंतरराष्ट्रीय ऑलिम्पिक समितीचे संस्थापक होते. त्यांना आधुनिक ऑलिंपिक खेळांचे जनक मानले जाते.

7. जेसी ओवेन्स – (1913-1980) यांचा जन्म 12 सप्टेंबर 1913 रोजी अलबामा येथे झाला.

8. बर्लिन – जर्मनीच्या राजधानीचे शहर

9. एमिल झेटोपेक – (1912-2000), 1952 च्या हेलसिंकीतील उन्हाळी ऑलिंपिकमध्ये तीन प्रकारचे सुवर्ण पदक जिंकणारा झेकोस्लोव्हाकियाचा खेळाडू.

10. इथियोपिया – ग्रेट रिफ्ट व्हॅलीद्वारे विभाजित झालेला आफ्रिका खंडातील देश, प्राचीन संस्कृतीचे ठिकाण.

11. फॅनी बँकर्स – (1918-2004), ही एक डच खेळाडू होती. वयाच्या 30 व्या वर्षी दोन मुलांची माता असताना तिने 1948 उन्हाळी ऑलिंपिकमध्ये चार सुवर्ण पदके जिंकली.

12. ध्यानचंद – (1905-1979) प्रसिद्ध भारतीय हॉकीपटू. यांचा जन्मदिवस ‘राष्ट्रीय क्रीडादिन’ म्हणून साजरा केला जातो.

13. अबेबे बिकिला – (1932-1973), 1960 उन्हाळी ऑ लिंपिकमध्ये त्याने अनवाणी पायाने शर्यत जिंकून जागतिक विक्रम नोंदविला

वाक्प्रचार:

  1. लक्ष वेधून घेणे – आकषून घेणे
  2. पारंगत होणे – निपुण होणे
  3. साक्ष देणे – ग्वाही देणे
  4. शिकस्त करणे – कठोर मेहनत करणे
  5. गौरव करणे – सत्कार करणे, सन्मान करणे
  6. हास होणे – नाश पावणे
  7. पुनरुज्जीवन करणे – नव्याने निर्माण करणे
  8. ख्याती मिळविणे – प्रसिद्धी मिळविणे
  9. दणाणून सोडणे – गाजवणे